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सरकार से नाराज अनिल विज बोले- “बताइए हम क्या करें?” जनता ने दिए ऐसे जबरदस्त जवाब…

अम्बाला  ऊर्जा परिवहन एवं श्रम मंत्री अनिल विज ने एक बार फिर से भाजपा प्रदेश नेतृत्व पर निशाना साधा है। विज ने एक्स पर पोस्ट करके लिखा कि कमेंट BOX में लिखें हम क्या करें। इस पर उनके समर्थकों और लोगों ने रोचक जवाब दिए हैं। दरअसल, अनिल विज ने एक्स पोस्ट करके लिखा कि अंबाला छावनी में कुछ लोग समानांतर भाजपा चला रहे हैं जिनको ऊपर वालों का आशीर्वाद भी प्राप्त है। उन्होंने आगे लिखा है कि कमेंट BOX में लिखें कि हम क्या करें। इस पोस्ट में उन्होंने बताया है कि पार्टी का बहुत नुकसान हो रहा है। अनिल विज के पोस्ट के वायरल होने के बाद एक बार फिर प्रदेश नेतृत्व पर घेर लिया है। अम्बाला छावनी में कुछ लोग समानांतर भाजपा चला रहे हैं जिनको ऊपर वालों का आशीर्वाद भी प्राप्त है । कमेंट BOX में लिखें कि हम क्या करें । पार्टी का बहुत नुकसान हो रहा है । 

औचक निरीक्षण के दौरान हंगामा: मंत्री आरती राव के कमांडो ने अस्पताल का शीशा तोड़ा

कुरुक्षेत्र  कुरुक्षेत्र में स्वास्थ्य मंत्री आरती राव ने लोकनायक जय प्रकाश नारायण (LNJP) अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान महिला वार्ड में टॉयलेट पर ताला लगा देख मंत्री नाराज हो गईं। 2 बार चाबी मांगने पर भी ताला नहीं खुला तो मंत्री के कहने पर उनके कमांडो ने शीशा तोड़कर स्थिति का जायजा लिया। स्वास्थ्य मंत्री आरती राव ने एक्स-रे रूम का निरीक्षण किया और रात में एक्स-रे व सीटी स्कैन की सुविधा के बारे में जानकारी ली। उन्होंने मरीजों से उपचार और दवा उपलब्धता पर प्रतिक्रिया मांगी। अस्पताल परिसर में निर्माणाधीन भवन में फैले सामान को लेकर भी मंत्री ने नाराजगी जताई और PWD अधिकारियों से जवाब तलब किया।   मीडिया से बातचीत में आरती राव ने कहा कि जल्द ही राज्य में 500 नए डॉक्टर्स की भर्ती की जाएगी ताकि स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाया जा सके। स्वास्थ्य मंत्री के औचक निरीक्षण के बाद अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मच गया।

सावधान! पंजाब के इस जिले में 7 नवंबर तक लागू हुई सख्त प्रतिबंध, देखिए पूरी लिस्ट

होशियारपुर  होशियारपुर की जिला मेजिस्ट्रेट-सह-डिप्टी कमिश्नर आशिका जैन ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जिले में विभिन्न पाबंदी जारी की हैं। जारी आदेशों के तहत जिले में बिना लाइसेंस के प्रीगैबलिन कैप्सूल रखने, अनुमत मात्रा से अधिक रखने/बेचने और डॉक्टर के पर्ची के बिना इस दवा की बिक्री पर रोक लगाई गई है। इन आदेशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। एक अन्य आदेश के अनुसार, जिले में कोई भी व्यक्ति सार्वजनिक समारोहों, धार्मिक स्थलों, शादी-पार्टियों, मैरिज पैलेस या अन्य आयोजनों में हथियार नहीं ले जा सकेगा और सार्वजनिक/सोशल मीडिया पर हथियारों के प्रदर्शन पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। इसके साथ ही हथियारों या हिंसा को बढ़ाने वाले गाने बजाने पर भी पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। इन आदेशों का उल्लंघन करने पर उचित क़ानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, मैरिज पैलेसों के मालिक यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी व्यक्ति मैरिज पैलेसों में होने वाले कार्यक्रमों के दौरान हथियारों का इस्तेमाल न करे। इसी प्रकार, जिले के सभी गांवों के सरपंचों को रात के समय गांवों में निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं ताकि शरारती तत्व किसी भी घटना को अंजाम न दे सकें। इसके अलावा, जिले की सीमा में अवैध हुक्का बार चलाने पर प्रतिबंध रहेगा क्योंकि ऐसे हुक्का बारों में तंबाकू, सिगरेट और मानव शरीर के लिए हानिकारक केमिकलों का इस्तेमाल किया जाता है, जो मानव स्वास्थ्य के लिए बेहद घातक साबित होते हैं और समाज पर भी नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। इसी प्रकार, होशियारपुर जिले में वीर्य के अनाधिकृत भंडारण, परिवहन, उपयोग या बिक्री पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। यह पाबंदी पशुपालन विभाग के सभी पशु चिकित्सा संस्थानों, जिनमें पशु अस्पताल/औषधालय और पॉलीक्लिनिक, पशुपालन विभाग पंजाब, मिल्कफेड और पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय, गडवासू, लुधियाना का कृत्रिम इनसेमीनेशन केंद्र, कोई और भी आर्टीफिशियल इनसेमीनेशनल सेंटर जो पशुपालन विभाग, पंजाब द्वारा संसाधित और आपूर्ति किए गए बोवाइन सीमन का उपयोग करने वाले, प्रोग्रेसिव डेयरी फार्म्स एसोसिएशन, पंजाब के सदस्य, जिन्होंने केवल अपने पशुओं के उपयोग के लिए बोवाइन सीमन (वीर्य) का आयात किया है, पर लागू नहीं होगा। ये सभी आदेश 7 नवंबर 2025 तक लागू रहेंगे।

