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राज्य स्तर के बाद हर जिले में होगा पुलिस शिकायत प्राधिकरण का गठन, हरियाणा सरकार का ऐलान

चंडीगढ़ हरियाणा सरकार पुलिस विभाग में सुधार को लेकर लगातार प्रयासरत है। हरियाणा में राज्य पुलिस शिकायत प्राधिकरण गठित किए जाने के बाद अब सरकार ने सभी जिलों में पुलिस शिकायत प्राधिकरण का गठन करने का फैसला किया है। जिला स्तर पर गठित प्राधिकरण के समक्ष इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी की शिकायत की जा सकेंगी। वहीं सरकार की ओर से गठित राज्य पुलिस शिकायत प्राधिकरण में महिला सदस्यों की नियुक्ति भी जल्द ही की जाएगी। गौरतलब है कि 1989 बैच के सेवानिवृत्त आइपीएस अधिकारी डॉ. आरसी मिश्रा को हाल ही में राज्य पुलिस शिकायत प्राधिकरण का चेयरपर्सन और 2014 बैच के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी ललित सिवाच को सदस्य बनाया गया है।   अब करीब 11 वर्षों के बाद जिला पुलिस शिकायत प्राधिकरण के गठन पर काम शुरू हो गया है। इससे आमजन इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारियों के खिलाफ शिकायत कर सकेंगे। जिला स्तरीय पुलिस कंप्लेंट अथारिटी का चेयरमैन सेवानिवृत्त जिला जज हो सकता है। सदस्यों के तौर पर सेवानिवृत्त आइएएस और आइपीएस अधिकारी नियुक्त किए जा सकते हैं।   राज्य पुलिस शिकायत प्राधिकरण के पास 500 से अधिक शिकायतें लंबित हैं, जिन पर सुनवाई होनी है। इसके अलावा प्राधिकरण ने 70 मामलों में इंस्पेक्टर और उससे नीचे रैंक के पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सुनवाई के बाद गृह विभाग को कार्रवाई के लिए लिख दिया है।

युवाओं के लिए आकाश दीप का संदेश – सफलता की चाबी है आत्मविश्वास और अनुशासन

रोहतास भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार खिलाड़ी आकाश दीप ने हाल ही में भारत और इंग्लैंड के बीच खेली गई पांच टेस्ट मैचों की सीरीज में बेहतर प्रदर्शन किया था। सीरीज खत्म होने के बाद वे अपने गृहराज्य बिहार पहुंचे। रोहतास में सोमवार को उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए युवाओं को सफलता का मंत्र दिया। तेज गेंदबाज आकाश दीप ने बताया, “पहले जब मैं गांव में क्रिकेट खेलता था, तो काफी मजा आता था, फिर मेरी इसमें रुचि बढ़ी। जब मेरी समझ हुई, तो इसके बारे में मैंने सोचना शुरू किया।” भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज के पांचवें टेस्ट की बात करते हुए उन्होंने कहा, “इंग्लैंड सीरीज का आखिरी मैच काफी रोचक था, क्योंकि पांचों दिन कभी ऐसा नहीं लगा कि खेल किसी एक टीम के कंट्रोल में है; हर सेशन में उतार-चढ़ाव देखने को मिला। कभी मेजबान तो कभी मेहमान टीम के पाले में खेल जा रहा था। टेस्ट मैच का असली मजा यही है कि आखिरी दिन तक यह नहीं पता चले कि कौन जीतेगा।” युवाओं को संदेश देते हुए उन्होंने कहा, “सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं है। नतीजे हमारे हाथ में नहीं होते, हमारे हाथ में जो चीजें हैं, हम सिर्फ वही कर सकते हैं। हमें खुद पर भरोसा रखने और मेहनत करने की जरूरत है। अनुशासित जीवन जीना चाहिए। अगर यह सभी रहेगा, तो सफलता कभी न कभी मिलेगी ही।” दाएं हाथ के मीडियम पेसर आकाश दीप ने हाल ही में इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए ‘एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी’ में शानदार प्रदर्शन किया था। उन्होंने बर्मिघम में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच की दोनों पारियों को मिलाकर 10 विकेट चटकाए थे। इस मैच में टीम इंडिया ने 336 रनों से जीत दर्ज की थी। 0-1 से सीरीज में पिछड़ने के बाद टीम इंडिया की वापसी में आकाश दीप ने बेहतरीन भूमिका निभाई थी। तीसरे टेस्ट में उन्होंने एक विकेट चटकाया। वहीं, ओवल में खेले गए पांचवें टेस्ट की दूसरी पारी में 66 रनों की अर्धशतकीय पारी खेली थी। साथ ही, दोनों पारी में एक-एक विकेट चटकाए थे। भारत ने इस मैच में भी जीत दर्ज कर सीरीज को 2-2 से बराबर किया था।  

