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महिलाओं के लिए खुशखबरी! हरियाणा सरकार देने जा रही ₹2100, देखें योग्यता

नारनौल हरियाणा में भाजपा ने चुनाव में जनता से वादा किया था, अगर सत्ता में आते हैं तो महिलाओं को 2100 रुपये हर माह देंगे। सत्ता में आने के बाद पूरी रुपरेखा तैयार करने के बाद नायब सरकार ने एक ओर चुनावी वादे को पूरा कर दिखाया है। अब हरियाणा में 23 साल से अधिक उम्र की लड़की/महिलाओं को नायब सरकार हर माह यह राशि उनके अकाउंट में भेजने का काम करेगी। इसका नाम दीनदयाल लाडो लक्ष्मी योजना रखा गया है। 25 सितंबर को लॉन्च होगी योजना यह बात भाजपा महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष भारती सैनी ने शनिवार को कहीं। उन्होंने कहा कि हरियाणा की लाखों महिलाओं के इस सवाल का जवाब 28 अगस्त को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने ऐलान करते हुए बता दिया। उन्होंने कहा कि पंडित दीन दयाल उपाध्याय की जयंती के मौके पर अगले माह 25 सितंबर 2025 को यह योजना लॉन्च होगी। ये है योग्यता भारती सैनी ने बताया कि 25 सितंबर 2025 से राज्य की सभी 23 साल से ज्यादा उम्र की लड़कियों व महिलाओं को इस योजना का लाभ मिलेगा महिलाएं चाहें शादीशुदा हों या फिर अविवाहित, सभी के खाते में 2100-2100 रुपये भेजे जाएंगे। पहले चरण में उन महिलाओं को शामिल किया जाएगा, जिनके परिवार की सालाना कमाई 1 लाख रुपये से कम है। आगे चलकर अन्य आय वर्ग वाले परिवारों को भी इस योजना में शामिल किया जाएगा।

सीएम नायब सिंह सैनी का बड़ा ऐलान: बनेगी ‘हरियाणा आपदा राहत बल’ की दो बटालियन

चण्डीगढ़ हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि प्रदेश में हरियाणा आपदा राहत बल की दो बटालियन बनाई जाएगी, जो राज्य में किसी भी आपात स्थिति से निपटने और लोगों की सहायता के लिए काम करेगी। इसके अलावा, जिला जींद में बनने वाले फायर एवं डिजास्टर ट्रेनिंग इंस्टीटयूट का शिलान्यास जल्द किया जाएगा। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी यहां अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवाएं तथा राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर रहे थे। नायब सिंह सैनी ने कहा कि फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट की रिन्यूअल के लिए एनओसी आवदेन करते ही ऑटोमैटिक मिल जाएगी। लेकिन रिन्यूअल होने के बाद विभाग के अधिकारी 15 दिन में रैन्डम चैक करेगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि हर स्तर पर अधिकारियों की जवाबदेही और समय सीमा तय की जाए। साथ ही फायर एनओसी को सीएम डैशबोर्ड के साथ जोड़ा जाए। मुख्यमंत्री ने फायर विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि पेंडिंग एनओसी रखने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही की जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि नई तकनीक से लैस 101 मीटर वाली अग्रिशमन की दो गाडिया जल्द ही खरीदी जाए। साथ ही हाइड्रोलिक प्लेटफ़ॉर्म की 13 अग्रिशमन वाहन, जो विभिन्न मीटर के होगें तथा 250 अग्रिशमन वाहन भी खरीदे जाऐंगे, जो ब्लॉक लेवल तक होंगे। इसके अलावा, फायर गाडियों में लगे पानी के पाईप की क्षमता को एक हजार मीटर तक बढाया जाए ताकि भीड़भाड वाले क्षेत्रों में आपदा के दौरान यह काम आ सके। श्री नायब सिंह सैनी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिला जींद में बनने वाले फायर एवं डिजास्टर ट्रेनिंग इंस्टिटयूट में एनडीआरएफ के मानदंडों के तहत कार्य होगे और भूकम्प, आग, बाढ़ आदि आपदा से सम्बंधित ट्रेनिंग करवाई जाएगी। इसके अलावा, उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि प्रदेश में जितने भी तैराक है उनका डाटा तैयार कर एक पोर्टल बनाया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार के गृह मंत्रालय की गाइडलाइन के अनुसार प्रदेश में फायर स्टेशन खोलने के लिए मैपिंग करवाई गई थी, जिसके तहत प्रदेश में 59 नए फायर स्टेशन खोले जाऐंगे। इसके अलावा अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि 10 आधुनिक फायर फाइट रोबोट भी जल्द खरीदे जाए। इनका पायलट के तौर उपयोग किया जाएगा। बैठक में मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव श्री राजेश खुल्लर, गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ सुमिता मिश्रा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री अरूण कुमार गुप्ता, अग्निशमन सेवाएँ, हरियाणा के महानिदेशक श्री शेखर विद्यार्थी, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के विशेष सचिव श्री राहुल हुड्डा सहित विभाग के अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

