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बम धमकी से दहला चंडीगढ़ हाईकोर्ट, चप्पे-चप्पे की तलाशी, सुरक्षा अलर्ट पर पुलिस

चंडीगढ़ चंडीगढ़ के सेक्टर-1 स्थित पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी मिली है। इसके बाद चंडीगढ़ पुलिस अलर्ट हो गई है। पुलिस की तरफ से हाईकोर्ट की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। वहीं हाईकोर्ट परिसर में सर्च भी किया जा रहा है। सूचना मिलते ही पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया। पुलिस अधिकारी दल बल के साथ मौके पर पहुंचे हैं।  हाइकोर्ट को इससे पहले भी बम से उड़ाने की धमकी मिली थी। एक बार फिर से बम से उड़ाने की धमकी मिली है। बताया जा रहा है कि ईमेल के जरिये यह धमकी दी गई है। पुलिस कंट्रोल रूम पर सूचना के बाद मौके पर वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, बम स्क्वायड और ऑपरेशन सेल की टीम पहुंची है। हाइकोर्ट परिसर में सर्च ऑपरेशन चलाया गया। पुलिस सूत्रों ने बताया कि सर्च के दौरान कुछ संदिग्ध बरामद नहीं हुआ है। हालांकि पुलिस टीमें चप्पे चप्पे को खंगाल रही है।  जानकारी के अनुसार रजिस्ट्रार को धमकी भरा ई-मेल आया है। कुछ समय पहले भी बम से उड़ाने की एक मेल आई थी, लेकिन सर्च के दौरान कुछ नहीं मिला था। हालांकि पुलिस विभाग ने हाईकोर्ट परिसर की सुरक्षा बढ़ा दी है। हाईकोर्ट में आने जाने वाले लोगों की भी तलाशी ली जा रही है। 

लेडी टीचर मनीषा की मौत रहस्य में घिरी, दिल्ली भेजी गई डेडबॉडी; हत्या या आत्महत्या पर सस्पेंस

