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अपनी पहली ही टी20 सीरीज में श्री चरणी ने बनाया अनूठा रिकॉर्ड

नई दिल्ली भले ही भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ एजबेस्टन में पांचवें टी20 मैच को पांच विकेट से गंवा दिया, लेकिन इस सीरीज में बाएं हाथ की स्पिनर श्री चरणी ने अनूठा कारनामा किया। 20 वर्षीय श्री चरणी ने इसी सीरीज में अपने टी20 करियर की शुरुआत की। उन्होंने सीरीज के सभी पांच मैच खेले, जिसमें 14.8 की औसत के साथ 10 विकेट अपने नाम किए। इसी के साथ श्री चरणी टी20 सीरीज में सर्वाधिक विकेट लेने वाली भारतीय महिला खिलाड़ियों की लिस्ट में संयुक्त रूप से पहले पायदान पर पहुंच गई हैं। श्री चरणी के अलावा राधा यादव भी एक ही टी20 सीरीज में 10 विकेट लेने का कारनामा कर चुकी हैं। राधा यादव ने साल 2024 में बांग्लादेश के खिलाफ ऐसा किया था। इस लिस्ट में श्री चरणी-राधा यादव के बाद दीप्ति शर्मा का नाम है, जिन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ इसी सीरीज में 9 विकेट लिए हैं। श्री चरणी टी20 सीरीज से पहले वनडे फॉर्मेट में डेब्यू कर चुकी हैं। उन्होंने अपने करियर में पांच वनडे मैच खेले, जिसमें उनके नाम छह विकेट दर्ज हैं। श्री चरणी ने इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज के पहले मैच में 12 रन देकर चार विकेट चटकाए थे। इसके बाद अगले तीन मुकाबलों में उन्होंने दो-दो शिकार किए। हालांकि, अंतिम मैच में उन्हें कोई विकेट हाथ नहीं लग सका। भारत-इंग्लैंड के बीच खेली गई इस सीरीज को टीम इंडिया ने 3-2 से अपने नाम किया है। एजबेस्टन में सीरीज के पांचवें मैच में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए सात विकेट खोकर 167 रन बनाए। भारत की इस पारी में शेफाली वर्मा ने 41 गेंदों में एक छक्के और 13 चौकों की मदद से 75 रन बनाए। इंग्लैंड की ओर से चार्ली डीन ने सर्वाधिक तीन विकेट झटके, जबकि सोफी एक्लेस्टोन को दो विकेट हाथ लगे। इसके जवाब में इंग्लैंड ने अंतिम गेंद पर जीत दर्ज की। इंग्लैंड को सलामी जोड़ी ने शानदार शुरुआत दिलाई। सोफिया डंकले और डेनियल व्याट-हॉज ने 10.4 ओवरों में 101 रन जोड़े। डंकले 30 गेंदों में 46 रन बनाकर आउट हुईं, जबकि डेनियल ने 37 गेंदों में 56 रन की पारी खेली। इनके अलावा, कप्तान टैमी ब्यूमोंट ने 30 रन का योगदान टीम के खाते में दिया। भारत की ओर से दीप्ति शर्मा और अरुंधति रेड्डी को दो-दो विकेट हाथ लगे। वहीं, राधा यादव ने एक विकेट अपने नाम किया।

द्रौपदी मुर्मू ने देखी फिल्म तन्वी द ग्रेट, अनुपम खेर ने कहा हमारे लिये गर्व का पल

नई दिल्ली,  बॉलीवुड के जानेमाने चरित्र अभिनेता और फिल्मकार अनुपम खेर का कहना है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का फिल्म तन्वी द ग्रेट देखना उनके लिये गर्व का पल है। फिल्म तन्वी द ग्रेट की खास स्क्रीनिंग शुक्रवार को राष्ट्रपति भवन में हुई। इस मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ ही फिल्म की स्टारकास्ट भी शामिल हुई, जिनमें अनुपम खेर, बोमन ईरानी, करण टेकर और शुभांगी शामिल थे। अनुपम खेर ने फिल्म तन्वी द ग्रेट का निर्देशन करने के अलावा इसमें अभिनय भी किया है। अनुपम खेर ने अपने इंस्टाग्राम पर स्पेशल स्क्रीनिंग की फोटोज शेयर कीं। इसके कैप्शन में उन्होंने लिखा, यह हमारे लिए गर्व का सबसे बड़ा पल था कि देश की राष्ट्रपति और भारतीय सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर ने हमारी फिल्म देखी और अंत में उसकी सराहना की। यह एक सपना सच होने जैसा था। एक निर्देशक के तौर पर देश के सबसे बड़े पद से ऐसा समर्थन मिलना मेरे लिए सच में कुछ भी हो सकता है वाला पल है। बोमन ईरानी ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘तन्वी द ग्रेट’ की टीम के लिए एक गर्वभरा और विनम्र करने वाला लम्हा… जब देश की राष्ट्रपति ने हमारी फिल्म देखी और तारीफ़ की। ये बहुत ही खास और दुर्लभ मौका था ,ऐसा मौका जो याद दिलाता है कि हम ये सब क्यों करते हैं। @अनुपमखेरसर, हमें इस अनमोल सफर का हिस्सा बनाने के लिए धन्यवाद।" फिल्म तन्वी द ग्रेट में शुभांगी दत्त मुख्य भूमिका में हैं, जबकि अनुपम खेर, जैकी श्रॉफ, बोमन ईरानी, पल्लवी जोशी, करण टैकर और इयान ग्लेन जैसे कलाकार अहम भूमिकाएं निभा रहे हैं। निर्देशन और कहानी अनुपम खेर की है। इस फिल्म का निर्माण अनुपम खेर स्टूडियोज ने एनएफडीसी (राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम) के साथ मिलकर किया है। यह फिल्म 18 जुलाई को रिलीज होगी।  

