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मध्य प्रदेश पहला ऐसा राज्य, जहां भोपाल में स्थापित होगी एयरोप्लेन डिस्मेंटल यूनिट; जर्मन कंपनी से बातचीत जारी

भोपाल  पड़ोसी राज्यों में मप्र पहला ऐसा राज्य है जो एयरोप्लेन डिस्मेंटल यूनिट (टियरडाउन यूनिट) स्थापित करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। जर्मनी की एक कंपनी से इसके लिए बातचीत चल रही है। यह यूनिट देश में एयरोप्लेन की कमी को दूर करने में अहम रोल अदा करेगी। भविष्य में मप्र को एयरोप्लेन का रख-रखाव, मरम्मत और ओवरहाल (एमआरओ) यूनिट भी मिल सकती है। जब किसी भी राज्य में ये दोनों यूनिट हो तो प्लेन का निर्माण करने वाली कंपनियां उत्पादन की दिशा में कदम रख सकती है। डिस्मेंटल यूनिट लगाने की इच्छुक जर्मनी कंपनी के प्रमुखों से मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की दो दौर की बातचीत हो चुकी है। सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री उक्त यूनिट की स्थापना को लेकर काफी प्रयासरत है। इसकी शुरुआत जर्मनी यात्रा के दौरान हुई थी। तभी मुख्यमंत्री से उक्त यूनिट में रूचि रखने वाली कंपनी के प्रमुखों की बातचीत हुई थी, इसके बाद जर्मनी का एक दल हाल में मध्यप्रदेश के भ्रमण पर आया था। अधिकारियों की माने तो सरकार कंपनी को जमीन और कई सुविधाएं देने को तैयार है। इस यूनिट को सरकार 70 से 100 एकड़ जमीन देने के लिए लगभग तैयार है। कंपनी की शर्त है कि उन्हें भोपाल के नजदीक जमीन दी जाए, ताकि उक्त यूनिट के लिए जरूरी अमले को आवागमन में आसानी हो। हालांकि सरकार के पास भोपाल के आसपास जमीन की उपलब्धता बहुत कम है। क्या होती है एयरोप्लेन डिस्मेंटल यूनिट यह हवाई जहाज को विघटित करने वाली इकाई अर्थात टियर डाउन इकाई कहलाती है। विशेषज्ञों के मुताबिक यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें किसी विमान को व्यवस्थित रूप से अलग किया जाता है। इसमें सबसे अहम, उपयोगी पुर्जों अथवा उपकरणों को बचाना प्रमुख चुनौती होती है। इस प्रक्रिया में खतरनाक सामग्रियों को हटाना, इंजन और लैंडिंग गियर जैसे प्रमुख पुर्जों को अलग करना, फिर शेष संरचना को पुनर्चक्रण के लिए छोटे टुकड़ों में काटना शामिल होता है। प्लेन डिस्मेंटल यूनिट से प्रदेश को ये होंगे फायदे प्लेन एक बड़ा स्ट्रक्चर होता है, जिसे नष्ट करने की प्रक्रिया बहुत लंबी और जटिल होती है। इसमें कई महीने लगते हैं और सैंकड़ों कर्मचारियों की जरुरत होती है, जो कि प्रभावी तकनीकी से दक्ष होते हैं। यूनिट स्थापित की जाती है तो एयरोप्लेन के निर्माण से जुड़े कामों में दक्ष कर्मचारियों का मूवमेंट बढ़ेगा। प्लेन में कई कलपुर्जे होते हैं, जिनकी औसत आयु अलग-अलग होती है। ये बहुत महंगे और आसानी से उपल–ब्ध नहीं होने वाले उपकरणों में शामिल होते हैं। जब कई अलग-अलग कारणों से प्लेन को ऑपरेशन से बाहर किया जाता है तब भी उक्त प्लेन में उपयोग किए जाने योग्य कई उपकरण होते हैं, इन्हें सुरक्षित निकालना और उपयोग करना बड़ी चुनौती होता है।

