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फिर संकट में अमरनाथ यात्रा, कुलगाम में बस टक्कर में 10 से ज्यादा श्रद्धालु जख्मी

जम्मू-कश्मीर अमरनाथ यात्रा के दौरान एक और बड़ा हादसा सामने आया है। जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले के खुडवानी इलाके में बालटाल की ओर जा रहे अमरनाथ यात्रा काफिले की तीन बसें आपस में टकरा गईं। इस हादसे में 10 से अधिक श्रद्धालु घायल हो गए। सभी घायलों को नजदीकी अस्पताल में प्राथमिक इलाज देने के बाद अनंतनाग के सरकारी मेडिकल कॉलेज (GMC) रेफर कर दिया गया। डॉक्टरों के अनुसार सभी यात्रियों की हालत स्थिर है और उन्हें मामूली चोटें आई हैं। कैसे हुआ हादसा यह हादसा रविवार को सुबह के समय हुआ जब अमरनाथ यात्रियों का एक काफिला जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित टचलू क्रॉसिंग के पास से गुजर रहा था। कुलगाम जिले के खुडवानी क्षेत्र में जैसे ही बसें टचलू क्रॉसिंग के पास पहुंचीं, तीन बसें एक-दूसरे से टकरा गईं। माना जा रहा है कि बसों की रफ्तार और ब्रेकिंग में हुई चूक के कारण यह टक्कर हुई। हालांकि हादसे की असली वजह की जांच की जा रही है। मौके पर अफरा-तफरी का माहौल हादसे के बाद घटनास्थल पर अफरा-तफरी मच गई। स्थानीय लोगों और प्रशासन की टीम ने तुरंत मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्य शुरू किया। घायलों को पास के अस्पताल में ले जाया गया जहां नौ लोगों को प्राथमिक उपचार के बाद अनंतनाग के GMC अस्पताल में भर्ती किया गया। डॉक्टरों ने दी राहत की खबर GMC अनंतनाग के डॉक्टरों ने बताया कि घायलों को मामूली चोटें आई हैं और उनकी हालत अब स्थिर है। किसी को गंभीर चोट नहीं लगी है। डॉक्टरों की एक टीम लगातार सभी घायलों की निगरानी कर रही है और जरूरत के अनुसार इलाज जारी है।   प्रशासन और पुलिस सतर्क हादसे की जानकारी मिलते ही कुलगाम पुलिस और स्थानीय प्रशासन के अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे और मामले की जांच शुरू कर दी। पुलिस ने बताया कि हादसे के पीछे का कारण जल्द ही स्पष्ट किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि यात्रियों की सुरक्षा को लेकर सभी जरूरी इंतजाम किए जा रहे हैं और बसों की नियमित जांच भी की जा रही है। यात्रियों के लिए एडवाइजरी प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि वे यात्रा के दौरान पूरी सावधानी बरतें और ट्रैफिक नियमों का पालन करें। साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि वाहन चालकों के पास वैध लाइसेंस हो और वे तय गति सीमा का पालन करें।  

लावरोव और किम की मुलाकात से बढ़ी रूस-उत्तर कोरिया की दोस्ती, पश्चिमी देशों पर तीखा संदेश

