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एशेज से पहले कंगारू टीम में हलचल, इस स्टार खिलाड़ी कप्तान कमिंग्स के खेलने पर सस्पेंस!

मेलबर्न   ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के लिए एशेज सीरीज से पहले एक बुरी खबर सामने आई है। टीम के कप्तान पैट कमिंस इंग्लैंड के खिलाफ 21 नवंबर को पर्थ में होने वाले पहले एशेज टेस्ट मैच से बाहर हो सकते हैं। कमिंस को पीठ में चोट लगी है और हालिया स्कैन से पता चला है कि उनकी यह चोट अभी पूरी तरह ठीक नहीं हुई है। ऐसे में ऑस्ट्रेलियाई टीम को उनके बिना ही इस मुकाबले में खेलना पड़ सकता है। गेंदबाजी के लिए फिट नहीं कमिंस रिपोर्ट्स के मुताबिक, कमिंस ने अपनी चोट में कुछ सुधार तो देखा है, लेकिन वह अभी भी गेंदबाजी के लिए पूरी तरह फिट नहीं हैं। एशेज सीरीज शुरू होने में अब सिर्फ छह हफ्ते बचे हैं, ऐसे में ऑस्ट्रेलियाई कप्तान का पहले टेस्ट में खेलना मुश्किल लग रहा है। सूत्रों का मानना है कि कमिंस की वापसी दिसंबर तक टल सकती है, जिससे वह सीरीज के शुरुआती और अहम मैच मिस कर सकते हैं। चोट से बचने के लिए कमिंस को फिलहाल गेंदबाजी या दौड़ने से दूर रहने की सलाह दी गई है। वह अपनी रिकवरी के लिए केवल जिम और साइकिलिंग तक ही सीमित हैं। स्टीव स्मिथ संभाल सकते हैं कप्तानी पैट कमिंस की गैरमौजूदगी में अनुभवी बल्लेबाज स्टीव स्मिथ टीम की कमान संभाल सकते हैं। स्मिथ, जिन्होंने पहले भी 40 टेस्ट मैचों में ऑस्ट्रेलिया का नेतृत्व किया है, उन्हें कमिंस की जगह कप्तानी करने के लिए सबसे स्वाभाविक विकल्प माना जा रहा है। वहीं बात करें तेज गेंदबाजी यूनिट के बारे में तो, स्कॉट बोलैंड, मिचेल स्टार्क और जोश हेजलवुड अहम भूमिका निभा सकते हैं। हालांकि उन्हें कमिंस की कमी जरूर खलेगी। कमिंस ने पहले भी अपनी फिटनेस को लेकर चिंता जाहिर करते हुए कहा था कि एशेज से बाहर होना उनके लिए बहुत दुखद होगा। उन्होंने कहा था कि 'मैं सब कुछ करूंगा ताकि मैं उसके लिए ठीक हो जाएं… लेकिन मुझे विश्वास है कि मैं रिकवरी सही ढंग से करूंगा और पूरी कोशिश करूंगा।' कमिंस की चोट एशेज से पहले ऑस्ट्रेलिया की तैयारियों के लिए एक बड़ा झटका है।

