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अपने ब्यूटी रूटीन में जरूर शामिल करें ये ऑइल

इन दिनों ऑइल ब्यूटी प्रोडक्ट्स का सबसे पॉप्युलर इंग्रेडिएंट बना हुआ है। फेशियल मॉइस्चराइजर से लेकर हेयर ट्रीटमेंट तक ऑइल ही पसंद किया जा रहा है। लेकिन कई लोग डरते हैं की कहीं ऑइल यूज करने से, खासकर गर्मी या बारिश में गरीजी और ग्रूपी स्किन ना हो जाए। नोट करें कि किसी भी क्रीम बेस्ड प्रोडक्ट को यूज करने से ऑइल बेस्ड प्रोडक्ट ज्यादा फायदेमंद होता है। ये वजन में भी बेहद लाईट होता है। खासकर प्लांट बेस्ड ऑइल आपके स्किन टेक्स्चर के लिए बेहद स्मूद और सूदिंग होते हैं। ये नैचरल ग्लो भी देते हैं। मेकअप रिमूवर के तौर पर ऑइल से बेहतर कुछ नहीं होता। आजकल तो मार्केट में ऑइल बेस्ड शैम्पू भी मिलने लगे हैं जो बालों को ज्यादा ड्राय नहीं होने देते। इसके अतिरिक्तआ कई तरह से ब्यूटी ऑइल यूज किए जा सकते हैं…. अपने डेली फेस मॉइस्चराइजर की जगह ऑइल यूज करें। ये चेहरे की ड्राइनेस दूर करने के साथ ही मॉइस्चर को बनाए रखता है। इसके अलावा आप इसे मसाज ऑइल की तरह भी यूज कर सकते हैं। लेमन यूकेलिप्टस या पिंक ग्रेप फ्रूट वाले ऑइल यूज करें। एक्स्ट्रा रिलैक्सेशन के लिए इसे टेन्स मसल पर ज्यादा यूज करें। इन दिनों ऑलिव ऑइल के साथ लाईट वेट फार्मूला वाले फेशियल क्लेंजर मिलते हैं। ये आपके पोर्स भी बंद नहीं करते और मेकअप भी (वॉटरप्रूफ भी) आसानी से पूरी तरह से साफ करते हैं। इसे पूरे चेहरे पर लगाएं। अच्छे से मसाज करके पानी से धो लें। लाईट वेट बॉडी ऑइल्स यूज करें। आर्गन, सोयाबीन और मोरिंगा ऑइल के ब्लेंड वाला बॉडी ऑइल यूज करें। इसमें वॉयलेट, सैंडलवुड और वैनिला एक्सट्रैक्ट भी होता है। ऑइल बेस्ड एसपीएफ स्प्रे यूज किए जा सकते हैं जो बेहतरीन सनस्क्रीन साबित होते हैं। ये आपकी स्किन और बाल को यूवी डैमेज से बचाते हैं। साथ ही ड्राय स्किन पूरी तरह मॉइस्चराइज रखते हैं। क्लैरिन्स का सनस्क्रीन स्प्रे इन दिनों पसंद किया जा रहा है। फेस-क्लेंजिंग ऑइल की ही तरह ऑइल बेस्ड शैम्पू भी मिलते हैं। ये बालों की गंदगी साफ करने के अलावा बाल सॉफ्ट बनाए रखते हैं, इन्हें वॉल्यूम देते हैं और मॉइस्चर भी बनाए रखते हैं। अद्भुत नतीजे के लिए एक टी-स्पून शैम्पू को थोड़े से पानी में मिक्स करके झाग बनाकर शैम्पू करें। डैम्प और ड्राय हेयर के लिए थोड़ा-सा नॉन-स्टिकी हेयर ऑइल ऑइल मसाज करें। इससे बाल डी-फ्रिज होते हैं, डीटैंगल होते हैं और स्प्लिट एंड्स से बचते हैं। यूवी रेज और हीट डैमेज से भी बचाव हो जाता है। इस तरह के लिप-ऑइल बेहद खूबसूरत लगते हैं. नैचरल ग्लोइंग लिप्स और लव-एट-फर्स्ट-स्वाइप के लिए ये ऑइल जरूर यूज करें। लाईट वेट ऑइल-बेस्ड कंसिस्टेंसी के कारण ये लगाने में बेहद आसान भी होते हैं।  

