samacharsecretary.com

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे 15 जुलाई से फिर चलाएगा लोकल मेमू और डेमू पैसेंजर ट्रेनें

डोंगरगढ़  दैनिक यात्रियों, विद्यार्थियों और कर्मचारियों के लिए राहत की खबर है. कोरोना काल में सुरक्षा कारणों से बंद की गई लोकल मेमू और डेमू पैसेंजर ट्रेनों का संचालन फिर से शुरू होने जा रहा है. दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने 15 जुलाई से इन ट्रेनों को चरणबद्ध तरीके से बहाल करने का निर्णय लिया है, जिससे दुर्ग, राजनांदगांव, गोंदिया, कटंगी, रायपुर, डोंगरगढ़ और बालाघाट समेत छोटे-बड़े स्टेशनों पर यात्रा करने वालों को काफी सहूलियत मिलेगी. सांसद संतोष पांडेय ने इसे यात्रियों के लिए सुखद समाचार बताते हुए कहा कि कोरोना काल के बाद इन लोकल ट्रेनों के बंद होने से यात्रियों को रोजाना आने-जाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा था. सांसद पांडेय ने कहा कि मैंने इस विषय को लेकर लगातार केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से आग्रह किया और जून माह में हुई मंडल स्तरीय रेलवे बैठक में भी इन ट्रेनों का संचालन पुनः शुरू करने की मांग प्रमुखता से रखी थी. आज यह मांग पूरी हुई है. इसके लिए यात्रियों को बधाई देता हूं. इसके साथ ही मैं केंद्रीय रेल मंत्री और रेलवे मंडल के अधिकारियों का आभार व्यक्त करता हूं. रेलवे प्रशासन ने बताया कि 15 जुलाई से गोंदिया-कटंगी, रायपुर-डोंगरगढ़, रायपुर-गेवरा रोड, तूमसर रोड-बालाघाट समेत 13 लोकल मेमू और डेमू पैसेंजर ट्रेनें फिर से पटरियों पर लौटेंगी. 17 जुलाई तक सभी रूटों पर संचालन पूरी तरह बहाल कर दिया जाएगा. इन ट्रेनों के संचालन से कम किराये में यात्रा का विकल्प फिर से खुलेगा और यात्रियों को निजी वाहनों या बसों पर निर्भरता कम करनी पड़ेगी. साथ ही विद्यार्थियों और नौकरीपेशा लोगों की आवाजाही भी सुगम हो सकेगी.

किसानों से धोखाधड़ी, नकली बीज की सप्लाई पर मचा हड़कंप, प्रशासन ने की त्वरित कार्रवाई

शिवपुरी  शिवपुरी जिले में किसानों को नकली सोयाबीन बीज दिए जाने की शिकायत पर प्रशासन ने जांच शुरू की है। बैराड़ में एक बीज दुकान सील कर बीज के नमूने प्रयोगशाला भेजे गए। खेतों का निरीक्षण कर खराब अंकुरण के कारणों की जांच की जा रही है। शिवपुरी जिले में इस समय खरीफ सीजन में सोयाबीन सहित अन्य फसलों की बोवनी का कार्य तेज गति से चल रहा है। इसी बीच, कई किसानों को सोयाबीन और अन्य फसलों के नकली बीज दिए जाने की शिकायतें सामने आई हैं। किसानों ने इस संबंध में जिला प्रशासन से शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद कृषि विभाग द्वारा एक जांच टीम गठित की र्ग है, जो इन शिकायतों पर कार्रवाई कर रही है। गठित टीम ने पोहरी विधानसभा क्षेत्र के बैराड़, गाजीगढ़ और टोड़ा गांव में किसानों के खेतों में जाकर संबंधित बीज की जांच की। साथ ही बीज को परीक्षण के लिए प्रयोगशाला भेजा गया है। इस दौरान एक बीज विक्रेता की दुकान को भी सील किया गया है। दरअसल, जिले की बैराड़ तहसील के कुछ किसानों ने बीते दिनों सोयाबीन बीज के अंकुरण न होने की शिकायत जिला प्रशासन से की थी और बीज के नमूनों की जांच की मांग की थी। इसके बाद कलेक्टर रविन्द्र कुमार चौधरी के निर्देश पर एक जांच टीम गठित की गई। उप संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के नेतृत्व में गठित इस टीम ने मेसर्स राजौरिया कृषि सेवा केंद्र बैराड़ का निरीक्षण किया। निरीक्षण में पाया गया कि विक्रेता बीज अनुज्ञप्तिधारी है तथा उसने अरिहंत एग्रो सीड्स, उज्जैन का प्रमाणित लगभग 150 क्विंटल सोयाबीन बीज किसानों को विक्रय किया था। बीज भौतिक रूप से सही पाया गया है। अंकुरण परीक्षण के लिए उसका नमूना प्रयोगशाला भेजा गया है। शिकायत के आधार पर खेतों में जांच उप संचालक, कृषि विभाग ने बताया कि शिकायत के आधार पर विक्रेता की दुकान सील की गई है। प्रयोगशाला परीक्षण की रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। शिकायत की विस्तृत जांच के लिए दल ने गाजीगढ़ एवं टोड़ा गांव के संबंधित किसानों के खेतों का निरीक्षण किया। निरीक्षण में पाया गया कि बुवाई के बाद हुई बारिश के कारण सोयाबीन बीज का अंकुरण प्रभावित हुआ है। कुछ स्थानों पर बीज की अधिक गहराई, जलभराव, और मिट्टी की ऊपरी सतह का कठोर होना जैसे कारण भी सामने आए हैं। जिन खेतों में मूंगफली एवं बाजरे की फसल बोई गई थी, उनकी स्थिति तुलनात्मक रूप से बेहतर पाई गई।