भिवानी हरियाणा के भिवानी की लेडी टीचर मनीषा की हत्या हुई या उसने आत्महत्या की, इसका राज अब CBI खोलेगी। सरकार ने मनीषा डेथ मिस्ट्री की जांच CBI को सौंपने का ऐलान कर दिया है।CM नायब सैनी ने कहा कि परिवार की मांग पर जांच CBI को सौंपी जा रही है। इस मामले में पूरा न्याय किया जाएगा।वहीं भिवानी सिविल अस्पताल और रोहतक PGI के बाद अब मनीषा का तीसरी बार दिल्ली एम्स (AIIMS) में पोस्टमॉर्टम कराया जाएगा। इसके लिए मनीषा की डेडबॉडी दिल्ली भेज दी गई है। वहां से पोस्टमॉर्टम होने के बाद मनीषा का उनके गांव ढाणी लक्ष्मण में अंतिम संस्कार कर दिया जाएगा। फिलहाल लोग धरने पर बैठे हुए हैं।हालात बिगड़ने की आशंका से पुलिस भी हाईअलर्ट पर है। भिवानी और चरखी दादरी में 19 अगस्त की सुबह 11 बजे से 21 अगस्त सुबह 11 बजे तक इंटरनेट बंद किया जा चुका है। गांव से 5 किमी दूर दंगा रोकू वाहन, रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) और 3 जिलों की पुलिस फोर्स तैनात है। पुलिस ने गांव की चारों तरफ से नाकाबंदी कर रखी है। ग्रामीणों के बंद किए रास्तों को साफ करने के लिए जेसीबी मंगा ली गई है। इससे पहले प्रशासन ने सोमवार देर रात मनीषा के पिता को अंतिम संस्कार के लिए राजी कर लिया था। मगर, मंगलवार को इसका पता चलने पर ग्रामीण भड़क उठे। उन्होंने ऐलान कर दिया कि गांव में अंतिम संस्कार नहीं होने देंगे। इसके बाद पुलिस-प्रशासन पीछे हट गया। ग्रामीणों ने संघर्ष के लिए नई गांव कमेटी बनाते हुए आज (20 अगस्त) से पक्के मोर्चे का ऐलान कर दिया। मनीषा के पिता ने बताया कि सरकार ने हमारी मांगे मान ली है और धरना खत्म किया जाएगा। बता दें कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जहर की पुष्टि होने के बाद पहले परिजनों के मनीषा के अंतिम संस्कार के लिए मानने की बात सामने आई थी लेकिन अब तक मनीषा का अंतिम संस्कार नहीं किया गया है।    13 अगस्त को मनीषा का शव झाड़ियों में मिला था जिसके बाद परिवार ने रेप के बाद हत्या का शक जताया है। मनीषा का दो बार पोस्टमार्टम किया गया है। पहले भिवानी और फिर रोहतक पीजीआई में। दोनों पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जहर खाने से मौत का कारण सामने आया है। हरियाणा राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रेनु पहुंची ढिगावा, शव का दिल्ली एम्स में पोस्टमार्टम शिक्षिका मनीषा मौत मामले में बुधवार दोपहर डेढ़ बजे हरियाणा राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रेनु भाटिया ढिगावामंडी के रेस्ट हाउस में पहुंची। जहां मनीषा मौत मामले में संज्ञान लेते हुए पीड़ित परिवार के लोगों से बातचीत की वहीं पुलिस की अब तक इस मामले में की गई कार्रवाई को लेकर भी मंथन किया। रेनु भाटिया ने परिजनों को विश्वास दिलाया कि हरियाणा सरकार और महिला आयोग इस मामले में पीड़ित परिवार के साथ खड़ा है। हर पहलु से मामले की जांच होगी। मनीषा को न्याय दिलाया जाएगा। इस दौरान उन्होंने पुलिस अधिकारियों से भी बातचीत की और इस मामले में हत्या या आत्महत्या दोनों ही पहलु की जांच के दौरान परिजनों की संतुष्टि कराने की भी बात कही। वहीं मनीषा के शव का तीसरी बार एम्स दिल्ली में पोस्टमार्टम पर भी भाटिया ने संज्ञान लिया।  शिक्षिका मनीषा मौत मामले में हरियाणा सरकार द्वारा सीबीआई जांच और दिल्ली एम्स में तीसरी बार पोस्टमार्टम कराने की मंजूरी देने के बाद परिजनों का रुख नरम पड़ा है। बुधवार सुबह भिवानी के जिला नागरिक अस्पताल के शवगृह में रखे मनीषा के शव को लेने के लिए आईपीएस प्रतीक अग्रवाल पहुंचे। उनके साथ कमांडों और भारी पुलिस बल भी मौजूद रहा। एंबुलेंस में मनीषा के शव को दिल्ली एम्स में रिसेपलिंग के लिए ले जाया गया है। शव के साथ एंबुलेंस में दो परिजन भी साथ गए हैं। दिल्ली एम्स में मनीषा के बिसरा सैंपल के साथ तीसरी बार पोस्टमार्टम के लिए शव से भी कुछ नए सैंपल लिए जाएंगे। जिसके आधार पर ही तीसरी बार चिकित्सकों की टीम इस नतीजे पर पहुंचेगी कि आखिर मनीषा की हत्या हुई है या फिर ये आत्महत्या है। अब तक मनीषा के दो पोस्टमार्टम हो चुके हैं। जिसमें पहला पोस्टमार्टम भिवानी जिला नागरिक अस्पताल में हुआ है। उसमें मनीषा के गले को तेजधार हथियार से काटे जाने, दोनों आगे गायब होने और श्वास व भोजन नली कटी होने की बातें सामने आई थी। इसके बाद ही भिवानी पुलिस ने इस मामले में हत्या का केस दर्ज कर जांच के लिए एसआईटी गठित की थी। पुलिस की छह टीमें भी मामले की जांच में जुटी हैं। इसी बीच रोहतक पीजीआई में भी मनीषा का दूसरी बार पोस्टमार्टम हो चुका है। एफएसएल रिपोर्ट के आधार पर चिकित्सकों ने मनीषा की मौत जहरीला पदार्थ निगलने और शव को कुत्तों व जंगली जानवरों द्वारा नोंच खाने की बातें सामने आई थी। जिससे परिजन व ग्रामीण संतुष्ट नहीं थे। इसी के चलते गांव ढाणी लक्ष्मण में सोमवार देर रात से ही पक्का मोर्चा डालकर आंदोलन किया जा रहा था। इससे पहले सिंघानी के पास अनिश्चित कालीन धरना देकर परिजन शव लेने से इंकार कर रहे थे। अब हरियाणा सरकार ने तीसरी बार दिल्ली एम्स में मनीषा के पोस्टमार्टम् और मामले की सीबीलआई जांच की मांग स्वीकार की है। जिसके बाद मनीषा के शव काे दिल्ली एम्स में सैंपलिंग के लिए ले जाया गया है।  सुबह गांव में ढिगावा तक लाया गया था मनीषा का शव बुधवार सुबह मनीषा के शव को अंतिम संस्कार के लिए एंबुलेंस में ढिगावा तक लाया गया था, लेकिन परिजनों ने शव काे लेने से इंकार कर दिया। जिसके बाद वापस शव को जिला नागरिक अस्पताल के शवगृह में वापस लाया गया। इसके बाद आईपीएस प्रतीक अग्रवाल की अगुवाई में शव को दिलली एम्स में ले जाया गया।  ढाणी लक्ष्मण में चल रहा है धरना, जुटे सैकड़ों लोग बुधवार को भी मनीषा के पैतृक गांव ढाणी लक्ष्मण में धरना चल रहा है। जहां भारी संख्या में लोग जुट रहे हैं। धरना पर विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी भी पहुंच रहे हैं और मनीषा की मौत में न्याय मांग रहे हैं। मनीषा की मौत को लेकर मंगलवार को किसान नेता गुरनाम सिंह चंडूनी, सुरेश कौथ सहित अन्य किसान नेता भी पहुंचे थे। जिसके बाद ये मामला एक बार … Read more