डायबिटीज से कमजोर हो जाती है प्रतिरक्षा शक्ति

डायबिटीज से शरीर पर कई अन्य दुष्प्रभाव होने की बात सामने आती रही है। एक ताजा शोध में पाया गया कि डायबिटीज पीड़ितों की प्रतिरक्षा शक्ति भी कमजोर हो जाती है, जिस कारण उन्हें संक्रमणों से लड़ने में परेशानी आती है। शोध के अनुसार, खून में शुगर की बढ़ी हुई मात्रा कुछ ऐसे अणुओं को प्रोत्साहित कर देती है जो संक्रमण से लड़ने की शरीर की प्राकृतिक क्रिया में बाधा उत्पन्न करते हैं। क्लीवलैंड के केस वेस्टर्न रिजर्व यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के प्रमुख शोधकर्ता जेना किसलर ने कहा, इस शोध के परिणाम अनियंत्रित डायबिटीज वाले मरीजों के लिए अधिक कारगर दवा बनाने में सहायक हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस शोध से शुगर के स्तर को कम करने और नियंत्रित रखने की जरूरत को बल मिला है। ज्यादा डायबिटीज की स्थिति में ग्लूकोज के टूटने से डाईकार्बोनिल अणु बनते हैं, जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए हानिकारक हैं। डायबिटीज से प्रतिरक्षा प्रणाली कैसे कमजोर होती है: उच्च रक्त शर्करा: रक्त में अतिरिक्त शर्करा, जिसे हाइपरग्लेसेमिया भी कहा जाता है, प्रतिरक्षा कोशिकाओं के कार्य को बाधित करता है, जिससे संक्रमण से लड़ना मुश्किल हो जाता है. सूजन: मधुमेह से पुरानी सूजन हो सकती है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करती है और संक्रमण के प्रति संवेदनशीलता को बढ़ाती है. घाव भरने में देरी: उच्च रक्त शर्करा के कारण, रक्त गाढ़ा हो जाता है, जिससे श्वेत रक्त कोशिकाएं (जो संक्रमण से लड़ती हैं) घाव वाली जगह तक पहुंचने और संक्रमण से लड़ने में अधिक समय लेती हैं. न्यूरोपैथी: मधुमेह से तंत्रिका क्षति (न्यूरोपैथी) हो सकती है, जो संक्रमण के जोखिम को बढ़ा सकती है, खासकर पैरों और त्वचा में. कमजोर प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया: मधुमेह से पीड़ित लोगों में, प्रतिरक्षा प्रणाली की प्रतिक्रिया कमजोर हो सकती है, जिससे वे संक्रमणों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाते हैं. निष्कर्ष: डायबिटीज एक ऐसी स्थिति है जो प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करती है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। मधुमेह रोगियों को अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत रखने के लिए उचित आहार, व्यायाम और दवाओं का पालन करना चाहिए.  

