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राज्यपाल पटेल ने कहा- पुस्तकीय ज्ञान के साथ समसामयिक जानकारी जरूरी

भोपाल  राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि छात्र-छात्राओं को पुस्तकीय ज्ञान के साथ ही देश में हो रही प्रगति और विकास के बारे में समसामयिक जानकारी होना भी जरूरी है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की मन की बात कार्यक्रम ऐसी अद्भुत पहल है, जिसमें देश में हो रहे नवाचारों और प्रगति की जानकारी मिलती है। उन्होंने विश्वविद्यालयों के छात्रावासों में मन की बात कार्यक्रम के सामूहिक श्रवण की व्यवस्था करने के लिए भी कहा है। राज्यपाल श्री पटेल रविवार को बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में मन की बात के सामूहिक श्रवण कार्यक्रम के छात्र-छात्राओं को संबोधित कर रहे थे। सामूहिक श्रवण कार्यक्रम का आयोजन ज्ञान विज्ञान भवन में किया गया। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय आगमन पर ज्ञान विज्ञान भवन परिसर में पौधरोपण किया। कार्यक्रम के प्रारंभ में विश्वविद्यालय की छात्राओं जैनस्वी शर्मा, खुशी सेन ने "हम उठे जग उठे", लक्ष्य गीत का गायन किया। राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के 'मन की बात' और 'परीक्षा पे चर्चा' जैसे कार्यक्रम राष्ट्र जागरण की अभूतपूर्व पहल है। मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री के द्वारा गरीब, वंचित और पिछड़े व्यक्तियों और क्षेत्रों के द्वारा देश-समाज के निर्माण में दिये जा रहे योगदान की जानकारी दी जाती है। इन प्रेरक प्रसंगों से आत्मबल से विकास और परिवर्तन के लिए समाज को आत्मविश्वास, प्रेरणा और उत्साह प्राप्त होती है। इसी तरह 'परीक्षा पे चर्चा' कार्यक्रम के द्वारा प्रधानमंत्री ने विद्यार्थी परीक्षा की कैसे तैयारी करें, पालक बच्चों के साथ कैसा व्यवहार करें, इन सभी विषयों पर विस्तार से समझाइश देकर छात्र-छात्राओं पर अनावश्यक रूप से परीक्षा के समय बनने वाले भारी दबाव कम करने में बहुत मदद की है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने विकसित भारत@2047 की नई पहल की है। आज़ादी की 100वीं वर्षगांठ पर राष्ट्र का स्वरूप कैसा होगा इस दिशा में विवेकानंद जयंती के अवसर पर नई पहल की है। देश भर के विद्यार्थियों से राष्ट्र के भावी स्वरूप के संबंध में उनके विचार प्राप्त किये। चयनित 3 हजार युवाओं के साथ नई दिल्ली में गोष्ठी भी की है। राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि ज्ञान के साथ संस्कार से ही जीवन अच्छा जीवन होता है। उन्होंने कहा कि बच्चों को संस्कार देना केवल शिक्षण संस्थाओं का दायित्व नहीं हो सकता। परिवार को भी बच्चों में संस्कार देने की जिम्मेदारी समझना होगी। बच्चे माता-पिता के आचरण से संस्कार ग्रहण करते हैं। परिवार का वातावरण संस्कारित होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि ज्ञान से प्राप्त प्रगति अधूरी है। यदि उसमें अपने माता-पिता, राष्ट्र, समाज के प्रति सम्मान और सेवा का भाव नहीं है। उन्होंने कहा माता-पिता अपने बच्चों की अंगुली पकड़ कर चलना सिखाते हैं। वृद्धावस्था में उनके साथ दुर्व्यवहार करके कोई भी व्यक्ति, समाज और राष्ट्र उन्नति नहीं कर सकता है। कार्यक्रम के प्रारंभ में कुलगुरू श्री एस.के. जैन ने स्वागत उद्बोधन दिया। आभार प्रदर्शन कुल सचिव डॉ. अनिल शर्मा ने किया। संचालन अधिष्ठाता छात्र कल्याण श्री पवन मिश्रा ने किया।  