दवा मार्केटिंग के मास्टर बन सवारें अपना भविष्य

फार्मास्युटिकल उद्योग तेजी से बढ़ने वाले उद्योगों में से एक है। शानदार ग्रोथ की वजह से इसमें नौकरियां भी तेजी से बढ़ी हैं। अगर आप साइंस बैकग्राउंड के हैं और सेल्स तथा कस्टमर को मैनेज करने का हुनर रखते हैं, तो मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव के रूप में करियर की बेहतरीन शुरूआत कर सकते हैं…। भारत का फार्मा सेक्टर 13-14 फीसदी सालाना की दर से ग्रो कर रहा है। मेडिकल फील्ड में हो रही गतिविधियों के कारण मेडिसिन मार्केट भी कमर्शियल रूप से काफी आगे बढ़ रहा है। एफडीआई के बाद से इसमें और विस्तार होने की उम्मीद की जा रही है। कई विदेशी कंपनियां अपने उत्पादों का पेटेंट कराकर भारत में कारोबार करने आ रही हैं। इससे घरेलू फार्मा इंडस्ट्री और तेजी से विकसित हो रही है। इसे देखते हुए कहा जा सकता है कि आने वाले दिनों में इस फील्ड में मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव्स के लिए जॉब्स की कमी नहीं होगी। क्या है काम मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव्स फार्मास्युटिकल कंपनीज और हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स के बीच की कड़ी होते हैं। वे उत्पादों को एक रणनीति के साथ बाजार में प्रमोट करते हैं। वन-टु-वन के अलावा वे ग्रुप इवेंट्स ऑर्गेनाइज कर दवाइयों के प्रति जागरूक करते हैं। फार्मास्युटिकल कंपनीज मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव्स को नियुक्त् करती हैं, ताकि वे कस्टमर्स और डॉक्टर्स को अपने प्रोडक्ट की उपयोगिता के प्रति संतुष्ट कर सकें। इस तरह मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव दवाइयों की मार्केटिंग में एक अहम भूमिका निभाते हैं। अलग-अलग दवा कंपनियां अपने यहां नियुक्ति के बाद कैंडिडेट्स को स्पेशल स्किल डेवलपमेंट की ट्रेनिंग देती हैं। उन्हें एनाटॉमी, फिजियोलॉजी, फार्माकोलॉजी, सेल्समैनशिप की ट्रेनिंग के अलावा डॉक्टर्स की प्रोफाइल, उत्पादों की जानकारी और फील्ड ट्रेनिंग दी जाती है, जिसके तहत सैलिंग टेक्नीक्स बताई जाती हैं। फील्ड ट्रेनिंग के दौरान फ्रैश ग्रेजुएट्स को किसी सीनियर मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव के अधीन काम करना होता है। जरूरी स्किल्स मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव बनने के लिए आपके पास मेडिकल फील्ड, मैनेजमेंट और मेडिसिन की संपूर्ण जानकारी होनी चाहिए। आपको मानव शरीर और दवा में इस्तेमाल होने वाले रासायनिक तत्वों की भी जानकारी रखनी होगी। ऐसे में आपके पास कम्युनिकेशन स्किल्स के साथ-साथ अंग्रेजी-हिंदी की अच्छी जानकारी होनी चाहिए। इस फील्ड में काम के कोई तय घंटे नहीं होते हैं, इसलिए आपको इसके लिए पहले से तैयार रहना होगा। खुद को फिजिकली भी फिट रखना होगा। एजुकेशनल क्वॉलिफिकेशन फार्मा बिजनेस मैनेजमेंट में बीबीए या एमबीए, फार्मास्युटिकल एंड हेल्थकेयर मार्केटिंग में पीजी डिप्लोमा, फार्मा मार्केटिंग में डिप्लोमा या पोस्ट ग्रेजुएशन डिप्लोमा कोर्स करने के बाद आप इस फील्ड में आगे बढ़ सकते हैं। इसके अलावा, सेलिंग और मार्केटिंग की