samacharsecretary.com

तीन उपनिरीक्षक गिरफ्तार, एसआई भर्ती पेपर लीक की जांच में एसओजी की पूछताछ जारी

जयपुर राजस्थान पुलिस एसआई भर्ती परीक्षा 2021 के चर्चित पेपर लीक प्रकरण में कार्रवाई का दायरा लगातार बढ़ रहा है। एटीएस एवं एसओजी के अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस वी.के. सिंह ने बताया कि अनुसंधान के दौरान सामने आए तथ्यों के आधार पर तीन प्रोबेशनर उपनिरीक्षकों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार एसआई में परमेश चौधरी पुत्र हनुमान चौधरी (26), निवासी मालियों की ढाणी, ग्राम त्योदा, थाना सांभर, जयपुर ग्रामीण शामिल हैं। वर्तमान में वह टोंक पुलिस लाइन में प्रोबेशनर के रूप में कार्यरत था। दूसरा आरोपी मनोहर सिंह पुत्र वगताराम (25), निवासी ग्राम सेडीया, थाना करड़ा, जिला जालौर है, जो कोटा शहर पुलिस लाइन में प्रोबेशनर उपनिरीक्षक के तौर पर नियुक्त था। तीसरा आरोपी मनोहरलाल पुत्र विरदाराम (26), निवासी वियो का गोलिया, ग्राम पुनासा, थाना भीनमाल, जिला जालोर है, जो सिरोही पुलिस लाइन में प्रोबेशन पर था। जांच से स्पष्ट हुआ कि इन तीनों ने पेपर लीक माफिया गिरोह के जरिए परीक्षा से पहले सॉल्वड पेपर प्राप्त कर पढ़ाई की और उसी आधार पर परीक्षा उत्तीर्ण की। नतीजतन परमेश चौधरी मैरिट क्रमांक 180, मनोहर सिंह मैरिट क्रमांक 38 और मनोहरलाल मैरिट क्रमांक 171 पर चयनित पाए गए। एसओजी की टीम ने तीनों को कल हिरासत में ले लिया। अब इनसे गहन पूछताछ की जा रही है ताकि पेपर लीक नेटवर्क और उसमें शामिल अन्य लोगों तक पहुंचा जा सके। गौरतलब है कि राजस्थान की इस भर्ती परीक्षा से जुड़े पेपर लीक मामले में अब तक 59 उपनिरीक्षक सहित कुल 130 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। लगातार हो रही कार्रवाई से यह स्पष्ट है कि एसओजी पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने और दोषियों को न्याय के कटघरे तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है।

आरजीएचएस के यूरोलॉजी विभाग में इलाज नहीं, 50 अस्पतालों को नोटिस

जयपुर राजस्थान गवर्नमेंट हैल्थ स्कीम (RGHS) में इलाज को लेकर आनाकानी कर रहे 50 अस्पतालों को स्वास्थ्य विभाग ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। विभाग का कहना है कि यदि संतोषजनक जवाब नहीं दिया तो अस्पतालों के डिपेनलमेंट की कार्यवाही भी होगी। मामला यूरोलॉजी से जुड़े ट्रीटमेंट को लेकर फंसा है। कई अस्पताल यूरोलॉजी से जुड़ उपचार की दरों को बढ़ाने की मांग कर रहे हैं जबकि राज्य सरकार का कहना है कि यूरोलॉजी की दरें सीजीएचएस के बराबर हैं। इसलिए इन दरों को बढ़ाने की मांग सही नहीं है। इसी के चलते कई अस्पताल यूरोलॉजी से जुड़े मरीजों को बैरंग लौटा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार  यूरोलॉजी में कम संख्या में पैकेज बुक करने वाले 50 अस्पतालों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। संतोषजनक कारण नहीं होने की स्थिति मे इन अस्पतालों को डिपैनल करने की कार्रवाई की जाएगी। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख सचिव गायत्री राठौड़ ने कहा है कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग आरजीएचएस योजना के सुचारू संचालन की दिशा में लगातार जरूरी कदम उठा रहा है। अस्पतालों को भुगतान, पैकेज की दरों सहित अन्य विषयों पर समय-समय पर निर्णय लेकर आवश्यक कार्यवाही की गई है। उन्होंने कहा है कि यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि योजना के लाभार्थियों सहित सभी हितधारकों को किसी तरह की परेशानी नहीं हो, लेकिन बिना वाजिब कारण अगर कोई अस्पताल उपचार उपलब्ध करवाने में आनाकानी करता है तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। यह संज्ञान में आने पर कि विगत दिनों में कुछ अस्पतालों ने आरजीएचएस योजना में यूरोलॉजी से संबंधित उपचार के  पैकेज कम बुक किए हैं, उन अस्पतालों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। राजस्थान स्टेट हैल्थ एश्यारेंस एजेंसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हरजीलाल अटल ने बताया कि ज्यादातर अस्पतालों में यूरोलॉजी से संबंधित उपचार किया जा रहा है। विगत माह में करीब 9 हजार रोगियों ने आरजीएचएस योजना में यूरोलॉजी से संबंधित उपचार लिया है। ऐसे 50 अस्पताल चिन्हित किए गए हैं, जिन्होंने पैकेज कम बुक किए हैं, उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि यह संज्ञान में आया है कि यूरोलॉजी से जुड़े कुछ संगठन यूरोलॉजी पैकेज की दरें बढ़ाए जाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन आरजीएचएस योजना में यूरोलॉजी पैकेज की दरें सीजीएचएस दरों के अनुरूप ही हैं, इसलिए पैकेज की दरों के आधार पर उपचार से मना किया जाना न्याय संगत नहीं है। 