सुश्री यादव अरुणाचल प्रदेश से गुजरात तक करेंगी साइकिल यात्रा

एकीकृत, सशक्त और प्रगतशील भारत के संदेश का होगा प्रचार भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं वर्षगांठ को समर्पित पैडल टू प्लांट कार्यक्रम 'नया भारत-हरा भारत' की यात्रा पर निकल रही प्रदेश की बेटी अंतर्राष्ट्रीय पर्वतारोही सुश्री अंजना यादव को मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन से रविवार को झंडी दिखाकर रवाना किया। पेडल टू प्लांट कार्यक्रम, नया भारत हरा भारत के अंतर्गत सुश्री अंजना यादव और उनकी टीम के द्वारा अरुणाचल प्रदेश से गुजरात 4 हजार किलोमीटर साइकिल से सफर तय किया जाएगा। इसके अंतर्गत वे भारत की संस्कृति, पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक समरसता का संदेश देंगी। सुश्री अंजना यादव सरदार वल्लभभाई पटेल के एकीकृत, सशक्त और प्रगतशील भारत के दृष्टिकोण को भी प्रचारित करेंगी। सुश्री अंजना यादव रायसेन जिले के ग्राम सेमारी की रहने वाली हैं, जो 5 वर्षों से माउंटेनियर के रूप में सक्रिय हैं। सुश्री अंजना यादव अब तक 20 अंतर्राष्ट्रीय पर्वतों पर चढ़ाई कर चुकी हैं। अब उनका अगला लक्ष्य विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट ऐवरेस्ट पर वर्ष-2026 में सफलता प्राप्त करना है।  

झारखंड की जेलों में छठ महापर्व की रौनक, बंदियों ने उठाया आस्था का संकल्प

रांची झारखंड की सभी जेलों में इस साल भी छठ महापर्व की विशेष तैयारियां की गई हैं। जेलों में व्रत करने वाले बंदियों के लिए पूजा सामग्री और अर्घ्य की व्यवस्था जेल प्रबंधन की ओर से की गई है। बंदियों के लिए की गई अर्घ्य की व्यवस्था राज्य भर के कारागारों में छठ की भक्ति में बंदी डूबे हुए हैं, जहां पुरुष बंदियों की संख्या महिलाओं से ज्यादा है। झारखंड कारा विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य की विभिन्न जेलों में कुल 25 महिला और 31 पुरुष बंदी इस वर्ष छठ का व्रत कर रहे हैं। रांची स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में सबसे अधिक 08 महिला और 08 पुरुष बंदी आराधना में लीन हैं। इनके लिए विशेष रूप से पूजन सामग्री उपलब्ध कराई गई है और अर्घ्य देने की व्यवस्था की गई है। भक्तिमय वातावरण में डूबा हुआ कारा परिसर इसी तरह केंद्रीय कारा दुमका में 02 महिलाएं, हजारीबाग के लोकनायक जयप्रकाश नारायण केंद्रीय कारा में 05 महिला और 07 पुरुष, जबकि पलामू में 04 महिला और 06 पुरुष बंदी श्रद्धा के साथ पूजा-अर्चना कर रहे हैं। अन्य जिलों की जेलों में भी श्रद्धा और सादगी के साथ व्रत किया जा रहा है। जेल अधीक्षक स्वयं व्यवस्था पर नजर रखे हुए हैं। कारा परिसर इन दिनों पूरी तरह भक्तिमय वातावरण में डूबा हुआ है।  

