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‘रानी’ ने रचा इतिहास! राजस्थान में एक साथ पांच बाघ शावकों का जन्म, देश में नया रिकॉर्ड

जयपुर राजस्थान के जयपुर के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में बाघिन ‘रानी’ ने एक साथ पांच शावकों को जन्म देकर देश में एक नया रिकॉर्ड बनाया है। यह पहली बार है जब किसी बाघिन ने भारत में एक साथ पांच स्वस्थ शावकों को जन्म दिया है। पार्क प्रशासन ने मंगलवार को शावकों के बाबत जानकारी साझा करते हुए इनके फोटो और वीडियो जारी किए हैं।  पार्क के सीनियर पशु चिकित्सक डॉ. अरविंद माथुर ने बताया कि बाघिन ‘रानी’ ने 27 अप्रैल 2025 को दो मादा और तीन नर शावकों को जन्म दिया था। दो माह के संरक्षण और देखभाल के बाद अब इन्हें मां रानी के साथ कराल (ओपन एनक्लोजर) में छोड़ा गया है, जहां वे मानसून के मौसम का आनंद ले रहे हैं। अब पार्क में आने वाले पर्यटक रानी और उसके नन्हें शावकों का दीदार कर सकेंगे। डॉ. माथुर ने बताया कि सभी शावकों को बीमारियों से बचाव के लिए वैक्सीनेट किया गया है। पहचान के लिए उनका लिंग परीक्षण भी किया गया, जिसमें एक सफेद और दो गोल्डन शावक नर हैं, जबकि शेष दो गोल्डन शावक मादा हैं। उन्होंने बताया कि शावकों को अब नियमित रूप से खुले कराल में मां के साथ रखा जाएगा ताकि वे प्राकृतिक परिवेश में खेलने, मिट्टी से संपर्क और सामाजिक व्यवहार को विकसित कर सकें। इससे उनकी शारीरिक और मानसिक ग्रोथ बेहतर होगी। अगस्त में इन्हें बूस्टर डोज भी दी जाएगी। उल्लेखनीय है कि रानी ने इससे पहले 10 मई 2024 को तीन शावकों को जन्म दिया था, जिनमें से एक की मृत्यु हो गई थी। शेष दो शावक आज भी पूरी तरह स्वस्थ हैं और पार्क में दर्शकों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। बाघिन रानी और उसके शावकों की देखभाल के लिए पार्क प्रशासन ने विशेष प्रबंध किए। गर्मी से राहत के लिए कलर स्प्रे, टाट की बोरियों, और विशेष आहार की व्यवस्था की गई। पार्क स्टाफ की सतत निगरानी में रानी और उसके सभी शावक स्वस्थ हैं।  

राजस्थान में मूसलाधार बारिश, तेज बारिश के कारण शहर के कई इलाके जलमग्न, जनजीवन अस्त-व्यस्त

धौलपुर/अलवर राजस्थान में मानसून ने इस बार जोरदार दस्तक दी है, जिससे जहां एक ओर किसानों को राहत मिली है, वहीं शहरी इलाकों में भारी बारिश से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। धौलपुर, अलवर और कोटपुतली-बहरोड़ में तेज बारिश के चलते सड़कों पर पानी भर गया और बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। कई जगहों पर घरों, दुकानों और सरकारी भवनों में पानी घुस गया, जिससे जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया। धौलपुर में हुई तेज बारिश के कारण शहर के कई इलाके जलमग्न हो गए। जगन टॉकीज, हरदेव नगर, कोर्ट परिषद और बाड़ी रोड जैसे प्रमुख क्षेत्र पानी में डूब गए। सड़कों पर घुटनों तक पानी भर गया, जिससे वाहन चालकों और राहगीरों को भारी परेशानी हुई। स्थानीय लोगों का कहना है कि हर साल बरसात में यही स्थिति बनती है, लेकिन प्रशासन स्थायी समाधान नहीं कर रहा। दुकानों में पानी घुसने से कारोबार ठप हो गया और स्कूल जाने वाले बच्चों से लेकर ऑफिस जाने वालों तक को मुश्किलों का सामना करना पड़ा। नालियों की समय पर सफाई नहीं होने से पानी सीधे घरों और दुकानों में घुस गया। अलवर में सुबह 6:30 बजे शुरू हुई मूसलधार बारिश ने 9 बजे तक शहर में बाढ़ जैसे हालात पैदा कर दिए। होप सर्कस, घंटाघर, सराफा बाजार, अशोक टॉकीज, बस स्टैंड और एसएमडी चौराहे समेत शहर के अधिकांश हिस्से जलमग्न हो गए। दुकानों और घरों में पानी भरने से काफी नुकसान हुआ। चूड़ी मार्केट और अन्य बाजारों में व्यापार पूरी तरह ठप हो गया। कच्ची बस्तियों में झोंपड़ियों की छतें टपकने लगीं और घरों में रखा सामान भीग गया। एसएमडी चौराहे पर नाले के ऊपर लगे जाल में कचरा फंसने से पानी का बहाव रुक गया, जिससे आसपास के घरों में पानी भर गया। इसी तरह कोटपुतली-बहरोड़ क्षेत्र में मंगलवार सुबह से बारिश का दौर जारी है। तेज बारिश के बीच आसमान में घने बादल छाए रहे। किसानों के लिए यह बारिश राहत लेकर आई है क्योंकि इससे खेतों को अच्छी नमी मिलेगी और फसलों को फायदा होगा। हालांकि लगातार बारिश से कुछ निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति भी बनी है, जिससे स्थानीय लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है।  

राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय भोपाल में स्थापित किए जाने पर सैंद्धातिक स्वीकृति

ग्रामों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मुख्यमंत्री वृन्दावन ग्राम योजना का अनुमोदन क्षतिग्रस्त पुलों के पुनर्निर्माण योजना के क्रियान्वयन के लिए 4 हजार 572 करोड़ रूपये की सैद्धांतिक स्वीकृति राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय भोपाल में स्थापित किए जाने पर सैंद्धातिक स्वीकृति मुख्यमंत्री डॉ. यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद के निर्णय भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक मंगलवार को मंत्रालय में सम्पन्न हुई। मंत्रि-परिषद द्वारा प्रदेश के ग्रामों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मुख्यमंत्री वृन्दावन ग्राम योजना का अनुमोदन किया गया। इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक जिले में एक ऐसे ग्राम का चयन किया जाएगा जिसकी वर्तमान जनसंख्या न्यूनतम 2000 हो एवं गौ-वंश की न्यूनतम संख्या 500 हो। ऐसे ग्रामों को मुख्यमंत्री वृन्दावन ग्राम के रूप में विकसित कर आत्मनिर्भर बनाया जाएगा। ये ग्राम आत्मनिर्भर होकर प्रदेश के अन्य ग्रामों के समक्ष विकास का आदर्श प्रस्तुत करेंगे। इस योजना के अंतर्गत गौ-पालन एवं डेयरी विकास, पर्यावरण संरक्षण, जैविक कृषि, जल संरक्षण, सौर ऊर्जा, चारागाह विकास, अधोसंरचना विकास, स्वरोजगार सहित ग्रामीण विकास के विषयगत दृष्टिकोणों से संबंधित विभिन्न कार्यक्रमों का क्रियान्वयन किये जाने का निर्णय लिया गया। राज्य शासन की अवधारणा है कि प्रदेश में कुछ ग्राम इस प्रकार विकसित किये जायें ताकि वे आत्मनिर्भर होकर प्रदेश के समस्त ग्रामों के लिए उदाहरण बनें तथा अन्य ग्राम इन चयनित ग्रामों से प्रेरित होकर स्वयं भी आत्मनिर्भरता और चहुँमुखी विकास की ओर अग्रसर हों। इन चयनित ग्रामों में विभिन्न विभागों के अन्य विकास कार्यों के साथ मुख्य रूप से गौवंशीय एवं अन्य दुधारू पशुओं के पालन, दुग्ध-उत्पादन एवं डेयरी विकास पर ध्यान केन्द्रित किया जायेगा। जहां स्वच्छता एवं हरियाली के साथ-साथ गौसेवा और आध्यात्मिकता से समन्वित आर्थिक आत्मनिर्भरता प्रत्यक्षतः दृष्टिगोचर हो और ग्राम "वृन्दावन" के रूप में साकार हो सके। मुख्यमंत्री वृन्दावन ग्राम योजना के उद्देश्यों में गौपालन एवं डेयरी विकास को बढ़ावा देना। ग्राम को दुग्ध उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के साथ सहकारिता के माध्यम से दुग्ध व्यवसाय का प्रसार करना, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार हो सके। पर्यावरण संरक्षण, जैविक कृषि, जल संरक्षण तथा सौर ऊर्जा संबंधी गतिविधियों को जनभागीदारी से क्रियान्वित करना, चारागाह विकास, ग्राम में अधोसंरचना विकास, ग्रामीण परिवारों का रोजगार/स्वरोजगार आधारित आर्थिक सुदृढ़ीकरण और ग्रामीण विकास के विषयगत दृष्टिकोणों को अपनाते हुए सतत् विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करना है। चयनित वृन्दावन ग्राम में विभिन्न विभागों के माध्यम से जो सुविधाएं उपलब्ध करायी जाना है, वे 6 श्रेणियों में होगी। चयनित वृन्दावन ग्राम में अधोसरंचना के लिए गौशाला, ग्राम पंचायत भवन, सामुदायिक भवन, आँगनबाड़ी भवन, स्वास्थ्य केन्द्र, स्कूल भवन, यात्री प्रतीक्षालय, सोलर स्ट्रीट लाइट, पुस्तकालय, सर्वसुविधायुक्त आजिविका भवन/ग्रामीण आजीविका के लिए वर्कशेड, पशु चिकित्सालय, ग्राम तक कनेक्टिविटी, ग्राम के अंतर्गत आंतरिक सड़कें/नाली, सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकान एवं गोडाउन, हर घर जल (सोलर उर्जा आधारित पम्प के माध्यम से), ग्रामीण उद्योग आधारित आर्ट एण्ड क्राफ्ट सेंटर, बायोगैस सयंत्र, शांतिधाम निर्माण, गौ-समाधि स्थल, सेग्रीगेशन शेड, जल निकासी के लिए नाली, कृत्रिम गर्भाधान केन्द्र, ग्राम में विद्युत