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ED की बड़ी कार्रवाई: 15 ठिकानों पर छापेमारी, 2 करोड़ कैश और विदेशी करेंसी बरामद

गुरुग्राम नया गुरुग्राम में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के पणजी जोनल कार्यालय ने 28 और 29 सितंबर 2025 को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) 1999 के तहत बड़ी कार्रवाई की। यह छापामारी गोवा, दिल्ली-एनसीआर, मुंबई और राजकोट स्थित 15 ठिकानों पर की गई। यह कार्रवाई मेसर्स गोल्डन ग्लोब होटल्स प्रा लि, मेसर्स वर्ल्डवाइड रिज़ॉर्ट्स एंड एंटरटेनमेंट प्रा लि. और गोवा के बिग डैडी कसीनो से जुड़े मामलों में हुई। ईडी की तलाशी में लगभग 2.25 करोड़ नकद, 14,000 अमेरिकी डॉलर, और अन्य विदेशी मुद्रा करीब 8.50 लाख के बराबर जब्त किए गए। वहीं, जांच में पता चला कि कसीनो में ग्राहकों को विदेशी मुद्रा के बदले पोकर चिप्स दिए जाते थे और जीत की राशि भी विदेशी मुद्रा में लौटाई जाती थी। जांच में यह भी सामने आया कि पोकर खिलाड़ियों के क्रिप्टो वॉलेट्स का इस्तेमाल लेन-देन के लिए किया जा रहा था। अंगड़िया सेवाओं और क्रिप्टो वॉलेट्स के जरिए दुबई सहित कई देशों में यूएसडीटी ट्रांसफर किए जाते थे। साथ ही कई म्यूल अकाउंट्स का इस्तेमाल जुए की रकम जमा और निकालने के लिए किया जा रहा था जिसे बाद में विदेशों में भेजा जाता था। वहीं, कार्रवाई के दौरान 90 लाख से अधिक मूल्य के यूएसडीटी (क्रिप्टोकरेंसी) को फ्रीज किया गया। साथ ही कई आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल सबूत जब्त किए गए हैं, जिनसे फेमा के उल्लंघन और हवाला/क्रिप्टो लेन-देन की पुष्टि होती है। ईडी के अनुसार, मामले की आगे की जांच जारी है।

राव नरेंद्र बने कांग्रेस अध्यक्ष और विवादों में घिर गए, INLD ने जारी किया सनसनीखेज CD