शांति और भक्ति का नया केंद्र: जोधपुर का स्वामीनारायण मंदिर तैयार

जोधपुर  ऐतिहासिक और सांस्कृतिक नगरी जोधपुर के बीच बोचासनवासी श्री अक्षर पुरूषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) मंदिर एक अद्वितीय स्थल के रूप में उभरा. ये मंदिर भक्ति का एक पवित्र स्थान और आध्यात्मिक उत्थान का एक प्रकाश स्तंभ है. यह एक दिव्य जगह है जहां मन और आत्मा को शाश्वत शांति का अनुभव होता है. भक्ति, विश्वास और कृतज्ञता से निर्मित यह मंदिर ईश्वर की असीम महानता और अनंत दिव्यता के प्रति एक विनम्र भेंट है. यह हर आत्मा को आनंद, सत्य, चेतना और परम आनंद की ओर अनंत यात्रा पर निकलने के लिए आमंत्रित करता है. यह मंदिर परिसर स्वामीनारायण संप्रदाय के संस्थापक भगवान स्वामीनारायण को समर्पित है. अपने जीवन और शिक्षा के जरिए उन्होंने हिंदू धर्म के शाश्वत सिद्धांतों के अनुसार नैतिक जीवन तथा सामाजिक उत्थान पर बल दिया. उनका जीवन आज भी दुनिया भर के लाखों लोगों को भक्ति, धार्मिकता और सत्य को दैनिक जीवन के मार्गदर्शक सिद्धांतों के रूप में अपनाने के लिए प्रेरित करता है. इस मंदिर के पीछे प्रमुख स्वामी महाराज की प्रेरणा है. वह एक आध्यात्मिक गुरु रहे, जिनके निस्वार्थ, विनम्र और करुणामय जीवन ने अनगिनत जीवन बदल दिए. उन्होंने दुनिया भर में 1,200 से ज्यादा मंदिरों और सांस्कृतिक केंद्रों, साथ ही अस्पतालों, स्कूलों और मानवीय संस्थाओं के निर्माण को प्रेरित किया. साथ ही शांति, सद्भाव और नैतिक जीवन के अपने दृष्टिकोण से समाज का उत्थान किया. प्रमुख स्वामी महाराज हिंदू आस्था और संस्कृति के एक प्रखर प्रकाश स्तंभ थे.   इस मंदिर की परिकल्पना और साकार रूप महंत स्वामी महाराज, प्रमुख स्वामी महाराज के वर्तमान आध्यात्मिक उत्तराधिकारी और BAPS के वर्तमान गुरु, के दिव्य मार्गदर्शन में हुआ. अपने गुरु की दिव्य दृष्टि को साकार करते हुए महंत स्वामी महाराज ने दुनिया भर के हजारों स्वयंसेवकों को इस मंदिर के निर्माण के लिए समर्पण और निस्वार्थ सेवा को प्रेरित किया. उन्होंने संदेश देते हुए कहा कि हमारी प्राचीन हिंदू कला, वास्तुकला और संस्कृति के बारे में जानें. शांति, सद्भाव, नैतिकता और निस्वार्थ सेवा के शाश्वत मूल्यों को अपनाएं. अपने जीवन, परिवार और समाज में विश्वास और प्रेम का प्रवाह निरंतर बना रहे. मंदिर की विशेषताएं पवित्र पूजा मंडपः यहां हर विजिटर पवित्रता, शांति और ईश्वर की दिव्य उपस्थिति का अनुभव करता है. देवताओं के दर्शन भक्तों को आंतरिक शक्ति, शांति और आध्यात्मिक आनंद से भर देते हैं. नीलकंठ अभिषेक मंडपमः भूतल पर भगवान स्वामीनारायण की नीलकंठ वर्णी के रूप में एक दीप्तिमान पंचधातु मूर्ति चमकती है. अपनी किशोरावस्था में, नीलकंठ वर्णी ने सात वर्षों तक पूरे भारत में 12,000 किलोमीटर से अधिक की यात्रा की. इस दौरान त्याग, अनुशासन और भक्ति की प्रेरणा दी. यह मंडपम अभिषेक, प्रार्थना और चिंतन के लिए एक स्थान प्रदान करता है, जो आंतरिक शांति और आत्म-अनुशासन का संचार करता है. सभा मंडपः एक विशाल सभागार में प्रवचन, भक्ति संगीत और सत्संग सभाएं आयोजित की जाती हैं, जो दैनिक जीवन के लिए व्यावहारिक आध्यात्मिक ज्ञान प्रदान करती हैं. उद्यान और चिल्ड्रेन पार्कः मंदिर परिसर भूदृश्य उद्यानों से सुसज्जित है और जल्द ही इसमें एक चिल्ड्रेन पार्क भी होगा, जो सभी उम्र के विजिटर्स को शांति और आनंद प्रदान करेगा.   क्या है BAPS संगठन? बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (BAPS) एक वैश्विक सामाजिक-आध्यात्मिक हिंदू संघ है, जिसकी औपचारिक स्थापना 1907 में भगवान स्वामीनारायण की परंपरा के तीसरे आध्यात्मिक उत्तराधिकारी शास्त्रीजी महाराज ने की थी. वैदिक मूल्यों पर आधारित BAPS मंदिरों, शैक्षिक सेवाओं, स्वास्थ्य सेवा, आपदा राहत, नशामुक्ति अभियानों, महिला सशक्तिकरण, पर्यावरण संरक्षण आदि के माध्यम से मानवता की सेवा करता है. दुनिया भर में 5,025 से अधिक केंद्रों और संयुक्त राष्ट्र में एक सलाहकार गैर सरकारी संगठन के रूप में मान्यता प्राप्त, BAPS समग्र उत्थान, नैतिक जीवन और आध्यात्मिक जागृति के लिए कार्य करता है.   संस्थापक: भगवान स्वामीनारायण (1781-1830 ई.) स्थापना: 1907 में शास्त्रीजी महाराज द्वारा मुख्य उद्देश्य: नैतिक और सामाजिक उत्थान के साथ आध्यात्मिक प्रगति विजन: सद्भाव, सह-अस्तित्व और विश्व बंधुत्व को बढ़ावा देना आउटरीच: दुनिया भर में 1,700 से अधिक मंदिर, मान्यता प्राप्त मानवीय सेवाएं मुख्य सिद्धांत: अक्षरब्रह्म गुरु के मार्गदर्शन में परब्रह्म पुरुषोत्तम के प्रति अटूट भक्ति  