16,000 संविदा स्वास्थ्य कर्मियों ने 16 और 17 जुलाई को दो दिवसीय हड़ताल का ऐलान

रायपुर छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के 16,000 संविदा स्वास्थ्य कर्मियों ने 16 और 17 जुलाई को दो दिवसीय हड़ताल का ऐलान किया है. इस दौरान डॉक्टर, नर्स, फार्मासिस्ट, लैब व एक्स-रे टेक्नीशियन, एएनएम, कार्यालयीन कर्मचारी और सफाईकर्मी कार्य बहिष्कार करेंगे, जिससे प्रदेश भर की स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित होंगी. जिलेवार धरना के बाद करेंगे विधानसभा का घेराव     10 से 15 जुलाई तक कर्मचारी विरोधस्वरूप काली पट्टी पहनकर कार्य कर रहे हैं.     16 जुलाई को जिला मुख्यालयों में धरना और कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा जाएगा.     17 जुलाई को रायपुर में विधानसभा घेराव का आयोजन होगा. स्वास्थ्य सेवाओं पर गहरा असर, आम जनता को झेलनी पड़ेगी परेशानी हड़ताल के चलते प्रदेश में टीबी, कुष्ठ, मलेरिया नियंत्रण, टीकाकरण, नवजात शिशु देखभाल, पोषण पुनर्वास केंद्र, स्कूल-आंगनबाड़ी परीक्षण, व आयुष्मान केंद्रों की ओपीडी सेवाएं बुरी तरह प्रभावित होंगी. स्वास्थ्य मिशन के संविदा कर्मचारी प्रदेश के कुल स्वास्थ्य अमले का 35% हैं, जिससे स्पष्ट है कि इस हड़ताल का गंभीर असर ग्रामीण और शहरी स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ेगा. 20 वर्षों से सेवा में, फिर भी आज तक नहीं मिले बुनियादी अधिकार छग एनएचएम कर्मचारी संघ के अध्यक्ष डॉ. अमित कुमार मिरी ने कहा कि मिशन को चले 20 साल हो गए, फिर भी कर्मचारियों को बेहतर वेतन, अनुकंपा नियुक्ति, जॉब सुरक्षा, नई पेंशन स्कीम और दुर्घटना बीमा जैसी बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल पाईं. उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में यह सुविधाएं दी जाती हैं, पर छत्तीसगढ़ में कर्मचारियों की हालत जस की तस बनी हुई है. तीन सरकारें आईं, पर कर्मचारियों की मांगें अनसुनी रहीं महासचिव कौशलेश तिवारी ने कहा कि 2017 में भाजपा शासनकाल में आंदोलन हुआ, फिर 2020 में कांग्रेस सरकार के समय भी वादों के बावजूद कोई हल नहीं निकला. अब “मोदी की गारंटी” वाले घोषणापत्र के बावजूद भाजपा सरकार ने भी कोई ठोस निर्णय नहीं लिया. ‘कोरोना योद्धाओं’ की उपेक्षा पर पूर्व अध्यक्ष का तीखा सवाल संघ के संरक्षक हेमंत सिन्हा ने कहा कि जिन कर्मचारियों ने कोरोना महामारी में जान जोखिम में डालकर सेवाएं दीं, आज उन्हें ही सरकार नजरअंदाज कर रही है. उन्होंने सवाल किया कि आखिर क्या कारण है कि सरकार इस वर्ग की उपेक्षा कर रही है? आंदोलन के लिए जनता से खेद, सरकार को ठहराया जिम्मेदार प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मिरी ने जनता से असुविधा के लिए खेद जताते हुए, इसके लिए राज्य शासन और प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि अब भी मांगें नहीं मानी गईं, तो एनएचएम कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने को विवश होंगे.

