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फूल भी करते हैं दवा का काम, इन रोगों में ये हैं रामबाण

फूलों की खूशबू और उनकी सुंदरता तो हम सभी का मन मोह लेती है, लेकिन क्या आप जानते है कि हम फूलों को भी खा सकते हैं। खाने में फूलों का उपयोग भले ही हम सीधे न कर पाएं, लेकिन सही पर फूलों का इस्तेमाल हम कई चीजें में करते हैं, फिर चाहे वह खाना हो या सलाद। हजारो सालों से हम फूलों कि सुंदरता को देखते और महक का आनंद लेते आए हैं। उनके इन्हीं रंगों में उनकी बहुत सारी खूबियां छिपी हुई हैं। अभी तक अधिकांश लोग यही जानते थे कि फूलों का उपयोग सिर्फ इत्र बनाने में होता है,तो आइए जाने कुछ ऐसे ही फूलों को जो हमारे भोजन को स्वादिष्ट बनाते हैं। लैवेंडर फूल-इन खुशबूदार फूलों का इस्तेमाल आइस्क्रीम और दही में किया जाता है। इसका इस्तेमाल एंटीसेप्टिक और बालों की रूसी को रोकने में भी होता है। गुलदाउदी-कैमोमाइल की तरह ही गुलदाउदी का चाय में इस्तेमाल होता है। गुलदाउदी में एंटी ऑक्सीडेंट और मिनरल्स के अलावा एंटी इन्फ्लेमेटरी, एंटी-कार्सनोजेनिक गुण भी पाए जाते हैं। बबूने का फूल (कैमोमाइल)-यह फूल आपको शान्त रखने में मदद करता है, इसीलिए इसका इस्तेमाल चाय में किया जाते है। इसमें एंटीइनफ्लेमेटरी, एंटी-कार्सनोजेनिक और घाव भरने के गुण पाए जाते हैं। गुडहल के फूल-इन फूलों का इस्तेमाल सलाद को गार्निश करने के लिए होता है, इसके अलावा चाय में भी गुड़हल के फूलों का इस्तेमाल होता है। इनमें भरपूर मात्रा में एंटी-आक्सीडेंट पाए जाते हैं जो लो-ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करते हैं। एप्पल और ऑरेंज के फूल-ये दोनों फूल सबसे ज्यादा खाए जाते हैं, इन्हें खाने से कई रोग दूर होते हैं। इसके बारे में कुछ ही लोग जानते हैं, लेकिन इनका उपयोग कम मात्रा में करना चाहिए।  

मानसून के मौसम में भी गोवा में पर्यटकों की तादाद में कमी नहीं आई है: मुख्यमंत्री सावंत

पणजी गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा है कि सरकार राज्य में बैठकें, प्रोत्साहन यात्राएं, सम्मेलन और प्रदर्शनी (एमआईसीई) के साथ-साथ आध्यात्मिक, स्वास्थ्य और खेल आधारित पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रयास करेगी। बृहस्पतिवार को यहां सचिवालय में क्षेत्र के प्रमुख हितधारकों और प्रतिनिधियों के साथ हुई अंतर-विभागीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री सावंत ने कहा कि राज्य सरकार ने पर्यटन उद्योग द्वारा उठाई गई समस्याओं को गंभीरता से लिया है। उन्होंने कहा, ''मानसून के मौसम में भी गोवा में पर्यटकों की अच्छी संख्या आ रही है। हमने सभी हितधारकों से उनकी समस्याओं को सुना है।'' उन्होंने कहा, ''इस समय मानसून के मौसम में भी गोवा में पर्यटकों की तादाद में कमी नहीं आई है। हमने सभी हितधारकों से उनकी समस्याओं को सुना है।'' मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यापार लाइसेंस के नवीनीकरण, संचालन के समय में वृद्धि, बुनियादी ढांचे की समस्याओं और हवाई संपर्क से जुड़े प्रमुख मुद्दों का समाधान अगले महीने के भीतर कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा, ''हम कुछ देशों के लिए आगमन पर वीजा और राज्य के लिए अंतरराष्ट्रीय विमान सेवा के हवाई संपर्क जैसे मुद्दों को भारत सरकार और प्रधानमंत्री कार्यालय के माध्यम से तेजी से आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।'' सावंत ने कहा कि विभागों के बीच बिना किसी बाधा के समन्वय से गोवा की पर्यटन क्षमता का पूरा लाभ उठाया जाएगा, जिससे राज्य के लोगों को रोजगार के अवसर, कौशल विकास और डिजिटल कौशल विकास पोर्टल का उपयोग करने की सुविधा मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा, ''राज्य सरकार बैठक, प्रोत्साहन यात्रा, सम्मेलन और प्रदर्शनी (एमआईसीई) के साथ-साथ आध्यात्मिक, स्वास्थ्य और खेल आधारित पर्यटन को विशेष रूप से बढ़ावा देगी ताकि पर्यटकों की संख्या में निरंतर वृद्धि सुनिश्चित की जा सके।'' सावंत ने कहा कि बैठक में 'हाई स्पीड इंटरनेट' सुविधा को बढ़ावा देने, परिवहन व्यवस्था को सुव्यवस्थित करने और स्वच्छ एवं हरित गोवा पहल के माध्यम से आगंतुकों के अनुभव को बेहतर बनाने की योजनाएं भी साझा की गईं। बैठक में शामिल हुए राज्य के पर्यटन मंत्री रोहन खुंटे ने उद्योग के विकास को सुनिश्चित करने के लिए अंतर-विभागीय सहयोग और हितधारकों के बीच तालमेल की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि पर्यटन एक ऐसा उद्योग है जिसे पंचायतों से लेकर पुलिस, वन और अन्य विभागों के साथ निरंतर समर्थन और सुव्यवस्थित समन्वय की आवश्यकता होती है।  