राजस्थान में बिजली संकट को अलविदा! बांसवाड़ा में देश का 8वां न्यूक्लियर पावर प्लांट तैयार

बांसवाड़ा   देश में परमाणु ऊर्जा का विस्तार तेजी से हो रहा है और इसी के तहत राजस्थान में रावतभाटा के बाद अब बांसवाड़ा में दूसरा परमाणु बिजलीघर का शिलान्यास होने जा रहा है, जिससे न सिर्फ राजस्थान बल्कि पूरे देश को बड़ी सौगात मिलेगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस परियोजना की आधारशिला रखी जाएगी. भारत में वर्तमान में 7 परमाणु बिजलीघरों में 22 रिएक्टर काम कर रहे हैं. इनकी कुल क्षमता 6,780 मेगावाट है. राजस्थान का रावतभाटा परमाणु ऊर्जा स्टेशन पहले से ही देश के सबसे बड़े स्टेशनों में से एक है. अब बांसवाड़ा में 700-700 मेगावाट की चार इकाइयों वाला एक नया परमाणु बिजलीघर स्थापित होने जा रहा है, जिसकी कुल क्षमता 2800 मेगावाट होगी. यह परियोजना भारत के 2031 तक अपनी परमाणु ऊर्जा क्षमता को 22,480 मेगावाट तक बढ़ाने के लक्ष्य में एक मील का पत्थर साबित होगी. बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा होंगे इस परियोजना से यह परमाणु बिजलीघर स्वच्छ ऊर्जा का एक बड़ा स्रोत होगा, जिससे कार्बन उत्सर्जन कम होगा और जलवायु परिवर्तन से लड़ने में मदद मिलेगी. यह भारत की वैश्विक प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में भी सहायक होगा. साथ ही इस परियोजना से बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा होंगे. अनुमान है कि इसके निर्माण और संचालन के दौरान 5,000 लोगों को प्रत्यक्ष और 20,000 लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा. यह आदिवासी बहुल बांसवाड़ा क्षेत्र के युवाओं के लिए एक बड़ा अवसर होगा. वहीं इस परियोजना के लिए आवश्यक आधारभूत संरचना, जैसे कि सड़कों और परिवहन नेटवर्क, का भी विकास होगा. इससे क्षेत्र में समग्र आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी और जीवन स्तर में सुधार होगा. इस बिजलीघर से 2800 मेगावाट बिजली उत्पादन से राजस्थान की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी. अमेरिका और फ्रांस परमाणु ऊर्जा में अग्रणी विश्व में, अमेरिका (93 रिएक्टर) और फ्रांस (56 रिएक्टर) जैसे देश परमाणु ऊर्जा में अग्रणी हैं. भारत भी अब इस दौड़ में तेजी से आगे बढ़ रहा है और बांसवाड़ा परियोजना इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. 2036 तक पूरी तरह से चालू होने की उम्मीद के साथ, यह परियोजना बांसवाड़ा को सिर्फ एक जिला नहीं, बल्कि देश के ऊर्जा मानचित्र पर एक महत्वपूर्ण केंद्र बना देगी.