भोपाल के तालाब में पर्यावरण अनुकूल क्रूज की वापसी, इलेक्ट्रॉनिक इंजन से होगा संचालन

भोपाल  भोपाल के बड़ा तालाब में दो साल बाद एक बार फिर से क्रूज चलाने की तैयारी चल रही है। एनजीटी के आदेश के बाद इसे बंद कर दिया गया था। अब क्रूज को डीजल की जगह इलेक्ट्रॉनिक इंजन (ईवी) से चलने की तैयारी की जा रही है। राजधानी भोपाल झीलों का शहर है यहां लोग तालाबों के किनारे पहुंचकर तरह-तरह के लुफ्त उठाते हैं। पिछले 2 साल से बड़ा तालाब में बंद पडे़ क्रूज को एक बार फिर से रन करने की तैयारी की जा रही है। यह क्रूज 2011 से चलाया जा रहा है, इसका नाम लेक प्रिंसेस (क्रूज) है। इसके साथ जलपरी (मोटर बोट) भी बंद हैं। दरअसल एनजीटी ने प्रदूषण का हवाला देते हुए इन पर रोक लगा दी है। अब मध्य प्रदेश पर्यटन विकास निगम (एमपीटी)  क्रूज को डीजल की जगह इलेक्ट्रॉनिक इंजन (ईवी) से चलने की तैयारी कर रहा है। जानकारी के मुताबिक आने वाले समय में क्रूज न सिर्फ सैलानियों के साथ नजर आएगा, बल्कि मोटर बोट से लोग झील की लहरों पर फर्राटा भरेंगे।  इलेक्ट्रॉनिक इंजन लगाने से यह होगा फायदा एमपीटी के अधिकारियों का कहना है कि इलेक्ट्रिक क्रूज जहाज डीजल इंजन वाले क्रूज की तुलना में कम प्रदूषण करते हैं। और पर्यावरण पर कम प्रभाव डालते हैं। साथ ही इलेक्ट्रिक क्रूज जहाजों को चलाने के लिए कम ऊर्जा की आवश्यकता होती है, जिससे परिचालन लागत कम हो जाती है। इसके अलावा इलेक्ट्रिक क्रूज जहाजों को चलाने में कम शोर होता है, जिससे यात्रियों को शांत और आरामदायक यात्रा का अनुभव मिलता है। इलेक्ट्रिक क्रूज जहाजों में नई तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है। बड़ी संख्या में पहुंचते हैं लोग राजधानी भोपाल स्थित बड़ा तालाब में हर दिन सैकड़ो की संख्या में लोग पहुंचते हैं। इनमें से अधिकांश बोटिंग का लुत्फ भी उठाते हैं। क्रूज और मोटर बोट के जरिए बड़ी झील की लहरों को करीब से देखते हैं। इसके अलावा प्राइवेट नाव का संचालन भी यहां से होता है। क्रूज बंद होने से लोगों में मायूसी आ गई थी। हालांकि सरकार यहां पर जल्द ही शिकारे शुरू करने की तैयारी कर रही है। इसी महीने 20 शिकारे बड़ा तालाब में शुरू हो जाएंगे।   अभी चल रही है तैयारी मध्य प्रदेश पर्यटन निगम के एमडी डॉ. इलैया राजा टी ने बताया कि बड़ा तालाब में एनजीटी के आदेश के बाद क्रूज बंद कर दिए गए थे। अब हम पर्यावरण का ध्यान रखते हुए इलेक्ट्रिकल इंजन से क्रूज चलाने पर विचार कर रहे हैं। हम इसी महीने बड़े तालाब में शिकारे चलाना शुरु कर देंगे। 10 शिकारे पहुंच चुके हैं 10 और मांगे गए हैं।  

