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पटाखों के लिए नए जिले आदेश: किसे मिलेगा अनुमति, क्या है सख्ती

मोगा त्योहारों का सीजन शुरू हो चुका है। ऐसे में पटाखे फोड़ना आम बात हो गई है। इसलिए जिला मजिस्ट्रेट एवं उपायुक्त सागर सेतिया ने माननीय सर्वोच्च न्यायालय एवं पंजाब सरकार द्वारा जारी निर्देशों के आलोक में भारतीय नागरिकता अधिनियम 2023 की धारा 163 के अंतर्गत आदेश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि जिले में दिवाली के अवसर पर केवल हरित पटाखे फोड़ने की अनुमति होगी। आदेश के अनुसार दिवाली के दिन, 20 अक्टूबर को रात 8 बजे से 10 बजे तक, गुरुपर्व, 5 नवंबर को सुबह 4 बजे से 5 बजे तक और रात 9 बजे से 10 बजे तक, क्रिसमस के दिन, 25 और 26 दिसंबर, 2025 को रात 11.55 बजे से 12.30 बजे तक और नए साल के दिन, 31 दिसंबर, 2025 को रात 11.55 बजे से 1 जनवरी, 2026 को रात 12.30 बजे तक हरित पटाखे फोड़ने की अनुमति होगी। आदेश में कहा गया है कि निर्धारित समय से पहले या बाद में पटाखे फोड़ना और हरित पटाखों के अलावा अन्य पटाखे फोड़ना पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। 

विशेष अवसर पर CM मान देंगे सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और केंद्रीय नेताओं को न्योता

पंजाब  पंजाब सरकार श्री गुरु तेगबहादुर जी की 350वीं शहीदी शताब्दी को भव्य स्तर पर मनाने की तैयारी कर रही है। इस अवसर पर देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रित करने की योजना है। मिली जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री भगवंत मान स्वयं दिल्ली जाकर उन्हें निमंत्रण देंगे। इसके अलावा समारोह में देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को शामिल होने के लिए बुलाया जाएगा। इसके लिए पंजाब कैबिनेट के अलग-अलग मंत्री जिम्मेदारी संभालेंगे और आमंत्रण देंगे। सरकार ने पूरे कार्यक्रम का विस्तृत खाका तैयार कर लिया है और सुनिश्चित किया है कि यह ऐतिहासिक समारोह भव्य और संगठित तरीके से संपन्न हो। मंत्रियों की ड्यूटियों का विवरण     वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा और लालचंद कटारुचक: बंगाल, असम और ओडिशा के मुख्यमंत्रियों को आमंत्रण देने जाएंगे।     अमन अरोड़ा और तरुणप्रीत सौंध: दिल्ली, उत्तर प्रदेश, गुजरात और उत्तराखंड जाएंगे।     डॉ. बलबीर सिंह और हरदीप सिंह मुंडिया: छत्तीसगढ़ और झारखंड जाएंग।     हरभजन सिंह ईटीओ और बरिंदर कुमार गोयल: केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु और पुदुचेरी जाएंगे।     हरजोत सिंह बैंस और पर्यटन-सांस्कृतिक विभाग के सलाहकार दीपक बाली: महाराष्ट्र, बिहार, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर जाएंगे।  