कर्मचारियों के हित में हरियाणा सरकार ने लिया निर्णय, हड़ताल का समय अब अवकाश में गिनेगा

चंडीगढ़ हरियाणा सरकार ने साल 2023 में हड़ताल पर गए लिपिकों के हित में बड़ा निर्णय लिया है। अब इस हड़ताल अवधि को उपार्जित अवकाश (लीव ऑफ दी काइंड ड्यू) माना जाएगा। साथ ही, हड़ताल अवधि का न तो वेतन काटा जाएगा और न ही इस अवधि को सेवा में बाधा (ब्रेक इन सर्विस) के रूप में नहीं माना जाएगा। मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, जिनके पास वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव का कार्यभार भी है, द्वारा जारी एक पत्र में कहा गया है कि हड़ताल पर जाने से पूर्व अर्जित अथवा संचित ‘अर्जित अवकाश’ को सर्वप्रथम समायोजित किया जाएगा, इसके पश्चात ‘हाफ पे लीव’ जाएगा। अर्जित अवकाश और ‘हाफ पे लीव’ की कटौती के बाद भी यदि हड़ताल अवधि शेष रहती है तो अग्रिम अर्जित अवकाश स्वीकृत किया जाएगा, जिसे संबंधित लिपिकों के भविष्य में अर्जित होने वाले अवकाश खाते से समायोजित किया जाएगा। पत्र में कहा गया है कि यह छूट केवल एक बार की विशेष व्यवस्था के तौर दी जा रही है और इसे भविष्य में मिसाल के तौर पर नहीं लिया जाएगा। ये निर्देश केवल कुछ श्रेणियों के कर्मचारियों, खास तौर पर लिपिकों पर लागू होंगे, जिन्होंने उस विशेष हड़ताल में भाग लिया था। ये निर्देश अन्य किसी भी मामले में लागू नहीं होंगे। तदनुसार, विभागों में कार्यरत एसएएस कैडर से सत्यापन के उपरांत वेतन जारी किया जा सकता है। इस सम्बन्ध में सभी प्रशासकीय सचिवों, विभागाध्यक्षों, सभी मंडलायुक्तों, उपायुक्तों, उप-मंडल अधिकारियों (नागरिक) और खजाना अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए हैं।

58 की उम्र पार करने वालों को अब सिर्फ 2 साल तक ही नौकरी का मौका, सरकार ने जारी की नई गाइडलाइन

चंडीगढ़  हरियाणा सरकार ने सरकारी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति के बाद पुनर्नियोजन (री-इम्पलॉयमेंट) से संबंधित मामलों के निपटान के लिए संशोधित दिशा-निर्देश जारी किए हैं। हरियाणा सिविल सेवा (सामान्य) नियम, 2016 के नियम-143 के अनुसार केवल असाधारण या अपवादस्वरूप परिस्थितियों में ही 58 साल के बाद अधिकतम 2 वर्ष तक री-इम्पलॉयमेंट की अनुमति दी जा सकती है। मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी द्वारा सभी प्रशासकीय सचिवों, विभागाध्यक्षों, मंडलायुक्तों और उपायुक्तों को एक पत्र जारी किया गया है। पत्र अनुसार राज्य सरकार ने 18 जून, 2025 को जारी आदेशों के माध्यम से एक समिति का पुनर्गठन किया है। यह समिति उन व्यक्तिगत मामलों और श्रेणी या वर्ग के स्तर पर मामलों की समीक्षा करेगी जिनकी सेवाएं संगठन के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए आवश्यक हैं। प्रस्तावों पर विचार के लिए हर महीने एक निश्चित तिथि को समिति की बैठक होगी। संशोधित प्रक्रिया के अंतर्गत, प्रशासनिक विभाग यह सुनिश्चित करेंगे कि किन परिस्थितियों में संवानिवृत्त अधिकारियों या कर्मचारियों की सेवाएं सेवानिवृत्ति के बाद भी आवश्यक हैं। री-इम्पलॉयमेंट केवल उन्हीं मामलों में विचाराधीन होगी, जहां सेवाओं की प्रभावी आपूर्ति के लिए यह अपरिहार्य हो और जहां कनिष्ठ कर्मचारियों की पदोन्नति की संभावनाओं पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े। इसके अलावा, संबंधित अधिकारी का सेवा रिकॉर्ड अच्छा होना अनिवार्य है और उसके विरुद्ध कोई अनुशासनात्मक कार्यवाही लंबित न हो। री-इम्पलॉयमेंट की अधिकतम आयु सीमा 63 वर्ष निर्धारित की गई है ताकि अधिकारी या कर्मचारी 65 वर्ष की आयु तक कम से कम 2 वर्ष तक सेवा कर सकें। प्रशासनिक विभाग को अपने मंत्री-प्रभारी की स्वीकृति प्राप्त करने के बाद संबंधित मामले मानव संसाधन विभाग (मानव संसाधन-1 शाखा) को भेजने होंगे। इसके बाद समिति अपनी सिफारिशें संबंधित प्रशासनिक विभाग को भेजेगी। इसके बाद संबंधित विभाग वित्त विभाग की सहमति प्राप्त कर मुख्यमंत्री की स्वीकृति के बाद ही री-इम्पलॉयमेंट आदेश जारी करेंगे।

