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महागठबंधन की ताकत दिखाएंगे ये 20 स्टार प्रचारक, सपा ने ब‍िहार चुनाव के लिए की ल‍िस्‍ट जारी

लखनऊ बिहार चुनाव में सीधे लड़ने के बजाय इंडी गठबंधन को समर्थन दे रही सपा अब प्रचार युद्ध में भागीदारी को भी तैयार है। पार्टी गठबंधन के प्रत्याशियों के समर्थन में प्रचार के लिए 20 स्टार प्रचारकों की सूची जारी कर दी है। सूची में पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव, उनकी पत्नी मैनपुरी सांसद डिंपल यादव के साथ हाल ही जेल से रिहा हुए पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां का नाम भी शामिल है। नवंबर की शुरुआत में सपा प्रमुख की जनसभा का कार्यक्रम भी तय किया जा रहा है। सपा की ओर से जारी स्टार प्रचारकों की सूची में प्रमुख राष्ट्रीय महासचिव प्रो. रामगाेपाल यादव और राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल यादव का नाम शामिल रही है। परिवार के सदस्यों के मामले में अखिलेश व डिंपल के साथ केवल पूर्व सांसद एवं विधायक तेज प्रताप सिंह यादव को ही जगह दी गई है। सूची में ज्यादातर सांसद को जगह दी गई है और जातीय समीकरणों के हिसाब से नाम से तय किए गए हैं। सूची में दूसरे नंबर पर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किरणमय नंदा का नाम है। उनके अलावा सांसद अफजाल असांरी, अवधेश प्रसाद, बाबू सिंह कुशवाहा, नरेश उत्तम पटेल, रमाशंकर विद्यार्थी राजभर, लाल जी वर्मा, छोटेलाल खरवार, राजीव राय, सनातन पांडेय, इकरा हसन, प्रिया सरोज व लक्ष्मीकांत उर्फ पप्पू निषाद, विधायक ओम प्रकाश सिंह, सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष काशीनाथ यादव और प्रदेश अध्यक्ष धर्मेंद्र सोलंकी का नाम भी शामिल हैं। वहीं सपा प्रमुख ने बिहार में तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करने के लिए गठबंधन को बधाई दी। शुक्रवार को अजमेर में उन्होंने कहा कि हमें भरोसा है कि बिहार की जनता तेजस्वी यादव और इंडी गठबंधन को बिहार का विकास करने और युवाओं का भविष्य संवारने का मौका देगी।  

पेंशनधारकों को भी मिलेगा फायदा? 8वें वेतन आयोग पर सरकार नवंबर में उठा सकती अहम कदम

नई दिल्ली केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारकों के लिए एक बड़ी राहत भरी खबर सामने आ रही है। सरकार की ओर से लंबे इंतज़ार के बाद आठवें वेतन आयोग  को लेकर तैयारियां तेज़ कर दी गई हैं। सूत्रों के मुताबिक, सरकार नवंबर 2025 तक इसकी आधिकारिक अधिसूचना जारी कर सकती है।यह अपडेट ऐसे समय पर आया है जब देशभर के करीब 50 लाख कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनर्स की निगाहें सरकार के अगले कदम पर टिकी हुई हैं। सातवें वेतन आयोग की अवधि इस साल दिसंबर में समाप्त हो रही है, ऐसे में केंद्र को जल्द ही नए आयोग की रूपरेखा तैयार करनी होगी। सरकार की अंदरूनी तैयारियां वित्त मंत्रालय इस समय विभिन्न विभागों और राज्य सरकारों से मिले सुझावों की समीक्षा कर रहा है। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने हाल में संकेत दिया कि केंद्र इस विषय पर “सक्रिय रूप से काम कर रहा है” और अधिसूचना “सही समय पर” जारी की जाएगी। माना जा रहा है कि सरकार आयोग के सदस्यों की नियुक्ति के साथ ही उनके कार्यक्षेत्र और नियम तय करने की प्रक्रिया में है। पिछले अनुभवों को देखते हुए यह प्रयास किया जा रहा है कि देरी ना हो और कर्मचारियों की वेतन-संरचना में जल्द सुधार लागू किया जा सके। कब लागू हो सकता है नया वेतन आयोग? यदि सब कुछ तय योजना के अनुसार चलता है तो 8वें वेतन आयोग की रिपोर्ट 2026 के मध्य तक तैयार हो सकती है, जबकि इसे 2028 तक लागू करने की संभावना जताई जा रही है। यह वही पैटर्न है जो 7वें वेतन आयोग के दौरान देखने को मिला था। हालांकि, सरकार का इरादा है कि कर्मचारियों को बीच के वर्षों में हुई संभावित वृद्धि का लाभ एरियर या बोनस के रूप में मिले, ताकि किसी का आर्थिक नुकसान न हो। कौन होंगे लाभार्थी? नया आयोग लागू होने पर केंद्रीय मंत्रालयों, रक्षा बलों, रेलवे, डाक विभाग और केंद्र शासित प्रदेशों के कर्मचारी सीधे तौर पर लाभान्वित होंगे। वहीं पेंशनधारकों की पेंशन में भी आनुपातिक वृद्धि की उम्मीद है।