क्या रोहित और गंभीर के बीच बढ़ा तकरार? चैम्पियंस ट्रॉफी को लेकर सामने आई लड़ाई

मुंबई  भारत ने जब इस साल की शुरुआत में चैंपियंस ट्रॉफी जीती तो टीम के हेड कोच राहुल द्रविड़ नहीं बल्कि गौतम गंभीर थे. इसके बावजूद रोहित शर्मा उस जीत का क्रेडिट कोच गौतम गंभीर को नहीं बल्कि राहुल द्रविड़ को दिया. अब कुछ लोग इसे वनडे कप्तानी छीने जाने से जोड़कर देख रहे हैं. दरअसल, मंगलवार की रात मुंबई में सीएट क्रिकेट रेटिंग पुरस्कार समारोह हुआ. जिसमें रोहित शर्मा ने माना कि पूर्व कोच राहूल द्रविड़ के कार्यकाल में बनाई गए प्लान में चलने की वजह से भारतीय टीम को चैंपियंस ट्रॉफी जीतने में मदद मिली. रोहित शर्मा और राहुल द्रविड़ के कार्यकाल में भारत ने 2023 वनडे विश्व कप फाइनल में मिली हार से उबरते हुए 2024 टी-20 विश्व कप जीता. इसके बाद भारतीय टीम ने 2025 चैंपियंस ट्रॉफी जीती. रोहित ने सीएट क्रिकेट रेटिंग पुरस्कार समारोह के दौरान कहा:     मुझे वह टीम पसंद है और उसके साथ खेलना भी. हम सभी इस सफर में कई साल से थे. यह एक या दो साल का काम नहीं था. बहुत सालों से काम चल रहा था. हम कई बार ट्रॉफी जीतने के बहुत करीब पहुंचे लेकिन जीत नहीं सके. तभी सभी ने तय किया कि हमें कुछ अलग करना होगा और इसे देखने के दो तरीके हैं. ‘राहुल भाई को चैंपियंस ट्रॉफी जीत का क्रेडिट’ चैंपियंस ट्रॉफी जीतने के लिए एक स्मृति चिन्ह पाने वाले रोहित ने कहा, ‘उस चैंपियंस ट्रॉफी में भाग लेने वाले सभी खिलाड़ियों ने यह सोचा कि कैसे मैच जीते जाए और कैसे खुद को चुनौती दी जाए और आत्मसंतुष्ट न हों तथा किसी भी चीज को हल्के में न लें. जब हम टी-20 विश्व कप की तैयारी कर रहे थे तो मुझे और राहुल भाई को इस प्रक्रिया से काफी मदद मिली. हमने उसे चैंपियंस ट्रॉफी में भी बरकरार रखा. कप्तानी छीने जाने पर भी बोले रोहित शर्मा? आगामी ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भारतीय वनडे टीम की कमान रोहित नहीं बल्कि शुभमन गिल के पास होगी. रोहित ने कहा, ‘मुझे जब भी मौका मिला मैंने तीनों प्रारूपों में अच्छा खेलने की कोशिश की. मुझे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलना पसंद है. वहां क्रिकेट खेलना काफी चुनौतीपूर्ण होता है. वहां खेलने का काफी अनुभव है तो पता है कि कैसे खेलना है. 2023 WC हार पर फ‍िर छलका रोहित का दर्द…  रोहित ने कहा- 2023 में भले ही हम फाइनल में जीत नहीं पाए, लेकिन हमने टीम के रूप में एक लक्ष्य तय किया था और हर किसी ने उसे पूरा किया. हिटमैन ने आगे कहा कि उन्हें सभी तीनों फॉर्मेट में खुद को साबित करने पर गर्व है और उन्हें पता है कि आगामी ऑस्ट्रेलिया दौरे में उनसे क्या उम्मीद की जा रही है. इस दौरे से पहले ही उनसे वनडे कप्तानी छीन ली गई है. रोहित, जिन्हें अब टेस्ट और वनडे दोनों प्रारूपों में शुभमन गिल से बदल दिया गया है, विराट कोहली के साथ ऑस्ट्रेलिया में तीन मैचों की वनडे सीरीज़ में टीम का हिस्सा होंगे. यह सीरीज 19 अक्टूबर से शुरू होगी. ऑस्ट्रेल‍िया के ख‍िलाफ खेलना मुझे पसंद : रोहित  रोहित ने कहा- मुझे पर्सनली सभी फॉर्मेट में अच्छा प्रदर्शन करने पर गर्व है.  ऑस्ट्रेलिया दौरे को लेकर उन्होंने कहा- मुझे उनके खिलाफ खेलना पसंद है. मुझे ऑस्ट्रेलिया में खेलना अच्छा लगता है. वहां क्रिकेट खेलना हमेशा चुनौतीपूर्ण होता है और लोग वहां इस खेल से बहुत प्यार करते हैं. ऑस्ट्रेलिया हर बार हमारे लिए एक अलग चुनौती पेश करता है. मैं वहां कई बार जा चुका हूं और जानता हूं कि क्या उम्मीद करनी चाहिए. उम्मीद है कि हम वहां वही करेंगे जो भारतीय टीम को करना चाहिए और नतीजा अपने पक्ष में लाएंगे.    