सोनी सब के कलाकारों ने साझा किए अनुभव, भारतीय पारंपरिक परिधान उनकी ऑनस्क्रीन प्रस्तुति को निखारते हैं

मुंबई,  सोनी सब के कलाकारों ने बताया है कि भारतीय पारंपरिक परिधान उनकी ऑनस्क्रीन प्रस्तुति को निखारते हैं। तेनाली रामा का में तेनाली रामा की भूमिका निभा रहे कृष्णा भारद्वाज ने कहा, “तेनाली रामा को जीवंत करने के लिए उस युग की सांस्कृतिक बुनावट में डूबना जरूरी है और इसमें पोशाक अहम भूमिका निभाती है। माथे का पवित्र तिलक हो या धोती की परतें, हर तत्व मुझे उस दुनिया में ले जाता है। यह केवल मेरी शक्ल ही नहीं, मेरा हावभाव, बातचीत का तरीका और ऊर्जा तक बदल देता है। यह अभिनय से बढ़कर एक पूर्ण समर्पण होता है। सच कहूं तो पारंपरिक वेशभूषा पहनते ही कृष्णा को पीछे छोड़कर पूरी तरह तेनाली बन जाना आसान हो जाता है।” तेनाली रामा में कोतवाल की भूमिका निभा रहे निखिल आर्य ने कहा, “पारंपरिक परिधान किरदार का एक विस्तार जैसा लगता है, मानो खुद एक अभिनय उपकरण हो। इसकी परतें, भव्यता और गरिमा मुझे सहजता से किरदार में ले जाती हैं। एक बार जब मैं पोशाक पहन लेता हूं, तो संवाद भी और अधिक गहराई से महसूस होने लगते हैं। हालांकि मेरा पोशाक सेट पर सबसे भारी है और बिना एसी वाले सेट पर शूटिंग करना चुनौतीपूर्ण होता है, फिर भी यह अनुभव बहुत संतोषजनक होता है। दिलचस्प बात यह है कि असल जीवन में भी कभी-कभी संस्कृतनिष्ठ भाषा में बात करने लग जाता हूं, वो भी अनजाने में!” वीर हनुमान में महाराज कृष्णदेव राय की भूमिका निभा रहे आदित्य रेडिज ने कहा, “महाराज कृष्णदेव राय का किरदार निभाने के लिए पारंपरिक वेशभूषा पहनना मुझे किरदार में उतरने में बेहद मदद करता है। शुरुआत में आधुनिक कपड़ों से राजसी और भारी पोशाक, गहनों और मुकुट की ओर जाना थोड़ा मुश्किल था। लेकिन धीरे-धीरे इसकी आदत हो गई और अब मुझे लगता है कि यह मेरे अभिनय को नई ऊंचाई देता है। जैसे ही मैं पोशाक पहनता हूं, मुझे एक राजा की ताकत और जिम्मेदारी का एहसास होने लगता है। मेरा शरीर, सोच और बोलने का तरीका बदल जाता है — मानो मैं उसी युग में पहुंच गया हूं। पारंपरिक वेशभूषा सिर्फ दृश्य सौंदर्य ही नहीं, बल्कि सच्चाई और गहराई भी लाती है।” वीर हनुमान में कैकेयी की भूमिका निभा रही हुनर हाली बताती हैं, “शुरुआत में लंबे समय तक साड़ी, भारी परिधान और खासकर सिर की भव्य सजावट के साथ शूटिंग करना शारीरिक रूप से थका देने वाला था। लेकिन वह सिर पर पहनने वाला आभूषण सिर्फ सजावट नहीं, बल्कि कैकेयी के गर्व, पद और आंतरिक द्वंद्व का प्रतीक है। समय के साथ मैंने समझा कि यह प्रदर्शन में कितनी गहराई जोड़ता है। कैकेयी एक ऐसा किरदार है जो अत्यधिक भावनात्मक उतार-चढ़ाव से गुजरती है और पारंपरिक परिधान उसमें एक सुंदर गरिमा और प्रामाणिकता लेकर आते हैं, जो आधुनिक कपड़े नहीं दे सकते।” वीर हनुमान में केसरी की भूमिका निभा रहे आरव चौधरी ने कहा, “पारंपरिक परिधान एक खास गरिमा और गंभीरता लाते हैं। खासकर पौराणिक किरदारों में आप सिर्फ एक पोशाक नहीं, बल्कि इतिहास पहनते हैं। केसरी के लिए उनका राजसी लुक उनकी शक्ति और भक्ति का विस्तार है। जब मैं यह पोशाक पहनता हूं, तो मुझे ऐसा नहीं लगता कि मैं उनका अभिनय कर रहा हूं ।मैं खुद केसरी बन जाता हूं।”  