परिक्रमा सुरक्षा अलर्ट: संभल में 300 पुलिसकर्मी तैनात, 24 को रूट डायवर्जन लागू

संभल शनिवार से शुरू हो रही 24 कोसीय परिक्रमा की सुरक्षा व्यवस्था के लिए चक्र तैयार हो गया है। लगभग तीन सौ पुलिस कर्मियों के हवाले यहां की निगरानी होगी। जिसमें दो सीओ, आठ थाना प्रभारी, सात प्रभारी निरीक्षक भी रहेंगे। सिटी मजिस्ट्रेट सुधीर कुमार सोनी व एसडीएम विकास चंद्र भी मौजूद रहेंगे। इसके अतिरिक्त डेढ़ कंपनी पीएसी, दमकल वाहन व यातायात पुलिस कर्मियों को भी अलग अलग स्थान पर तैनात किया गया है। एएसपी उत्तरी कुलदीप सिंह ने बताया कि तीर्थ परिक्रमा के लिए सहायक पुलिस अधीक्षक/ क्षेत्राधिकारी संभल आलोक भाटी व क्षेत्राधिकारी असमोली कुलदीप कुमार को अपने सर्किल का प्रभारी बनाया गया है। जो सुरक्षा इंतजामों का जायजा लेते रहेंगे। इसके साथ ही परिक्रमा मार्ग में पड़ने वाले हयातनगर, नखासा, कोतवाली, रायसत्ती, असमोली, ऐचौड़ा कंबोह व हजरतनगर गढ़ी थाना प्रभारियों के साथ सात अतिरिक्त प्रभारी निरीक्षक व 65 उप निरीक्षकों को भी तीर्थों व परिक्रमा मार्ग पर अलग अलग स्थान पर तैनात किया गया है।   इसके साथ ही वंशगोपाल मंदिर से लेकर पूरे परिक्रमा मार्ग पर 54 प्वाइंट बनाए गए हैं। जहां करीब तीन सौ से अधिक पुलिस कर्मियों, महिला कांस्टेबल, होमगार्ड, यातायात पुलिस कर्मी को तैनात किया गया है। इसके साथ ही वंशगोपाल तीर्थ व चंद्रेश्वर महादेव मंदिर पर दमकल के साथ पीएसी जवान व पुलिस बल मौजूद रहेगा। परिक्रमा शुरू होने से पहले ही वंशगोपाल तीर्थ पर पुलिस बल तैनात कर दिया है। उधर, परिक्रमा मार्ग पर नीमसार तीर्थ पर दर्शन व विश्राम कर सभी श्रद्धालु अपनी यात्रा को पूरा करते हुए आगे बढ़ेंगे। जहां वह संभल बाइपास से होते हुए चंदौसी मार्ग पर पहुंचेंगे और यहां रास्ते से करीब चार किलोमीटर मुख्य मार्ग पर चलकर गांव भवानीपुर की ओर मुड़ जाएंगे। यहां इस मार्ग पर श्रद्धालुओं की काफी भीड़ रहती है। ऐसे में सुरक्षा की दृष्टि से चंदौसी की ओर से जाने वाले भारी वाहनों को चंदौसी में संभल तिराहे से बहजोई की ओर मोड़ दिया जाएगा। इसके साथ ही संभल मुरादाबाद मार्ग पर बाइपास पर वाहनों की आवाजाही बंद रहेगी और इसलिए वाहनों को चंदौसी चौराहा से होकर गुजारा जाएगा। सुरक्षा एक नजर में एएसपी उत्तरी सीओ – दो थाना प्रभारी – आठ प्रभारी निरीक्षक – सात उप निरीक्षक – 65 हेड कांस्टेबल – 190 महिला कांस्टेबल – 20 पीएसी – डेढ़ कंपनी दमकल – चार वाहन क्यूआरटी – छह पार्किंग स्थल – चार (दो वंशगोपाल मंदिर व दो चंद्रेश्वर महादेव मंदिर) मिश्रित आबादी के सात स्थान, रहेगी विशेष नजर संभल : परिक्रमा मार्ग पर वैसे तो पुलिस अधिकारियों की ओर से भारी संख्या में भारी संख्या में पुलिस व पीएसी के जवान तैनात किए गए हैं। लेकिन इसके साथ ही परिक्रमा मार्ग में कुछ ऐसे भी स्थान है। जहां पर मिश्रित आबादी पर प्रशासन की विशेष निगाह रहेगी। जहां बदल गुंबद, नाहरठेर, गांव खानपुर, फिरोजपुर, भवानीपुर, हैवतपुर व चंदायन मिश्रित आबादी वाले क्षेत्र है। जिसके चलते वहां पर सुरक्षा के अतिरिक्त इंतजाम किए गए हैं।  

