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हथियारों का जखीरा पकड़ा गया: पुलिस ने 43 पिस्तौल और 2317 कारतूस जब्त किए

फिरोजपुर  पंजाब में बाढ़ की आड़ में पाकिस्तान से हथियारों की तस्करी की जा रही है। इसी कड़ी में फाजिल्का पुलिस ने लगातार दूसरे दिन पाकिस्तान से हो रही हथियार तस्करी को नाकाम किया है। शुक्रवार को सीआईए स्टाफ ने गश्त के दौरान गांव थेह कलंदर के निकट दो आरोपियों को दबोचकर उनके कब्जे से 16 पिस्तौल, 38 मैगजीन और 1847 जिंदा रौंद बरामद किए। इससे एक दिन पहले बृहस्पतिवार को पुलिस ने 27 पिस्तौल जब्त की थी। आरोपियों की पहचान गुरविंदर सिंह निवासी गांव झोक डिपुलाना और सोना सिंह निवासी महातम नगर के रूप में हुई है। पुलिस के अनुसार, दोनों बाढ़ का फायदा उठाकर पाकिस्तान से अवैध हथियार ला रहे थे। दो दिनों में लगातार दूसरी बड़ी बरामदगी ने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आरोपियों से पूछताछ के बाद यह पता लगाया जाएगा कि ये हथियार किन गिरोहों या व्यक्तियों को सप्लाई किए जाने थे और क्या वे पहले भी इस तरह की तस्करी में शामिल रहे हैं। वहीं, बृहस्पतिवार को काउंटर इंटेलिजेंस (सीआई) फिरोजपुर ने स्टेट स्पेशल ऑपरेशन सेल (एसएसओसी) फाजिल्का के साथ संयुक्त ऑपरेशन में भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा के नजदीक सीमा पार से चल रहे संगठित हथियार तस्करी मॉड्यूल का पर्दाफाश किया था, जिसमें 27 आधुनिक .30 बोर पिस्टलें और 470 कारतूसों सहित दो हथियार सप्लायर्स को गिरफ्तार किये गये। यह जानकारी पुलिस डायरेक्टर जनरल (डीजीपी) पंजाब गौरव यादव ने दी। गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की पहचान मंगल सिंह उर्फ मंगली, निवासी तेजा रहेला, फाजिल्का, और गुरमीत सिंह, निवासी ग्राम मुहार जमशेर, फाजिल्का के रूप में हुई। विदेशी संस्था और इसकी भूमिका की जांच जारी डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि हथियारों का यह बड़ा खेप पाकिस्तान से एक विदेशी संस्था के माध्यम से प्राप्त किया गया था और राज्य में आपराधिक गिरोहों द्वारा उपयोग किया जाना था। उन्होंने कहा कि गिरफ्तार आरोपी इन हथियारों को अपने विदेशी हैंडलरों के निर्देश पर आपराधिक समूहों के संचालकों को पहुंचाने का प्रयास कर रहे थे। डीजीपी ने बताया कि इस मॉड्यूल में शामिल अन्य सदस्यों की पहचान करने तथा तस्करी किए गए हथियारों का पता लगाने के लिए आगे की जांच जारी है। इस अवसर पर एआईजी सीआई फिरोजपुर गुरसेवक सिंह बराड़ ने भी ऑपरेशन बारे जानकारी दी।

