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विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन में असहमति, माले विधायक की तीखी टिप्पणी कांग्रेस पर

पटना बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी समर जारी है। ऐसे में दोनों गठबंधनों को दरार और फूट की बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है। महागठबंधन में दरार को लेकर एक खबर जोर पकड़ रही है। दरअसल,  सासाराम क्षेत्र के रोहतास जिले में कांग्रेस कमेटी द्वारा विभिन्न विधानसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों से आवेदन लिए जाने को लेकर महागठबंधन के घटक दलों के बीच नया विवाद खड़ा हो गया है। जिले की काराकाट विधानसभा सीट से भाकपा माले के विधायक अरुण सिंह ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है। गौरतलब है कि कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी की सदस्य एवं महाराष्ट्र की सांसद प्रीणीति शिंदे इन दिनों रोहतास समेत बिहार के अलग-अलग जिलों में जाकर कांग्रेस उम्मीदवारों से आवेदन ले रही हैं। कांग्रेस का व्यवहार गठबंधन धर्म के खिलाफ विधायक अरुण सिंह ने कहा कि कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी को महागठबंधन के अन्य घटक दलों वाली सीटों पर उम्मीदवारों के आवेदन नहीं लेने चाहिए। यह पूरी तरह से गठबंधन धर्म के खिलाफ है। कांग्रेस सिर्फ उन्हीं सीटों पर आवेदन लेने की हकदार है, जो उसके खाते में पहले से हैं। जिन विधानसभा सीटों पर पहले से ही राष्ट्रीय जनता दल या भाकपा माले के विधायक हैं, उन पर कांग्रेस अगर उम्मीदवारों से आवेदन ले रही है या चयन प्रक्रिया शुरू कर रही है तो यह बिल्कुल गलत है। कांग्रेस को ऐसा नहीं करना चाहिए। भाकपा माले को कम से कम 40 सीटें चाहिए अरुण सिंह ने कहा कि आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में भाकपा माले को गठबंधन में कम से कम 40 सीटें मिलनी चाहिए। पिछले विधानसभा चुनाव में 19 सीटों में से 12 पर जीत और लोकसभा चुनाव में 3 सीटों में से 2 सीटों पर जीत दर्ज की गई थी। इस आधार पर माले का स्ट्राइक रेट सबसे बेहतर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस को समझना चाहिए कि माले किसी भी हाल में अपनी जीती हुई सीट नहीं छोड़ेगी और हर जिले में माले को कम से कम एक-एक विधानसभा सीट मिलनी ही चाहिए। गठबंधन को होगा फायदा माले विधायक ने कहा कि बिहार में गरीबों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों का वोट हमेशा माले के साथ रहा है। माले की जितनी अधिक हिस्सेदारी होगी, गठबंधन को उतना अधिक फायदा होगा। उन्होंने दोहराया कि कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी को राजद और माले विधायक वाली सीटों पर उम्मीदवार चयन की प्रक्रिया रोकनी चाहिए। कांग्रेस को पिछली बार जिले में करगहर और चेनारी सुरक्षित सीट मिली थी, इसलिए उन्हें केवल इन्हीं सीटों के लिए उम्मीदवार चयन की प्रक्रिया अपनानी चाहिए।