मानसून सत्र में हरियाणा विधानसभा रही बेहद सक्रिय, कार्य उत्पादकता 120% तक पहुँची

चंडीगढ़  हरियाणा विधान सभा अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण ने कहा कि मानसून सत्र हर दृष्टि से ऐतिहासिक रहा और इसने संसदीय परंपराओं को नई दिशा दी है। यह सत्र सकारात्मक माहौल में सम्पन्न हो गया। चार दिनों तक चले इस सत्र में 21 घंटे 8 मिनट की कार्यवाही हुई, जो 120.37 प्रतिशत उत्पादकता का प्रतीक रही। सत्र के दौरान कुल 7 विधेयक पारित किए गए और कई महत्त्वपूर्ण मुद्दों पर विधायकगणों ने चर्चा में भाग लिया। विधान सभा अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण ने शनिवार को चंडीगढ़ के सेक्टर 3 स्थित हरियाणा निवास में आयोजित प्रेस वार्ता में बताया कि सत्र 22 अगस्त से 27 अगस्त तक चला। पहले और दूसरे दिन 71, तीसरे दिन 72 और चौथे दिन 70 विधायक मौजूद रहे। इसमें मुख्यमंत्री, अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और मंत्रियों की संख्या शामिल नहीं है। उन्होंने कहा कि अनुशासन और गंभीरता के साथ विधायकगणों ने बहस में हिस्सा लिया और सदन की गरिमा को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। सत्र के समापन पर पहली बार राज्यगीत का वादन हुआ। विस अध्यक्ष ने बताया कि शून्यकाल की कार्यवाही तीन दिन चली, जिसमें 78 सदस्यों ने हिस्सा लिया। भाजपा के 30 सदस्यों ने 99 मिनट, कांग्रेस के 34 सदस्यों ने 129 मिनट, इनेलो के 2 सदस्यों ने 7 मिनट और निर्दलीय 3 विधायकों ने 10 मिनट तक अपनी बात रखी। प्रश्नकाल में भी विधायकों की सक्रियता देखने को मिली। इस दौरान 53 विधायकों से 307 तारांकित प्रश्न प्राप्त हुए, जिनमें से 194 स्वीकार किए गए और 56 प्रश्नों पर सदन में चर्चा हुई। इसके अतिरिक्त 160 अतारांकित प्रश्नों में से 132 स्वीकृत किए गए। ध्यानाकर्षण सूचनाओं के तहत कुल 40 नोटिस आए, जिनमें से 11 को स्वीकार किया गया। इनमें जलभराव, सीईटी परीक्षा की कार्यप्रणाली, धान में वायरस की समस्या, कलेक्टर रेट में वृद्धि और खिलाड़ियों की समस्याओं जैसे मुद्दे शामिल रहे। स्थगन प्रस्तावों में से एक को स्वीकार कर 26 अगस्त को तीन घंटे 35 मिनट लंबी चर्चा की गई, जिसमें मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने भी 67 मिनट तक जवाब दिया। इस सत्र में तीन सरकारी प्रस्ताव भी पारित हुए। इनमें गुरु तेग बहादुर जी की 350वीं शहादत वर्षगांठ पर प्रस्ताव, मीडिया से अपराध का महिमामंडन रोकने की अपील और एक आपराधिक विधेयक वापसी शामिल हैं। साथ ही सात महत्त्वपूर्ण विधेयक भी पारित किए गए, जिनमें सदस्य वेतन-भत्ता संशोधन, पिछड़ा वर्ग आयोग संशोधन और जीएसटी संशोधन प्रमुख रहे। सत्र के दौरान दर्शकों की भी बड़ी संख्या में भागीदारी रही। कुल 1585 लोग विधान सभा पहुंचे, जिनमें 842 विद्यार्थी, 281 स्पीकर गैलरी और 462 दर्शक दीर्घा से थे। सत्र में कई विशेष पहलें भी हुईं। पहली बार महामहिम राज्यपाल प्रो. अशीम कुमार घोष विधान भवन आए, जिनका भव्य स्वागत किया गया। टीवी चैनलों पर कार्यवाही का सीधा प्रसारण सुनिश्चित करने के लिए गाइडलाइन जारी की गई। वहीं 26 अगस्त को नशा मुक्ति का संदेश देने के लिए मुख्यमंत्री, मंत्रियों और विधायकों की भागीदारी से साइक्लोथॉन आयोजित किया गया। भविष्य की योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए विस अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण ने कहा कि अब अधिकारियों को विधायी प्रारूपण की ट्रेनिंग दी जाएगी, लोकसभा की तर्ज पर एआई आधारित रिकॉर्डिंग और अनुवाद व्यवस्था शुरू होगी तथा संविधान के मूल सिद्धांतों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए राज्यव्यापी सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे। अनुसंधान विंग को सुदृढ़ बनाने, एमएलए हॉस्टल के विस्तार और नई डिस्पेंसरी की योजना भी घोषित की गई है। इस मौके पर विधान सभा अध्यक्ष ने कहा कि वे भविष्य में भी इन व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के लिए प्रयासरत हैं। 