सामाजिक चुनौतियों का डटकर सामना करने पर जोर: डॉ. ज़ोरा सिंह

समराला देश भगत विश्वविद्यालय गोबिंदगढ़ में कार्यक्रम के दौरान देश और विदेश से आए करीब 100 पीएचडी स्कॉलर्स का स्वागत किया। शुरुआती भाषण चांसलर प्रो. हर्ष सदावर्ती ने कहा कि यह यात्रा न सिर्फ डिग्री हासिल करने के लिए है बल्कि यह ज्ञान की सीमाओं से आगे जाकर अपने-अपने क्षेत्रों में नए कीर्तिमान स्थापित करने के लिए है। उद्घाटन समारोह में कुलाधिपति डॉ. ज़ोरा सिंह और प्रो-चांसलर डॉ. तजिंदर कौर उपस्थित थीं। डॉ. ज़ोरा सिंह ने अपने उद्बोधन में सभी विद्वानों का स्वागत करते हुए उनसे सामाजिक चुनौतियों का सामना करते हुए खुद को समर्पित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि देश भगत विश्वविद्यालय शैक्षणिक आकांक्षाओं को हकीकत में बदलने का संस्थान है। डॉ. तजिंदर कौर ने अकादमिक उत्कृष्टता और विद्वत्तापूर्ण गतिविधियों के प्रति विश्वविद्यालय के समर्पण को दोहराया। इस अवसर पर प्रो-वाइस-चांसलर प्रो. अमरजीत सिंह और निदेशक अनुसंधान प्रो अजय गुप्ता ने भी संबोधित किया। शैक्षणिक चर्चाओं के अलावा, कार्यक्रम में आने वाले समूह की विविध प्रतिभाओं का भी जश्न मनाया गया। नव नामांकित पीएचडी स्कॉलर्स गुंजन चन्ना, मनीषा और रश्मि ने प्रभावशाली संगीत और नृत्य प्रदर्शनों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया, जिससे ओरिएंटेशन में एक जीवंत सांस्कृतिक स्पर्श जुड़ गया। डीन रिसर्च प्रो. हरप्रीत सिंह ने धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया।

बाढ़ प्रभावितों को बड़ी सौगात, दिवाली तक मिलेंगे मुआवजे के चेक – CM भगवंत मान

चंडीगढ़ पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान अस्पताल से छुट्टी मिलने के एक दिन बाद शुक्रवार को फिर सक्रिय हो गए। उन्होंने बाढ़ राहत कार्यों का आकलन करने और राज्य के क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे के पुनर्निर्माण की योजनाओं को लेकर बैठकें कीं। उन्होंने कहा, 'मैं पंजाब का मुख्यमंत्री नहीं हूं, मैं दुख मंत्री हूं। मैं राज्य के लोगों के साथ खड़ा हूं, जो बाढ़ के कारण अब तक के सबसे बुरे संकट का सामना कर रहे हैं। दुख साझा करण नाल दुख अद्धा रह जांदा है। 'सीएम ने कहा कि वह बाढ़ प्रभावित लोगों को आश्वस्त करना चाहते हैं कि उनकी सरकार 45 दिनों के भीतर पूरा मुआवजा जारी कर देगी। मुख्यमंत्री ने कहा, 'मैंने सभी उपायुक्तों को फसल नुकसान की विशेष गिरदावरी पूरी करने, जान-माल के नुकसान, पशुओं की मौत और घरों को हुए नुकसान की रिपोर्ट जल्द देने और उनका सत्यापन करने का निर्देश दिया है, जिससे हम तुरंत मुआवजा देना शुरू कर सकें।' उन्होंने कहा कि चेक दिवाली तक दिए जाएंगे।  उन्होंने कहा कि मैं व्यक्तिगत रूप से मुआवजा देने के काम की निगरानी कर रहा हूं, क्योंकि लोगों को तत्काल राहत की जरूरत है। उन्होंने आगे कहा कि पंजाब फसल नुकसान के लिए सबसे ज्यादा मुआवजा 20 हजार रुपये प्रति एकड़ देगा। उनके साथ राजस्व मंत्री हरदीप सिंह मुंडियन और मुख्य सचिव केएपी सिन्हा मौजूद रहे।

बड़ा फैसला: छेड़छाड़ मामले में विधायक लालपुरा को 4 साल की कैद

संगरूर/ तरनतारन  करीब 12 साल पहले अनुसूचित जाति की एक युवती से छेड़छाड़ और उसे प्रताड़ित करने के मामले में तरनतारन की अदालत ने खडूर साहिब से आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक मनजिंदर सिंह लालपुरा और सात अन्य को चार साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई।अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश प्रेम कुमार ने आरोपियों को बुधवार को दोषी करार दिया था। एससी/एसटी एक्ट और आईपीसी की विभिन्न धाराआें के तहत लालपुरा के अलावा दविंदर कुमार, सरज सिंह, अश्विनी कुमार, तरसेम सिंह, हरजिंदर सिंह (सभी पुलिसकर्मी), हरविंदर सिंह शोशी और कंवलदीप सिंह को चार साल जेल की सजा सुनाई गई है। तीन अन्य दोषियों को एक-एक साल के कारावास की सजा सुनाई गई। अदालत ने यह भी कहा कि पीड़िता मुआवजे की हकदार है, जिसकी राशि अभी तय नहीं की गई है। मामला उस समय का है जब मनजिंदर सिंह लालपुरा टैक्सी ड्राइवर थे। घटना 3 मार्च 2013 को हुई थी, जब पीड़िता अपने माता-पिता के साथ एक शादी में गई थी। इसी दौरान उसके साथ छेड़छाड़ व मारपीट की गयी। सुप्रीम कोर्ट ने इस घटना का स्वतः संज्ञान लिया था।