राज्यपाल मंगुभाई पटेल से मुख्य सचिव ने की सौजन्य भेंट

भोपाल राज्यपाल मंगुभाई पटेल से मुख्य सचिव  अनुराग जैन ने सोमवार को राजभवन पहुंचकर सौजन्य भेंट की। राज्यपाल  पटेल का मुख्य सचिव ने पुष्पगुच्छ भेंट कर अभिनंदन किया।    

डिप्टी कलेक्टर पर महिला आरक्षक का आरोप – बार-बार शारीरिक संबंध और तीन बार कराया गर्भपात

बालोद छत्तीसगढ़ के बालोद जिले से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। एक महिला आरक्षक ने डिप्टी कलेक्टर पर शादी का झांसा देकर बार-बार शारीरिक संबंध बनाने, जबरदस्ती गर्भपात करवाने और आर्थिक शोषण करने का गंभीर आरोप लगाया है। शिकायत में महिला ने यह बताया है कि उनका संबंध करीब आठ साल तक चलता रहा। इस दौरान उसने डिप्टी कलेक्टर को लाखों रुपये भी दिए। पीड़िता ने इस मामले की शिकायत डौंडी थाना में की है। पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। महिला आरक्षक और डिप्टी कलेक्टर की जान-पहचान डौंडी थाना में महिला आरक्षक ने शिकायत में बताया कि वर्ष 2017 में ग्राम अवारी, जिला बालोद निवासी दिलीप उईके के साथ वह डौंडी स्थित आईटीआई में पढ़ाई कर रही थी। एक साथ पढ़ाई करने के कारण हमारी बातचीत शुरू हुई, जो धीरे-धीरे प्यार में बदल गई। दिलीप ने उससे शादी का वादा किया और उसके साथ शारीरिक संबंध स्थापित करना शुरू किया। स्वजातीय होने के कारण और डौंडी में पढ़ाई के दौरान शारीरिक संबंध बनाने के कारण महिला मार्च 2017 में पहली बार गर्भवती हुई। जब उसने यह बात दिलीप को बताई, तो उसने कहा कि अभी वह पढ़ाई कर रहे हैं, पहले कुछ बन जाए और अपने पैरों पर खड़े हो जाएं, फिर शादी और बच्चे के बारे में सोचा जाएगा। इसके बाद उसने महिला को झांसा देकर जबरदस्ती दवा खिलाकर गर्भपात करवाया। अगस्त 2017 में महिला की पुलिस विभाग में नौकरी लग गई और दिलीप उईके ने आगे की पढ़ाई के लिए दुर्ग साइंस कॉलेज में एडमिशन लिया। शुरुआत में वह हॉस्टल में रह रहे थे, बाद में किराये पर मकान लेकर रहने लगे। महिला की नौकरी लग जाने के कारण और भविष्य में दिलीप के साथ शादी करने की आशा में उसने उसकी पढ़ाई, कोचिंग और अन्य खर्चों के लिए हर माह 4-5 हजार रुपये उसके खाते में ट्रांसफर की। इस दौरान जब भी दोनों की मुलाकात होती, तो दिलीप शादी की बात कहकर महिला के साथ शारीरिक संबंध बनाता रहा। पीएससी परीक्षा में सफल होने के बाद वर्ष 2020 में दिलीप डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयनित हुआ और बीजापुर में पोस्टिंग हुई। नौकरी लगने के बाद जब महिला ने शादी के लिए कड़ा रुख अपनाया, तो उसने महिला को झांसा देते हुए कहा कि अभी नौकरी लगी है, जल्द ही अच्छे से सैटल हो जाऊं, फिर तुमसे शादी करूंगा और लगातार संबंध बनाते रहा। पीड़िता ने बताया कि फरवरी 2023 में दिलीप ने उसके नाम पर मारुति कार (बेजा) खरीदी, जिसका वाहन क्रमांक CG 24T3967 है। फरवरी 2024 में दिलीप ने उसके नाम से लोन की बकाया राशि अपने खाते से महिला के खाते में ट्रांसफर करवाकर कार को अपने नाम पर ट्रांसफर कर लिया। दिसंबर 2024 में वह महिला को अंडमान लेकर गया और 2 दिसंबर से 6 दिसंबर तक फिर से शारीरिक संबंध बनाया। लगभग एक माह बाद महिला को पता चला कि वह फिर से गर्भवती हूं। गर्भावस्था की जानकारी देने पर दिलीप ने मुझे बीजापुर बुलाया। जनवरी 2024 में महिला बीजापुर में दिलीप के शासकीय आवास में लगभग एक सप्ताह रही। उसी दौरान उसने शादी से पहले गर्भवती होने से समाज में होने वाली बदनामी का डर दिखाकर 13 जनवरी 2025 को जबरदस्ती गर्भपात की दवा खिलाई। दवा लेने के कारण महिला की तबीयत खराब हुई। जब महिला ने शादी की मांग की, तो दिलीप ने महिला को मंदिर में शादी का आश्वासन दिया। इसके बाद भी फरवरी और मार्च 2025 में बार-बार शादी का झांसा देकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाया और महिला को आर्थिक रूप से भी प्रभावित किया। इस दौरान महिला ने बैंक से लोन लेकर कुल 3,30,000 रुपये दिलीप के खाते में ट्रांसफर किए। मई 2025 में तीसरी बार गर्भवती होने पर भी उसने(दिलीप) शादी का झांसा देकर 15 मई 2025 को जबरदस्ती गर्भपात की दवा खिलाई। बार-बार फोन करने के बावजूद दिलीप ने जवाब नहीं दिया। 2 जून 2025 को दिलीप महिला को उसके घर छोड़कर गया और साफ-साफ कहा कि वह शादी नहीं कर सकता, तुम्हे जो करना है कर लो। इस मामले में महिला आरक्षक की शिकायत पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी है। इस मामले में सीएसपी दल्लीराजहरा चित्रा वर्मा ने बताया कि डौंडी थाना क्षेत्र के एक गांव से लड़की का आवेदन प्राप्त हुआ है। मामला दर्ज कर बयान लिया जा रहा है। आगे की कार्रवाई नियमानुसार की जाएगी। वहीं इस मामले में जब हमने बीजापुर में पदस्थ डिप्टी कलेक्टर दिलीप उईके के मोबाइल नंबर ***35271 पर फोन लगाया तो उनकी तरफ से भी जवाब नहीं मिला।

