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हृदय अभियान की राज्य नीति आयोग ने भी सराहना की, जिले के स्वास्थ्य एवं शिक्षा के सूचकांकों में सकारात्मक प्रभाव पड़ा

विकास प्रक्रियाओं में बढ़ा नवाचार हरदा का हृदय अभियान बना आदर्श उदाहरण, राज्य नीति आयोग ने की सराहना नवाचारों की श्रंखला में हरदा जिले में स्वास्थ्य, पोषण और शिक्षा का संयुक्त "हृदय अभियान" आदर्श उदाहरण साबित हुआ हृदय अभियान की राज्य नीति आयोग ने भी सराहना की, जिले के स्वास्थ्य एवं शिक्षा के सूचकांकों में सकारात्मक प्रभाव पड़ा  भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर विकास प्रक्रियाओं में नवाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है। नवाचारों की श्रंखला में हरदा जिले में स्वास्थ्य, पोषण और शिक्षा का संयुक्त "हृदय अभियान" आदर्श उदाहरण साबित हुआ। राज्य नीति आयोग ने भी इस अभियान की सराहना की है। जिले के स्वास्थ्य एवं शिक्षा के सूचकांकों में सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। हरदा जिले में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, पोषण तथा शैक्षिक सेवाओं को "हृदय अभियान" के अंतर्गत माताओं, बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार लाया गया। सभी हितग्राही माताएँ और 18 वर्ष तक के बच्चों को शासकीय योजनाओं का लाभ दिलाया गया। मातृ मृत्यु, शिशु मृत्यु के आंकड़ों में कमी लाने और कुपोषण को कम करने के लिये एक साथ विशेष गतिविधियां चलाई गई। इसके लिए घर-घर जाकर सर्वेक्षण कर जानकारी प्रदान करना, गर्भवती माताओं को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना और बालक-बालिकाओं को पुनः शिक्षा से जोड़ने जैसी महत्वपूर्ण गतिविधियां चलाई गई। ऐसे गांवो का चयन किया गया जिनके स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा संबंधी सूचकांक पिछले कुछ वर्षों में न्यूनतम रहे। कैसे हुई हृदय अभियान की शुरुआत जिले में नवाचार के रूप में कुपोषण मुक्त करने और जनजातीय क्षेत्र में शिक्षा तथा स्वास्थ्य की सुविधाओं की पहुंच बच्चों और महिलाओं तक बढ़ाने के उद्देश्य से हृदय अभियान चलाया गया। दूर दराज के 50 गांवों को चिन्हित किया गया, जिनमें गर्भवती माताओं और बच्चों की समस्या दूसरे गांवों की अपेक्षा ज्यादा थी। स्वास्थ्य, महिला बाल विकास और स्कूल शिक्षा विभागों का संयुक्त सर्वे कराया गया। संयुक्त दल ने डोर-टू-डोर सर्वे कर रिपोर्ट दी। गर्भवती माताओं का पंजीयन, टीकाकरण और हाई रिस्क महिलाओं का प्रबंध ग्राम और संस्था स्तर पर किया गया। जननी सुरक्षा योजना, प्रसूति सहायता योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की जानकारी तथा भुगतान संबंधी समस्याओं का शिविर लगाकर निराकरण किया गया। पोषण सलाह, आयरन टेबलेट, कैल्शियम टेबलेट उपलब्ध कराई। सर्वे में प्राप्त कुपोषण प्रभावित बच्चों के लिए विशेष पोषण प्लान तैयार किया गया। शाला त्यागी बच्चों को विद्यालयों में प्रवेश दिलाने के लिए फील्ड स्तर पर जनशिक्षक, प्रधानाध्यापकों के माध्यम से प्रोत्साहित किया गया। "हृदय अभियान" का परिणाम यह रहा कि बच्चों में कुपोषण से मुक्त कराने, हाई रिस्क गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार, शाला त्यागी बच्चों को पुनः शाला में प्रवेश दिलाने में उल्लेखनीय सुधार हुआ। पोषण स्तर में सुधार के लिए ग्रेन्यूल फॉर्म में कुपोषित बच्चों को फ्लेवर मुनगा ग्रेन्यूल पाउडर 10 ग्राम, दूध पाउडर 10 ग्राम के साथ प्रतिदिन दो बार दिया गया और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा अति कुपोषित बच्चों को सामान्य श्रेणी में लाया गया। इस प्रकार 225 कुपोषित बच्चों में सुधार हुआ। स्वास्थ्य सर्वेक्षण के दौरान चिन्हित 739 गर्भवती माताओं का बेहतर स्वास्थ्य प्रबंधन किया गया। उनके समग्र आईडी बनाए गए। बैंकों में खाते खुलवाए गए। संस्थान प्रसवों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई। स्वास्थ्य शिविरों के आयोजन से ग्राम स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाएं प्राप्त हुई। टीकाकरण कार्यक्रम में चिन्हित गांवों के बच्चों को टीके लगाए गए। इनमें 38 बच्चे टिमरनी, 26 खिरकिया और 29 बच्चे हंडिया ब्लॉक में हैं। स्वास्थ्य के अलावा 1752 शाला त्यागी बच्चों में से 562 को पुनः शाला में प्रवेश कराया गया।  