26 सितंबर को सुनाई जाएगी अहम तारीख, सिद्धू मूसेवाला मामले में कोर्ट का महत्वपूर्ण आदेश

मानसा पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में अदालत ने जेल प्रशासन को आरोपियों को फिजिकल तौर पर पेश करने के आदेश जारी किए हैं। अदालत ने 26 सितंबर को मामले के 6 आरोपियों को अदालत में पेश करने के निर्देश दिए हैं। दरअसल, आज मानसा की सेशन कोर्ट में इस केस की सुनवाई हुई, जिसमें सिद्धू मूसेवाला के पिता बलकौर सिंह की गवाही शुरू हुई। इस दौरान वे थोड़े भावुक भी हो गए। हत्याकांड के आरोपियों की पहचान के बारे में बात करते हुए बलकौर सिंह ने कहा कि उनकी नजर कमजोर है और वे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आरोपियों की पहचान नहीं कर सकते। उन्होंने आरोपियों को अदालत में सामने पेश करने की अपील की। इस अपील को स्वीकार करते हुए अदालत ने आदेश दिया कि आरोपियों को फिजिकली पेश किया जाए। इसके लिए 26 सितंबर की तारीख तय की गई है। इस दौरान संदीप केकड़ा, अंकित सिरसा और दीपक मुंडी समेत 6 आरोपियों को अदालत में पेश किया जाएगा।

महिला ने उठाया शिवलिंग का मामला, HC में जज ने किया चौंकाने वाला सवाल

पंजाब  पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने शुक्रवार को हिंदू धार्मिक प्रतीक शिवलिंग के व्यावसायिक इस्तेमाल को लेकर दायर एक जनहित याचिका (PIL) को खारिज कर दिया। याचिका में एक निजी कंपनी द्वारा शिवलिंग को ट्रेडमार्क के रूप में इस्तेमाल किए जाने पर आपत्ति जताई गई थी। मुख्य न्यायाधीश शील नागू और न्यायमूर्ति संजिव बेरी की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि याचिकाकर्ता इस मामले में अत्यधिक संवेदनशील हो रही हैं। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस ने सुनवाई के दौरान कहा, “आप इन चीजों को लेकर इतने संवेदनशील क्यों हो रही हैं? मैंने कभी इस पर ध्यान नहीं दिया। यह सालों से चल रहा है। अचानक यह धार्मिक भावनाओं का उफान क्यों? आप जरूरत से जायादा संवेदनशील हो रही हैं।” याचिकाकर्ता मेघना खुल्लर ने कोर्ट से गुहार लगाई थी कि शिवलिंग जैसे पवित्र प्रतीक का व्यावसायिक उपयोग धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाता है और इसे रोकने के लिए हस्तक्षेप होना चाहिए। इसपर कोर्ट ने कहा कि ऐसे मामलों के लिए पहले से ही अपील मंच और कानूनी प्रक्रिया मौजूद है। कोर्ट ने कहा, “इन ब्रांड्स के लोगो होते हैं, जिन्हें अलग-अलग कानूनों के तहत सुरक्षा मिली होती है। आपको वहीं जाना चाहिए। कोर्ट नहीं आना चाहिए।” एएसजी सत्य पाल जैन ने अदालत को बताया कि केंद्र सरकार पहले ही याचिकाकर्ता से कथित व्यावसायिक उपयोग की जानकारी मांगी थी, लेकिन अब तक पूरी जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई है। कोर्ट ने पाया कि शिकायत पहले से ही संबंधित अधिकारियों के पास लंबित है और उस पर कार्रवाई चल रही है। उन्होंने कहा, “ऐसी स्थिति में यह कोर्ट उस प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं करना चाहेगा। इस आधार पर याचिका खारिज की जाती है।” हालांकि, हाईकोर्ट ने शिकायत का हल नहीं निकलने की स्थिति में याचिकाकर्ता को पुनः कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की स्वतंत्रता दी है।  