ध्रुव राठी का बड़ा कदम: AI Fiesta लॉन्च, सभी एआई टूल्स एक ही जगह उपलब्ध

नई दिल्ली यूट्यूबर ध्रुव राठी ने AI Fiesta के नाम से अपना स्टार्टअप लॉन्च किया है। इसे लेकर उन्होंने रविवार को एक वीडियो भी अपने चैनल पर पोस्ट किया। AI Fiesta को आप AI का एग्रीगेटर समझ सकते है। यानी कि आप इस एक प्लेटफॉर्म पर तमाम अलग-अलग AI इस्तेमाल कर पाएंगे। यहां खास बात यह है कि इस प्लेटफॉर्म पर आपको सभी AI का प्रो वर्जन उपलब्ध कराया जाएगा। अपने इन नए प्लेटफॉर्म को लेकर ध्रुव राठी ने अपनी वीडियो में बताया कि उन्हें इस स्टार्टअप का आइडिया अपनी रोजमर्रा की एक समस्या से मिला है। चलिए इस नए AI प्लेटफॉर्म के बारे में डिटेल में समझते हैं, और जानते हैं कि इससे आपको क्या फायदे होंगे? क्या है AI Fiesta AI Fiesta एक नए AI प्लेटफॉर्म का नाम है, जो कि यूट्यूबर ध्रुव राठी का स्टार्टअप है। यह अपने आप में एक AI नहीं बल्कि अलग-अलग AI को एक साथ इस्तेमाल करने का मंच है। इसे आप AI एग्रीगेटर की तरह समझ सकते हैं। इस बारे में ध्रुव ने बताया कि वह और उनकी टीम रोजमर्रा के कामों के लिए अलग-अलग AI का इस्तेमाल करते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि अलग-अलग AI अलग-अलग कामों में माहिर होते हैं। इस वजह से उनका और उनकी टीम का ज्यादातर समय अलग-अलग AI से अपना काम लेने में खराब होता था। ऐसे में ध्रुव को तमाम AI चैटबॉट्स एक प्लेटफॉर्म पर लाने का विचार आया। जिसने AI Fiesta को जन्म दिया। क्या हैं AI Fiesta के फायदे? AI Fiesta की मदद से आप लगभग सभी पॉपुलर AI चैटबॉट्स को एक प्लेटफॉर्म पर एक्सेस कर सकते हैं। आप इस प्लेटफॉर्म पर एक बार में सभी AI चैटबॉट्स से अपना सवाल पूछ पाएंगे और ऐसा आप लिखकर और बोलकर दोनो तरीके से कर सकते हैं। एक बार सवाल पूछने पर सभी के सभी AI चैटबॉट्स उसका एक साथ जवाब देना शुरू देते हैं। इसके बाद आपको जिस भी AI चैटबॉट का जवाब अपनी जरूरत के हिसाब से ठीक लगे आप उसके साथ आगे की चैट जारी रख सकते हैं।