देश का पहला कॉस्मेटिक लेजर इंस्टिट्यूट जयपुर में, लेजर तकनीक की नई क्रांति

जयपुर  राजधानी जयपुर स्थित प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल सवाई मानसिंह अस्पताल में लोगों को बेहतरीन चिकित्सा सुविधाएं देने के लिए लगातार नए नवाचार किए जा रहे रहें हैं. इसको लेकर अस्पताल के अलग-अलग विभागों में बीमारियों के लिए इंस्टीट्यूट और सेंटर शुरू किए जा रहे हैं. हाल ही में सवाई मानसिंह अस्पताल में जेनेटिक टेस्टिंग लैब और टॉक्सिकोलॉजी लैब की शुरुआत की गई थी.अब इस अस्पताल में खूबसूरत दिखने की चाह रखने वालों और चर्म रोग से जूझ रहे मरीजों के लिए देश का पहला सरकारी कॉस्मेटिक लेजर इंस्टीट्यूट ऑफ डर्मेटोलॉजी की शुरुआत होने वाली है. कॉस्मेटिक लेजर इंस्टीट्यूट ऑफ डर्मेटोलॉजी की शुरूआत होने के बाद चर्म रोग से संबंधित बिमारियों के मरीजों को इसका सबसे ज्यादा फायदा लाभ मिलेगा. सवाई मानसिंह अस्पताल के चरक भवन में 7 करोड़ रुपए की लागत से इंस्टीट्यूट ऑफ डर्मेटोलॉजी तैयार हो गया है, जो 3 महीने में शुरू हो जाएगा. इंस्टीट्यूट में झड़ते  बालों को दोबारा उगाने, चेहरे पर मस्से हटाने, अनचाहे बालों को खत्म करने, बालों की ग्रोथ बढ़ाने, घाव भरने, सफेद दाग, जन्म से बने दाग-धब्बों, टेंटू और पिगमेंटेशन जैसी सभी प्रकार की परेशानियों का इलाज एक्साइमर तकनीक से होगा. इन खास मशीनों से होगा चर्म रोग का इलाज  सवाई मानसिंह अस्पताल में तैयार हो रहे इंस्टीट्यूट ऑफ डर्मेटोलॉजी में इलाज के लिए खासतौर पर लेजर और कॉस्मेटिक प्रोसिजर से जुड़े सभी लोगों का इलाज आधुनिक मशीनों से बेहतर तरीके से होगा. जिसमें चमड़ी पर रोगों की गहराई से जांच के लिए डर्मास्कोप, बाल झड़ने का कारण, मोटाई और स्कैल्प की जांच के लिए ट्राइकोस्कोप, स्कीन से अनचाहे बाल हटाने लिए डायोड लेजर, चेहरे के खड्डे भरने और मस्से हटाने के लिए फ्रेक्शनल कार्बन डाइ ऑक्साइड, सफेद दागों का इलाज, फोटोथेरेपी, टेटू और बर्थमार्क जैसे चिन्हों को हटाने के लिए एनडी-याग लेजर से इलाज की सुविधा लोगों को यहां मिलेगी. चिकित्सा अधिकारियों के मुताबिक इंस्टीट्यूट ऑफ डर्मेटोलॉजी संस्थान सरकारी स्तर पर देश का पहला और विदेश स्तर पर लंदन के बाद दूसरा इंस्टीट्यूट होगा. इंस्टीट्यूट में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने की योजना है, जहां इलाज के साथ डॉक्टरों को ट्रेनिंग दी जाएगी. सवाई मानसिंह अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सकों के अनुसार, अस्पताल के चर्म रोग विभाग में हर साल करीब चार लाख मरीज इलाज के लिए आते हैं. बढ़ते मरीजों की संख्या को देखते हुए अस्पताल में इंस्टीट्यूट ऑफ डर्मेटोलॉजी शुरू की जा रही है.  इसके बाद लाखों लोगों को हर साल इसका फायदा मिलेगा. इंस्टीट्यूट शुरू होने के बाद लोगों को ख़ासतौर पर सफेद दाग के लिए एक्साइमर से आसान इलाज के साथ रिसर्च सुविधा, रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए बेहतरीन दवाईयां उपलब्ध होगी. इंस्टीट्यूट शुरू होने के बाद निजी कॉस्मेटिक सेंटर्स पर महंगा इलाज से राहत मिलेगी और पैसे की बचत भी होगी. इंस्टीट्यूट में लोगों के लिए सस्ता और गुणवत्तापूर्ण इलाज की सुविधा मिलेगी. अभी फिलहाल चरक भवन के इंस्टीट्यूट ऑफ डर्मेटोलॉजी में फर्नीचर इंस्टालेशन और अन्य तमाम कार्य चल रहे हैं, जो जल्द ही पूरे हो जाएंगे.