शैक्षिक ओलंपियाड : विद्यार्थी कर सकेंगे 30 जुलाई तक ऑनलाइन पंजीयन

भोपाल  प्रदेश के समस्त शासकीय प्राथमिक माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा 2 से 8 के विद्यार्थियों को प्रदेश, देश और विश्व के सांस्कृतिक, भौगोलिक ऐतिहासिक परिदृश्य, समसामयिक सामान्य ज्ञान तथा हिन्दी, इंग्लिश, विज्ञान और गणित विषयों से जोड़ने के लिये मंच क्विज प्रतियोगिता ओलंपियाड का आयोजन इस वर्ष दो चरणों में जन शिक्षा केन्द्र और जिलास्तर पर किया जा रहा है। इस वर्ष जन शिक्षा केन्द्र स्तरीय आयोजन सितंबर और जिला स्तरीय आयोजन नवंबर माह में होगा। ओलंपियाड में सहभागिता के लिये विद्यार्थी शिक्षकों के सहयोग से ऑनलाइन पंजीयन rskmp पोर्टल पर 30 जुलाई तक कर सकेंगे। दूसरी कक्षा के बच्चे ओएमआर शीट पर प्रश्न हल करेंगे इस वर्ष ओलंपियाड में कक्षा दूसरी से लेकर 8वीं तक प्रारंभिक कक्षाओं के विद्यार्थी ओएमआर शीट पर प्रश्न हल करेंगे। इस व्यवस्था से बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिये प्रारंभिक काल से अनुभव प्राप्त होगा। कक्षा 2 और 3 के लिये इंग्लिश, हिन्दी और गणित, कक्षा 4 और 5 के लिए इंग्लिश, हिन्दी, गणित एवं पर्यावरण विषय पर और कक्षा 6, 7 और 8 के लिए हिन्दी, संस्कृत, इंग्लिश, विज्ञान, गणित और सामाजिक विज्ञान विषय में ओलंपियाड प्रतियोगिता होगी। ओलंपियाड के संबंध में स्कूल शिक्षा विभाग के राज्य शिक्षा केन्द्र ने विस्तृत दिशा-निर्देश जिला शिक्षा केन्द्र और शालाओं को प्रेषित किए है। कक्षा 2 और 3 में प्रत्येक जन शिक्षा केन्द्र से कुल 28 विद्यार्थी जिला स्तर की प्रतियोगिता के लिये चयनित होंगे। कक्षा 6 से 8 में जन शिक्षा केन्द्र स्तर पर सर्वाधिक अंको के आधार पर 36 विद्यार्थियों का चयन जिला स्तरीय प्रतियोगिता के लिये होगा। राज्य शिक्षा केन्द्र के संचालक हरजिंदर सिंह ने ओलंपियाड प्रतियोगिता के आयोजन के लिये जिला कलेक्टर्स और राज्य शिक्षा केन्द्र अधिकारियों को भी निर्देश जारी किये है।     

रेलवे की पहल: अब यात्री गाड़ियों में स्टैंड अलोन सीसीटीवी कैमरे लगाए जायेंगे, कटनी से सतना के बीच शुरुआत

जबलपुर कटनी-सतना रेलमार्ग (Katni Satna Rail Line) और उस पर दौड़ रही ट्रेनों पर अब तीसरी नजर रहेगी। इस रेलखंड पर ट्रेनों में पथराव की घटनाएं हो चुकी हैं। यात्रियों के सामान चोरी के मामले भी सामने आते रहे हैं। इस पर अंकुश लगाने के लिए अब आधुनिक निगरानी तंत्र विकसित किया गया है। सतना से कटनी आउटर तक स्टैंड अलोन सीसीटीवी कैमरे स्थापित किए गए हैं। 24 घंटे करेंगे काम… जानिए स्टैंड अलोन सीसीटीवी कैमरों की खूबियां रेलखंड में स्थापित किए गए सीसीटीवी कैमरे सौर ऊर्जा से संचालित होंगे। यह सीसीटीवी कैमरे चौबीस घंटे काम करेंगे। जीवंत दृश्य के साथ ही श्रव्य भी रिकार्ड करेंगे। इन सीसीटीवी कैमरों को पश्चिम मध्य रेल मुख्यालय के नियंत्रण कक्ष से जोड़ा गया है। संबंधित क्षेत्र के रेल सुरक्षा बल पोस्ट तक भी इन सीसीटीवी कैमरों की लाइव रिकॉर्डिंग पहुंचेगी। पश्चिम मध्य रेल की इस पहल ने संवेदनशील खंड में निवारक निगरानी और खुफिया-आधारित पुलिसिंग को काफी मजबूत किया है। दोनों स्टेशन के यार्ड भी नजर… बच नहीं पाएंगे अपराधी रेलवे के सीसीटीवी कैमरों की नजर में दोनों स्टेशन के यार्ड भी रहेंगे। स्टेशन में जगह नहीं होने पर कई ट्रेनें यार्ड में रुकती हैं। ट्रेन में चोरी, छीनाझपटी जैसी वारदात कर कई आरोपित ट्रेन के यार्ड में रुकने एवं धीरे होने पर उतरकर भाग जाते हैं। कई मामलों में आरोपी की पहचान तक नहीं हो पाती है। तीसरी नजर की सहायता से अब संदिग्धों की पहचान हो सकेगी। संदिग्ध गतिविधि के संदेह पर तुरंत कार्रवाई कर घटना को रोकना संभव होगा। नई डिजिटल ट्रैकिंग व्यवस्था से यात्रा और सुरक्षित होगी।  

