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अमेठी में पिकअप वाहन के नहर में गिरने से 18 श्रद्धालु घायल

अमेठी उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले में एक गांव के पास पिकअप वाहन के नहर में गिरने से 12 महिलाओं समेत 18 श्रद्धालु घायल हो गए। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी। पुलिस के अनुसार, मोहनगंज थानाक्षेत्र के बारकोट गांव से 18 श्रद्धालु एक पिकअप वाहन में सवार होकर अहोरवन भवानी दर्शन के लिए जा रहे थे कि तभी पन्हौना गांव के पास एक मोड़ पर पिकअप वाहन अनियंत्रित होकर नहर में गिर गया। पुलिस ने बताया कि वाहन में सवार 18 श्रद्धालु घायल हो गए, जिनमें 12 महिलाएं भी शामिल हैं। शिवरतनगंज थाना प्रभारी विवेक सिंह ने बताया, "श्रद्धालुओं को मामूली चोटें आई हैं और वे खतरे से बाहर हैं।" उन्होंने बताया कि घायलों को प्राथमिक उपचार के लिए शिवरतनगंज के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) ले जाया गया, जहां उनका इलाज जारी है।   

कांग्रेस नेता के बेटे का बयान: केंद्र में आए तो आरएसएस पर लगाएंगे बैन, मचा बवाल

बेंगलूरु  कर्नाटक में कांग्रेस और भाजपा के बीच चल रही जुबानी जंग और तेज हो गई है। राज्य सरकार में मंत्री प्रियांक खरगे ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर प्रतिबंधित लगाने का बयान देकर विवाद को हवा दे दी है। खरगे ने कहा, 'अगर केंद्र में हमारी सरकार बनती है, तो हम आरएसएस पर पाबंदी लगा देंगे।' इस बयान को लेकर दोनों दलों के बीच राजनीतिक बहस गरमा गई है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे प्रियांक खरगे ने आरएसएस पर धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद के खिलाफ होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने पहले भी दो बार आरएसएस पर प्रतिबंध लगाया था, जिसे हटाने का उन्हें अफसोस है। प्रियांक खड़गे ने आरएसएस की विचारधारा को समानता और आर्थिक समता के खिलाफ बताया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शुरू से ही आरएसएस के सिद्धांतों का विरोध करती रही है और भविष्य में भी ऐसा करना जारी रखेगी। खरगे ने दावा किया कि आरएसएस को पहले भी प्रतिबंधित किया गया था, तब संगठन ने राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों से इनकार करते हुए माफी मांगी थी। उन्होंने कहा, 'हमारे पास इन घटनाओं के रिकॉर्ड मौजूद हैं, जिससे यह संकेत मिलता है कि कांग्रेस सत्ता में आने पर कठोर कदम उठा सकती है।' भाजपा ने खरगे के बयान पर किया पलटवार दूसरी ओर, भाजपा ने प्रियांक खरगे के बयान पर करारा जवाब दिया है। कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने आरएसएस को लाखों स्वयंसेवकों वाला देशभक्ति संगठन बताया। उन्होंने खरगे के बयान को खाली बर्तन की आवाज करार दिया। उन्होंने कहा कि आरएसएस एक विशाल वृक्ष है, जिसे कोई भी राजनीतिक शक्ति उखाड़ नहीं सकती। विजयेंद्र ने कांग्रेस से अपनी पार्टी के भविष्य पर ध्यान देने की सलाह दी और सवाल उठाया कि क्या कांग्रेस का अस्तित्व भी भविष्य में बरकरार रहेगा। इस तरह कर्नाटक में आरएसएस को प्रतिबंधित करने की बहस ने राजनीतिक माहौल को और गर्म कर दिया है।  

बॉलीवुड में छिड़ी नई चर्चा, सुंदर दिखने को लिए हर हफ्ते Injection लगवाती थी Actress