स्किल रखने वाले साइंस ग्रेजुएट्स भी एंट्री ले सकते हैं। आज कई विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में इससे संबंधित कोर्स संचालित किए जा रहे हैं। कुछ संस्थानों में फार्मा बिजनेस मार्केटिंग से संबंधित कोर्स भी शुरू हो चुके हैं। डिप्लोमा कोर्स करने के लिए आपको साइंस के साथ 12वीं पास होना जरूरी है। पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा में प्रवेश के लिए स्टूडेंट्स के पास बीएससी, बीफार्मा की डिग्री होनी चाहिए। 12वीं (मैथ्स और बायोलॉजी) के बाद बीबीए (फार्मा बिजनेस) में दाखिला लिया जा सकता है। तरक्की की संभावनाएं सेल्स परफॉर्मेंस और कस्टमर्स को मैनेज करने का हुनर रखने वाले मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव फार्मास्युटिकल मार्केटिंग में शानदार करियर बना सकते हैं। जो लोग कंपनी के टारगेट को समय-समय पर अचीव करते चलते हैं, उन्हें प्रमोशन मिलने में भी देर नहीं लगती है। आप एरिया मैनेजर, रीजनल या जोनल मैनेजर, डिवीजनल सेल्स मैनेजर, डिवीजनल कंट्रोलर, डिप्टी मार्केटिंग मैनेजर के अलावा मार्केटिंग मैनेजर के रूप में प्रमोशन पा सकते हैं। मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव के अलावा, मार्केटिंग एग्जीक्यूटिव, प्रोडक्ट एग्जीक्यूटिव, बिजनेस एग्जीक्यूटिव के रूप में काम करने का पूरा अवसर है। एमबीए या फार्मेसी की डिग्री रखने वाले एरिया मैनेजर, सर्कल मैनेजर, प्रोडक्ट मैनेजर, ग्रुप प्रोडक्ट मैनेजर, क्वॉलिटी कंट्रोल मैनेजर, ब्रांड मैनेजर या मैनेजमेंट ट्रेनी के रूप में दवा कंपनियों के साथ जुड़ सकते हैं। इन कंपनियों में एक-दो साल का अनुभव रखने वाले मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव्स को इंटरव्यू के आधार पर नियुक्त किया जाता है। इसके अलावा, समय-समय पर अखबारों में और वेब साइट्स पर भी विज्ञापन निकलते रहते हैं। सैलरी पैकेज सामान्य तौर पर शुरूआती वेतन 10 से 20 हजार रुपए तक होता है लेकिन अनुभव के आधार पर आमदनी में इजाफा होता रहता है। कुछ अनुभव हासिल करने के बाद 30 से 40 हजार रुपए प्रतिमाह आसानी से हासिल किए जा सकते हैं। पांच या सात साल के अनुभव के बाद वेतन लाखों में हो सकता है। इसके अलावा, आपके परफॉर्मेंस के आधार पर समय-समय पर इंसेंटिव सहित कई तरह की सुविधाएं दी जाती हैं। सेल्स टारगेट अचीव करने वालों को कई बार ब्रांड मैनेजमेंट जैसी जिम्मेदारी तक सौंप दी जाती है। इससे आपकी आमदनी बढ़ने के साथ-साथ मार्केट में एक अलग पहचान बनती है। प्रमुख संस्थान:- -दिल्ली इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्युटिकल साइंस एंड रिसर्च, दिल्ली -इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्युटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, वर्धा -नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्युटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (एनआईपीईआर), अहमदाबाद -एनआईपीईआर, मोहाली, चंडीगढ़ -इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव्स, दिल्ली -इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मा मार्केटिंग, लखनऊ  

