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जबलपुर विमानतल को फिर बम से उड़ाने की धमकी, एयरपोर्ट प्रबंधन ने दर्ज कराई एफआईआर

जबलपुर मध्य प्रदेश के जबलपुर के डुमना एयरपोर्ट को फिर बम से उड़ाने की धमकी मिली है. पिछले 8 दिनों में दूसरी बार धमकी भरा ईमेल मिला है. इसमें एयरपोर्ट में बम ब्लास्ट करने की बात लिखी गई है. ईमेल मिलने के बाद एयरपोर्ट प्रबंधन अलर्ट हो गया. फौरन एयरपोर्ट के चप्पे-चप्पे की तलाशी ली गई. फिलहाल डुमना प्रबंधन की ओर से खमरिया थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है. अब पुलिस ईमेल भेजने वाले की तलाश में जुट गई है. बता दें कि इससे पहले 29 जून को भी डुमना एयरपोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी भरा ईमेल मिला था, जिसके बाद खमरिया थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी। उस जांच में भी कोई विस्फोटक सामग्री नहीं मिली थी और मामला फर्जी निकला था। इस बार भी धमकी मिलने के बाद सघन तलाशी के दौरान एयरपोर्ट पर कोई विस्फोटक सामग्री नहीं मिली। फिर मिली डुमना एयरपोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी पिछले दस दिन में दूसरी बार जबलपुर के डुमना एयरपोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी मिलने से सनसनी का माहौल है।एयरपोर्ट डायरेक्टर के अनुसार धमकी भरा ईमेल ‘इमाम हुसैन अली’ नाम की एक आउटलुक आईडी से भेजा गया था। मेल में एम. गुनासेकरन, जीवा सगप्तम वैश्यू, सेथिल वेल, माइनर, नैनिका कोवन, शिवदास और सुमी पापा जैसे नामों का जिक्र किया गया था। ईमेल में लिखा गया कि एयरपोर्ट में “फोर आरडीएक्स 800 बेस फ्यूज” रखा गया है, जिसे जानबूझकर कम मात्रा में डोप किया गया ताकि प्रभाव कम हो और ज्यादा लोग हताहत कम हों। मेल में जिन नाम का जिक्र था, उनकी जानकारी जुटाई गई। सभी विमान कंपनियों से यात्रा करने वाले पैसेंजरों की जानकारी भी बुलाई गई, लेकिन मेल में जिन नाम को लिखा था उनमें से कोई भी नाम पैसेंजर लिस्ट में नहीं थे। पुलिस ने दर्ज की एफआईआर धमकी भरे ईमेल की सूचना मिलते ही एयरपोर्ट प्रबंधन ने तुरंत बम निरोधक दस्ते, पुलिस और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल को सूचित किया। सोमवार की शाम से देर रात तक एयरपोर्ट के अंदर और बाहर गहन तलाशी ली गई। बीडीएस ने एयरपोर्ट के हर कोने की बारीकी से जांच की, लेकिन कोई विस्फोटक सामग्री नहीं मिली। एयरपोर्ट प्रबंधन द्वारा धमकी भरे ईमेल की शिकायत मिलने पर खमरिया थाने में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। खमरिया थाना प्रभारी सरोजिनी टोप्पो ने बताया कि अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।

वडोदरा : महिसागर नदी पर बना पुल टूटा, दो की मौत, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