पंजाब बॉलीवुड एक्ट्रेस Shefali Jariwala की शुक्रवार को अचानक मौत हो गई। कहा जा रहा है कि उनकी मौत कार्डियक अरेस्ट (Cardiac Arrest) से हुई है, लेकिन  पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने पर ही खुलासा होगा कि आखिर मौत किन कारणों के कारण हुई है। बताया जा रहा है कि शेफाली कई वर्षों से एंटी-एजिंग दवाइयां ले रही थीं। 27 जून को परिवार ने घर में धार्मिक पूजा रखी थी, जिसके चलते पूरा दिन उसने व्रत रखा था। इसके बावजूद दोपहर में उन्होंने कथित तौर पर एंटी-एजिंग दवा का इंजेक्शन ले लिया, जिस कारण इसका गंभीर असर हुआ। वहीं इसके बाद ही हर तरफ एंटी एजिंग ट्रीटमेंट्स और ब्यूटी करेक्शन सर्जरी को लेकर चर्चा शुरू हो रही है।    हाल में अभिनेत्री करीना कपूर ने कहा कि वो बोटोक्स के खिलाफ हैं, तो वहीं मल्लिका शेरावत ने वीडियो शेयर कर कहा कि नैचुरल ब्यूटी को अपनाएं जबकि सर्जरी और दवाओं जैसे दूसरे तरीकों से बचें। इसी बीच एक्ट्रेस रोजलिन खान ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि वो भी गोरी और चमकती त्वचा के लिए एक महीने में 4 इंजेक्शन लेती थी, लेकिन जब मैंने देखा फेयरनेस आ गई तो मैंने महीने में 2 इंजेक्शन और उसके बाद एक इंजेक्शन लिया। रोजलिन का कहना है कि इसकी एक लिमिट होती है, अगर आप  ओवरडोज करते हैं तो आपकी बॉडी इसे झेल नहीं सकेगी। 

CM पद की लॉबिंग बेकार गई! सुरजेवाला ने शिवकुमार के सामने ही कर दी घोषणा

बेंगलुरु कर्नाटक में बीते कई दिनों से डीके शिवकुमार के समर्थक मांग कर रहे थे कि अब नेतृत्व परिवर्तन होना चाहिए। सिद्धारमैया की जगह पर उन्हें मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग थी, लेकिन कांग्रेस हाईकमान की ओर से भेजे गए रणदीप सुरजेवाला ने उन्हें बगल में बिठाकर दावा खारिज कर दिया है। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि यदि आपका सवाल है कि क्या कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन होने जा रहा है तो मेरा जवाब ना में है। सुरजेवाला ने कहा, 'आप मुझसे पूछ रहे हैं कि क्या कर्नाटक में नेतृत्व बदल रहा है। इस पर मेरी एक ही जवाब है कि नहीं।' रणदीप सुरजेवाला ने कहा, 'कई विधायकों की ओर से लीडरशिप चेंज की मांग की गई है। इस पर रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि मैं अपने विधायकों को सलाह देता हूं कि यदि उन्हें कोई परेशानी है तो फिर मसले को मीडिया में उठाने की बजाय पार्टी फोरम पर बात करें। यदि राज्य के संगठन में कोई दिक्कत है तो फिर प्रदेश अध्यक्ष से बात कर सकते हैं। सरकार में कोई समस्या हो तो फिर मुख्यमंत्री से बात करनी चाहिए।' इस दौरान डीके शिवकुमार उनके बगल में एकदम शांत बैठे दिखे। उनके चेहरे पर उदासी का भाव दिख रहा था, जिसे वह संभालने की कोशिश कर रहे थे।  

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा- सीएम योगी बिना थके, बिना रुके कार्य कर रहे हैं, डॉक्टर व नर्स को भी ऐसा ही बनना होगा