IPS हरचरण भुल्लर की गिरफ्तारी: जानें कैसे CBI ने पकड़ा DIG

चंडीगढ़  हरियाणा में आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार और एएसआई संदीप कुमार लाठर की सुसाइड से मचे बवाल के बीच अब पड़ोसी राज्य पंजाब से बड़ी खबर आ रही है। केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने रोपड़ रेंज के डीआईजी और भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के वरिष्ठ अधिकारी हरचरण सिंह भुल्लर को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि उन्हें कहां से गिरफ्तार किया गया है। सूत्रों के अनुसार, उन्हें मोहाली से गिरफ्तार किया गया है। मंडी गोबिंदगढ़ के स्क्रैप कारोबारी से जुड़े मामले में यह कार्यवाही हुई है। कारोबारी की तरफ से उनके खिलाफ शिकायत दी गई थी, जिसके बाद सीबीआई ने ट्रैप लगाकर उन्हें दबोचा। इससे पंजाब पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। सीबीआई जल्द ही डीआईजी हरचरण सिंह भुल्लर को स्पेशल कोर्ट में पेश कर सकती है। नोटों के बंडल बरामद डीआईजी रोपड़ रेंज हरचरण भुल्लर पर एक मामले में राहत देने के एवज में पांच लाख रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप है। सीबीआई ने यह कार्रवाई पूरी गोपनीयता के साथ की। जैसे ही डीआईजी ने रिश्वत की रकम पकड़ी, टीम ने मौके पर ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया। उनके पास से नोटों के बंडल भी बरामद हुए हैं। दफ्तर और आवास पर भी सर्च ऑपरेशन वहीं, गिरफ्तारी के बाद सीबीआई टीम ने डीआईजी के दफ्तर और आवास पर सर्च ऑपरेशन चलाया है। जांच एजेंसी को शक है कि उनके पास से भ्रष्टाचार से अर्जित संपत्तियों से जुड़े दस्तावेज भी मिल सकते हैं। सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आरोपी डीआईजी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। फिलहाल उनसे पूछताछ की जा रही है।

इतिहास रचा पंजाब में: 30 दिन में भगवंत मान ने किया ये बड़ा काम

गुरदासपुर  मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने बाढ़ पीड़ितों को मुआवज़ा देने का वादा 45 दिनों में पूरा करने की घोषणा की थी, लेकिन सरकार ने सिर्फ 30 दिनों में ही राहत पहुंचा दी। आज कैबिनेट मंत्री हरभजन सिंह ई.टी.ओ. ने गुरदासपुर के कई गांवों में करीब 83 लाख रुपये के चेक बाढ़ पीड़ितों को बांटे। इस मौके पर विधायक, डिप्टी कमिश्नर और कई अधिकारी मौजूद रहे। हरभजन सिंह ने कहा कि राज्य सरकार ने दिवाली से पहले ही राहत बांटकर ईमानदारी और पारदर्शिता की मिसाल कायम की है। उन्होंने बताया कि मुआवज़ा अब ऑनलाइन पोर्टल के जरिए दिया जा रहा है ताकि किसी तरह की गड़बड़ी न हो। मंत्री ने बताया कि पंजाब सरकार ने किसानों को 20,000 रुपये प्रति एकड़ का मुआवज़ा, गेहूं के मुफ्त बीज, फ्री हेल्थ कैंप और पशुओं के लिए वैक्सीनेशन कैंप जैसी सुविधाएं दी हैं। 

सुल्तानपुर लोधी में सुरक्षा अलर्ट, पुलिस तैनात, हालात काबू में

चंडीगढ़  सुल्तानपुर लोधी में स्थित निहंगों के गुरुद्वारा अकाल बुंगा साहिब को लेकर चल रहे कब्जे के विवाद पर अदालत का अहम फैसला सामने आया है। अदालत के आदेश के बाद प्रशासन ने बुढ़ा दल के प्रमुख बाबा बलबीर सिंह 96 करोड़ी के गुट को गुरुद्वारे का कब्जा सौंप दिया है। इस फैसले के बाद पूरा शहर पुलिस छावनी में तब्दील हो गया। शहर के हर कोने पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया ताकि कोई अप्रिय घटना न घटे। हालांकि, राहत की बात रही कि पूरा मामला शांतिपूर्वक निपटा लिया गया और कोई झड़प नहीं हुई। गौरतलब है कि इस गुरुद्वारे को लेकर निहंग सिंहों के दो समूहों में पिछले 3-4 सालों से विवाद चल रहा था। पहले इस विवाद ने फायरिंग का रूप ले लिया था, जिसमें एक होमगार्ड जवान की मौत हो गई थी और चार पुलिस कर्मी व तीन निहंग सिंह घायल हुए थे। बुढ़ा दल के सदस्य सुखदेव सिंह ने बताया कि इस स्थान की सेवा पहले से जथेदार बाबा बलबीर सिंह 96 करोड़ी के पास थी। करीब डेढ़-दो साल मुकदमा चलने के बाद अदालत ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया, जिसके बाद प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर उन्हें कब्जा सौंप दिया। तहसीलदार परमिंदर सिंह ने बताया कि अदालत ने धारा 145 को रद्द करते हुए आदेश दिया कि गुरुद्वारा का नियंत्रण बाबा बलबीर सिंह के गुट को दिया जाए। प्रशासन ने यह कार्य शांतिपूर्वक और कानूनी प्रक्रिया के तहत पूरा किया। 