इन तरीकों को अपनाकर बचा सकते हैं ई-मनी

भारत सरकार और रिजर्व बैंक अगले दो वर्षों के भीतर देश में ई-भुगतान (इलेक्ट्रॉ निक पेमेंट) प्रणाली को बढ़ाना चाहते हैं। ई-भुगतान यानी बिना नगदी के होने वाले लेनदेन। इन तरीकों में कार्ड, इंटरनेट अथवा मोबाइल से रकम का भुगतान किया जाता है। हालांकि इस तरीके में भी धोखाधड़ी तथा हैकिंग का खतरा बना रहता है। आइए जानते हैं कुछ ऐसे तरीकों को, जिनसे ई-ट्रांसेक्शरन के दौरान सुरक्षा बनी रहे। सार्वजनिक कम्यूीान टर्स का इस्तेगमाल न करें ऑनलाइन बैंकिंग लेनदेन के लिए सार्वजनिक कम्यूरटर्स का प्रयोग न करें। अगर ऐसा करना भी पड़े तो यथा संभव अपने कंप्यूटर पर पहुंचने के साथ ही पासवर्ड को बदल दें। बैंकिंग जानकारी चाहने वाले ईमेल्स से बचें यदि आपके कोई ऐसा ईमेल्स। प्राप्त हों, जिनमें आपके बैंक खाते से संबंधित जानकारी मांगी जाए, तो उन्हेंभ डिलीट कर दें या फिर नजरअंदाज करें। यह धोखाधड़ी के तरीकों में से एक है। इससे आपका कम्यूहता टर भी हैक हो सकता है। ईमेल की लिंक्स पर क्लिक करते समय रहें सावधान अंजान अथवा संदेहास्पाद प्रकार के ईमेल्स को खोलने से बचें। यदि खोलें भी तो, उसमें दिए गए किसी लिंक पर क्लिक न करें। यदि आपको किसी वेबसाइट पर जाना है तो मैनुअल तरीके से उसका एड्रेड टाइप करिए। कई बार धोखेबाज, नकली वेबसाइट बनाकर उसका लिंक भेज देते हैं। कंप्यूटर का एंटी वायरस अपडेट रखें अपने कंप्यूटर के एंटी-वायरस को हमेशा अपडेट रखें। अच्छी कंपनी का एंटी वायरस इस्तेमाल करें। मजबूत पासवर्ड बनाएं बैंक खातों के लिए पासवर्ड बनाते समय सतर्क रहें। पासवर्ड बनाते समय लोअर केस, अपर केस, अंकों तथा स्पे शल कैरेक्टिर्स का इस्तेपमाल करें। पासवर्ड के रूप में जन्मेतिथि, वर्षगांठ, परिजनो के नाम या ऐसा कुछ भी न बनाएं जिसके बारे में आसानी से पता लगाया जा सके। हमेशा एचटीटीपीएस का ध्यासन रखें यदि आप बैंकिंग अथवा भुगतान वेबसाइट्स का उपयोग करते हैं तो हमेशा ध्यान रखें कि उसके एड्रेस के पहले एचटीटीपीएस जरूर लिखा हो। सामान्य एचटीटीपी का अर्थ होता है कि यह वेबसाइट सुरक्षित नहीं है। मोबाइल कनेक्शून को चेक करते रहें इस बात का हमेशा ध्याचन रखें कि आपका मोबाइल फोन कनेक्शिन ज्या दा दिनों तक बंद न रहे। यदि आपका मोबाइल काम नहीं कर रहा है तो संभव है कि उसके सिम की क्लो निंग कर ली गई हो। या फिर किसी धोखेबाज ने आपके नाम से नई सिम जारी करवा ली हो।  

तकनीक के साथ बढ़ा अपराध: साइबर क्राइम के केस चार गुना बढ़े, महाराष्ट्र-यूपी सबसे ज्यादा प्रभावित