हरियाणा कांग्रेस हाईकमान ने बिहार विधानसभा चुनाव से पहले हरियाणा अध्यक्ष बदल दिया है। पूर्व मंत्री राव नरेंद्र को हरियाणा कांग्रेस का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है लेकिन राव की नियु​क्ति से जहां कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में नाराजगी है तो वहीं, विपक्ष ने भी उनके ​खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के प्रदेश अध्यक्ष रामपाल माजरा ने सोमवार को चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राव नरेंद्र की पुरानी सीडी दिखाई, जिसमें वह किसी व्यक्ति से 30 एकड़ जमीन की सीएलयू (चेंज आफ लैंड यूज) का सौदा करने की बातचीत कर रहे हैं। रामपाल माजरा ने पत्रकारों को सीडी दिखाने के साथ-साथ उसमें हुई बातचीत का ब्योरा लिखित में भी दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए राव नरेंद्र सिंह पर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप हैं और उन पर पहले से एफआईआर दर्ज है। माजरा और डबवाली के विधायक आदित्य देवीलाल ने सीडी जारी करते हुए कहा कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा को कांग्रेस ने विपक्ष का नेता बनाया है। हुड्डा तो इसके लिए बधाई के पात्र हैं ही, साथ ही भाजपा भी बधाई की पात्र हैं, क्योंकि भाजपा जिसे चाहती थी, कांग्रेस हाईकमान ने विपक्ष का नेता उसे बना दिया है। माजरा ने कहा कि राहुल गांधी ने हाल ही में बयान दिया था कि हरियाणा की कमान किसी युवा के हाथ में देंगे, लेकिन उसके उलट भ्रष्टाचार में संलिप्त लोगों को प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बना दिया गया है। भाजपा के लिए हुड्डा हमेशा फायदेमंद रहे हैं। इसीलिए भाजपा ने पिछले एक साल से विपक्ष का नेता नहीं होते हुए भी हुड्डा से सरकारी कोठी खाली नहीं करवाई। राबर्ट वाड्रा की कंपनी को भी सीएलयू देने के चलते हरियाणा कांग्रेस संगठन में हुए बदलाव माजरा ने कहा कि भूपेंद्र हुड्डा के राज में हरियाणा में कई जमीन घोटाले हुए थे। विधायकों को सीएलयू दिए जाते थे और उनसे मोटी रकम ली जाती थी। तब इनेलो ने कांग्रेस के तत्कालीन मंत्री राव नरेंद्र का स्टिंग आपरेशन करने के बाद सीडी जारी की थी। माजरा ने आरोप लगाया कि इस सीडी में राव नरेंद्र सीएलयू करवाने के 30 करोड़ से 50 करोड़ रुपए तक मांगते नजर आ रहे हैं। कांग्रेस ने अपनी पार्टी में हर तरफ देखा, लेकिन कोई भी साफ सुथरी छवि वाला व्यक्ति नहीं मिला। कैप्टन अजय यादव ने राव नरेंद्र सिंह की नियुक्ति को लेकर जो सवाल उठाए हैं, वह बिल्कुल सही हैं। उन्होंने कहा कि राव नरेंद्र को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की कांग्रेस पार्टी की कौन-सी मजबूरी थी, यह राहुल गांधी को स्पष्ट करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हुड्डा सरकार में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हास्पिटेलिटी को भी सीएलयू दिया गया था। शायद उसी के चलते हरियाणा कांग्रेस के संगठन में यह बदलाव हुए हैं। कांग्रेस ने पुरानी शराब को नई बोतल में डाल के दिया है। अगर कांग्रेस को प्रदेशाध्यक्ष चुनना था तो कुमारी सैलजा, अशोक अरोड़ा, रणदीप सुरजेवाला, कैप्टन अजय यादव और कुलदीप शर्मा में से किसी को चुन सकती थी। क्या था सीडी कांड सीडी कांड साल 2013 का है, जब इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला ने कांग्रेस के तत्कालीन पांच विधायकों राव नरेंद्र, विनोद भ्याना, नरेश सेलवाल, जरनैल सिंह और रामनिवास घोड़ेला की सीडी जारी की थी। इसमें इन सभी पर सीएलयू के बदले पैसे मांगने के आरोप थे। लोकायुक्त ने पांचों तत्कालीन विधायकों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए थे। अब भी एंटी करप्शन ब्यूरो के पास जांच लंबित है। विनोद भ्याना इस समय हांसी से भाजपा के विधायक हैं। बाकी चारों कांग्रेस की राजनीति कर रहे हैं। राव नरेंद्र व रामनिवास घोड़ेला इस समय विधायक नहीं हैं, जबकि नरेश सेलवाल और जरनैल सिंह कांग्रेस के विधायक हैं। भाजपा के हाथों में खेल रही इनेलो, इसलिए लगा रही झूठे आरोप: राव नरेंद्र सिंह नए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राव नरेंद्र ने इनेलो द्वारा लगाए गए आरोपों का कहा कि इनेलो नेता भाजपा के हाथों में खेल रहे हैं और इसीलिए कांग्रेस पर हमेशा से तथ्यहीन, झूठ और राजनीतिक द्वेष पूर्ण आरोप लगाते आए हैं। सच्चाई यह है कि इतने वर्षों से इनेलो नेता, इस मामले में खुद कोर्ट में बुलाने पर भी पेश नहीं हो रहे हैं, जबकि हम स्वयं 2016 में इस मामले को लेकर कोर्ट में गुहार लगाई थी और इनेलो के नेताओ को पार्टी बनाया था। कोई भी नेता 9 साल में कोर्ट में पेश तक नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि इनेलो ना तो सबूत लेकर कोर्ट में आई और ना ही जवाब देने की हिम्मत कर पाई, क्योंकि इस पार्टी को पता है कि उनके द्वारा जारी किया गया वीडियो पूरी तरह से एडीटिड है। इनेलो यह फर्जी वीडियो लेकर सामने आई थी, तब लोकायुक्त ने भी इसकी जांच की थी। फॉरेंसिक जांच में यह साबित हो चुका है कि इनेलो की वीडियो एडेटिड थी। इनेलो नेताओं से जब मूल वीडियो मांगा गया, तो उन्होंने जानबूझकर ब्लैंक पेन ड्राइव लोकायुक्त को सौंप दी और मूल वीडियो को छिपा लिया क्योंकि मूल वीडियो सामने आने पर यह पार्टी पूरी तरह बेनकाब हो जाती।  