 वडोदरा  गुजरात के वडोदरा जिले में बुधवार को एक बड़ा हादसा हो गया जब वडोदरा और आणंद को जोड़ने वाला गम्भीरा पुल भरभराकर गिर गया. इस हादसे में कम से कम 9 लोगों की मौत हो गई जबकि कई अन्य घायल हुए हैं. पुल के गिरते ही पांच वाहन सीधे नदी में जा गिरे, जिनमें एक ट्रक और एक पिकअप वाहन अब भी नदी में फंसे हुए हैं. यह हादसा पादरा क्षेत्र में हुआ जहां महिसागर नदी पर गम्भीरा पुल 43 साल पहले बना था. घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासन मौके पर पहुंचा और रेसक्यू ऑपरेशन शुरू किया गया. पुल गिरने के स्थान पर नदी में पानी जमा है, लेकिन रेस्क्यू ऑपरेशन अधिकारियों को खासा मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के वडोदरा जिले में पुल ढहने की घटना पर दुख जाहिर किया. इस हादसे में 9 लोगों की मौत हो गई और कई घायल भी हुए हैं. पीएम मोदी ने मृतकों के परिजनों के लिए सहायता राशि की घोषणा की है. वहीं घायलों को भी आर्थिक मदद मिलेगी. प्रधानमंत्री ने घायलों के जल्दी ठीक होने की कामना भी की है. पीएम मोदी ने एक्स पोस्ट के जरिए कहा, ''गुजरात के वडोदरा जिले में पुल के ढहने की वजह से हुई जनहानि बेहद दुखद है. जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खोया है, उनके प्रति मेरी संवेदनाएँ. घायलों के जल्दी स्वस्थ होने की कामना करता हूँ. प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से प्रत्येक मृतक के परिजन को 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी. घायलों को 50,000 रुपये दिए जाएँगे.'' मुख्यमंत्री ने दिए जांच के आदेश दरअसल वडोदरा जिले की महिसागर नदी पर बना एक पुल ढह गया, जिसकी वजह से 9 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हुए हैं. पुल ढहने की वजह से 5 गाड़ियां भी नीचे गिर गईं. एक ट्रक बमुश्किल पुल पर अटका हुआ दिखाई दिया. जानकारी के मुताबिक पुल को 1985 में बनाया गया था. गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने जांच के आदेश दिए हैं. भूपेंद्र पटेल ने बताया हादसे का कारण गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने भी दुख जाहिर किया. उन्होंने एक्स पोस्ट के जरिए पुल ढहने का कारण भी बताया. मुख्यमंत्री ने लिखा, "आणंद और वडोदरा को जोड़ने वाले गंभीरा पुल के 23 गर्डरों में से एक गर्डर के टूटने से हुई दुर्घटना दुखद है. मैं इस दुर्घटना में मारे गए लोगों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं." नदी में पानी कम, कीचड़ में रेस्क्यू टीम को हो रही मुश्किल रेस्क्यू टीम नाव की मदद से घटनास्थल तक पहुंचने की कोशिश कर रही है, लेकिन नदी में पानी कम होने और कीचड़ के जमा होने की वजह से वे मौके तक नहीं पहुंच पा रहे हैं. पानी में गिरे वाहनों को निकालने की जद्दोजहद में अधिकारी लगे हैं, और पुलिस टीम भी कीचड़ से वाहनों को निकालने की कोशिश कर रही है. पानी में जा गिरे ट्रक को रस्सी से बांधकर निकालने की कोशिश की जा रही है. इसके लिए यहां क्रेन भी लाया गया है, ताकि रस्सी से बांधकर ट्रक को ऊपर लाया जा सके. इसमें रेस्क्यू टीम को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना सुबह 8.30 बजे के आसपास की है. वडोदरा के कलेक्टर अनिल धमेलिया ने बताया कि अब तक 9 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है और 6 लोग घायल हुए हैं. घायलों में से दो को बेहतर इलाज के लिए वडोदरा के एसएसजी अस्पताल रेफर किया गया है. रेस्क्यू ऑपरेशन अब भी जारी है और मौके पर NDRF और स्थानीय प्रशासन की टीमें मौजूद हैं.  कलेक्टर ने बताया कि नदी में अब भी एक ट्रक और एक पिकअप फंसे हुए हैं जिन्हें निकालने की कोशिश की जा रही है. हादसे के पीछे की वजह पुल का अचानक टूटना बताया जा रहा है. हालांकि, पुल में किसी तरह का क्रैक था, या यह पुल कैसे गिरा इसकी जांच अभी बाकी है. मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने इस घटना पर गहरा दुख जताया है और तुरंत पुल डिजाइन टीम, मुख्य इंजीनियर और विशेषज्ञों को मौके पर भेजने के निर्देश दिए हैं. साथ ही उन्होंने हादसे की विस्तृत रिपोर्ट भी मांगी है. बताया जा रहा है कि यह पुल पिछले साल ही मरम्मत किया गया था. पुल पर बढ़ते ट्रैफिक को देखते हुए राज्य सरकार ने तीन महीने पहले 212 करोड़ की लागत से एक नए पुल को मंजूरी दी थी. इस नए पुल के डिजाइन और टेंडरिंग की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है. गुजरात के वडोदरा जिले में बुधवार तड़के एक जर्जर पुल के ढह जाने से कई वाहन महिसागर नदी में गिर गए, जिससे कम से कम दो लोगों की मौत हो गई और पांच अन्य को बचा लिया गया। वडोदरा के ज़िला कलेक्टर अनिल धमेलिया ने बताया , “हमने 5 लोगों को बचाया है जिन्हें मामूली चोटें आई हैं और दो की मौत की पुष्टि हो चुकी है। बचाव अभियान जारी है। हमें पता चला है कि पुल का एक हिस्सा अचानक टूट जाने से दो ट्रक, एक ईको वैन, एक पिकअप वैन और एक ऑटो-रिक्शा नदी में गिर गए।” घायलों को वडोदरा जिले के स्थानीय अस्पताल ले जाया गया है। धमेलिया ने बताया कि बचाए गए 5 लोगों में से 4 को मामूली चोटें आयीं हैं। गुजरात के वडोदरा में मध्य गुजरात को सौराष्ट्र से जोड़ने वाला महिसागर नदी पर बना 45 साल पुराना ब्रिज मंगलवार सुबह अचानक टूट गया। इस हादसे में ब्रिज से गुजर रहे दो ट्रक, एक बोलेरो समेत 4 वाहन नदी में गिर गए। इस हादसे में 2 लोगों की मौत हो गई, 3 लोगों को स्थानीय लोगों ने रेस्क्यू कर बचा लिया। हादसे वाली जगह पर फायर ब्रिगेड की तीन टीमें भेजी गई हैं।ब्रिज के टूटने से दक्षिण गुजरात के पर्यटन और परिवहन व्यवस्था पर बड़ा असर पड़ेगा। यह पुल भरूच, सूरत, नवसारी, तापी और वलसाड को सौराष्ट्र से जोड़ता था। अब ब्रिज टूटने के बाद दक्षिण गुजरात के लोगों को सौराष्ट्र पहुंचने में ज्यादा समय लगेगा शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार, एक ट्रक, एक वैन और एक कार पुल पार कर रहे थे तभी पुल टूट … Read more