नई दिल्ली डिजिटल इंडिया के युग में साइबर अपराधों में तेजी से वृद्धि हो रही है. गृह मंत्रालय द्वारा संसद में प्रस्तुत आंकड़ों से यह स्पष्ट होता है कि साइबर अपराधों की संख्या में अभूतपूर्व बढ़ोतरी हुई है. पिछले चार वर्षों में ऑनलाइन धोखाधड़ी, डिजिटल गिरफ्तारी, सेक्सटॉर्शन और साइबर हमलों के मामलों में 401 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है. वर्ष 2021 में लगभग 4.5 लाख साइबर अपराध के मामले दर्ज किए गए थे. साल 2024 तक साइबर क्राइम के मामलों की संख्या 22 लाख से अधिक हो गई, जो कि पिछले आंकड़ों की तुलना में चार गुना से ज्यादा है. यह वृद्धि यहीं नहीं रुकी, क्योंकि 2025 के पहले छह महीनों में ही 30 जून तक 12 लाख से अधिक मामले दर्ज किए जा चुके हैं, जो 2021 और 2022 के वार्षिक आंकड़ों को भी पार कर चुके हैं. इस संदर्भ में महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश सबसे अधिक प्रभावित राज्यों के रूप में सामने आए हैं. इस वर्ष महाराष्ट्र में अब तक 1.6 लाख साइबर अपराध के मामले दर्ज किए जा चुके हैं, जबकि उत्तर प्रदेश 1.4 लाख मामलों के साथ दूसरे और कर्नाटक 1 लाख मामलों के साथ तीसरे स्थान पर है. पिछले तीन वर्षों से ये तीनों राज्य साइबर क्राइम के मामले में सबसे अधिक प्रभावित रहे हैं. इसके अलावा, पिछले चार वर्षों में गुजरात, ओडिशा और कर्नाटक में साइबर अपराध में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, जिसमें गुजरात में 824 फीसदी, ओडिशा में 783 फीसदी और कर्नाटक में 763 फीसदी का इजाफा हुआ है. बच्चों पर मंडराता सबसे बड़ा खतरा साइबर अपराध के मामले में बच्चे सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं. गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 2018 से 2022 के बीच तीन हजार से अधिक चाइल्ड पोर्नोग्राफी के मामले दर्ज किए गए हैं. इसके अलावा, 18 साल से कम उम्र के बच्चों के खिलाफ स्टॉकिंग के 500 मामले भी सामने आए हैं. इन अपराधों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है, जहां 2021 में बच्चों के खिलाफ ऑनलाइन अपराधों में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, वहीं 2022 में यह आंकड़ा 32.5 प्रतिशत तक पहुंच गया. शेयर हो रही थी चाइल्ड पोर्नोग्राफी सोशल मीडिया, चैट रूम और ऑनलाइन गेमिंग से जुड़े अपराधों में वृद्धि देखी गई है. पिछले वर्ष, इंडिया टुडे की OSINT टीम ने ऐसे टेलीग्राम चैनलों का खुलासा किया, जो चाइल्ड पोर्नोग्राफी का बड़े पैमाने पर वितरण कर रहे थे. इस खुलासे के बाद, टेलीग्राम को इन अकाउंट्स को हटाने के लिए मजबूर होना पड़ा. भारत में हर मिनट 761 साइबर अटैक देश का सुरक्षा ढांचा लगातार साइबर हमलों का शिकार हो रहा है. डेटा सिक्योरिटी काउंसिल ऑफ इंडिया (DSCI) की एक रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2024 में भारत में हर मिनट औसतन 761 साइबर हमले करने के प्रयास हुए. इनमें सबसे अधिक हमले स्वास्थ्य, आतिथ्य और बैंकिंग क्षेत्रों पर देखे गए हैं. पहलगाम हमले के बाद साइबर अटैक साल 2025 में पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत में साइबर हमलों की संख्या में भारी वृद्धि हुई. इस अवधि में 15 लाख से अधिक साइबर हमले दर्ज किए गए, जिनमें मुख्य रूप से देश के रक्षा, बिजली, दूरसंचार, वित्त और परिवहन जैसे महत्वपूर्ण ढांचों को निशाना बनाया गया. जांच एजेंसियों के अनुसार, ये हमले पाकिस्तान और उसके सहयोगी हैकिंग समूहों द्वारा सुनियोजित तरीके से किए गए थे. ये है डिजिटल क्राइम का नया चेहरा भारत अब साइबर अपराध के एक अत्यंत गंभीर चरण में प्रवेश कर चुका है, जैसा कि इन आंकड़ों से स्पष्ट होता है. धोखाधड़ी और यौन शोषण जैसे अपराध आम जनता को प्रभावित कर रहे हैं, जबकि विदेशी हैकिंग नेटवर्क देश की रणनीतिक सुरक्षा को खतरे में डाल रहे हैं.

स्वास्थ्य के नाम पर ज़हर! मिलावटी हरी सब्जियों से तिल-तिल कर मर रहा है शरीर

भोपाल  स्वस्थ समझकर खा रहे हरी सब्जियों में छुपा हो सकता है कीटनाशकों का जहर! जानिए कैसे ये सब्जियां बन रही हैं बीमारियों की जड़ और क्या है इससे बचने का सही तरीका. सर्दियों में जैसे ही पालक, मेथी, बथुआ और सरसों की बहार बाजार में आती है, लोग इन्हें विटामिन और आयरन से भरपूर सुपरफूड मानकर थालियों में सजाना शुरू कर देते हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये सब्जियां जिन खेतों से आती हैं, वहां क्या छिड़का जा रहा है? रसायनों से भरी सब्जियां, स्वाद से पहले ज़हर किसानों द्वारा तेजी से उत्पादन बढ़ाने और फसल को कीटों से बचाने के लिए सिस्टमिक कीटनाशकों का इस्तेमाल किया जाता है. ये रसायन सीधे पौधे की जड़ों और पत्तियों में समा जाते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि इनका असर सब्जियों से हटाने के लिए 7–10 दिन का समय देना चाहिए, लेकिन अधिकतर किसान इस निर्देश को नजरअंदाज करते हैं. धीमा जहर: स्वास्थ्य पर घातक असर डॉक्टर मनीष खेडेकर के अनुसार, लंबे समय तक ऐसे कीटनाशक खा लेने से शरीर पर गहरा असर होता है. ब्लड प्रेशर, डायबिटीज जैसी बीमारियां पहले आती हैं और बाद में कैंसर, किडनी व लिवर डैमेज जैसे घातक परिणाम सामने आते हैं बच्चों और बुजुर्गों पर असर और भी तेज़ होता है क्या करें? ये हैं सेफ्टी के उपाय सब्जियों को धोएं, भिगोएं और फिर पकाएं जहां संभव हो, जैविक खेती से आई सब्जियां खरीदें खुद छोटे पैमाने पर किचन गार्डन या ऑर्गेनिक फार्मिंग अपनाएं बाजार से आने वाली हरी पत्तेदार सब्जियों को नमक या सिरके के पानी में भिगोना असरदार हो सकता है प्राकृतिक खेती ही एकमात्र सुरक्षित विकल्प नीम का अर्क, गोमूत्र, जीवामृत, राख जैसे पुराने संसाधन न सिर्फ फसल को सुरक्षित रखते हैं, बल्कि मानव शरीर के लिए भी पूरी तरह सेहतमंद होते हैं. सरकारें भी अब प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने लगी हैं, लेकिन जब तक ग्राहक खुद जागरूक नहीं होंगे, बदलाव धीमा ही रहेगा.