उत्तर कोरिया  रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन से मुलाकात की और अमेरिका, दक्षिण कोरिया तथा जापान को उत्तर कोरिया के खिलाफ सुरक्षा साझेदारी बनाने के सिलसिले में चेतावनी दी। लावरोव रूस तथा उत्तर कोरिया के बीच बढ़ते सैन्य व अन्य सहयोग को और प्रगाढ़ करने के वास्ते बातचीत के लिए उत्तर कोरिया के दौरे पर हैं। उन्होंने शनिवार को उत्तर कोरिया के पूर्वी शहर वोनसान में देश के नेता किम जोंग उन से मुलाकात की और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की ओर से उन्हें शुभकामनाएं दीं। बैठक के दौरान किम ने यूक्रेन के खिलाफ संघर्ष में रूस द्वारा उठाए गए ‘‘सभी कदमों का बिना शर्त समर्थन और प्रोत्साहन'' देने की अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। उत्तर कोरिया की सरकारी समाचार समिति ‘कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी' ने अपनी एक खबर में कहा कि किम ने कहा कि प्योंगयांग और मॉस्को गठबंधन के स्तर के अनुरूप सभी रणनीतिक मुद्दों पर समान विचार रखते हैं। केसीएनए की रिपोर्ट के अनुसार, लावरोव ने दोनों देशों से अंतरराष्ट्रीय मामलों में अपने ‘‘रणनीतिक एवं सामरिक सहयोग को और मजबूत करने तथा संयुक्त कार्रवाई को तेज करने'' का आह्वान किया। हाल के वर्षों में रूस और उत्तर कोरिया के संबंध तेजी से मजबूत हुए हैं।   उत्तर कोरिया ने यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध में समर्थन देने के लिए सैनिकों और गोला-बारूद की आपूर्ति की है, जिसके बदले में उसे सैन्य और आर्थिक सहायता मिली है। उत्तर कोरिया की विदेश मंत्री चो सोन हुई के साथ बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में लावरोव ने अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान पर उत्तर कोरिया के चारों ओर सैन्य जमावड़ा करने का आरोप लगाया। रूस की सरकारी समाचार एजेंसी ‘तास' के अनुसार, लावरोव ने कहा, ‘‘हम इन संबंधों का इस्तेमाल उत्तर कोरिया और निश्चित रूप से रूस सहित किसी के भी खिलाफ गठबंधन बनाने को लेकर चेतावनी देते हैं।''    

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राज्यसभा के लिए नामित किए 4 नए सदस्य, जानिए कौन हैं ये प्रतिष्ठित व्यक्ति