मंत्री की एंट्री से बढ़ा धर्मांतरण मामला, कहा- दोषियों तक पहुंचेगा राज़

पलवल  पलवल में नाबालिग लड़की को मस्जिद में ले जाकर जबरन धर्म परिवर्तन कराने के मामले ने राजनीतिक रंग ले लिया है। इस मामले में अब प्रदेश के खेल राज्य मंत्री गौरव गौतम भी अब कूद पड़े हैं। मंत्री गौतम पलवल के लघु सचिवालय में पहुंचे, जहां लोग प्रदर्शन कर रहे थे। इस पर गौरव गौतम ने लोगों को आश्वासन दिया कि सब कुछ उनकी जानकारी में है। किसी भी आरोपी को इस मामले में बख्शा नहीं जाएगा। खेल मंत्री गौरव गौतम ने कहा कि इस मामले में उन्हें वह भी पता है जो आप लोगों को नहीं पता। मेरे पास बच्ची का वीडियो भी है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वह भरोसा रखें। सभी आरोपी जल्दी पकड़े जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस मामले में गांव से बाहर के आरोपी भी हैं। सभी आरोपी पुलिस सर्विलांस पर हैं। उन्होंने आरोपियों का नाम लेने से इंकार करते हुए कहा कि अगर उनका नाम लिया तो वह सचेत हो जाएंगे। उन्होंने लोगों के दर्द को अपना दर्द बताते हुए कहा कि मैं आपका दर्द महसूस कर सकता हूं। उन्होंने लोगों का आश्वासन देते हुए कहा कि इस मामले में आरोपियों के साथ जो किया जाएगा वह भविष्य के लिए नज़ीर होगा और आगे भी लोग ऐसा करते हुए डरेंगे। वहीं पीड़िता के पिता ने इस केस में पुलिस की कार्रवाई को लेकर नाराजगी जताई वहीं इस मामले में पलवल डीएसपी अनिल कुमार ने बताया कि नाबालिग के पिता की शिकायत पर मौलवी, दो महिलाएं सहित सभी नामजद 8 के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था  पुलिस त्वरित कार्यवाही कर मुख्य आरोपी मौलवी को गिरफ्तार तथा दो किशोर आरोपी अभिरक्षा में-लिए गए, जिसमें मुख्य आरोपी मौलवी को जेल भेजा जा चुका है ओर किशोर अपराधी बाल सुधार गृह बंद कराये जा चुके है । हाल ही में इस मामले से जुड़े दो और आरोपियों को भी गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। उन्होंने कड़े शब्दों में कहा कि मामले में उनके नेतृत्व में विशेष अनुसंधान टीम का गठन किया गया है। पुलिस मामले में गहराई से जांच कर रही है, मामले से जुड़े किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा। फरार आरोपियों की तलाश में पुलिस की टीम दबिश दे रही है, जल्द ही फरार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

सरकारी बंगले में बसा विवाद, हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार से पूछा सख्त सवाल