हमीदिया हॉस्पिटल में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बच्चों व नागरिकों के स्वास्थ्य प्रबंधन का जायजा लिया

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने हमीदिया हॉस्पिटल में बच्चों और नागरिकों के स्वास्थ्य का हाल-चाल जाना मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान मद से सहायता के दिए निर्देश कार्बाइड गन प्रभावितों से मिले अस्पताल में भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कार्बाइड गन से प्रभावितों से भोपाल हमीदिया हॉस्पिटल के ब्लॉक 2 की 11वीं मंजिल स्थित नेत्र रोग वार्ड में भेंट की और उनके स्वास्थ्य की जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने चिकित्सा विशेषज्ञों से रोगियों के उपचार के संबंध में जानकारी प्राप्त कर समुचित इलाज के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश के अन्य स्थानों पर भी कार्बाइड गन से प्रभावित बच्चों और नागरिकों के उचित इलाज के निर्देश दिए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान मद से भी सहायता के निर्देश दिए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा ऐसे प्रकरणों की निरंतर मॉनीटरिंग की जा रही है। घातक कार्बाइड गन के निर्माण और विक्रय को अवैध होने के नाते थाना स्तर पर छापामारी और जाँच की कार्यवाही भी सुनिश्चित की जा रही है। अधिकांश घायलों ने स्वयं उपयोग की कार्बाइड गन मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने नारियलखेड़ा निवासी  प्रशांत मालवीय, गरीब नगर छोला के  करण पंथी, भानपुर के  आरिश और परवलिया सड़क के  अंश प्रजापति से भेंट की। इनमें अधिकांश किशोर हैं।  अंश प्रजापति ने बताया कि वे अन्य युवकों के कार्बाइड गन उपयोग करने से घायल हुए हैं। वहीं  प्रशांत,  करण और  आरिश ने स्वयं कार्बाइड गन का उपयोग करते हुए घायल होने की बात स्वीकार की। परिजन ने उपचार पर संतोष व्यक्त किया हमीदिया अस्पताल में दाखिल इन रोगियों के अभिभावकों ने भी परिवार के सदस्यों द्वारा कार्बाइड गन के उपयोग को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। रोगियों के परिजन ने हमीदिया अस्पताल में किए जा रहे उपचार पर संतोष व्यक्त किया।  करण पंथी के परिवार ने कहा कि उन्होंने गरीब नगर में अन्य परिवारों को भी कार्बाइड गन का उपयोग न करने का परामर्श दिया है। अब सभी जागरूक हो चुके हैं और बस्ती में कोई भी इसका उपयोग नहीं कर रहा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के हमीदिया अस्पताल के अवलोकन के अवसर पर प्रमुख सचिव स्वास्थ्य विभाग  संदीप यादव और आयुक्त जनसंपर्क  दीपक कुमार सक्सेना उपस्थित थे।  