नई दिल्ली  राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राज्यसभा के लिए चार मशहूर हस्तियों को नामित किया है. इनमें वकील उज्ज्वल निकम, पूर्व डिप्लोमेट हर्षवर्धन श्रृंगला, हिस्टोरियन डॉक्टर मीनाक्षी जैन और वरिष्ठ सोशल एक्टिविस्ट और एजुकेशनिस्ट सी. सदानंदन मास्टर शामिल हैं. राष्ट्रपति मुर्मू द्वारा राज्यसभा के लिए नॉमिनेट किए जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी चार हस्तियों को बधाई दी. उन्होंने सभी के पूर्व कामों सराहना भी की. सी. सदानंदन मास्टर केरल के त्रिशूर जिले के एक हाई स्कूल शिक्षक, सी. सदानंदन मास्टर एक सोशल एक्टिविस्ट और एजुकेशनिस्ट हैं. मसलन, उन्होंने सामाजिक और शिक्षा के क्षेत्र में अहम भूमिका निभाई है. उन्हें भी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राज्यसभा के लिए नॉमिनेट किया है. वह गंभीर राजनीतिक हिंसा के शिकार हुए थे. उन्होंने गुवाहाटी विश्वविद्यालय से बी.कॉम और कालीकट विश्वविद्यालय से बी.एड की डिग्री हासिल की. वे 1999 से पेरमंगलम के श्री दुर्गा विलासम उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में सामाजिक विज्ञान पढ़ा रहे हैं. इनके अलावा वे केरल में राष्ट्रीय शिक्षक संघ के उपाध्यक्ष और इसके देशीय अध्यापक वार्ता के पब्लिकेशन संपादक भी हैं. भारतीय विचार केंद्रम के भी सक्रिय सदस्य हैं, जिसकी स्थापना एक आरएसएस प्रचारक पी परमेश्वरन ने किया था. राजनीतिक हिंसा के शिकार हुए: सदानंदन मास्टर पर 25 जनवरी, 1994 को, राजनीतिक झड़पों के लिए जाने जाने वाले जिले कन्नूर में उनके आवास के पास हमला किया गया था. इस हमले में उनके दोनों पैर काट दिए गए थे. यह हमला कथित तौर पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के सदस्यों द्वारा किया गया था और कथित तौर पर उनके वामपंथी विचारधारा से दूर होने से जुड़ा था.  घटना के समय उनकी उम्र 30 वर्ष थी. अपनी चोटों के बावजूद, वे सार्वजनिक और राजनीतिक जीवन में सक्रिय रहे हैं. वह पहले भी केरल में चुनाव में हिस्सा लिया है, जिसमें कन्नूर के कुथुपरम्बा निर्वाचन क्षेत्र से भी चुनाव लड़ चुके हैं. 2021 के चुनाव में भी वह उम्मीदवार थे. सी. सदानंदन मास्टर को राज्यसभा के लिए नामित किए जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई दी और कहा, "एक शिक्षक और सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में भी उनके प्रयास सराहनीय हैं. युवा सशक्तिकरण के प्रति उनकी गहरी रुचि है." डॉक्टर मीनाक्षी जैन डॉक्टर मीनाक्षी जैन एक मशहूर हिस्टोरियन हैं. उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के गार्गी कॉलेज में इतिहास की एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में काम किया और नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी की पूर्व फेलो हैं. दिसंबर 2014 में, उन्हें इंडियन काउंसिल ऑफ हिस्टोरिकल रिसर्च के सदस्य के रूप में नामित किया गया था. साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें 2020 में भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, पद्मश्री से सम्मानित किया गया था. डॉक्टर मीनाक्षी जैन को भारतीय सांस्कृतिक और धार्मिक इतिहास, विशेष रूप से मध्यकालीन और औपनिवेशिक भारत पर उनके बड़े रिसर्च के लिए जाना जाता है. सामाजिक आधार और जाति और राजनीति के बीच संबंधों पर उनकी डॉक्टरेट थीसिस 1991 में पब्लिश हुई थी. डॉक्टर मीनाक्षी जैन को राज्यसभा के लिए नामित किए जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई दी और कहा, "शिक्षा, साहित्य, इतिहास और राजनीति विज्ञान के क्षेत्र में उनके कार्यों ने अकादमिक विमर्श को महत्वपूर्ण रूप से समृद्ध किया है. उनके संसदीय कार्यकाल के लिए शुभकामनाएं." उज्ज्वल निकम उज्ज्वल निकम का जन्म 30 मार्च, 1953 को महाराष्ट्र के जलगांव में हुआ था. वह एक मशहूर सरकारी वकील रहे हैं. उनके पिता देवरावजी निकम, एक जज और बैरिस्टर थे. उन्होंने जलगांव के ही केसीई सोसाइटी के एसएस मनियार लॉ कॉलेज से साइंस ग्रेजुएशन किया और फिर कानून की डिग्री हासिल की. उज्ज्वल निकम ने ही 26/11 मुंबई आतंकी हमले में वकील रहे थे और वह कई अन्य हाई-प्रोफाइल क्रिमिनल मामलों की वकालत कर चुके हैं. 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने उन्हें मुंबई नॉर्थ सेंट्रल से उम्मीदवार बनाया था लेकिन वह कांग्रेस नेता (अब सांसद) वर्षा गायकवाड़ से हार गए थे. उज्ज्वल निकम ने कई अहम मामलों वकील: 1991 कल्याण बम विस्फोट: 1991 के कल्याण बम विस्फोट के लिए रविंदर सिंह को दोषी ठहराने में उज्ज्वल निकम ने अहम भूमिका निभाई थी, जिसमें 12 लोग मारे गए थे और 60 से ज़्यादा घायल हुए थे. 1993 बॉम्बे बम विस्फोट: मुंबई सीरियल बम विस्फोट मामले में सरकारी वकील के रूप में काम किया. यह मुकदमा लगभग 14 साल तक चला और दर्जनों लोगों को दोषी ठहराया गया. गुलशन कुमार हत्याकांड (1997): बॉलीवुड के म्यूजिक प्रोड्यूसर गुलशन कुमार की हत्या का मामला संभाला. प्रमोद महाजन हत्याकांड (2006): वह महाराष्ट्र के मंत्री प्रमोद महाजन की हत्या के मामले में भी वकील थे. 2008 मुंबई हमले (26/11): 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमलों के मुकदमे में सरकारी वकील के रूप में राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई, और एकमात्र पकड़े गए आतंकवादी अजमल कसाब की मौत की सजा के लिए सफलतापूर्वक पैरवी की. शक्ति मिल्स सामूहिक बलात्कार (2013) और कोपर्डी बलात्कार और हत्या मामला (2016): इन अहम मामलों में विशेष सरकारी वकील के रूप में काम किया. उज्ज्वल निकम को कानूनी क्षेत्र में उनके योगदान के लिए 2016 में भारत सरकार द्वारा भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, पद्म श्री से सम्मानित किया गया था. उनके हाई-प्रोफाइल मामलों में शामिल होने के लिए खतरे की वजह से उन्हें 2009 से जेड-प्लस सुरक्षा भी प्रदान की गई.