किसानों के लिए बड़ी राहत: पंजाब में शुरू हुई फसल अवशेष प्रबंधन ऋण योजना

पंजाब  पराली जलाने की समस्या पर्यावरण के लिए गंभीर बन जाती है. इस समस्या से निपटने और सतत खेती को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक निर्णायक कदम उठाया गया है. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार ने पूरे प्रदेश के सहकारी बैंकों के जरिए से संशोधित फसल अवशेष प्रबंधन ऋण योजना की शुरुआत की है. पैदा होंगे नए रोजगार के अवसर इस योजना के जरिए किसानों और सहकारी सभाओं को फसल अवशेष प्रबंधन मशीनरी खरीदने में सहायता मिलेगी. इससे वायु प्रदूषण को कम करने में भी मदद मिलेगी. इसी के साथ ग्रामीण समुदायों के लिए नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे. इस पहल को वित्त आयुक्त सहकारिता सुमेर सिंह गुरजर और सहकारी सभाओं के रजिस्ट्रार गिरीश दियालन की अगुवाई में मंजूरी मिली है, जिसमें कृषि क्षेत्र में सहकारी सभाओं की व्यापक भागीदारी सुनिश्चित की गई है. अग्रिम राशि के रूप में दिया जाएगा 10 प्रतिशत इस योजना की मुख्य विशेषता है कि प्राथमिक कृषि सहकारी सभाओं और बहु-उद्देश्यीय सहकारी सभाओं में मशीनरी पर 80 प्रतिशत तक सब्सिडी मिल सकेगी. इसमें अधिकतम 24 लाख रुपये के लिए पात्रता का प्रावधान है. इस बारे में हुई एक मीटिंग में बताया गया कि अग्रिम राशि के रूप में ऋण की 10 प्रतिशत राशि दी जाएगी. व्यक्तिगत किसान मशीनरी पर 50 प्रतिशत सब्सिडी के पात्र होंगे. इसी के साथ ऋण की राशि का 25 प्रतिशत हिस्सा उन्हें स्वयं उठाना पड़ेगा. यह एक ऐतिहासिक फैसला माना जा रहा है. इससे आधुनिक उपकरणों तक पहुंच आसान होगी, इसी के साथ फसल अवशेष के प्रभावी प्रबंधन को भी सुनिश्चित करेगा, जिससे उत्तर भारत में वायु प्रदूषण को रोकने में मदद मिलेगी. पंजाब सरकार बायो-ऊर्जा प्लांटों में फसल अवशेष का उपयोग भी प्रोत्साहित कर रही है, जिससे स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसी के साथ प्रदेश की हरित अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है.  

स्वास्थ्य में सुधार: पंजाब के मुख्यमंत्री मान डिस्चार्ज

चंडीगढ  पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को बृहस्पतिवार को मोहाली के फोर्टिस अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। मान को पांच सितंबर को थकान और हृदय गति सामान्य नहीं होने की शिकायत के बाद मोहाली के अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल प्रशासन ने बुधवार को कहा था कि मान की हालत में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। अस्पताल से बाहर निकलते समय मुख्यमंत्री ने लोगों की ओर हाथ हिलाया और हाथ जोड़कर अभिवादन किया। मुख्यमंत्री ने सोमवार को अस्पताल से ही ‘वीडियो कॉन्फ्रेंस’ के माध्यम से मंत्रिमंडल की बैठक की अध्यक्षता की थी। मान स्वास्थ्य कारणों से आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के साथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के दौरे पर भी नहीं जा सके थे।