कर्मचारियों को मिली राहत, हरियाणा CM सैनी ने किया वेतन से जुड़ा बड़ा ऐलान

चंडीगढ़ जुलाई 2023 में 42 दिन की हड़ताल पर रहे लिपिकों को प्रदेश सरकार ने बड़ी राहत दी है। अब इस हड़ताल अवधि को उपार्जित अवकाश (लीव आफ दी काइंड ड्यू) माना जाएगा। हड़ताल अवधि का न तो वेतन काटा जाएगा और न ही इस अवधि को सेवा में बाधा (ब्रेक इन सर्विस) माना जाएगा। मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, जिनके पास वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव का कार्यभार भी है, ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। हड़ताल पर जाने से पूर्व अर्जित अथवा संचित ‘अर्जित अवकाश’ को सर्वप्रथम समायोजित किया जाएगा।इसके पश्चात ‘हाफ पे लीव’ जाएगा। अर्जित अवकाश और ‘हाफ पे लीव’ की कटौती के बाद भी यदि हड़ताल अवधि शेष रहती है तो अग्रिम अर्जित अवकाश स्वीकृत किया जाएगा, जिसे संबंधित लिपिकों के भविष्य में अर्जित होने वाले अवकाश खाते से समायोजित किया जाएगा। क्लर्क एसोसिएशन ने मूल वेतन 35 हजार 400 रुपये करने की मांग को लेकर यह हड़ताल की थी। इसमें 15 हजार से अधिक लिपिक शामिल हुए थे। तब प्रदेश सरकार ने नो वर्क-नो पे का फार्मूला लागू करते हुए हड़ताली कर्मचारियों का वेतन काटने के निर्देश जारी कर दिए थे। मुख्य सचिव द्वारा जारी नए आदेश में कहा गया है कि यह छूट केवल एक बार की विशेष व्यवस्था के तौर दी जा रही है और इसे भविष्य में मिसाल के तौर पर नहीं लिया जाएगा। यह निर्देश केवल कुछ श्रेणियों के कर्मचारियों, खास तौर पर लिपिकों पर लागू होंगे, जिन्होंने उस विशेष हड़ताल में भाग लिया था। यह निर्देश अन्य किसी भी मामले में लागू नहीं होंगे। तदनुसार, विभागों में कार्यरत एसएएस काडर से सत्यापन के उपरांत वेतन जारी किया जा सकता है। इस संबंध में सभी प्रशासकीय सचिवों, विभागाध्यक्षों, मंडलायुक्तों, उपायुक्तों, एसडीएम और खजाना अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए हैं।