वैशाली में अजब मामला: जीवित व्यक्ति को मृत घोषित कर डाला, अब प्रशासन पर उठे सवाल

वैशाली बिहार में लगातार मतदाता गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के खिलाफ विरोधी दल के नेताओं के द्वारा 'वोट अधिकार यात्रा' की जा रही है। केंद्र सरकार चुनाव आयोग को विरोधी दल के नेता लगातार निशाना भी बना रहे हैं। वहीं, हाजीपुर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां पर जीवित मतदाता का नाम सूची से काट दिया गया है। यह मामला हाजीपुर विधानसभा क्षेत्र 123 बूथ नंबर 317 के मतदाता सुनील कुमार सिंह से जुड़ा है। सुनील का नाम मतदाता सूची से हटा दिया गया है। बताया गया है कि सुनील एक सफल बिजनेसमैन हैं और यह टैक्स भी भरते हैं। इनका एपिक नंबर एमएनक्यू 5523220 है। डोर-टू-डोर सत्यापन नहीं करने का आरोप वहीं, सुनील कुमार ने बताया कि हमारे पिता छत्रपति सिंह का नाम 2003 के मतदाता सूची में दर्ज है। लेकिन मेरा नाम काट दिया गया है। सुनील ने बताया कि उन्होंने ऑनलाइन सर्च करने पर पाया कि उनका नाम मृत घोषित कर दिया गया है। बूथ लेवल अधिकारी बीएलओ ने नियमों का उल्लंघन करते हुए डोर-टू-डोर सत्यापन नहीं किया। चुनाव आयोग के स्पष्ट निर्देश थे कि बीएलओ को घर-घर जाकर मतदाता पुनरीक्षण करना था। डीएम ने लिया संज्ञान सुनील के अनुसार, बीएलओ ने न तो उनके घर और न ही अन्य मतदाताओं के घर जाकर सत्यापन किया। सुनील ने वैशाली जिलाधिकारी से इस मामले की शिकायत की है। उन्होंने बताया कि वह नियमित रूप से सरकार को टैक्स का भुगतान कर रहे हैं। बीएलओ ने न तो ड्राफ्ट मतदाता सूची से हटाए गए योग्य मतदाताओं के नाम जोड़ने के लिए कैंप लगाया और न ही नए मतदाताओं के नाम जोड़ने की प्रक्रिया की। डीएम ने मामले पर संज्ञान लिया है। आगे की कार्रवाई की जा रही है।

लंबे इंतजार के बाद समस्तीपुर में अनुकंपा नियुक्तियां, लोगों के चेहरे पर मुस्कान

समस्तीपुर  बिहार के समस्तीपुर जिले के कर्पूरी सभागार में शिक्षा विभाग द्वारा एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें अनुकंपा के आधार पर माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में लिपिक और परिचारी के पदों पर चयनित 134 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए गए। इस मौके पर ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री श्रवण कुमार, समस्तीपुर सांसद शांभवी चौधरी, विधान पार्षद डॉ. तरुण कुमार चौधरी और समस्तीपुर विधानसभा के राजद विधायक अख्तरुल इस्लाम शाहीन मौजूद थे। वर्षों से अटके मामलों का हुआ निपटारा ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि वर्षों से कागजात की कमी के कारण अनुकंपा आश्रितों को नियुक्ति पत्र नहीं मिल पाए थे। सभी दस्तावेज पूरे होने के बाद अब इन अभ्यर्थियों को उनका अधिकार सौंपा गया है। नियुक्ति पत्र मिलने के बाद चयनित अभ्यर्थियों के चेहरे पर खुशी साफ झलक रही थी। नालंदा की घटना पर मंत्री का बयान नालंदा जिले के पामा गांव में हुए हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि वे वहां एक जीविका दीदी के परिवार से मिलने गए थे, जिनकी दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। गांव में नौ लोगों की मौत हुई थी और वे परिवार को सांत्वना देने गए थे। उन्होंने बताया कि कुछ युवाओं ने आपत्तिजनक बातें कहीं, जिसके बाद वे वहां से निकल गए। आगे क्या हुआ, इसकी उन्हें जानकारी नहीं है। विपक्ष पर साधा निशाना मंत्री ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि आज विपक्ष के पास कोई ठोस मुद्दा नहीं है। अगर होता, तो वह जनता के सामने रखते। उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग एक संवैधानिक संस्था है और उस पर सवाल उठाना नियम संगत नहीं है। विपक्ष केवल बिना आधार के आरोप लगाकर राजनीति कर रहा है। कार्यक्रम में दिखी उत्साह की झलक नियुक्ति पत्र वितरण समारोह में चयनित अभ्यर्थियों के साथ उनके परिजन भी मौजूद थे। सभी ने सरकार के इस कदम की सराहना की। कार्यक्रम में उपस्थित नेताओं ने आश्रितों को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं और शिक्षा विभाग में बेहतर योगदान की उम्मीद जताई।

SIR प्रोजेक्ट पर सियासी संग्राम, मरांडी बोले- विकास रोकना चाहती हैं विपक्षी पार्टियां