स्कूल बंद: पंजाब के 28 स्कूलों में छुट्टियों का आदेश जारी, जानें कब से कब तक

कपूरथला  डिप्टी कमिश्नर अमित कुमार पांचाल ने बाढ़ और भारी बारिश के कारण उत्पन्न परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, जिला शिक्षा अधिकारी (सैकेंडरी व एलिमैंट्री) कपूरथला से प्राप्त रिपोर्टों के आधार पर, जिला कपूरथला के 28 सरकारी स्कूलों को 11 सितम्बर और 12 सितम्बर 2025 को बंद रखने के आदेश दिए हैं। उन्होंने बताया कि कपूरथला जिले में स्थित इन स्कूलों जैसे जी.एच.एस. बाउपुर जदीद, जी.एम.एस. मंड इंदरपुर, जी.एच.एस. अमृतपुर राजेवाल, जी.एच.एस. लक्ख वरियाह, जी.एम.एस. बाजा, जी.एच.एस. पंडोरी, जी.एम.एस. चकोकी, जी.एम.एस. मियानी बाकरपुर, जी.एम.एस. हम्बोवाल, जी.एम.एस. मलकपुर, जी.एम.एस. हुसैनपुर, जी.एम.एस. भेट, जी.एच.एस. काला संघिया गर्ल्स, चिरागवाला, कम्मेवाला, कोठे काला सिंह, एस.पी.आर.एस. कोठे चेता सिंह, लक्ख वरियाह, आहली खुर्द, बाउपुर, नूरोवाल, मुल्लाकलां, मुक्तरामवाला, रणधीरपुर, धक्कड़ां, कूका, मंड सरदार साहिब वाला और ताजपुर आदि सरकारी स्कूल अगले दो दिनों तक बंद रहेंगे। उन्होंने कहा कि यह आदेश जिला शिक्षा अधिकारियों से प्राप्त रिपोर्ट और सिफारिशों के आधार पर बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग के अधिकारी बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे। 

फ्लू से बचाव के लिए पंजाब में नई पाबंदियां, स्वास्थ्य विभाग ने जारी किया अलर्ट

अमृतसर  बाढ़ के बाद प्रभावित इलाकों में अलग-अलग प्रकार की बीमारियां फैलने का भय चेताया जा रहा था, जो सच होना शुरू हो गया है। बाढ़ प्रभावित गांव धारीवाल कलेर में ‘अफरीकी स्वाइन फ्लू’ बीमारी फैल गई है। इस गांव को बीमारी का केन्द्र घोषित कर दिया गया है। गांव के एक किलोमीटर के आस-पास संक्रमित जोन व एक से दस किलोमीटर के इलाके को निगरानी जोन घोषित कर दिया गया है। इस इलाके में जीवित या मुर्दा सूअर, सूअर का मास, सूअर के मास से तैयार की गई वस्तुएं लाने व ले जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। सूअर के मास व मास से बनी वस्तुओं के आवागमन से अन्य इलाकों में भी बीमारी फैलने का डर है। ए.डी.सी. रोहित गुप्ता ने आदेश जारी करते हुए पशुपालन विभाग के डायरैक्टर को सरकारी आदेश लागू करवाने के लिए निर्देश दिए हैं। 8 नहीं 20 से ज्यादा स्थानों से टूटा था धुस्सी बांध जैसे-जैसे रमदास व अजनाला के इलाकों में पानी निकलता जा रहा है, वैसे-वैसे कई हैरानीजनक खुलासे होने शुरू हो गए हैं। प्रशासन मान रहा था कि घोनेवाला, कोट रजादा व माछीवाल के तीन बड़े पाड़ (फाड़) से धुस्सी बांध टूटा था और पांच अन्य स्थान भी थे जहां बांध टूटा था, लेकिन अब पता चला है कि धुस्सी बांध आठ स्थानों से नहीं, बल्कि 20 से ज्यादा स्थानों से टूटा था, जिसमें से रावी दरिया का पानी 200 से ज्यादा गांवों में फैल गया और हजारों हैक्टेयर फसल को बर्बाद कर दिया। जानकारी के अनुसार डी.सी. साक्षी साहनी की तरफ से ए.डी.सी. रोहित गुप्ता व अन्य अधिकारियों के साथ उन स्थानों का दौरा किया गया, जहां बांध को जोड़ने का काम चल रहा था। माछीवाला का धुस्सी बांध संत बाबा सुक्खा सिंह सरहाली कलां वाले, संत बाबा जगतार सिंह तरनतारन वाले, कार सेवा गुरु का बाग, सेना और समाजसेवी संस्थाओं की मदद से जोड़ दिया गया है। दूसरे स्थानों पर जहां बांध टूटा था, वहां काम जारी है और उनको जोड़ने में समय लग सकता है। डी.सी. ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि बांध जोड़ने में जिस प्रकार की भी मदद चाहिए उसको प्रशासन देने के लिए तैयार है।