LIC ने हाथ खींचा, अमेरिकी बीमा कंपनियों ने अडानी पर लगाया बड़ा निवेश

नई दिल्ली  अडानी समूह की कंपनियों में भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का निवेश भले ही सुर्खियों में हो, लेकिन हालिया आंकड़े बताते हैं कि अरबपति गौतम अडानी द्वारा नियंत्रित इकाइयों में कुछ सबसे बड़े निवेश सरकारी बीमा कंपनी से नहीं, बल्कि प्रमुख अमेरिकी और वैश्विक बीमा कंपनियों से आए हैं। इस कंपनी में 6650 करोड़ रुपये का निवेश जून, 2025 में, अडानी पोर्ट्स एंड एसईजेड में भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) द्वारा 57 करोड़ अमेरिकी डॉलर (5,000 करोड़ रुपये) के निवेश के एक महीने बाद, अमेरिका स्थित एथेन इंश्योरेंस ने अडानी के मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे में 6,650 करोड़ रुपये (75 करोड़ डॉलर) के लोन निवेश का नेतृत्व किया, जिसमें कई प्रमुख अंतरराष्ट्रीय बीमा कंपनियां शामिल हुईं। एथेन की मूल कंपनी – अपोलो ग्लोबल मैनेजमेंट – ने 23 जून को एक बयान में कहा कि उसके प्रबंधित फंड, सहयोगी और अन्य दीर्घकालिक निवेशकों ने मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड (मायल) के लिए 75 करोड़ डॉलर का ‘निवेश ग्रेड रेटेड वित्तपोषण’ पूरा कर लिया है। यह अपोलो द्वारा मायल के लिए दूसरा बड़ा फंडिंग था। अन्य फंड जुटाने में अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड द्वारा डीबीएस बैंक, डीजेड बैंक, राबोबैंक और बैंक सिनोपैक कंपनी लिमिटेड सहित वैश्विक कर्जदाताओं के एक समूह से लगभग 25 करोड़ डॉलर जुटाना शामिल था। 10 लाख अमेरिकी डॉलर के लोन डॉक्यूमेंट पर हुआ साइन एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स की अगस्त की एक रिपोर्ट के अनुसार, समूह ने वर्ष की पहली छमाही में बंदरगाह इकाई (एपीएसईजेड), ग्रीन ऊर्जा एनर्जी (एजीईएल), प्रमुख कंपनी (अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड) और अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस लिमिटेड में कुल मिलाकर 10 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक की नई लोन सुविधाओं पर हस्ताक्षर किए। एलआईसी ने आरोपों पर क्या कहा था? ‘वॉशिंगटन पोस्ट’ की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ग्लोबल इंवेस्टर्स की हिचकिचाहट के बीच सरकारी अधिकारियों ने एलआईसी के निवेश निर्णयों को प्रभावित किया। इससे अडानी समूह में एलआईसी का निवेश सुर्खियों में आ गया। शनिवार को, एलआईसी ने इस रिपोर्ट को ‘झूठा, निराधार और सच्चाई से कोसों दूर’ बताया और कहा कि अडानी समूह की कंपनियों में उसका निवेश स्वतंत्र रूप से और विस्तृत जांच-पड़ताल के बाद उसके निदेशक मंडल द्वारा अनुमोदित नीतियों के अनुसार किया गया था। भारत की सबसे बड़ी बीमा कंपनी ने पिछले कुछ वर्षों में, बुनियादी बातों और विस्तृत जांच-पड़ताल के आधार पर विभिन्न कंपनियों में निवेश के फैसले लिए हैं। भारत की शीर्ष 500 कंपनियों में इसका निवेश मूल्य 2014 से 10 गुना बढ़कर 1.56 लाख करोड़ रुपये से 15.6 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जो मजबूत फंड मैनेजमेंट को दर्शाता है। अडानी समूह में इसका निवेश समूह के कुल 2.6 लाख रुपये के कर्ज के दो प्रतिशत से भी कम है। इसके अलावा, अडानी एलआईसी की सबसे बड़ी होल्डिंग नहीं है – रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड, आईटीसी और टाटा समूह हैं। किस कंपनी में एलआईसी का कितना निवेश एलआईसी के पास अडानी के चार प्रतिशत (60,000 करोड़ रुपये मूल्य के) शेयर हैं, जबकि रिलायंस में 6.94 प्रतिशत (1.33 लाख करोड़ रुपये), आईटीसी लिमिटेड में 15.86 प्रतिशत (82,800 करोड़ रुपये), एचडीएफसी बैंक में 4.89 प्रतिशत (64,725 करोड़ रुपये) और एसबीआई में 9.59 प्रतिशत (79,361 करोड़ रुपये) शेयर हैं। एलआईसी के पास टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) में 5.02 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जिसका मूल्य 5.7 लाख करोड़ रुपये है।  