बांग्लादेश में हिंसा का तांडव: हिंदू व्यापारी की हत्या के बाद शव पर किया गया डांस

ढाका बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस सरकार बनने के बाद से ही हिंदुओं को प्रताड़ना झेलनी पड़ रही है। राजधानी ढाका में हिंदू व्यापारी की हत्या कर दी गई, जिससे एक बार फिर से पड़ोसी देश में हिंदुओं की सुरक्षा पर सवाल उठने लगे हैं। लाल चंद सोहाग कबाड़ व्यापारी थे और उनकी पीट-पीटकर हत्या किए जाने के बाद पूरे देश में आक्रोश फैल गया। सैकड़ों छात्र शनिवार को सड़कों पर उतर आए और अंतरिम सरकार पर भीड़ हिंसा को रोकने में विफल रहने का आरोप लगाया। पुलिस ने कबाड़ व्यापारी लाल चंद सोहाग की पीट-पीटकर हत्या के सिलसिले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से दो के पास अवैध रूप से हथियार थे। ढाका के कई विश्वविद्यालय परिसरों में छात्रों ने बुधवार को हुई इस घटना के विरोध में रैलियां निकालीं। जबरन वसूली करने वालों ने पुराने ढाका इलाके में मिटफोर्ड अस्पताल के सामने कबाड़ व्यापारी सोहाग की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। बीते दिनों वायरल हुए इस घटना के एक वीडियो में सोहाग को कंक्रीट के स्लैब के टुकड़ों से पीट-पीटकर मार डाला गया और फिर उसकी मौत की पुष्टि होने के बाद, हमलावर उसके शव पर नाचते हुए दिखाई दिए। प्रत्यक्षदर्शियों और स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, "तुम दरिंदों को लोगों को मारने का अधिकार किसने दिया? जब जबरन वसूली करने वाले उत्पात मचा रहे हैं, तो अंतरिम (सरकार) क्या कर रही है?" ये नारे छात्रों ने अपने परिसरों में लगाए। बीआरएसी विश्वविद्यालय, एनएसयू, ईस्ट वेस्ट विश्वविद्यालय और सरकारी ईडन कॉलेज जैसे निजी विश्वविद्यालयों के छात्रों ने शनिवार को प्रदर्शन किया, जबकि लाल की नृशंस हत्या का वीडियो वायरल होने के तुरंत बाद प्रमुख ढाका विश्वविद्यालय और जगन्नाथ विश्वविद्यालय में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। प्रथम अलो अखबार के अनुसार, लाल चंद की बहन मंजुआरा बेगम (42) ने गुरुवार को राजधानी के कोतवाली पुलिस स्टेशन में हत्या का मामला दर्ज कराया। इस मामले में 19 आरोपियों के नाम हैं और 15-20 अज्ञात संदिग्ध भी शामिल हैं। बीडीन्यूज24 ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के युवा मोर्चे के कार्यकर्ताओं के एक समूह ने कथित तौर पर सोहाग की हत्या कर दी, जो उसी संगठन का एक पूर्व कार्यकर्ता था। पार्टी ने कहा कि उसने लिंचिंग के आरोपी चार अपराधियों को तुरंत पार्टी से निष्कासित कर दिया।  