सीएम आवास पर मां दुर्गा की आराधना, मुख्यमंत्री ने पौधरोपण कर समृद्धि की कामना की

जयपुर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सोमवार को शारदीय नवरात्र स्थापना के अवसर पर मुख्यमंत्री निवास स्थित मां राज राजेश्वरी मंदिर में सपत्नीक विधिवत पूजा-अर्चना की। उन्होंने मां दुर्गा से प्रदेशवासियों के स्वस्थ, सुखी एवं समृद्ध जीवन की कामना की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री निवास के अधिकारी और कर्मचारी भी उपस्थित रहे। पूजा-अर्चना के बाद मुख्यमंत्री शर्मा ने मुख्यमंत्री निवास परिसर में ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत आम का पौधा रोपित किया। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण मानव जीवन को स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पेड़ लगाने से प्रदूषण में कमी आती है और जैव विविधता को बढ़ावा मिलता है। इसलिए हर व्यक्ति को पौधारोपण के लिए आगे आना चाहिए। शर्मा ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में सेवा पखवाड़े के दौरान इस अभियान को विशेष रूप से संचालित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री से प्रेरणा लेकर प्रदेश सरकार ने हरियालो राजस्थान मिशन शुरू किया है, जिसके अंतर्गत अगले पांच वर्षों में 50 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है। गत वर्ष इस अभियान में साढ़े सात करोड़ पौधे लगाए गए थे, वहीं इस वर्ष अब तक लगभग साढ़े 11 करोड़ पौधे लगाए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश को हरा-भरा और खुशहाल बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। सेवा पखवाड़े के अंतर्गत प्रदेशभर में ग्रामीण सेवा शिविर और शहरी सेवा शिविर आयोजित किए जा रहे हैं, जहां आमजन की समस्याओं का त्वरित समाधान सुनिश्चित किया जा रहा है। साथ ही अंतिम छोर तक बैठे व्यक्ति को सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने का कार्य भी किया जा रहा है। इस दौरान मुख्यमंत्री ने स्वच्छता, नशामुक्ति और वृक्षारोपण जैसे सामाजिक अभियानों में जनसहभागिता की अपील भी की। उन्होंने कहा कि यदि आमजन सक्रिय भागीदारी निभाएंगे तो राजस्थान को हरित, स्वच्छ और समृद्ध प्रदेश बनाने का लक्ष्य शीघ्र ही साकार होगा।