शहनाई की वापसी: नवंबर में 13, दिसंबर में केवल 3 मुहूर्त

भारत में शादी केवल दो लोगों का नहीं, बल्कि परिवारों और समाज का भी विशेष अवसर होता है. शादी की तारीख का चुनाव शुभ मुहूर्त के अनुसार किया जाता है, ताकि नवविवाहित जोड़े का जीवन खुशहाल और समृद्ध रहे. पंचांग और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, नवंबर और दिसंबर 2025 में शादी के लिए कुछ विशेष शुभ तिथियां हैं, जो दांपत्य जीवन में सुख-शांति और समृद्धि के लिए शुभ हैं. आइए जानते हैं साल 2025 के नवंबर और दिसंबर महीने के शुभ मुहूर्त के बारे में. 142 दिन का इंतजार होगा खत्म माना जा रहा है कि जुलाई से शुरू हुए चातुर्मास के कारण पिछले लगभग 142 दिनों से शादी-विवाह जैसे मांगलिक कार्यों पर रोक लगी हुई है. भगवान विष्णु के योग निद्रा से जागने के बाद ही शुभ कार्य फिर से शुरू होंगे. इस वर्ष देवउठनी एकादशी 01 नवंबर 2025 को पड़ रही है, जिसके बाद से विवाह की शुरुआत होगी. नवंबर 2025: बंपर मुहूर्त, 13 दिन बजेगी शहनाई साल 2025 का नवंबर महीना विवाह के लिए बेहद शुभ रहने वाला है. देवउठनी एकादशी के तुरंत बाद ही शुभ मुहूर्त शुरू हो जाएंगे और इस महीने में कुल 13 शुभ विवाह की तिथियां मिल रही हैं. नवंबर 2025 के शुभ विवाह मुहूर्त     2 नवंबर 2025     3 नवंबर 2025     5 नवंबर 2025     8 नवंबर 2025     12 नवंबर 2025     13 नवंबर 2025     16 नवंबर 2025     17 नवंबर 2025     18 नवंबर 2025     21 नवंबर 2025     22 नवंबर 2025     23 नवंबर 2025     25 नवंबर 2025     30 नवंबर 2025 दिसंबर 2025: केवल 3 दिन मिलेंगे शुभ मुहूर्त नवंबर के मुकाबले दिसंबर में विवाह के शुभ मुहूर्त बेहद कम हैं. पंचांग के अनुसार, साल के आखिरी महीने दिसंबर 2025 में विवाह के लिए सिर्फ 3 शुभ मुहूर्त उपलब्ध हैं. दिसंबर 2025 के शुभ विवाह मुहूर्त     4 दिसंबर 2025     5 दिसंबर 2025     6 दिसंबर 2025 शादी के लिए शुभ मुहूर्त क्यों जरूरी होता है? विवाह को एक नए जीवन की शुरुआत माना जाता है. ज्योतिष के अनुसार, हर समय (मुहूर्त) में ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति अलग-अलग होती है, जिसका मानव जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है. शुभ मुहूर्त वह समय होता है जब ग्रह-नक्षत्रों की ऊर्जा वर और वधू के लिए सबसे अनुकूल होती है. माना जाता है कि शुभ समय में किया गया विवाह नवदंपति को देवताओं का आशीर्वाद दिलाता है और उनके जीवन में सकारात्मकता, सौभाग्य और समृद्धि लाता है.