लाखों की गबन की गुत्थी सुलझी, नशा मुक्ति केंद्रों में भ्रष्टाचार का खुलासा

तरनतारन  जिले में सरकारी नशा मुक्ति केंद्रों में मरीजों को दी जाने वाली बुपिरोनोर्फिन दवा के बड़े पैमाने पर घोटाले की जांच कर रहे सहायक सिविल सर्जन तरनतारन को एक विदेशी नंबर से फोन करके जान से मारने की धमकी मिलने का मामला सामने आया है। यह पूरा मामला स्वास्थ्य मंत्री पंजाब के संज्ञान में आने के बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। गौरतलब है कि जिले भर के नशा मुक्ति केंद्रों में कथित तौर पर लाखों रुपए का घोटाला लंबे समय से चल रहा है, जिसमें कई कर्मचारी पहले भी फर्जी डिग्रियों के सहारे काम कर चुके हैं। जानकारी के अनुसार, जिले के डिप्टी कमिश्नर राहुल को विभिन्न लोगों द्वारा शिकायत की जा रही थी कि बुपिरोनोर्फिन नामक दवा को बेचने का काला धंधा बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी करते हुए जारी है। इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ. गुरप्रीत सिंह राय द्वारा पिछले दिनों तीन टीमों का गठन किया गया था, जिसमें मनोचिकित्सक डॉ. विनोद कुमार, पुनर्वास केंद्र के डॉ. नवदीप कौर बुट्टर और सहायक सिविल सर्जन डॉ. जसप्रीत सिंह शामिल थे। पिछले दिनों में तीनों सदस्यों ने जिले भर के विभिन्न नशा मुक्ति केंद्रों की जांच शुरू की थी, जिसके दौरान विभिन्न केंद्रों में मरीजों को दी जाने वाली दवा में हेराफेरी देखी गई थी। इन टीमों द्वारा शुरू की गई जांच के दौरान नशा मुक्ति केंद्र कैरों, भिखीविंड, खेमकरण, किरतोवाल, खडूर साहिब, डालेके में कई कमियां पाई गईं। इसके बाद जिन केंद्रों में हेरा-फेरी पाई गई थी, वहां मौजूद स्टाफ को सिविल सर्जन डॉ. गुरप्रीत सिंह राय और जिला मेडिकल कमिश्नर डॉ. रूपम चौधरी ने इधर से उधर भेज दिया था। जानकारी के अनुसार दूसरी जगह बदले गए कुछ स्टाफ ने वहां भी हेरा-फेरी और काम में ढिलाई बरतनी शुरू कर दी थी। इस संबंध में सिविल सर्जन कार्यालय ने काम में कोताही बरतने वाले कर्मचारियों से दो बार जवाब मांगा, लेकिन किसी ने कोई जवाब नहीं दिया। जानकारी के अनुसार नशा मुक्ति केंद्र कैरों और डालेके में मरीजों की फर्जी आई.डी. बनाकर रोजाना बड़ी मात्रा में करीब 400 ब्यूपिरोनॉर्फिन गोलियों की हेराफेरी की जा रही थी, जो बाजार में ऊंचे दामों पर बेची जा रही थी।   इस काले कारोबार की जांच कर रही टीम के सदस्य व सहायक सिविल सर्जन डॉ. जसप्रीत सिंह को दो दिन पहले एक जर्मन नंबर से आए फोन पर व्यक्ति ने जान से मारने की धमकी दी है। फोन करने वाले ने सहायक सिविल सर्जन को धमकाते हुए कहा कि आप कर्मचारियों को परेशान कर रहे हो और क्या आपको अपनी जान की परवाह नहीं है। इस संबंध में सहायक सिविल सर्जन डॉ. जसप्रीत सिंह ने यह पूरा मामला स्वास्थ्य मंत्री पंजाब डॉ. बलबीर सिंह के ध्यान में लाया है, साथ ही, डी.एस.पी. पट्टी लवकेश सैनी को एक लिखित शिकायत दर्ज करवाई। सहायक सिविल सर्जन डा. जसप्रीत सिंह ने बताया कि सिविल सर्जन के आदेश पर जिले भर के नशा मुक्ति केंद्रों में दी जाने वाली बूपीरोनॉरफिन दवा में बड़े पैमाने पर हेरा-फेरी का मामला सामने आ रहा है। इस संबंध में वह सरकार के आदेशों के चलते जांच को आगे बढ़ा रहे थे, लेकिन फोन करने वाले ने पंजाबी में बात करते हुए उन्हें जान से मारने की धमकी दी और कर्मचारियों को परेशान करने की बातों से साफ है कि यह धमकी चल रही जांच से जुड़ी है। डॉ. जसप्रीत सिंह ने बताया कि उन्होंने पुलिस प्रशासन से इंसाफ की गुहार लगाते हुए आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। क्या कहते हैं सिविल सर्जन इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ. गुरप्रीत सिंह राय ने बताया कि यह पूरा मामला स्वास्थ्य मंत्री पंजाब डॉ. बलबीर सिंह के संज्ञान में आ गया है, जिन्होंने जिले के एस.एस.पी. को तुरंत मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश करने के आदेश भी जारी कर दिए हैं। क्या कहते हैं डी.एस.पी. इस संबंध में डी.एस.पी. पट्टी लवकेश सैनी ने बताया कि पुलिस द्वारा इस मामले की गहनता से जांच की जा रही है, साथ ही बनती कानूनी कार्रवाई भी की जा रही है।