भारत की जीत का अनोखा जश्न: ‘इनविज़िबल ट्रॉफी’ किसके दिमाग की उपज थी? हुआ खुलासा

नई दिल्ली  एश‍िया कप 2025 का फाइनल 28 स‍ितंबर को दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में खेला गया. जहां टीम इंड‍िया ने पाकिस्तान को 5 विकेट से हराकर 9वीं बार यह ख‍िताब अपने नाम किया. लेकिन भारत को एश‍िया कप जीतने के बावजूद ट्रॉफी या मेडल नहीं म‍िला, जिसके बाद टीम ने अदृश्य ट्रॉफी के साथ मॉक सेल‍िब्रेशन किया.  आख‍िर इसका आइड‍िया किसका था. किसने भारतीय टीम को ऐसा करने की सलाह दी थी. इस बारे में द‍िलचस्प खुलासा टीम इंड‍िया के म‍िस्ट्री स्प‍िनर वरुण चक्रवर्ती ने किया.  स्टार स्पिनर वरुण चक्रवर्ती ने मंगलवार (7 अक्टूबर) को CEAT अवॉर्ड्स में खुलासा किया कि भारत की एशिया कप जीत के बाद की सेल‍िब्रेशन अदृश्य ट्रॉफी संग मॉक सेलिब्रेशन का प्लान‍िंग तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह का आइडिया था. दरअसल, भारतीय टीम को एशिया कप ट्रॉफी नहीं दी गई क्योंकि खिलाड़ियों ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) के प्रमुख मोहसिन नकवी से ट्रॉफी लेने से मना कर दिया था. भारत ने ट्रॉफी किसी अन्य अधिकारी से लेने का अनुरोध किया था, लेकिन यह मंजूर नहीं हुआ. नतीजतन, टीम को न तो विजेता मेडल मिले और न ही ट्रॉफी. इसके बाद दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में एक अनोखा नजारा देखने को मिला जब प्रेजेंटेशन सेरेमनी असफल हो गई, लेकिन भारतीय खिलाड़ी मैदान पर ही सेल‍िब्रेशन मनाने से नहीं रुके. अधिकारियों के चले जाने के बाद टीम ने पोडियम पर जाकर अपनी खुशी जताई. कप्तान सूर्यकुमार यादव ने ट्रॉफी उठाने का अंदाज अपनाया और रोहित शर्मा के टी20 वर्ल्ड कप सेलिब्रेशन को भी रिपीट किया.  ट्रॉफी का इंतजार किया और फ‍िर ऐसे हुआ सेलिब्रेशन  वरुण चक्रवर्ती ने CEAT अवॉर्ड समारोह में खुलासा किया कि इस सेल‍िब्रेशन का आइडिया अर्शदीप का था. वरुण ने कहा- वास्तव में यह आइडिया अर्शदीप का था. हम ट्रॉफी का इंतजार कर रहे थे, लेकिन हम सब जानते हैं कि वह कैसे हुआ. उन्होंने हंसते हुए कहा- मैं वहीं खड़ा था, उम्मीद कर रहा था कि ट्रॉफी आएगी, हम सब इंतजार कर रहे थे. लेकिन मेरे पास जो एकमात्र कप था, वह केवल कॉफी का कप था.  इसी समारोह में मेन्स T20I बैटर ऑफ द ईयर का अवॉर्ड पाने वाले संजू सैमसन ने भी वरुण की भावनाओं को र‍िपीट किया. उन्होंने माना कि बिना ट्रॉफी के जश्न मनाना अजीब लगा, लेकिन टीम की सकारात्मकता ने माहौल को शानदार बना दिया.  सैमसन ने कहा- थोड़ा अजीब जरूर लगा, बिना ट्रॉफी के सेल‍िब्रेशन करना, लेकिन हमारे ड्रेसिंग रूम में बहुत पॉजिटिव माहौल है, अगर हमारे पास कुछ नहीं है, तब भी हम सेल‍िब्रेशन करते हैं जैसे हमारे पास सब कुछ हो, और हमने वही किया.  टीम इंड‍िया ने जब ट्रॉफी के साथ शेयर की थी फोटो भारतीय टीम ने एश‍िया कप जीतने के बाद एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) के अधिकारियों पर हल्का तंज करते हुए भारतीय खिलाड़ियों ने सोशल मीडिया पर अपनी जीत की तस्वीरें पोस्ट कीं. जिसमें वास्तविक ट्रॉफी की जगह ट्रॉफी इमोजी का इस्तेमाल किया गया. 