हरियाणा को बड़ी सौगात: करोड़ों की लागत से बनेगी सूरजमुखी तेल मिल

हरियाणा  हरियाणा में पहली सूरजमुखी तेल मिल कुरुक्षेत्र के शाहाबाद में स्थापित होगी। इसके लिए शाहाबाद से 7 KM की दूरी पर स्थित गांव अजराना कलां में 8.97 एकड़ जमीन खरीद के लिए 8.50 करोड़ रुपये की राशि को मंजूरी दे दी गई है।  बता दें कि हैफेड द्वारा स्थापित की जाने वाली सूरजमुखी तेल मिल के लिए उपयुक्त जमीन ढूंढने को जिला प्रबंधक हैफेड कुरुक्षेत्र, कार्यकारी अभियंता (मुख्यालय) हैफेड व जिला प्रशासन के प्रतिनिधि की समिति गठित की गई थी। समिति ने सबसे पहले गांव डीग में जमीन की तलाश की थी लेकिन ग्रामीणों की सहमति नहीं मिलने के कारण बिहोली गांव में जमीन देखी गई। यहां भी मिल स्थापित करने के लिए कोई सहमति नहीं बनी। अब कमेटी ने अजराना कलां में मार्केट कमेटी के सबयार्ड के पास जमीन तलाशी है। इसे खरीदने की मंजूरी मिल गई है।

कैदियों की खातिरदारी बढ़ी: अब जेल में बिस्किट-रस्क, दाल-चावल और दही मिलेगा, खर्च ₹11 करोड़ बढ़ा

