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रेलवे स्टेशन पर स्टंटबाजी! भोपाल में प्लेटफॉर्म पर कार और स्कूटर दौड़ाते दिखे युवक

भोपाल क्या आपने रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर कार और स्कूटर दौड़ते देखें हैं? सामान्य तौर पर आपका जवाब न ही होगा, क्योंकि ऐसे मौके रोज रोज नहीं आते हैं। मगर चौंका देने वाला एक मामला मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से आया है। यहां कुछ लड़के रेलवे प्लेटफॉर्म पर गाड़ी और स्कूटर दौड़ाते दिखाई दिए। ये वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। लोग इसको लगातार शेयर कर रहे हैं और एमपी को अजब-गजब बता रहे हैं, क्योंकि बीते दिनों में ये तीसरा मौका है- जब मध्य प्रदेश सड़क, ओवरब्रिज और रेलवे को लेकर सुर्खियों में है। इस बार सुर्खियों में होने की वजह रेलवे स्टेशन का एक प्लेटफॉर्म है, जहां पर स्कूटर और कार दौड़ती दिखाई दे रही है। प्लेटफॉर्म पर गाड़ी को देख लोगों ने इसका वीडियो बना लिया और उसे सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया, जिसे लोगों ने जमकर शेयर किया। घटना शनिवार सुबह प्लेटफॉर्म नंबर 4 और 6 की बताई जा रही है कि कैसे कुछ लोग सुरक्षा व्यवस्था की धज्जियां उड़ाते हुए रेलवे प्लेटफॉर्म पर गाड़ी दौड़ा रहे हैं। इस तरह की अजीबो-गरीब स्टंटबाजी कब किसी यात्री के लिए जानलेवा साबित हो जाए, इसको सोचे बगैर युवक गाड़ी दौड़ाते दिखाई दिए। इस वीडियो के वायरल होने के बाद मामला रेलवे पुलिस फोर्स के पास पहुंचा। आरपीएफ ने मामले को संज्ञान में लेते हुए जांच शुरू कर दी। फिलहाल पता लगाया जा रहा है कि ये युवक कौन थे, जो सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद प्लेटफॉर्म तक गाड़ी लेकर चले गए। इस मामले पर आरपीएफ भोपाल पोस्ट प्रभारी मनीष शर्मा का बयान सामने आया है। उन्होंने बताया कि हमें दो वीडियो मिले हैं, जिनकी जांच चल रही है। फिलहाल इस मामले में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है। आगे की जांच जारी है। गनीमत ये रही कि इस दौरान कोई ट्रेन नहीं थी, जिसके चलते कोई बड़ा हादसा होने से बच गया। आपको बताते चलें कि मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल इससे पहले भी चर्चा में आई थी, जब यहां 90 डिग्री मोड़ वाला ओवर ब्रिज मीडिया-सोशल मीडिया की सुर्खियों में आया था। इस पर प्रशासन की तरफ से एक्शन लिया गया और सुधार की बात करी गई। इसके बाद बारिश के चलते 15 दिन पहले बनी सड़क के धसने की खबर सामने आई थी। ये घटना ग्वालियर की थी। बताया गया कि इस सड़क को बनाने में करीब 18 करोड़ रुपये लगे थे। और तो और ये सड़क सात बार बनवाई जा चुकी है, लेकिन फिर भी धसक जाती है। इस सड़क पर हुए गड्डे सुरंग जैसे दिखाई दे रहे थे। इसलिए लोगों ने इस रोड़ को सुरंग वाली सड़क कहर ट्रोल करना शुरू कर दिया था।  