रांची झारखंड में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि झारखंड सरकार ने जिस प्रकार से एसआईआर का विरोध किया है तो यह वोट बैंक की राजनीति है। मरांडी ने पार्टी के प्रदेश कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि झारखंड प्रदेश में जिस प्रकार से जो डेमोग्राफी बदली है या बदल रही है, बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुसलमानों को वोट बैंक बनाए रखना इनका मकसद है। इसका एक उदाहरण राज्य सरकार ने कल स्पष्ट रूप से बता दिया है कि वह इन्हें केवल झारखंड में बसाना ही नहीं चाहती है बल्कि साथ में उन्हें मतदाता भी बनाना चाहती है ताकि झारखंड की चुनाव कांग्रेस, झारखंड मुक्ति मोर्चा और राष्ट्रीय जनता दल अपने पक्ष में करा सके। मरांडी ने कहा कि आप सभी ने कल झारखंड की विधानसभा की कार्यवाही को देखा और आज सवेरे अखबारों में प्रमुखता से छपी इन मुद्दों से जुड़े समाचार को भी देखा होगा। मरांडी ने कहा कि झारखंड की अलार्मिंग सिचुएशन है। इससे तो पूरा राज्य, देश प्रभावित होगा ही, लेकिन इससे सीधा और तत्काल कोई प्रभावित होगा तो वह आदिवासी समाज होगा। संथाल परगना और झारखंड में दर्जनों आदिवासी महिला है जिससे इन रोहिंग्या, बांग्लादेशी मुसलमानों ने न केवल शादी किया बल्कि मुखिया, जिला परिषद भी बने हैं। यही स्थिति रही तो आने वाले समय में इसी तरह से आदिवासी महिलाओं से शादी करके रोहिंग्या, बांग्लादेशी मुसलमान सांसद, विधायक भी बनेंगे। यह दृश्य साफ दिख रहा है। 1951 में जब पहला जनगणना हुआ था तब झारखंड में आदिवासियों की संख्या 35.38 प्रतिशत थी जबकि मुस्लिम की आबादी 8.9त्न थी। 2011 के जनगणना में आदिवासियों की संख्या 35.38 प्रतिशत से घटकर 26.20त्न हो गई। वहीं मुसलमानों की जनसंख्या 8.9त्न से बढ़कर 14.53त्न हो गई। आदिवासियों की जनसंख्या में गिरावट आई जबकि मुसलमानों की आबादी में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई। यही जब ओवरऑल बात किया जाए तो 1951 में सनातनियों की आबादी 87.79त्न थी। 2011 में सनातनियों की संख्या घटकर 81.17त्न हो गई। मरांडी ने कहा कि यह नेचुरल तरीके से नहीं बढ़ सकती है। यह कृत्रिम तरीके से बढ़ी और बढ़ाई गई है। बांग्लादेश से लगातार घुसपैठ होना इसका प्रमुख कारण है। कांग्रेस, झामुमो, राजद जैसे दल इसके पक्षधर हैं। ऐसे घुसपैठियों का वोटर कार्ड, राशन कार्ड बनाना, जन्म प्रमाण पत्र बनाना, उनकी जमीन उपलब्ध कराना, उनको बसाना उनकी मंशा है। ताकि वोट में इसका फायदा उठाया जा सके। कल के विधानसभा में उनकी मंशा साफ दिखी। अभी मतदाता सूची ज्वलंत मुद्दा है इस संबंध में एक और उदाहरण देते हुए श्री मरांडी ने कहा कि 2014 से 2019 के बीच देश के अंदर में मतदाताओं में 9.3त्न की वृद्धि दर्ज हुई। जबकि झारखंड में 6.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई। वहीं 2019 से 2024 के बीच देश में मत प्रतिशत में 10.1त्न वृद्धि हुई जबकि झारखंड में यह वृद्धि 16.7त्न दर्ज की गई। यह गौर करने वाली बात है। 2019 से 2024 के बीच यहां किसकी सरकार रही या बताने की जरूरत नहीं है। 2019 से 2024 के बीच राष्ट्रीय ग्रोथ से भी झारखंड में मत प्रतिशत की वृद्धि अधिक दर्ज होना, आईने की तरह सब कुछ साफ कर रहा है। यह काफी चिंता का विषय है कि इस रफ्तार से आखिर यहां पर आबादी कैसे बढ़ी, यह भी एक गहन जांच का विषय है। चूंकि 2014 से 2019 में झारखंड में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार थी इसलिए यहां पर अवैध घुसपैठियों के लिए कोई जगह नहीं थी इसलिए अधिक वृद्धि दर्ज नहीं हुई। आज वर्तमान सरकार के कार्यकाल में ऐसे लोगों को इन दलों के द्वारा वोटर बनाकर बसाया जा रहा है, इसलिए इन लोगों के पेट में दर्द हो रहा है और ये दल हंगामा कर रहे हैं। मरांडी ने कुछ रिजर्व विधानसभा क्षेत्रों का आंकड़ा भी इस संदर्भ में पेश किया जो काफी चौंकाने वाले हैं। मरांडी ने कहा कि सिमडेगा विधानसभा में 2019 में 2.21 लाख मतदाता थे जो 2024 में बढ़कर 2.44 लाख हो गए। इसमें ओवरऑल 10.2त्न की वृद्धि दर्ज हुई। यहां पर 2019 में 9308 मुस्लिम मतदाता थे जो 2024 में बढ़कर 16605 हो गए। यहां मुस्लिम मतदाताओं में 78.4त्न की वृद्धि दर्ज हुई है, जबकि नन मुस्लिम में 7.2त्न की ही वृद्धि दर्ज हुई है। यह चिंता का विषय है नहीं।  