हमारी सरकार मेधावी स्टूडेंट्स को मेडिकल की पढ़ाई के लिए 80-80 लाख रुपए दे रही:सीएम यादव

भोपाल  मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए बढ़ी खुशखबरी सुनाई है. उन्होने कहा कि मेडिकल की पढ़ाई करने वाले इच्छुक छात्रों सरकार की ओर से 80-80 लाख रुपए दिए जाएंगे. यही नहीं मेडिकल की पढ़ाई करने के बाद इन छात्रों का लोन भी माफ कर दिया जाएगा. दरअसल, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने 4 जुलाई को इंटर में पास 75 प्रतिशत या उससे अधिक नंबर लाने वाले छात्रों को लैपटॉप खरीदने के लिए  प्रोत्साहन राशि जारी की. सीएम मोहन ने  कुशाभाऊ सभागार में आयोजित हुए कार्यक्रम में शामिल हुए और प्रदेश के 94 हजार 234 मेधावी स्टूडेंट्स के खातों में लैपटॉप के लिए प्रोत्साहन राशि जारी की. इस दौरान उन्होंने मेडिकल की पढ़ाई के इच्छुक प्रदेश के प्रतिभाशाली छात्रों के लिए बड़ी सौगात दी. मध्य प्रदेश के सीएम डॉ. मोहन यादव ने ऐसे प्रतिभाशाली स्टूडेंट्स की बात की जो मेडिकल में पढ़ाई करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार मेडिकल की पढ़ाई के इच्छुक मेधावी स्टूडेंट्स को 80-80 लाख रुपए दे रही है। यही नहीं उन्होंने इस दौरान यह भी बताया कि कैसे मेडिकल की पढ़ाई पूरी करने के बाद लोन माफ किया जा सकता है। जानें क्या बोले सीएम मोहन यादव… जानें कैसे माफ होगा लोन सीएम मोहन यादव ने बताया कि हमारी सरकार मेधावी स्टूडेंट्स को मेडिकल की पढ़ाई के लिए 80-80 लाख रुपए दे रही है। ताकि वो डॉक्टर बने। डॉक्टर बनने के बाद शासन उन्हें मेडिकल ऑफिसर बनाएगा। मेडिकल ऑफिसर के रूप में 5 साल पूरे करने के बाद, उनकी लोन राशि के 80 लाख रुपए भी माफ कर दिए जाएंगे। फिर उन्हें ये लोन राशि नहीं चुकानी पड़ेगी। ऐसे पूरा होगा बच्चों को आगे पढ़ाने का संपल्प बता दें कि सीएम मोहन यादव ने ये बातें मेधावी छात्र लैपटॉप योजना के तहत स्टूडेंट्स को लैपटॉप वितरित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि दो साल में हमारी सरकार प्रदेश भर में 50 मेडिकल कॉलेज खोलेंगे। कॉलेज खुलेंगे तो आने वाले समय में डॉक्टर्स की भर्ती भी तेजी से की जाएगी। बच्चों को आगे पढ़ाने, आगे बढ़ाने का संपल्प ऐसे ही तो पूरा होगा।  5 साल सेवा के बाद माफ हो जाएगा लोन इस योजना की सबसे बड़ी खासियत ये है कि अगर छात्र पढ़ाई के बाद सरकारी मेडिकल ऑफिसर के रूप में 5 साल सेवा करता है, तो उसका पूरा लोन माफ कर दिया जाएगा। यानी 80 लाख रुपए तक की राशि छात्र को लौटाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। मौका सिर्फ मेधावी छात्रों को सीएम यादव ने यह भी स्पष्ट किया कि इस योजना का लाभ केवल उन्हीं छात्रों को मिलेगा जो प्रतिभाशाली हैं और आगे डॉक्टर बनकर समाज की सेवा करना चाहते हैं। यह घोषणा उन्होंने उस कार्यक्रम के दौरान की जिसमें 12वीं में 75% से अधिक अंक लाने वाले 94,234 छात्रों को लैपटॉप के लिए प्रोत्साहन राशि दी गई। MP में बनेंगे 50 नए मेडिकल कॉलेज मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले दो वर्षों में प्रदेश में 50 नए मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे। इससे न केवल छात्रों को ज्यादा अवसर मिलेंगे, बल्कि प्रदेश में डॉक्टरों की भारी कमी भी दूर होगी। भर्ती प्रक्रिया भी तेज की जाएगी, जिससे युवाओं को रोज़गार भी मिलेगा। डॉक्टर बनने का सपना अब दूर नहीं मध्य प्रदेश सरकार की इस योजना से उन छात्रों को सबसे अधिक फायदा मिलेगा, जो मेडिकल की पढ़ाई करना तो चाहते हैं, लेकिन महंगी फीस और संसाधनों की कमी के कारण रुक जाते हैं। अब न सिर्फ उन्हें पढ़ाई के लिए आर्थिक मदद मिलेगी, बल्कि सेवा के बाद पूरा लोन भी माफ कर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री मोहन यादव की इस नई पहल से मध्य प्रदेश के शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव आने की संभावना है। यदि आप भी मेडिकल में करियर बनाना चाहते हैं, तो यह सुनहरा अवसर है।