तकनीकी कारणों से जयपुर-दुबई उड़ान में फिर देरी, यात्रियों की बढ़ी परेशानी

जयपुर  जयपुर एयरपोर्ट पर एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का शेड्यूल बिगड़ गया है। रविवार को जयपुर से दुबई जाने वाली स्पाइसजेट एयरलाइंस की फ्लाइट SG-57 को तकनीकी कारणों से आखिरी वक्त पर 8 घटें 30 मिनट के लिए शेड्यूल करना पड़ा। इस बदलाव से यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। फ्लाइट SG-57 को सुबह 9:30 बजे जयपुर से दुबई के लिए रवाना होना था और दोपहर 12:55 बजे दुबई पहुंचना था। लेकिन दुबई से जयपुर आने वाली इनकमिंग फ्लाइट SG-58 में तकनीकी परेशानी के कारण देरी हो गई, जिसके चलते SG-57 को भी देर से उड़ान भरनी पड़ेगी। अब यह फ्लाइट शाम 6 बजे दुबई के लिए रवाना होगी। दुबई से जयपुर आने वाली फ्लाइट भी लेट स्पाइसजेट की दुबई-जयपुर फ्लाइट SG-58 भी निर्धारित समय से काफी पीछे चल रही है। इसे सुबह 3:40 बजे दुबई से उड़ान भरनी थी, लेकिन तकनीकी कारणों से यह फ्लाइट करीब 8 घंटे 20 मिनट की देरी से दोपहर 12 बजे रवाना हो सकी। अब इसके शाम 4:45 बजे जयपुर पहुंचने की संभावना है। एयरलाइन द्वारा अचानक किए गए शेड्यूल बदलाव से जयपुर एयरपोर्ट पर यात्रियों को खासा परेशान होना पड़ा। दुबई जाने वाले कई यात्री सुबह 7 बजे से ही एयरपोर्ट पर मौजूद थे, जिन्हें अनिश्चितता का सामना करना पड़ा। यह पहली बार नहीं है जब जयपुर एयरपोर्ट पर उड़ानों का संचालन प्रभावित हुआ हो। इससे पहले भी तकनीकी कारणों और संचालन बाधाओं के चलते कई फ्लाइट्स में देरी या रद्दीकरण की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। 

हाई प्रोटीन डाइट बना रही है युवाओं को बीमार? जानें डॉक्टरों की राय

आजकल फिट रहने का जुनून हर किसी पर हावी है। जिम जाना, प्रोटीन सप्लीमेंट्स लेना और हाई प्रोटीन डाइट फॉलो करना यंगस्टर्स में एक आम ट्रेंड बन गया है। मसल्स बनाने और वजन कम करने के लिए प्रोटीन को 'सुपरफूड' माना जाता है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जिस प्रोटीन को आप अपनी सेहत का दोस्त समझ रहे हैं, वो कम उम्र में ही आपके दिल का दुश्मन बन सकता है? जी हां, डॉक्टर्स अब इस बात को लेकर चेतावनी दे रहे हैं। युवाओं में क्यों बढ़ रहे हैं हार्ट अटैक के मामले? पहले हार्ट अटैक को बढ़ती उम्र की बीमारी माना जाता था, लेकिन आजकल 20, 30 और 40 की उम्र के युवा भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। इसके कई कारण हैं, जिनमें तनाव, खराब लाइफस्टाइल, धूम्रपान, शराब, मोटापा और अनहेल्दी खान-पान शामिल हैं, लेकिन अब एक नया और चौंकाने वाला कारण सामने आ रहा है- जरूरत से ज्यादा प्रोटीन का सेवन, खासकर सप्लीमेंट्स के रूप में। हाई प्रोटीन डाइट और दिल का कनेक्शन डॉक्टर्स और शोधकर्ताओं का मानना है कि हाई प्रोटीन, खासकर एनिमल प्रोटीन और कुछ प्रोटीन सप्लीमेंट्स का ज्यादा सेवन, दिल की सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है।     कोलेस्ट्रॉल में बढ़ोतरी: कुछ एनिमल प्रोटीन स्रोतों में सैचुरेटेड फैट ज्यादा होता है, जिससे शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) बढ़ सकता है। यह कोलेस्ट्रॉल धमनियों में जमा होकर उन्हें संकरा कर देता है, जिससे खून का बहाव रुकता है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।     किडनी पर दबाव: प्रोटीन को पचाने के लिए किडनी को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। अगर आप लंबे समय तक अत्यधिक प्रोटीन का सेवन करते हैं, तो आपकी किडनी पर एक्स्ट्रा दबाव पड़ सकता है, जिससे किडनी से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं जो अप्रत्यक्ष रूप से दिल पर भी असर डाल सकती हैं। एसिडोसिस का खतरा: बहुत अधिक प्रोटीन डाइट शरीर में एसिड का स्तर बढ़ा सकती है। यह शरीर के pH संतुलन को बिगाड़ सकता है, जिससे सेहत से जुड़ी कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं, जिनमें दिल की समस्याएं भी शामिल हैं।     प्रोटीन सप्लीमेंट्स का काला सच: जिम जाने वाले कई युवा बिना डॉक्टर या डायटीशियन की सलाह के प्रोटीन पाउडर का अत्यधिक सेवन करते हैं। कुछ रिसर्च बताती हैं कि बाजार में मिलने वाले कुछ प्रोटीन पाउडर और स्टेरॉयड दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ा सकते हैं। एक मामले में तो प्रोटीन सप्लीमेंट्स के ओवरडोज के कारण एक युवक का हार्ट फेल होने की नौबत आ गई थी। अचानक होने वाले हार्ट अटैक डॉक्टर के मुताबिक उन्होंने ऐसे कई 35 साल के 'फिट' लोगों का इलाज किया है जिन्हें हार्ट अटैक आया। उन्हें कोई लक्षण नहीं थे, कोई चेतावनी नहीं थी- बस एक टिक-टिक करता टाइम बम था जो कभी भी फट सकता था। यह हमें सिखाता है कि एथलेटिक होना हमेशा हेल्दी होने का सबूत नहीं है। कम बॉडी फैट का मतलब कम जोखिम नहीं है और एक सिक्स-पैक आपको प्लाक रप्चर (धमनी में जमा प्लाक का फटना) से नहीं बचा सकता है। अगर आपकी डाइट आपकी ब्लड वेसल्स की अंदरूनी परत (एंडोथेलियम) को नुकसान पहुंचा रही है, तो आपके बाइसेप्स कितने भी मजबूत क्यों न हों, इसका कोई फायदा नहीं। क्या है सेहत का असली मंत्र? असली सेहत चरम पर जाने में नहीं है, बल्कि यह संतुलन में है। अपनी डाइट में प्लांट-बेस्ड डाइट को शामिल करना और नियमित रूप से ब्लड टे्स्ट कराना बहुत जरूरी है। आपके टेस्ट के रिजल्ट्स ही बताएंगे कि आपका शरीर अंदर से कितना हेल्दी है। इसलिए, सिर्फ बाहर से फिट दिखने के बजाय, अपनी हार्ट हेल्थ पर भी ध्यान देना बहुत जरूरी है। एक बैलेंस डाइट ही आपको लंबी और हेल्दी जिंदगी दे सकती है।  