वनडे में रोहित-विराट की वापसी का जादू, फैंस की दीवानगी में टिकट हुए ब्लैक

मुंबई   शुभमन गिल और गौतम गंभीर भविष्य के लिए एक टीम बनाने की कोशिश में लगे हैं, वहीं लाखों प्रशंसक ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज़ देखने के लिए उत्सुक होंगे, यह देखने के लिए कि इतने लंबे ब्रेक के बाद कोहली और रोहित कैसा प्रदर्शन करते हैं. अब जब ऑस्ट्रेलिया सीरीज़ के लिए चयन प्रक्रिया पर धूल जम गई है, तो निष्पक्ष होकर चीज़ों पर विचार करने का समय आ गया है. साफ़ है कि भारतीय क्रिकेट में बदलाव अपने अंतिम चरण में है. अजीत अगरकर की चयन समिति ने कुछ हद तक निर्ममता से अपना काम किया है, और हालाँकि इस जल्दबाज़ी पर सवाल उठाया जा सकता है, लेकिन इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि नए कप्तान के पास 2027 विश्व कप से पहले अपनी टीम बनाने के लिए पर्याप्त समय हो. जहाँ तक रोहित शर्मा और विराट कोहली की बात है, तो किसा को भी नहीं लगता कि वे दोनों ज़्यादा समय तक खेलेंगे अगर वे खेलना चाहते हैं, तो उन्हें घरेलू क्रिकेट खेलना होगा, और यहीं पर समस्या खड़ी हो सकती है. यह स्पष्ट है कि उनसे ऐसा करने की उम्मीद की जाएगी, और यह देखना दिलचस्प होगा कि दोनों क्या करते हैं. 50 ओवर के प्रारूप में बहुत कम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने के कारण, वे खुद को मैच के लिए कैसे तैयार रखते हैं, यही बड़ा सवाल है. ऑस्ट्रेलिया सीरीज़ से कुछ जवाब मिल जाएँगे, क्योंकि दोनों ने आईपीएल के बाद से क्रिकेट नहीं खेला है.ऑस्ट्रेलिया में चेंजिंग रूम में कोहली और रोहित की मौजूदगी से गिल कैसे निपटते हैं, यह देखना दिलचस्प होगा. हालाँकि खेल में चीज़ें कामयाब होती हैं, लेकिन यह किसी के लिए भी आसान नहीं हो सकता.यही एक और वजह है कि अगले कुछ महीने देखना दिलचस्प हो सकता है. ऑस्ट्रेलिया दौरा धमाकोदार बन गया  कोहली और रोहित दोनों ने पहले भी संकेत दिए थे कि वे 2027 तक खेलना चाहते हैं उदाहरण के लिए, अभिषेक नायर ने भी यही कहा है, क्योंकि उन्होंने रोहित के साथ मिलकर काम किया है कोहली ने भी एक सार्वजनिक कार्यक्रम में ऐसा कहा था हो सकता है कि वे इस मामले पर कोई सार्वजनिक घोषणा करने से पहले यह देखना चाहें कि ऑस्ट्रेलिया और उसके बाद चीज़ें कैसे आकार लेती हैं. इसके अलावा, उन्हें सीरीज़ दर सीरीज़ आंकना भी अनुचित होगा. किसी की भी सीरीज़ खराब हो सकती है. उदाहरण के लिए, सूर्यकुमार यादव का एशिया कप अच्छा नहीं रहा बल्कि, उन्हें ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका और न्यूज़ीलैंड (कुल 9 वनडे) के खिलाफ कई मैच खेलने चाहिए, तभी किसी नतीजे पर पहुँचा जा सकता है.अगर वे अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो किसी को भी संन्यास लेने के लिए कहने की कोई ज़रूरत नहीं है.जैसा कि मैंने पहले भी कई बार कहा है, संन्यास एक निजी फैसला होता है. हर मैच होगा बलॉकबस्टर  चयनकर्ता कप्तान ज़रूर बदल सकते हैं, और उन्होंने बदला भी है लेकिन खेलना है या नहीं, यह खिलाड़ी का फ़ैसला है. वे अच्छा प्रदर्शन करना चाहेंगे, और अगर वे ऐसा करते हैं, तो यह उनका फ़ैसला है कि वे खुद को चयन के लिए पेश करें या नहीं. दरअसल, रोहित ने ऑस्ट्रेलिया जाने का फ़ैसला इसलिए किया क्योंकि वह खेलना चाहते हैं. यह जानते हुए कि वह टीम की कप्तानी नहीं करेंगे, वह खेल को अलविदा कह सकते थे पर उन्होंने ऐसा नहीं किया, इसका मतलब है कि वह खेलना चाहते हैं और मानते हैं कि उनमें अभी भी खेलने की क्षमता है. क्या वह दो साल और खेल पाएंगे और 30 की उम्र के बाद सचिन तेंदुलकर जैसा प्रदर्शन कर पाएंगे, यह देखने के लिए हमें इंतज़ार करना होगा. अब इन दोनों के बीच खेला जाने वाला हर मैच ब्लॉकबस्टर साबित होगा. एक ऐसा फॉर्मेट जो विश्व कप से दो साल दूर होने के कारण अपनी अहमियत खो सकता था, अब सबसे ज़्यादा प्रतीक्षित मैच बन गया है. हर वनडे मैच दर्शकों के बीच देखा जाएगा और प्रसारणकर्ता भी खूब मौज-मस्ती करेंगे. उनकी मौजूदगी ने इस फॉर्मेट में नई जान फूंक दी है और यही अगले कुछ महीनों के लिए सबसे बड़ी उपलब्धि है. आखिरकार, ऑस्ट्रेलिया में नतीजे ज़्यादा मायने नहीं रखेंगे लोग यही देखना चाहेंगे कि ये दोनों दिग्गज अपना काम कैसे करते हैं. क्या रोहित भारत को अच्छी शुरुआत दे पाएंगे और क्या वह शीर्ष क्रम में भी इसी आक्रामक रवैये के साथ खेलते रहेंगे? क्या कोहली हमेशा की तरह पारी को संभाले रखेंगे? खैर, जो भी हो, दिवाली हो या काली पूजा, भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया मैच देखने में बीत जाएगी ये बात अब लाखों भारतीयों के लिए यह तय है.  

मणिकर्णिका का कमाल! पहली राष्ट्रीय स्पर्धा में इंदौर की बेटी ने हासिल किया स्वर्ण पदक

इंदौर  इंदौर में जिमनास्टिक खेल में भी नए खिलाड़ी उभर रहे है और मैडल लाकर शहर का नाम रोशन कर रहे है। इंदौर निवासी मणिकर्णिका गौड़ ने नेशनल स्कूल स्पोटर्स आर्गनाइजेशन द्वारा हैदराबाद में आयोजित नेशनल जिम्नास्ट प्रतियोगिता में भाग लिया। मणिकर्णिका के अलावा देश के अन्य शहरों से भी स्पर्धा में भाग लेने के लिए खिलाड़ी आए थे। मणिकर्णिका ने बेहतरीन खेल का प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक जीता है। वे चार दिन पहले स्पर्धा में भाग लेने के लिए हैदराबाद गई थी। स्पर्धा तीन दिन चली। मर्णिकर्णिका ने जिम्नास्ट की अलग-अलग विधा का प्रदर्शन स्पर्धा में किया। मणिकर्णिका ने चोइथराम इंटरनेशनल स्कूल की तरफ से भाग लिया था। उनके कोच भरत बाथम है, जो खुद 82 पदक जीत चुके है।इस प्रतियोगिता का ये 8 वां वर्ष है। जिसमे मणिकर्णीका ने पहली बार राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता मे भाग लिया। उत्कृष्ट प्रदर्शन के चलते मणिकर्णिका का चयन किया गया था। जिसमे पहली बार मे ही उसने ये स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया। खेल नियमों अनुसार 40 में से 37 पॉइंट लाकर ये प्रतियोगिता उन्होंने जीती। मणिकर्णिका इस प्रतियोगिता के लिए काफ़ी दिनों से मेहनत कर रही थी।  