नौ सिरों वाली माता: आस्था का अनोखा स्वरूप

अजमेर देशभर में शारदीय नवरात्रि की शुरुआत के साथ ही देवी मंदिरों में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा है। देशभर में स्थित माता के असंख्य धामों में हर जगह भक्त शक्ति की आराधना कर रहे हैं। इसी बीच अजमेर की नाग पहाड़ी के बीच स्थित नोसर माता मंदिर अपनी अनूठी विशेषता के कारण चर्चा में है। यहां मां दुर्गा एक शरीर में नौ मुखों के साथ विराजमान हैं। सदियों पुराने इस मंदिर को लोग नवदुर्गा धाम भी कहते हैं और मान्यता है कि यहां मां स्वयं ब्रह्मा के आह्वान पर प्रकट हुई थीं। पद्म पुराण में मिलता है उल्लेख पद्म पुराण में इस मंदिर का विस्तार से उल्लेख है। कहा जाता है कि सृष्टि यज्ञ की नकारात्मक शक्तियों से रक्षा के लिए जगतपिता ब्रह्मा ने नवदुर्गा का आह्वान किया। तब देवी अपने नौ स्वरूपों के साथ पुष्कर की नाग पहाड़ी पर विराजमान हुईं। आज भी इस मंदिर को ब्रह्मा की नगरी पुष्कर की रक्षा करने वाली देवी का धाम माना जाता है। नवदुर्गा का अनूठा स्वरूप मंदिर के गर्भगृह में देवी की प्रतिमा एक शरीर पर नौ सिरों के साथ विद्यमान है। यह दृश्य किसी और मंदिर में नहीं देखने को मिलता। वर्तमान पीठाधीश्वर रामाकृष्ण देव के अनुसार माता का यह स्वरूप विश्व में अद्वितीय है। खास बात यह है कि प्रतिमा पाषाण की नहीं बल्कि मिट्टी की बनी हुई है और सदियां गुजरने के बावजूद अक्षुण्ण है। वनवास काल में पांडवों की आराधना द्वापर युग से भी इस मंदिर का जुड़ाव है। मान्यता है कि वनवास काल में पांडवों ने कुछ समय तक यहीं नव शक्तियों की आराधना की थी। इसके बाद उन्होंने नाग पहाड़ी की तलहटी में पंचकुंड का निर्माण कराया, जो आज भी पांच पांडवों के कुंड के नाम से विख्यात है। चौहान राजाओं की आस्था इतिहास गवाह है कि सम्राट पृथ्वीराज चौहान ने मोहम्मद गौरी से युद्ध से पहले यहीं माता की आराधना की थी। राजकवि चंदबरदाई के साथ माता के दरबार में विजयश्री की प्रार्थना की गई थी। माना जाता है कि चौहान वंश के अन्य शासक भी यहां नियमित रूप से आराधना करने आते थे। औरंगजेब ने की थी मंदिर गिराने की कोशिश मुगल काल में औरंगजेब ने मंदिर को ध्वस्त करने की कोशिश की थी। सेना ने मंदिर का कुछ हिस्सा तोड़ भी दिया, लेकिन देवी की नौ सिरों वाली प्रतिमा को कोई नुकसान नहीं पहुंचा सका। यह चमत्कार आज भी लोगों की आस्था को और मजबूत करता है। बाद में मराठा शासनकाल में मंदिर का पुनर्निर्माण हुआ। 131 साल पहले हुआ जीर्णोद्धार करीब 131 वर्ष पूर्व संत बुधकरण महाराज ने मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया। कहते हैं कि उस समय पानी की कमी के कारण काम कठिन था। तब माता ने उन्हें स्वप्न में दर्शन देकर बताया कि मंदिर के नीचे एक विशाल पत्थर है, जिसे हटाने पर जल का स्रोत मिलेगा। जब पत्थर हटाया गया तो वहां एक कुंड प्रकट हुआ, जिसका जल आज तक कभी सूखा नहीं। नोसर माता कई जातियों की कुलदेवी हैं। माहेश्वरी समाज के कई गोत्र, गुर्जर, कुम्हार, तेली, धोबी, ब्राह्मण और मीणा जातियों के अनगिनत परिवार इस धाम को अपनी कुलदेवी मानते हैं। देश के कोने-कोने से श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए पहुंचते हैं। नवरात्रि में लगता है आस्था का मेला शारदीय नवरात्रि के दौरान यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है। खासकर अष्टमी और नवमी पर विशेष आयोजन, हवन, भंडारा और देवी जागरण का आयोजन होता है। मान्यता है कि माता के दरबार में सच्चे मन से की गई हर प्रार्थना पूरी होती है। आस्था और इतिहास का अद्भुत संगम नोसर माता मंदिर सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि आस्था, इतिहास और अद्भुत चमत्कार का जीवंत प्रमाण है। नौ सिरों वाली देवी की प्रतिमा विश्वभर में दुर्लभ है और अजमेर की यह धरोहर हिंदू धर्म की शक्ति उपासना का अनूठा प्रतीक मानी जाती है। यहां आने वाले हर श्रद्धालु का विश्वास है कि माता उनके जीवन से संकट हर लेती हैं और सुख-समृद्धि प्रदान करती हैं।  

जोधपुर में महंतस्वामी महाराज के सान्निध्य में 10 दिवसीय मंदिर महोत्सव का मंगल शुभारंभ