गोरखपुर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने मंगलवार को गोरखपुर में उत्तर प्रदेश के पहले आयुष विश्वविद्यालय का लोकार्पण किया। यह आयुष विश्वविद्यालय भटहट क्षेत्र के पिपरी में 52 एकड़ क्षेत्रफल में बना है। इस विश्वविद्यालय के निर्माण में 267.50 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। राष्ट्रपति सोमवार से उत्तर प्रदेश के दो दिवसीय दौरे पर हैं। आयुष विश्वविद्यालय के लोकार्पण के अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि तपस्या साधना की धरती गोरखपुर राष्ट्रप्रेम की भी भूमि है। गोरखपुर धरती से जुड़ी महानविभूतियों को नमन करते हुए राष्ट्रपति ने गीता प्रेस का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि मंदिर में पूजा-अर्चना करने के मौके पर कल गीता प्रेस की ओडिया भाषा में मुझे शिव पुराण और भगवद्गीता पुस्तक भेंट की गयी। गीता प्रेस का योगदान बहुत अच्छा है। उन्होंने कहा कि महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय का लोकार्पण करके हमें प्रसन्नता हो रही है। मुझे खुशी हो रही है कि यहां उच्चस्तरीय सुविधाओं की व्यवस्था की गयी है। यहां आयुष पद्धतियों में स्नातक से लेकर उच्च स्तर का शिक्षण किया जाएगा। आयुष पद्धतियों से जुड़ी शिक्षा, पारम्परिक पद्धतियों के शोध कार्य पर विशेष जोर दिया जाएगा। इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को धन्यवाद देना चाहती हूं। उन्होंने अथक और निद्राजीत का उल्लेख करते हुए कहा कि योगी बिना थके, बिना रुके कार्य कर रहे हैं। डाक्टर और नर्स को भी अथक और निद्राजीत बनना होगा। आप सब जीवनदायिनी हैं। आपको आत्मावलोकन करना चाहिए कि क्या हम बेहतर कर पा रहे हैं। भारत योगी और ऋषियों की भूमि है। राष्ट्रपति ने कहा कि जल, थल, आकाश, वायु और अग्नि से मिलकर बना यह शरीर है। हमारे पास आज सारी सुविधाएं हैं। क्या यह सारी सुविधाओं का हमे उपयोग करना ठीक है। हम आभारी हैं प्रधानमंत्री मोदी के, उन्होंने योग का बढ़ावा दिया। आज भारत का डंका पूरे विश्व में बज रहा है। हम कहते हैं कि स्वास्थ्य ही संपदा है। भारत को विश्व गुरु बनने के लिए हमें आज से ही प्रयास करना होगा। राष्ट्रपति ने आहार, विहार पर भी अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि हमे स्वथ रहना है तो इलाज के साथ इसे भी अपनाना होगा। आयुर्वेद दवाओं की एक्सपायरी नहीं है। देश-विदेश की उपयोगी चिकित्सा पद्धतियों को 2014 के बाद देश और 2017 के बाद उप्र ने आयुष विभाग स्थापित कर अपनाया है। आयुष पद्धतियों की लोकप्रियता बढ़ रही है। महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विवि इसमें बहुत ही उपयोगी साबित होगा। राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि आयुष विवि खुलने से इलाज बेहतर होगा। साथ ही किसानों को भी फायदा होने वाला है। आयुर्वेद की दवाएं बनाने के लिए कई विशेष प्लांट चाहिए। वह खेत में ही होगा। इन दवाओं में केमिकल नहीं उपयोग किया जाएगा। हमारे पास एलोपैथी, आयुर्वेद और होम्योपैथी भी है। हमें अपनी पद्धति का प्रचार करना होगा। हमारे डाक्टरों, जनप्रतिनिधियों, समाजसेवियों की कमी की वजह से प्रचार नहीं हुआ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज का यह दिन अत्यंत गौरवशाली क्षण है। राष्ट्रपति के कर कमलों से आयुष विवि का लोकार्पण हो रहा है। हम सब जानते हैं कि 2014 के पहले हमारी पारम्परिक चिकित्सा को स्थान मिलना चाहिए, वह नहीं मिल पाया था। केन्द्र में मोदी सरकार आने के बाद से योग, नेचुरोपैथी, आयुर्वेद, युनानी जैसी अन्य परम्परागत पद्धतियों को नई पहचान मिल रही है। अब इस विवि में पढ़ाई के लिए प्रवेश शुरू हो जाएगा।इस माैके पर उप्र के मंत्री सूर्य प्रताप शाही, स्वतंत्र देव सिंह, संजय निषाद, दयाशंकर मिश्र दयालु, सांसद रविकिशन शुक्ल समेत कई जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।  

एक लीक फोन कॉल ने इस महिला प्रधानमंत्री को अपने पद से सस्पेंड करवा दिया.