कृषक सुखसाय को कृषि विभाग की योजनाओं से विशेष रूप से मिला लाभ

रायपुर, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार किसानों को हर संभव सहायता देने और उन्हें शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। इसी क्रम में जशपुर जिले में कृषि विभाग की ओर से किसानों को योजनाओं का लाभ दिलाकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है। जशपुर जिले के कुनकुरी विकासखंड के ग्राम गिनाबहार निवासी कृषक सुखसाय को कृषि विभाग की योजनाओं से विशेष रूप से लाभ मिला है। उनके पास कुल 2 हेक्टेयर कृषि भूमि है, जिसमें सिंचाई की व्यवस्था सीमित होने के कारण वे पूर्ण रूप से खेती नहीं कर पा रहे थे। पहले एक कुएं के माध्यम से सिंचाई की कोशिश करते थे, लेकिन पंप की अनुपलब्धता के कारण दिक्कतें आती थीं। इस वर्ष कृषि विभाग ने उन्हें शाकम्भरी योजना के तहत विद्युत पंप उपलब्ध कराया, जिससे वे गेहूं की फसल ले पा रहे हैं। इसके अलावा उनके खेत में नलकूप खनन कराकर सौर सुजला योजना के तहत सोलर पंप की सुविधा भी प्रदान की गई है, जिसके माध्यम से स्प्रिंकलर प्रणाली से सिंचाई की जा रही है। अब श्री सुखसाय रबी और खरीफ दोनों ही मौसम में कृषि कार्य कर रहे हैं। पहले जहां खेती सीमित थी, अब बेहतर सिंचाई सुविधा मिलने से उनकी भूमि पूरी तरह उपयोग में आ रही है और उत्पादन में भी वृद्धि हुई है। श्री सुखसाय ने राज्य सरकार और कृषि विभाग का आभार जताते हुए कहा कि इन योजनाओं से उनकी आजीविका को मजबूती मिली है और खेती फिर से लाभ का साधन बन गई है।

मुख्यमंत्री ने आवास एवं पर्यावरण विभाग की ली समीक्षा बैठक

रायपुर,   मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय नवा रायपुर स्थित मंत्रालय महानदी भवन में आवास एवं पर्यावरण विभाग के विभागीय काम-काज की समीक्षा बैठक ली। इस दौरान मुख्यमंत्री ने नवा रायपुर विकास प्राधिकरण के अतंर्गत संचालित कार्यो की जानकारी लेते हुए अधिकरियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बैठक में वित्त एवं आवास पर्यावरण मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री राहुल भगत, सचिव आवास एवं पर्यावरण श्री अंकित आंनद, एन आर डी ए के सी.ई.ओ श्री चंदन कुमार, छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के आयुक्त श्री अवनीश शरण, रायपुर विकास प्राधिकरण के सी.ई.ओ. श्री आकाश छिकारा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि नवा रायपुर का सुव्यवस्थित विकास सरकार की पहली प्राथमिकता है। नवा रायपुर क्षेत्र में भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए सुनियोजित विकास किया जायेगा। नवा रायपुर देश की सबसे आधुनिक व खुबसूरत राजधानी है। देश के आई.आई.एम., ट्रिपल आई.टी., नेशनल लॉ विश्वविद्यालय जैसे शीर्ष शिक्षण संस्थान यहां स्थापित किए गए हैं। भविष्य में नवा रायपुर में बसाहट और बढ़ेगी इसलिए यह आवश्यक है कि आगमाी जरूरतों के हिसाब से यहां नागरिक सुविधाओं का भी विस्तार किया जाए। मुख्यमंत्री ने नवा रायपुर क्षेत्र में रेल कनेक्टिविटी के विस्तार के संबंध में चर्चा कर अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। भारत सरकार द्वारा परमालकसा – खरसिया नई रेलवे लाईन का निर्माण बलौदाबाजार जिले से होकर किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने इस रेल लाईन को नवा रायपुर से जोड़ने की मंशा जाहिर करते हुए कहा कि इससे नवा रायपुर में रेल सुविधाओं का विस्तार होगा और आम नागरिको को इसका लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री श्री साय ने भारत माला परियोजना के अंतर्गत विशाखापट्टनम को जोड़ने वाले एक्सप्रेस-वे का निर्माण विकास के साथ आयात और निर्यात को प्रोत्साहित करने हेतु नवा रायपुर अटल नगर में एक लॉजिस्टीक हब की निर्माण आवश्यकता पर बल दिया। अधिकाारियों ने बाताया कि छत्तीसगढ़ से गुजरने वाले एक्सप्रेस-वे का निर्माण लगभग 95 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। इसके बनने से रायपुर से विशाखापट्टनम की दूरी 100 कि.मी. कम हो जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश कि नई औद्योगिक नीति से बड़ी संख्या में निवेशक आकर्षित हो रहे है। इससे यहां के युवाओं को रोजगार मिलेगा। मुख्यमंत्री ने नवा रायपुर क्षेत्र में ऑक्सीजोन निर्माण के अंतर्गत पीपल, बरगद, करंज, नीम, अशोक, अमलतास, गुलमोहर आदि पौधों के रोपण एवं ग्रोथ कि जानकारी ली। बैठक मे अधिकरियों ने बताया कि नवा रायपुर क्षेत्र में भविष्य में राज्य सरकार के विभिन्न आयोग-बोर्ड-निगम आदि के लिए आयोग बिडिंग कॉम्पलेक्स तैयार करने की योजना है। इसके अलावा काम-काजी महिलाओं के लिए वर्किंग वुमन हॉस्टल, 100 बिस्तर अस्पताल, नवा रायपुर में एक और नवीन थाना की स्थापना का प्रस्ताव है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नवा रायपुर क्षेत्र में नवीन भवनों के निर्माण के लिए आबंटित भू-खण्डों का समूचित उपयोग किया जाए। मुख्यमंत्री ने आवास एवं पर्यावरण विभाग के अंतर्गत शामिल – छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण बोर्ड, छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल, नगर तथा ग्राम निवेश, छत्तीसगढ़ भू-सम्पदा नियामक प्राधिकरण (रेरा), रायपुर विकास प्राधिकरण के काम-काज की समीक्षा की और अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।