चंडीगढ़ पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ में सरकारी आवास में अपने 2 अधिकारियों के निर्धारित अवधि से अधिक समय तक रहने के मामले में हरियाणा सरकार से जवाब मांगा है। राज्य और केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन के रुख में विरोधाभास पाए जाने के बाद यह जवाब मांगा गया है। मार्च 2025 में केंद्र शासित प्रदेश की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि वीरेंद्र सिंह शेरावत और नीरज कुमार नाम के 2 अधिकारी 6 माह की रियायती अवधि समाप्त होने के बाद भी सरकारी आवास में रह रहे हैं। हरियाणा सरकार ने दावा किया था कि किसी भी सरकारी आवास में इस तरह की कोई भी अवधि समाप्त होने से पहले नहीं रुकी है। अदालत ने कहा कि हरियाणा का रुख गलत प्रतीत होता है। चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस संजीव बेरी की खंडपीठ ने अतिरिक्त मुख्य सचिव एक अधिकारी से 14 अक्तूबर तक हलफनामा मांगते हुए कहा कि हरियाणा या उसके पदाधिकारियों के खिलाफ आगे बढ़ने से पहले हरियाणा को उपरोक्त विसंगति या गलत जानकारी बा स्पष्टीकरण देने का अवसर देना उचित होगा। न्यायालय ने चंडीगढ़ प्रशासन से यह भी पूछा कि हाईकोर्ट के कितने कर्मचारियों/अधिकारियों को सरकारी आवास आबंटित किया गया है और वे उसमें रह रहे हैं और कितने लोग इसका इंतजार कर रहे हैं। यह जानकारी हाईकोर्ट के कर्मचारियों को चंडीगढ़ में उचित सरकारी आवास नहीं मिलने के मुद्दे पर 2024 में शुरू की गई एक स्वप्रेरणा जनहित याचिका की पुनः सुनवाई दौरान मांगी गई थी।   इस वर्ष मार्च में न्यायालय ने कहा था कि जब चंडीगढ़ में न्यायिक अधिकारियों के लिए 45 मकान विशेष रूप से निर्धारित हैं तो फिर हाईकोर्ट के विशेष नियंत्रण में एक समान पूल न्यायालयों के कर्मचारियों को आबंटन के लिए क्यों नहीं उपलब्ध कराया जाए ?  

इस जिले की मंडियों में सबसे अधिक धान की खरीद, अब तक 1.87 लाख टन पार

चंडीगढ़ खरीफ खरीद सीजन-2025 के दौरान हरियाणा की मंडियों से 187743.49 मीट्रिक टन धान की खरीद हो चुकी है। इसमें से 25000 मीट्रिक टन धान का उठान भी मंडियों/खरीद केंद्रों से हो चुका है। हरियाणा के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के एक प्रवक्ता ने कहा कि अब तक राज्य भर के लगभग 20147 किसानों से धान की खरीद की गई है। यह सभी किसान मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकृत किसान हैं। हरियाणा की मंडियों में अब तक कुल 317881.56 मीट्रिक टन धान की आवक हुई है।  उल्लेखनीय है कि हरियाणा राज्य में भारत सरकार द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य पर धान खरीद 22 सितम्बर 2025 से आरम्भहो चुकी है। अब तक सबसे अधिक धान खरीद कुरुक्षेत्र जिले में हुई है। कुरुक्षेत्र में 82760.48 मीट्रिक टन धान की खरीद हुई है। कुरुक्षेत्र में अब तक 113582.72 मीट्रिक टन धान की आवक हुई है। विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि अंबाला जिले की मंडियों में 67660.73 मीट्रिक टन धान की आवक हुई और कुल 45605.76 मीट्रिक टन धान की खरीद की गई। इसी प्रकार यमुनानगर जिले की मंडियों में अब तक 42301.91 मीट्रिक टन धान की आवक हुई है और कुल 22942.57 मीट्रिक टन धान की खरीद की जा चुकी है। मंडियों/खरीद केंद्रों से धान की खरीद खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग, हैफेड और हरियाणा राज्य भंडारण निगम द्वारा की जा रही।  