मनीषा केस में तनाव: 2 दिन इंटरनेट सेवा ठप, ग्रामीण बोले- संस्कार नहीं होने देंगे

 भिवानी-चरखी दादरी मनीषा मौत मामले में भले ही हत्या की बजाए आत्महत्या का एंगल सामने आया है, मगर अब भी लोगों में आक्रोश कम होने की बजाए बढ़ गया है। सोमवार देर रात को कमेटी ने फैसला लेकर शव लेकर अंतिम संस्कार का फैसला लिया था। वहीं, अब पिता संजय का सोशल मीडिया पर नया वीडियो सामने आया है। जिसमें उसने कहा है कि मैंने दबाव में आकर बयान दिया था। उसने कहा कि मेरी बेटी कभी आत्महत्या नहीं कर सकती। मुझे इस बात का विश्वास न हीं है। मेरी बेटी को प्रशासन से गुहार है कि न्याय दिलाया जाए। ये वीडिया सोशल मीडिया पर भी भेजी जा रही है।  हरियाणा में भिवानी की लेडी टीचर मनीषा के आज होने वाले अंतिम संस्कार में पेंच फंस गया है। सोमवार देर रात प्रशासन से हुई मीटिंग के बाद परिवार के राजी होने की बात सामने आई थी। मंगलवार सुबह इसका खुलासा होने पर भिवानी में ग्रामीणों की पंचायत हुई। उन्होंने इंसाफ मिलने तक मनीषा का अंतिम संस्कार न करने के लिए कहा। इसके लिए पिता संजय को भी समझाया कि पूरा गांव उनके साथ है। किसी के दबाव में न आएं। अब भारी संख्या में ग्रामीणों ने गांव ढाणी लक्ष्मण को जाता रास्ता रोक दिया है। युवाओं के साथ महिलाएं भी गांव के एंट्री पॉइंट पर इकट्‌ठा हो गए हैं। उन्होंने कहा कि वह बिना इंसाफ मिले मनीषा का अंतिम संस्कार नहीं होने देंगे। माहौल को देखते हुए सरकार ने भिवानी और चरखी दादरी में इंटरनेट बंद कर दिया है। दोनों जिलों में 19 अगस्त यानी आज सुबह 11 बजे से 21 अगस्त की सुबह 11 बजे तक इंटरनेट बंद रहेगा। प्रदेश गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने लॉ एंड ऑर्डर का हवाला देते हुए कहा कि सभी तरह के इंटरनेट और बल्क SMS बंद रहेंगे। भिवानी और चरखी दादरी में इंटरनेट सेवा बंद मनीषा की मौत के मामले को लेकर बढ़ते तनाव और विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर भिवानी और चरखी दादरी जिलों में प्रशासन ने इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से बंद कर दी हैं। यह निर्णय कानून व्यवस्था बनाए रखने और अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए लिया गया है।  दूसरी ओर ढाणी लक्ष्मण के ग्रामीण इस बात पर अड़े हैं कि मनीषा का न्याय नहीं मिलने तक अंतिम संस्कार नहीं होने दिया जाएगा। इसी को लेकर मंगलवार सुबह गांव ढाणी लक्ष्मण के सभी रास्तों को भी अवरुद्ध कर दिया गया। गांव में जाने वाले सभी कच्चे और पक्के रास्तों पर पेड़ और पत्थर डालकर उन्हें बंद कर दिया है। जिसकी वजह से किसी भी बाहरी व्यक्ति को गांव में नहीं घुसने दिया जा रहा है। ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए भारी पुलिस बल भी तैनात किया गया है।  वहीं सोमवार देर रात हुई मीटिंग के बाद पिता संजय ने कहा था कि वह पुलिस जांच से संतुष्ट हैं और आज यानी मंगलवार को अंतिम संस्कार कर देंगे। अब उनका एक नया वीडियो सामने आया है। जिसमें वह कह रहे हैं कि मेरी बेटी कभी आत्महत्या नहीं कर सकती, मुझे उस पर इतना विश्वास है। प्रशासन कह रहा है कि उसने आत्महत्या की है। मैं इसको नहीं मानता कि मेरी बेटी आत्महत्या कर लेगी। सारी मेडिकल टीम ने ये दिखाया कि उसने आत्महत्या की है। मैं कहता हूं कि उसने आत्महत्या नहीं की है। मुझे मेरी बेटी के लिए न्याय चाहिए। मनीषा हत्याकांड: कैसे हुई मनीषा की मौत? हरियाणा के भिवानी में हुए शिक्षिका मनीषा हत्याकांड में सोमवार देर शाम को सुनारिया लैब से मेडिकल जांच रिपोर्ट भिवानी पुलिस को मिल गई है। इसके बाद पुलिस अधीक्षक सुमित कुमार ने बताया कि रिपोर्ट में चिकित्सकों के अनुसार मनीषा की मौत कीटनाशक की वजह से हुई। मनीषा की बिसरा रिपोर्ट में कीटनाशक मिला है।  एसपी ने बताया कि चिकित्सकों से हुई बातचीत में अब तक चार बिंदुओं पर स्थिति स्पष्ट हो पाई हैं, जिसमें पहला मनीषा की बिसरा रिपोर्ट में कीटनाशक के अंश मिले हैं, दूसरा मनीषा के शरीर पर कोई सीमन नहीं मिला है, जिससे दुष्कर्म की कोई बात सामने नहीं आई है। तीसरा यह है कि मनीषा के चेहरे पर कोई भी एसिड या कैमिकल नहीं मिला है। जबकि चौथी बात मनीषा की मौत के बाद ही उसके शरीद के अंग गायब हुई हैं, जिससे की जंगली जानवरों द्वारा नोंच कर खाए गए हैं। मनीषा के सुसाइड नोट की हैंडराइटिंग भी मैच हो गई है।  पुलिस कर रही है मामले की अभी विस्तृत जांच भिवानी पुलिस अधीक्षक सुमित कुमार का कहना है कि मनीषा की मौत मामले में पुलिस विस्तृत जांच कर रही है। अभी इस मामले में पुलिस किसी निष्कर्ष तक नहीं पहुंची हैं। पुलिस ने लैब से बिसरा जांच रिपोर्ट परिजनों को भी दी है। परिजनों के पुलिस को लेकर कुछ सवाल हैं, लेकिन इस मामले में परिजनों की पुरी संतुष्टि की जाएगी। पुलिस की जांच अभी बंद नहीं हुई है, पुलिस इस मामले की हर पहलु से जांच तक तह तक जाने में लगी है। सुसाइड थ्योरी पर परिजनों ने उठाए सवाल वहीं दूसरी तरफ मनीषा हत्याकांड मामले में पुलिस की थ्योरी से परिजन भी अनभिज्ञ हैं। मनीष की मौत के पांच दिन बाद परिजनों को सोशल मीडिया से सोमवार को पता चला कि सुसाइड नोट मिला है। जबकि परिजनों ने सुसाइड थ्योरी पर गंभीर सवाल भी खड़े किए हैं। वहीं मीडिया के सामने मनीषा के दादा रामकिशन भी फफक पड़े। रामकिशन ने बताया कि पौती सारी बातें साझा करती थी। पौती मनीषा तीन साल का नर्सिंग कोर्स करना चाहती थी। दादा ने मनीषा को कोर्स के लिए खर्चा देने की बात कही थी। वहीं मनीषा के परिजनों ने बताया कि सुसाइड करने वाला कैसे अपना गला काट लेगा और चेहरे पर तेजाब कैसे छिड़ेगा। उन्होंने यह भी बताया कि पुलिस ने पहले सुसाइड नोट की कोई भी बात उन्हें नहीं बताई थी। इस हाल में मिला था मनीषा का शव 19 वर्षीय महिला शिक्षिका मनीषा 11 अगस्त की सुबह ढाणी लक्ष्मण अपने घर से सिंघानी प्ले स्कूल जाने के लिए रोजाना की तरह तैयार होकर निकली थी। लेकिन दोपहर बाद वह घर नहीं लौटी तो देर शाम तक परिजन उसकी तलाश में जुटे रहे। परिजनों ने उसी दिन … Read more