मानसून में मुंहासों की समस्या से हैं परेशान, यह रहा हल

मानसून का मौसम जहां एक ओर मन को लुभाता है, वहीं दूसरी ओर यह अपने साथ कई तरह की स्किन समस्याएं भी लेकर आता है। मुंहासों की समस्या इनमें से आम है। अक्सर देखा जाता है कि बारिश के मौसम में भीगने के चक्कर में बाद में चेहरे पर दाने हो जाते हैं और फिर आपका चेहरा उतना खूबसूरत नहीं दिखता, जितना वास्तव में होता है। अगर आप भी बारिश का लुत्फ उठाते हुए मुंहासों को खुद से दूर रखना चाहती हैं तो इन टिप्स को अपना सकती हैं− जानें मुंहासों का कारण मुंहासों के उपचार से पहले जरूरी है कि आप उसके कारणों पर फोकस करें। दअरसल, मानसून सीजन में ह्यूमिडिटी काफी बढ़ जाती है, जिसके कारण स्किन में सीबम का उत्पादन बढ़ने लगता है। ऐसे में स्किन पर काफी ऑयल आता है और इससे बैक्टीरिया के पनपने की संभावना काफी अधिक बढ़ जाती है। इतना ही नहीं, चिपचिपे चेहरे पर धूल, मिट्टी व गंदगी अधिक चिपकती है, जिससे पोर्स बंद हो जाते हैं और मुंहासों की समस्या शुरू हो जाती है। वहीं कुछ महिलाओं को तो चेहरे के साथ−साथ बैक और आर्म्स पर भी एक्ने की परेशानी होती है। करें सफाई इस मौसम में स्किन को अतिरिक्त देखभाल की जरूरत होती है। लेकिन सबसे पहले जरूरी है कि पहले आप अपनी स्किन को पहचानें और उसकी के अनुरूप उसकी सफाई करें। आवश्यकता से अधिक स्किन को क्लींज न करें, अन्यथा आपकी स्किन काफी रूखी और बेजान नजर आएगी। नीम आएगा काम चूंकि इस मुंहासों के पीछे का मुख्य कारण बैक्टीरिया होते हैं, ऐसे में इन बैक्टीरिया को मात देने के लिए नीम का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके लिए आप नीम की कुछ पत्तियां लेकर उसमें हल्दी व दूध मिलाकर एक फाइन पेस्ट बनाएं। आप इसे अपने चेहरे के प्रभावित स्थान पर लगाएं और कुछ देर के लिए यूं ही छोड़ दें। इसके बाद ठंडे पानी से चेहरा वॉश करें। वहीं अगर आप चाहें तो नीम के तेल की कुछ बूंदे लेकर उसमें नारियल या बादाम का तेल लगाएं और इस तेल को प्रभावित जगह पर इस्तेमाल करें। पीएं भरपूर पानी स्किन को हेल्दी बनाए रखने के लिए ढेर सारा पानी पीएं। यह बॉडी के सभी टॉक्सिन को फलश करता है, जिससे आपको एक क्लीयर, यंग व खूबसूरत स्किन मिलती है।  