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय बोले – वैष्णव ब्राह्मण समाज का रहा है गौरवशाली इतिहास

रायपुर, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज राजधानी रायपुर में आयोजित अखिल भारतीय वैष्णव ब्राह्मण सेवा संघ (चतुः संप्रदाय), मुंबई की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रभु श्रीराम के ननिहाल और माता कौशल्या की पावन भूमि छत्तीसगढ़ में वैष्णव ब्राह्मण समाज का राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित होना हम सभी के लिए सौभाग्य की बात है। उन्होंने कहा कि वैष्णव ब्राह्मण समाज का इतिहास अत्यंत गौरवशाली रहा है। इस समाज की विभूतियों ने छत्तीसगढ़ में दानशीलता की अद्भुत मिसालें स्थापित की हैं। विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण में वैष्णव ब्राह्मण समाज का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण होगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाले समाज के प्रतिभावान व्यक्तियों को सम्मानित भी किया। मुख्यमंत्री साय ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि वैष्णव ब्राह्मण समाज ने सनातन धर्म को सशक्त बनाने में ऐतिहासिक भूमिका निभाई है। यह समाज केवल पुरोहित कर्म से ही नहीं, बल्कि शासन-प्रशासन में भी सक्रिय रहा है। दानशीलता की महान परंपरा का परिचय देते हुए इस समाज ने कभी राजपाट तक दान कर दिए। राजनांदगांव की वैष्णव ब्राह्मण रियासत इसका अनुपम उदाहरण है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि डेढ़ वर्ष के भीतर हमने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अधिकांश गारंटियों को अमल में लाकर पूर्ण किया है। छत्तीसगढ़, प्रभु श्रीराम का ननिहाल रहा है और उन्होंने अपने वनवास का लंबा समय यहीं व्यतीत किया था। हमारी सरकार ने रामलला दर्शन योजना शुरू की है, जिसके तहत अब तक 22 हजार से अधिक श्रद्धालु अयोध्या में प्रभु श्रीरामलला के दर्शन कर चुके हैं। मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना को भी पुनः प्रारंभ किया गया है, जिसके अंतर्गत 60 वर्ष से अधिक आयु के सभी नागरिक अपनी आस्था के अनुसार तीर्थ स्थलों का दर्शन कर सकेंगे। दिव्यांगजनों, विधवाओं और परित्यक्ताओं के लिए इस योजना में अधिकतम आयु सीमा नहीं रखी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2047 तक प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में विकसित भारत का संकल्प लिया गया है। उसी दिशा में हमें विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण में अग्रसर होना है। इस कार्य में वैष्णव ब्राह्मण समाज की सक्रिय भागीदारी अपेक्षित है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि समाज संगठित रहकर निरंतर प्रगति की ओर अग्रसर होगा। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि वैष्णव ब्राह्मण समाज एक दूरदर्शी और कल्पनाशील समाज है। उन्होंने कहा कि राजनांदगांव से विधायक, सांसद, केंद्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री के रूप में कार्य करते हुए उन्होंने इस समाज के ऐतिहासिक योगदान को निकटता से देखा है। उच्च शिक्षा, रेलवे, उद्योग और पेयजल व्यवस्था के विकास में राजनांदगांव के राजपरिवार ने अभूतपूर्व योगदान दिया है। महंत दिग्विजय दास जी ने महाविद्यालय के लिए अपना महल दान किया, रेलवे के लिए विशाल भूमि दी, और बीएनसी कॉटन मिल की स्थापना की, जिससे हजारों लोगों को रोजगार मिला। महंत घासीदास जी ने व्यापार को प्रोत्साहित करने के लिए नि:शुल्क भूमि देने की घोषणा की थी। उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने अपने संबोधन में कहा कि वैष्णव ब्राह्मण समाज सनातन धर्म की ध्वजवाहक है। इस राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक के आयोजन से समाज और अधिक एकजुट होकर आगे बढ़ेगा। इस अवसर पर राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा, अखिल भारतीय वैष्णव ब्राह्मण सेवा संघ के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष पी. एल. बैरागी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष लाल जे. के. वैष्णव, प्रदेश अध्यक्ष राकेश दास वैष्णव, विजय कुमार दास, राघवेंद्र दास वैष्णव, डॉ. सौरभ निर्वाणी, अंजना देवी वैष्णव, रजनीश वैष्णव सहित अनेक गणमान्यजन उपस्थित थे।