भवन में अग्नि सुरक्षा के इंतजाम नहीं करने पर मकान मालिक पर 10 हजार रुपए तक जुर्माना और सजा का भी प्रावधान

भोपाल  विधानसभा के मानसून सत्र में नगरीय विकास विभाग ने फायर सेफ्टी विधेयक पेश करने की तैयारी कर ली है। ड्राफ्ट सतपुड़ा भवन में आग लगने के बाद तैयार किया गया था, लेकिन दो साल में भी लागू नहीं हो पाया। इसमें अलग से अग्नि सुरक्षा संचालनालय का गठन प्रस्तावित है। 10 हजार रुपए तक जुर्माने का प्रावधान और सजा भी इससे अग्नि सुरक्षा के बेहतर इंतजाम हो पाएंगे। भवन में अग्नि सुरक्षा के इंतजाम नहीं करने पर मकान मालिक पर 10 हजार रुपए तक जुर्माना और सजा का भी प्रावधान किया गया है। इस एक्ट के लागू होने से अग्नि सुरक्षा की स्थिति सुधरने की संभावना है। विभाग ने ड्राफ्ट पर सभी स्तर पर डिस्कशन पूरे कर लिए हैं। इसे अंतिम रूप दिया जा रहा है। अग्नि सुरक्षा के इंतजाम बढ़ाने के लिए सख्त प्रावधान किए जा रहे हैं। अलग अग्नि सुरक्षा संचालनालय के साथ ही प्रदेश में सेटअप भी प्रस्तावित किया गया है। आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने दिए हैं एक्ट बनाने के निर्देश प्रदेश में फायर सेफ्टी एक्ट के लिए ड्राफ्ट पहले भी बन चुका है, लेकिन लागू नहीं किया गया। राज्य अग्नि सुरक्षा नियमों के लिए राष्ट्रीय भवन संहिता, ननि अधिनियम 1956 तथा नपा अधिनियम 1961 पर ही निर्भर है। राज्य सरकार को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने अग्नि सुरक्षा कानून बनाने के निर्देश दिए हैं। नगरीय विकास एवं आवास आयुक्त संकेत भोंडवे के अनुसार मानसून सत्र में विधेयक पेश करने की तैयारी हो गई है। पारित होने के बाद प्रदेश में लागू किया जाएगा। ये होंगे मुख्य प्रावधान –अग्निशमन सेवा का नया कैडर बनाया जाएगा, इससे उनकी अलग भर्ती और प्रशिक्षण हो सकेगा। –सभी जिलों में नए फायर स्टेशनखोले जाएंगे। –भवनों में अग्नि सुरक्षा के इंतजाम सती से लागू किए जाएंगे। ऐसा नहीं करने वालों पर 10 हजार तक का जुर्माना और सजा का प्रावधान किया गया है। –प्रदेश में फायर ब्रिगेड की क्षमता बढ़ाई जाएगी। इसके लिए कर्मचारियों से लेकर उपकरणों के इंतजाम होंगे। –पुलिस फायर स्टेशनके कर्मचारियों का भी विलय किया जाएगा। केंद्र से भी मदद नए सेटअप के लिए 5 हजार करोड़ से अधिक का बजट की जरूरत होगी। हालांकि यह बजट पांच साल में खर्च किया जाएगा और केंद्र सरकार से भी इसके लिए राशि मांगी जाएगी। अग्नि सुरक्षा के पुराने उपकरणों और फायर ब्रिगेड को बदला जाएगा। अत्याधुनिक उपकरण खरीदे जाएंगे। भविष्य को देखते हुए बहुमंजिला भवनों की आग बुझाने के लिए भी विशेष उपकरण खरीदे जाएंगे।