खिलौना या डरावना सपना? लोगों को सहमा देने वाला ये टॉय एक साल में ही हुआ बैन

नई दिल्ली  खिलौने बच्चों के लिए मनोरंजन का साधन होते हैं जो उन्हें सीखने और उनके विकास में अहम भूमिका निभाते हैं। ये बच्चों को कल्पनाशील और रचनात्मक बनने में मदद करते हैं और खेल-खेल में गिनती, अक्षर, शेप और कलर जैसी चीजें भी सिखाते हैं। कुछ खिलौने सामाजिक विकास में भी सहायक होते हैं लेकिन क्या आपने कभी ऐसे किसी खिलौने का नाम सुना है जो इतना खतरनाक साबित हुआ हो कि उसे बैन (प्रतिबंधित) करना पड़ गया हो? जी हां दुनिया में एक ऐसा खिलौना बनाया गया था जो सच में इतना खतरनाक था कि बाद में उसे प्रतिबंधित करना पड़ा। गिल्बर्ट यू-238 परमाणु ऊर्जा प्रयोगशाला: एक रेडियोएक्टिव 'लर्निंग सेट' वह खतरनाक खिलौना था 'गिल्बर्ट यू-238 परमाणु ऊर्जा प्रयोगशाला'। यह 1950 के दशक की शुरुआत में बेचा गया था। यह एक रेडियोएक्टिव खिलौना और साथ ही एक लर्निंग सेट भी था। $49.50 में मिलने वाले इस खिलौने में यूरेनियम अयस्क के चार सैंपल (ऑट्यूनाइट, टॉर्बरनाइट, यूरेनिनाइट, कॉर्नोटाइट) शामिल थे। इसके साथ इसमें एक गाइगर काउंटर (जो रेडिएशन नापने के काम आता है) और अलग-अलग कुछ अन्य औज़ार भी थे। इस सेट के साथ लोकप्रिय ब्लोंडी कॉमिक स्ट्रिप से डैगवुड पर आधारित एक कॉमिक बुक भी आई थी जिसका शीर्षक था 'लर्न हाउ डैगवुड स्प्लिट्स द एटम'। इसे मैनहट्टन प्रोजेक्ट के निदेशक जनरल लेस्ली ग्रोव्स के साथ मिलकर लिखा गया था। कैंसर और गंभीर बीमारियों का खतरा: क्यों किया गया बैन? साल 2006 में परमाणु ऊर्जा प्रयोगशाला को अब तक के 10 सबसे खतरनाक खिलौनों में से एक बताया गया था। इस खिलौने के लॉन्च के एक साल के भीतर ही इसे मार्केट से बैन करना पड़ा था क्योंकि इससे लोगों की जान पर बन आई थी। यह आज के आधुनिक टॉयगन जैसा कोई खिलौना नहीं था बल्कि बच्चों को रेडियोएक्टिव सामग्री जैसे कि यूरेनियम 238, पोलोनियम 210, लेड 210 और रेडियम 226 के साथ प्रयोग करने का मौका देता था। इससे बच्चों के लिए कैंसर और गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं जैसे खतरे पैदा होने लगे थे। इस गेम के अंदर कई उपकरण और एक मैनुअल भी था जिसके ज़रिए बच्चों को बताया जाता था कि कैसे वे अपनी परमाणु चीजों के बारे में सीख सकते हैं। रेडियोएक्टिव रेडिएशन बहुत खतरनाक होता है लेकिन इस गेम में ग्लव्स या गाइडलाइन्स जैसी कोई सुरक्षा चीज़ें नहीं थीं। उस वक्त यह सोचा गया था कि बच्चे इससे चीजें सीखेंगे और विज्ञान की दुनिया में आगे बढ़ेंगे लेकिन इस भयंकर खतरे को देखते हुए इसे बाद में बैन करना पड़ा था।  