श्रमिकों की भलाई के लिए उठाया कदम, ‘श्री पहल’ से जुड़ेगा स्वास्थ्य और जागरूकता का मिशन

भोपाल  श्रम तथा पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री प्रह्लाद सिंह पटेल के निर्देशानुसार श्रम विभाग श्रमिकों की भलाई और उत्पादकता बढ़ाने के उद्देश्य से श्री (Shramik Health, Rejuvenation, Education and Enterprise) नाम से नई पहल की शुरुआत की गई है। इस पहल के अंतर्गत श्रमिकों के स्वास्थ्य, जागरूकता और जीवनशैली सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण कदम प्रस्तावित किए गए हैं। श्री के तहत मुख्य रूप से नशा न करने की पहल, दैनिक व्यायाम का महत्व और मधुमेह जैसी बीमारियों से बचाव के लिए आहार नियंत्रण जैसे विषयों पर जागरूकता फैलाई जाएगी। इसके लिए कर्मचारी राज्य बीमा (ईएसआई) तंत्र के साथ संबल योजना, श्रम कल्याण योजनाएं एवं निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड डेटाबेस का प्रभावी उपयोग किया जाएगा। इन विभिन्न प्लेटफ़ॉर्म्स के माध्यम से राज्य में बड़ी संख्या में श्रमिकों तक स्वास्थ्य संबंधी जानकारी पहुंचाई जाएगी। श्री पहल के अंतर्गत अब प्रत्येक मंगलवार को कर्मचारी राज्य बीमा सेवाएं के सभी औषधालयों और चिकित्सालयों में श्रमिकों के लिए स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम नियमित रूप से आयोजित किए जाएंगे। इस पहल के अंतर्गत कर्मचारी राज्य बीमा निगम द्वारा श्रमिकों को निवारक स्वास्थ्य संदेशों से अवगत भी कराया जा रहा है। इस पहल के तहत प्रदेश के कर्मचारी राज्य बीमा सेवाएं के 42 औषधालयों और 5 चिकित्सालयों में एक साथ स्वास्थ्य विषयों पर जागरूकता कार्यक्रम प्रारंभ किया गया। भोपाल के सोनागिरी औषधालय, देवास अस्पताल, पीथमपुर औषधालय, मंडीदीप और अमलाई औषधालय में उच्च रक्तचाप और जीवनशैली में बदलाव पर चर्चा की गई। भोपाल केंद्र पर मुँह के कैंसर, मंदसौर और बुरहानपुर में मधुमेह, बिरलाग्राम नागदा में मधुमेह की बीमारी पर जानकारी दी गई। पीथमपुर में मोटापे के लक्षण, दुष्परिणाम और रोकथाम पर चर्चा हुई, वहीं रतलाम में मोटापा नियंत्रण और इंदौर के क्षय चिकित्सालय में उच्च रक्तचाप एवं मधुमेह जैसी गैर-संक्रामक बीमारियों पर जानकारी दी गई। प्रदेश की सभी ईएसआई इकाइयों में एक साथ आयोजित इस परिचर्चा से 1200 से अधिक श्रमिक लाभान्वित हुए। इसके अतिरिक्त, सीहोर जिला के महिला पॉलीटेक्निक कॉलेज में आयोजित रोजगार मेले में भी युवाओं को हाइपरटेंशन, डायबिटीज, दिनचर्या बदलाव और नियमित व्यायाम के महत्व पर जागरूक किया गया।