बिहार में सुरक्षा सतर्क: नेपाल से आए 3 जैश आतंकी पकड़े जाने की आशंका

पटना  बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले आतंकी खतरा मंडराने लगा है. पुलिस मुख्यालय (PHQ) को मिली अहम खुफिया जानकारी के बाद पूरे राज्य में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है. खबर है कि नेपाल के रास्ते पाकिस्तान के तीन आतंकी बिहार में दाखिल हो चुके हैं. जानकारी के मुताबिक ये आतंकी प्रतिबंधित संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े हुए हैं. इनकी पहचान रावलपिंडी निवासी हसनैन अली, उमरकोट निवासी आदिल हुसैन और बहावलपुर का रहने वाला मो. उस्मान के रूप में हुई है. बताया जा रहा है कि ये तीनों आतंकी अगस्त के दूसरे हफ्ते में काठमांडू पहुंचे थे और वहीं से पिछले हफ्ते नेपाल बॉर्डर पार करके बिहार में दाखिल हुए हैं. देश के किसी भी हिस्से में आतंकी घटना को अंजाम देने की आशंका पुलिस मुख्यालय ने इस इनपुट को बेहद गंभीरता से लिया है. PHQ के आला अधिकारियों ने तीनों आतंकियों के पासपोर्ट और अन्य डिटेल्स सीमावर्ती जिलों के प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों के साथ साझा कर दी हैं. खासतौर पर नेपाल से सटे इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा कर दिया गया है. खुफिया सूत्रों का कहना है कि इन आतंकियों के देश के किसी भी हिस्से में आतंकी घटना को अंजाम देने की आशंका जताई जा रही है. राज्य में विधानसभा चुनाव को देखते हुए यह अलर्ट और भी संवेदनशील माना जा रहा है, क्योंकि आतंकी किसी बड़े राजनीतिक या भीड़भाड़ वाले कार्यक्रम को निशाना बना सकते हैं. 'सुराग मिलने पर तुरंत करें कार्रवाई' PHQ ने सभी जिलों के पुलिस कप्तानों और खुफिया तंत्र को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं. साथ ही कहा गया है कि संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखें, लगातार सूचना एकत्र करें और किसी भी तरह के सुराग मिलने पर तुरंत कार्रवाई करें. बिहार पुलिस इस समय पूरी तरह अलर्ट मोड में है और सीमावर्ती जिलों में सर्च ऑपरेशन भी तेज कर दिए गए हैं. सुरक्षा एजेंसियां यह सुनिश्चित करने में जुटी हैं कि राज्य में आतंकी किसी भी तरह की वारदात को अंजाम न दे सकें.

राहुल-तेजस्वी पर बरसे सम्राट चौधरी, बोले- लोकतंत्र के दुश्मनों को सबक सिखाएगी जनता