हरियाणा सरकार जेल डाइट चार्ट में बदलाव करने जा रही प्रति कैदी रोजाना 12 रुपए अतिरिक्त खर्च, सालाना 11 करोड़ का बोझ ब्रेकफास्ट में नए विकल्प, लंच-डिनर में दाल-चावल-दही भी शामिल चंडीगढ़  हरियाणा सरकार ने राज्य की जेलों में कैदियों के डाइट चार्ट में बदलाव करने की तैयारी कर ली है। जेल विभाग ने इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर सरकार को भेजा है। नए चार्ट के अनुसार कैदियों को अब ब्रेकफास्ट में ब्रेड, रस्क और फैन जैसे विकल्प मिल सकेंगे, जबकि लंच और डिनर में मौसमी सब्जी, दाल, चावल और दही को शामिल किया गया है। इस बदलाव से सरकार पर सालाना लगभग 11 करोड़ 52 लाख रुपए का अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ेगा। अभी एक कैदी पर प्रतिदिन खाने और नाश्ते की लागत 62.83 रुपए आती है, जो बढ़कर 75.10 रुपए तक पहुंच जाएगी। यानी प्रति कैदी रोजाना करीब 12.27 रुपए का अतिरिक्त खर्च होगा। ब्रेकफास्ट में ब्रेड-रस्क व फैन के ऑप्शन भी मिल सकेंगे। इसके अलावा लंच और डिनर में रोटी व मौसमी सब्जी के साथ दाल, चावल और दही भी शामिल रहेगा। कैदियों के इस डाइट चार्ट में होने वाले इस बदलाव में करीब 11 करोड़ रुपए का अतिरिक्त खर्च आएगा। एक रिपोर्ट के मुताबिक कैदियों पर औसतन खर्च के मामले में हरियाणा पहले ही आंध्र प्रदेश के बाद दूसरे नंबर पर है। इससे पहले सितंबर 2023 में तत्कालीन सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कैदियों की डाइट में 10 रुपए की बढ़ोतरी की थी। हालांकि तब डाइट चार्ट में कोई बदलाव नहीं किया गया था। गौरतलब है कि कैदियों पर खर्च के मामले में हरियाणा पहले से ही देश में दूसरे नंबर पर है। प्रिजन स्टैटिस्टिक्स इंडिया रिपोर्ट-2023 के मुताबिक आंध्र प्रदेश एक कैदी पर सालाना 2.68 लाख रुपए खर्च करता है, जबकि हरियाणा में यह खर्च 1.60 लाख रुपए और दिल्ली में 1.49 लाख रुपए है। वहीं, मिजोरम में यह खर्च केवल 2,000 रुपए प्रति कैदी है। हरियाणा की 17 जिला जेलों में कुल क्षमता 22,647 कैदियों की है, लेकिन वर्तमान में 26,000 से अधिक कैदी बंद हैं। यानी यहां 121 फीसदी कैदी क्षमता से अधिक ठहरे हुए हैं। देशभर में सबसे खराब स्थिति उत्तर प्रदेश की बताई गई है, जहां क्षमता से दोगुने तक कैदी बंद हैं, जबकि लद्दाख सबसे बेहतर स्थिति में है। जेलों में डाइट बदलाव के अलावा कैदियों के लिए कई वेलफेयर योजनाएं भी चल रही हैं। करनाल में अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए जेल अकादमी खोली गई है, जहां 117 नए वार्डन और सहायक अधीक्षक को ट्रेनिंग दी जा रही है। इसके अलावा जेलों के आर्थिक स्वावलंबन के लिए पेट्रोल पंप और CNG स्टेशन भी खोले गए हैं। केवल कुरुक्षेत्र जेल के पेट्रोल पंप ने पिछले वर्ष लगभग 54 करोड़ रुपए की बिक्री की थी। अब भिवानी, सिरसा, जींद, फरीदाबाद, नूंह और नारनौल में भी नए पेट्रोल पंप लगाने की मंजूरी दी गई है। जेलों में कैंटीन भी, जहां अपने खर्च पर ब्रांडेड सामान भी खरीद रहे कैदी     कैदी और हवालाती हर साल 12 से 15 करोड़ रुपए से अधिक खर्च : हरियाणा के जेलों में बहुत से कैदी सरकारी डाइट पर ही निर्भर नहीं रहते। उन्हें जेल में तय समय पर मिलने वाले सामान्य खाने और चाय का इंतजार भी नहीं होता। क्योंकि अंदर पैसों से सब मिल जाता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश की जेलों में कैदी और हवालाती हर साल 12 से 15 करोड़ रुपए से अधिक खर्च कर देते हैं। कैदी ब्रांडेड जूते-चप्पल तक ले सकते हैं। कोल्ड ड्रिंक, बिस्किट-नमकीन, फेस क्रीम आदि भी उपलब्ध रहती हैं।     प्रति कैदी 12 रुपए रोज का खर्च बढ़ेगा  अभी जेल में कैदियों को दिए जाने वाले खाने और नाश्ते को बनाने में 3.41 रुपए मिलाकर 62.83 रुपए की लागत आती है। जेल विभाग के नए प्रस्ताव में खाने बनाने की लागत में कमी आएगी। खाना बनाने में 2.01 रुपए की लागत मिलाकर 75.10 रुपए प्रति कैदी की लागत आएगी। यानी पहले और अब के नए प्रस्ताव में करीब 12.27 रुपए का अतिरिक्त खर्च आएगा। टोटल अतिरिक्त खर्च करीब 11 करोड़ 52 लाख रुपए तक का आएगा। जेलों में पहले से ही कैंटीन सुविधा मौजूद है, जहां कैदी अपने पैसों से ब्रांडेड जूते, चप्पल, कोल्ड ड्रिंक, बिस्किट, नमकीन और अन्य सामान खरीद सकते हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक हरियाणा की जेलों में कैदी और हवालाती हर साल 12 से 15 करोड़ रुपए तक कैंटीन पर खर्च करते हैं।     कैदियों पर खर्च करने में हरियाणा देश में दूसरे नंबर पर   प्रिजन स्टैटिस्टिक्स इंडिया रिपोर्ट-2023 के मुताबिक कैदियों पर खर्च करने के मामले में हरियाणा आंध्र प्रदेश के बाद दूसरे नंबर पर है। उस रिपोर्ट के अनुसार आंध्र प्रदेश हर साल एक कैदी पर 2.68 लाख रुपए खर्च करता है, जबकि हरियाणा में 1.60 लाख रुपए और दिल्ली में 1.49 लाख रुपए खर्च किए जाते हैं। मिजोरम सरकार सबसे कम 2,000 रुपए खर्च करती है।     हरियाणा की जेलों में क्षमता से अधिक कैदी   हरियाणा के 17 जिला जेलों में 22,647 कैदियों को रखने की क्षमता है। हालांकि वर्तमान में जेल ओवरलोड हैं यानी क्षमता से अधिक कैदी रखे गए हैं। सभी जेलों में 26 हजार से ज्यादा कैदियों को रखा गया है। प्रिजन स्टैटिस्टिक्स इंडिया रिपोर्ट-2023 के मुताबिक देश में क्षमता से अधिक कैदी रखने के मामले में उत्तर प्रदेश सबसे आगे था। वहां क्षमता से दोगुने तक कैदी बंद रहे। इस मामले में हरियाणा 17वें नंबर पर है। जहां क्षमता से 121 फीसदी कैदी बंद हैं। लद्दाख सबसे बेहतर स्थिति में हैं, जहां क्षमता के मुकाबले सिर्फ 19 फीसदी कैदी बंद हैं। हरियाणा की जेलों में अभी ये चल रही वेलफेयर की स्कीमें…     ट्रेनिंग कैंप खोला जा चुका: करनाल में अधिकारियों व कर्मचारियों को ट्रेनिंग देने के लिए एक जेल एकेडमी का निर्माण करवाया गया है। जिसका उद्घाटन मुख्यमंत्री नायब सैनी ने 21 मई को किया। वर्तमान समय में इस एकेडमी में 117 नए भर्ती वार्डन, सहायक अधीक्षक जेल स्टाफ को ट्रेनिंग दी जा रही है।     पेट्रोल पंप से 54 करोड़ रुपए कमाए: इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के सहयोग से जिला जेल, कुरुक्षेत्र पर एक पेट्रोल पंप और CNG फिलिंग स्टेशन बना है। जिसमें पिछले वर्ष की कुल बिक्री … Read more