मानसून में मुंहासों की समस्या से हैं परेशान, यह रहा हल

मानसून का मौसम जहां एक ओर मन को लुभाता है, वहीं दूसरी ओर यह अपने साथ कई तरह की स्किन समस्याएं भी लेकर आता है। मुंहासों की समस्या इनमें से आम है। अक्सर देखा जाता है कि बारिश के मौसम में भीगने के चक्कर में बाद में चेहरे पर दाने हो जाते हैं और फिर आपका चेहरा उतना खूबसूरत नहीं दिखता, जितना वास्तव में होता है। अगर आप भी बारिश का लुत्फ उठाते हुए मुंहासों को खुद से दूर रखना चाहती हैं तो इन टिप्स को अपना सकती हैं− जानें मुंहासों का कारण मुंहासों के उपचार से पहले जरूरी है कि आप उसके कारणों पर फोकस करें। दअरसल, मानसून सीजन में ह्यूमिडिटी काफी बढ़ जाती है, जिसके कारण स्किन में सीबम का उत्पादन बढ़ने लगता है। ऐसे में स्किन पर काफी ऑयल आता है और इससे बैक्टीरिया के पनपने की संभावना काफी अधिक बढ़ जाती है। इतना ही नहीं, चिपचिपे चेहरे पर धूल, मिट्टी व गंदगी अधिक चिपकती है, जिससे पोर्स बंद हो जाते हैं और मुंहासों की समस्या शुरू हो जाती है। वहीं कुछ महिलाओं को तो चेहरे के साथ−साथ बैक और आर्म्स पर भी एक्ने की परेशानी होती है। करें सफाई इस मौसम में स्किन को अतिरिक्त देखभाल की जरूरत होती है। लेकिन सबसे पहले जरूरी है कि पहले आप अपनी स्किन को पहचानें और उसकी के अनुरूप उसकी सफाई करें। आवश्यकता से अधिक स्किन को क्लींज न करें, अन्यथा आपकी स्किन काफी रूखी और बेजान नजर आएगी। नीम आएगा काम चूंकि इस मुंहासों के पीछे का मुख्य कारण बैक्टीरिया होते हैं, ऐसे में इन बैक्टीरिया को मात देने के लिए नीम का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके लिए आप नीम की कुछ पत्तियां लेकर उसमें हल्दी व दूध मिलाकर एक फाइन पेस्ट बनाएं। आप इसे अपने चेहरे के प्रभावित स्थान पर लगाएं और कुछ देर के लिए यूं ही छोड़ दें। इसके बाद ठंडे पानी से चेहरा वॉश करें। वहीं अगर आप चाहें तो नीम के तेल की कुछ बूंदे लेकर उसमें नारियल या बादाम का तेल लगाएं और इस तेल को प्रभावित जगह पर इस्तेमाल करें। पीएं भरपूर पानी स्किन को हेल्दी बनाए रखने के लिए ढेर सारा पानी पीएं। यह बॉडी के सभी टॉक्सिन को फलश करता है, जिससे आपको एक क्लीयर, यंग व खूबसूरत स्किन मिलती है।  