इस प्लेटफॉर्म की खास बात यह भी है कि जो यूजर्स इसका सब्सक्रिप्शन लेंगे उन्हें सभी AI चैटबॉट्स के पेड या प्रो वर्जन इस्तेमाल करने को मिलेंगे। ध्रुव ने अपने वीडियो में वादा किया है कि वह इस प्लेटफॉर्म में आने वाले तमाम AI बॉट्स और उनके पेड वर्जन का एक्सेस उपलब्ध करवाते रहेंगे। क्या है कीमत? ध्रुव ने अपने वीडियो में बताया कि अगर आप अलग-अलग जरूरतों के मुताबिक सभी पॉपुलर चैटबॉट्स का सब्सक्रिप्शन लें तो उसके लिए आपको महीने के 10 हजार रुपये तक खर्च करने पड़ेंगे। वहीं AI Fiesta का एक महीने के सब्सक्रिप्शन की कीमत सिर्फ 999 रुपये है। इसमें आपको सभी AI चैटबॉट्स के प्रो वर्जन का एक्सेस एक ही जगह पर मिल जाएगा। वहीं इस प्लेटफॉर्म का सालभर का सब्सक्रिप्शन 9,999 रुपये में लिया जा सकता है। इस लिहाज से देखा जाए तो ध्रुव राठी के इस नए प्लेटफॉर्म से उन लोगों को बहुत फायदा होगा, जो अलग-अलग AI चैटबॉट्स का अपने काम में इस्तेमाल करते हैं। कैसे कर पाएंगे इस्तेमाल ध्रुव ने अपने वीडियो में बताया है कि उनका यह प्लेटफॉर्म ऐप के तौर पर फिलहाल Android यूजर्स के लिए उपलब्ध है और जल्द इसका iOS ऐप भी सभी के लिए उपलब्ध होगा। इसके अलावा इसकी साइट पर जाकर भी इस प्लेटफॉर्म को एक्सेस किया जा सकता है। AI Fiesta को इस्तेमाल करने के लिए आपको इसकी साइट पर अपना एक अकाउंट बनाना होगा। इसके बाद कुछ AI जैसे कि ChatGPT 5, Gemini 2.5 Pro और Deepseek मुफ्त में एक जगह इस्तेमाल करने को मिल जाते हैं। वहीं बाकी के AI चैटबॉट्स जैसे कि Perplexity Sonar Pro, Claude Sonnet 4 और Grok 4 का सब्सक्रिप्शन पाने के लिए आपको AI Fiesta का सब्सक्रिप्शन लेना होगा।

शराब खरीदते समय मारपीट: चाकू व बोतल से वार, तीन घायल

रायपुर  गंजपारा शराब भट्ठी में शनिवार शाम शराब की लाइन में धक्का-मुक्की को लेकर विवाद हो गया। विवाद इतना बढ़ा कि आरोपितों ने चाकू और बीयर की बोतल से हमला कर तीन लोगों को घायल कर दिया। पुलिस के अनुसार, छोटा रामनगर कबीर चौक निवासी तेजपाल चौहान शनिवार की शाम करीब पांच बजे अपने दोस्तों गितेश वर्मा और तोषण साहू के साथ गंजपारा शराब भट्ठी शराब लेने पहुंचा था। लाइन में लगे होने के दौरान गंजपारा निवासी अमन सोनी, लक्की गोप, दुर्गेश उर्फ दरवेश और तामू उर्फ तामेश्वर पहुंचे और पहले शराब लेने की बात कहकर तेजपाल को धक्का देकर पीछे करने लगे। मना करने पर आरोपितों ने तेजपाल को गालियां देते हुए चाकू से बांयी जांघ पर वार कर दिया, जिससे वह घायल हो गए और खून बहने लगा। बीच-बचाव करने आए तोषण साहू के सिर पर बीयर की बोतल मार दी, जिससे उनके सिर में गंभीर चोट आई। वहीं, गितेश वर्मा को कांच के टुकड़े से मारा गया, जिससे उसे भी चोट आई है।  