घी की शुद्धता को लेकर मध्यप्रदेश में एक बड़ा कदम, अधिकारी द्वारा लिए जाएंगे सैंपल, ब्यूटाइरो-रिफ्रैक्टोमीटर से गुणवत्ता को परखा जाएगा

ग्वालियर  घी की शुद्धता को लेकर मध्यप्रदेश में एक बड़ा कदम उठाया गया है। भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) के निर्देश पर जुलाई माह में पूरे प्रदेश में घी की गुणवत्ता की जांच का विशेष अभियान चलाया जा रहा है। खास बात यह है कि यह सैंपल सीधे भोपाल और इंदौर की जांच प्रयोगशालाओं में भेजे जाएंगे। हर जिले से लिए जाएंगे पैक्ड और लूज घी के सैंपल प्रदेश के हर जिले में खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे बाजार में बिक रहे घी के सैंपल लें। हर अधिकारी को कुल 5 सैंपल लेने हैं, जिनमें से दो पैक्ड घी यानी ब्रांडेड कंपनियों के और तीन लूज (बिना ब्रांड वाले) घी के होंगे। इन सैंपलों को भोपाल की CES लैब और इंदौर की चौकसी लैब में परीक्षण के लिए भेजा जाएगा। घी की जांच के लिए ब्यूटाइरो-रिफ्रैक्टोमीटर तकनीक का उपयोग किया जाएगा, जिससे यह पता लगाया जाएगा कि उसमें रिफाइंड ऑयल, पाम ऑयल या किसी अन्य सस्ती सामग्री की मिलावट तो नहीं की गई है। ग्वालियर-चंबल संभाग नकली घी के लिए बदनाम ग्वालियर-चंबल अंचल नकली घी, मावा और पनीर जैसी खाद्य सामग्रियों में मिलावट के लिए कुख्यात है। भिंड, मुरैना जैसे जिलों में सक्रिय मिलावट माफिया ना सिर्फ प्रदेश बल्कि उत्तर प्रदेश और राजस्थान जैसे पड़ोसी राज्यों में भी माल सप्लाई करता है। त्योहारों के मौसम में यह मिलावट चरम पर होती है, जिससे आमजन की सेहत पर गंभीर खतरा मंडराता है। इसके बावजूद ग्वालियर में प्रस्तावित फूड टेस्टिंग लैब अब तक शुरू नहीं हो पाई है। ग्वालियर में अब तक शुरू नहीं हो सकी लैब ग्वालियर के हुरावली इलाके में फूड लैब के लिए 2019 में भूमिपूजन किया गया था। लेकिन छह साल बीतने के बाद भी यह प्रयोगशाला शुरू नहीं हो सकी है। अब जबकि ढाई करोड़ रुपये की स्वीकृति मिल गई है, उम्मीद जताई जा रही है कि लैब जल्द शुरू होगी और अंचल के जिलों को भोपाल या इंदौर पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। जुलाई भर चलेगा घी की जांच का अभियान ग्वालियर के खाद्य सुरक्षा अधिकारी सतीश कुमार शर्मा ने बताया कि यह अभियान पूरे जुलाई माह तक चलेगा। सैंपलिंग के बाद जैसे ही लैब रिपोर्ट आएगी, एफएसएसएआइ गुणवत्ता मानकों के आधार पर कार्रवाई करेगा। जिन घी उत्पादकों में मिलावट पाई जाएगी, उनके खिलाफ सख्त कानूनी कदम उठाए जाएंगे।

केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री डॉ. मुरूगन से की भेंट

भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि उज्जैन में आकाशवाणी केंद्र प्रारंभ किए जाने की सैद्धांतिक सहमति हो गई है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंगलवार को नई दिल्ली में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री डॉ. एल मुरूगन से भेंट में सिंहस्थ 2028 के दृष्टिगत उज्जैन में शीघ्र आकाशवाणी केंद्र प्रारंभ करवाने का अनुरोध किया। केन्द्रीय राज्य मंत्री डॉ. मुरूगन ने इसकी सहमति एवं आवश्यक प्रक्रिया प्रारंभ करवाने के लिए आश्वस्त किया। आकाशवाणी स्टूडियो का निर्माण होने तक उज्जैन केंद्र के प्रसारण की व्यवस्था आकाशवाणी केन्द्र इंदौर के माध्यम से किए जाने के प्रयास भी किए जाएंगे। केन्द्रीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह को शिलान्यास के लिए किया आमंत्रित मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में मंत्रीगण से भेंट के बाद मीडिया प्रतिनिधियों को जानकारी दी कि भारत सरकार के उपक्रम बंगलौर के बीईएमएल लिमिटेड के अत्याधुनिक रेल कोच विनिर्माण संयंत्र का शिलान्यास प्रदेश के रायसेन जिले में शीघ्र किया जाएगा। इसके लिए लगभग 1800 करोड़ रूपए का निवेश किया जा रहा है। संयंत्र में मध्यप्रदेश सरकार, रेल मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय की भागीदारी रहेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि केंद्रीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह से इस संयंत्र के शिलान्यास का अनुरोध किया गया है। साथ ही संयंत्र के महत्व पर विस्तार से चर्चा हुई है। केंद्रीय मंत्री श्री राजनाथ सिंह को जानकारी दी गई कि मध्यप्रदेश शासन ने रायसेन जिले में इस संयंत्र की स्थापना के लिए लगभग 60 हेक्टयर भूमि का आवंटन कर दिया है। यह संयंत्र लगभग डेढ़ हजार लोगों को रोजगार दिलवाने में भी सहायक होगा साथ ही देश के रेल कोच संयंत्रों के मानचित्र में विशेष स्थान बनाएगा। केन्द्रीय नवकरणीय ऊर्जा मंत्री से की भेंट मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार द्वारा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की भावना के अनुरूप नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में बड़ा काम किया जा रहा है। सभी प्रकार की नवकरणीय ऊर्जा जैसे सौर, पवन और पंप स्टोरेज सभी पर काम कर रहे हैं। पूरे देश में मध्यप्रदेश ही ऐसा राज्य है जो सबसे सस्ती दर पर बिजली उपलब्ध करवा रहा है, जिससे नई दिल्ली में मेट्रो ट्रेन चल रही हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य के 32 लाख किसानों के लिए सोलर पैनल लगाकर देंगे जिससे भविष्य में किसान स्वयं की बिजली उत्पन्न कर सकें। इससे लगभग 18 हजार करोड़ की सब्सिडी के भार से राज्य सरकार मुक्त हो सकेगी। प्रधानमंत्री कुसुमश्री योजना में ए-बी-सी- तीनों श्रेणियों में मध्यप्रदेश सरकार काम कर रही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि केन्द्रीय नवकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री प्रह्लाद जोशी से चर्चा हुई और उम्मीद है कि नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में और अच्छी प्रगति होने वाली है। भविष्य में स्थापित होने वाले सोलर पार्क, जो लगभग 4200 मेगावाट क्षमता के होंगे, नवकरणीय ऊर्जा क्षेत्र की महत्वपूर्ण उपलब्धि बनेंगे। इसके अलावा उत्तरप्रदेश के साथ 2 हजार मेगावाट से सोलर एनर्जी के स्रोत विकसित होंगे जिससे दोनों राज्य 6-6 महीने आपस में बिजली का बंटवारा भी करेंगे।  

राष्ट्र, समाज की चुनौतियों को दूर करने के प्रयासों में ही जीवन की सार्थकता: राज्यपाल