चुनावी संग्राम में वोट चोरी के आरोप-प्रत्यारोप, EC ने की एंट्री

चंडीगढ  लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को नोटिस भेजकर वोट चोरी के आरोपों पर हलफनामा मांग चुके हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ए श्रीनिवास ने कहा कि लोकसभा और विधानसभा के चुनाव के लिए मतदाता सूचियों का संशोधन सामान्य और रुटीन की प्रक्रिया है। राज्यों की मतदाता सूची तैयार करने के प्रत्येक चरण में राजनीतिक दलों की भागीदारी और उनकों त्रुटियों को सुधारने के लिए चुनाव आयोग की ओर से पर्याप्त समय और अवसर प्रदान किया जाता है, ताकि शुद्ध मतदाता सूचियां लोकतंत्र को मबबूत बना सकें। उन्होंने इस बात से इन्कार किया कि चुनाव में किसी तरह की वोट चोरी हुई है। साथ ही आशंका जताई कि मतदाता सूचियों के प्रकाशन के बाद कुछ राजनीतिक दलों ने इन पर अपनी कोई आपत्ति दर्ज नहीं कराई, जिसका मतलब स्पष्ट है कि मतदाता सूचियों में कोई खामी नहीं थी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने नई दिल्ली में प्रेस कान्फ्रेंस कर बाकी राज्यों की तरह हरियाणा को लेकर भी कहा था कि 22 हजार 779 वोटों से कांग्रेस राज्य में आठ सीटें हारी है। इसके जवाब में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली और मुख्यमंत्री नायब सिंह ने दावा किया था कि राज्य में सात विधानसभा सीटें भाजपा सिर्फ 3500 से कम वोटों के अंतर हारी है। भाजपा को यदि 22 हजार वोट और मिल जाते तो राज्य में पार्टी 22 सीटें और जीत जाती। इस आरोप-प्रत्यारोप के बीच हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने राहुल गांधी से हलफनामा देकर जवाब मांगा था, जिसका अभी कोई जवाब नहीं आया है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि ड्राफ्ट मतदाता सूची के प्रकाशन के बाद उसकी डिजिटल और प्रकाशित भौतिक प्रतियां सभी राजनीतिक दलों को उपलब्ध करवाई जाती हैं और साथ ही उन्हें भारत निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर भी डाला जाता है, ताकि कोई भी इसका अवलोकन कर सके। ए श्रीनिवास ने कहा कि चुनाव आयोग द्वारा ड्राफ्ट मतदाता सूची के प्रकाशन के बाद अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित करने से पहले मतदाताओं और राजनीतिक दलों को दावे और आपत्तियां दर्ज करने के लिए पूरे एक महीने का समय दिया जाता है। अंतिम मतदाता सूची के प्रकाशन के बाद अपील की एक द्वि-स्तरीय प्रक्रिया अपनाई जाती है, जिसमें पहली अपील जिला मजिस्ट्रेट के पास और दूसरी अपील प्रत्येक राज्य/केंद्र शासित प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के पास की जा सकती है। ऐसा प्रतीत होता है कि कुछ राजनीतिक दलों और उनके बूथ स्तरीय एजेंटों (बीएलएएस) द्वारा सही समय पर मतदाता सूचियों की जांच नहीं की गई और यदि कोई त्रुटि थी तो उसे एसडीएम/ईआरओ, डीइओ या सीइओ के संज्ञान में नहीं लाया गया। मतदाता सूचियों में त्रुटियों पर अब मुद्दे उठा रहे  मुख्य निर्वाचन अधिकारी के अनुसार कुछ राजनीतिक दल और व्यक्ति मतदाता सूचियों में त्रुटियों के बारे में अब मुद्दे उठा रहे हैं, जिनमें पूर्व में तैयार की गई मतदाता सूचियां भी शामिल हैं। यदि यह मुद्दे सही समय पर सही माध्यमों से उठाए गए होते तो संबंधित एसडीएम/ईआरओ को चुनावों से पहले गलतियां सुधारने में मदद मिलती। चुनाव आयोग राजनीतिक दलों और किसी भी मतदाता द्वारा मतदाता सूची की जांच का स्वागत करता है। इससे एसडीएम/ईआरओ को त्रुटियों को दूर करने और मतदाता सूची को शुद्ध करने में मदद मिलेगी, जो हमेशा से चुनाव आयोग का उद्देश्य रहा है।  