हरजस सिंह का धमाका: 141 गेंदों में 314 रनों की ऐतिहासिक पारी, वनडे क्रिकेट में मचाया तहलका

नई दिल्ली भारतीय मूल के ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी हरजस सिंह ने 50 ओवरों के क्रिकेट में ट्रिपल सेंचुरी लगाकर तहलका मचा दिया. उन्होंने 141 गेंदों में 314 रनों की ताबड़तोड़ पारी खेली, जिसमें 35 छक्के भी जड़े. पिछले साल हरजस ने भारत के खिलाफ अंडर-19 वर्ल्ड कप फाइनल में धांसू पारी खेली थी, जिसमें ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 79 रनों से हराया था. हरजस एकमात्र बल्लेबाज थे, जिसने उस खिताबी मुकाबले में अर्धशतक जड़ा था. हरजस सिंह ने अब ऑस्‍ट्रेलिया में घरेलू ग्रेड क्रिकेट में ये ताबड़तोड़ पारी खेली. जो भी गेंदबाज उनके सामने आया, उन्होंने उसकी जमकर कुटाई की. हरजस ने वेस्टर्न सबर्ब्स क्लब के लिए खेलते हुए सिडनी क्रिकेट क्लब के खिलाफ यह ऐतिहासिक पारी खेली. 50 ओवरों के फॉर्मेट में पहली ट्रिपल सेंचुरी ऑस्ट्रेलिया के न्यू साउथ वेल्स प्रीमियर फर्स्ट-ग्रेड क्रिकेट में ट्रिपल सेंचुरी लगाने हरजस सिंह सिर्फ तीसरे खिलाड़ी हैं. उनसे पहले फिल जैक्स (321) और महान विक्टर ट्रंपर (335) ऐसा कर चुके हैं. लेकिन बड़ी बात ये हैं कि हरजस ने ये ट्रिपल सेंचुरी 50 ओवरों के फॉर्मेट में लगाई. ये 50 वो के क्रिकेट में इतिहास की पहली ट्रिपल सेंचुरी है. चंडीगढ़ के रहने वाले हैं माता-पिता हरजस सिंह का जन्म सिडनी में हुआ, लेकिन उनकी जड़ें भारत से जुड़ी हुई हैं. उनके माता-पिता मूल रूप से चंडीगढ़ के रहने वाले हैं और साल 2000 में भारत से ऑस्ट्रेलिया जाकर बस गए थे. बता दें कि उनके पिता इंद्रजीत सिंह एक स्टेट लेवल बॉक्सिंग चैंपियन रह चुके हैं, जबकि उनकी मां स्टेट लॉन्ग जंपर रही हैं. हरजस ने क्रिकेट को अपना करियर चुना, वह 8 साल की उम्र से क्रिकेट खेल रहे हैं. भारत से छीनी थी ट्रॉफी ! भारत के खिलाफ हुए अंडर-19 वर्ल्ड कप 2024 के फाइनल में हरजस सिंह ने 64 गेंदों में 55 रनों की पारी खेली थी. इस पारी में उन्होंने 3 छक्के और इतने ही चौके लगाए थे. उनके आलावा इस फाइनल में ऑस्ट्रेलिया का और भारत का कोई भी प्लेयर अर्धशतक नहीं लगा पाया था. ऑस्ट्रेलिया ने इस मैच को 79 रनों से जीतकर ट्रॉफी अपने नाम की थी.  

पहली बार भारतीय क्रिकेटर खेलेंगे विदेशी टी20 लीग, जानिए कब और कहाँ होगा टूर्नामेंट