नदी में तेज बहाव के बीच नदी में पलटा ट्रक, चालक, परिचालक सहित बाल-बाल बचे 5 लोग

बलरामपुर छत्तीसगढ़ में मानसून अपने पूरे शबाब पर है. बलरामपुर जिले में जोरदार बारिश हो रही है, जिसके चलते गागर नदी उफान है. नदी में तेज बहाव के बीच पुल से सटकर पानी बहने रहा है. तेज बहाव के दौरान आयशर ट्रक पुल पार करते समय अनियंत्रित होकर नदी में पलट गया. ट्रक में चालक, परिचालक सहित कुल तीन लोग सवार थे, हालांकि राहत की बात रही कि वह सभी बाल-बाल बच गए. घटना राजपुर थाना क्षेत्र की है. जानकारी के अनुसार, आयशर ट्रक नदी के ऊपर से पुल को पार कर रहा था. इस दौरान नदी में तेज बहाव होने से पानी पुल से सटकर बह रहा था. ट्रक अनियंत्रित हो गई और नदी में पलट गई. ट्रक में चालक-परिचालक समेत 5 लोग सवार थे. इस घटना में राहत की बात यह रही कि सभी बाल-बाल बच गए. स्थानीय लोगों का कहना है कि मौके पर प्रशासन की ओर से कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं की गई थी. ट्रैफिक रोकने या वैकल्पिक व्यवस्था के लिए कोई प्रयास नहीं किए गए. पुल पर भी कई गड्ढे हो गए हैं.

स्कूल शिक्षिका को हटाने की मांग को लेकर नेशनल हाइवे जाम, विधायक कुंवर सिंह भी हुए शामिल

बालोद स्कूल शिक्षिका को हटाने की मांग को लेकर ग्रामीण रविवार को बारिश के बीच गुंडरदेही से राजनांदगांव मुख्य मार्ग पर चक्काजाम किया. चक्काजाम में कांग्रेसी विधायक कुंवर सिंह निषाद भी शामिल हुए. मामला गुंडरदेही ब्लॉक के बीजाभाठा गांव का है. चक्काजाम कर रहे ग्रामीणों की मांग है कि प्राथमिक स्कूल बीजाभाठा में पदस्थ शिक्षिका उषा बोरकर को हटाया जाए. इसके लिए शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहे हैं.