लाल फीताशाही के जाल में फंसी वीर सौरभ गर्ग की स्मृति, HHRC ने उठाया सवाल

हरियाणा हरियाणा मानव अधिकार आयोग ने जींद के पिल्लुखेड़ा के शहीद सौरभ गर्ग को सम्मान दिलाने में हुई देरी को गंभीर प्रशासनिक लापरवाही करार दिया है। आयोग ने शुक्रवार को सुनवाई के बाद मुख्य सचिव हरियाणा को छह सप्ताह के भीतर रिपोर्ट देने और जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय करने के निर्देश दिए हैं। 8 दिसंबर, 2012 को सर्द सुबह पिल्लुखेड़ा में गैस सिलेंडर रिसाव से लगी आग में फंसे 11 लोगों की जान बचाते हुए सौरभ गर्ग ने अपने प्राण न्योछावर कर दिए थे। पड़ोसी होने के बावजूद उन्होंने सीढ़ी लगाकर सभी महिलाओं और बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला। जब सभी सुरक्षित हो गए तभी सिलेंडर में विस्फोट हुआ और सौरभ लपटों में समा गए। आयोग ने इस बलिदान को मानवता के सर्वोच्च आदर्श का प्रतीक बताया। शौर्य की इस घटना की संस्तुति उपायुक्त जींद ने एक सप्ताह में ही गृह विभाग को भेज दी थी। इसके बाद 2012 से 2024 तक कई पत्राचार हुए। विधानसभा में शोक प्रस्ताव और प्रधानमंत्री कार्यालय के पत्र तक भेजे गए। लेकिन प्रशासनिक उदासीनता के चलते नामांकन समय पर आगे नहीं बढ़ा। परिणामस्वरूप सौरभ राष्ट्रीय जीवन रक्षा पुरस्कार से वंचित रह गए। आयोग की कड़ी टिप्पणी आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) ललित बत्रा की पीठ ने कहा, ‘यह देरी पूरी तरह प्रशासनिक लापरवाही और उदासीनता का परिणाम है। इससे परिवार और समाज दोनों के साथ अन्याय हुआ।’ आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि केवल 5 लाख की आर्थिक सहायता बलिदान के सम्मान का विकल्प नहीं हो सकती। सरकार को दिए ये निर्देश     मुख्य सचिव छह सप्ताह में देरी की जिम्मेदारी तय करें।     गृह मंत्रालय से विशेष छूट लेकर राष्ट्रीय पुरस्कार हेतु नाम भेजा जाए।     राज्य सरकार अपने स्तर पर सौरभ गर्ग को साहसिक पुरस्कार देने पर विचार करे।     मुख्यमंत्री स्वयं संज्ञान लेकर सर्वोच्च स्तर पर कार्रवाई सुनिश्चित करें। स्मारक रखरखाव पर भी फटकार शिकायतकर्ता पिता चंद्रभान ने आयोग को बताया कि शहीद सौरभ गर्ग स्मारक की देखरेख नहीं हो रही। इस पर आयोग ने मार्केट कमेटी पिल्लुखेड़ा को सफाई, लाइटिंग, बागवानी, पानी की सुविधा, बेंच और नियमित निरीक्षण की व्यवस्था करने के आदेश दिए। आयोग ने कहा कि सौरभ गर्ग का बलिदान केवल उनके परिवार के लिए ही नहीं बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणास्रोत है। उनका संदेश है कि साहस, मानवता और निस्वार्थ सेवा कभी अनदेखी नहीं की जानी चाहिए।