स्टारलिंक का विस्तार: 9 शहरों में आ रहे अर्थ स्टेशन, इंटरनेट कनेक्टिविटी में बड़ी अपडेट

नई दिल्ली एलन मस्‍क की सैटेलाइट इंटरनेट कंपनी स्‍टारलिंक (Starlink) की सेवाएं जल्‍द भारत में शुरू हो सकती हैं। भारत सरकार की ओर से स्‍टारलिंक को जरूरी अनुमत‍ि दी जा चुकी है। नई जानकारी यह है कि स्‍टारलिंक भारत के 9 शहरों में अर्थ स्‍टेशन यानी जमीन पर लगे स्‍टेशन बनाएगी। इन 9 शहरों में मुंबई, नोएडा, लखनऊ, चंडीगढ़ और कोलकाता जैसे शहर शामिल हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी ने Gen 1 सैटेलाइट के लिए 600 जीबीपीएस कैपिसिटी की डिमांड की है। स्‍टारलिंक के पास अलग-अलग जेनरेशन के सैटेलाइट हैं, जिनमें जेन 1 सबसे पुराना बैच है। इस इस पूरे मामले की बारीकियां समझते हैं। क्‍या होते हैं अर्थ स्‍टेशन रिपोर्टों के अनुसार, अर्थ स्‍टेशन जमीन पर बनाए गए ऐसे स्‍टेशन होते हैं, जो अंतरिक्ष से सैटेलाइट से मिलने वाले डेटा को एकत्र करते हैं। वैसे तो स्‍टारलिंक का इंटरनेट सीधे यूजर के घर या ऑफ‍िस पर आता है, लेकिन जरूरत पड़ने पर अर्थ स्‍टेशनों से भी इंटरनेट को एक जगह से दूसरे जगह पर पहुंचाया जा सकता है। कहा जाता है कि पहले स्‍टारलिंक भारत में अपने अर्थ स्‍टेशन नहीं बनाने वाली थी। सरकार के हस्‍तक्षेप के बाद अर्थ स्‍टेशन भारत में बनाने पर फैसला हुआ। जेनरेशन 1 सैटेलाइट क्‍या हैं जेनरेशन 1 उन सैटेलाइट को कहा जाता है, जिन्‍हें स्‍टारलिंक ने अपने शुरुआती समय में लॉन्‍च किया था। ये भी बाकी सैटेलाइट्स की तरह पृथ्‍वी की निचली कक्षा में चक्‍कर लगाते हैं। यह स्‍टारलिंक के सैटेलाइटों का सबसे पुराना बैच जरूर है, लेकिन सैटेलाइट इंटरनेट देने के लिए पर्याप्‍त है। 100 से ज्‍यादा टर्मिनल को मंजूरी ईटी की रिपोर्ट में बताया गया है कि सरकार ने स्‍टारलिंक को 100 से ज्‍यादा टर्मिनल आयात करने की अनुमति दे दी है। स्‍टारलिंक की सर्विस शुरू होने से पहले सरकार उसे हर कसौटी पर परख लेना चाहती है। गौरतलब है कि स्‍टारलिंक इस बात पर राजी हो चुकी है कि वह देश के डेटा को देश के बाहर स्‍टोर नहीं करेगी। स्‍टारलिंक से जुड़ी चिंताओं की वजह से ही कंपनी को लाइसेंस मिलने में 5 साल से ज्‍यादा समय लगा है। स्‍टारलिंक के साथ ही एयरटेल के समर्थन वाली वनवेब और जियो एसईएस जैसी कंपनियों को भी देश में सैटेलाइट इंटरनेट सेवाएं शुरू करने की मंजूरी दी गई है। कहा जाता है कि अगले साल की शुरुआत में स्‍टारलिंक सैटेलाइट इंटरनेट भारत में शुरू हो सकता है, जिसके बाद लोगों को इंटरनेट का एक नया विकल्‍प मिल जाएगा।

लोहिया संस्थान यूपी: 96 वैकेंसी, जानें आवेदन प्रक्रिया कब से होगी शुरू?