कक्षा 9वीं में प्रवेश हेतु 15 से 18 जुलाई तक रायपुर में होगी काउंसलिंग

अम्बिकापुर, आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग द्वारा संचालित प्रयास आवासीय विद्यालयों में शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए कक्षा 9वीं में प्रवेश हेतु चयनित विद्यार्थियों की वर्गवार प्रतीक्षा सूची जारी कर दी गई है। यह सूची विभागीय वेबसाइट https://eklavya.cg.nic.in/पर अपलोड की गई है। आयुक्त, आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास, इन्द्रावती भवन, अटल नगर, नवा रायपुर द्वारा जारी सूचना के अनुसार, प्रतीक्षा सूची में सम्मिलित विद्यार्थियों के लिए काउंसलिंग दिनांक, समय एवं स्थल निर्धारित कर दिए गए हैं। काउंसलिंग का आयोजन प्रयास कन्या आवासीय विद्यालय, गुढ़ियारी, जिला रायपुर (छ.ग.) में किया जाएगा। काउंसलिंग कार्यक्रम का वर्गवार विवरण इस प्रकार हैः- अनुसूचित जनजाति एवं विशेष रूप से कमजोर जनजाति समूह (PVTG) – बालक दिनांकः 15 जुलाई 2025 समय प्रातः 10:00 बजे से सायं 05:00 बजे तक अनुसूचित जनजाति एवं विशेष रूप से कमजोर जनजाति समूह (PVTG) – बालिका दिनांकः 16 जुलाई 2025 समय प्रातः 10:00 बजे से सायं 05:00 बजे तक अनुसूचित जाति/ बालक/बालिका दिनांकः 17 जुलाई 2025 समय प्रातः 10:00 बजे से सायं 05:00 बजे तक अन्य पिछड़ा वर्ग – बालक/बालिका दिनांकः 18 जुलाई 2025 समय प्रातः 10:00 बजे से सायं 05:00 बजे तक सामान्य वर्ग एवं अल्पसंख्यक / बालक/बालिका दिनांकः 18 जुलाई 2025 समय प्रातः 10:00 बजे से सायं 05:00 बजे तक प्रत्येक विद्यार्थी को एक अभिभावक या पालक के साथ निर्धारित दिनांक को उपस्थित होना अनिवार्य है। उन्हें निम्न दस्तावेजों की मूल व छायाप्रति सहित साथ लाना अनिवार्य होगा प्रवेश पत्र,सक्षम अधिकारी द्वारा जारी स्थायी जाति प्रमाण पत्र, वर्ष 2024-25 में कक्षा 8वीं प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण होने का प्रमाण पत्र, यदि परिवार नक्सल हिंसा से प्रभावित है, तो पुलिस अधीक्षक द्वारा जारी प्रमाण पत्र, शाला स्थानांतरण प्रमाण पत्र या शाला छोड़ने का प्रमाण, मेडिकल बोर्ड द्वारा जारी चिकित्सा जांच प्रमाण पत्र, सिकलसेल जांच प्रमाण पत्र, पासपोर्ट साइज रंगीन फोटो, च्वाइस फिलिंग फॉर्म (काउंसलिंग प्रपत्र) अनुपस्थिति की स्थिति में सीट आवंटन निर्धारित तिथि एवं समय पर उपस्थित नहीं होने की स्थिति में संबंधित विद्यार्थी की पात्रता के आधार पर रिक्त सीटों के अनुसार संस्था का पुनः आवंटन किया जाएगा। आयुक्त, आदिवासी विकास विभाग ने संबंधित विद्यार्थियों व पालकों से समय पर उपस्थित होकर समस्त आवश्यक दस्तावेजों के साथ काउंसलिंग में भाग लेने की अपील की है, ताकि प्रवेश प्रक्रिया में कोई बाधा उत्पन्न न हो।

1 जून से अब तक 364.1 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड , बलरामपुर जिले में सर्वाधिक 540.3 मि.मी. वर्षा