प्रमुख सचिव बोरा ने की विभागीय काम- काज की गई समीक्षा

जनजातीय गौरव दिवस के उपलक्ष्य में 01 से 15 नवंबर तक व्यापक कार्ययोजना बनाने के दिए निर्देश रायपुर, आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास विभाग के प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा ने विभागीय अधिकारियों की बैठक लेकर काम काज की प्रगति की समीक्षा की । बैठक नवा रायपुर टीआरटीआई स्थित सभाकक्ष में  सम्पन्न हुई।  प्रमुख सचिव श्री बोरा ने आगामी विधानसभा सत्र के मददे्नजर समीक्षा बैठक लेकर अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। बैठक में उन्होंने निर्देशित किया कि विधानसभा सचिवालय से प्राप्त सभी प्रश्नों का समय – सीमा में जबाव दिया जाए। प्रश्नों का जवाब सारगर्भित एवं स्पष्ट होना चाहिए। जिले से संबंधित प्रश्नों पर तत्काल संबंधित जिले के सहायक आयुक्त से संपर्क कर निर्धारित समयसीमा में जानकारी प्राप्त कर इसे सर्वाेच्च प्राथमिकता के साथ विधानसभा सचिवालय भेजना सुनिश्चित किया जाए। श्री बोरा ने कहा कि विधानसभा सचिवालय से प्राप्त सभी प्रश्नों के जवाब 07 जुलाई तक अनिवार्य रूप से तैयार किए जाने के निर्देश दिए। बैठक में आयुक्त डॉ. सारांश मित्तर, संचालक, टीआरटीआई श्री जगदीश कुमार सोनकर, उपसचिव श्री बी.के.राजपूत एवं अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। प्रमुख सचिव  बोरा द्वारा प्रयास एवं एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों के निर्माण कार्यों की भी समीक्षा की गई। साथ ही नवीन शि़क्षण सत्र 2025-26 में प्रवेश की स्थिति एवं अन्य आवश्क व्यवस्थाओं की जानकारी ली गई। उन्होंने प्रयास, एकलव्य के साथ-साथ अन्य सभी विभागीय छात्रावास-आश्रमों में अच्छी कम्प्यूटर लैब की आवश्यकता पर बल दिया। साथ ही संवेदनशील छात्रावास-आश्रमों में तत्काल सीसीटीवी कैमरा लगाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने नवंबर माह में राज्य स्थापना के 25 वर्ष पूर्ण होने एवं जनजातीय गौरव दिवस के उपलक्ष्य में 01 नवंबर से 15 नवंबर तक के लिए एक व्यापक कार्ययोजना बनाए जाने के निर्देश दिए। इनमें आदिवासी साहित्य उत्सव, जनजातीय बुक फेयर, जनजातीय सांस्कृतिक उत्सव, जनजातीय चित्रकला, जनजातीय फिल्म फेस्टिवल, जनजातीय रामायण इत्यादि कार्यक्रम कराए जाने हेतु निर्देशित किया गया।            प्रमुख सचिव बोरा ने टीआरटीआई परिसर में निर्माणाधीन शहीद वीर नारायण सिंह आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय की भी डिजिटली समीक्षा करने के पश्चात मौके पर जाकर सभी 14 गैलरियों का निरीक्षण किया एवं मौके पर उपस्थित अधिकारियों, इंजीनियर्स, क्यूरेटर एवं निर्माण एजेंसी के अधिकारियों को आवश्यक निर्देश देते हुए 30 सितंबर तक सभी निर्माण कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए । उन्होंने संग्रहालय में निर्माणाधीन गिफ्ट शॉप एवं ऑडियो-विजुअल के संबंध में भी आवश्यक व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अब उनके द्वारा प्रत्येक  गुरूवार को संग्रहालय का निरीक्षण किया जाएगा।     

योगी सरकार ने राज्यभर में मंदिरों, आश्रमों और धार्मिक स्थलों के जीर्णोद्धार की योजना तैयार की