हरियाणा की स्पेशल ट्रेनें त्योहारी सीजन में, जानें तारीख और समय

चंडीगढ़  त्योहारी सीजन को देखते हुए ट्रेनों में यात्रियों की भारी भीड़ हो जाती है। हरियाणा में इन दिनों यात्रियों भारी भीड़ बढ़ जाती है। इसके चलते रेलवे ने स्पेशल ट्रेन चलाने का फैसला लिया है। रेलवे का कहना है कि इन ट्रेनों को अक्टूबर और नवंबर के महीने में संचालित किया जाएगा। इन ट्रेनों का संचालन होने से यात्रियों को काफी सहूलियत होगी और उनका सफर भी सुगम बनेगा। इसे लेकर उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शशि किरण ने जानकारी दी है। ये स्पेशल ट्रेन संचालित चलेंगी     मदार-रोहतक स्पेशल (गाड़ी नंबर 09639)- 1 अक्टूबर से 30 नवंबर तक रोज संचालित होगी।     रोहतक-मदार स्पेशल (गाड़ी नंबर 09640)- 1 अक्टूबर से 30 नवंबर तक रोजाना चलाई जाएगी।     हिसार-खड़की साप्ताहिक स्पेशल ट्रेन (गाड़ी नंबर 04725)- 12 अक्टूबर से 9 नवंबर तक हर रविवार को संचालित होगी।     खड़की-हिसार साप्ताहिक स्पेशल ट्रेन (गाड़ी नंबर 04726)- 13 अक्टूबर से 10 नवंबर तक हर सोमवार संचालित की जाएगी। ये साप्ताहिक स्पेशल ट्रेनें चलेंगी     तिरुपति-हिसार (गाड़ी नंबर 07717)- 1 अक्टूबर से 26 नवंबर तक हर बुधवार चलेगी।     हिसार-तिरुपति (गाड़ी नंबर 07718)- 5 अक्टूबर से 31 नवंबर तक प्रत्येक रविवार चलेगी।     ओखा-शकूरबस्ती सुपरफास्ट (गाड़ी नंबर 09523)- 23 अक्टूबर से 25 नवंबर तक हर मंगलवार संचालित होगी।     शकूरबस्ती-ओखा सुपरफास्ट (गाड़ी नंबर 09524)- 26 नवंबर तक हर बुधवार को चलेगी।     भावनगर-शकूरबस्ती (गाड़ी नंबर 09257)- 28 नवंबर तक हर शुक्रवार चलाई जाएगी।     शकूरबस्ती-भावनगर (गाड़ी नंबर 09258)- 29 नवंबर तक प्रत्येक शनिवार संचालित होगी। उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शशि किरण ने कहा कि स्पेशल ट्रेनों के संचालन से फेस्टिव सीजन में यात्रियों को काफी राहत मिलने की संभावना है। रेवाड़ी, हिसार, रोहतक जैसे प्रदेश के कई शहरों से लोगों का सफर आसान बनेगा।

नकली पनीर की खेप पकड़ी गई फर्रूखनगर में, फूड सेफ्टी विभाग ने मारा छापा

गुड़गांव फर्रूखनगर में फूड सेफ्टी विभाग ने सीएम फ्लाइंग के साथ मिलकर पनीर की दुकानों पर रेड की है। यहां टीम ने रेड के बाद 700 किलो से भी अधिक संदिग्ध पनीर पकड़ा है। टीम ने यह कार्रवाई सूचना के आधार पर की है।  फूड सेफ्टी ऑफिसर डॉ रमेश चौहान की मानें तो उन्हें सूचना मिली थी कि फर्रूखनगर एरिया में नकली पनीर बेचा जा रहा है। यहां गाड़ियाें के जरिए कई क्विंटल नकली पनीर दुकानों पर दिया जा रहा है जिसे खाकर लोगों के बीमार होने की संभावना बनी हुई है। इस पर टीम ने फर्रूखनगर में यादव डेयरी पर रेड कर करीब 700 किलो संदिग्ध पनीर पकड़ा। यहां से पनीर का सैंपल लेकर जांच के लिए लैब भेज दिया है। वहीं, प्रवीण डेयरी में रेड कर यहां से 96 किलो संदिग्ध पनीर और खोया पकड़ा है। टीम ने दोनों ही खाद्य पदार्थों के सैंपल लेकर जांच के लिए लैब में भेज दिए हैं। वहीं, यहां पनीर सप्लाई करने आई गाड़ी को काबू कर उसमें से भी पनीर के संदिग्ध सैंपल जांच के लिए लैब भेजे हैं। अधिकारियों ने बताया कि लैब में जांच के बाद जो भी रिपोर्ट आएगी उसके आधार पर आगामी कार्रवाई की जाएगी।   