फेक प्रोफाइल के जाल में फंसी अर्जिता फुकन, वायरल तस्वीरों के आरोपी की हुई गिरफ्तारी

असम  असम के डिब्रूगढ़ में प्रतीम बोरा नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया, जिसने अर्चिता फुकन का फर्जी सोशल मीडिया प्रोफाइल बनाकर उनकी मॉर्फ्ड तस्वीरें अपलोड की थीं। पुलिस के अनुसार, आरोपी बोरा फुकन का पूर्व साथी रहा है। उसने महिला को बदनाम करने और उत्पीड़न के मकसद से आपत्तिजनक कंटेंट अपलोड किया था। टिनसुकिया का निवासी बोरा कई हफ्तों से इस फेक प्रोफाइल को ऑपरेट कर रहा था, जिसके बाद फुकन के भाई की शिकायत पर शनिवार शाम उसे गिरफ्तार कर लिया गया। अर्चिता फुकन को बेबीडॉल अर्ची के नाम से जाना जाता है। उसने बताया कि फर्जी अकाउंट से उनकी तस्वीरों को अमेरिकी एडल्ट स्टार केंड्रा लस्ट के साथ मॉर्फ करके शेयर किया गया। असम की इस युवती ने कहा कि उनके दोस्तों और परिचितों ने सोशल मीडिया पर वायरल इन मॉर्फ्ड तस्वीरों को देखा। पुलिस ने बताया कि प्रीतम बोरा छिप गया था, लेकिन उसका फोन ट्रेस करके उसे टिनसुकिया के एक किराए के अपार्टमेंट से गिरफ्तार किया गया। उसके फोन और लैपटॉप को जब्त कर फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। फुकन के साथ बोरा ने ऐसा क्यों किया पुलिस के अनुसार, पूछताछ के दौरान आरोपी बोरा ने स्वीकार किया कि उसने फुकन के पुराने सोशल मीडिया पोस्ट से तस्वीरें लेकर उन्हें एडिट किया था। उसने बताया कि रिश्ता खत्म होने के बाद गुस्से और भावनात्मक निराशा के कारण उसने यह फर्जी अकाउंट बनाया। बोरा के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की संबंधित धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस ने कहा कि साइबर धोखाधड़ी, मानहानि, पहचान हेरफेर, अश्लीलता और गोपनीयता के उल्लंघन के लिए सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धाराएं भी जोड़ी जा सकती हैं। बोरा पुलिस हिरासत में है और जल्द ही उसे अदालत में पेश किया जाएगा।  

‘हिंदी बोलूंगा’ कहने पर हमला, ऑटो चालक को उद्धव सेना ने बनाया निशाना

मुंबई महाराष्ट्र में भाषा को लेकर विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। यहां पर पालघर जिले में एक ऑटो चालक को मराठी विरोधी टिप्पणी के लिए पीटा गया है। यह मारपीट उद्धव ठाकरे सेना गुट के कार्यकर्ताओं ने की है। शिवसेना (यूबीटी) कार्यकर्ताओं द्वारा ऑटो चालक के साथ बदसलूकी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। बताया जाता है कि कुछ दिन पहले इस ऑटो चालक का एक वीडियो वायरल हुआ था। इस वीडियो में एक व्यक्ति उससे पूछ रहा था कि वह मराठी क्यों नहीं बोल रहा है। इसके जवाब में यह ड्राइवर बार-बार कह रहा था कि वह हिंदी बोलेगा।  

हमले से राज्यसभा तक का सफर: कौन हैं संघर्ष की मिसाल बने सदानंदन मास्टर?