बाढ़ के बीच पानी पर विवाद: हरियाणा का BBMB को निर्देश, आप ने पंजाब को अकेला छोड़ने का आरोप लगाया

चंडीगढ़  बाढ़ जैसे हालात के बीच पंजाब और हरियाणा में पानी को लेकर फिर से विवाद शुरू हो गया है। हरियाणा ने बीबीएमबी को पत्र लिखकर कहा है कि हरियाणा की मांग के अनुरूप बोर्ड की तरफ से कम पानी छोड़ा जाना चाहिए। वहीं आम आदमी पार्टी पंजाब का आरोप है कि अब संकट की स्थिति में पंजाब को अकेला छोड़ा जा रहा है, जबकि पहले अधिक पानी के लिए दबाव बनाया जा रहा था।  पंजाब-हरियाणा में पानी प्रबंधन को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। हरियाणा सरकार ने भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) और पंजाब सरकार को एक खत लिखा है। जिससे दोनों राज्यों के बीच फिर से विवाद खड़ा हो सकता है। दरअसल, हरियाणा सरकार ने कहा है कि उसकी नहरों की ओर छोड़े जाने वाले 2,500 क्यूसेक पानी को कम किया जाए। जबकि एक सप्ताह पहले ही हरियाणा सीएम ने पंजाब सरकार को खत लिख बाढ़ की स्थिति में अतिरिक्त मदद की बात कही थी। जबकि उनके इस फैसले से राज्य के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं, क्योंकि पानी का कम निकास सीधे-सीधे नदियों और बांधों पर दबाव बढ़ाएगा। खत में कहा गया है कि 29 अगस्त 2025 को हरियाणा कॉन्टैक्ट प्वाइंट (HCP) पर पानी का डिस्चार्ज 8,894 क्यूसेक पाया गया, जबकि हरियाणा ने 7,900 क्यूसेक की मांग की थी। इससे पहले 26 अगस्त 2025 को हरियाणा ने इंडेंट घटाकर 7,900 क्यूसेक किया था, लेकिन पानी का डिस्चार्ज कम नहीं किया गया। अब लगातार भारी बारिश होने के कारण नहर क्षेत्र और कैचमेंट एरिया में पानी की मांग और घट गई है। इसी वजह से 29 अगस्त 2025 को एक और नया मांग पत्र दिया गया है, जिसमें केवल 6,250 क्यूसेक पानी की जरूरत बताई गई है। हरियाणा सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग ने पत्र में कहा कि हरियाणा के लिए पानी का डिस्चार्ज 8,894 क्यूसेक दर्ज किया गया, जबकि उन्होंने 7,900 क्यूसेक पानी देने की ही मांग की थी। विभाग ने बताया कि 26 अगस्त को 7,900 क्यूसेक तक पानी की मांग घटा दी गई थी, लेकिन पानी का डिस्चार्ज कम नहीं हुआ। लगातार हो रही भारी बारिश के कारण पानी की मांग काफी घट गई है। इसी को ध्यान में रखते हुए अब 6,250 क्यूसेक पानी लेने की ही उन्होंने सहमति दी है।  विभाग ने चेतावनी दी है कि बाढ़ जैसी स्थिति को देखते हुए नहर प्रणाली और आसपास की आबादी की सुरक्षा सुनिश्चित करना जरूरी है। इसलिए संबंधित अधिकारियों को तुरंत प्रभाव से कम पानी छोड़ना चाहिए।  आम आदमी पार्टी पंजाब के प्रवक्ता नील गर्ग ने कहा कि जब पंजाब की धरती प्यासी होती है तो उसका हक छीना जाता है।अब जब चारों तरफ पानी ही पानी है तो पंजाब को अकेला छोड़ दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पंजाब ने हरियाणा से गुहार लगाई कि भाखड़ा का पानी ज्यादा ले लो, ताकि पंजाब को बाढ़ से बचाया जा सकें, लेकिन हरियाणा पानी का कोटा कम करने की मांग कर रहा है।  उन्होंने सवाल किया कि क्या पंजाब सिर्फ नुकसान झेलने के लिए है। हरियाणा को जवाब देना चाहिए कि क्या मदद की पेशकश सिर्फ सियासी जुमला था। 