कोई किसी से प्यार करे लेकिन… अनिल विज का ‘आई लव मोहम्मद’ पर विवादित बयान

चंडीगढ़  देश के कई राज्यों में 'आई लव मोहम्मद' ट्रेंड को लेकर हो रही हिंसा पर हरियाणा के ऊर्जा, परिवहन एवं श्रम मंत्री अनिल विज ने कड़ी नाराजगी जताई है। उन्होंने इसे देश की शांति भंग करने की सुनियोजित साजिश करार दिया। विज ने कहा कि किसी का किसी से प्यार होना बिल्कुल स्वाभाविक है, इसमें कोई समस्या नहीं, लेकिन यदि इस बहाने से कानून-व्यवस्था को धक्का पहुंचाने की कोशिश हो, तो यह बिल्कुल अस्वीकार्य है। उन्होंने आगे कहा कि किसी का किसी से इश्क हो, इसमें किसी को कोई एतराज नहीं, लेकिन लगता है कि टूलकिट के जरिए देश में अस्थिरता फैलाने के नए-नए हथकंडे आजमाए जा रहे हैं। लखनऊ में 'आई लव मोहम्मद' के होर्डिंग लगवाना और कांग्रेस की इसमें कथित संलिप्तता, ये सब एक बड़ी षड्यंत्र की कड़ियां नजर आ रही हैं। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि इस ट्रेंड का फायदा उठाकर पथराव, गोलीबारी या दंगे भड़काए जाते हैं, तो यह राष्ट्र की शांति और कानूनी ढांचे के साथ खिलवाड़ होगा, जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। राहुल गांधी गाली-गलौज करने वाला 'बच्चा' कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा भाजपा को 'वोट चोर' और अब 'पेपर चोर' ठहराने पर अनिल विज ने तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि कुछ बच्चे बचपन से ही फूहड़ भाषा बोलने के आदी हो जाते हैं और वे कभी शालीन शब्दों का इस्तेमाल नहीं कर पाते। राहुल गांधी जो चाहें बोलें, यह उनकी अपनी समझ है, लेकिन ऐसी भाषा देश की राजनीति के स्तर को नीचा दिखाती है। विज ने तंज भरे लहजे में कहा कि राहुल बार-बार वोट चोरी का हल्ला मचाते हैं, लेकिन आज तक उन्होंने एक भी ऐसा ठोस उदाहरण पेश नहीं किया जहां वास्तव में वोट चोरी हुई हो। कांग्रेस को लेकर तो ढेर सारी बातें कही जा सकती हैं। इंदिरा गांधी का चुनाव ही फर्जी मतदान के आरोप में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया था, और उसी के बाद उन्होंने आपातकाल थोप दिया। कांग्रेस का पूरा इतिहास ही लोकतंत्र और स्वतंत्र चुनाव प्रक्रिया से छेड़छाड़ का रहा है। ट्रेंड पर कई राज्यों में मचा बवाल कानपुर में 'आई लव मोहम्मद' बैनर को लेकर भड़का विवाद उत्तर प्रदेश के कई शहरों तक फैल चुका है। उत्तराखंड के ऊधम सिंह नगर में स्थिति इतनी बिगड़ गई कि पुलिस को उपद्रवियों पर कठोर कार्रवाई करनी पड़ी और बुलडोजर तक चलाना पड़ा। सोमवार को महाराष्ट्र में भी इसी मुद्दे पर हंगामा हुआ। इस विवाद के जवाब में काशी के संतों ने 'आई लव महादेव' के पोस्टर जारी कर दिए हैं। इस पूरे प्रकरण पर उलेमा और विभिन्न राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएं भी भिन्न-भिन्न हैं।      

सुरजाखेड़ा याचिका के बाद प्रशासन में हलचल: मुख्य सचिव, DGP और ADGP को नोटिस, वजह क्या है?

चंडीगढ़ पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पूर्व विधायक रामनिवास सुरजाखेड़ा की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए हरियाणा के मुख्य सचिव, डीजीपी व एडीजीपी भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) को नोटिस जारी कर 27 अक्तूबर तक जवाब तलब किया है। रामनिवास फिलहाल अंबाला के केंद्रीय जेल में बंद हैं। एसीबी ने सुरजाखेड़ा को गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया था। याचिका में बताया गया कि 2015-2019 के बीच हुडा अब एचएसवीपी (हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण) के खाते से करीब 70 करोड़ रुपये की फर्जी डेबिट ट्रांजेक्शन हुईं। कोर्ट को बताया कि इस मामले में पूर्व विधायक को सीधे तौर पर आरोपी नहीं बनाया गया था बल्कि जांच के दौरान संदिग्ध लेनदेन और बैंक खातों की कड़ियां मिलने पर उन्हें गिरफ्तार किया गया। एसीबी ने बार-बार पुलिस रिमांड मांगी। हालांकि अदालत ने हर बार रिमांड की अवधि सीमित कर दी और सिर्फ एक या दो दिन की रिमांड ही दी गई। रामनिवास का आरोप है कि उनकी गिरफ्तारी पूरी तरह गैर-कानूनी तरीके से की गई। उनके अनुसार, पुलिस और एसीबी ने गिरफ्तारी का कोई स्पष्ट और ठोस आधार पेश नहीं किया और सिर्फ सहयोग न करने को आधार बनाकर उन्हें गिरफ्तार किया गया।   याचिका में संविधान के अनुच्छेद 21 व 22 के उल्लंघन का हवाला देते हुए कहा गया है कि गिरफ्तारी व रिमांड की कार्यवाही पूरी मनमानी रही। इससे उनकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता और न्यायिक अधिकारों का उल्लंघन हुआ है। याचिका में उनकी गिरफ्तारी और रिमांड संबंधी सभी आदेशों को रद्द कर उन्हें तत्काल रिहा करने की मांग भी की गई है क्योंकि प्रथम दृष्टया उनके खिलाफ कोई प्रत्यक्ष साक्ष्य मौजूद नहीं है। साथ ही इस पूरे मामले को राजनीतिक द्वेष और बदनाम करने की सोची-समझी साजिश बताया गया है।