नई दिल्ली राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारतीय संविधान से प्राप्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए चार प्रतिष्ठित व्यक्तियों को राज्यसभा के लिए नॉमिनेट किया है। इनमें केरल के शिक्षक और सामाजिक कार्यकर्ता सी. सदानंदन मास्टर भी शामिल हैं, जिनका जीवन शिक्षा और संघर्ष की प्रेरणादायक मिसाल है। उनके नाम की घोषणा होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उन्हें शुभकामनाएं दी है। पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा, ''सी. सदानंदन मास्टर का जीवन साहस और अन्याय के आगे न झुकने की प्रतिमूर्ति है। हिंसा और धमकी भी राष्ट्र विकास के प्रति उनके जज्बे को डिगा नहीं सकी। एक शिक्षक और सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में भी उनके प्रयास सराहनीय हैं। युवा सशक्तिकरण के प्रति उनकी गहरी प्रतिबद्धता है। राष्ट्रपति जी द्वारा राज्यसभा के लिए मनोनीत होने पर उन्हें बधाई। सांसद के रूप में उनकी भूमिका के लिए शुभकामनाएं।'' कौन हैं सदानंदन मास्टर? सदानंदन मास्टर केरल के त्रिशूर जिले के पेरमंगलम स्थित श्री दुर्गा विलासम हायर सेकेंडरी स्कूल में 1999 से सामाजिक विज्ञान के शिक्षक हैं। उन्होंने गुवाहाटी विश्वविद्यालय से बी.कॉम और कालीकट विश्वविद्यालय से बी.एड किया है। वह केरल में राष्ट्रीय अध्यापक संघ के उपाध्यक्ष और उसकी पत्रिका 'देशीय अध्यापक वार्ता' के संपादक भी हैं। 25 जनवरी 1994 को जब सदानंदन मास्टर सिर्फ 30 वर्ष के थे, तब केरल के कन्नूर जिले में उनके घर के पास उन पर जानलेवा हमला हुआ था। यह इलाका केरल में लंबे समय से राजनीतिक हिंसा का गढ़ माना जाता है। हमले में उनके दोनों पैर काट दिए गए। आरोप है कि हमला सीपीआई (एम) कार्यकर्ताओं द्वारा किया गया था और यह उनके वामपंथ से वैचारिक असहमति का परिणाम था। इस हादसे के बावजूद उन्होंने सार्वजनिक जीवन से नाता नहीं तोड़ा और लगातार सक्रिय रहे। उन्होंने पूर्व में कन्नूर की कूथुपरम्बा विधानसभा सीट से चुनाव भी लड़ा है और भारतीय विचार केंद्रम जैसे वैचारिक संगठनों से जुड़े रहे हैं। वह राजनीतिक हिंसा के खिलाफ मुखर रहे। इसके अलावा, शैक्षिक सुधारों में उनकी रुचि रही है। वह शांति और वैचारिक संतुलन की वकालत करने के साथ-साथ वैचारिक जागरूकता का प्रचार-प्रसार करते हैं। सी. सदानंदन मास्टर की पत्नी वनीता रानी भी एक शिक्षिका हैं। उनकी बेटी यमुना भारती बीटेक की छात्रा हैं। उनका परिवार शैक्षणिक और सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय रहा है।  