कोलंबो श्रीलंका की घरेलू टी20 फ्रेंचाइजी लीग लंका प्रीमियर लीग (एलपीएल) ने सोमवार को बताया कि भारतीय खिलाड़ी पहली बार इस टूर्नामेंट में हिस्सा लेंगे। इस लीग का छठा संस्करण एक दिसंबर से शुरू होगा। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की ओर से हालांकि, इस बारे में कोई आधिकारिक सूचना नहीं दी गई है। एलीपीएल के आगामी सत्र में कुल 24 मैच होंगे जिसमें 20 ग्रुप चरण और चार नॉकआउट मुकाबले खेले जाएंगे। तीन स्थलों पर होंगे मैच एलपीएल के मुकाबले तीन आयोजन स्थल पर खेले जाएंगे जिसमें कोलंबो का आर प्रेमादास स्टेडियम, कैंडी का पल्लेकल इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम और दांबुला का रानगिरी दांबुला इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम शामिल है। एलपीएल ने बयान जारी कर कहा, पहली बार भारतीय क्रिकेटरों के इस टूर्नामेंट में खेलने की उम्मीद है। उनके नामों की घोषणा जल्द ही की जाएगी जिससे पूरे क्षेत्र के प्रशंसकों में उत्साह का एक नया स्तर जुड़ जाएगा। इस प्रारूप के अनुसार लीग चरण के दौरान सभी पांच फ्रेंचाइजी एक-दूसरे के खिलाफ दो बार प्रतिस्पर्धा करेंगी। राउंड रॉबिन चरण के अंत में शीर्ष चार में रहने वाली टीम प्लेऑफ में जगह बनाएंगी। शीर्ष दो टीम क्वालिफायर एक में खेलेंगी जिसका विजेता सीधे फाइनल में जगह बनाएगा। तीसरे और चौथे स्थान पर रहने वाली टीम एलिमिनेटर में आमने-सामने होंगी। इस मुकाबले का विजेता क्वालिफायर एक में हारने वाली टीम से क्वालिफायर दो में भिड़ेगा जिससे फाइनल में जगह बनाने वाली दूसरी टीम का फैसला होगा। विदेशी लीग में खेलने की इजाजत नहीं देता बीसीसीआई भारतीय खिलाड़ी अब तक विदेशी टी20 लीग में हिस्सा नहीं लेते हैं। अगर भारतीय खिलाड़ी एलपीएल में शामिल होंगे तो यह पहली बार होगा जब किसी विदेशी टी20 लीग में भारतीय खिलाड़ी नजर आएंगे। दरअसल, केंद्रीय अनुबंध में शामिल खिलाड़ियों और आईपीएल में खेलने वाले भारतीय खिलाड़ियों को बीसीसीआई विदेशी लीग में खेलने की इजाजत नहीं देता है। लेकिन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट और आईपीएल से संन्यास ले चुके खिलाड़ी बीसीसीआई की मंजूरी लेकर इसमें खेल सकते हैं। हाल ही में रविचंद्रन अश्विन ने आईएलटी20 लीग में खेलने के लिए पंजीकरण किया था, लेकिन उन्हें कोई खरीदार नहीं मिला था। मालूम हो कि अश्विन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट और आईपीएल से संन्यास ले चुके हैं। वहीं, दिनेश कार्तिक भी दक्षिण अफ्रीका की टी20 लीग एसएटी20 में खेलते नजर आएंगे।  