रायपुर, छत्तीसगढ़ में 1 जून से अब तक 364.1 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड की जा चुकी है। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा स्थापित राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश में अब तक बलरामपुर जिले में सर्वाधिक 540.3 मि.मी. वर्षा रिकार्ड की गई है। बेमेतरा जिले में सबसे कम 176.4 मि.मी. वर्षा दर्ज हुई है। राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार सरगुजा में 275.9 मि.मी., सूरजपुर में 451.7 मि.मी., जशपुर में 474.8 मि.मी., कोरिया में 398.6 मि.मी. और मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में 354.4 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है। रायपुर जिले में 343.9 मि.मी., बलौदाबाजार में 348.3 मि.मी., गरियाबंद में 318.1 मि.मी., महासमुंद में 333.7 मि.मी. और धमतरी में 322.7 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है। बिलासपुर में 387.1 मि.मी., मुंगेली में 254.7 मि.मी., रायगढ़ में 519.7 मि.मी., सारंगढ़-बिलाईगढ़ में 363.8 मि.मी., जांजगीर-चांपा में 491.4 मि.मी., सक्ती में 422.6 मि.मी., कोरबा में 464.8 मि.मी. और गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही 368.0 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड हुई है। दुर्ग जिले में 303.7 मि.मी., कबीरधाम में 258.0 मि.मी., राजनांदगांव में 298.1 मि.मी., मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी में 484.3 मि.मी., खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में 245.9 मि.मी., बालोद में 380.4 मि.मी. और बस्तर जिले में 436.7 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड हुई है। कोंडागांव में 263.1 मि.मी., कांकेर में 366.8 मि.मी., नारायणपुर में 315.7 मि.मी., दंतेवाड़ा में 397.2 मि.मी., सुकमा में 209.3 मि.मी. और बीजापुर में 444.2 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड की जा चुकी है।

नौकरियां- नौकरियां जल्द करें आवेदन, अग्निशमन विभाग और इंडियन नेवी ने निकाली भर्तियां

रायपुर छत्तीसगढ़ के छात्र नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल पर केंद्रीय क्षेत्रीय छात्रवृत्ति योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं। इस योजना के तहत 1387 छात्रों को लाभ मिलेगा। जिन छात्रों ने इस वर्ष स्नातक में प्रवेश लिया है और जिन्होंने 80 परसेंटाइल या न्यूनतम 60 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं, वे 31 अक्टूबर 2025 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए आपको पोर्टल पर जरूरी जानकारी मिल जाएगी, जैसे कि आवेदन कैसे करना है, इसके लिए नियम क्या हैं और बाकी सवालों के जवाब। अग्निशमन विभाग में 295 पदों पर भर्ती छत्तीसगढ़ अग्निशमन विभाग में स्टेशन ऑफिसर, फायरमैन, ड्राइवर, मैकेनिक, ऑपरेटर आदि के 295 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इच्छुक उम्मीदवार 31 जुलाई तक आवेदन कर सकते हैं। फायरमैन के लिए न्यूनतम योग्यता 12वीं, स्टेशन ऑफिसर के लिए बीएससी या बीई तथा अन्य पदों के लिए अलग-अलग शैक्षणिक योग्यताएं निर्धारित की गई हैं। इंडियन नेवी में 1110 पदों पर भर्ती भारतीय नौसेना ने नेवल सिविलियन ग्रुप बी और ग्रुप सी के 1110 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। योग्य उम्मीदवार 18 जुलाई तक आवेदन कर सकते हैं। पदों के अनुसार शैक्षणिक योग्यता में नर्सिंग डिग्री, फार्मेसी डिप्लोमा, प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी या 10वीं के साथ संबंधित डिप्लोमा/डिग्री मांगी गई है। एमएससी केमिस्ट्री की 13 पेमेंट सीटों पर एडमिशन रायपुर स्थित पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में एमएससी केमिस्ट्री की 13 पेमेंट सीटें खाली हैं। इनमें प्रवेश के लिए 11 जुलाई को दस्तावेज़ सत्यापन और काउंसिलिंग आयोजित की जाएगी। वे छात्र जो प्रवेश परीक्षा में शामिल हुए हैं, उपस्थित हो सकते हैं।