मध्य प्रदेश के 9 जिलों में गधों का सफाया, चीन के प्रभाव पर सवाल

भोपाल  क्या मध्य प्रदेश में अब गधे दुर्लभ हो जाएंगे? ये सवाल इसलिए भी खास हो जाता है क्योंकि तीन दशक से भी कम समय में इनकी संख्या में 94% की कमी आई है। एमपी में गधों की जमसंख्या में तेजी से गिरावट देखी गई है। नई रिपोर्ट बताती है कि हिंदुस्तान का दिल कहे जाने वाले इस प्रदेश में अब सिर्फ 3,052 गधे बचे हैं, जो कि 1997 में 49,289 की संख्या से एक बड़ी गिरावट है। राज्य के 55 में से नौ जिलों में एक भी गधा नहीं पाया गया है,जो इस बात का संकेत है कि यह जानवर,जो कभी ग्रामीण भारत में परिवहन और व्यापार का मुख्य आधार था,लगभग पूरी तरह से गायब हो चुका है। गधों के गायब होने का कारण टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार,गधों के गायब होने के पीछे अभी तक कोई खास अध्ययन नहीं हुआ है,लेकिन गुड़गांव के एक पशु अधिकार कार्यकर्ता नरेश कादियान ने केंद्र सरकार से गधों को लुप्तप्राय प्रजाति घोषित करने का आग्रह किया है। वह चेतावनी देते हैं कि चीन की गधों की खाल की मांग ही इस गिरावट का कारण बन रही है। वह चीन के एजियाओ उद्योग को इसके लिए दोषी मानते हैं। इस उद्योग में गधों की खाल को उबालकर एक जिलेटिन निकाला जाता है जिसका इस्तेमाल पारंपरिक टॉनिक,कामोत्तेजक और एंटी एजिंग क्रीम बनाने में किया जाता है। इसी वजह से यह प्रजाति विलुप्त होने की कगार पर पहुंच रही है। आधिकारिक आंकड़े आधिकारिक आँकड़ों के अनुसार नर्मदापुरम में सबसे ज्यादा (332) गधे हैं। इसके बाद छतरपुर (232),रीवा (226) और मुरैना (228) का नंबर आता है। दूसरी ओर विदिशा में जहां कभी 6,400 से ज्यादा गधे थे,अब वहां सिर्फ 171 बचे हैं और भोपाल में केवल 56 । डिंडोरी, निवाड़ी, सिवनी, हरदा और उमरिया जैसे जिलों में एक भी गधा दर्ज नहीं हुआ है,जो स्थानीय रूप से उनके विलुप्त होने की पुष्टि करता है। अन्य पशुओं की स्थिति जनगणना से पशुधन की अन्य श्रेणियों में भी बड़े रुझान सामने आते हैं। मध्य प्रदेश में कुल 3.75 करोड़ जानवर हैं, जिनमें शामिल हैं:

राष्ट्रीय बालरंग भोपाल में 5 दिसम्बर को, व्यवस्थाओं को लेकर हुई बैठक

भोपाल भोपाल में राष्ट्रीय बालरंग-2025 इस वर्ष 5 दिसम्बर को इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय परिसर, श्यामला हिल्स, भोपाल में आयोजित होगा। आयोजन की व्यवस्था एवं तैयारियों को लेकर संचालक श्री डी.एस. कुशवाह की अध्यक्षता में गुरूवार को लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल में बैठक हुई। बैठक में बताया गया कि राष्ट्रीय बालरंग में 20 से अधिक राज्यों के स्कूल के विद्यार्थी अपने राज्यों की लोक संस्कृति पर आधारित प्रस्तुतियाँ देंगे। बालरंग में 500 से अधिक विद्यार्थी भागीदारी करेंगे। इसी के साथ बालरंग में 5 हजार विद्यार्थी सहभागिता कर एक भारत-श्रेष्ठ भारत की थीम पर राज्यों की लोक कलाओं से परिचित हो सकेंगे। बैठक में बताया गया कि राष्ट्रीय बालरंग का आयोजन वर्ष 2005 से निरंतर भोपाल में हो रहा है। बैठक में विद्यार्थियों के आवास, परिवहन एवं सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चर्चा की गयी। विभिन्न राज्यों से आये विद्यार्थियों को भोपाल के नजदीक पुरातत्व धरोहर भोजपुर, भीमबेटका और साँची का भ्रमण भी कराया जायेगा। 