यमुना के 18 गेट खुले, दिल्ली में बढ़ा बाढ़ का खतरा; हरियाणा के अंबाला में विज ने किया दौरा

अंबाला पहाड़ों में लगातार हो रही भारी बारिश का असर अब मैदानी इलाकों में भी दिखाई देने लगा है। अंबाला की टांगरी नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है और यह 8 फीट के खतरे के निशान के करीब पहुंच चुकी है। सिंचाई विभाग के अनुसार, जलस्तर और बढ़ने की संभावना है। स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है और आसपास के डीएवी रिवर साइड सहित कई स्कूलों में छुट्टियां घोषित कर दी गई हैं। हरियाणा के ऊर्जा एवं परिवहन मंत्री अनिल विज ने टांगरी नदी के आसपास के क्षेत्रों का जायजा लिया। उन्होंने पुलिस को निर्देश दिए कि नदी के किनारे बसी कॉलोनियों के लोगों को जरूरी सामान के साथ सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए। साथ ही, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) को भी अलर्ट मोड पर रखा गया है। टांगरी बांध पर सिंचाई विभाग और पुलिस की टीमें तैनात हैं, जो लगातार जलस्तर पर नजर रख रही हैं। यमुनानगर के साथ उगते उत्तराखंड के पहाड़ों पर भारी बारिश होने से यमुना नदी पर बने हथिनी कुंड बैराज का एकाएक जलस्तर बढ़ गया। ऐसे में शुक्रवार को यमुना नदी का जलस्तर 50 हजार क्यूसेक को पार कर 67,034 क्यूसेक दर्ज किया गया। इसमें यमुना में 58,514, पश्चिमी यमुना में 7010 व पूर्वी यमुना में 1510 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। उधर, जलस्तर बढ़ने पर फिर से बैराज के 18 गेट खोल दिए गए और पानी को दिल्ली की तरफ डायवर्ट कर दिया गया। ऐसे में दिल्ली में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। उधर, सिंचाई विभाग के अधिकारियों का कहना है जिले के साथ लगते कैचमेंट एरिया में भारी बारिश हो रही है, ऐसे में यमुना नदी का जलस्तर और बढ़ने की संभावना है। इसके अलावा बैराज के कर्मचारियों को 24 घंटे अलर्ट रहने के लिए आदेश दिए गए हैं। साथ ही हर घंटे बैराज पर जलस्तर की उपस्थिति दर्ज होने के बाद रिपोर्ट देने की बात कही गई है।  