लखनऊ  उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों को संवारने की पहल की है. पर्यटन को बढ़ावा देने और आस्था से जुड़े केंद्रों को विकसित करने के उद्देश्य से सरकार ने मंदिरों, आश्रमों और तीर्थ स्थलों के जीर्णोद्धार की योजना तैयार की है. खासतौर पर पूर्वांचल क्षेत्र के प्रमुख धार्मिक स्थलों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जहां धार्मिक पर्यटन को नया आयाम देने की तैयारी है. उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्यभर में स्थित प्रमुख मंदिरों, संतों के आश्रमों और धार्मिक स्थलों के जीर्णोद्धार की योजना तैयार की है. सरकार का मानना है कि इससे धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. स्थानीय रोजगार और अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी. विशेष रूप से पूर्वांचल क्षेत्र को धार्मिक पर्यटन के नए हब के रूप में विकसित करने पर विशेष जोर दिया गया है. एजेंसी के अनुसार, राज्य पर्यटन विभाग द्वारा जारी बयान के अनुसार, एक विस्तृत रोडमैप तैयार किया गया है. इसके तहत उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में धार्मिक स्थलों का सौंदर्यीकरण और विकास किया जाएगा. योजना के तहत बलिया के भृगु आश्रम में स्थित चित्रगुप्त मंदिर का सौंदर्यीकरण, तेंदुआ पट्टी फरसतार मौजा होलपुर में हनुमान मंदिर परिसर का विकास और बसंतपुर गांव में उदासीन मठ का पुनर्विकास शामिल है. वहीं आजमगढ़ जिले में महाराजगंज स्थित भैरव बाबा स्थल और मिश्रपुर का राम-जानकी मंदिर भी इस परियोजना में शामिल हैं. इसके अलावा फूलपुर पवई (आजमगढ़) में दुर्वासा ऋषि आश्रम, मऊ के दुआरी गांव में स्थित श्री वीर बाबा ब्रह्म स्थान और कन्नौज जिले के सदर क्षेत्र में फूलमती देवी मंदिर का भी कायाकल्प किया जाएगा. इनके अलावा गोरखपुर के बांसगांव, सिंहपुर और धन्नीपुर में स्थित परमहंस बाबा से जुड़े स्थलों को भी शामिल किया गया है. इन स्थलों के आसपास बुनियादी सुविधाओं जैसे सड़क, शौचालय, पार्किंग, लाइट और सूचना केंद्रों का भी विकास किया जाएगा. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, साल 2024 में राज्य में कुल 65 करोड़ से अधिक पर्यटक आए थे, जो कि देश के किसी भी राज्य के मुकाबले सबसे अधिक है. अब इन धार्मिक स्थलों के विकास से आने वाले वर्षों में यह आंकड़ा और बढ़ने की संभावना है. पर्यटन विभाग के अधिकारियों का मानना है कि धार्मिक पर्यटन संस्कृति और विरासत को संरक्षित करेगा, इससे स्थानीय लोगों को स्वरोजगार और व्यापार के नए अवसर भी मिलेंगे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं धार्मिक स्थलों के संरक्षण और प्रचार-प्रसार को लेकर प्रतिबद्ध हैं.