अगर किसी मृतक के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था, तो सिर्फ इसी आधार पर उसे लापरवाह नहीं माना जा सकता: हाईकोर्ट

ग्वालियर  मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने एक अहम फैसला सुनाते हुए कहा है कि अगर किसी मृतक के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था, तो सिर्फ इसी आधार पर उसे लापरवाह नहीं माना जा सकता। कोर्ट ने कहा कि जब तक बीमा कंपनी ये साबित न कर दे कि मृतक तेज और लापरवाही से गाड़ी चला रहा था, तब तक मुआवजे की रकम में कटौती नहीं की जा सकती। यह मामला कुंज विहार कॉलोनी, गोला का मंदिर निवासी रेनू चौहान और उनके सास-ससुर से जुड़ा है, जिन्होंने 30 नवंबर 2006 को जिला न्यायालय में क्लेम याचिका दायर की थी। उन्होंने बताया कि एक सितंबर 2006 को उनके पति संजू उर्फ संजीव उर्फ राजेंद्र सिंह चौहान बाइक से बाजार जा रहे थे, तभी एक तेज रफ्तार ट्रक ने टक्कर मार दी, जिससे उनकी मौत हो गई। जिला कोर्ट ने मंजूर किए थे सिर्फ 4.4 लाख रुपए स्वजन ने 15 लाख रुपए का मुआवजा मांगा था, लेकिन जिला कोर्ट ने सिर्फ 4.4 लाख रुपये मंजूर किए और कहा कि मृतक के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था, इसलिए वो भी बराबर का दोषी है। इसलिए कोर्ट ने सिर्फ आधी रकम यानी 2.2 लाख रुपये देने का आदेश दिया। इस फैसले के खिलाफ मृतक के स्वजन ने हाई कोर्ट में अपील की, जिनकी ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता अवधेश सिंह भदौरिया ने दलील दी कि सिर्फ लाइसेंस न होना, लापरवाही का सबूत नहीं होता। जब तक बीमा कंपनी यह साबित न कर दे कि मृतक तेज या गलत तरीके से वाहन चला रहा था, तब तक उसकी गलती नहीं मानी जा सकती। हाई कोर्ट ने यह तर्क मानते हुए निचली अदालत का फैसला पलट दिया और बीमा कंपनी को आदेश दिया कि मृतक के स्वजन को 6.11 लाख रुपये की अतिरिक्त राशि छह प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ दी जाए।  