अधूरी जांच का हवाला देकर ज्योति मल्होत्रा के लिए डिफॉल्ट बेल की मांग

हिसार  पाकिस्तान के लिए जासूसी के शक में गिरफ्तार ज्योति मल्होत्रा मामले की सुनवाई सिविल जज सुनील कुमार की अदालत में हुई। ज्योति मल्होत्रा को चार्जशीट की प्रति दिए जाने पर बहस हुई। अदालत में सरकारी वकील ने कहा कि अभी जांच पूरी नहीं हुई है। ऐसे में संवेदनशील जानकारी देने से जांच प्रभावित हो सकती है। इसलिए आरोपी पक्ष को खुफिया जानकारी नहीं दी जाए। ज्योति के वकील ने इस बिंदु को आधार बनाते हुए डिफॉल्ट बेल ( वैधानिक जमानत) की याचिका दायर की है, जिस पर अदालत ने पुलिस से शनिवार को जवाब मांगा है। अदालत में ज्योति मल्होत्रा के वकील कुमार मुकेश ने कहा कि पुलिस ने अभी तक जांच पूरी नहीं की है। भारतीय न्याय संहिता के अनुसार 14 अगस्त को पुलिस को ज्योति मल्होत्रा के खिलाफ जांच पूरी करनी थी। 14 अगस्त को पुलिस ने अधूरा चार्जशीट पेश करी थी। ज्योति को अब तक चार्जशीट की प्रति नहीं दी गई है। इस तरह के मामलों में सुप्रीम कोर्ट के आर्डर हैं कि अधूरी पुलिस जांच के मामले में आरोपी पक्ष का बेल का अधिकार है, जिसकी कॉपी कोर्ट में जमा कर दी गई है। अदालत चाहे तो बिना पुलिस का पक्ष सुने भी डिफ़ॉल्ट बेल भी दे सकती थी। इस मामले में पुलिस ने अधूरी चार्जशीट पेश की थी, इसी के चलते अदालत ने पुलिस को अपना पक्ष रखने का मौका दिया है। पूरा चालान देना ही होगा… ज्योति के वकील कुमार मुकेश ने 193 की धारा 7 का हवाला देते हुए कहा कि यह हम चार्जशीट का पूरा हिस्सा नहीं दे सकते। पुलिस ने 14 अगस्त का चालान पेश किया, इसके 11 दिन बाद 25 अगस्त को एप्लीकेशन दी कि हम पूरी चार्जशीट नहीं दे सकते। 11 दिन बाद इस एप्लीकेशन का क्या अर्थ है। पुलिस को उसी दिन एप्लीकेशन देनी चाहिए थी। ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट का हवाला देकर पुलिस दस्तावेज देने से इन्कार नहीं कर सकती। पुलिस दोनों चालान की प्रति हमें दे, ताकि हम अपना जवाब तैयार कर सकें। ज्योति की छवि सुधारने के मीडिया बीफ्रिंग जरूरी… मीडिया ब्रीफिंग रोकने की एप्लीकेशन पर कुमार मुकेश ने कहा कि पुलिस ने इस मामले में ब्रीफिंग कर ज्योति मल्होत्रा पर कई तरह के गंभीर आरोप लगाए। ज्योति मल्होत्रा को देशद्रोही तक करार दिया जा रहा है। ज्योति के पिता का घर से निकलना दूभर हो गया है। अगर मैं ज्योति के मामले की कवरेज जनता तक नहीं जाएगी तो लोगों में बनी उसकी छवि कैसे ठीक होगी।

कोर्ट से अनुमति लेकर मां बनीं हरियाणा की स्वास्थ्य मंत्री, परिवार में गूंजी किलकारी

हिसार  हरियाणा की स्वास्थ्य मंत्री आरती राव सरोगेसी से सिंगल मदर (एकल मां) बन गई हैं। उनका बेटा तीन माह का हो गया है। आरती ने बेटे का नाम राव जयवीर सिंह रखा है। माना जा रहा है जयवीर अपने नाना केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाएगा। स्वास्थ्य मंत्री के परिवार ने आरती के सरोगेसी से सिंगल मदर बनने की सूचना सार्वजनिक नहीं की है। मंत्री के निजी सहायक नवीन यादव ने सरोगेसी से आरती के सिंगल मदर बनने की पुष्टि की है। जयवीर सिंह का लालन-पालन मंत्री आवास पर हो रहा है। केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत की दो बेटियां हैं। आरती राव बड़ी बेटी हैं। उन्होंने साल 2024 के विधानसभा चुनाव में अटेली विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीता था। नायब सैनी सरकार में आरती स्वास्थ्य मंत्री हैं। छोटी बेटी का नाम भारती राव है। भारती दो बेटों की मां हैं। वह राजनीति व सुर्खियों से दूर रहती हैं। बड़ी बेटी आरती राव ही पिता की सियासी विरासत को संभाल रही हैं। सरोगेसी से मां बनने के लिए कोर्ट से ली थी अनुमति बताया जा रहा है कि स्वास्थ्य मंत्री आरती ने सरोगेसी से सिंगल मदर बनने के लिए पहले कोर्ट से अनुमति मांगी थी। अनुमति मिलने के बाद ही पूरी प्रक्रिया अपनाई गई। करीब तीन माह पहले आरती राव के घर बेटे के जन्म की खुशियां आईं। राव तुलाराम की पांचवीं पीढ़ी में अब राव जयवीर सिंह हैं। आरती के दादा राव बीरेंद्र सिंह मार्च 1967 में हरियाणा के दूसरे मुख्यमंत्री बने थे। राव बीरेंद्र की सियासी विरासत को उनके बेटे राव इंद्रजीत ने संभाला। इंद्रजीत के भाई भी राजनीति में आए लेकिन ज्यादा सफल नहीं रहे। शुरू से पिता के करीब रही हैं आरती तीन जुलाई 1979 को जन्मीं आरती राव शुरू से पिता राव इंद्रजीत के ज्यादा करीब रही हैं। पिता से प्रेरित होकर ही आरती निशानेबाज बनीं और बाद में राजनीति में आईंं। छह से अधिक बार सार्वजनिक मंच से हरियाणा में भाजपा सरकार दक्षिण हरियाणा में जीत की वजह से बनने की बात कहकर उन्होंने राजनीतिक हलचल मचाई थी। उनके पिता भी हमेशा से अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में बने रहते हैं। आरती 15 बार राष्ट्रीय निशानेबाजी चैंपियन रह चुकी हैं।