तृणमूल नेता को मारी गोली, पश्चिम बंगाल में मचा हड़कंप

कोलकाता पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले में तृणमूल कांग्रेस के 38 वर्षीय एक नेता की गोली मारकर हत्या कर दी गई, जिससे इलाके में तनाव फैल गया। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह घटना बृहस्पतिवार रात भांगर इलाके में हुई। उन्होंने बताया कि मृतक की पहचान कैनिंग पूर्व के विधायक शौकत मोल्ला के करीबी सहयोगी रज्जाक खान के रूप में हुई। उन्होंने कहा कि तृणमूल पदाधिकारी की हत्या के मामले में अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। अधिकारी ने बताया कि तृणमूल कांग्रेस की चालताबेरिया इकाई के अध्यक्ष खान पार्टी की एक बैठक में भाग लेने के बाद घर लौट रहे थे, तभी कुछ बंदूकधारियों ने उन्हें गोली मार दी। काशीपुर पुलिस थाने के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘प्रारंभिक जांच से पता चला है कि मृतक को तीन गोलियां लगीं। हमलावरों ने खान पर कई बार चाकू से वार भी किया।’ उन्होंने बताया कि इलाके में पुलिस की एक टीम तैनात कर दी गई है और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। मोल्ला ने स्थानीय तृणमूल नेता की हत्या के लिए इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) को जिम्मेदार ठहराया। तृणमूल विधायक ने दावा किया, ‘रज्जाक पार्टी की दो बैठकों में शामिल होने के बाद घर लौट रहे थे। उन्हें गोली मारी गई और फिर कई बार चाकू मारा गया। इस हत्या के पीछे वह लोग हैं जो भांगर में अपनी पकड़ खोते जा रहे हैं। जिन अपराधियों को इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) ने पनाह दी थी, उन्हीं लोगों ने रज्जाक की हत्या की है। वे हर दिन अपनी राजनीतिक ज़मीन खो रहे हैं और इसी वजह से अब आपराधिक रास्ता अपना रहे हैं।’ आईएसएफ विधायक नवसाद सिद्दीकी ने आरोप को खारिज कर दिया और हत्या को तृणमूल कांग्रेस के आंतरिक झगड़े का नतीजा बताया। भांगर में अक्सर इलाके पर नियंत्रण को लेकर आईएसएफ और तृणमूल समूहों के बीच राजनीतिक झड़पें होती हैं।  