भूपेश बघेल को SC से झटका, ED मामले में कानून का पालन अनिवार्य

रायपुर  सुप्रीम कोर्ट ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट (पीएमएलए) की धारा 44 के तहत जांच करने के प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारों को चुनौती देने वाली छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की याचिका पर विचार करने से सोमवार को इनकार कर दिया। देश की सबसे बड़ी अदालत ने उन्हें हाई कोर्ट जाने की नसीहत दी। जस्टिस सूर्य कांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने बघेल की याचिका पर सुनवाई से इनकार करते हुए कहा कि इस प्रावधान में कुछ भी गलत नहीं है। पीठ ने साथ ही कहा कि अगर इसका (धारा 44) दुरुपयोग हो रहा है तो पीड़ित पक्ष हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं। पीठ की ओर से न्यायमूर्ति बागची ने कहा, 'दुर्भावना कानून में नहीं, बल्कि उसे दुरुपयोग में है।' कांग्रेस नेता ने पीएमएलए की धारा 44 के तहत ईडी को मूल शिकायत के बाद दर्ज की गई अन्य शिकायतों के आधार पर धन शोधन से संबंधित मामले में आगे की जांच के अधिकार को चुनौती दी थी। गौरतलब है कि ईडी छत्तीसगढ़ में बघेल के मुख्यमंत्री कार्यकाल में कथित तौर पर 2,000 करोड़ रुपए की शराब बिक्री से संबंधित धन शोधन के आरोपों की जाच कर रही है। केंद्रीय जांच एजेंसी का दावा है कि संबंधित मामले में अवैध रूप से कमीशन की वसूली की गई, जिससे सरकारी खजाने को काफी नुकसान हुआ।

एक पेड़ माँ के नाम अभियान में पर चल रहा है पौध रोपण कार्यक्रम

भोपाल  प्रदेश के शासकीय विद्यालयों में 'एक पेड़ माँ के नाम 2.0' पौध रोपण अभियान 5 जून 2025 से स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा चलाया गया है। अभियान में अब तक करीब 9 लाख 90 हजार पौध रोपित किये जा चुके हैं। लगाए गये पौधों को मिशन लाइफ पोर्टल पर प्रदर्शित भी किया गया है। प्रदेश में विद्यालयों के आस-पास और परिसर में पूरी योजना के साथ पौध रोपण के निर्देश दिये गये है। विद्यालयों के प्राचार्यों को लगाए गये पौधों की सुरक्षा के समुचित उपाय किये जाने के निर्देश दिये गए है। प्रदेश में 92 हजार से अधिक शासकीय स्कूल हैं जहां ये अभियान चलाया जा रहा है। पौध रोपण कार्यक्रम आगामी 30 सितम्बर तक विद्यालयों में ईको क्लब के माध्यम से संचालित होगा। मिशन लाइफ का गठन शासकीय विद्यालयों में क्लब फॉर मिशन लाइफ का गठन किया गया है। इसके अंतर्गत 15 हजार से अधिक ईको क्लब का गठन किया गया है। ईको क्लब के माध्यम से पर्यावरण से जुड़े विषयों, निबंध प्रतियोगिता और जल शक्ति अभियान गतिविधियाँ प्रमुख रूप से आयोजित की जा रही हैं। राज्य स्तरीय शालेय खेल कैलेण्डर जारी लोक शिक्षण संचालनालय ने शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिये शालेय खेल कैलेण्डर जारी किया है। कैलेण्डर में राज्य स्तरीय खेल प्रतियोगिताएँ और स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के द्वारा राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं की तिथियाँ घोषित की गई हैं। इस संबंध में संभागीय संयुक्त संचालक लोक शिक्षण और समस्त जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किये गये है। खेल प्रतियोगिताएँ 8 सितम्बर से शुरू होंगी जो 10 दिसम्बर तक 2025 निर्धारित तिथियों के अनुसार चलेंगी। इन प्रतियोगिताओं में बॉक्सिंग, जूडो, व्हालीबॉल, फुटबॉल, टेनिस, किक्रेट, जिमनास्टिक, मलखंब, कराते, शतरंग, कबड्डी, तलवार बाजी, एथलेटिक्स, बास्केट वॉल, हॉकी के साथ अन्य खेल भी शामिल किये गये हैं। ये खेल प्रतियोगिताएँ आयु वर्ग के हिसाब से बालक और बालिकाओं के लिये होगी। राज्य स्तरीय जवाहर लाल नेहरू हॉकी प्रतियोगिता प्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जवाहर लाल नेहरू हॉकी शालेय प्रतियोगिता की तिथियाँ भी तय कर दी गई है। जूनियर हॉकी टूर्नामेन्ट(15 वर्ष से कम आयु वर्ग) 8 अक्टूबर से 18 अक्टूबर तक, नेहरू बालिका हॉकी टूर्नामेंट (17 वर्ष से कम आयु वर्ग) 19 अक्टूबर से 30 अक्टूबर तक और नेहरू बालक हॉकी टूर्नामेंट (17 वर्ष से कम आयु वर्ग) 26 नवम्बर से 6 दिसम्बर 2025 तक तथा इससे जुड़ी राज्य स्तरीय प्रतियोगिता सिवनी में 24 से 30 अगस्त 2025 तक होंगी। इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किये गये हैं।  