इलाज में लापरवाही का आरोप, छिंदवाड़ा अस्पताल में महिला की मौत से मचा हड़कंप

छिंदवाड़ा छिंदवाड़ा जिला अस्पताल में पेट दर्द और घबराहट के बाद भर्ती कराई गई महिला की इलाज के दौरान मौत हो गई। मौत को लेकर स्वजनों ने जमकर हंगामा कर दिया। परिजनों ने डॉक्टरों पर गंभीर आरोप लगाए है। परिजनों का कहना है की पहले तो नर्स ने इलाज किया। उसके बाद डॉक्टर पहुंचे। उन्होंने जांच कर पर्ची में दवा लिख दी। रात भर एक के बाद एक लगातार ग्लूकोज की बॉटल लगाते गए, लेकिन मरीज को आराम नहीं लगा। जब डियूटी नर्स को मरीज की गंभीर हालात के बारे में बताया और कहा कि हमारे मरीज को रेफर कर दीजिए। पहले तो उन्होंने हमारे साथ अभद्रता की। उन्होंने रेफर करने में घंटे लगाए। इस दौरान मरीज ने सुबह 9 बजे दम तोड़ दिया। परिजनों का कहना है जब तक प्रशासन और डॉक्टर मौके पर नहीं आएगा हम अस्पताल के सामने शव रखकर प्रदर्शन करेंगे। परिजनों ने स्पष्ट कहा है कि डॉक्टरों की और नर्सों की लापरवाही पर कार्रवाई होना चाहिए। इसके बाद मौके पर पुलिस प्रशासन पहुंचा। पुलिस प्रशासन ने परिजनों को समझाइस दी। इधर सिविल सर्जन और आरएमओ भी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने पीड़ित परिजनों की पूरी बात सुनी। इसके बाद पीड़ित परिजन पीएम के लिए राजी हुए। हालांकि परिजनों का कहना है कि जब तक कलेक्टर एसडीएम मौके पर आकर नहीं मिलते तब तक हम सब का पीएम नहीं करवाएंगे। पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के असली कारणों का खुलासा हो सकेगा। गांव में उल्टी दस्त का प्रकोप अमरवाड़ा के ग्राम रजोला में 10 दिन पूर्व दूषित पानी पीने से 200 से अधिक ग्रामीण उल्टी दस्त का शिकार हुए थे इसके बाद मौके पर प्रशासन और स्वास्थ्य अमला पहुंचा था। स्वास्थ्य अमले ने इलाज कर खाना पूर्ति कर दी। धनराज चंद्रवंशी का आरोप है कि गांव में आज भी उल्टी दस्त का प्रकोप है प्रशासन ने कोई इलाज नहीं करवाया है और हमारी जो मरीज की मौत हुई है वह उल्टी दस्त के कारण हुई है।