बैंकॉक  थाईलैंड की संवैधानिक अदालत ने  प्रधानमंत्री पैतोंगटर्न शिनावात्रा को उनके पद से अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है। यह फैसला एक लीक हुई फोन कॉल को लेकर लिया गया है, जिसमें कथित तौर पर सरकारी शक्तियों के दुरुपयोग का संकेत मिलता है। क्या है पूरा मामला? शिनावात्रा पर आरोप है कि उन्होंने एक गुप्त फोन कॉल के जरिए संवैधानिक सीमाओं से परे जाकर सरकारी हस्तक्षेप किया। इस कॉल में वे न्यायिक और प्रशासनिक संस्थाओं को प्रभावित करने की बात करती हुई सुनाई दीं। अदालत ने इसे संविधान के अनुच्छेदों के उल्लंघन के रूप में देखा और तत्काल प्रभाव से उन्हें पद से हटाने का आदेश दिया।  कौन करेगा अब काम? प्रधानमंत्री पद से निलंबन के बाद, कार्यवाहक प्रधानमंत्री का काम उप-प्रधानमंत्री को सौंपा गया है। हालांकि, कोर्ट में मामले की अंतिम सुनवाई पूरी होने तक शिनावात्रा अपनी शक्तियों का उपयोग नहीं कर सकेंगी। पार्टी की प्रतिक्रिया शिनावात्रा की पार्टी, फ्यू थाई पार्टी, ने इस फैसले पर निराशा जताई है और कहा है कि यह एक राजनीतिक साजिश का हिस्सा हो सकता है। पार्टी समर्थकों ने इसे लोकतंत्र पर हमला बताया है।   राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यदि अदालत उन्हें दोषी ठहराती है, तो नई सरकार बनाने या मध्यावधि चुनाव कराने की स्थिति बन सकती है। फिलहाल देश में राजनीतिक अस्थिरता गहराने के संकेत मिल रहे हैं। सीमा विवाद को सुलझाने के लिए शिनावात्रा ने कंबोडिया के ताकतवर नेता हुन सेन के साथ फोन पर बातचीत की थी, जिसकी कॉल रिकॉर्डिंग लीक हो गई. इस फोन कॉल के दौरान दोनों नेताओं ने सीमा विवाद पर चर्चा की और बातचीत में शिनावात्रा ने हुन सेन को 'अंकल' कहकर संबोधित किया. साथ ही कहा कि अगर उन्हें कुछ चाहिए तो वह उसका ख्याल रखेंगी. इसके अलावा शिनावात्रा ने थाई सैन्य कमांडर को अपना 'प्रतिद्वंद्वी' बताया, जिसके कारण पीएम की काफी आलोचना हुई और उन पर दुश्मन देश के आगे घुटने टेकने का आरोप लगा.  दुश्मन देश के आगे झुकने का आरोप रूढ़िवादी सांसदों ने उन पर कंबोडिया के सामने झुकने और सेना को कमजोर करने का आरोप लगाया है. साथ ही आरोप लगाया है कि उन्होंने मंत्रियों के बीच 'स्पष्ट ईमानदारी' और 'नैतिक मानकों' की जरूरत वाले संवैधानिक प्रावधानों के खिलाफ जाकर काम किया है. इसी लीक फोन कॉल के बाद पूरे देश में पीएम शिनावात्रा के खिलाफ आक्रोश फैल गया और उनको संवैधानिक जांच का सामना करना पड़ रहा है. पैटोंगटार्न शिनावात्रा ने सोमवार को कहा कि वह अदालती प्रक्रिया को स्वीकार करेंगी और उसका पालन करेंगी. हालांकि वह नहीं चाहतीं कि उनके काम में कोई रुकावट आए. उन्होंने पत्रकारों से कहा, 'अगर आप मुझसे पूछें कि क्या मैं चिंतित हूं, तो मैं परेशान हूं.' इससे पहले थाईलैंड के राजा महा वजिरालोंगकोर्न ने मंत्रिमंडल में फेरबदल का समर्थन किया था, जो उस समय मजबूरी में किया गया था, जब लीक हुए फोन कॉल की वजह से एक प्रमुख पार्टी ने शिनावात्रा की गठबंधन सरकार से नाता तोड़ दिया था. कैबिनेट में हुआ फेरबदल इस फेरबदल में पूर्व उप प्रधानमंत्री अनुतिन चारविरकुल को पद से हटाया गया, जो भूमजैथई पार्टी के नेता थे, जिन्होंने फोन कॉल लीक के बाद सरकार से समर्थन वापस ले लिया था. अनुतिन की जगह फुमथम वेचायाचाई की नियुक्ति की गई है, जो पहले रक्षा मंत्री थे और अब उन्हें गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है. रक्षा मंत्री का पद खाली छोड़ दिया गया और उप मंत्री को कार्यवाहक मंत्री बनाया गया है. शिनावात्रा ने खुद संस्कृति मंत्री का पद संभाला है. उन्होंने कहा कि वह वैश्विक स्तर पर थाई संस्कृति को बढ़ावा देना चाहती हैं. प्रधानमंत्री बनने से पहले शिनावात्रा ने थाईलैंड के भोजन, संस्कृति और खेल पर फोकस करते हुए देश की 'सॉफ्ट पावर' को बढ़ावा देने में अहम रोल निभाया था. पीएम पद भी जा सकता है संवैधानिक न्यायालय ने पिछले साल नैतिकता के उल्लंघन के कारण उनके पूर्ववर्ती श्रेथा थाविसिन को बर्खास्त कर दिया था. पूर्व पीएम थाविसिन पर एक अपराधी को मंत्री बनाने का आरोप था. थाईलैंड की अदालतों, विशेष रूप से संवैधानिक कोर्ट को राजशाही प्रतिष्ठान के एक गढ़ के रूप में देखा जाता है, जिसने राजनीतिक विरोधियों को डुबोने के लिए उनका और चुनाव आयोग जैसी नाममात्र की स्वतंत्र एजेंसियों का इस्तेमाल किया है. शिनावात्रा को राष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोधक आयोग के कार्यालय की तरफ से कथित तौर पर नैतिकता के उल्लंघन की जांच का भी सामना करना पड़ रहा है, जिसका फैसला आने पर उन्हें प्रधानमंत्री पद से हटाया भी जा सकता है. इस कॉल पर आक्रोश विशेष तौर पर शिनावात्रा की तरफ से थाई सैन्य कमांडर पर दिए बयानों और सीमा पर तनाव कम करने के लिए कंबोडियाई नेता हुन सेन को खुश करने की कोशिशों को लेकर था. पैटोंगटार्न शिनावात्रा थाईलैंड की सबसे युवा प्रधानमंत्री होने के साथ-साथ देश की दूसरी महिला पीएम हैं. वह पूर्व प्रधानमंत्री थाकसिन शिनावात्रा की सबसे छोटी बेटी हैं. पैटोंगटार्न अपने परिवार से थाईलैंड की पीएम बनने वाली तीसरी नेता हैं. उनके पिता थाकसिन शिनावात्रा और बुआ यिंगलुक शिनावात्रा भी पीएम रह चुके हैं. 