सुरजेवाला का BJP पर हमला – कहा, राहत नहीं, किसानों को मिला धोखा

हरियाणा  कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव एवं राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि हरियाणा के किसान और गरीब एससी-बीसी परिवार इस समय दोहरी मार झेल रहे हैं। एक ओर बाढ़ की भीषण तबाही, दूसरी ओर भाजपा सरकार की बेरुख़ी और धोखाधड़ी। सरकारी आंकड़े खुद गवाही दे रहे हैं कि प्रदेश के 6,017 गांवों के 3,80,156 किसानों ने 22 लाख 41 हजार 637 एकड़ से अधिक भूमि में फसलों के नुकसान की जानकारी पोर्टल पर दर्ज कराई है। उन्होंने कहा कि इन दुखों के बीच किसानों को राहत के नाम पर केवल पोर्टल की लंबी प्रक्रियाओं और मज़ाक़ जैसे मुआवज़े का सामना करना पड़ रहा है। भूमिहीन मज़दूरों को अब तक एक फूटी कौड़ी तक नहीं मिली। किसान संगठन आरोप लगा रहे हैं कि भाजपा सरकार ने त्रासदी में भी गरीब परिवारों को उनके हाल पर छोड़ दिया है। सुरजेवाला ने कहा कि सबसे बड़ी समस्या धान किसानों की है। उन्होंने बाक़ायदा बीमा प्रीमियम भरा, मगर न तो बीमा कंपनियां क्लेम दे रही हैं और न ही सरकार अपने पोर्टल पर आवेदन स्वीकार कर रही। हालत यह है कि 12 जिलों में लाखों एकड़ धान की फसल तबाह हो गई, फिर भी किसान मुआवज़े और बीमा क्लेम से वंचित हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा एंड कंपनी ने हर सीजन बीमा कंपनियों के ज़रिए किसानों को लूटने का एक सुनियोजित तंत्र खड़ा कर दिया है। सुरजेवाला ने कहा कि बाढ़ जैसी आपदा में भी राहत देने की जगह सरकार और बीमा कंपनियां किसानों से दुश्मनों जैसा सलूक कर रही हैं। सुरजेवाला ने कहा कि प्रदेश के किसान भी भाजपा की नीतियों से परेशान हैं। कई जिलों में दौरे के दौरान किसानों से बातचीत की तो किसानों ने कहा, ‘भाजपा का डबल इंजन इस बार लूट और धोखे के डबल बुलडोज़र में बदल चुका है, जिसने लाखों किसानों और गरीब परिवारों को संकट के दलदल में धकेल दिया है।’ उन्होंने तुरंत नुकसान की भरपाई करने की मांग सरकार से की है।

जल्द खत्म होगी शिक्षकों की परेशानी, ट्रांसफर पॉलिसी पर नवरात्रों में बड़ा फैसला संभव