6 मैचों में 459 रन: द्रविड़ बेटे की तूफानी बल्लेबाजी ने दिलाया खास अवॉर्ड

नई दिल्ली राहुल द्रविड़ ने भारतीय क्रिकेट बल्लेबाज से नया आयाम दिया था. अब उनका बेटा अन्वय उसी राह पर मजबूती से कदम बढ़ा रहा है. महज 16 साल की उम्र में इस खिलाड़ी ने कमाल का प्रदर्शन किया. भारतीय क्रिकेट का इतिहास दिग्गजों से भरा हुआ है. सबके अपने-अपने रिकॉर्ड और खासियतें रही हैं. भारतीय क्रिकेट में जब भी तकनीक, अनुशासन और क्लास की बात होती है तो सबसे पहले जो नाम आता है वो है राहुल द्रविड़ का. इस दिग्गज को पूरी दुनिया ‘द वॉल’ के नाम से जानती है, लेकिन अब क्रिकेट जगत में एक नया ‘द्रविड़’ सुर्खियां बटोर रहा है, जी हां, बात हो रही है राहुल द्रविड़ के छोटे बेटे अन्वय द्रविड़ की, जिसने महज 16 साल की उम्र में बल्ले से ऐसा कमाल दिखाया है कि पूरे कर्नाटक क्रिकेट सर्कल में बस उसी की चर्चा है. दरअसल, हाल ही में कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA) के वार्षिक पुरस्कार समारोह में अन्वय द्रविड़ को अंडर-16 विजय मर्चेंट ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया. यह लगातार दूसरा साल है जब अन्वय ने अपने दमदार प्रदर्शन से यह पुरस्कार अपने नाम किया है. 6 मैचों में 459 रन बनाकर किया था कमाल 16 साल के अन्वय द्रविड़ पापा की राह पर हैं. उन्होंने इस साल विजय मर्चेंट ट्रॉफी के 6 मैचों की 8 पारियों में 459 रन ठोके थे. उन्होंने यह रन 91.80 की औसत और दो शानदार शतकों की बदौलत बनाए. उनके बल्ले से कुल 48 चौके और 2 छक्के निकले. अन्वय का यह शानदार प्रदर्शन बताता है कि वो अपने पिता की तरह धैर्य और तकनीक पर भरोसा तो करते ही हैं, लेकिन उनके खेल में आक्रामकता भी झलकती है. विजय मर्चेंट ट्रॉफी क्या है? जिस विजय मर्चेंट ट्रॉफी में अन्वय द्रविड़ का बल्ला चला वो भारत का एक प्रतिष्ठित अंडर-16 घरेलू टूर्नामेंट है, जिसका आयोजन BCCI करती है. इसका नाम भारतीय क्रिकेट के महान खिलाड़ी विजय मर्चेंट के नाम पर रखा गया है. इस टूर्नामेंट का मकसद ऐसे युवा खिलाड़ियों को पहचान देना है जो भविष्य में भारत का प्रतिनिधित्व कर सकें. विराट कोहली, रोहित शर्मा जैसे कई दिग्गजों ने भी अपने करियर की शुरुआत इसी ट्रॉफी से की थी. पिता राहुल द्रविड़ के नक्शेकदम पर बेटा राहुल द्रविड़ हमेशा अपनी शांत और क्लासिकल बल्लेबाजी के लिए जाने जाते थे. अब उनके बेटे अन्वय में भी वही क्रिकेटिंग डीएनए नजर आ रहा है. कर्नाटक क्रिकेट सर्कल में कोच और खिलाड़ी मानते हैं कि अन्वय में ‘मिस्टर डिपेंडेबल’ की झलक साफ दिखाई देती है. राहुल द्रविड़ की तरह वह भी मैदान पर फोकस्ड रहते हैं और टीम के लिए जिम्मेदारी से खेलते हैं. अब देखना होगा कि बड़े होकर अन्वय कैसा क्रिकेट खेलते हैं. अन्य खिलाड़ियों को भी मिला सम्मान KSCA के इस समारोह में अन्वय के अलावा कई अन्य खिलाड़ियों को भी सम्मानित किया गया. मयंक अग्रवाल को विजय हजारे ट्रॉफी में कर्नाटक की ओर से सबसे ज्यादा रन बनाने के लिए सम्मान मिला, उन्होंने 93 की औसत से 651 रन ठोके थे, जबकि आर. स्मरण को रणजी ट्रॉफी में 516 रनों की शानदार पारी और दो शतकों के लिए पुरस्कृत किया गया. इतना ही नहीं केएल श्रीजीत को सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में सर्वाधिक 213 रन बनाने के लिए सम्मानित किया गया.

चेस बोर्ड पर दिखा ड्रामा: नाकामुरा ने गुकेश को हराने के बाद राजा का मोहरा दर्शकों की ओर उछाला

न्यूयॉर्क अमेरिका के स्टार चेस खिलाड़ी हिकारू नाकामुरा काफी सुर्खियों में हैं. नाकामुरा ने यूएसए vs इंडिया चेकमेट टूर्नामेंट में जैसी हरकत की, वो खेल भावना के खिलाफ थी. नाकामुरा अपने दिखावटी जश्न के कारण विवादों में घिर गए हैं. नाकामुरा ने वर्ल्ड चैम्पियन डी गुकेश को हराने के बाद चेस बोर्ड से गुकेश के किंग को उठाया और उसे दर्शकों की ओर फेंक दिया.  इस टूर्नामेंट में यूएसए ने भारत को 5-0 से हराया. हिकारू नाकामुरा की ये हरकत कई पूर्व चेस खिलाड़ियों को पसंद नहीं आई. पूर्व चेस वर्ल्ड चैम्पियन व्लादिमीर क्रैमनिक ने नाकामुरा के इस व्यवहार को पूरी तरह असम्मानजनक बताया. रूसी दिग्गज क्रैमनिक ने X पर लिखा, 'मुझे नहीं पता कि यह बचकाना और बेस्वाद काम क्यों किया गया. शायद इसका मकसद गुकेश को अपमानित करना नहीं था, लेकिन यह सार्वजनिक हरकत विशेष रूप से वर्ल्ड चैम्पियन के खिलाफ अपमानजनक और उकसाने वाली लगती है.' व्लादिमीर क्रैमनिक ने कहा कि इस तरह के जश्न शतरंज की गरिमा को गिरा रहे हैं. हिकारू नाकामुरा ने अपनी हरकत पर कोई माफी नहीं मांगी है. चेस इंडिया से बातचीत में उन्होंने कहा, 'अगर मैं जीतता, तो मैं हमेशा किंग फेंकता. यह एक रोमांचक बुलेट गेम था और इसलिए इसे और मजेदार बनाया. मुझे उम्मीद है कि फैन्स ने इसका आनंद लिया होगा.' क्या दिखावे के लिए ऐसा किया गया? फेमस शतरंज स्ट्रीमर लेवी रोमैन ने कहा कि इस टूर्नामेंट में थिएट्रिक्स यानी दिखावटी हरकतों को बढ़ावा दिया गया था. रोजमैन ने कहा, 'दोनों टीमों को बताया गया था कि जश्न और किंग फेंकना ठीक है. बस नाकामुरा जीत गए और उन्होंने संभवत: गुकेश से पीछे जाकर कहा कि यह सब केवल शो के लिए था.' भारतीय मूल के डच ग्रैंडमास्टर अनीश गिरी ने भी हिकारू नाकामुरा का समर्थन किया. उन्होंने X पर लिखा, मैं हिकारू के साथ हूं. आयोजक शायद एक प्रयोग कर रहे थे, यह दिखाने के लिए नहीं कि भविष्य में शतरंज हमेशा ऐसे ही खेला जाएगा. हिकारू सिर्फ दर्शकों के लिए मजेदार हरकत कर रहे थे. मुझे इसमें बड़ी बात नहीं दिखती.' इस विवाद से शतरंज में परंपरा और मनोरंजन के बीच संतुलन का सवाल सामने आया है. पारंपरिक दृष्टिकोण रखने वाले व्लादिमीर क्रैमनिक जैसे शख्स मानते हैं कि प्रतिद्वंद्वी के किंग को फेंकना असम्मानजनक है. वहीं कुछ फैन्स कहते हैं कि शतरंज बदल रहा है और अब इसे डिजिटल युग और सोशल मीडिया के हिसाब से मनोरंजन का हिस्सा बनाना भी जरूरी है. ऐसे में यह कहना मुश्किल है कि हिकारू नाकामुरा की हरकत असम्मानजनक थी या सिर्फ मनोरंजन के लिए ऐसा किया गया था. लेकिन एक बात स्पष्ट है कि नाकामुरा ने जो किया, उसने नए विवाद को जन्म दिया है.