क्या है इकनॉमिक वारफेयर? एस. जयशंकर ने आतंकी हमले से जोड़ा गंभीर रिश्ता

नई दिल्ली विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पहलगाम आतंकवादी हमले को इकनॉमिक वारफेयर बताया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने यह हमला इसलिए कराया ताकि कश्मीर में पर्यटन उद्योग को नुकसान पहुंचाया जा सके, जिसके चलते वहां आर्थिक समृद्धि आ रही थी और हालात तेजी से सामान्य हो रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने कहा कि हम किसी भी देश की न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग को स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि कश्मीर में आर्थिक संपन्ना का एक ही माध्यम लेगों के पास है और वह है पर्यटन। ऐसे में पाकिस्तानी आतंकियों ने उसे ही टारगेट किया। इसके अलावा धर्म पूछकर लोगों को इसलिए मार डाला गया ताकि सांप्रदायिक सौहार्द देश का बिगड़ जाए। इकनॉमिक वारफेयर युद्ध की ऐसी पद्धति है, जिसमें प्रतिद्वंद्वी देश की अर्थव्यवस्था को टारगेट करने की कोशिश होती है। आर्थिक युद्ध का अर्थ है- किसी देश या समूह को आर्थिक रूप से कमजोर करने, अस्थिर करने या दंडित करने के लिए आर्थिक साधनों का प्रयोग करना। यह एक गैर-सैन्य रणनीति है, जिसमें दुश्मन पर बंदूक या बम से हमला नहीं किया जाता, बल्कि उसकी आर्थिक प्रणाली को निशाना बनाकर कमजोर किया जाता है। ऐसी रणनीति अकसर अमेरिका अपनाता रहा है, जैसे रूस, ईरान, क्यूब, वेनेजुएला जैसे देशों पर आर्थिक प्रतिबंध लगाना। इसके अलावा ऐसे हमलों को भी इस श्रेणी में शामिल किया जाता है, जिससे आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हों और लोगों में डर का संचार हो। क्या हैं इकनॉमिक वारफेयर के पैंतरे किसी देश के व्यापार, निवेश या वित्तीय लेन-देन पर रोक लगाना इसका सबसे प्रमुख तरीका है। जैसे रूस पर अमेरिका और यूरोप द्वारा लगाए गए प्रतिबंध। इसके अलावा किसी देश से आयात-निर्यात पर पूर्ण या आंशिक रोक। यही नहीं अपनी मुद्रा को जानबूझकर सस्ता करके दूसरे देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाना भी इसमें शामिल है। किसी देश या उसके नेताओं की विदेशी संपत्तियों को फ्रीज करना भी इस रणनीति में शामिल है। कई बार बैंक, शेयर बाजार और फाइनेंशियल नेटवर्क पर हमला करने की कोशिश भी इसमें शामिल है। इसके अलावा सप्लाई चेन तोड़ने की कोशिश भी इसमें शामिल है, जैसे- तेल, गैस या अन्य महत्वपूर्ण संसाधनों की आपूर्ति को बाधित करना। एक और चीज इसमें अहम है, जैसे आर्थिक प्रोपेगेंडा। यानी किसी देश की अर्थव्यवस्था को कमजोर बताना या फिर शेयर बाजार को लेकर अफवाह फैलाना ताकि निवेशकों में डर का संचार हो। लगभग ऐसी ही रणनीति पाकिस्तान ने भी पहलगाम में अपनाई, जो एक टूरिस्ट हॉटस्पॉट है। ऐसे में पहलगाम में ही हमला करके पर्यटकों में डर का संचार करने की कोशिश की गई।  

बेंगलुरु भगदड़ पर ट्रिब्यूनल सख्त, RCB को बताया जिम्मेदार, पुलिस कोई जादूगर या भगवान नहीं’