खंडवा जिले की उद्यानिकी फसलों के लिये उद्यमियों से परियोजना प्रस्ताव आमंत्रित

हॉर्टिकल्चर क्लस्टर विकास कार्यक्रम भोपाल केन्द्र सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड (एनएचबी) द्वारा हॉर्टिकल्चर क्लस्टर विकास कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य बागवानी उत्पादों के उत्पादन, गुणवत्ता, मूल्य संवर्धन एवं विपणन आदि को प्रोत्साहित करते हुए किसानों की आय में वृद्धि करना है। कार्यक्रम के अंतर्गत मल्टी कमोडिटी, हाई-वेल्यू क्लस्टर तथा पेरी-अर्बन क्लस्टर की पहचान एवं विकास किया जाना प्रस्तावित है। मध्यप्रदेश के खंडवा जिले की प्रमुख उद्यानिकी फसलें प्याज, अरबी, टमाटर, मिर्च और तरबूज के संबंध में क्रियान्वयन एजेंसी (आई.ए.) के रूप में किसान उत्पादक संगठन के साथ उनके महासंघ, सहकारी समितियाँ, फर्म, कम्पनियाँ और इच्छुक हितधारक, उद्यमी एनएचबी की वेबसाइट http://nhb.gov.in पर उपलब्ध प्रारूप में वांछित दस्तावेजों के साथ परियोजना प्रस्ताव भारत सरकार को भेजे जा सकते हैं।  

वीडियो बन सकता है वायरल: खंडवा में ट्यूब को लेकर हुई लड़ाई, युवकों ने पीटा और लूटे पैसे

खंडवा सिंगाजी महाराज के दर्शन करने गए एक युवक के साथ चार से पांच युवकों ने मिलकर मारपीट की। पीड़ित युवक का आरोप है कि घटना की शिकायत लेकर जब वह पुलिस चौकी बीड़ पहुंचा तो वहां पुलिस ने उसकी रिपोर्ट दर्ज करने से इनकार कर दिया और उसके साथ गाली-गलौज कर चौकी से भगा दिया। घटना से आक्रोशित समाजजन बड़ी संख्या में एसपी कार्यालय पहुंचे और पुलिस अधिकारियों से कार्रवाई की मांग की। जानकारी के अनुसार, नगीन राठौर निवासी ग्राम सालफी बुधवार को सिंगाजी महाराज के दर्शन के लिए गया था। दर्शन से पूर्व वह नर्मदा नदी में स्नान कर रहा था। इसी दौरान ट्यूब की बात को लेकर चार-पांच युवकों से विवाद हो गया। विवाद बढ़ने पर युवकों ने नगीन को पटक-पटककर, लात-घूसों और बेल्ट से बेरहमी से पीटा। हमले में नगीन को गंभीर चोटें आईं।   चौकी पुलिस पर लापरवाही और अभद्रता का आरोप मारपीट में घायल नगीन राठौर जब शिकायत दर्ज कराने बीड़ चौकी पहुंचा, तो पुलिस ने कथित तौर पर उसकी शिकायत लेने से मना कर दिया। नगीन का आरोप है कि चौकी पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने न केवल रिपोर्ट लिखने से इनकार किया, बल्कि उसके साथ गाली-गलौज कर चौकी से बाहर निकाल दिया। एसपी ने समाजजनों को न्याय और उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। चौकी प्रभारी का बयान आया सामने वहीं मामले में चौकी प्रभारी का कहना है कि घायल युवक की रिपोर्ट दर्ज कर मेडिकल करवाया था। दूसरे पक्ष की शिकायत भी मामले में दर्ज की गई है। रिपोर्ट लिखी, मेडिकल भी करवाया। फरियादी की शिकायत पर हमने मामले में आरोपितों के खिलाफ रिपोर्ट लिखी, घायल युवक का मेडिकल भी करवाया है। गांव में विवाद न हो इसके लिए इसलिए दोनों पक्षों को समझाइश भी दी थी। इसके बाद मामले में क्रॉस रिपोर्ट दर्ज की गई है-राधेश्याम मालवीय, चौकी प्रभारी, बीड़।