पटना  बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव पर बुधवार को जोरदार निशाना साधते हुए उन्हें लोकतंत्र के लिए खतरा बताया। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता दोनों राजकुमारों को सबक सिखाएगी। मीडिया से बातचीत में उन्होंने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के 'वोटर अधिकार यात्रा' में शामिल होने पर लालू परिवार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद यादव और उनका परिवार उन लोगों को बिहार बुला रहा है, जिन्होंने बिहार की जनता का अपमान किया और सनातन धर्म का विरोध किया। उन्होंने स्टालिन, तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी का जिक्र करते हुए कहा कि ये लोग बिहार के लोगों का अपमान करते हैं, सनातन धर्म का विरोध करते हैं। ऐसे नेताओं को राजद संरक्षण दे रहा है, जो बिहार और उसके सांस्कृतिक मूल्यों के खिलाफ हैं। उन्होंने दावा किया कि बिहार की जनता इस सियासी खेल को समझती है और वह एनडीए के साथ मजबूती से खड़ी है। 'वोटर अधिकार यात्रा' और एसआईआर के मुद्दे पर विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि बिहार की जनता के लिए एसआईआर कोई बड़ा मुद्दा नहीं है, बल्कि विकास, तरक्की और रोजगार उनकी प्राथमिकता है। उन्होंने एनडीए सरकार के तहत पीएम मोदी और सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार को समृद्ध बनाने के प्रयासों पर प्रकाश डाला। उन्होंने 'वोटर अधिकार यात्रा' में रेवंत रेड्डी और स्टालिन के जुड़ने को 'घुसपैठिया' करार दिया। डिप्टी सीएम के अनुसार, घुसपैठिये आए हैं, चले जाएंगे। यह बिहार यहां पर था और रहेगा। चौधरी ने कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए आपातकाल का जिक्र किया, जब निर्दोष लोगों को जेल में डाला गया। लोकतंत्र की हत्या की गई। इसी तरह उन्होंने लालू यादव पर भी सत्ता के दुरुपयोग का आरोप लगाया। मोहन भागवत के बयान पर उन्होंने कहा कि भारत के निर्माण में सभी का सहयोग है। भारत का मतलब भगवान राम और श्री कृष्ण के वंशजों से है। उन्होंने कहा कि समय के साथ कुछ लोगों ने पूजा पद्धति बदली, लेकिन सभी भारतीय हैं। यह सनातन संस्कृति की एकता को दर्शाता है, जो भारत की मूल पहचान है। पीएम मोदी के पूर्णिया दौरे को लेकर उन्होंने कहा कि लगभग 40,000 करोड़ रुपए की परियोजनाओं की घोषणा की जाएगी। कई परियोजनाओं का जुड़ना अभी बाकी है। पूर्णिया हवाई अड्डे का उद्घाटन किया जाएगा। इससे क्षेत्र में हवाई यात्रा को बढ़ावा मिलेगा।

राहुल गांधी का आरोप: मुजफ्फरपुर की सभा में कहा, संविधान पर चोट की जा रही है

मुजफ्फरपुर लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बुधवार को कहा कि गुजरात का मॉडल 'आर्थिक मॉडल' नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि 'वोट चोरी' की शुरुआत गुजरात से हुई और फिर इसे राष्ट्रीय स्तर पर शुरू किया गया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपनी 'वोटर अधिकार यात्रा' के 11वें दिन मुजफ्फरपुर पहुंचे। उन्होंने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा के लोगों ने मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, हरियाणा और गुजरात के चुनाव में 'वोटी चोरी' की। 'गुजरात मॉडल' वोट चोरी करने का मॉडल है, जिसे ये लोग 2014 में राष्ट्रीय स्तर पर लाए। हम कुछ कहते नहीं थे, क्योंकि हमारे पास कोई सबूत नहीं थे, लेकिन महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के बाद हमें सबूत मिल गया। मुजफ्फरपुर में 'वोटर अधिकार यात्रा' के दौरान राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि बिहार में दलितों, अति पिछड़ों, अल्पसंख्यकों यानी गरीबों के वोट काटे गए। जिंदा लोगों को मुर्दा बना दिया गया। वोट काटकर संविधान पर चोट की जा रही है। उन्होंने संविधान को आत्मा बताते हुए कहा कि जो लोग भारत माता की आत्मा पर चोट पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं, वे यहां के युवाओं को नहीं समझते हैं। भाजपा 'वोट चोरी' कर चुनाव जीतती है और उसकी मदद चुनाव आयोग करता है। राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि संसद में चुपचाप एक कानून पास कर दिया जाता है। इसके तहत इलेक्शन कमिश्नर चाहे कुछ भी करें, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं की जा सकती। अगर चुनाव आयोग अपना काम ईमानदारी से कर रहा है, तो ऐसे कानून की क्या जरूरत है? केंद्र सरकार में किसानों-मजदूरों को पीटकर जेल में डाल दिया जाता है। युवा पेपर लीक के खिलाफ धरना देता है तो उसे लाठियों से पीटकर अंदर कर देते हैं। लेकिन, देश के चुनाव आयुक्त के खिलाफ कोई एफआईआर नहीं कर सकता है। इससे पहले तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि जब राहुल गांधी चुनाव आयोग की शिकायत करते हैं तो उन्हें शपथ पत्र देने को कहा जाता है। राहुल गांधी राजनीति, मंच के लिए नहीं करते। वे जो कहते हैं, बहुत सोच-समझकर कहते हैं। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी वकील हैं, जो भारत के लोगों की लड़ाई लड़ रहे हैं। भारत में लोकतंत्र फलेगा। मताधिकार की चोरी करने वालों से जनता सत्ता छीन लेगी, यह भीड़ इसका संदेश देती है।