लावरोव और किम की मुलाकात से बढ़ी रूस-उत्तर कोरिया की दोस्ती, पश्चिमी देशों पर तीखा संदेश

उत्तर कोरिया  रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन से मुलाकात की और अमेरिका, दक्षिण कोरिया तथा जापान को उत्तर कोरिया के खिलाफ सुरक्षा साझेदारी बनाने के सिलसिले में चेतावनी दी। लावरोव रूस तथा उत्तर कोरिया के बीच बढ़ते सैन्य व अन्य सहयोग को और प्रगाढ़ करने के वास्ते बातचीत के लिए उत्तर कोरिया के दौरे पर हैं। उन्होंने शनिवार को उत्तर कोरिया के पूर्वी शहर वोनसान में देश के नेता किम जोंग उन से मुलाकात की और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की ओर से उन्हें शुभकामनाएं दीं। बैठक के दौरान किम ने यूक्रेन के खिलाफ संघर्ष में रूस द्वारा उठाए गए ‘‘सभी कदमों का बिना शर्त समर्थन और प्रोत्साहन'' देने की अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। उत्तर कोरिया की सरकारी समाचार समिति ‘कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी' ने अपनी एक खबर में कहा कि किम ने कहा कि प्योंगयांग और मॉस्को गठबंधन के स्तर के अनुरूप सभी रणनीतिक मुद्दों पर समान विचार रखते हैं। केसीएनए की रिपोर्ट के अनुसार, लावरोव ने दोनों देशों से अंतरराष्ट्रीय मामलों में अपने ‘‘रणनीतिक एवं सामरिक सहयोग को और मजबूत करने तथा संयुक्त कार्रवाई को तेज करने'' का आह्वान किया। हाल के वर्षों में रूस और उत्तर कोरिया के संबंध तेजी से मजबूत हुए हैं।   उत्तर कोरिया ने यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध में समर्थन देने के लिए सैनिकों और गोला-बारूद की आपूर्ति की है, जिसके बदले में उसे सैन्य और आर्थिक सहायता मिली है। उत्तर कोरिया की विदेश मंत्री चो सोन हुई के साथ बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में लावरोव ने अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान पर उत्तर कोरिया के चारों ओर सैन्य जमावड़ा करने का आरोप लगाया। रूस की सरकारी समाचार एजेंसी ‘तास' के अनुसार, लावरोव ने कहा, ‘‘हम इन संबंधों का इस्तेमाल उत्तर कोरिया और निश्चित रूप से रूस सहित किसी के भी खिलाफ गठबंधन बनाने को लेकर चेतावनी देते हैं।''    