 बेंगलुरु  केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (CAT) ने भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के वरिष्ठ अधिकारी विकास कुमार विकास के खिलाफ कर्नाटक सरकार के निलंबन आदेश को रद्द कर दिया है, जिन पर पिछले महीने यहां हुई भीषण भगदड़ के मद्देनजर कार्रवाई की गई थी। एम चिन्नास्वामी स्टेडियम के सामने चार जून को मची भगदड़ में 11 लोगों की जान चली गई थी। मामले में योजना और भीड़ प्रबंधन को लेकर तीखी आलोचना हुई थी। कैट ने स्टेडियम में भगदड़ के लिए रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) को ही जिम्मेदार माना है।  कोर्ट ने पुलिसकर्मियों का किया बचाव कैट ने कहा कि प्रथम दृष्टया आरसीबी क्रिकेट टीम 4 जून को बेंगलुरु में एकत्रित हुई भारी भीड़ के लिए जिम्मेदार है। जिसके कारण मची भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए थे। कैट ने स्टेडियम में तैनात पुलिसकर्मियों का बचाव करते हुए कहा कि वह कोई जादूगर या भगवान नहीं हैं। बिना अनुमति किया गया जश्न का ऐलान एनडीटीवी के मुताबिक, न्यायाधिकरण ने अपने आदेश में कहा कि RCB ने न तो पुलिस से कोई पूर्व अनुमति ली और न ही उन्हें सूचित किया. टीम ने अचानक सोशल मीडिया पर सूचना शेयर की, जिससे लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई. आदेश में यह भी कहा गया कि पुलिस के पास मात्र 12 घंटे का समय था, जो इतने बड़े आयोजन के लिए पर्याप्त नहीं माना जा सकता. CAT ने किया पुलिस का बचाव CAT ने पुलिस की आलोचना को अनुचित बताया और कहा, "पुलिसकर्मी भी इंसान होते हैं. वे न भगवान हैं, न जादूगर, और न ही उनके पास अलादीन का चिराग है जिससे किसी भी काम को तुरंत पूरा किया जा सके." ट्रिब्यूनल ने माना कि अचानक जानकारी के कारण पुलिस के पास पर्याप्त समय नहीं था, इसलिए उन्हें दोषी नहीं ठहराया जा सकता. आईपीएस अधिकारी विकास कुमार को राहत इस आदेश में CAT ने आईपीएस अधिकारी विकास कुमार विकास के निलंबन को भी रद्द कर दिया. केंद्र सरकार ने हादसे के दो दिन बाद उन्हें निलंबित कर दिया था. लेकिन न्यायाधिकरण ने इसे गलत करार देते हुए कहा कि यह निलंबन अवधि उनकी सेवा में जोड़ी जाएगी. विकास कुमार उस समय बेंगलुरु वेस्ट जोन के इंस्पेक्टर जनरल और एडिशनल कमिश्नर ऑफ पुलिस थे और स्टेडियम की सुरक्षा के प्रभारी थे. 3 से 5 लाख की भीड़ के लिए जिम्मेदार है RCB अपनी टिप्पणी में ट्रिब्यूनल ने कहा, 'प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि आरसीबी लगभग तीन से पांच लाख लोगों की भीड़ के लिए जिम्मेदार है। आरसीबी ने पुलिस से उचित अनुमति या सहमति नहीं ली। अचानक, उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट किया और उपरोक्त जानकारी के परिणामस्वरूप जनता एकत्र हो गई।' 