हरियाणा में बढ़ता नशा: सुरजेवाला ने BJP सरकार पर किया कड़ा हमला

चंडीगढ़  कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सदस्य रणदीप सिंह सुरजेवाला ने हरियाणा में बढ़ते नशे के प्रसार पर भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि नायब सरकार के नकारेपन की हरी झंडी तले नशा तस्कर और माफिया हरियाणा को ‘उड़ता हरियाणा’ से ‘उजड़ता हरियाणा’ बना चुके हैं। सुरजेवाला ने तंज कसते हुए कहा कि मुख्यमंत्री सिर्फ साइकिल पर फोटो खिंचवाने तक सीमित हैं, जबकि नशे का जहर अब हर गांव, हर शहर और हर घर की दीवारों में रिस चुका है। सुरजेवाला ने कहा कि हरियाणा का युवा आज नशे की गिरफ्त में जकड़ा हुआ है। नशे की लत इतनी भयावह हो चुकी है कि ममता भी मर रही है। माताएं अपने छह माह के बच्चों को बेचने तक मजबूर हैं। गांवों और शहरों में नशे की ओवरडोज से सैकड़ों युवाओं की रोज मौत हो रही है। उन्होंने कहा कि अब हालात इतने बदतर हैं कि पिता अपने बेटे की लाश पर रोते हुए कहते हैं – ‘मेरा बेटा तो गया, अब औरों को बचाओ।’ सुरजेवाला ने कहा – हरियाणा नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की रिपोर्ट खुद कहती है कि प्रदेश के 860 कुख्यात नशा तस्करों में से 730 जेल से बाहर खुलेआम घूम रहे हैं। ये माफिया सरकार की नाक के नीचे धड़ल्ले से नशा बेच रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की कागजों पर नशा मुक्ति असल में भाजपाई युक्ति बन गई है, जहां सरकार दावा करती है कि प्रदेश के 3,000 से अधिक गांव और 600 से अधिक वार्ड नशामुक्त हैं, लेकिन असलियत में वहीं ड्रग पेडलर खुलेआम कारोबार चला रहे हैं।   खेत से खलिहान तक फैल रहा नशे का जाल सुरजेवाला ने कहा कि नशे का यह जहर अब केवल समाज को नहीं, बल्कि हरियाणा के वर्तमान और भविष्य दोनों को निगल रहा है। खेती, मजदूरी, खेल – हर क्षेत्र में नशे का असर दिख रहा है। यह युवा शक्ति को अपराध, चोरी और अंधकार की ओर धकेल रहा है। कांग्रेस नेता ने कहा कि जब हरियाणा का नौजवान नशे से मर रहा है, तब मुख्यमंत्री ‘जुबानी हवाबाजी’ और ‘फोटोशूट राजनीति’ में व्यस्त हैं। भाजपा सरकार नशे के खिलाफ नहीं, नशे के साथ खड़ी दिख रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हरियाणा को ‘उजड़ते हरियाणा’ से ‘बचते हरियाणा’ की राह पर लाने के लिए संघर्ष जारी रखेगी।

पुलिस हिरासत में प्रताड़ना के मामले में HHRC का सख्त कदम, DGP और स्वास्थ्य प्रमुख को किया नोटिस

चंडीगढ़  हरियाणा मानव अधिकार आयोग (HHRC) ने पुलिस हिरासत में प्रताड़ना के एक गंभीर मामले पर स्वतः संज्ञान लेते हुए हरियाणा पुलिस महानिदेशक (DGP) और स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक से विस्तृत जांच रिपोर्ट तलब की है। आयोग ने निर्देश दिया है कि इस मामले की गहराई से जांच कर 17 दिसंबर तक रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। यह निर्देश आयोग के सदस्य दीप भाटिया ने शिकायत संख्या 1037/10/2023 के अंतर्गत जारी किए। इस दौरान शिकायतकर्ता के पिता धर्म सिंह और सब-इंस्पेक्टर कृष्ण चंद (सीआईए-।।, करनाल) आयोग के समक्ष उपस्थित हुए। मामला एफआईआर संख्या 64 दिनांक 11 मार्च, 2023 से जुड़ा है। निसिंग पुलिस स्टेशन में भादंसं की धारा-379 और विद्युत अधिनियम की धारा-136 के तहत केस दर्ज किया गया था। इस प्रकरण की जांच सब-इंस्पेक्टर कृष्ण चंद द्वारा की गई थी। उन्होंने बताया कि शिकायतकर्ता लवदीप को 14 अप्रैल, 2023 को गिरफ्तार किया गया था और उसी दिन उसका चिकित्सकीय परीक्षण भी करवाया गया था। हालांकि आयोग के समक्ष प्रस्तुत चिकित्सकीय रिपोर्ट अस्पष्ट थी और पढ़ने योग्य नहीं थी। दस्तावेज़ों से यह प्रतीत हुआ कि उस रिपोर्ट में किसी नई चोट का उल्लेख नहीं किया गया था। चोटों की रिपोर्ट में विरोधाभास पर सवाल आयोग ने पाया कि 15 अप्रैल, 2023 को किए गए एमएलआर (मेडिकल लीगल रिपोर्ट) में कई चोटों का उल्लेख किया गया है, जिनकी अवधि 4 से 7 दिन पुरानी बताई गई। आयोग ने इस विरोधाभास पर प्रश्न उठाया कि जब 14 अप्रैल की रिपोर्ट में कोई चोट नहीं थी, तो फिर 15 अप्रैल की रिपोर्ट में पुरानी चोटें कैसे दर्ज हो गईं। इस प्रश्न पर जांच अधिकारी कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दे सके। ‘सतही परीक्षण’ पर आयोग की नाराज़गी आयोग के समक्ष सब-इंस्पेक्टर कृष्ण चंद और निरीक्षक दिनेश कुमार (महानिदेशक जांच, आयोग) ने बताया कि पुलिस हिरासत में आमतौर पर डॉक्टर केवल उन्हीं चोटों का उल्लेख करते हैं जिनकी शिकायत आरोपी स्वयं करता है, और शरीर का संपूर्ण परीक्षण नहीं किया जाता। इस पर आयोग सदस्य दीप भाटिया ने कड़ी नाराज़गी व्यक्त करते हुए कहा कि यह दृष्टिकोण अत्यंत चिंताजनक है। हिरासत में प्रताड़ना मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन है और ऐसे मामलों में लापरवाही अस्वीकार्य है। वरिष्ठ अधिकारी से जांच के आदेश मानवाधिकार आयोग ने पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिए हैं कि वे किसी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को इस मामले की गहन जांच के लिए नामित करें। उन्हें यह भी कहा गया है कि शिकायतकर्ता के साथ हुई कथित हिरासत प्रताड़ना तथा पुलिस की कार्यप्रणाली की पूरी समीक्षा कर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। साथ ही, स्वास्थ्य सेवाएं हरियाणा के महानिदेशक को भी आदेश दिए हैं कि 14 अप्रैल और 15 अप्रैल, 2023 के दोनों चिकित्सकीय परीक्षणों की जांच कर अपनी रिपोर्ट 17 दिसंबर से पहले आयोग में प्रस्तुत करें।