मिशन स्वस्थ कवच: पैरेंट-टीचर मीटिंग में अब पढ़ाई नहीं, ब्लड प्रेशर भी बनेगी टॉपिक!

लुधियाना पंजाब का शिक्षा विभाग मानो प्रयोगशाला बन गया है, जहां हर हफ्ते शिक्षकों पर कोई नया प्रयोग कर दिया जाता है। कभी ‘एनरोलमैंट ड्राइव’, कभी ‘सर्वे’, कभी ‘सड़क सुरक्षा अभियान’, तो कभी ‘स्वच्छता सप्ताह’ में अध्यापकों की ड्यूटी और अब बारी है ‘मिशन स्वस्थ कवच’ की। इस मिशन के तहत 17 अक्तूबर को होने वाली पैरेंट-टीचर मीटिंग (पी.टी.एम.) में अध्यापक न केवल बच्चों की पढ़ाई पर चर्चा करेंगे, बल्कि अभिभावकों का बी.पी. (रक्तचाप) भी जांचेंगे। यानि अब शिक्षकों की चाक छोड़कर स्टैथौस्कोप संभालने की बारी आ गई है। जिला शिक्षा अधिकारी (सैकेंडरी) के कार्यालय से जारी पत्र ने इस बार शिक्षकों को डॉक्टर बना दिया है। आदेश के अनुसार, 17 अक्तूबर को होने वाली माता-पिता शिक्षक बैठक (पी.टी.एम.) में ‘मिशन स्वास्थ्य कवच’ के तहत स्कूलों में ब्लड प्रैशर जांच शिविर लगाए जाएंगे। इस दौरान अध्यापक और विद्यार्थी मिलकर कम से कम 100 अभिभावकों का बी.पी. 3-3 बार चेक करेंगे और उसका रिकॉर्ड गूगल फॉर्म में भरेंगे। विभाग ने कहा है कि पूरे कार्यक्रम की फोटोग्राफी कर सबूत अपने पास रखें, ताकि जरूरत पड़ने पर रिपोर्ट मांगी जा सके। शिक्षक या स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता? आदेश में कहा गया है कि जिन स्कूलों ने मिशन स्वास्थ्य कवच की ट्रेनिंग ली है, वे कैंप लगाकर लोगों को बी.पी. से जुड़ी जानकारी देंगे। इस पूरी प्रक्रिया की जिम्मेदारी विद्यालय के हेल्थ मेंटर को दी गई है, जो विद्यार्थियों की सहायता से जांच करवाएगा। विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि जिन्होंने अभी तक बी.पी. मशीन प्राप्त नहीं की, वे 16 अक्तूबर तक इसे ले लें, अन्यथा इसे डिप्टी कमिश्नर के आदेशों की अवहेलना माना जाएगा। शिक्षकों में नाराजगी- ‘हम डॉक्टर नहीं, शिक्षक हैं’ इस आदेश ने शिक्षा जगत में तीखी प्रतिक्रिया पैदा कर दी है। अध्यापकों ने इसे “शिक्षा के क्षेत्र में बढ़ती गैर-शैक्षणिक जिम्मेदारियों” का उदाहरण बताया है। उनका कहना है कि शिक्षा विभाग अब अध्यापकों को हर प्रशासनिक प्रयोग का हिस्सा बना रहा है, जिससे पढ़ाई पर ध्यान देना कठिन होता जा रहा है। अब शिक्षक अध्यापक, सर्वेक्षक और डॉक्टर तीनों एक साथ!   जिला शिक्षा अधिकारी (स) ने आदेश जारी किया है कि हर स्कूल में पी.टी.एम. के दौरान अभिभावकों के स्वास्थ्य की जांच कर ‘मिशन स्वस्थ कवच’ की सफलता सुनिश्चित की जाए। इसके लिए शिक्षकों को ब्लड प्रेशर मशीन और बुनियादी जांच की जानकारी देने का भी निर्देश आया है। कुछ शिक्षकों ने इस पर व्यंग्य करते हुए कहा कि लगता है शिक्षा विभाग अब “सर्वगुण संपन्न अध्यापक योजना” पर काम कर रहा है। एक अध्यापक ने कहा “पहले हमें बच्चों के अंक देखने होते थे, अब अभिभावकों का ब्लड प्रेशर भी देखना होगा। अगली बार शायद डॉक्टर की तरह दवाई भी लिखनी पड़ जाए!” कई शिक्षकों का कहना है कि शिक्षण कार्य पहले ही असंख्य अतिरिक्त जिम्मेदारियों के बोझ तले दबा हुआ है, और अब स्वास्थ्य जांच का नया अध्याय जुड़ गया है। “कभी सर्वे टीम में शामिल करो, कभी मतदाता सूची बनवाओ, कभी किसी योजना का प्रचार कराओ अब स्वास्थ्य सेवाओं में भी उतार दिया गया है,” एक शिक्षक ने व्यंग्य में कहा।