हरियाणा  लंबे समय से तबादला ड्राइव की प्रतीक्षा कर रहे शिक्षकों के लिए राहत भरी खबर है। नवरात्रों में नई संशोधित ट्रांसफर पॉलिसी को मंजूरी मिल सकती है। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) की ओर से ट्रांसफर ड्राइव को हरी झंडी दी जा चुकी है। अब मुख्य सचिव कार्यालय का मानव संसाधन विभाग नीति का अंतिम प्रारूप तैयार कर रहा है। शिक्षा विभाग ने भी विभिन्न श्रेणियों के शिक्षकों के लिए ऑनलाइन तबादला ड्राइव का मसौदा तैयार कर लिया है। इस बीच, शुक्रवार को हरियाणा स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन (हसला) का प्रतिनिधिमंडल, राज्य प्रधान सतपाल सिंधु के नेतृत्व में मुख्यमंत्री के उपप्रधान सचिव यशपाल यादव से मिला और मांग पत्र सौंपा। प्रतिनिधिमंडल ने शिक्षकों के ट्रांसफर ड्राइव को जल्द शुरू करने की मांग पर जोर दिया। यशपाल यादव ने भरोसा दिलाया कि संशोधित ट्रांसफर पॉलिसी का प्रारूप तैयार हो चुका है और जल्द ही अधिसूचना जारी की जाएगी।   पुरानी पेंशन योजना और पदोन्नति की मांग हसला ने शिक्षकों की कई अन्य समस्याएं भी प्रमुखता से उठाईं। मुलाकात के दौरान पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) बहाली की मांग रखी गई। प्रिंसिपल के लगभग 250 रिक्त पदों पर पदोन्नति प्रक्रिया शीघ्र शुरू करने की बात कही। पीजीटी (ग्रुप-बी) शिक्षकों को एचसीएस और आईएएस भर्ती में मौका देने की मांग की गई। पीजीटी पदनाम को लेक्चरर करने और मेडिकल रिइम्बर्समेंट से जुड़ी फाइलों को अंतिम रूप देने की भी मांग उठाई गई। एसोसिएशन ने पैनल्ड अस्पतालों में कैशलेस इलाज की सुविधा को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की। साथ ही, प्रोबेशन पूरा कर चुके प्राध्यापकों को कन्फर्म करने, सीसीएल (चाइल्ड केयर लीव) ऑनलाइन पोर्टल का लिंक जारी करने और एचआरए की संशोधित दरें लागू करने का मुद्दा भी उठाया। हसला ने कहा कि एसीपी, मेडिकल रिइम्बर्समेंट, सीसीएल, अवकाश व अध्ययन अनुमति जैसी लंबित फाइलों में नागरिक चार्टर का पालन होना चाहिए। गैर-शैक्षणिक कार्य से मुक्ति की मांग बैठक में हसला ने शिक्षकों से गैर-शैक्षणिक कार्य न लेने की मांग को सबसे जोरदार तरीके से उठाया। संगठन ने तर्क दिया कि ऐसे कार्यों में शिक्षकों की ऊर्जा और समय नष्ट होता है, जिससे विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित होती है। शिक्षा विभाग पहले ही शिक्षक संगठनों से बैठक कर चुका है और रेशनेलाइजेशन की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। एमआईएस पोर्टल पर मौजूद त्रुटियों को भी ठीक किया गया है। बावजूद इसके, अब तक ट्रांसफर ड्राइव शुरू नहीं हो पाया, जबकि शैक्षणिक सत्र 2025-26 आधा बीत चुका है। ये मांगें भी उठाई     कॉलेज कैडर में पदोन्नति का अवसर उपलब्ध कराना।     पीजीटी को 4800 ग्रेड पे की जगह 5400 ग्रेड पे देना।     पुरुष शिक्षकों को भी 15 सीएल देने का प्रावधान।     पीजीटी की नवीनतम वरिष्ठता सूची जारी करना।     पीजीटी को एईओ (सहायक शिक्षा अधिकारी) खेल पद पर नियुक्ति देना।     ग्रुप-बी कर्मचारियों को कम्पेन्सेटरी लीव देने की सुविधा।     राष्ट्रीय पर्व यदि राजपत्रित अवकाश पर पड़ें तो अगले दिन छुट्टी या कार्यदिवस को स्पष्ट करना।     सभी कर्मचारियों को विभागीय पहचान पत्र जारी करना।     मेडिकल लीव का प्रावधान और सेवानिवृत्ति आयु 58 से बढ़ाकर 60 वर्ष करने की मांग। यह तैयार हुआ है मसौदा     पहला चरण – अंतर जिला पीआरटी, जेबीटी और सीएंडवी शिक्षक।     दूसरा चरण – पीएमश्री और मॉडल संस्कृति स्कूल।     तीसरा चरण – प्रिंसिपल, हेड मास्टर और मौलिक मुख्य अध्यापक।     चौथा चरण – पीजीटी, सीएंडवी, टीजीटी, एचटी और नियमित पीआरटी।     पांचवां चरण – गेस्ट टीचर कैटेगरी के पीजीटी, टीजीटी, एचटी और पीआरटी।