स्कूली बच्चों की परिवहन सुरक्षा में लापरवाही बरतने वाले स्कूलों पर होगी कार्रवाई

•    विद्यालयों के लिए आखिरी मौका पटना, पटना जिले में स्कूली बच्चों की परिवहन सुरक्षा को लेकर लापरवाही बरतने वाले विद्यालयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। पटना जिला परिवहन कार्यालय(डीटीओ) ने इसके पहले विद्यालयों को आखिरी मौका दिया है। डीटीओ ने विगत जुलाई माह में दो हजार से अधिक क्षमता वाले 1,140 विद्यालयों को बाल परिवहन समिति का गठन करने और वाहन संबंधी जानकारी साझा करने के संबंध में ई-मेल भेजा था। लेकिन, सिर्फ 85 विद्यालयों ने ही इसका जवाब भेजा है। शेष विद्यालयों की अनदेखी के बाद अब डीटीओ ने 1 सितम्बर से कार्रवाई शुरू करने का फैसला लिया है। पटना डीटीओ ने स्कूलों से वाहनों की संख्या (बस, मिनी बस, ओमिनी वैन, वैन इत्यादि), मालिक का नाम, कॉन्ट्रैक्ट की जानकारी और वाहन पंजीकरण नंबर मांगा था। इसके साथ ही दो हजार से अधिक संख्या वाले विद्यालयों में बाल परिवहन समिति के तहत एक परिवहन प्रभारी की नियुक्ति करने का निर्देश दिया गया था। यह कदम ‘विद्यालय वाहन परिचालन विनियम 2020’ के तहत उठाया गया है। बाल परिवहन समिति का गठन बाल परिवहन समिति के अध्यक्ष स्कूल के प्रधानाघ्यापक होंगे। समिति में दो अभिभावक, शिक्षक संघ के एक प्रतिनिधि, यातायात पुलिस निरीक्षक, मोटरयान निरीक्षक, शिक्षा विभाग के एक प्रतिनिधि और स्कूल बस मालिकों के एक प्रतिनिधि शामिल को भी रखना अनिवार्य होगा। स्कूल के परिवहन प्रभारी समिति के सदस्य सचिव होंगे। समिति का काम स्कूली वाहनों की मानक परिवहन व्यवस्था सुनिश्चित करना होगा, जिसके लिए हर तीन महीने में एक बैठक आयोजित होगी। पटना डीटीओ ने दिया आखिरी मौका पटना डीटीओ उपेन्द्र कुमार पाल ने विद्यालयों को कहा कि जिन स्कूलों ने गलत ई-मेल आईडी साझा किया है, वह तुरंत सुधारे करें। जानकारी साझा ना करने वाले स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। स्कूली बच्चों की परिवहन सुरक्षा को गंभीरता से लें। स्कूली वाहनों के लिए मानक सरकार की ओर से स्कूल बस या अन्य स्कूली वाहनों के लिए कुछ नियम निर्धारित किए गए हैं। •    वाहन स्कूल प्रबंधन, प्रधानाचार्य, निदेशक या अन्य पदाधिकारी के नाम पर पंजीकृत होना चाहिए। •    वाहन की बॉडी सुनहरे पीले रंग की हो, जिसपर स्कूल का नाम स्पष्ट अक्षरों में लिखा हो। •    किराए या लीज वाले वाहनों पर ‘ऑन स्कूल ड्यूटी‘ लिखना अनिवार्य। •    वाहन की अधिकतम गति सीमा 40 कि.मी. प्रति घंटा। •    वाहन में एक प्राथमिक चिकित्सा बॉक्स, अग्निशामक यंत्र, जीपीए., व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस और पैनिक बटन लगाना अनिवार्य होगा। •    वाहन में स्कलू बैग रखने की उचित व्यवस्था। •    दिव्यांग बच्चों लिए विशेष सुविधाएं। •    स्कूली बस में दो आपातकालीन गेट (एक दाहिनी ओर और दूसरा बस के पीछे) और बस की खिड़कियां ग्रिल युक्त होनी चाहिए।