12 घंटे के कम समय में पुलिस से ये उम्मीद नहीं की जा सकती ट्रिब्यूनल ने आरसीबी द्वारा जश्न मनाने की अंतिम समय में की गई घोषणा की आलोचना की और इसे उपद्रव भी बताया है। कोर्ट ने आदेश में कहा, 'अचानक, आरसीबी ने बिना किसी पूर्व अनुमति के उपरोक्त प्रकार का उपद्रव किया। पुलिस से यह उम्मीद नहीं की जा सकती कि लगभग 12 घंटे के कम समय में पुलिस, पुलिस अधिनियम या अन्य नियमों आदि में आवश्यक सभी व्यवस्थाएं कर लेगी।' पुलिस के पास 'अलाद्दीन का चिराग' नहीं- ट्रिब्यूनल आईपीएल फ्रैंचाइजी ने अपनी पहली आईपीएल जीत के अगले दिन 4 जून को विजय परेड समारोह के बारे में सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था। ट्रिब्यूनल ने पुलिस की भूमिका का भी बचाव करते हुए कहा, 'पुलिस कर्मी भी इंसान हैं। वे न तो 'भगवान' हैं और न ही जादूगर और न ही उनके पास 'अलाद्दीन के चिराग' जैसी जादुई शक्तियाँ हैं जो केवल उंगली रगड़ने से किसी भी इच्छा को पूरा कर सकती हैं।'

धार को 2,100 करोड़ रुपये की पीएम मित्र टेक्सटाइल पार्क सौगात, PM मोदी करेंगे शुभारंभ

धार  मध्यप्रदेश के धार जिले में विकसित किए जा रहे प्रधानमंत्री मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल रीजन एंड अपैरल (पीएम मित्रा) पार्क का शुभारंभ अगस्त में होगा। इसका शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथ से कराने की तैयारी चल रही है। इस पार्क के शुरू होने के पहले ही 10 हजार करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव आ चुके हैं।   फिलहाल यहां पर तेजी से विकास कार्य किए जा रहे हैं। यह टेक्सटाइल पार्क प्लग एंड प्ले सुविधा, सोलर प्लांट, सेंट्रलाइज्ड स्टीम बॉयलर के साथ स्थापित किया जा रहा है। जो यहां पर उद्योग शुरू करने वाले निवेशकों के लिए काफी सुविधाजनक होगा। 2100 एकड़ क्षेत्र में बन रहा पार्क औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग के प्रमुख सचिव राघवेन्द्र सिंह के अनुसार अगले दो माह में पीएम मित्रा पार्क का शुभारंभ कराने की तैयारी चल रही है। गुजरात के सूरत में हुए इंटरैक्टिव सेशन में भी उन्होंने इसकी जानकारी दी और निवेशकों को आमंत्रित किया है। अप्रेल माह में ही केन्द्र सरकार ने धार के इस पार्क के लिए 2100 करोड़ रुपए की विकास योजना को मंजूरी दी है। इसके बाद यहां पर तेजी से विकास कार्य किए जा रहे हैं। अगले साल के अंत तक यहां उत्पादन शुरू होने की संभावना है। यह देश भर में केन्द्र सरकार द्वारा स्वीकृत किए गए सात टेक्सटाइल पार्कों में से एक है। यह पार्क धार के भैंसोला गांव में लगभग 2100 एकड़ क्षेत्र में बन रहा है। आवास की सुविधा टेक्सटाइल मंत्रालय द्वारा स्वीकृत विकास योजना में यहां पर प्लग एंड प्ले यूनिट्स का विकास किया जाएगा। कंपनियों को सभी जरूरी सुविधाएं तैयार मिलेंगी, वे आकर तुरंत काम शुरू कर सकते हैं। यहां काम करने वालों के लिए औद्योगिक पार्क परिसर में ही रहने की व्यवस्था की जाएगी। 20 एमएलडी का जीरो लिक्विड डिस्चार्ज प्लांट लगाया जाएगा। इससे लिक्विड वेस्ट नहीं निकलेगा। गंदे पानी को उपचारित कर वहीं उपयोग किया जाएगा। सोलर पावर प्लांट भी बनाया जाएगा।