शिक्षा, महिला सशक्तिकरण और आर्थिक क्षेत्र उल्लेखनीय बदलाव : उपराज्यपाल

श्रीनगर,  उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में उल्लेखनीय बदलाव हो रहे हैं, खास तौर पर शिक्षा, महिला सशक्तिकरण और आर्थिक क्षेत्र इसमें शामिल हैं। शोपियां में बोलते हुए उपराज्यपाल ने बदलती मानसिकता और उन झूठे आख्यानों को खत्म करने पर ज़ोर दिया जो कभी आर्मी गुडविल स्कूल जैसी पहलों में सामुदायिक भागीदारी को हतोत्साहित करते थे। उन्होंने सवाल किया कि एक समय लोगों से कहा जाता था कि वह अपने बच्चों को आर्मी गुडविल स्कूलों में न भेजें। डर और अविश्वास पैदा करने के लिए आख्यान गढ़े जाते थे लेकिन आपसे पूछता हूँ कि अगर हमारे बहादुर सैनिक हमारी सीमाओं की रक्षा कर सकते हैं तो वह हमारे बच्चों को शिक्षित करने में मदद क्यों नहीं कर सकते। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि पिछले पाँच वर्षों में यह भ्रामक प्रचार कमज़ोर पड़ गया है और लोग अब इन संस्थानों में दी जा रही शिक्षा के मूल्य और गुणवत्ता को पहचान रहे हैं। उन्होंने कहा कि आर्मी गुडविल स्कूल दूरदराज और संघर्ष प्रभावित क्षेत्रों में कई लोगों के लिए आशा और अवसर का प्रतीक बन गए हैं। आज इन स्कूलों के छात्र न केवल विषय सीख रहे हैं बल्कि वह ज़िम्मेदार नागरिक बन रहे हैं और कई प्रतिस्पर्धी क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं। उपराज्यपाल सिन्हा ने क्षेत्र में महिलाओं द्वारा की गई उल्लेखनीय प्रगति पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में हज़ारों महिलाएं स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) में शामिल हो गई हैं और अब नौकरी चाहने वाली नहीं रही हैं, वह नौकरी देने वाली बन गई हैं और आगे बढ़कर बदलाव का नेतृत्व कर रही हैं। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम), उम्मीद और तेजस्विनी जैसी प्रमुख योजनाओं का हवाला देते हुए उपराज्यपाल ने कहा कि ये कार्यक्रम केवल वित्तीय साधन नहीं बल्कि परिवर्तन के मंच हैं। उन्होंने कहा कि इन पहलों के माध्यम से महिलाओं को कौशल-आधारित प्रशिक्षण, वित्तीय सहायता और मार्गदर्शन मिल रहा है। इससे उन्हें अपना खुद का व्यवसाय स्थापित करने और सामाजिक और आर्थिक स्वतंत्रता हासिल करने में मदद मिली है। स्थानीय स्वयं सहायता समूह खासकर शोपियां जैसे ग्रामीण इलाकों में बागवानी, खाद्य प्रसंस्करण, सिलाई और कृषि-व्यवसाय जैसे क्षेत्रों में सक्रिय रहे हैं। उपराज्यपाल सिन्हा ने कहा कि पिछले पाँच वर्षों में केंद्र शासित प्रदेश की अर्थव्यवस्था दोगुनी हो गई है जो सुशासन, बेहतर कानून-व्यवस्था और विकास प्रक्रियाओं में बढ़ती जनभागीदारी के कारण संभव हुआ है। यह वृद्धि केवल आंकड़ों में ही नहीं है यह बेहतर सड़कों, स्कूलों, डिजिटल बुनियादी ढाँचे और आजीविका में भी झलकती है। हमें उम्मीद है कि यह रुझान इस वर्ष भी जारी रहेगा।  

शेयर कीमतों में पंप एंड डंप स्‍कीम का यूज, सेबी की जांच के दायरे में BSE में लिस्‍टेड 200 कंपनियां