Probation पूरा होना ही नहीं, परफॉरमेंस और आचरण भी तय करेंगे नौकरी की परमानेंटिटी: Chhattisgarh HC

बिलासपुर हाई कोर्ट ने एक सर्विस संबंधी मामले में महत्वपूर्व आदेश देते हुए कहा है कि सिर्फ परिवीक्षा अवधि (Probation period) पूरी होने पर स्थायीकरण और पदोन्नति का दावा अधिकार के रूप में नहीं किया जा सकता। प्रतिकूल कार्य एवं आचरण रिपोर्ट के आधार पर प्रमोशन दिया जाना, या नहीं देना भेदभाव नहीं माना जाएगा। प्रकरण के अनुसार हाई कोर्ट ने अनुवादक के पद को भरने के लिए विज्ञापन प्रकाशित किया था। अपीलकर्ता शैलेन्द्र सोनी और अन्य उम्मीदवारों ने पद के लिए आवेदन किया। परीक्षा के बाद अपीलकर्ता और अन्य प्रतिवादी को 29 फरवरी 2012 को अनुवादक के पद पर नियुक्त किया गया। प्रतिवादी अपीलकर्ता से कनिष्ठ था। दो वर्ष की परिवीक्षा अवधि पूरी होने के बाद शैलेन्द्र के साथ के अन्य परिवीक्षा कर्मी को सात मार्च 2014 से पद पर स्थायी कर दिया गया। 27 जनवरी 2015 को उसको सहायक ग्रेड-1 के पद पर पदोन्नत किया गया। हालांकि अपीलकर्ता की सर्विस की उस समय पुष्टि नहीं की गई। देर से स्थायी होने के कारण प्रमोशन से वंचित शैलेन्द्र का अनुवादक के पद पर स्थायीकरण देर से हुआ। इस कारण उसके सहकर्मी को दी गई पदोन्नति के लिए वह अयोग्य हो गया। व्यथित होकर उसने 29 अप्रैल 2015 को एक अभ्यावेदन प्रस्तुत किया, जिसमें प्रतिवादी से अपनी वरिष्ठता बनाए रखने के लिए पूर्वव्यापी प्रभाव से स्थायीकरण और पदोन्नति का अनुरोध किया।अभ्यावेदन पर विचार नहीं किया गया। इस पर शैलेंद्र ने हाई कोर्ट में रिट याचिका दायर की। सिंगल बेंच ने 16 जुलाई 2025 को याचिका खारिज कर दी। इससे व्यथित होकर अपीलकर्ता कर्मचारी ने डिवीजन बेंच में अपील दायर की। कार्य और आचरण रिपोर्ट अलग-अलग, इसलिए भेदभाव नहीं डिवीजन बेंच ने सुनवाई के बाद सिंगल बेंच के निष्कर्ष को उचित माना, जिसमें कहा गया था कि कार्य और आचरण रिपोर्ट और एसीआर अलग-अलग हैं। हाई कोर्ट प्रशासन ने तर्क दिया कि मार्च 2014 में अपीलकर्ता की दो साल की परिवीक्षा अवधि पूरी होने पर उसके कार्य और आचरण पर रिपोर्ट अच्छी और औसत नहीं पाई गई।