शिक्षकों के ऑनलाइन ट्रांसफर जल्द शुरू होंगे, शिक्षा मंत्री ढांडा ने दी अपडेट

जींद   शिक्षा मंत्री जींद की चौधरी रणबीर सिंह यूनिवर्सिटी में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार बहु-विषयक शिक्षा पर एक दिवसीय कार्यशाला में पहुंचे थे। इस कार्यशाला म विभिन्न यूनिवर्सिटियों के वी.सी. एवं कई शिक्षाविदों ने शिरकत कर अहम विषय पर चर्चा की। जींद पहुंचे शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने कहा कि प्रदेश में जल्द ही टीचरों के ऑनलाइन ट्रांसफर शुरू होंगे। उन्होंने कांग्रेस के जिलाध्यक्षों की लिस्ट पर तंज कसते हुए कहा कि यह लिस्ट हुड्डा-सैलजा-रणदीप ग्रुप की लिस्ट बनकर रह गई है। केंद्र में विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा वोट चोरी के आरोपों पर उन्होंने कहा कि चोर एक तो चोरी करे और ऊपर से सीनाजोरी करने वाली बात करे। उलटा वोट चोरी तो उन्होंने ही की थी, तभी तो 50 से 90 सीट जीत गए। हमारी सरकार तो वोट चोरी पर अंकुश लगाने का कार्य कर रही है। हम तो वोटर लिस्ट को रिवाइज करवा रहे हैं, इसमें उनको परेशानी क्यों हो रही है।

चुनाव आयोग सख्त, हरियाणा के 15 राजनीतिक दलों को भेजा नोटिस; सितंबर में होगी सुनवाई