मुंबई  भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) मार्केट में हेरफेर से निपटने के लिए अपने प्रयासों को तेज कर रहा है और भारतीय शेयर बाजार में कथित पंप-एंड-डंप की बड़े पैमाने पर जांच शुरू करेगा. एनडीटीवी प्रॉफिट की एक रिपोर्ट के अनुसार, करीब 200 लिस्‍टेड कंपनियां बेखबर निवेशकों को शेयर की कीमतें बढ़ा-चढ़ाकर दिखाने के आरोप में जांच के दायरे में हैं. आशंका है कि ये कंपनियां पंप एंड डंप के जरिए शेयर कीमतों में हेरफेर कर रही हैं.  बिजनेस टुडे के मुताबिक, सेबी ने पिछले तीन दिनों में 80 से ज्‍यादा जगहों पर सर्च ऑपरेशन चलाया है. नियामक ने 100 से ज्‍यादा कंप्यूटर्स और 150 मोबाइल फोनों से डेटा जब्त किया है, जो व्यापक डिजिटल जांच को दिखाता है. सेबी की ये व्‍यापक कार्रवाई निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए कई महीनों से चलाए जा रहे एक व्‍यापक अभियान का हिस्‍सा है. अभी इस मामले में जांच जारी है.  जेन स्‍ट्रीट पर सेबी का बड़ा खुलासा Jane Street, एक ग्‍लोबल ट्रेडिंग फर्म है, जिसपर सेबी द्वारा रणनीतिक खरीद-बिक्री गतिविधियों के माध्यम से बैंक निफ्टी इंडेक्‍स में हेरफेर करने और कथित तौर पर रिटेल निवेशकों की कीमत पर भारी मुनाफा कमाने का आरोप लगाया गया है. सेबी के इस खुलासे के बाद भारतीय शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने वालों में खलबली मची है.   सेबी के अंतरिम आदेश ने Jane Street को भारतीय बाजारों में कारोबार करने से बैन कर दिया है. हालांकि कंपनी इन आरोपों से इनकार किया है और सेबी के फैसले को चुनौती देने की तैयारी कर रही है. सोलोमन एंड कंपनी की पार्टनर किंजल चंपानेरिया ने उपलब्ध कानूनी विकल्पों के बारे में बताया, 'सेबी के 3 जुलाई 2025 के आदेश के अनुसार, सेबी ने कई शर्तें लगाई हैं और संस्थाओं से और जानकारी मांगी है. इनमें जमा राशि, कारोबार का विवरण, संपत्तियों का विवरण आदि शामिल हैं.'  जेन स्‍ट्रीट के बाद एक्‍शन कें सेबी  इस खुलासे के बाद सेबी ने कई और फर्मों की जांच शुरू की है. कुछ ट्रेडिंग फर्म पर सेबी बारीकी से नजर रख रही है. वहीं शेयर बाजार में ट्रेडिंग वैल्‍यूम में भी गिरावट देखी जा रही है. जेन स्‍ट्रीट पर खुलासे के बाद BSE को भी नुकसान का अंदाजा लगाया जा रहा है. कुछ आंकड़ें कहते हैं कि BSE के EPS में 4 फीसदी तक की गिरावट आ सकती है. 

Youtube पर कंटेंट क्रिएशन के लिए बदले नियम, ऐसे वीडियो बनाने वालों को नहीं मिलेगा पैसा