55 हजार से अधिक बच्चे हुए गुम, MP के बाणगंगा और लसूड़िया में सबसे ज्यादा मिसिंग केस

भोपाल  मध्य प्रदेश में गुमशुदा बच्चों को लेकर एमपी विधानसभा से बड़ी जानकारी सामने आई है, जो हैरान करने वाली भी है. क्योंकि पिछले चार साल में मध्य प्रदेश से 55 हजार से ज्यादा बच्चों के गुमशुदा होने के आंकड़े मिले हैं. यह जानकारी कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री सचिन यादव के सवाल के जवाब में मिली है. सरकार की तरफ से यह माना गया है कि 2021 में 4 जुलाई से 2025 तक 59 हजार 365 बच्चे मध्य प्रदेश से गुमशुदा हुए हैं, जिनमें लड़कियों की संख्या ज्यादा है. यह आंकड़े हैरान करने वाले हैं, इनमें सबसे ज्यादा बच्चे भोपाल और इंदौर जैसे बड़े शहरों से गायब हुए हैं. जबकि इसमें कई दूसरे बड़े जिले भी शामिल हैं.  53 हजार को खोजा गया  बता दें कि मध्य प्रदेश में पिछले चार साल में 48,274 लड़कियां और 11,091 लड़के गुमशुदा हुए हैं. जिससे यह आंकड़े चौंकाने वाले जरूर है. हालांकि सरकार की तरफ से यह जानकारी भी दी गई जो बच्चें गुमशुदा हुए थे, उनमें से 53 हजार बच्चों को पुलिस ने खोज निकाला है, जो कुल बच्चों का 90 फीसदी है. लेकिन 6035 बच्चों की तलाश अभी भी पुलिस को जारी है.  इंदौर में तो वह हमारे पास बहुत अच्छे से रह रही थी। 8वीं के बाद उसने पढ़ाई नहीं की। मैं अपने बच्चे का एडमिशन कराने स्कूल गई थी। पिता काम पर गए थे। उसने कुछ बोला भी नहीं और चली गई। हमारी बेटी कहीं भी रहे, बस हमें ये पता चल जाए कि वह वहां ठीक है। अगर वह दूसरी जगह भी रहना चाहती है तो हमे कोई दिक्कत भी नहीं है। दूसरी बार उसे कहा ढूंढें, कहां जाएं, किससे पूछें। सबसे बड़ी दिक्कत तो ये है कि ढूंढें तो ढूंढें कहां। मोबाइल नंबर भी नहीं है। हमारे सामने किसी से बात भी नहीं करती थी…। प्रदेश में सबसे ज्यादा गुमशुदगी के मामले इंदौर से प्रदेश का ये पहला मामला नहीं है जब कोई बच्ची अचानक ही घर से लापता हुई हो और वर्षों तो उसका कोई सुराग न मिले। दरअसल, विधानसभा में कांग्रेस विधायक सचिन यादव द्वारा पूछे गए सवाल में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। विधायक यादव के सवालों पर मिले जवाब के मुताबिक मप्र में बीते साढे़ चार सालों में करीब 58 हजार से ज्यादा बच्चे गुम हुए हैं। इनमें 47 हजार बेटियां और 11 हजार बेटे गायब हुए हैं। बच्चों के गुम होने की जो जानकारी विधानसभा में दी गई है। उसमें ये सामने आया है कि सबसे ज्यादा बच्चे इंदौर से गायब हो रहे हैं। इंदौर शहर के जिन थानों से बच्चे गायब हो रहे हैं उनमें, बाणगंगा थाना क्षेत्र से सबसे ज्यादा 449 बेटियां गुम हुई हैं। दूसरे नंबर पर लसूडिया से 250, चंदन नगर से 220, आजाद नगर से 178, द्वारका पुरी से 168 बेटियां गुम हुई हैं। बच्चियों के गुम होने के मामले में धार जिला दूसरे नंबर पर है। सचिन यादव ने लगाया था सवाल  मध्य प्रदेश में बच्चों के गुमशुदा होने से जुड़ा सवाल कांग्रेस विधायक सचिन यादव ने लगाया था. उन्होंने कहा 'चार साल में 60 हजार से ज्यादा बच्चे मध्य प्रदेश में गुमशुदा हुए हैं, जिसमें 48 हजार के करीब बेटियां हैं. अकेले भोपाल में 2500 से 3000 के बीच यह आंकड़े हैं. कांग्रेस विधायक ने कहा कि यह चिंता का विषय हैं और प्रशासनिक तंत्र पर भी सवाल खड़े करता है.  