भोपाल राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि निरंतर सीखने और सेवा भाव के साथ कार्य करने का प्रयास विगत चार वर्षों में किया है। आगे भी इसी भाव और लक्ष्य के साथ कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि अपने सामर्थ्य अनुसार राष्ट्र की चुनौतियों को दूर करने के प्रयासों में ही जीवन की सार्थकता है। समाज में व्याप्त गरीबी, अशिक्षा, अज्ञानता आदि की चुनौतियों को दूर करने के लिए अधिक से अधिक योगदान का प्रयास प्रत्येक व्यक्ति को करना चाहिए। राज्यपाल श्री पटेल ने यह बात राजभवन में उनके चार वर्षों के कार्यकाल की पूर्णता पर आयोजित सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए कही। कार्यक्रम का आयोजन राजभवन के ऑडिटोरियम सांदीपनि में किया गया था। इस अवसर पर जनजातीय प्रकोष्ठ के अध्यक्ष श्री दीपक खांडेकर, अपर मुख्य सचिव श्री के.सी. गुप्ता, अपर सचिव श्री उमाशंकर भार्गव, सचिव जनजातीय प्रकोष्ठ श्रीमती जमुना भिड़े सहित राजभवन के समस्त अधिकारी, कर्मचारी उपस्थित थे। राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कार्यक्रम में “राजभवन पचमढ़ी” पुस्तक लोकार्पित की। जनसंपर्क विभाग द्वारा तैयार लघु फिल्म “संकल्प सिद्ध कर्म सिद्ध राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल” का प्रदर्शन भी किया गया। राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि सृष्टि की कृतियों में एकमात्र मानव ही ऐसी रचना है जिसको वाणी, बुद्धि सहित समस्त शक्तियां मिली है। किसी और को यह सब एक साथ नहीं मिली है। यह सभी शक्तियां मानव की सेवा के लिए है। उन्होंने कहा कि स्वार्थी जीवन निरर्थक है। उन्होंने एक भव्य भवन वाले विश्वविद्यालय के भ्रमण प्रसंग का उल्लेख करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय में सर्वत्र, समृद्धता दिखाई दे रही थी। पार्किंग में दोपहिया वाहनों से कहीं अधिक फोर व्हीलर खड़े थे। इस शान-औ-शौकत में निकट ही गरीबों की बस्ती थी, जो अलग-थलग दिख रही थी। श्री पटेल ने कहा कि वह समृद्धता निरर्थक है, जो वंचितों, गरीबों की अनदेखी करे। राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि उनके परिश्रम का एकमात्र लक्ष्य जरूरतमंद, वंचितों की मदद करना है। उनके प्रयासों से जब उनकी मदद होती है वह उनमें नया उत्साह और अथक परिश्रम की उर्जा प्रदान करती है। उन्होंने विकसित भारत यात्रा के प्रथम कार्यक्रम का उल्लेख करते हुए बताया कि कार्यक्रम में उन्हें दिखा कि आगे आने वाले ही लाभ लेने पहुंच रहे हैं जबकि योजना की मंशा लाभ से वंचितों को लाभान्वित करना था। प्रशासन के समक्ष वस्तुस्थिति को बताकर लाभ से छूट गए पात्र व्यक्तियों को योजनाओं के लाभ देने में प्राथमिकता सुनिश्चित की। इसी लिए शेष जिलों में 43 दिनों में 21 जिलों की यात्रा की थी। उन्होंने इस प्रसंग के संदर्भ में बताया कि योजना के पात्र वंचितों को लाभान्वित कराने की मंशा से ही व्यापक भ्रमण किया। भ्रमण के दौरान वंचितों लाभार्थियों के चेहरे पर लाभान्वित होने की खुशी को देखना ही उनके परिश्रम की उर्जा का स्त्रोत है। राज्यपाल ने कहा कि महिला सशक्तिकरण बाधाओं चुनौतियों को पार कर कुछ कर गुजरने का जज्बा है। उन्होंने पचमढ़ी राजभवन के कर्मचारी की पत्नी श्रीमती शीला कुमारी कुम्हरे द्वारा अशिक्षित होते हुए पचमढ़ी के पर्यटकों को टेलीस्कोप से अंतरिक्ष से रू-ब-रू कराने को सशक्तिकरण का वास्तविक स्वरूप बताया। राज्यपाल के समक्ष कार्यक्रम में राजभवन से जुड़ी महिलाओं ने अपने संघर्षों, सफलताओं और राज्यपाल श्री पटेल के द्वारा महिला सशक्तिकरण प्रयासों के संबंध में जानकारी दी। राजभवन भोपाल में बागवानी कार्य में संलग्न श्रीमती गोमती, कर्मचारी सफाई जमादार श्रीमती रुमा, सचिवालय में पदस्थ भृत्य श्रीमती निशा कौल, सहायक ग्रेड तीन श्रीमती कल्पना अतुलकर, नर्सिग ऑफीसर श्रीमती राधामणि, पी.एस.ओ. श्रीमती भारती चौबे जनजातीय प्रकोष्ठ की विषय विशेषज्ञ श्रीमती दीपमाला रावत ने अपने जीवन के संघर्षों और उन पर सफलता प्राप्त करने के बारे में बताया। कार्यक्रम में प्रस्तुतिकरण के माध्यम से राज्यपाल की कार्यशैली की संवेदनशीलता के प्रसंगों का जिक्र किया। सभी महिला वक्ताओं ने राज्यपाल द्वारा उनकी बिना बोले कर्मचारियों की समस्याओं को दूर करने एवं कार्य दशाओं को बेहतर बनाने के कार्यों और उनकी व्यक्तिगत आत्मीयता, उदारता के प्रसंगों का उल्लेख किया। राजभवन सचिवालय की महिला अधिकारियों-कर्मचारियों ने समवेत स्वर में “जहां डाल-डाल पर सोने की चिड़िया करती है बसेरा” और “सारे जहां से अच्छा हिन्दोस्ता हमारा” की प्रस्तुति दी। आभार प्रदर्शन जनजातीय प्रकोष्ठ की सचिव श्रीमती जमुना भिड़े ने किया। संचालन कंट्रोलर हॉऊस होल्ड श्रीमती शिल्पी दिवाकर ने किया।  