सफाई में लापरवाही पर सैलजा का वार, CM नायब सिंह से की कड़ी कार्रवाई की मांग

हरियाणा  कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव व सिरसा सांसद कुमारी सैलजा ने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को पत्र लिखकर सिरसा संसदीय क्षेत्र में नहरी-नालों की सफाई, घग्गर नदी तटबंधों की मज़बूतीकरण और अमृत योजना में लापरवाही पर कड़ी नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि यदि समय रहते कदम उठाए जाते तो न तो बाढ़ का इतना बड़ा संकट खड़ा होता और न ही किसानों को भारी क्षति उठानी पड़ती। सैलजा ने याद दिलाया कि मई-जून में ही उन्होंने नहरी नालों की सफाई और तटबंधों की मजबूतीकरण का आग्रह किया था। 30 जून तक अधिकारियों को दिशा-निर्देश भी जारी हुए थे और तीन जुलाई को सिरसा में हुई दिशा की बैठक में भी मामला उठाया गया था, मगर धरातल पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। हाल ही में सिरसा, फतेहाबाद और जींद के दौरे के दौरान सांसद ने पाया कि नहरी नालों व सीवरेज की समय पर सफाई न होने से फसलें जलमग्न हो गईं और आवासीय क्षेत्र भी प्रभावित हुए। उन्होंने हिसार-घग्गर ट्रेन मार्ग से जुड़े गांवों की दुर्दशा का जिक्र करते हुए कहा कि हजारों एकड़ फसल पानी में डूबकर नष्ट हो गई। सांसद ने सरकार द्वारा घोषित मुआवजा राशि को किसानों के साथ मज़ाक बताते हुए उचित और पर्याप्त मुआवजा देने की मांग की। सैलजा ने सिरसा नगर की अमृत योजना पर भी सवाल उठाए और कहा कि सीवर सफाई न होने से बारिश में नागरिकों को गंभीर दिक्कतों का सामना करना पड़ा। उन्होंने आरोप लगाया कि हर साल करोड़ों रुपये जारी होने के बावजूद नहरों-नालों की सफाई केवल कागजों में होती है। उन्होंने सरकार से संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही तय करने और निष्पक्ष जांच कराने की मांग की ताकि भविष्य में ऐसी लापरवाही दोहराई न जाए।

किसानों की समस्याओं एवं मांगों का निवारण करने बारे में सीएम को दिया मांग पत्र

चढ़ूनी  भाकियू चढ़ूनी के राष्ट्रीयाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल ने मुख्यमंत्री से भेंट की व किसानों की 13 समस्याओं एवं मांगों का निवारण करने की मांग की। ज्ञापन में कहा गया कि हरियाणा के किसान लगातार प्राकृतिक आपदाओं, महंगी खेती लागत और बाजार की अस्थिरता से जूझ रहे हैं। इन परिस्थितियों में किसानों की आजीविका बचाने के लिए सरकार की नीतियां और सहयोग अत्यंत आवश्यक हैं। प्रतिनिधिमंडल में कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष कर्म सिंह मथाना, मीडिया प्रभारी राकेश बैंस, सोशल मीडिया प्रदेशाध्यक्ष संदीप संग्रोहा, युवा प्रदेशाध्यक्ष विक्रम कासना, महिला प्रदेशाध्यक्ष सुमन हुड्डा, प्रदेशा उपायध्यक्ष सत्यवान नरवाल, संगठन सचिव हरपाल सिंह सुढल, जिलाध्यक्ष पंचकूला नरेंद्र सिंह, जिलाध्यक्ष अंबाला मलकीत सिंह, जिलाध्यक्ष यमुनानगर संजू गुदियाना, जिलाध्यक्ष कुरुक्षेत्र कृष्ण कलालमाजरा, जिलाध्यक्ष कैथल गुरनाम सिंह फरल, जिलाध्यक्ष करनाल अजय राणा, जिलाध्यक्ष सोनीपत अशोक लठवाल, जिलाध्यक्ष झज्जर ममता कादियान, जिलाध्यक्ष महेंद्रगढ़ रंगलाल तंवर, जिलाध्यक्ष रेवाडी समय सिंह, जिलाध्यक्ष भिवानी राकेश आर्य, जिलायध्यक्ष फतेहबाद रणजीत सिंह, जिलाध्यक्ष जींद अनीता सुदकेन, वरिष्ठ किसान नेता सुरेंद्र सिंह लितानी शामिल थे।

विनेश फोगाट पर फूटा सरपंच का गुस्सा: ‘अब दौरा सिर्फ दिखावा है’