क्योंकि राजधानी भोपाल और इंदौर जैसे बड़े शहरों में भी सुरक्षा पर सवाल खड़े होते हैं.  भोपाल-इंदौर में सबसे ज्यादा मिसिंग  बता दें कि भोपाल और इंदौर में सबसे ज्यादा बच्चों के गायब होने की बात सामने आई है. भोपाल में 2,980 बच्चे गायब हुए हैं, जिनमें 1,804 लड़कियां और 1,174 लड़के शामिल हैं. वहीं इंदौर की बात की जाए तो यहां चार साल में 4,574 बच्चे गायब हुए हैं, जिनमें 3,560 लड़कियां और 1,014 लड़के शामिल हैं. जबकि दूसरे जिलों में भी यह आंकड़े बढ़े हैं. ऐसे में प्रदेश के लिए यह चिंता का विषय बना हुआ है.  बता दें कि कई गुमशुदा बच्चों की पुलिस में रिपोर्ट भी दर्ज हुई हैं. लेकिन विधानसभा के मानसून सत्र में निकलकर आई यह जानकारी हैरान करने वाली जरूर है. बता दें कि मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में बीजेपी और कांग्रेस विधायकों के बीच इस बार तीखी तकरार दिख रही है.   जानिए इंदौर से लापता बच्ची के परिवार की हालत लसूडिया थाना क्षेत्र के राहुल गांधी नगर में रहने वाले एक परिवार की 16 साल की बेटी घर से अचानक लापता हो गई। परिवार ने इंदौर के साथ ही जिस गांव में वे रहते थे, वहां भी उसकी तलाश की, लेकिन बेटी का पता नहीं चला। हालत ये हो गई कि बेटी के गम में माता-पिता का खाना और काम पर जाना तक छूट गया था। उसे लापता हुए 1 महीना हो गए। मजबूरी में माता-पिता दोनों ही अपने-अपने काम पर जाने तो लगे, लेकिन उनकी आंखें हमेशा बेटी को तलाशती रहती हैं। पुलिस ने शिकायत दर्ज करने से मना किया लापता बच्ची के पिता ने बताया कि उनकी बेटी की उम्र 16 साल है। उसके लापता होने का बाद उसे जहां-जहां संभव हो सकता था वहां उसकी तलाश की, लेकिन उसका पता नहीं चला। रिश्तेदारों के यहां भी पूछ लिया। जब उसका कहीं पता नहीं चला तो मैं पुलिस की मदद लेने के लिए थाने गया। अब जानिए किस जिले के किन 5 थाना क्षेत्रों से सबसे ज्यादा बेटियां गुम हुईं ग्वालियर जिला: (कुल गुम हुए बच्चे- 1857,लड़कियां-1268, लड़के-589) ग्वालियर जिले में सबसे ज्यादा ग्वालियर थाने से 106 बच्चियां गुम हुई हैं। दूसरे नंबर पर डबरा से 90, मुरार से 88 जनकगंज से 86, बहोड़ापुर से 72 बच्चियां गुम हुई हैं। शिवपुरी जिला: (गुम हुए कुल बच्चे- 960, बेटियां- 764 बेटे- 196) शिवपुरी जिले में पिछोर थाने से सबसे ज्यादा 88 बच्चियां गुम हुई हैं। कोतवाली थाना क्षेत्र से 80, करेरा से 55, बैराड़ से 49 कोलारस और देहात थाना क्षेत्रों से 46- 46 बेटियां गुम हुई हैं। गुना जिला; (कुल गुम हुए बच्चे: 795, बेटियां – 662, बेटे – 133) गुना जिले में सबसे ज्यादा 98 बच्चियां कैंट थाना क्षेत्र से गुम हुई हैं। दूसरे नंबर पर कोतवाली से … Read more