ग्रीन कॉफी के गजब फायदे: दिल से लेकर वजन तक करेगा फिट

 आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग अपनी सेहत का सही तरीके से ख्‍याल नहीं रख पा रहे हैं। इससे उन्‍हें कई तरह की समस्‍याएं हाे रही हैं। मोटापा तो बढ़ ही रहा है, साथ ही डायब‍िटीज और द‍िल की बीमार‍ियों का खतरा भी बढ़ता जा रहा है। इन सभी से बचने के ल‍िए जरूरी है क‍ि आपकी डाइट सही हो। दरअसल, आप जो भी कुछ खाते पीते हैं, उसका सीधा असर आपकी सेहत पर पड़ता है। कई लोग ग्रीन टी पीते हैं। इससे उनकी सेहत काे जबरदस्‍त फायदे म‍िलते हैं। इन द‍िनों सोशल मीड‍िया पर ग्रीन कॉफी का ट्रेंड देखने को म‍िल रहा है। आपने भी सोशल मीडिया या किसी हेल्थ कॉर्नर में इसका नाम जरूर सुना होगा। दिखने में ये आम कॉफी से थोड़ी अलग होती है, लेकिन अब लोग इसे रूटीन का ह‍िस्‍सा बना रहे हैं। जो लोग फ‍िटनेस का ध्‍यान रखते हैं, उनमें ग्रीन कॉफी पीने का चलन ज्‍यादा देखा गया है। नॉर्मल कॉफी से अलग, ग्रीन कॉफी का स्वाद हल्का होता है। कई लोग इसे डिटॉक्स ड्रिंक की तरह भी इस्तेमाल करते हैं। लोग इसे अपने मॉर्निंग रूटीन में शामिल कर रहे हैं। आपको बता दें क‍ि ये आपको सेहतमंद रखने का काम करता है। आज का हमारा लेख इसी व‍िषय पर है। हम आपको बताएंगे क‍ि ग्रीन कॉफी पीने से आपकी सेहत को कौन-कौन से फायदे म‍िलते हैं। आइए जानते हैं व‍िस्‍तार से – वेट लॉस में फायदेमंद आपको बता दें क‍ि ग्रीन कॉफी में क्लोरोजेनिक नाम का तत्‍व पाया जाता है। ये मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने का काम करता है। अगर आप इसे पीना शुरू कर देते हैं तो तेजी से कैलोरी बर्न होती है। इस कारण वजन कम करना आसान हाे जाता है। डायबिटीज में फायदेमंद अगर आपको डायब‍िटीज है तो आप ग्रीन कॉफी का सेवन कर सकते हैं। ग्रीन कॉफी पीने से ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है। साथ ही इसमें मौजूद क्लोरोजेनिक एसिड इंसुलिन सेंसिटिविटी को बढ़ाता है। इससे टाइप 2 डायबिटीज का खतरा कम होता है। बॉडी को करे ड‍िटॉक्‍स ग्रीन कॉफी पीने से शरीर की सफाई होती है। ये बॉडी को डिटॉक्स करने में मददगार है। एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होने के कारण ये स्किन, हेयर और ओवरऑल हेल्थ को सुधारने का काम करता है। द‍िल को रखे दुरुस्‍त ग्रीन कॉफी में एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इससे सूजन को कम करके ब्लड वेसेल के काम को सही रखा जा सकता है। जब ब्‍लड वेसेल्‍स दुरुस्‍त रहेंगे तो दिल से जुड़ी बीमारि‍यों का खतरा भी कम होगा। द‍िमाग को रखे हेल्‍दी ग्रीन कॉफी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स आपके द‍िमाग को हेल्‍दी बनाए रखने में मददगार होते हैं। इससे द‍िमागी बीमारी का खतरा कम हो सकता है। आपको रोज सुबह खाली पेट एक कप ग्रीन कॉफी पीना चाह‍िए।

घुंघराले बालों की खूबसूरती बनाए रखें: अपनाएं ये असरदार DIY हेयर मास्क

घुंघराले बाल खूबसूरत तो लगते हैं, लेकिन उनकी देखभाल करना आसान नहीं होता। कर्ली बाल जल्दी ड्राई हो जाते हैं, फ्रिज़ी दिखने लगते हैं और फिर इनके उलझने की समस्या भी बनी रहती है। ऐसे में इन्हें खास हाइड्रेशन और न्यूट्रीशन की जरूरत होती है। इसलिए महंगे केमिकल युक्त प्रॉडक्ट्स की बजाय आप घर पर ही नेचुरल DIY हेयर मास्क बनाकर अपने बालों को हेल्दी, मॉइश्चराइज्ड और शाइनी बना सकती हैं। ये हेयर मास्क आपके कर्ल्स को डीप कंडीशनिंग देंगे और बालों को नैचुरल बाउंस और शाइनी बनाएंगे। तो आइए जानते हैं ऐसे में कुछ DIY मास्क के बारे में- केला और दही हेयर मास्क जहां केला बालों को मॉइश्चराइज करता है और फ्रिज को कम करता है, वहीं दही स्कैल्प को हेल्दी रखता है और ड्रायनेस को दूर करता है।     बनाने का तरीका- इसे बनाने के लिए एक पका हुआ केला मैश करें, उसमें 2 टेबलस्पून दही और 1 टेबलस्पून शहद मिलाएं। इसे बालों पर 30 मिनट लगाकर वॉश करें। नारियल दूध और एलोवेरा मास्क नारियल का दूध बालों को डीप नरिशमेंट देता है और एलोवेरा स्कैल्प को अपने कूलिंग इफेक्ट देता है और सॉफ्ट बनाता है।     बनाने का तरीका- ¼ कप नारियल दूध में 2 टेबलस्पून एलोवेरा जेल मिलाएं। इसे बालों में लगाकर 40 मिनट बाद नॉर्मल पानी और माइल्ड शैम्पू से वॉश करें। शहद और ऑलिव ऑयल मास्क शहद बालों को नैचुरल शाइन देता है, और जैतून का तेल ड्राय और डैमेज बालों को रिपेयर करता है।     बनाने का तरीका- 2 टेबलस्पून जैतून का तेल और 1 टेबलस्पून शहद मिलाकर बालों पर 30 मिनट लगाएं, फिर वॉश करें । मेथी और दही हेयर मास्क मेथी बालों की ग्रोथ बढ़ाती है और कर्ल्स को डिफाइन करती है और दही स्कैल्प को हेल्दी रखता है।     बनाने का तरीका- 2 टेबलस्पून मेथी को रातभर भिंगोकर पेस्ट बनाएं और उसमें 3 टेबलस्पून दही मिलाएं। इसे 45 मिनट तक लगाएं, फिर वॉश करें। एवोकाडो और नारियल तेल मास्क एवोकाडो विटामिन ई से भरपूर होता है, जो बालों को स्ट्रॉन्ग और शाइनी बनाता है और नारियल तेल डीप कंडीशनिंग करता है।     बनाने का तरीका- ½ एवोकाडो मैश करें, उसमें 1 टेबलस्पून नारियल तेल मिलाएं और 30 मिनट तक लगाएं। अंडा और अरंडी तेल हेयर मास्क अंडा प्रोटीन देता है, जिससे बाल मजबूत होते हैं और अरंडी तेल हेयर ग्रोथ को प्रमोट करता है।     बनाने का तरीका- 1 अंडा फेंटें और उसमें 1 टेबलस्पून अरंडी तेल मिलाएं। इसे 30 मिनट तक लगाएं और माइल्ड शैंपू से वॉश करें।  