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मैनपाट में भगवान बुद्ध की प्रतिमा का किया अनावरण

मुख्यमंत्री ने की 30 लाख रुपए के विकास कार्यों की घोषणा, सीसी रोड और मंदिर शेड निर्माण को दी मंजूरी तिब्बती रीति-रिवाजों के अनुरूप आत्मीय स्वागत से मुख्यमंत्री हुए अभिभूत रायपुर छत्तीसगढ़ में बौद्ध परंपरा की जड़ें अत्यंत गहरी हैं और भगवान बुद्ध के प्रेम, शांति एवं करुणा के संदेश को आत्मसात करते हुए राज्य सरकार विकास के पथ पर अग्रसर है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज सरगुजा जिले के मैनपाट स्थित होटल ग्राउंड परिसर में नवस्थापित भगवान बुद्ध की भव्य प्रतिमा के अनावरण समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही। इस अवसर पर मुख्यमंत्री साय ने भगवान बुद्ध की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया और प्रदेशवासियों के लिए सुख, समृद्धि एवं शांति की कामना की। मुख्यमंत्री साय ने अपने संबोधन में इस पावन अवसर पर आमंत्रण के लिए तिब्बती समुदाय के प्रति आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में कई ऐसे स्थल हैं, जहां भगवान बुद्ध की उपासना की जाती है। सिरपुर में बौद्ध, जैन और सनातन परंपराएं एक साथ देखने को मिलती हैं, जो राज्य की समावेशी संस्कृति का अद्वितीय उदाहरण है। मुख्यमंत्री साय ने दलाई लामा जी के 90वें जन्मदिवस का स्मरण करते हुए कहा कि उनका जीवन भगवान बुद्ध की करुणा, प्रेम और शांति के सिद्धांतों का सजीव प्रतीक है। आज की दुनिया के लिए उनका संदेश नई आशा और सकारात्मकता का स्रोत है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी सहित विश्व भर के नेताओं ने दलाई लामा जी को जन्मदिन की शुभकामनाएं दी हैं, जो यह दर्शाता है कि भगवान बुद्ध के विचारों का वैश्विक जीवन पर कितना गहरा प्रभाव है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैनपाट प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक विविधता से भरपूर स्थल है, जो पर्यटकों को रोमांचित करता है। यहां पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं, और राज्य सरकार इसके समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य की नवीन औद्योगिक नीति में पर्यटन को विशेष प्राथमिकता दी गई है, और मैनपाट जैसे क्षेत्रों में होम स्टे सुविधा शुरू करने वालों को विशेष प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने तिब्बती सहकारी समिति की मांग पर मैनपाट स्थित सैला रिसॉर्ट से बौद्ध मंदिर तक सीसी रोड निर्माण के लिए 10 लाख रुपये तथा प्राचीन बौद्ध मंदिर में शेड निर्माण के लिए 20 लाख रुपये की घोषणा की। मुख्यमंत्री साय ने इस अवसर पर पौधरोपण किया। उल्लेखनीय है कि कार्यक्रम में पारंपरिक तिब्बती रीति-रिवाजों के अनुसार मुख्यमंत्री का आत्मीय स्वागत किया गया। हाथों में तिरंगा लिए लोगों ने उत्साहपूर्वक मुख्यमंत्री से मुलाकात की, जिससे वातावरण उल्लासमय हो गया। कार्यक्रम में सरगुजा सांसद चिंतामणि महाराज, सीतापुर विधायक रामकुमार टोप्पो, कलेक्टर विलास भोसकर, सेटलमेंट अधिकारी सुश्री स्वांग यांग्सो, तिब्बती सहकारी समिति के अध्यक्ष तामदिंग सेरिंग, मठ प्रमुख लामा दुब्जे, लामा जिनपा सहित तिब्बती समुदाय के बड़ी संख्या में सदस्य उपस्थित थे।