चंडीगढ़  भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने ऐसे राजनीतिक दलों पर सख्ती शुरू कर दी है, जिन्होंने पिछले 10 सालों में कोई चुनाव नहीं लड़ा है। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1961 के तहत इन दलों को अपनी स्थिति स्पष्ट करने और जरूरी कागजात जमा करने के लिए कहा गया है। हरियाणा में ऐसे 15 राजनीतिक दलों की सूची जारी की गई है। आयोग ने सभी को सुनवाई का मौका देते हुए अलग-अलग तारीख और समय तय किए हैं। अगर ये दल समय पर अपना पक्ष नहीं रखते, तो माना जाएगा कि उनके पास कहने के लिए कुछ नहीं है। इसके बाद निर्वाचन आयोग बिना पूर्व सूचना दिए इन दलों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर सकता है। हिसार सहित इन जिलों के हैं राजनीतिक दल ​जिन दलों को नोटिस जारी किया गया है, उनमें फरीदाबाद, सिरसा, हिसार, करनाल, रेवाड़ी, अंबाला, गुड़गांव, यमुनानगर, मेवात, महेंद्रगढ़, और भिवानी जैसे विभिन्न जिलों के दल शामिल हैं। सभी दलों को 28 अगस्त, 2025 तक आवश्यक कागजात और लिखित आवेदन जमा करने के लिए कहा गया है। ​ मुख्य निर्वाचन अधिकारी, हरियाणा ए श्रीनिवास द्वारा जारी इस नोटिस में कहा गया है कि सुनवाई 2 सितंबर से 3 सितंबर, 2025 के बीच चंडीगढ़ स्थित मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय में होगी। प्रत्येक दल के लिए अलग-अलग तिथि और समय निर्धारित किया गया है। इसलिए शुरू हुई ये कार्रवाई ​हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ए श्रीनिवास ने बताया कि यह कदम ऐसे दलों को हटाने के लिए उठाया गया है, जो केवल कागजों पर मौजूद हैं और चुनावी प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग नहीं लेते हैं। यह चुनाव आयोग द्वारा राजनीतिक दलों की जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। सिर्फ छह ने ही दिए डॉक्यूमेंट आयोग के द्वारा इससे पहले हरियाणा के 21 गैरमान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को नोटिस जारी किया गया था। नोटिस के बाद करीब छह ने आवश्यक कागजात जमा करवा दिए हैं, जिसके बाद अब 15 को सुनवाई के लिए आखिरी मौका दिया गया है। जिन गैर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल, जिन्हें कारण बताओं नोटिस जारी किया गया, उनमें अपना राज फ्रंट झज्जर, हरियाणा स्वतन्त्र पार्टी झज्जर, राष्ट्रीय बुजुर्ग शक्ति पार्टी झज्जर, भारत (इंटीग्रेटेड) रक्षक दल गुडगांव, भारतीय जन हित विकास पार्टी गुडगांव , गुड़गांव रेजिडेंट पार्टी गुड़गांव, हिन्द समदर्शी पार्टी गुड़गांव, कर्मा पार्टी गुड़गांव, मेरा गांव मेरा देश पार्टी गुड़गांव शामिल हैं। जिन्हें नोटिस जारी हुआ उनमें नेशनल लेवल की भी पार्टियां नेशनल जनहित कांग्रेस (AB) गुड़गांव, समरस समाज पार्टी गुड़गांव, टोटल विकास पार्टी गुड़गांव, जनता उदय पार्टी फरीदाबाद, बेरोजगार आदमी अधिकार पार्टी फरीदाबाद, राष्ट्रीय आर्य राज सभा रोहतक, सेवा दल रोहतक, लोक परिवर्तन पार्टी (डीसी) पानीपत, हरियाणा जनरक्षक दल सोनीपत, हरियाणा कान्ति दल कुरूक्षेत्र,राष्ट्रीय कर्मयोग पार्टी, करनाल और सुशासन पार्टी, भिवानी शामिल हैं।

शहर का पहला कमर्शियल सेंटर रेवाड़ी में, 1.67 करोड़ की लागत और आधुनिक सुविधाओं के साथ

रेवाड़ी हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HSVP) की ओर से शहर के राजीव चौक पर करीब एक एकड़ जमीन में कमर्शियल सेंटर बनाया जाएगा। जिसके लिए एक करोड़ 67 लाख व 57 हजार रुपये के बजट की स्वीकृति मिल गई है। इसके साथ ही प्राधिकरण की ओर से इसके टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जल्द ही टेंडर होने के बाद इसका निर्माण कार्य शुरू कराया जाएगा। शहर की सबसे पाॅश जगह पर बनने वाला यह शहर का पहला कमर्शियल भवन होगा, जिसमें सबसे बड़ी पार्किंग की व्यवस्था रहेगी। यह लघु सचिवालय व न्यायिक परिसर से सटा होने के साथ ही दिल्ली-जयपुर हाईवे को जोड़ने वाले बावल पर रोड पर स्थित है। बता दें कि सेक्टर तीन में आने वाले राजीव चौक के समीप बावल रोड पर एक एकड़ भूमि में व्यावसायिक सेंटर बनाया जाना प्रस्तावित है। इसके लिए प्रक्रिया लंबे समय से चल रही थी। प्राधिकरण की ओर से प्रस्ताव बनाकर स्वीकृति के लिए 29 जुलाई 2024 को पंचकूला हेड ऑफिस भेजा गया था। 19 सितंबर को इसके विकसित करने के लिए बजट मंजूर को किया गया था। प्राधिकरण की मंजूरी मिलने के बाद अन्य प्रक्रिया पूरी करने के बाद अब इसके टेंडर की प्रक्रिया को शुरू कर दी गई है। यहां पार्किंग स्थल, सीवरेज एवं पेयजल की व्यवस्था की जाएगी। इसके बाद यहां बनने वाली दुकानों की नीलामी की जाएगी। यहां 22 दो मंजिला दुकानें एवं 48 बूथ बनाए गए जाएंगे।