अब यूट्यूब से कमाई करना आसान नहीं रहेगा। 15 जुलाई से यूट्यूब की मॉनेटाइजेशन पॉलिसी में बड़ा बदलाव होने वाला है। दरअसल यूट्यूब मास-प्रोड्यूस्ड कंटेंट पर सख्ती बढ़ाने जा रहा है। बदले नियमों के मुताबिक अब यूट्यूब उन्हें ही वीडियो से कमाई करने का मौका देगा जो असली और नया कंटेंट बना रहे हैं। दरअसल यूट्यूब बड़ी संख्या में बनने वाले और एक जैसे वीडियो की पहचान को बेहतर बनाने जा रहा है ताकि ऐसे वीडियो से होने वाली कमाई को कम किया जा सके। यूट्यूब चाहता है कि दर्शकों को हर चैनल की तरह से नया और ओरिजनल कंटेंट मिले। 15 जुलाई से लागू होने जा रहे इन नए नियमों के बारे में डिटेल में जानते हैं और पता करते हैं कि आखिर किस तरह के वीडियो बनाने से अब यूट्यूब पर कमाई नहीं हुआ करेगी। क्या है नए नियम यूट्यूब की नई पॉलिसी के तहत अब अगर कोई क्रिएटर चाहता है कि उसकी वीडियो पैसा कमाए, तो जरूरी होगा कि उसका वीडियो ओरिजनल हो। अगर किसी वीडियो को किसी दूसरी जगह से उठाया जाता है, तो भी उसमें बदलाव करना जरूरी होगा। यूट्यूब चाहता है कि क्रिएटर्स के वीडियो व्यूज से ज्यादा जानकारी देने या दर्शकों का मनोरंजन करने पर केंद्रित होने चाहिए। इतना ही नहीं यह सख्ती ऐसे कंटेंट पर भी लागू होगी जो AI से बनाए जाते हैं। यूट्यूब यह सब अपने प्लेटफॉर्म से बोरिंग और एक जैसे कंटेंट की सफाई के लिए कर रहा है। यूट्यूब की ओर से इस बारे में जानकारी एक सपोर्ट पेज पर दी है। इस पर बताया गया है कि वह अपनी मॉनेटाइजेशन पॉलिसी को अपडेट करने जा रहे हैं। ऐसा 'मास-प्रोड्यूस्ड और रिपीट होने वाले कंटेंट' की पहचान करने के लिए किया गया है। इस सपोर्ट पेज पर यूट्यूब से साफ किया है कि उसने हमेशा से क्रिएटर्स से ओरिजनल और ऑथेंटिक कंटेंट बनाने की डिमांड की है। चैनल मोनेटाइज के लिए पूरी करनी होगी ये शर्तें यानी चैनल मोनेटाइज कराने के लिए आपके पास 1000 से ज्यादा सब्सक्राइबर्स होने चाहिए. इसके अलावा चैनल पर 12 महीनों में 4000 पब्लिक वॉच आवर होने चाहिए या फिर 1 करोड़ शॉर्ट्स व्यू 90 दिनों में आने चाहिए. हालांकि, अब शर्त सिर्फ इतनी नहीं रहेगी, बल्कि आपका कंटेंट ओरिजनल और ऑथेंटिक होना चाहिए.  YouTube ये अपडेट स्पैम और AI कंटेंट की संख्या को कम करने और ओरिजनल कंटेंट को बढ़ावा देने के लिए लेकर आ रहा है. ऐसे क्रिएटर्स जो इस अपडेट को मिस करते हैं, उन्हें डिमोनेटाइजेशन का सामना करना पड़ सकता है. भले ही उनके कंटेंट पर अच्छे नंबर आ रहे हो.  AI कंटेंट्स की बढ़ रही संख्या AI टेक्नोलॉजी की एंट्री के साथ ही YouTube पर ऐसे कंटेंट्स की बाढ़ सी आ गई है. कंपनी के हिसाब से इन लो-क्वालिटी मीडिया या कंटेंट को AI की मदद से जनरेट किया जा रहा है. उदाहरण के लिए किसी फोटो पर आपको आसानी से एक AI वॉयसओवर मिल जाएगा या फिर किसी वीडियो क्लिप पर AI वॉयसओवर टाइप का कंटेंट आपको यूट्यूब पर मिल जाएगा.  कई ऐसे चैनल्स भी हैं, जो AI कंटेंट जनरेट करके लाखों सब्सक्राइबर्स को जोड़ चुके हैं. ये वीडियोज AI की मदद से जनरेट किया जाते हैं और उन्हें असली की तरह पेश किया जाता है. ऐसे कंटेंट्स को लेकर ही YouTube पॉलिसी अपडेट को लेकर आ रहा है. कंपनी की मानें, तो ये छोटा अपडेट है, लेकिन इसका असर AI की मदद बल्क कंटेंट क्रिएट करने वालों पर पड़ेगा. शॉर्ट्स ने बदला ट्रेंड यूट्यूब पर एक जैसे वीडियो का ट्रेंड शॉर्ट्स की वजह से शुरू हुआ है। साल 2020-2021 में कंपनी ने रील्स जैसे वीडियो को अपने प्लेटफॉर्म पर पेश किया था। इस तरह के वीडियो को यूट्यूब पर शॉर्ट्स नाम दिया गया था। बड़ी बात यह है कि यूट्यूब से पहले इस तरह के वीडियो जिस भी प्लेटफॉर्म पर पॉपुलर थे जैसे कि टिकटॉक, वहां एक जैसा और रिपीट होने वाला कंटेंट आम बात था। अब क्योंकि प्लेटफॉर्म के तौर यूट्यूब का नेचर टिकटॉक जैसे प्लेटफॉर्म से अलग इसलिए मॉनेटाइजेशन पॉलिसी में बदलाव करके रिपीट होने वाले वीडियो की सफाई यूट्यूब करना चाह रहा है। AI वीडियो पर भी गाज? हाल ही में यूट्यूब और अन्य वीडियो प्लेटफॉर्म्स पर एआई वीडियो की बाढ़ देखने को मिली थी। यूट्यूब के सख्त नियमों का खामियाजा इस तरह के वीडियो को भी भुगतना पड़ सकता है। बताया जा रहा है रिवाइज्ड गाइडलाइन्स में AI से बने वीडियोज भी शामिल हो सकते हैं। यह ऐसे वीडियो होते हैं जहां क्रिएटर्स AI से जेनरेटेड आवाजों का इस्तेमाल करके किसी और के वीडियोज पर रिएक्ट करते हैं। हालांकि इस पर स्पष्ट जानकारी का फिलहाल इंतजार है।