जिस रास्ते पर कभी भाजपा ने रोका था रास्ता, अब कांग्रेस ने किया चक्काजाम

खैरागढ़ आठ वर्षों से मौत के गड्ढों में तब्दील हो चुकी डोंगरगढ़-खैरागढ़ मुख्य सड़क पर रविवार को कांग्रेस ने चक्काजाम कर प्रदर्शन किया. विरोध का नेतृत्व कर रहीं डोंगरगढ़ विधायक हर्षिता बघेल खुद सड़क पर बैठ गईं. वर्षों से आवाजाही और विकास की राह रोक कर बैठी यह सड़क अब राजनीति का मंच बन चुकी है, जहां पहले भाजपा प्रदर्शन करती थी, अब वहीं कांग्रेस कर रही है. दरअसल, खैरागढ़ जिला मुख्यालय को धर्मनगरी डोंगरगढ़ और महाराष्ट्र से जोड़ने वाली यह सड़क ढारा से सिदार खपरी तक इतनी जर्जर है कि सड़क में गड्ढे नहीं, गड्ढों में सड़क ढूंढनी पड़ रही है. बरसात में इन गड्ढों में पानी भरने से हादसों का डर बना रहता है. मां बमलेश्वरी और करेला भवानी मंदिर में दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं को भी इसी खस्ताहाल सड़क से होकर गुजरना पड़ता है. पीडब्ल्यूडी के कार्यपालन अभियंता का कहना है कि यह सड़क प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) की है और इसकी मरम्मत की जिम्मेदारी भी उन्हीं की है. वहीं, विभागीय पत्राचार के बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है. सरकारी कागजों में सड़क बनी रहती है, जमीनी हकीकत में गड्ढे और धूल उड़ती रहती है. गड्डों वाली सड़क बनी फोटो खिंचवाने और बयानबाजी का मंच बीते पांच वर्षों में कांग्रेस की सरकार थी तो भाजपा ने इसी सड़क पर बैठकर प्रदर्शन किया, आज भाजपा की सरकार है तो कांग्रेस सवाल उठा रही है. इस बीच सड़क पर नारे बदलते गए, नेता बदलते गए, लेकिन गड्ढे वहीं के वहीं रह गए. यह सड़क अब जनता के लिए आवाजाही का मार्ग नहीं, बल्कि राजनीतिक दलों के लिए फोटो खिंचवाने और बयानबाजी का मंच बन गई है. जब सत्ता में रहते हैं, तब फाइलें चुप रहती हैं, सड़कें टूटी रहती हैं. विपक्ष में जाते ही सड़कें भी याद आने लगती हैं, और जनता भी. इस सड़क पर गिरते संभलते लोगों के मन में अब सिर्फ एक सवाल है – सड़क कब बनेगी? या यह सड़क हमेशा सत्ता और विपक्ष की राजनीति में पिसती रहेगी, और जनता गड्ढों में गिरकर ही हर बार चुनावी वादे याद करती रहेगी?

रीवा एयरपोर्ट की बाउंड्रीवॉल पहली बारिश में धराशायी, गुणवत्ता पर उठे सवाल

रीवा मध्य प्रदेश  के रीवा में 24 घंटे की मूसलाधार बारिश में नवनिर्मित एयरपोर्ट की बाउंड्री वॉल धराशायी हो गई. इस एयरपोर्ट के निर्माण में करीब 500 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे. 15 फरवरी 2023 को शिलान्यास के बाद एयरपोर्ट लगभग डेढ़ साल में बनकर तैयार हुआ था. वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने 20 अक्टूबर 24 को वर्चुअल लोकार्पण भी किया था. इस एयरपोर्ट को बनाने में करीब पांच गांवों की 323 एकड़ जमीन को 99 साल की खातिर भारतीय विमान प्राधिकरण को दिया गया है. राज्य में भोपाल, जबलपुर, खजुराहो, इंदौर और ग्वालियर के बाद रीवा 6वां एयरपोर्ट है, जिसे डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने लाइसेंस दिया है. यह जिला मुख्यालय से लगभग 12 किमी दूर बना है. बताया जा रहा है कि मूलाधार बारिश की वजह से एयरपोर्ट एरिया की जमीन अचानक धंस गई. जिससे दीवार का एक हिस्सा भरभरा कर गिर गया.    एयरपोर्ट में रनवे की कुल लंबाई 2300 मीटर है. एयरपोर्ट से दो फ्लाइट का संचालन हो रहा है. पहली फ्लाइट भोपाल वाया खजुराहो होते हुए रीवा पहुंचती है. इसके बाद यह सिंगरौली को रवाना होती है. वहीं दूसरी फ्लाइट रीवा से जबलपुर होते हुए भोपाल से कनेक्ट है. अभी 19 सीटर विमान का ही संचालन होता है. हालांकि, इसे बढ़ाकर 72 सीटर विमानों के संचालन के लिए योजना है. इसी के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी से रीवा को बड़ी सौगात देते हुए वर्चुअली एयरपोर्ट का लोकार्पण किया था. अथॉरिटी के अनुसार रीवा एयरपोर्ट को अगले 50 सालों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है. वहीं, इसको लेकर एयरपोर्ट अथार्टी के मैनेजर नवनीत चौधरी का बयान आया है. चौधरी ने बताया कि ज्यादा पानी गिरने से आसपास के इलाके का पानी बाउंड्री वॉल से टकराया. जिससे बाउंड्री पानी के दबाव को नहीं रोक पाई. रनवे पूरी तरह से ठीक है. उसे कोई क्षति नहीं हुई है. फ्लाइट बराबर उड़ रही है. नवनीत की दलील है कि बाउंड्री हवा के वेग और लोगों को रोकने के लिए बनाई जाती है. पानी को रोकने के लिए नहीं यह पर्याप्त नहीं है. अब इस बाउंड्री को नए तरीके से डिजाइन किया जाएगा.