1 अगस्त से छत्तीसगढ़ में 30 प्रतिशत तक बढ़ सकते हैं जमीनों के भाव

रायपुर प्रदेश में अचल संपत्ति और जमीन की सरकारी कीमतों यानी कलेक्टर गाइडलाइन दरों में एक अगस्त से बढ़ोतरी तय मानी जा रही है। राज्य सरकार बाजार मूल्य और गाइडलाइन दरों में मौजूद अंतर को न्यूनतम करने की दिशा में सक्रिय हो गई है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि गाइडलाइन दर 30 फीसदी तक बढ़ सकती है। इसके लिए 30 जून से सात जुलाई तक प्रदेशभर में प्रचलित बाजार दरों का भौतिक सर्वेक्षण किया जा रहा है। सर्वे पूरा होने के बाद एक अगस्त से नई दरें लागू की जा सकती हैं। बनाई गई है विशेष टीम साल 2025-26 के लिए अचल संपत्ति की गाइडलाइन दरों के पुनरीक्षण की प्रक्रिया आरंभ हो चुकी है। इसके तहत पांचों संभागों (रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, बस्तर और सरगुजा) के लिए विशेष टीमें बनाई गई हैं। इन टीमों में उप महानिरीक्षक पंजीयन मदन कोर्पे, उषा साहू तथा संबंधित जिला पंजीयक और वरिष्ठ उप पंजीयक शामिल हैं। जमीनी हकीकत को परखेंगी टीमें राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि गाइडलाइन दरों को यथासंभव बाजार मूल्य के निकट लाने के लिए आंकड़ों का विश्लेषण दस्तावेजों और क्षेत्रीय निरीक्षण के आधार पर किया जाएगा। पटवारियों और तहसीलदारों के माध्यम से हर इलाके की रिहायशी कॉलोनियों, व्यावसायिक परिसरों और अन्य अचल संपत्तियों की जानकारी जुटाई गई है। नए मापदंड से तय होंगी दरें प्रस्तावित गाइडलाइन दरों के निर्धारण में स्पष्ट मापदंड अपनाए जा रहे हैं। रोड से लगी हुई संपत्तियों की दरें केवल रोड के आधार पर निर्धारित होंगी, रोड से अंदर की दरें तय नहीं की जाएंगी ताकि भ्रम की स्थिति न बने। वहीं 40 फीट से अधिक चौड़ाई वाली सड़कें 'मुख्य मार्ग' मानी जाएंगी। कम चौड़ाई की सड़कें, यदि वे दो इलाकों को जोड़ती हैं, तो उन्हें भी मुख्य मार्ग की श्रेणी में रखा जाएगा। सात साल बाद बदलाव की तैयारी गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में साल 2017 के बाद से गाइडलाइन दरों में कोई संशोधन नहीं हुआ है, जबकि नियमानुसार यह प्रक्रिया हर साल की जानी चाहिए। इस बार राज्य सरकार ने गाइडलाइन पुनरीक्षण के लिए सभी जिलों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। बाजार मूल्य की वास्तविकता को पकड़ने के लिए बैंकिंग संस्थाओं से भी संबंधित क्षेत्रों की संपत्ति दरों की जानकारी ली जा रही है।