नए कानून का पुलिस कर्मियों को पढ़ाया जा रहा पाठ

– सीआईडी के अंतर्गत एटीएस में प्रत्येक महीने औसतन 350 कर्मियों को दिया जा रहा प्रशिक्षण – पिछले तीन वर्षो के दौरान इस सेंटर से 3137 पुलिस पदाधिकारियों को दी जा चुकी है ट्रेनिंग पटना, देश में अंग्रेजों के जमाने के सभी आपराधिक कानूनों को बदलते हुए 2023 में नये कानून बीएनएसएस (भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता) को लॉच किया गया है। इसमें कानून से लेकर न्याय व्यवस्था तक में व्यापक बदलाव किए गए। इसमें उल्लेखित तमाम बारीकियों की समुचित जानकारी सभी स्तर के पुलिस कर्मियों खासकर दारोगा से लेकर डीएसपी और इससे ऊपर के तक के पदाधिकारियों को देना अनिवार्य हो गया है। कानून का पाठ पढ़ाने के लिए सभी पुलिस कर्मियों के लिए समुचित प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है, जो निरंतर जारी है। सीआईडी में मौजूद एडवांस ट्रेनिंग स्कूल (एटीएस) को इसके लिए खासतौर से तैयार किया गया है। प्रत्येक महीना यहां औसतन 350 यानी प्रत्येक जिला के 8 पुलिस पदाधिकारियों को विशेष विषय वस्तुओं की ट्रेनिंग दी जाती है। पुलिस पदाधिकारियों को सभी नए बदलावों से अपडेट करते हुए उन्हें अधिक सक्षम, जानकार और तकनीकी रूप से दक्ष बनाना है।        आगामी 2 सितंबर से इस प्रशिक्षण संस्थान का 173वां बैच का प्रशिक्षण शुरू होने जा रहा है। 171वें बैच का प्रशिक्षण 8 से 21 जुलाई तक आयोजित किया गया था, जिसमें सीधे नियुक्त 343 दारोगा को ट्रेनिंग दी गई थी। इसके बाद 172वां और अब 173वां बैच को प्रशिक्षित किया जा रहा है। इन विषयों का दिया जा रहा प्रशिक्षण पुलिस पदाधिकारियों को एसटीएस के माध्यम से 15 दिनों की ट्रेनिंग दी जा रही है। इसमें नए विधिक ज्ञान, डिजिटल फॉरेंसिक, सीसीटीवी विश्लेषण, मोबाइट डाटा ट्रैकिंग, डीएनए, फिंगरप्रिंट, फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी जैसी आधुनिक तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जाता है। इसके अलावा कुछ विशेष विषयों की जानकारी दी जाती है। इसमें पुलिस में अनुशासन एवं व्यावहार से संबंधित नीतिशास्त्र, एफआईआर, जीरो एफआईआर एवं प्रारंभिक जांच, विवादित तथ्य, सुसंगत तथ्य, गवाहों का बयान एवं कबूलनामा कथन, मानव शरीर से संबंधित एवं संपत्ति मूलक अपराधों में अनुसंधान की प्रक्रिया, गिरफ्तारी की प्रक्रिया, महत्वपूर्ण पुलिस आदेश एवं न्यायालय के निर्णय, अनुसंधान में फॉरेंसिक का महत्व, फिंगरप्रिंट, फूटप्रिंट, क्राइम सीन फोटोग्राफी, ई-साक्ष्य, सीसीटीएनएस के अलावा भारतीय न्याय सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा-107 के तहत अपराध से अर्जित संपत्ति की जब्ती की प्रक्रिया और बिहार अपराध नियंत्रण अधिनियम के तहत की जाने वाली प्रक्रिया की विस्तारपूर्वक जानकारी दी जाती है।   प्रतिष्ठित संस्थानों में भी कराया जा रहा प्रशिक्षण पुलिस पदाधिकारियों को कई विशिष्ट बिन्दुओं पर प्रशिक्षण देने के लिए देश के प्रतिष्ठित प्रशिक्षण संस्थानों में प्रशिक्षण दिया जाता है। इसमें नई दिल्ली स्थित नेश्नल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी, एनसीआरबी, चंडीगढ़ स्थित सीडीटीआई, हैदराबाद स्थित नार्थ ईस्ट पुलिस एकेडमी, मेघालय स्थित यूएमएसएडब्ल्यू जैसे संस्थान शामिल हैं। आने वाले समय में ऐसे संस्थानों से दो हजार पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षण देने की योजना है। 1945 में हुई थी इसकी स्थापना एटीएस की स्थापना 1945 में की गई थी। इसका मकसद खासतौर से पुलिस पदाधिकारियों को विभिन्न नए विषयों पर प्रशिक्षण देना था। एक समय इस संस्थान में नेपाल, भूटान, श्रीलंका, दक्षिण अफ्रीका समेत अन्य देशों के पदाधिकारी आकर प्रशिक्षण लेते थे। इस संस्थान से ट्रेनिंग देने का सिलसिल बीच के कुछ वर्षों को छोड़कर निरंतर जारी है। पुलिस कर्मियों को नए कानून समेत तमाम मूलभूत बातों का प्रशिक्षण दिया जाता है। इसके लिए समुचित ट्रेनिंग मॉड्यूल बनाया गया है। यह प्रक्रिया निरंतर जारी है। आगामी वर्ष तक 2 हजार से अधिक पुलिस कर्मियों हर तरह से सक्षम और सशक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया है। ताकि समुचित तरीके से पुलिसिंग हो सके। पारसनाथ (एडीजी-सीआईडी, बिहार पुलिस)

खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने जनवितरण प्रणाली की खाली पड़ी दुकानों को भरने की कवायद की शुरू

पटना, आज दिनांक 27.08.2025 को प्रधान सचिव, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग श्री पंकज कुमार की अध्यक्षता में विभागीय समीक्षा बैठक की गई। आज की समीक्षा बैठक में राज्य के सभी जिलों के जिला आपूर्ति पदाधिकारी, एवं जिला प्रबंधक BSFC वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े। आज की समीक्षा बैठक में प्रधान सचिव, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने सभी जिलों को निर्देश दिया कि लक्षित जनवितरण प्रणाली दुकानों की रिक्तियों को नियमानुसार कार्रवाई करते हुए यथाशीघ्र भरा जाए। इस कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का भी निदेश प्रधान सचिव ने दिया। प्रधान सचिव ने CMR चावल से संबंधित भुगतान को भी 15 सितंबर से पहले पूर्ण करने का निर्देश दिया। अगस्त माह के खाद्यान्न वितरण में तेजी लाने का निर्देश देते हुए प्रधान सचिव ने इसे 31 अगस्त से पहले माह अगस्त का वितरण पूरा करने का निर्देश दिया। प्रधान सचिव ने सभी पदाधिकारियों को सार्वजनिक जनवितरण प्रणाली के विक्रेताओं को जल्द से जल्द उनके लंबित मार्जिन मनी का भुगतान करने का निर्देश दिया। साथ ही राज्य सरकार द्वारा सार्वजनिक जनवितरण प्रणाली के विक्रेताओं के हितों में लिए गये निर्णय से भी सभी पदाधिकारियों को अवगत कराया गया। सार्वजनिक जनवितरण प्रणाली की दुकानों में सोमवार को साप्ताहिक बंदी के साथ-साथ प्रमुख त्योहारों के अवसर पर सार्वजनिक जनवितरण प्रणाली की दुकानों को बंद रखने की अनुमति दी गई है। अब राज्य सरकार ने पहल करते हुए राज्य मद से डीलर मार्जिन में रू० 47/- प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की है, जो सितंबर माह से लागू होगी। राज्य सरकार की इस पहल से राज्य के लगभग 50 हजार जनवितरण प्रणाली (पीडीएस) के अंतर्गत कार्यरत डीलरों को प्रोत्साहन मिलेगा। आज की समीक्षा बैठक में खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने सचिव मो० नैय्यर इकबाल, विशेष सचिव श्री उपेन्द्र कुमार, संयुक्त सचिव श्री रवीन्द्र कुमार, विशेष कार्य पदाधिकारी श्री विनोद तिवारी, विशेष कार्य पदाधिकारी सुश्री सृष्टि प्रिया के साथ बिहार राज्य खाद्य असैनिक आपूर्ति निगम के पदाधिकारीगण भी उपस्थित रहे।