कृषि विज्ञान केन्द्र में मासिक कार्यशाला आयोजित

 बिलासपुर, कृषि विज्ञान केन्द्र, बिलासपुर में आज बिलासपुर जिले के मैदानी स्तर के वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारियों व ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों के साथ केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. अरूण कुमार त्रिपाठी के मार्गदर्शन में मासिक कार्यशाला सम्पन्न हुई। इस अवसर पर कृषि विभाग के उप संचालक पी.डी. हथेस्वर, उप संचालक उद्यानिकी, बिलासपुर कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ. शिल्पा कौशिक, श्रीमती हेमकांति बंजारे, डॉ. अमित शुक्ला, डॉ. एकता ताम्रकार, इंजी. पंकज मिंज, डॉ. निवेदिता पाठक, उक, डॉ. स्वाति शर्मा उपस्थित थे।        उप संचालक कृषि श्री हथेस्वर ने उपस्थित अधिकारियों से वर्तमान समय में ज्यादा बारिश के कारण उत्पन्न जल भराव की स्थिति की सतत् निरीक्षण कर धान एवं अन्य दलहन तिलहन फसलों पर होने वाले दुष्प्रभावों से बचाव के लिए किसानों को सलाह देने का निर्देश दिया। उल्लेखनीय है कि इस वर्ष अब तक विगत वर्ष की तुलना में बिलासपुर जिले में 28 प्रतिशत ज्यादा वर्षा हुई है, जिससे दलहन एवं तिलहनी फसलों की बोनी का कार्य पिछड़ गया है, विगत 10 दिन से लगातार वर्षा होने के कारण धान के खेतों में भी ज्यादा जलभराव होने के कारण रोपा बहने तथा सब्जी वर्गीय फसलों के सड़ने तथा अनेक रोगों का प्रकोप होने की आशंका है। वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. त्रिपाठी ने उपस्थित अधिकारियों से आग्रह किया कि धान की सीधी बोनी (उन्नत खुर्रा बोनी) करने वाले किसान वर्षा कम होने तथा उपयुक्त दशा में खरपतवार तथा पोषक तत्वों का प्रबंधन करें। डी.ए.पी. उर्वरक उपलब्ध न हो पाने की स्थिति में सिंगल सुपर फास्फेट या एन.पी. के. 12:32:16 उर्वरकों का प्रयोग करें। मस्तूरी विकासखंड में कुल 51 हजार हेक्टेयर धान के क्षेत्रफल में से 37 हजार हे. में उन्नत खुर्रा बोनी (DSR) तकनीक से धान की बोनी की गई है, जिसमें जमीन में वर्षा जल का अन्तःस्पंदन  ज्यादा होगा, मृदा संरचना में सुधार होगा तथा भू-जल स्तर में भी बढ़ोतरी होगी। जिले के कृषि विकास अधिकारियों द्वारा कपास, अरहर एवं धान की खेती में किसानों को आने वाली समस्याओं की जानकारी दी गई। वैज्ञानिक डॉ. अमित शुक्ला ने सब्जी वर्गीय फसलों की खेती में समुचित जल निकास सुनिश्चित करने की सलाह दी तथा खेतों में उंची मेढ़ बनाकर उसमें मिर्च, टमाटर, बैगन फसलों के रोपण की सलाह दी। श्रीमती हेमकांति बंजारे ने धान में खरपतवार नियंत्रण के बारे में जानकारी दी। जैसे पोस्ट इमरजेन्स (बुआई के बाद) फिनाक्सीप्रॉप इथाइल (250 मिली) (मेटसल्फ्यूरान मिथालक्लोडिनोफॉप इथाइल) 8 मिली/एकड़ छिड़काव करने से सकरी व चैड़ी पत्तियों वाले खरपतवारों को नियंत्रित किया जा सकता है। कुछ क्षेत्रों जहां पर मोथा खरपतवार ज्यादा पाया जाता है वहां पर पिनॉक्सीसुलम साइहेलोब्यूटाइल के मिश्रण को 1 ली./ एकड़ के दर से छिड़काव करें। कृषकों को खरपतवार नाशकों के उपयोग के लिए नफ्लेटफेन नोजल का प्रयोग करने की सलाह दी गई। डॉ. स्वाति शर्मा द्वारा धान नर्सरी में लगने वाले तना छेदक के नियंत्रण हेतु क्लोरट्रीनीलीपॉल (0.5 ml) या कार्टाफ हाईड्रोक्लोराइड 4G की 1 किग्रा प्रति 100 वर्गमी की दर से भुरकाव करें। सब्जियों में लगने वाले चुसक कीटों के नियंत्रण के लिए इमिडाक्लोरपीड 200 SL 0.5 मिली/लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। डॉ. निवेदिता पाठक द्वारा पोषण वाटिका में बेल वाली अन्य सब्जियों के बीज उपचारित करके लगाने की सलाह के साथ कद्दूवर्गीय सब्जियों के सहारा के लिए खूटा की व्यवस्था करने की सलाह दी। इंजी. पंकज मिंज द्वारा द्वारा खेती में मशीनीकरण हेतु छोटे-छोटे उपकरण जैसे खरपतवार नियंत्रण के लिए पावर वीडर, सब्जी बीज लगाने के लिए हस्त चलित डिबलर उपयोग करने की सलाह दी। अंत में डॉ. निवेदिता पाठक द्वारा धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कार्यशाला को समाप्त किया गया।