लखनऊ लोहिया संस्थान प्रशासन करीब 10 साल बाद गैर शैक्षिक पदों पर भर्ती करने जा रहा है। इस संबंध में विज्ञापन जारी कर दिया गया है। नवम्बर के दूसरे सप्ताह से ऑनलाइन आवेदन की विंडो वेबसाइट पर खुलेगी। अधिकारियों ने जल्द से जल्द भर्ती प्रक्रिया पूरी करने का दावा किया है। लोहिया संस्थान में करीब 1200 बेड हैं। ज्यादातर बेड हमेशा भरे रहते हैं। प्रतिदिन 3000 से 4000 मरीज ओपीडी में आ रहे हैं। मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराने व संस्थान को चलाने के लिए 11 प्रकार के पदों पर भर्ती की जाएगी। लगभग 96 पदों पर आवेदन मांगे गए हैं। इसका विज्ञापन वेबसाइट पर आ गया है। संस्थान के निदेशक डॉ. सीएम सिंह ने बताया कि नवम्बर के दूसरे सप्ताह से अभ्यर्थी ऑनलाइन आवेदन करीब एक महीने तक कर सकेंगे। इससे जुड़ी समस्त जानकारी संस्थान की वेबसाइट पर उपलब्ध रहेगी। कम्प्यूटर बेस्ड टेस्ट होगा। निदेशक ने बताया कि सबसे ज्यादा सीनियर एडमिनिस्ट्रेटिव असिस्टेंट के 26 व स्टोनोग्राफर के 24 पद हैं। इन पदों पर होगी भर्ती असिस्टेंट सिक्योरिटी ऑफिसर, जूनियर एकाउंट ऑफिसर, स्टोरकीपर, जूनियर इंजीनियर, लाइब्रेरियन, रिसेप्शनिस्ट, वर्कशाप टेक्नीशियन, स्टेनोग्राफर के पद भरे जाएंगे।  

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू गाजियाबाद पहुंचेंगी, जानें कौन-कौन से रास्ते रहेंगे बंद

साहिबाबाद रविवार को इंदिरापुरम स्थित यशोदा मेडिसिटी का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु करेंगी। इस दौरान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत अन्य वीवीआइपी शामिल रहेंगे। इस कार्यक्रम को लेकर रविवार को ट्रांस हिंडन क्षेत्र में विभिन्न मार्गाें पर रूट डायवर्जन रहेगा। यातायात पुलिस ने रूट डायवर्जन का प्लान जारी कर दिया है। डीसीपी यातायात त्रिगुण बिसेन ने बताया कि रूट डायवर्जन सुबह सात बजे से लेकर कार्यक्रम समाप्ति तक रहेगा। इन मार्गाें पर रहेगा रूट डायवर्जन – भोपुरा, तुलसी निकेतन से हिंडन एयरफोर्स गोलचक्कर की तरफ सभी प्रकार के भारी वाणिज्यिक वाहनों का संचालन पूरी तरह से बंद रहेगा। यह वाहन करनगेट गोल चक्कर से बीकानेर गोल चक्कर का प्रयोग कर मोहननगर होते हुए अपने गंतव्य को जायेंगे। – सीआइएसएफ टी-प्वाइंट से वसुंधरा की ओर सभी प्रकार के भारी वाहनों का संचालन पूरी तरह से बंद रहेगा। यह वाहन सीआइएसएफ टी-प्वाइंट से एनएच-9 होते हुए आगे जाएंगे। – वसुंधरा से सीआइएसएफ टी-प्वाइंट की तरफ भी भारी वाहन प्रतिबंधित रहेंगे। यह सभी वाहन वसुंधरा से डाबर होते हुए यूपी गेट व एनएच-9 की तरफ जाएंगे। – वीवीआइपी कार्यक्रम के चलते वसुंधरा से सीआइएसएफ टी-प्वाइंट तक हल्के व मध्यम वाहनों को आवश्यकता अनुसार रोका जाएगा और संचालन किया जाएगा।  

देवउठनी एकादशी 2025: खुलेंगे विवाह और मांगलिक कार्यों के द्वार, जानिए इसका धार्मिक महत्व