सरकार ने बढ़ाई सैलरी, 1 जुलाई से हरियाणा कौशल रोजगार निगम के कर्मचारियों को मिलेगा फायदा

चंडीगढ़   हरियाणा सरकार ने हरियाणा कौशल रोजगार निगम (HKRN) के कर्मचारियों को एक और बड़ी राहत दी है। सरकार ने उनकी मजदूरी दरों में 5 प्रतिशत की बढ़ोतरी का ऐलान किया है। यह संशोधन 1 जून 2025 से लागू होगा। इस संबंध में सरकार ने आधिकारिक पत्र भी जारी कर दिया है। इसमें स्पष्ट किया गया है कि वित्त विभाग ने प्रस्ताव पर अपनी सहमति दे दी है और इसके तहत मजदूरी दरों में 50 रुपये का इजाफा किया गया है। इस निर्णय का सीधा लाभ प्रदेश के लगभग 1.18 लाख कर्मचारियों को मिलेगा। यह लगातार दूसरा मौका है जब HKRN कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी की गई है। जून 2024 में भी 5 प्रतिशत सैलरी वृद्धि लागू की गई थी, जिससे कर्मचारियों की आय में 900 से 1200 रुपये तक का इजाफा हुआ था। वेतन में होगा इतना इजाफा इस वृद्धि से कर्मचारियों की सैलरी में 900 रुपये से लेकर 1200 रुपये की बढ़ोतरी होगी। जिन कर्मचारियों को पांच से दस साल का अनुभव है उनके वेतन में दस फीसदी और जिनका दस साल या उससे ऊपर है उनके वेतन में 20 फीसदी की बढ़ोतरी होगी। इससे पहले हरियाणा कौशल रोजगार निगम के कर्मचारियों की जून महीने में 5 प्रतिशत सैलरी बढ़ाई गई थी। बता दे कि हाल ही में हरियाणा सरकार ने हरियाणा कौशल रोजगार निगम के माध्यम से विभिन्न विभागों, बोर्डों और निगमों में कार्यरत अनुबंध कर्मचारियों की सेवा अवधि 30 सितम्बर, 2025 तक बढ़ाया है। जिलेवार श्रेणी के हिसाब से मिलेगा लाभ यह वेतन वृद्धि जिलावार श्रेणी के हिसाब से लागू होगी। चुंकी हरियाणा सरकार ने जिले को तीन श्रेणियों में बांट रखा है। पहली श्रेणी में गुरुग्राम, फरीदाबाद, पंचकूला, सोनीपत, दिल्ली और चंडीगढ़, दूसरी श्रेणी में पानीपत, झज्जर, पलवल, करनाल, अंबाला, हिसार, रोहतक, रेवाड़ी, कुरुक्षेत्र, कैथल, यमुनानगर, भिवानी और जींद जिले आते हैं। वहीं, महेंद्रगढ़, फतेहाबाद, सिरसा, नूंह और चरखी दादरी को तीसरी कैटेगरी में रखा गया है। 2023 में हुई थी बड़ी बढ़ोतरी इससे पहले वर्ष 2023 में भी कर्मचारियों के वेतनमान में 10 से 20 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की गई थी। उस समय थर्ड लेवल पर 10 साल अनुभव वाले कर्मचारी का बेस रेट 20,700 रुपये, सेकेंड लेवल का 22,000 रुपये और फर्स्ट लेवल का 18,100 रुपये तय किया गया था।