कांग्रेस के नए हरियाणा अध्यक्ष पर सीनियर नेता ने उठाए सवाल, पार्टी में उबाल

रोहतक  हरियाणा में कांग्रेस ने बीते साल विधानसभा चुनाव में करारी मात खाई थी। 2009 में आखिरी बार विधानसभा चुनाव जीतने वाली कांग्रेस को लगातार तीन बार हार झेलनी पड़ी है। इसके बाद नेतृत्व को लेकर रस्साकशी हुई तो एक साल बाद ही नेता विपक्ष के तौर पर भूपिंदर सिंह हुड्डा को चुना गया है तो वहीं प्रदेश अध्यक्ष अहीरवाल बेल्ट के नेता राव नरेंद्र सिंह को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। कांग्रेस को लगता है कि इससे उसे भाजपा के गढ़े बने अहीरवाल में सेंध लगाने में मदद मिलेगी, लेकिन इसका उलटा होता दिख रहा है। कैप्टन अजय सिंह यादव ने ही इस फैसले पर सवाल उठा दिए हैं, जो पार्टी के सीनियर लीडर हैं। उनका कहना है कि यह फैसला गलत है और इससे कार्यकर्ताओं का मनोबल गिरा है। कैप्टन अजय यादव ने ट्वीट किया, 'हरियाणा में कांग्रेस पार्टी के लगातार गिरते ग्राफ को देखते हुए आज लिए गए निर्णय पर पार्टी को आत्म निरीक्षण करने की आवश्यकता है। राहुल गांधी जी की इच्छा थी कि हरियाणा कांग्रेस का अध्यक्ष एक ऐसे व्यक्ति को बनाया जाए जिसकी छवि पूरी तरह साफ-सुथरी, बेदाग और युवा नेतृत्व की पहचान रखने वाली हो। लेकिन आज का निर्णय इसके ठीक उलट दिखाई देता है। इस वजह से पार्टी कार्यकर्ताओं और कैडर का मनोबल बिलकुल गिर गया है।' उनका सीधा इशारा राव नरेंद्र सिंह की ओर है, जिन्हें प्रदेश अध्यक्ष की कमान मिली है। राव नरेंद्र सिंह के खिलाफ 2016 में दर्ज हुआ था करप्शन का केस सीनियर लीडर कैप्टन अजय यादव ने यह साफ नहीं किया कि वह क्यों राव नरेंद्र सिंह को साफ-सुथरी छवि का नेता नहीं मानते हैं, लेकिन इसके तार 2016 के एक केस जोड़े जा रहे हैं। दरअसल राव नरेंद्र सिंह पर 2016 में एफआईआर दर्ज हुई थी। उन पर आरोप लगा था कि उन्होंने जमीन का इस्तेमाल बदलने के लिए कैश लिया था। लोक अदालत की जांच के बाद राव नरेंद्र सिंह के खिलाफ केस फाइल हुआ था। क्यों इतने खफा हैं कैप्टन अजय यादव माना जा रहा है कि कैप्टन अजय यादव ने इशारों में उसी केस का जिक्र करते हुए राव नरेंद्र सिंह को अध्यक्ष बनाए जाने का विरोध किया है। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि ओबीसी नेता के नाम पर खुद कैप्टन अजय यादव दावेदारी कर रहे थे। ऐसे में उनकी ही बिरादरी के राव नरेंद्र सिंह को बनाए जाने से वह खफा हैं। उन्हें लगता है कि इससे उनकी अपनी सियासी जमीन भी कमजोर होगी।