मानसून में पहली बार बरगी बांध के नौ गेट खोले गए, जबलपुर में जल प्रबंधन शुरू

जबलपुर लगातार हो रही बारिश से नदी, ताालाब भी छलकने के लिए मचलने लगे हैं। रानी अवंति बाई लोधी सागर परियोजना बरगी बांध का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। लिहाजा जलस्तर नियंत्रित रखने के लिए नौ गेट खोल दिए गए। मानसून सीजन में पहली बार बांध के 21 में से 9 स्पिल-वे गेट औसतन 1.33 मीटर की ऊंचाई तक खोले गए है। इनमें से 52 हजार 195 क्यूसेक (घनफुट पानी प्रति सेकंड) पानी छोड़ा जा रहा है।   गेट नंबर 10, 11 और 12 खोले गए कार्यपालन यंत्री बरगी बांध राजेश सिंह गौंड के अनुसार खोले गए नौ गेट में से गेट नंबर 10, 11 और 12 को दो-दो मीटर, गेट नम्बर नौ और 13को डेढ़-डेढ़ मीटर, गेट नंबर आठ और 14 को एक-एक मीटर तथा गेट नंबर सात और 15 को आधा-आधा मीटर की ऊंचाई तक खोला गया है। उन्होंने बताया कि बांध में आवक को देखते हुए कभी भी इससे पानी निकासी की मात्रा घटाई या बढ़ाई जा सकती है। 417 मीटर से ज्यादा भरा कार्यपालन यंत्री बरगी बांध के मुताबिक रविवार को दोपहर ग्यारह बजे बांध का जल स्तर 417.40 मीटर रिकार्ड किया गया था और इस समय इसमें लगभग 98 हजार 741 क्युसेक पानी प्रवेश कर रहा था। बरगी बांध का पूर्ण जल भराव स्तर 422.76 मीटर है और ऑपरेशनल मैन्युल के अनुसार 31 जुलाई तक इसका जलस्तर 417.50 मीटर रखा जाना प्रस्तावित है। पांच फीट तक बढ़ेगा नर्मदा का जलस्तर फिलहाल बांध के निचले क्षेत्र के निवासियों से नर्मदा तट से सुरक्षित दूरी बनाए रखने तथा डूब क्षेत्र में प्रवेश न करने की अपील करते हुए बताया कि बांध से पानी छोड़ने से नर्मदा नदी का जलस्तर चार से पांच फुट तक बढ़ सकता है। अगले तीन घंटे में बरगी बांध का पानी गौरीघाट, तिलवारा घाट तक पहुंच सकता है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने श्री अमृतलाल वेगड़ को श्रद्धांजलि अर्पित की

भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मूर्धन्य साहित्यकार, चित्रकार श्री अमृतलाल वेगड़ की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि श्रद्धेय वेगड़ ने मां नर्मदा नदी की करीब चार हजार किलोमीटर पदयात्रा के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण का संदेश जन-जन तक पहुंचाया। उन्होंने नर्मदा अंचल की समृद्ध जैव विविधता से दुनिया को भी परिचित करवाया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पूर्व उप प्रधानमंत्री स्व. जगजीवन राम को श्रद्धांजलि अर्पित की मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और पूर्व उप प्रधानमंत्री श्री जगजीवन राम 'बाबूजी' की पुण्यतिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उनका स्मरण करते हुए कहा कि स्व. श्री जगजीवन राम ने राष्ट्र की उन्नति और कमजोर वर्ग के उत्थान के लिए आजीवन संघर्ष किया। पूर्व उप प्रधानमंत्री श्री जगजीवन राम को अद्वितीय सामाजिक योद्धा और राष्ट्र के अनन्य सेवक के रूप में सदैव याद किया जाएगा।    