जींद  हरियाणा के जुलाना से कांग्रेस विधायक और पूर्व रेसलर विनेश फोगाट ने गुरुवार को क्षेत्र के गांवों का दौरा किया. इस दौरान खेतों में भरे बरसात के पानी का जायजा लिया और प्रभावित किसानों से बातचीत की. बुआना गांव में पहुंची विनेश फोगाट से बुआना के सरपंच प्रतिनिधि सुधीर ने कहा कि अब दौरा करने का क्या औचित्य है, जब 75 प्रतिशत पानी उतर चुका है. उन्होंने आगे कि जब हमें जरूरत थी, तो विनेश फोगाट के पास 100 से ज्यादा फोन किया गया लेकिन विधायक ने फोन नहीं उठाया. सरपंच प्रतिनिधि ने तो ये तक कह दिया कि जुलाना हलके के लोगों के साथ वोटों की ठगी हो गई है. सुधीर ने कहा, "हमने मिलकर विनेश फोगाट को जिताया था लेकिन आज जब उन पर मुसीबत आई, खेतों और गांव में जलभराव हुआ तो उनके फोन उठाने भी बंद कर दिए. जब पानी उतर गया तो हमें संभालने के लिए आ गईं.  बाढ़ प्रभावित लोगों से विनेश ने की मुलाकात विधायक विनेश फोगाट  दोपहर को हलके के बराड़ खेड़ा, बुआना, खरैंटी, गढ़वाली, झमौला, करेला, मालवी और देवरड़ गांवों में पहुंचीं और ग्रामीणों व बाढ़ से प्रभावित किसानों से बातचीत की. कांग्रेस विधायक ने किसानों की समस्याएं सुनी और उन्हें हर मुमकिन मदद का आश्वासन दिया. उन्होंने संबंधित विभागों को निर्देश दिए कि खेतों से पानी की निकासी के लिए तुरंत प्रभावी कदम उठाए जाएं, जिससे किसानों की फसलें बचाई जा सकें. विनेश फोगाट ने कहा कि किसानों की परेशानी को दूर किया जाएगा और नुकसान का आकलन करवाकर उचित मुआवजा दिलाने की दिशा में भी काम किया जाएगा. इसके बाद जब विनेश फोगाट बुआना गांव में पहुंचीं तो सरपंच एसोसिएशन के जिला प्रधान और प्रदेश प्रवक्ता सुधीर बुआना ने कहा कि सरपंच एसोसिएशन और पंचायत समिति सदस्यों ने समर्थन देकर विनेश फोगाट को जिताया था, अब विधायक फोन उठाना भी उचित नहीं समझ रही हैं.  सुधीर बुआना ने यहां तक कहा कि सरकार और प्रशासन तो हमारा सहयोग कर रहा है लेकिन विधायक का हमें कोई सहयोग नहीं मिला. विधायक जलभराव का स्थाई समाधान करें. 

हरियाणा विधानसभा के काम की बेंगलुरु में तारीफ, अधिकारियों को मिली शाबाशी

चंडीगढ़  बेंगलुरु में शुरू हुए राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (सीपीए) के 11वें भारतीय क्षेत्रीय सम्मेलन में हरियाणा विधानसभा के प्रयासों को विशेष पहचान मिली। सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने गुरुग्राम में आयोजित शहरी स्थानीय निकायों के सम्मेलन की सफलता को देश में अपने आप में पहला अनूठा प्रयोग बताया और इसकी सराहना की। उन्होंने कहा कि यह आयोजन हरियाणा विधान सभा अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण और प्रदेश सरकार की पहल से ही सफलतापूर्वक संपन्न हो सका। हरियाणा विधान सभा अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण और उपाध्यक्ष डॉ़ कृष्ण लाल मिड्ढा सम्मेलन में भाग लेने पहुंचे, जहां उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया। पहले दिन हुई एग्जिक्यूटिव कमेटी की बैठक में भी हरविन्द्र कल्याण शामिल हुए। बैठक में सम्मेलन की कार्ययोजना पर विस्तार से चर्चा की गई। सम्मेलन के दौरान हरविन्द्र कल्याण ने सुझाव दिया कि पहली बार मंत्री बनने वाले जनप्रतिनिधियों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएं, ताकि उन्हें संसदीय कार्यप्रणाली की गहन जानकारी दी जा सके। उन्होंने चंडीगढ़ में मीडिया कर्मियों के लिए आयोजित कार्यशाला का भी जिक्र किया, जिसकी सम्मेलन में सराहना हुई। इसके अलावा, दल-बदल निरोधक कानून की समीक्षा समिति के सदस्यों की संख्या 4 से बढ़ाकर 10 से 12 करने का भी प्रस्ताव आया। तीन दिन तक चलने वाला यह सम्मेलन 13 सितंबर तक जारी रहेगा।