सेल्फ कॉन्फिडेंस बढ़ाना है? तो आज ही छोड़ दें ये 5 आदतें

हर इंसान में सेल्फ कॉन्फिडेंस का होना जरूरी है। ये एक ऐसी जरूरी चीज है जिसके बल पर वो दुनिया में कुछ भी हासिल कर सकता है। जिस इंसान में सेल्फ कॉन्फिडेंस की कमी होती है वो ज्यादातर सक्सेज नहीं पाते। अगर आपके अंदर भी सेल्फ कॉन्फिडेंस की कमी रहती है तो जरा इन 5 आदतों पर गौर करें। अगर ये आदते आपकी लाइफ का हिस्सा हैं तो फौरन इन्हें दूर कर दें। तभी आत्मविश्वास बढ़ पाएगा। खुद के बारे में निगेटिव सोचना अगर आप खुद के बारे में हमेशा निगेटिव बातें बोलते और सोचते हैं। खुद की कमियां निकालते हैं तो इससे आपकी सेल्फ एस्टीम प्रभावित होती है। और आपके अंदर का आत्मविश्वास कमजोर होने लगता है। आपको खुद पर विश्वास नहीं रहता कि कोई काम आप अकेले कर सकते हैं। इसलिए सेल्फ वैल्यूएशन करने और खुद को क्रिटिसाइज करने के बीच का फर्क समझकर निगेटिव सोचना बंद करें। हमेशा परफेक्ट बनने की चाह किसी भी काम में परफेक्शन अच्छी बात है लेकिन यहीं परफेक्शन की चाह कई बार आत्मविश्वास को कमजोर कर देती है। क्योंकि जरा सी कमी भी बर्दाश्त नहीं कर पाते हैं और कई बार सेल्फ कॉन्फिडेंस पर निगेटिव असर पड़ता है। दूसरों से तुलना दूसरों से तुलना करना अगर आदत बन जाती है तो खुद में केवल कमियां ही कमियां नजर आती हैं। जिसकी वजह से आत्मविश्वास कमजोर होता है। नए चैलेंज एक्सेप्ट ना करना अगर आप लाइफ में आने वाले नए चैलेंज को एक्सेप्ट नहीं करते हैं तो ये आपकी ग्रोथ को रोक सकती है। क्योंकि मन में बात आती है कि मुझसे ये काम नहीं होगा, जो कि पूरी तरह से कमजोर आत्मविश्वास की निशानी है। खुद को जिम्मेदार ठहराना लाइफ में और अपने आसपास आपसे जुड़े लोगों के जीवन में हो रही किसी भी समस्या के लिए अगर आप खुद को जिम्मेदार ठहराते हैं, तो ये सेल्फ कॉन्फिडेंस को कमजोर बना देती है।