जोधपुर, राजस्थान के जोधपुर में भक्ति और सेवा के एक नए अध्याय की शुरुआत हो रही है। जोधपुर के कालीबेरी में स्थित बीएपीएस स्वामिनारायण मंदिर में मूर्ति प्रतिष्ठा महोत्सव की तैयारियां अपने चरम पर हैं, जिसमें प्रकट ब्रह्मस्वरूप महंतस्वामी महाराज के जोधपुर आगमन ने भक्तों और स्वयंसेवकों के उत्साह को कई गुना बढ़ा दिया है। यह 10 दिवसीय मंदिर महोत्सव आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का एक अद्भुत संगम है, जिसका मुख्य आकर्षण 25 सितंबर को होने वाली मूर्ति प्राणप्रतिष्ठा है। इस भव्य समारोह में देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु भाग लेंगे। इस भव्य मंदिर का निर्माण हजारों भक्तों के निस्वार्थ समर्पण और सेवा का परिणाम है। इस कार्य में सभी आयु वर्ग और समुदायों के लोगों, विशेषकर महिलाओं और बाल युवाओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया है। रसोई की सेवा से लेकर मंदिर की साफ-सफाई, यातायात प्रबंधन और पार्किंग व्यवस्था तक, हर एक व्यक्ति ने किसी न किसी रूप में अपना योगदान दिया है। कालीबेरी और उसके आसपास के क्षेत्रों से कई परिवारों ने एकजुट होकर इस महान कार्य में अपनी सेवाएं अर्पित की हैं, जो निस्वार्थ भक्ति और समर्पण की एक मिसाल है। 19 सितंबर को ब्रह्मस्वरूप महंतस्वामी महाराज के आगमन के बाद वरिष्ठ संतों और भक्तों ने उनका पुष्पमाला के साथ स्वागत किया। उनके सान्निध्य में भक्तों को आध्यात्मिक मार्गदर्शन और सत्संग का लाभ मिल रहा है। महोत्सव के दौरान 21 सितंबर को स्वागत सभा और 22 सितंबर को सत्कार सभा का आयोजन किया जाएगा, जहां भक्तों को पूज्य स्वामीजी के दर्शन और आशीर्वाद प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह भव्य मंदिर सभी आम जन नागरिकों के लिए खोल दिया जाएगा। मंदिर के उद्घाटन के साथ ही, यहां नियमित रूप से आध्यात्मिक और शैक्षिक गतिविधियों का आयोजन होगा, जिसमें हर रविवार को विभिन्न आयु वर्गों के लिए साप्ताहिक सत्संग सभाएं आयोजित की जाएंगी। बच्चों में नैतिक और सांस्कृतिक मूल्यों का संचार करने के लिए बाल सभाएं होंगी। युवाओं को सही दिशा और प्रेरणा प्रदान करने के लिए युवा सभा का आयोजन किया जाएगा। वरिष्ठ लोगों और परिवारों के लिए आध्यात्मिक उन्नति और पारिवारिक शांति के लिए संयुक्त रवि सभाएं होंगी। युवाओं को नशे जैसी बुरी लतों से दूर रखने और उनका व्यक्तिगत, सामाजिक, आध्यात्मिक और कौशल विकास हो, इसके लिए समय-समय पर युवा शिविरों का भी आयोजन किया जाएगा। उम्मीद है कि जोधपुर का बीएपीएस स्वामिनारायण मंदिर न सिर्फ एक आस्था का स्थल केंद्र होगा, बल्कि आने वाले समय में यह एक ऐसा केंद्र बनेगा, जहां मानवता की सेवा, नैतिक मूल्यों और आध्यात्मिक उन्नति को बढ़ावा मिलेगा। यह जोधपुर और आसपास के क्षेत्रों के लिए एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक धरोहर साबित होगा।  