टी20 कप्तानी की राह पर गिल? इंग्लैंड के पूर्व स्पिनर ने जताया भरोसा

नई दिल्ली इंग्लैंड के पूर्व स्पिनर मोंटी पनेसर ने शुभमन गिल को टेस्ट के बाद भारतीय वनडे टीम की कप्तानी सौंपने के फैसले की सराहना की है। पनेसर ने इसे मास्टरस्ट्रोक बताया है और कहा कि गिल नेचुरल लीडर हैं जो जिम्मेदारी मिलने पर उभर जाते हैं। हाल ही में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने इस महीने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होने वाली सीमित ओवरों की सीरीज के लिए गिल को वनडे टीम का कप्तान नियुक्त किया था। गिल ने रोहित की ली जगह गिल ने रोहित शर्मा की जगह ली थी जिनके नेतृत्व में भारत ने इस साल चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीता था। भारत को 19 अक्तूबर से ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन मैचों की वनडे सीरीज खेलनी है और इसके बाद दोनों टीमों के बीच पांच मैचों की टी20 सीरीज खेली जाएगी। मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर ने कहा था कि उन्होंने खुद रोहित को टीम प्रबंधन के फैसले की जानकारी दी थी। पनेसर ने फैसले का किया स्वागत रोहित की जगह गिल को कप्तान बनाए जाने से फैंस काफी आश्चर्य हो गए थे और इसे लेकर सोशल मीडिया पर मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली थी। पनेसर ने हालांकि, भारतीय टीम प्रबंधन के इस कदम का स्वागत किया है और कहा कि लीडरशीप भूमिका गिल के लिए सही है। पनेसर ने कहा, मुझे लगता है कि यह एक बेहतरीन फैसला है क्योंकि मुझे गिल ने वाकई अच्छा प्रदर्शन किया है। रोहित शर्मा के रहते उन्हें कप्तान बनाना, उन्हें सीरीज के दौरान मदद और मार्गदर्शन दे सकता है। यह वाकई एक अच्छा कदम है। हमने इंग्लैंड में देखा है कि वह एक स्वाभाविक कप्तान हैं। जब आप शुभमन गिल को जिम्मेदारी देते हैं, तो आप उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देखते हैं। मुझे लगता है कि हम वनडे सीरीज में उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देखेंगे। मुझे हैरानी नहीं होगी अगर उन्हें टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों की कप्तानी भी दी जाए क्योंकि मुझे लगता है कि वह ऐसे खिलाड़ी हैं जो जिम्मेदारी मिलने पर अच्छा प्रदर्शन करते हैं। गिल की नजरें 2027 वनडे विश्व कप पर दूसरी तरफ, गिल भविष्य पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और उनकी नजरें 2027 वनडे विश्व कप पर टिकी हैं। इस बड़े आयोजन से पहले भारत के लगभग 20 वनडे मैच खेलने की उम्मीद है और नए कप्तान का लक्ष्य प्रतिष्ठित ट्रॉफी के साथ स्वदेश लौटना है। गिल ने हाल ही में बीसीसीआई के एक वीडियो में कहा था, अपने देश की वनडे टीम की कप्तानी करना और एक ऐसी टीम का नेतृत्व करना जो अच्छा प्रदर्शन कर रही है, मेरे लिए सबसे बड़ा सम्मान है। यह मेरे लिए बहुत गर्व की बात है। मुझे उम्मीद है कि मैं अच्छा प्रदर्शन कर पाऊंगा। मुझे लगता है कि विश्व कप से पहले हमारे पास लगभग 20 वनडे मैच हैं और जाहिर है कि हमारा लक्ष्य दक्षिण अफ्रीका में होने वाला विश्व कप है।