मतदाता सुरक्षा बढ़ी, आयोग का बड़ा फैसला – EVM-VVPAT पर नए नियम लागू

पटना  बिहार विधानसभा चुनाव को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से निर्वाचन आयोग ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। आयोग ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि किसी भी मतदान दल को सुरक्षा बलों की मौजूदगी के बिना ईवीएम और वीवीपैट मशीनें नहीं सौंपी जाएंगी। इस नियम का पालन सुनिश्चित करने के लिए सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए गए हैं। कॉलेज और जिला स्कूल में बनाए गए हैं डिस्पैच सेंटर विधानसभा चुनाव की प्रशासनिक तैयारियां अब अंतिम चरण में हैं। विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों के लिए MIT, RDS कॉलेज और जिला स्कूल में अलग-अलग डिस्पैच सेंटर बनाए गए हैं। आगामी 6 नवंबर को मतदान होना निर्धारित है। उससे एक दिन पहले यानी 5 नवंबर को मतदान कर्मी, पदाधिकारी और सुरक्षा बल बूथों के लिए रवाना होंगे। ये सभी दल डिस्पैच सेंटर से ईवीएम और अन्य आवश्यक मतदान सामग्री प्राप्त करेंगे। जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा है कि चुनाव की प्रक्रिया को पारदर्शी और जिम्मेदार बनाने के लिए बिना सुरक्षा बलों की उपस्थिति के किसी भी दल को ईवीएम या वीवीपैट उपलब्ध नहीं कराई जाएगी। काउंटर पर मौजूद पदाधिकारियों की जवाबदेही होगी कि वे केवल उन्हीं दलों को सामग्री दें जो सुरक्षा बलों के साथ पहुंचे हों। किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पीठासीन पदाधिकारी निभाएंगे ये जिम्मेदारी डिस्पैच सेंटरों पर मौजूद पीठासीन पदाधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि मतदान दल के साथ सुरक्षा बल हों। इसके बाद ही उन्हें मतदान सामग्री सौंपी जाएगी। सभी दलों को सामग्री प्राप्ति की पावती देनी होगी और उसे सुरक्षित रखना अनिवार्य होगा। साथ ही वितरण रजिस्टर को भी लगातार अपडेट किया जाएगा ताकि भविष्य में कोई भ्रम की स्थिति उत्पन्न न हो। निर्वाचन प्रक्रिया को व्यवस्थित रखने के लिए प्रत्येक डिस्पैच सेंटर पर 20-20 काउंटर बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जरूरत पड़ने पर काउंटरों की संख्या बढ़ाई भी जा सकती है। मतदाता और कर्मियों की सुविधा के लिए हेल्पलाइन, सूचना सामग्री और पब्लिक एड्रेस सिस्टम की भी व्यवस्था की जा रही है। सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए मजबूत बैरिकेडिंग और ड्राप गेट का निर्माण किया जा रहा है। वहीं, आपात स्थिति से निपटने के लिए सिविल सर्जन को एंबुलेंस, चिकित्सक, पारा मेडिकल स्टाफ और आवश्यक दवाइयों की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।