कल के शहरों का निर्माण थीम पर आधारित प्रदर्शनी का उद्घाटन मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने किया

भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ब्रिलिएंट कन्वेंशन सेंटर में "मध्यप्रदेश ग्रोथ कॉन्क्लेव 2025" अन्तर्गत कल के शहरों का निर्माण थीम पर आधारित प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। प्रदर्शनी में प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में विकास के लिए संचालित विभिन्न प्रोजेक्ट्स के माध्यम से विकसित सुदृढ़ अधोसंरचना, नवाचारों, निवेश प्रोत्साहन नीतियों एवं योजनाओं से संबंधित प्रकल्प प्रदर्शित किए गए। मुख्यमंत्री ने प्रदर्शनी का अवलोकन कर सराहना की। इंदौर विकास के मॉडल की झलक प्रदर्शनी में इंदौर विकास प्राधिकरण की अधोसंरचना विकास के लिए अपनाए गए मॉडल जिसमें पीपीपी मोड पर आधारित बहुउद्देशीय स्पोर्ट्स पार्क के निर्माण, एयरपोर्ट के पास कन्वेंशन सेंटर, इंदौर में स्टार्टअप कल्चर को बढ़ावा देने के लिए निर्माणाधीन स्टार्टअप पार्क को प्रकाशित किया गया। प्रदर्शनी में सारे प्रोजेक्ट्स की जानकारी को डिजिटली उपलब्ध कराने के लिए क्यूआर कोड की व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने डिजिटल व्यवस्था देखकर प्रसन्नता व्यक्त की। कल के शहरों में मेट्रो रेल की भूमिका "कल के शहरों" के निर्माण में मेट्रो रेल की भूमिका को दर्शाने वाली प्रदर्शनी में इंदौर मेट्रो रेल परियोजना (येलो लाइन), भोपाल मेट्रो रेल परियोजना (ऑरेंज और ब्लू लाइन), रोलिंग स्टॉक (ट्रेन) देशी तकनीक से निर्मित आधुनिक मेट्रो ट्रेनें, सूचनात्मक पैनल को प्रदर्शित किया गया जिसके माध्यम से कल के शहरों में आवागमन के सशक्त साधन को दिखाया गया है। टेक्नोलॉजी आधारित प्रकल्प टेक्नोलॉजी आधारित विकास की पांच परिवर्तनकारी नीतियाँ आईटीईएस एवं ईएसडीएम निवेश प्रोत्साहन नीति 2023, ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (GCC) नीति 2025, ड्रोन प्रोत्साहन एवं उपयोग नीति 2025, एवीजीसी-एक्सआर (एनीमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग, कॉमिक्स और एक्सटेंडेड रियलिटी) नीति 2025, सेमीकंडक्टर नीति 2025 का प्रदर्शन किया। मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास निगम इंदौर द्वारा एक विशेष प्रदर्शनी भी प्रस्तुत की गई जिसमें राज्य के प्रमुख अधोसंरचना परियोजना के गतिशील औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र, तेजी से विकसित होती आईटी अवसंरचना, और समावेशी शहरी विकास को प्रदर्शित किया गया है। प्रदर्शनी में विशेष रूप से इंदौर-पीथमपुर इकोनॉमिक कॉरिडोर, आईटी पार्क-3, इंदौर, आईटी पार्क-4, सुपर कॉरिडोर, इंदौर कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास, रेडीमेड गारमेंट कॉम्प्लेक्स में प्लग एंड प्ले सुविधा को प्रदर्शित किया गया। हरित विकास नवाचार प्रदेश में हरित विकास को बढ़ावा देने वाली विभिन्न औद्योगिक इकाइयों के नवाचारों को भी प्रदर्शनी में शामिल किया गया। मध्य भारत में पॉलीकार्बोनेट शीट जो पूर्णतः हरित उत्पाद है के माध्यम से घरों में प्राकृतिक रोशनी आसानी से उपलब्ध होगी। शहरी क्षेत्रों में पार्किंग की समस्या के निराकरण के लिए रोबोटिक पार्किंग सिस्टम बनाए जाने के संबंध में मॉडल, इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कचरा संग्रहण एवं कचरा निस्तारण के लिए ईवी का प्रदर्शन किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इन कार्यों में लगे प्रदेश के उद्योगपतियों की सराहना की। प्रदर्शनी में हाउसिंग एंड अर्बन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड, भोपाल विकास प्राधिकरण, उज्जैन विकास प्राधिकरण, अमृत हरित अभियान आदि प्रदर्शनियों का प्रदर्शन किया गया जो प्रदेश के गतिशील औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र एवं नवाचारों का प्रोत्साहन, तेजी से विकसित होती आईटी अवसंरचना, शहरी सुदृढ़ अधोसंरचना एवं समावेशी शहरी विकास शामिल है। प्रदर्शनी में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय, जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट सहित अनेक जनप्रतिनिधि, निवेशक आदि उपस्थित थे।  