तमिलनाडु में बड़ा हादसा: डीजल ले जा रही मालगाड़ी में लगी भीषण आग

तिरुवल्लूर तमिलनाडु में तिरुवल्लूर के निकट डीजल ले जा रही मालगाड़ी में रविवार सुबह भीषण आग लग गई। रेलवे के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आग पहले मालगाड़ी के एक डिब्बे में लगी और फिर तेजी से दूसरे डिब्बों में फैल गई। आग की तेज लपटें काफी ऊपर तक उठती नजर आईं, जिसका वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। गनीमत रही कि इस हादसे में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। रेलवे अधिकारी ने कहा कि सूचना मिलते ही दमकल की गाड़ियों को घटनास्थल पर भेज दिया गया। रेल सेवाओं के लिए ओवरहेड विद्युत आपूर्ति रोक दी गई। दक्षिणी रेलवे ने एक बयान में कहा, 'एहतियाती उपाय के तौर पर लोकल ट्रेन सेवाओं को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा 8 एक्सप्रेस ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है और 5 अन्य ट्रेनों के मार्ग बदल दिए गए हैं। 8 ट्रेनों को उनके गंतव्य स्थान से पहले ही रोक दिया गया है।’ आग लगने के कारण की चल रही जांच सीनियर अधिकारी ने बताया कि आग लगने का कारण तत्काल पता नहीं चल पाया है। हालांकि, इसकी जांच की जा रही है। वहीं, नवी मुंबई के तुर्भे सेक्टर 20 में कृषि उपज बाजार समिति बाजार से सटे ट्रक पार्किंग स्थल में बीते दिनों भीषण आग लग गई थी। इससे वाणिज्यिक वाहनों को भारी नुकसान पहुंचा। इस घटना में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। आग ऊंची लपटें और धुएं काफी दूर से दिखाई दे रहे थे। आग में कश्मीरी ट्रांसपोर्टरों के वाहन सहित लगभग 8 ट्रक और टेम्पो जलकर खाक हो गए। आग अस्थायी ट्रक पार्किंग के लिए बनाए गए एमएसआरटीसी बस डिपो में लगी थी।

ईरान के राष्ट्रपति पर जानलेवा हमला, इजरायल पर लगा आरोप

वाशिंगटन  अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हत्या का इरादा रखने वाले देश ईरान के राष्ट्रपति डॉ. मसूद पेजेश्कियान एक इजरायली हवाई हमले में हल्के रूप से घायल हो गए हैं। यह हमला 16 जून को तेहरान के पश्चिमी हिस्से में स्थित एक इमारत पर हुआ था, जहां ईरान की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक चल रही थी। इस खबर की पुष्टि आईआरजीसी (IRGC) से जुड़ी फार्स न्यूज़ एजेंसी ने रविवार को की। इस हमले के समय राष्ट्रपति पेजेश्कियान के अलावा संसद अध्यक्ष मोहम्मद बाघेर घालिबाफ, मुख्य न्यायाधीश मोहसनी एजेई और अन्य शीर्ष सुरक्षा व सैन्य अधिकारी बैठक में मौजूद थे। पेजेश्कियान के पैर में चोट आई, वहीं अन्य अधिकारी भी निकलते समय हल्की चोटों से घायल हुए। फार्स रिपोर्ट के अनुसार, हमला छह मिसाइलों से किया गया था। यह हमला हसन नसरल्लाह की हत्या की तर्ज पर किया गया था।मिसाइलें इमारत के प्रवेश और निकास मार्गों को निशाना बनाकर दागी गईं। विस्फोट के बाद बिजली काट दी गई और भवन के ऊपरी हिस्से में तबाही मच गई। अधिकारी भवन के निचले फ्लोर में मौजूद थे। एक आपातकालीन निकासी मार्ग पहले से तैयार था, जिससे सभी अधिकारी निकलने में सफल रहे। अंदरूनी साजिश की आशंका? हमले की सटीकता और मिसाइलों का सटीक टारगेटिंग अब ईरानी अधिकारियों को किसी अंदरूनी व्यक्ति की भूमिका की आशंका दे रही है। सुरक्षा एजेंसियां जांच में जुट गई हैं। राष्ट्रपति पेजेश्कियान ने हाल ही में टकर कार्लसन को दिए एक इंटरव्यू में कहा, "उन्होंने मुझे मारने की कोशिश की थी। हां, उन्होंने कोशिश की लेकिन नाकाम रहे।" आपको बता दें कि इजरायल ने जंग में ईरान के कई शीर्ष सैन्य कमांडरों और परमाणु वैज्ञानिकों को मार गिराया। मारे गए अधिकारियों में IRGC कमांडर होसैन सलामी, सशस्त्र बलों के प्रमुख मोहम्मद बाघेरी और IRGC एयर फोर्स कमांडर आमिर अली हाजीजादेह शामिल थे। पहले आई रिपोर्ट्स में कहा गया था कि इजरायल ने ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली ख़ामेनेई को भी हत्या की योजना में शामिल किया था, लेकिन उपयुक्त समय नहीं मिला।