स्थानांतरण आदेश की अनदेखी, आठ पुलिसकर्मी हुए निलंबित

भोपाल राजधानी में कई वर्षों से एक ही थाने में जमे पुलिसकर्मियों को हटाने लिए पिछले दिनों स्थानांतरण आदेश जारी किए गए। डीजीपी के निर्देश के बाद यह फेरबदल किया गया था। आदेश के बाद कई थानों से खबरें आ रही थीं कि सालों से तैनात पुलिसकर्मी नई पदस्थापना पर जाने को तैयार नहीं हैं। वे इधर-उधर से तबादला निरस्त करने के प्रयास कर रहे हैं कि किसी तरह दूसरे थाने में जाने से बच जाएं। जब पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी को यह जानकारी हुई कि कुछ पुलिसकर्मियों ने तबादला होने के बाद भी निर्धारित समय- सीमा में नवीन पदस्थापना पर ज्वाइनिंग नहीं दी है तो उन्होंने डीसीपी मुख्यालय श्रद्धा तिवारी को तबादला आदेश न मानने वाले पुलिसकर्मियों को निलंबित करने के निर्देश दिए। इसके चलते डीसीपी मुख्यालय ने तत्काल प्रभाव से उपनिरीक्षक साबिर खान,एएसआई राम अवतार, प्रधान आरक्षक नरेश कुमार शर्मा, मनोहर लाल, चंद्रमौल मिश्रा, वीरेन्द्र यादव तथा आरक्षक कपिल चंद्रवंशी और प्रशांत शर्मा शामिल हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विश्वविद्यालय महापरिषद की बैठक में दिए निर्देश

भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में वर्तमान आवश्यकताओं के अनुसार साइबर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर केंद्रित पाठ्यक्रम आरंभ किए जाएं साथ ही विश्वविद्यालय, मीडिया के क्षेत्र में एडवांस्ड रिसर्च इंस्टीट्यूट के रूप में अपनी पहचान बनाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने राज्य शासन द्वारा संचालित जन कल्याणकारी योजनाओं के संप्रेषण और उनकी प्रभावशीलता के सर्वेक्षण संबंधी गतिविधियां भी विश्वविद्यालय में आरंभ करने की आवश्यकता बताई। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन में विश्वविद्यालय की महापरिषद की बैठक में यह निर्देश दिए। बैठक में उच्च शिक्षा मंत्री श्री इंदर सिंह परमार, इंदौर सांसद श्री शंकर लालवानी, विश्वविद्यालय के कुलगुरू श्री विजय मनोहर तिवारी, अपर मुख्य सचिव वित्त श्री मनीष रस्तोगी, सचिव एवं आयुक्त जनसम्पर्क डॉ. सुदाम खाड़े सहित महापरिषद के सदस्यगण उपस्थित थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विश्वविद्यालय के रीवा और खंडवा परिसरों में रोजगार परक पाठ्यक्रम संचालित करने संबंधी कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। बैठक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत एक वर्षीय स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम आरंभ करने को स्वीकृति प्रदान की गई। स्वीकृति के बाद एम.ए. (जर्नलिज्म एंड क्रिएटिव एंड राइटिंग), एम.ए. (मास कम्युनिकेशन), एम.ए.( एडवरटाइजिंग एंड पब्लिक रिलेशंस), एम.एससी (इलेक्ट्रॉनिक मीडिया) और एम.एसी.ए. के एक वर्षीय पाठ्यक्रम विश्वविद्यालय द्वारा संचालित किए जाएंगे। बैठक में विश्वविद्यालय के पी.एचडी. अधिनियम को यू.जी.सी. पीएचडी अधिनियम 2022 के अनुसार अद्यतन कर इस आधार पर पी. एचडी पाठ्यक्रम में प्रवेश प्रक्रिया आरंभ करने की स्वीकृति भी प्रदान की गई। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने रीवा परिसर के सभागार का नाम लाल बलदेव सिंह सभागार रखने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की। महापरिषद ने वित्त विभाग के 14 अगस्त 2023 के आदेश अनुसार चतुर्थ समयमान उच्चतर वेतन मान को विश्वविद्यालय में लागू करने के प्रस्ताव को स्वीकृत किया। विश्वविद्यालय में फेस डिटेक्शन मशीन के माध्यम से उपस्थिति दर्ज करने की व्यवस्था पर भी सहमति प्रदान की गई। विश्वविद्यालय के नवीन मीडिया प्रौद्योगिकी विभाग में अध्ययनरत विद्यार्थियों को प्रिंटिंग एवं पैकेजिंग विषय का व्यवसायिक प्रशिक्षण देने के लिए प्रिंटिंग प्रेस व लैब तथा पैकेजिंग लैब की स्थापना का प्रस्ताव भी स्वीकृत हुआ। बैठक में अन्य कार्यालयीन तथा प्रबंधकीय विषयों पर भी निर्णय लिए गए।