सीएम डैशबोर्ड रिपोर्ट में जालौन जिला फिर पहले स्थान पर आया

लखनऊ  सीएम डैशबोर्ड रिपोर्ट में जालौन जिला फिर पहले स्थान पर आया। टॉप फाइव जिलों में शाहजहांपुर, अंबेडकरनगर, महाराजगंज और श्रावस्ती ने जगह बनाई।    उत्तर प्रदेश में सीएम डैशबोर्ड की जून की रिपोर्ट में जालौन ने प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त किया है। वहीं शीर्ष पांच जिलों में शाहजहांपुर, अंबेडकरनगर, महाराजगंज और श्रावस्ती को स्थान मिला है। जालौन लगातार छह महीने से मुख्यमंत्री डैशबोर्ड पर पहले स्थान पर बना हुआ है।  सीएम डैशबोर्ड से जनसुनवाई, कानून व्यवस्था, जन कल्याणकारी योजनाओं और राजस्व कार्यों की निगरानी की जाती है, जिससे जिलों को बेहतर प्रशासनिक मानक स्थापित करने में मदद मिलती है। हर महीने जिलों के राजस्व कार्यों, विकास कार्यों और कानून-व्यवस्था पर रिपोर्ट जारी की जाती है। डैशबोर्ड द्वारा सभी जिलों में 49 विभागों के 109 कार्यक्रमों की विभिन्न मानकों पर समीक्षा की जाती है। इसके बाद जिलों की रैंकिंग जारी की जाती है।    पांच जिलों ने प्रशासनिक कसौटियों पर खुद को साबित किया सीएम डैशबोर्ड की जून की रिपोर्ट के अनुसार एक बार फिर जालौन ने प्रदेश में पहला स्थान हासिल किया है। यह रिपोर्ट उन जिलों के प्रदर्शन का मूल्यांकन करती है, जिन्होंने प्रशासनिक दक्षता, विकास कार्यों, और राजस्व प्रबंधन में उल्लेखनीय कार्य किए हैं। शीर्ष पांच जिलों ने प्रशासनिक कसौटियों पर खुद को साबित किया है।  