मोहन सरकार का ग्रीन ड्राइव: अब विधायकों को EV लोन पर मोटा सब्सिडी लाभ

भोपाल प्रदेश सरकार ने 16वीं विधानसभा (दिसंबर 2023-2028) के सदस्यों को वाहन खरीदने पर ब्याज अनुदान देने का निर्णय लिया है। पहली बार इलेक्ट्रिक वाहन को योजना में शामिल किया है। तीस लाख रुपये तक का इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने पर सदस्य को चार प्रतिशत ब्याज देना होगा। शेष ब्याज सरकार चुकाएगी पर यह अधिकतम छह प्रतिशत तक होगा। इलेक्ट्रिक वाहनों पर मिलेगा छह प्रतिशत ब्याज अनुदान 15 लाख रुपये से अधिक का पेट्रोल-डीजल वाला वाहन खरीदने पर सरकार केवल दो प्रतिशत ब्याज चुकाएगी। मुख्यमंत्री डा.मोहन यादव की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया। प्रदेश में विधायकों को वाहन खरीदने पर ब्याज अनुदान देने की योजना कोरानाकाल में बंद हो गई थी। इसके बाद इसे प्रारंभ नहीं किया गया। जबकि, सदस्य इसकी लगातार मांग कर रहे थे। विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने मुख्यमंत्री डा.मोहन यादव से बात की और प्रस्ताव तैयार करके संसदीय कार्य विभाग ने वित्त विभाग को भेजा, जहां इसमें कटौती कर भेजा गया। संसदीय कार्य विभाग ने चार प्रतिशत ब्याज अनुदान देना प्रस्तावित किया था लेकिन वित्त विभाग ने इसे दो हिस्से में बांट दिया। यदि कोई विधायक 15 लाख रुपये तक का वाहन खरीदता है तो उसे चार प्रतिशत ब्याज चुकाना होगा। शेष ब्याज सरकार देगी लेकिन 15 से 30 लाख रुपये तक का वाहन खरीदने पर सरकार केवल दो प्रतिशत ब्याज अनुदान देगी। बाकी पूरा ब्याज विधायक को ही चुकाना होगा। ब्याज अनुदान पांच वर्ष तक ही दिया जाएगा। योजना में इलेक्ट्रिक वाहन की नई श्रेणी जोड़ी गई है। इसमें यह प्रविधान किया है कि 30 लाख रुपये तक का वाहन विधायक खरीदता है तो चार प्रतिशत ब्याज उसे चुकाना होगा। शेष ब्याज अधिकतम छह प्रतिशत तक सरकार चुकाएगी। आवास ऋण पर ब्याज अनुदान का मामला लंबित उधर, विधायक द्वारा आवास के लिए ऋण लेने पर ब्याज अनुदान देना भी प्रस्तावित है। सदस्य सुविधा समिति इसका भी प्रस्ताव संसदीय कार्य विभाग के माध्यम से सरकार को दी चुकी है। इसमें आवास ऋण की अधिकतम सीमा 25 से बढ़ाकर 50 लाख करना प्रस्तावित किया है क्योंकि महंगाई बढ़ने के कारण आवास भी महंगे हुए हैं। वित्त विभाग ने 25 लाख रुपये तक चार ब्याज सदस्य द्वारा देने और शेष सरकार द्वारा अनुदान के रूप में चुकाने के साथ 50 लाख रुपये तक के ऋण पर सरकार द्वारा दो प्रतिशत ब्याज अनुदान देना प्रस्तावित है। कैबिनेट के अन्य निर्णय सागर जिले की मालथौन तहसील में व्यवहार न्यायाधीश, कनिष्ठ खंड स्तर का नया पद और उनके अमले अंतर्गत तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के छह पद सृजित किए जाएंगे।  

प्रदेश के विभिन्न अंचलों के विद्यार्थी स्थानीय संस्कृति एवं लोक कलाओं का करेंगे प्रदर्शन