पंचांग के अनुसार, देवउठनी एकादशी यानी देवउथान एकादशी का पर्व हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है. धार्मिक मान्यता है कि इसी दिन भगवान विष्णु चार महीने की योगनिद्रा से जागते हैं और इसके साथ ही विवाह, गृह प्रवेश, नामकरण, मुंडन जैसे सभी शुभ और मांगलिक कार्यों की शुरुआत होती है. देवउठनी एकादशी 2025, तिथि और शुभ मुहूर्त पंचांग के अनुसार, इस साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 01 नवंबर को सुबह 09 बजकर 11 मिनट पर शुरू होगी और 02 नवंबर को सुबह 07 बजकर 31 मिनट पर समाप्त होगी. ऐसे में देवउठनी एकादशी का पर्व 1 नवंबर 2025 को मनाया जाएगा. पारण (व्रत खोलने) का समय: 02 नवंबर 2025, दोपहर 01 बजकर 11 मिनट से 03 बजकर 23 मिनट तक रहेगा. देवउठनी एकादशी की पूजा विधि एकादशी की सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और पीले रंग के वस्त्र धारण करें. इसके बाद भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें. घर के आंगन या पूजा स्थल को साफ कर, गेरू और आटे से चौक (रंगोली) बनाएँ. इस पर भगवान विष्णु के चरणों की आकृति बनाना शुभ माना जाता है. एक चौकी पर भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें. उन्हें गंगाजल से स्नान कराएँ और पीला चंदन, अक्षत, पीले फूल, फल, मिठाई, तुलसी दल और पंचामृत अर्पित करें. धूप-दीप जलाकर पूजा करें. शाम के समय पूजा स्थल पर गन्ने का मंडप बनाएं इस मंडप में भगवान विष्णु की प्रतिमा और तुलसी का पौधा रखें. इस दौरान शंख और घंटी बजाकर, भगवान विष्णु को योगनिद्रा से जागने का आह्वान करें.तुलसी और शालिग्राम का विधिवत विवाह कराया जाता है. तुलसी को चुनरी ओढ़ाकर और शालिग्राम जी को वस्त्र पहनाकर विवाह की रस्में पूरी की जाती हैं. एकादशी व्रत की कथा पढ़ें या सुनें. इसके बाद श्रीहरि विष्णु और माता लक्ष्मी की आरती करें. भगवान को मौसमी फल, बेर, सिंघाड़ा, और गन्ना आदि का भोग लगाएं. इसके बाद जागरण करें और अगले दिन द्वादशी तिथि में शुभ मुहूर्त में व्रत का पारण करें. देवउठनी एकादशी का महत्व धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी (देवशयनी एकादशी) पर भगवान विष्णु क्षीर सागर में शयन के लिए चले जाते हैं और कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को जागते हैं. इस चार महीने की अवधि को चातुर्मास कहा जाता है. शुभ कार्यों की शुरुआत: भगवान विष्णु के योगनिद्रा से जागृत होते ही सृष्टि का कार्यभार पुनः उनके हाथों में आ जाता है. इसीलिए इस दिन से विवाह, सगाई, गृह प्रवेश, और नए कार्यों की शुरुआत जैसे सभी मांगलिक कार्य बिना किसी मुहूर्त के शुरू हो जाते हैं, हालांकि पंचांग के अनुसार शुभ मुहूर्त देखना श्रेष्ठ होता है. तुलसी विवाह: इस दिन तुलसी और शालिग्राम (भगवान विष्णु का पाषाण स्वरूप) का विवाह कराया जाता है. तुलसी को भगवान विष्णु की प्रिय माना जाता है और यह विवाह उनके जाग्रत होने की खुशी में आयोजित किया जाता है. पापों से मुक्ति: मान्यता है कि इस दिन विधि-विधान से व्रत और पूजा करने से व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मिलती है और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है. यह व्रत सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य का संचार करता है.

सर्दी ने दी दस्तक: चंडीगढ़ में आने वाले दिनों का मौसम कैसा रहेगा

चंडीगढ़ 2 दिनों तक जमकर बजे पटाखों से 500 पारा पहुंचा पी.एम. 2.5 और पी.एम. 10 का लेवल पर अब गिरकर सामान्य हो रहा है। पटाखों का शोर थमते ही शहर के हर हिस्से की आबोहवा में प्रदूषण का स्तर कम हुआ।  शहर तीनों ही ऑब्जर्वेटरी में 2 दिन जो पी.एम. 2.5 का लेवल कई घंटों तक 500 तक चला गया था, वो बुधवार रात और वीरवार को पूरे दिन 325 के अधिकतम स्तर से ऊपर नहीं गया। शहर का 174 तक जा पहुंचा एयर क्वालिटी इंडैक्स भी 50 प्वाइंट गिरकर 122 पर आ गया है। लेकिन आने वाले दिनों में अब रातें जरूर ठंडी होने जा रही है क्योंकि हिमाचल के ऊंचे इलाकों में वीरवर दोपहर गिरी बर्फ और शिमला व आसपास पौने घंटे तक हुई बारिश के बाद अब पहाड़ों की ठंडक का असर चंडीगढ़ तक जरूर जाएगा। वैसे भी इन दिनों 17 से 18 डिग्री की हलकी ठंड में शहर की रातें दाखिल हो चुकी है। दिन में भी पारा भले 34 डिग्री को छू रहा लेकिन धूप म्म चुभन नहीं है। आने वाले दिनों में शहर की आबोहवा में हलकी ठंड और घुल सकती है।   