नगर निगम का बड़ा फैसला: पटेल चौक में निर्माण मामला अब पूरी तरह उलट!

जालंधर  शहर को सुंदर और हरा-भरा बनाने के लिए जालंधर नगर निगम द्वारा चलाए जा रहे ब्यूटीफिकेशन अभियान में निगम अधिकारियों की लापरवाही सामने आ रही है। कुछ दिन पहले नगर निगम अधिकारियों के निर्देश पर पटेल चौक के बीचो-बीच एक बड़ा गड्ढा खोदा गया था और उसके ऊपर एक स्ट्रक्चर बनाए जाने की योजना बनाई गई थी। इस स्ट्रक्चर पर एक अस्पताल का विज्ञापन भी लगाने की योजना थी। इस खुदाई को देखकर लोगों में चर्चा शुरू हो गई कि चौराहों के बीच ऐसे स्ट्रक्चर बनाकर नगर निगम आने वाले समय में ट्रैफिक के लिए दिक्कतें पैदा कर रहा है। जब इस प्रोजेक्ट की मीडिया और सोशल मीडिया में भारी आलोचना हुई, तो नगर निगम को अपनी योजना पर पुनर्विचार करना पड़ा। निगम ने अब स्पष्ट किया है कि पटेल चौक के बीचो-बीच कोई स्ट्रक्चर नहीं बनाया जाएगा और जो खुदाई की गई है, उसे भी जल्द ही रिपेयर कर दिया जाएगा। इस घटना से यह बात स्पष्ट हो गई है कि नगर निगम का ब्यूटीफिकेशन अभियान भी लापरवाही का शिकार हो रहा है और बिना उचित प्लानिंग के ही चौक के बीचों-बीच स्ट्रक्चर खड़ा करने की योजना बनाई गई थी। 