राज्य स्तरीय कला उत्सव 24 अक्टूबर से भोपाल में भोपाल  स्कूल शिक्षा विभाग का दो दिवसीय राज्य स्तरीय कला उत्सव शुक्रवार 24 अक्टूबर से प्रात: 10 बजे भोपाल में शुरू होगा। कार्यक्रम का उद्देश्य स्कूल के विद्यार्थियों को अपनी कला, संस्कृति और विरासत को मंच प्रदान करना है। कार्यक्रम कलियासोत, कोलार रोड के मध्यप्रदेश भूमि एवं जल प्रबंधन संस्थान (वाल्मी) में आयोजित होगा। दो दिवसीय राज्य स्तरीय कला उत्सव में प्रदेश के विभिन्न अंचलों से स्कूल के लगभग 250 विद्यार्थी अपनी प्रस्तुति देंगे। इन विद्यार्थियों का चयन 9 संभागों में विद्यार्थियों द्वारा श्रेष्ठ प्रस्तुति के आधार पर राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में हुआ है। उत्सव में मालवी एवं बुंदेली लोक गीत, बरेदीं बधाई, धीमी राय, गौर नृत्य के साथ अंचल से जुड़ी लोक नृत्य की प्रस्तुतियाँ दी जायेंगी। विद्यार्थी नाटक एवं कहानी कथा पर आधारित वाचन प्रस्तुत करेंगे। कला उत्सव की विशेषता रानी दुर्गावती एवं रानी अहिल्याबाई होल्कर के जीवन पर आधारित लघु ना‍टिकाएँ रहेंगी। कला उत्सव में वादन की श्रेणी में विद्यार्थी बाँसुरी, सितार, तबला, टिमकी, ढोलक और तुरा जैसे पारम्परिक वाद्य यंत्रों के माध्यम से संगीत की अद्भुत प्रस्तुतियाँ देंगे। मध्यप्रदेश की धरती सदैव कला की जननी रही है। भीमबेटका और इसकी गुफाएँ प्राचीन चित्रकला की साक्षी हैं। उत्सव में विद्यार्थी पिथौरा, गोंड कला एवं मालवा पेंटिंग पर आधारित अपनी चित्रकृतियाँ प्रदर्शित करेंगे। मूर्तिकला, चित्रकला तथा स्थानीय खेल और खिलौनों पर आधारित प्रतियोगिताएँ भी इस उत्सव का विशेष आकर्षण रहेंगी। राज्य स्तरीय कला उत्सव-2025 का समापन 25 अक्टूबर को होगा। उद्घाटन सत्र में स्कूल शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, शिक्षाविद मौजूद रहेंगे। 

एमएसएमई फॉर भारत सम्मेलन: मध्यप्रदेश का एमएसएमई पंडाल बना सभी के आकर्षण का केन्द्र

सैण्डस्टोन से निर्मित भगवान श्रीराम की मूर्ति ने मन मोहा भोपाल  नई दिल्ली के प्रगति मैदान में भारत मंडपम में “एमएसएमई फॉर भारत” सम्मेलन में मध्यप्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग द्वारा लगाए गए स्टॉल को काफी सराहना मिल रही है और लोगों के आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। ग्वालियर के (ओडीओपी) एक जिला-एक उत्पाद के तहत सैण्डस्टोन की दो इकाइयों श्री साईं राम स्टोन और सेंचुरी स्टोन – की कलाकृतियां स्टॉल में प्रदर्शित की गई हैं। स्टॉल पर प्रदर्शित सेंचुरी स्टोन से स्थानीय कारीगरों द्वारा बनाई गई भगवान श्रीराम की मूर्ति ने सभी का मन मोहा और निवेशकों, उद्योगपतियों और उद्यमियों का विशेष ध्यान आकर्षित किया। मध्यप्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग द्वारा इस महत्वपूर्ण आयोजन में विशेष रूप से भागीदारी की गई। विभाग के सहायक संचालक श्री अर्पित पवार ने राज्य में संचालित विभिन्न योजनाओं, औद्योगिक नीतियों और निवेश अवसरों के बार में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राज्य की नई औद्योगिक नीति और स्टार्टअप नीति ने युवाओं को स्व-रोजगार की दिशा में प्रेरित किया है। सम्मेलन का आयोजन एक मीडिया संस्थान द्वारा किया गया। इस अवसर पर केंद्र और विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधियों, उद्योग विशेषज्ञों, उद्यमियों तथा नीति निर्माताओं ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र की संभावनाओं और चुनौतियों पर विचार-विमर्श किया।  

उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने दैनिक समय के संपादक के निधन पर व्यक्त किया शोक

भोपाल उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने दैनिक समय, शहडोल के संपादक श्री चन्द्रशेखर त्रिपाठी शास्त्री के निधन पर गहन शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि स्व. त्रिपाठी शास्त्री का निधन पत्रकारिता जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। समाज और क्षेत्र के विकास में उनके योगदान को सदैव स्मरण किया जाएगा। उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करने एवं शोकाकुल परिवार को यह अपार दुःख सहन करने की शक्ति देने की ईश्वर से प्रार्थना की है। 

डॉक्टर भ्रष्टाचारी, मैं बेचता हूं नकली दवाएं: रीवा का वायरल वीडियो जगाए सवाल

रीवा रीवा में एक मेडिकल स्टोर संचालक के वायरल हुए वीडियो ने शासन और प्रशासन में गुरुवार को हड़कंप मचा कर रख दिया है। वायरल हुए वीडियो में ना सिर्फ मेडिकल स्टोर के संचालक ने मेडिकल दवाओं पर डॉक्टर्स द्वारा खेले जाने वाले कमीशन बाजी के खेल का भंडाफोड़ किया, बल्कि उसने खुद सस्ती दवाओं को महंगे दर पर बेचने सहित नकली दवा रखने की बात स्वीकार की थी। फिलहाल इस वीडियो के वायरल होते ही ना सिर्फ चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया बल्कि प्रशासनिक महकमा भी सकते में आ गया। ड्रग विभाग की जांच शुरू फिलहाल वीडियो वायरल होने के चंद घंटे बाद ही ड्रग विभाग सहित स्वास्थ्य और प्रशासनिक अमला मेडिकल स्टोर जा पहुंचा और वायरल वीडियो में मेडिकल स्टोर द्वारा कही गई बातों की सच्चाई का पता लगाने जांच शुरू कर दी। फिलहाल जांच जारी होने तक के लिए मेडिकल स्टोर को सील कर दिया गया है। दरअसल मामला रीवा शहर के प्रतिष्ठित अन्नपूर्णा मेडिकल स्टोर का है। बता दे कि यह वही मेडिकल स्टोर है जहां से लोकल स्तर पर मेडिकल कॉलेज में दवाइयां सप्लाई की जाती हैं।   प्रशासन ने सील किया मेडिकल स्टोर फिलहाल मेडिकल स्टोर संचालक का वीडियो वायरल होते ही प्रशासन ने उसे सील कर दिया है और जांच कर कार्यवाही करने की बात कर रहा है। मौके पर पहुंचे जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि अन्नपूर्णा मेडिकल स्टोर संचालक के वायरल वीडियो मामले को कलेक्टर ने स्वतः संज्ञान में लेते हुए टीम का गठन कर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। बताया गया की टीम में तीन ड्रग इंस्पेक्टर सहित कई प्रशासनिक अधिकारी व खुद जिला स्वास्थ्य अधिकारी शामिल है। शुरुआती जांच में जांच टीम ने मेडिकल स्टोर पहुंचकर खरीदी बिक्री के दस्तावेज जब्त किए हैं, साथ ही आगे की कार्रवाई के लिए दुकान को कार्यवाही तक के लिए सील कर दिया गया है। सीएमएचओ ने कहा है कि वीडियो में उल्लेख की गई सभी बातों की सच्चाई का पता लगाने का प्रयास किया जाएगा, फिलहाल मामले को जांच में लिया गया है जो फिलहाल अभी जारी है।रीवा में मेडिकल दवाओं पर कमीशनबाजी और सस्ती दवाओं को महंगे दर पर बेचने सहित नकली दवा के रखने का आरोप लगा है।