वैज्ञानिक अध्ययन में आश्चर्यजनक नतीजा, भारतीय पुरुषों की स्पर्म क्वालिटी बनी स्थिर

मणिपाल पिछले कई सालों से वैश्विक स्तर पर बहुत से लोगों को माता-पिता बनने के लिए परेशान होते देखा गया है. इसकी एक बड़ी वजह पुरुषों में गिरती सीमन क्वालिटी को माना जाता है. वैश्विक स्तर पर कई देशों में सीमन क्वालिटी घट रही है, जिससे फर्टिलिटी यानी बच्चे होने की क्षमता पर असर पड़ रहा है. कमजोर या कम संख्या में स्पर्म होने से महिलाओं को प्रेग्नेंट होने में परेशानी, आईवीएफ में असफलता और इन्फर्टिलिटी जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं. ऐसे में कहा जा सकता है कि सीमन की गिरती क्वालिटी वैश्विक स्तर पर पुरुषों को परेशान कर रही है. हालांकि, दक्षिण भारतीय पुरुषों पर हुई नई स्टडी में बिल्कुल उल्टे नतीजे देखने को मिले हैं.  मणिपाल स्थित कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज द्वारा की गई नई स्टडी में पता चला है कि पिछले 17 सालों में दक्षिण भारतीय पुरुषों में सीमन की क्वालिटी में कोई गिरावट नहीं हुई है. ये दुनिया भर में घटते स्पर्म काउंट की चिंताओं के बीच राहत देने वाली खबर है. इस स्टडी में लगभग 12,000 पुरुषों का डेटा देखा गया. इससे पता चलता है कि भारत में, खासकर दक्षिण में, पुरुषों की फर्टिलिटी अब तक स्टेबल बनी हुई है.   स्टडी में क्या पाया गया? अमेरिकन जर्नल ऑफ मेंस हेल्थ में छपी इस स्टडी में 2006 से 2022 तक के दक्षिण भारतीय पुरुषों के स्पर्म के सैंपल्स टेस्ट किए गए. ये पुरुष कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज की एंड्रोलॉजी लैब में फर्टिलिटी की टेस्टिंग के लिए आए थे. स्टडी में स्पर्म की संख्या, उनकी स्पीड, सर्वाइवल रेट और स्ट्रक्चर जैसे गुणों को देखा गया. इन आंकड़ों पर स्टडी करने के बाद पाया गया कि 17 सालों में स्पर्म क्वालिटी में कोई खास बदलाव नहीं हुआ. इसका मतलब है कि दुनिया के कुछ हिस्सों में जहां स्पर्म्स की क्वालिटी घटने की चिंता है, उस डर के दायरे से दक्षिण भारतीय पुरुष बाहर हैं. रिसर्च में क्या पाया गया? स्टडी करने वाले सतीश अडिगा ने कहा कि ये दिखाता है कि दक्षिण भारतीय पुरुषों में स्पर्म क्वालिटी स्टेबल है. उन्होंने ये भी बताया कि पुरुषों में बांझपन बढ़ रहा है, लेकिन इसका कारण स्पर्म क्वालिटी में कमी नहीं, बल्कि अन्य कारण हो सकते हैं. जर्मनी के लेखक स्टीफन श्लाट ने कहा कि ये स्टडी ग्लोबल स्पर्म क्राइसिस के आइडिया को चुनौती देता है. साथ ही, उन्होंने बताया कि पुरुषों की फर्टिलिटी को समझने के लिए क्षेत्रीय आंकड़े बहुत जरूरी हैं.