चित्तौड़गढ़ की बड़ी सादड़ी में झमाझम, 74 मिमी बरसात से मौसम सुहाना

जयपुर राजस्थान के दक्षिणी हिस्सों में मानसून ने एक बार फिर से वापसी की है। मौसम विभाग की ओर से रविवार और सोमवार को चित्तौड़गढ़, राजसमंद,सिरोही, उदयपुर, प्रतापगढ़, डूंगरपुर और बांसवाड़ा जिलों में बारिश का यलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग की ओर से इन जिलों में मध्यम से भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। बीते 24 घंटों के दौरान प्रदेश में बारिश की स्थिति की बात करें तो शनिवार दोपहर बाद चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़ और उदयपुर में घने बादल जाए और कई इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई। वहीं, पश्चिमी राजस्थान के जिलों में मौसम साफ रहा और तेज धूप निकली। जयपुर और भरतपुर संभाग के कुछ हिस्सों में आंशिक बादल और हल्की बूंदाबांदी दर्ज की गई। मौसम विभाग का मनना है कि अगले 4 दिनों तक बारिश का दौर और जारी रह सकता है। बीते 24 घंटे में सबसे अधिक बारिश चित्तौड़गढ़ जिले की बड़ी सादड़ी में 74 मिमी रिकॉर्ड की गई। वहीं निम्बाहेड़ा में 60 मिमी, डूंगरपुर के सागवाड़ा में 19, प्रतापगढ़ की छोटी सादड़ी में 17, उदयपुर के वल्लभनगर में 45, खेरवाड़ा में 26 मिमी बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग के अनुसार, 24 सितंबर से प्रदेश में मौसम शुष्क हो सकता है, यानी बारिश की गतिविधियां थम सकती हैं। प्रदेश में अधिकतम तापमान की बात करें तो सर्वाधिक तापमान पिलानी में 37.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं सीकर में 35.5 डिग्री, अजमेर में  34.7, भीलवाड़ा में 31.2, अलवर में 35.5, जयपुर में 33.9,  कोटा में 30.3, चित्तौड़गढ़ में 32.3, बाड़मेर में 36.4, जैसलमेर में 37.2, जोधपुर में 34.9, चूरू में 39.1, पाली में 32.1, और जालोर में 34.1 डिग्री अधिकतम तापमान दर्ज किया गया।

शिक्षा में अनुशासन पर जोर, मदन दिलावर बोले- शिक्षक राष्ट्रहित को दे प्राथमिकता

जोधपुर अगर आप सरकारी अध्यापक हैं और इस गलतफहमी में हैं कि आप की स्कूल का परिणाम लगातार खराब आने के बावजूद आप पर कोई नजर नहीं रख रहा तो अब सावधान हो जाइए, क्योंकि सरकारी स्कूलों के परिणामों पर अब शिक्षा विभाग सख्त हो चुका है। ऐसे अध्यापकों पर अब शिक्षा विभाग की पैनी नजर रहेगी। साथ ही अब परिणाम के बारे में शिक्षा विभाग को बताना भी होगा। अध्यापकों का परफॉर्मेंस अच्छा होगा तो उन्हें तबादलों में राहत दी जाएगी। जिनका परिणाम सही नहीं होगा उन्हें यह राहत नहीं मिलेगी। स्कूल समय में बालाजी भेरुजी मंदिर या फिर नमाज पढ़ने जाने और मोबाइल क्लास में नहीं ले जाने के आदेशों का असर हुआ है। अब स्कूलों का परिणाम भी सुधरा है। साथ ही आपको जानकर खुशी होगी कि सरकारी स्कूलों का परिणाम निजी स्कूलों से अच्छा हुआ है। इसी के चलते सरकारी स्कूलों का स्तर पहले से अच्छा हुआ है और यह सुधार की प्रक्रिया लगातार जारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कार्यकाल देश के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों से लिखा जाएगा। 500 वर्षों से चल रहा राम मंदिर के निर्माण का इंतजार खत्म हुआ। आज करोड़ों लोग वहां दर्शन कर रहे हैं और यह जो हमारे माथे का कलंक था वह मिट गया है। तीन तलाक से महिलाओं को मुक्ति दिलाई गई। कांग्रेस पर हमला बोलते हुए मदन दिलावर ने कहा कि जब बाटला हाउस में आतंकवादियों को मारा जा रहा था तब सोनिया गांधी पूरी रात फूट फूट कर रो रही थीं और यह राहुल गांधी ने बताया था। इसे साफ जाहिर होता है कि आतंकवादियों से असीम प्रेम था। इनको कोई न कोई रिश्तेदार लगते होंगे आतंकवादी। शिक्षकों को तबादले पर बोलते हुए शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि हमारे पूज्य गुरुजनों से एक निवेदन है कि राष्ट्र प्रथम होना चाहिए। जिससे जो काम उन्हें दिया गया है उसे पर पूरी ताकत और मेहनत से करेंगे और और बहुत से शिक्षक काम कर भी रहे हैं। झालावाड़ स्कूल हादसे से जुड़े सवाल का जवाब देते हुए मदन दिलावर ने कहा कि मांग तो 50 करोड़ की भी कर सकते हैं। मांग की कोई सीमा नहीं हो सकती। यह बहुत बड़ा देश है। यहां हादसे होते हैं। यह सच है सरकार के जो नियम बने हैं उनका पालन करना पड़ेगा। कांग्रेस के राज में भी दुर्घटनाएं हुई थीं उनसे पूछना चाहिए कि उस समय आपने कितना क्या दिया था।