भारतीय महिला फुटबॉल टीम का ऐतिहासिक कारनामा, एशियाई कप क्वालीफिकेशन पर मिला इनाम

यांगून  भारत की अंडर-20 महिला फुटबॉल टीम ने रविवार, 10 अगस्त को यांगून के थुवुन्ना स्टेडियम में अपने अंतिम ग्रुप डी मुकाबले में मेजबान म्यांमार को 1-0 से हरा दिया. इस जीत के दम पर भारत ने दो दशकों में पहली बार एएफसी (एशियन फुटबॉल कंफेडरेशन) अंडर-20 महिला एशियाई कप के लिए क्वालीफाई किया है. भारत ने पिछली बार 2006 में एएफसी अंडर-20 महिला एशियाई कप के लिए क्वालीफाई किया था. भारतीय महिला फुटबॉल टीम का शानदार प्रदर्शन भारत की अंडर-20 महिला टीम ने टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया और ग्रुप डी के क्वालीफिकेशन अभियान में अपराजित रही. इस अभियान में उन्होंने इंडोनेशिया (0-0) और तुर्कमेनिस्तान (7-0) के खिलाफ मैच खेले. इसके बाद उन्होंने मेजबान म्यांमार को 1-0 हराया. इस अभियान में उन्होंने एक भी गोल नहीं खाया. एएफसी अंडर-20 महिला एशियाई कप क्वालीफायर एएफसी अंडर-20 महिला एशियाई कप 2026 के लिए क्वालीफायर में कुल 32 टीमें 11 स्थानों के लिए प्रतिस्पर्धा कर रही हैं. मेजबान थाईलैंड ने होस्ट होने की वजह से पहले ही क्वालीफिकेशन हासिल कर लिया है. क्वालीफायर में, टीमों को चार-चार के आठ समूहों में विभाजित किया गया है. आठ समूह विजेता और सभी समूहों में से तीन सर्वश्रेष्ठ दूसरे स्थान पर रहने वाली टीमें मुख्य प्रतियोगिता के लिए क्वालीफाई करेंगी, जो अगले साल अप्रैल में 1 से 18 तक एएफसी अंडर-20 महिला एशियाई कप में आमने सामने होंगी. AIFF ने किया इनाम का ऐलान अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF ) ने अंडर-20 महिला राष्ट्रीय टीम के शानदार प्रदर्शन के लिए उन्हें 25,000 अमेरिकी डॉलर (लगभग 22 लाख रुपये) का इनाम देने की घोषणा की है. एआईएफएफ ने भारतीय खेल प्राधिकरण (एसएआई) के सहयोग से महिला फुटबॉल में जमीनी और युवा ढांचे को मजबूत करने के लिए कई पहल की हैं. ऐसी ही एक पहल है अस्मिता महिला फुटबॉल लीग, जिसके तहत 2023 से 2025 तक देश भर में अंडर-13, अंडर-15 और अंडर-17 स्तरों पर 155 लोगों का सफल आयोजन हुआ. 2023-24 के संस्करण में 6,305 जूनियर खिलाड़ियों ने भाग लिया, जो 2024-25 में बढ़कर 8,658 हो गई. इन प्रयासों के परिणामस्वरूप, भारत में पंजीकृत महिला फुटबॉलरों की संख्या में पिछले एक साल में 232% की वृद्धि हुई है. AIFF भारतीय खिलाड़ियों की हर संभव मदद करेगी एआईएफएफ ने एक बयान में कहा, "भविष्य को देखते हुए, एआईएफएफ अप्रैल 2026 में थाईलैंड में होने वाले एएफसी अंडर-20 महिला एशियाई कप 2026 के लिए सर्वोत्तम संभव तैयारी सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. महासंघ विस्तारित प्रशिक्षण शिविरों की सुविधा प्रदान करने और टीम के लिए उच्च-गुणवत्ता वाला अंतर्राष्ट्रीय अनुभव सुनिश्चित करने के लिए सभी हितधारकों के साथ मिलकर काम करेगा.' फेडरेशन ने आगे कहा, 'महासंघ का उद्देश्य न केवल खिलाड़ियों को प्रशिक्षण के माध्यम से शारीरिक और मानसिक रूप से फिट बनाना है, बल्कि उन्हें एशिया की सर्वश्रेष्ठ टीमों के खिलाफ खेलने के लिए तैयार करना भी है. एआईएफएफ के लिए तैयारी मैच खेलने के लिए अच्छे प्रतिद्वंद्वियों की व्यवस्था करने के अवसरों पर भी विचार किया जा रहा है.'