कांवड़ियों पर फूलों की बारिश, बरेली में नमाज के बाद दिखा अनोखा मेल-जोल

बरेली  बरेली के जोगी नवादा में पिछले सप्ताह हिंदू पक्ष के लोगों ने ताजियेदारों का माला पहनाकर स्वागत किया था। अब मुस्लिम पक्ष ने सावन के पहले दिन कांवड़ियों पर फूल बरसाए हैं। दो समुदाय के लोगों ने गले मिलकर सौहार्द की मिसाल पेश की है।  बरेली में मिश्रित आबादी के जिस जोगी नवादा इलाके में दो साल से सांप्रदायिक विवाद और तनातनी का माहौल था, वहां शुक्रवार को अमन के माहौल में सौहार्द के फूलों की बारिश हुई। सीओ तृतीय पंकज श्रीवास्तव और इंस्पेक्टर बारादरी धनंजय पांडेय की अगुवाई में जोगी नवादा की उसी शाहनूरी मस्जिद के पास कांवड़ियों के पहले जत्थे पर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने पुष्प वर्षा की, जहां दो साल पहले दोनों समुदाय के लोगों में पथराव के बाद पुलिस को लाठीचार्ज और हवाई फायरिंग करनी पड़ी थी। शिवनंदन शर्मा के इस जत्थे में करीब डेढ़ सौ कांवड़िये नाचते गाते हरिद्वार के लिए रवाना हुए।   कांवड़ियों पर करीब पचास मुस्लिम भाइयों ने पुष्प वर्षा की। साथ ही फूलमालाएं पहनाकर स्वागत किया। सीओ समेत पुलिस टीम को भी फूलमाला पहनाई गईं। इससे पहले मुस्लिम भाइयों ने शाहनूरी मस्जिद में नमाज अदा की थी। इसके थोड़ी देर बाद ही भोले के जयकारे लगाते कांवड़िये पहुंचे तो उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया।   कांवड़ जत्थे के साथ पुलिस अधिकारी व मुस्लिम समाज के कई लोग पैदल चलते हुए वनखंडी नाथ मंदिर तक आए और अच्छी यात्रा के लिए कांवड़ियों को शुभकामनाओं के साथ विदाई दी। बता दें कि पिछले सप्ताह हिंदू पक्ष के लोगों ने यहां ताजियेदारों पर फूल बरसाए थे।    दो साल पहले हुआ था बवाल दो साल पहले इसी जगह पर कांवड़ यात्रा के दौरान खासा बवाल हो गया था। तब तत्कालीन एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने माहौल बिगड़ता देखकर लाठीचार्ज के आदेश दिए थे। हवाई फायरिंग भी हुई थी।     बवाल के बाद एसएसपी का तबादला कर थानेदार समेत कई को निलंबित कर दिया गया। अब माहौल बेहतर हुआ है। पिछले सप्ताह ताजिया निकलने के दौरान मौर्य गली में हिंदू पक्ष के लोगों ने स्वागत में फूलों की वर्षा की थी। 

IT नोटिस पर शरद पवार के पोते की प्रतिक्रिया, शिंदे गुट के लिए जताई सहानुभूति

मुंबई राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) के विधायक रोहित पवार ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे और सांसद श्रीकांत शिंदे को दिये गये आयकर नोटिस पर सवाल उठाया है। पवार ने कहा है कि कहीं ये भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की दबाव बनाने की रणनीति का हिस्सा तो नहीं है। वह शिवसेना (शिंदे गुट) के नेता और सामाजिक न्याय मंत्री संजय शिरसाट के बयान पर प्रतिक्रिया दे रहे थे। गौरतलब है कि शिरसाट ने पुष्टि की है कि उन्हें और श्रीकांत शिंदे को आयकर नोटिस मिले हैं। रोहित पवार ने कहा कि इस तरह की कार्रवाई राजनीतिक दबाव का संदेह पैदा करती है। उन्होंने कहा ‘‘इस तरह के नोटिस केंद्रीय स्तर से दिलवाये जाते हैं।” उन्होंने आरोप लगाया कि यह कार्रवाई आगामी मुंबई नगर निगम चुनाव में सीट बंटवारे की बातचीत में एकनाथ शिंदे पर कमजोर रुख अपनाने के लिए दबाव बनाने का प्रयास हो सकता है। शिंदे की हालिया दिल्ली यात्रा के मायने? गौरतलब है कि एकनाथ शिंदे की हालिया दिल्ली यात्रा को शिंदे गुट और ठाकरे समूह के बीच संभावित गठबंधन से जोड़ा जा रहा है। पवार के मुताबिक यह यात्रा शिंदे को भेजे गए आई-टी नोटिस से भी संबंधित हो सकती है। उन्होंने अनुमान लगाया कि उप-मुख्यमंत्री ने इस मामले में स्पष्टता के लिए गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी जैसे शीर्ष भाजपा नेताओं से मुलाकात की होगी। अजित पवार गुट के नेताओं को नोटिस क्यों नहीं? पवार ने आरोप लगाया कि भाजपा नेताओं के साथ-साथ भाजपा की सहयोगी राकांपा (अजित पवार गुट) के नेता भी इस तरह के संदिग्ध लेन-देन में शामिल रहे हैं लेकिन उन्हें ऐसे नोटिस नहीं मिले हैं। पवार ने सवाल किया, “ऐसा क्यों है कि केवल श्रीकांत शिंदे और संजय शिरसाट को ही आयकर नोटिस मिला है? ऐसा लगता है कि भाजपा एकनाथ शिंदे को कमजोर करने की कोशिश कर रही है।” शिंदे पर अपनी पार्टी का भाजपा में विलय का दबाव? दूसरी तरफ महा विकास अघाड़ी गठबंधन में शामिल शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता संजय राउत ने कहा है कि एकनाथ शिंदे पर अपनी पार्टी का भाजपा में विलय का दबाव है, और वह इसके लिए तैयार हैं। शायद इसीलिए पिछले दिनों उन्होंने दिल्ली का चक्कर लगाया है। राउत ने दावा किया कि शिंदे ने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की शिकायत की थी। 

उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा हुई आरंभ, पहले ही दिन हजारों कांवड़िए गंगा जल भरने हरिद्वार पहुंचे

देहरादून सावन माह की शुरूआत के साथ ही कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शुक्रवार को कांवड़ यात्रा भी आरंभ हो गयी और पहले दिन ही हजारों की संख्या में कांवड़िए गंगा जल भरने के लिए धर्मनगरी हरिद्वार पहुंचे। करीब एक पखवाड़े तक चलने वाली इस यात्रा में हर साल देश के विभिन्न राज्यों से कांवड़िए हरिद्वार से गंगा जल भरकर ले जाते हैं और उससे शिवरात्रि के अवसर पर अपने गांवों और घरों के शिवालयों में भगवान शिव का अभिषेक करते हैं। हर की पैड़ी सहित हरिद्वार के विभिन्न घाटों पर सुबह से ही बड़ी संख्या में कांवड़िए स्नान करते और गंगा जल भरते दिखे जिससे वहां का नजारा केसरिया रंग में रंगा हुआ नजर आ रहा है। उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ ने बताया कि कांवड़ मेले की सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस, अर्धसैनिक बल, जल पुलिस, अभिसूचना, विशेष कार्यबल, राज्य आपदा प्रतिवादन बल, पीएसी और आतंकवाद निरोधी दल के 7000 से अधिक कार्मिकों को तैनात किया गया है। उन्होंने बताया कि ड्रोन, सीसीटीवी और सोशल मीडिया की निगराानी के जरिए हर संदिग्ध गतिविधि पर पैनी नजर रखी जा रही है। कांवड़ यात्रा के निर्विघ्न संचालन के लिए उत्तराखंड सरकार ने सनातन धर्म की आड़ में लोगों को ठगने और उनकी भावनाओं से खिलवाड़ करने वाले छद्म भेषधारियों के खिलाफ ‘ऑपरेशन कालनेमि’ शुरू कर दिया है। यात्रा आरंभ होने से एक दिन पहले शुरू किए गए इस ऑपरेशन के बारे में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश में कई ऐसे मामले सामने आए हैं जहां असामाजिक तत्व साधु-संतों का भेष धारण कर लोगों, विशेषकर महिलाओं को ठग रहे हैं। उन्होंने कहा, ''इससे न सिर्फ लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हो रही हैं बल्कि सामाजिक सौहार्द और सनातन परंपरा की छवि को भी नुकसान पहुंच रहा है। ऐसे में किसी भी धर्म का व्यक्ति यदि ऐसे कृत्य करता हुआ मिलता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।'' उन्होंने कहा कि जिस प्रकार असुर कालनेमि ने साधु का भेष धारण कर भ्रमित करने का प्रयास किया था, वैसे ही आज समाज में कई "कालनेमि" सक्रिय हैं जो धार्मिक भेष धारण कर अपराध कर रहे हैं। सुर कालनेमि का दोनों प्रमुख हिंदू धर्मग्रंथों- रामायण और महाभारत में उल्लेख है। पौराणिक मान्यता है कि रावण के मामा मारीच के पुत्र कालनेमि ने साधु का भेष धारण कर लक्ष्मण की मूर्छा को तोड़ने के लिए संजीवनी बूटी ला रहे हनुमान का रास्ता रोकने का प्रयास किया था लेकिन हनुमान ने उसकी असलियत जानकर उसका वध कर दिया था। महाभारत काल में कालनेमि का पुनर्जन्म कंस के रूप में हुआ जिसका संहार भगवान कृष्ण ने किया। पिछले कुछ सालों में गंगा जल भरने वाले शिवभक्त कांवड़ियों की संख्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। पिछले साल कांवड़ यात्रा में चार करोड़ से अधिक कांवड़िए हरिद्वार और ऋषिकेश पहुंचे थे। प्रशासनिक सूत्रों ने यहां बताया कि इस बार करीब छह-सात करोड़ कांवड़ियों के आने की उम्मीद है जिसे देखते हुए सभी प्रकार के इंतजाम पूरे कर लिए गए हैं। उधर, उत्तर रेलवे ने भी कांवड़ मेला के दौरान कांवड़ियों के लिए विशेष रेलगाड़ियां चलाने के प्रबंध किए हैं।