LG का चेतावनी भरा पत्र: तेलबंदी फैसले पर दिल्ली सरकार को दी नसीहत

नई दिल्ली दिल्ली में पुराने वाहनों पर प्रतिबंध के मुद्दे ने एक बार फिर सुर्खियां बटोरी हैं। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को पत्र लिखकर इस नीति पर पुनर्विचार की मांग की है। एलजी ने साफ कहा है कि दिल्ली इस तरह के कठोर प्रतिबंधों के लिए अभी तैयार नहीं है और यह मध्यम वर्ग के लिए भावनात्मक और आर्थिक रूप से भारी पड़ सकता है। क्या है पूरा विवाद? कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) के हालिया निर्देशों के तहत दिल्ली में 15 साल से पुराने पेट्रोल और 10 साल से पुराने डीजल वाहनों को 'एंड ऑफ लाइफ' (EOL) मानकर रजिस्ट्रेशन रद्द करने और स्क्रैप करने का आदेश है। यह फैसला 2014 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) और 2018 में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों पर आधारित है। हालांकि, एलजी ने इस नीति को 'अनुचित' बताते हुए इसके कार्यान्वयन पर सवाल उठाए हैं। एलजी ने अपने पत्र में लिखा, "एक डीजल वाहन दिल्ली में 10 साल पुराना होने पर 'एंड ऑफ लाइफ' माना जाता है, लेकिन वही वाहन चेन्नई या मुंबई में सड़क पर कानूनी रूप से दौड़ सकता है। यह मोटर व्हीकल एक्ट, 1988 के सिद्धांतों के खिलाफ है, जो पूरे देश में एकसमान नियम लागू करता है।" मध्यम वर्ग पर भावनात्मक और आर्थिक बोझ एलजी ने पत्र में मध्यम वर्ग की भावनाओं पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि दिल्ली के लोग अपनी मेहनत की कमाई से वाहन खरीदते हैं, जो उनके लिए सिर्फ सवारी का साधन नहीं, बल्कि भावनात्मक लगाव का प्रतीक भी है। ऐसे वाहन, जो कम चले हों और उत्सर्जन मानकों का पालन करते हों, उन्हें केवल उम्र के आधार पर स्क्रैप करना अन्यायपूर्ण है। एलजी ने जोर दिया कि नीति में उन वाहनों को टारगेट करना चाहिए जो वास्तव में प्रदूषणकारी और खराब हालत में हों। 'दिल्ली एक ट्रांजिट कॉरिडोर का हिस्सा' LG ने यह भी बताया कि दिल्ली एक प्रमुख ट्रांजिट कॉरिडोर का हिस्सा है, जहां उत्तर, पूर्व और पश्चिमी राज्यों को जोड़ने वाले वाहन गुजरते हैं। ऐसे में दूसरे राज्यों में वैध वाहनों को दिल्ली में गैर-कानूनी ठहराना अव्यवहारिक है। उन्होंने कहा कि यह नीति न केवल दिल्लीवासियों, बल्कि ट्रांजिट यात्रियों के लिए भी परेशानी का सबब बन सकती है। सक्सेना ने दिल्ली में वायु प्रदूषण की गंभीरता को स्वीकार किया, लेकिन जोर दिया कि इसका समाधान संतुलित और वैज्ञानिक होना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार को सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर करनी चाहिए, जिसमें हाल के बुनियादी ढांचे के सुधार, जैसे मेट्रो विस्तार, रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (RRTS), और इलेक्ट्रिक वाहन नीति को शामिल किया जाए। इसके अलावा, सड़कों की मरम्मत, हरियाली बढ़ाने, और एंटी-स्मॉग गन जैसे उपायों को भी रेखांकित करने की सलाह दी। एलजी ने की ये सिफारिशें     CAQM से पुनर्विचार: CAQM के निर्देशों को NCR में समान रूप से लागू करने की तैयारी होने तक स्थगित करने की मांग।     MORTH से संवाद: मोटर व्हीकल स्क्रैपिंग नियमों में बदलाव के लिए सड़क परिवहन मंत्रालय से चर्चा।     सुप्रीम कोर्ट में याचिका: हाल के सुधारों और बदली परिस्थितियों के आधार पर सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर करना।     विस्तृत प्रदूषण रणनीति: तीन महीने में विशेषज्ञों और हितधारकों के साथ परामर्श कर प्रदूषण नियंत्रण की व्यापक योजना तैयार करना। LG ने बताया कि उन्हें नागरिकों, पर्यावरण विशेषज्ञों और जनप्रतिनिधियों से ढेरों शिकायतें मिली हैं, जो इस नीति की प्रभावशीलता और व्यावहारिकता पर सवाल उठाती हैं। उन्होंने पुराने वाहनों को CNG या इलेक्ट्रिक में बदलने के लिए सरकारी प्रोत्साहन की वकालत की। साथ ही, सार्वजनिक परिवहन को मजबूत करने और सड़क धूल जैसे अन्य प्रदूषण स्रोतों पर ध्यान देने की जरूरत बताई।