सुरक्षा में सख्ती: पंजाब पुलिस को दिए गए कड़े निर्देश, हाई अलर्ट जारी

चंडीगढ़ दीवाली के मद्देनज़र डीजीपी गौरव यादव ने राज्यभर के जिला पुलिस प्रमुखों को सुरक्षा कड़ी करने और पुलिस फोर्स की अधिकतम तैनाती सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने एडीजीपी एंटी-गैंगस्टर टास्क फोर्स प्रमोद बान और एडीजीपी काउंटर इंटेलिजेंस अमित प्रसाद के साथ तरनतारन और बटाला जिलों में सुरक्षा समीक्षा बैठकें कीं। इस दौरान उन्होंने नार्को-टेररिज्म (नशा-अतिवाद) और संगठित अपराधों के बढ़ते खतरे पर चर्चा की। डीजीपी यादव ने कहा कि पाकिस्तान पंजाब में नशे के ज़रिए आतंकवाद फैलाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन पंजाब पुलिस उसके नापाक मंसूबों को लगातार नाकाम कर रही है। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान ड्रोन और अन्य माध्यमों से नशे और हथियारों की सप्लाई कर रहा है। इस हवाई खतरे से निपटने के लिए पंजाब सरकार द्वारा तैनात एंटी-ड्रोन सिस्टम का प्रभावी इस्तेमाल किया जा रहा है। डीजीपी ने बताया कि सितंबर 2024 से अब तक पंजाब पुलिस ने 90 आरोपियों को गिरफ्तार कर 26 आतंकी मॉड्यूल का पर्दाफाश किया है। इनसे बड़ी मात्रा में हथियार, विस्फोटक, गोलियां, हैंड ग्रेनेड और आरडीएक्स बरामद किए गए हैं, जिससे आतंकी नेटवर्क को बड़ा झटका लगा है। संगठित अपराध के मामलों की समीक्षा करते हुए उन्होंने फरार आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने के निर्देश दिए और कहा कि अपराध की जड़ों को खत्म करने के लिए पेशेवर और वैज्ञानिक जांच की ज़रूरत है। उन्होंने बताया कि 203 विदेशी हैंडलरों की पहचान की जा चुकी है जो आतंक या संगठित अपराध से जुड़े हैं, और उनके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस या ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी करने की प्रक्रिया केंद्र एजेंसियों के साथ मिलकर शुरू कर दी गई है। डीजीपी ने बताया कि ‘सेफ पंजाब’ व्हाट्सएप चैटबॉट पोर्टल (9779100200) के ज़रिए मिली सूचनाओं में से 33% मामलों पर कार्रवाई की गई, जो एक मिसाल है। लोगों की जानकारी के आधार पर 7285 एफआईआर दर्ज की गईं। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वे नशा तस्करों और अपराधियों के बारे में बिना किसी डर के गुप्त सूचना साझा करें। इस मौके पर पुलिस कमिश्नर अमृतसर गुरप्रीत सिंह भुल्लर, डीआईजी फिरोज़पुर रेंज नीलांबरी जगदले, डीआईजी बॉर्डर रेंज नानक सिंह, डीआईजी एजीटीएफ गुरमीत चौहान, एसएसपी तरनतारन रवजोत कौर ग्रेवाल, एसएसपी बटाला सुहैल कासिम मीर समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। 

पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर की इमारत पर चला पीला पंजा, निगम की बड़ी कार्रवाई

अमृतसर नगर निगम के एम.टी. विभाग ने शिरोमणि अकाली दल के वर्तमान पार्षद और पूर्व उप-मेयर अवतार सिंह ट्रकां वाले की इमारत पर सुबह करीब 4 बजे पीला पंजा चलाया। इस कार्रवाई के बाद अवतार सिंह ट्रकां वाले की एक व्यक्ति से झड़प हो गई, जिसे लेकर राजनीतिक गलियारे में मामला गरमा गया और शहर में इस कार्रवाई की खूब चर्चा हुई। जानकारी के अनुसार घी मंडी चौक स्थित अकाली पार्षद अवतार सिंह ट्रकां वाले की जगह पर निर्माण कार्य चल रहा था, जिसके संबंध में निगम अधिकारियों के अनुसार उन्हें दो बार नोटिस भी जारी किए गए, जिसका उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया, जिसके संबंध में एम.टी.पी. नरिंदर शर्मा के नेतृत्व में ए.टी.पी. मनजीत सिंह, अंगद सिंह, परमिंदर सिंह, बिल्डिंग इंस्पेक्टर नवजोत कौर, विकास गौतम व डेमोलेशन स्टाफ ने पुलिस बल के साथ मंगलवार सुबह 4 बजे सरकारी मशीनरी का प्रयोग करते हुए निर्माणाधीन इमारत पर पीले पंजे चलाकर कार्रवाई की।