प्रवाह के लिए सौर उर्जा एवं गैर परम्परागत उर्जा क्षेत्र में विकास, पात्र परिवारों के लिये जलवायु अनुकूल आवास तथा (व्यक्तिगत शौचालय), सार्वजनिक उद्यान (पार्क), सार्वजनिक शौचालय, सिंचाई स्रोत विकास एवं ड्रिप एरीगेशन की सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी। आजीविका संबंधी गतिविधियों में नंदन फलोद्यान, पोषण वाटिका, दुग्ध कलेक्शन सेंटर, लघु वनोपज आधारित लघु उद्योग, कृषि/फल उपज आधारित उद्योग, ग्राम में उपलब्ध कौशल आधारित सेवाओं के विकास की सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी। वाटर कनजर्वेशन संबंधी जल संचयन संरचनाएं, रूफ वॉटर हार्वेस्टिंग, नलकूप रिचार्ज, डगवेल रिचार्ज, स्टॉप डेम/चेकडेम, तालाबों का संरक्षण इसी प्रकार पंचायत सशक्तिकरण संबंधी में स्वयं की आय के स्रोत का विकास तथा ई-पंचायत /CSCकी सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी। विशेष लक्ष्य में प्राकृतिक कृषि, धार्मिक स्थलों / भूमियों का संरक्षण, घर से कचरा उठाने स्वच्छता वाहन, ग्रे वाटर मैनेजमेंट, मल-कीचड प्रबंधन, राजस्व अभिलेखों को अद्यतन करना, शत प्रतिशत समग्र ईकेवाइसी, ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए होम-स्टे, ग्राम के आर्ट एवं क्राफ्ट को बढ़ावा देने के लिए हस्तशिल्प कला केन्द्र, ग्राम की शालाओं/आंगनबाडियों में अध्यनरत बच्चों के लिये पौष्टिक भोजन, अतिक्रमण मुक्त ग्राम तथा ग्राम की स्थानिक योजना की सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी। क्षतिग्रस्त पुलों के पुनर्निर्माण योजना के क्रियान्वयन की सैद्धांतिक स्वीकृति मंत्रि-परिषद द्वारा राज्य मद अंतर्गत क्षतिग्रस्त पुलों के पुनर्निर्माण की योजना अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2025-26 से 2029-30 तक 1766 पुलों के पुनर्निर्माण के लिए 4 हजार 572 करोड़ रूपये की सैद्धांतिक स्वीकृति दी गयी। स्वीकृति अनुसार क्षतिग्रस्त पुलों का पुनर्निर्माण किया जाकर बारहमासी संपर्क सुविधा प्रदान की जायेगी। योजना के क्रियान्वयन एवं मॉनीटिरिंग के लिए मध्यप्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण की साधिकार समिति को समुचित निर्णय लिये जाने के लिए अधिकृत किये जाने की स्वीकृति दी गयी। राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय, की स्थापना भोपाल में किए जाने की सैंद्धातिक स्वीकृति मंत्रि-परिषद द्वारा राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय, गाँधीनगर के परिसर (Campus) की स्थापना भोपाल में किए जाने के लिए सैंद्धातिक स्वीकृति प्रदान की गई है। स्वीकृति अनुसार भोपाल में राष्ट्रीय रक्षा विश्ववि‌द्यालय (आरआरयू) की स्थापना के लिए तीन वर्षों के लिए प्रति वर्ष एक करोड़ 5 लाख रूपये की राशि प्रदान की जायेगी। भोपाल में राष्ट्रीय रक्षा विश्ववि‌द्यालय के स्थायी परिसर के लिए राजीव गांधी प्रौ‌द्योगिकी विश्ववि‌द्यालय (आरजीपीवी), भोपाल परिसर में उपलब्ध भूमि में से 10 एकड़ भूमि को विभाग स्तर से हस्तांतरित किया जायेगा। भोपाल में राष्ट्रीय रक्षा विश्ववि‌द्यालय के स्थाई भवन का निर्माण पूर्ण होने तक राजीव गांधी प्रौ‌द्योगिकी विश्ववि‌द्यालय में उपलब्ध भवन को अस्थायी रूप से राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय के संचालन के लिए उपलब्ध कराये जाने का अनुमोदन किया गया। इसके स्थापित होने से राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में रोजगार एवं कौशल, विशिष्ट उच्च शिक्षा के केंद्र के रूप में मध्यप्रदेश की प्रतिष्ठा में वृद्धि, राज्य और राष्ट्रीय स्तर की संस्थाओं के मध्य सहयोग में वृद्धि होगी। विभागीय छात्रावासों में निवासरत विद्यार्थियों के लिए मेस संचालन की सैद्धांतिक स्वीकृति मंत्रि-परिषद द्वारा पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के विभागीय छात्रावासों में निवासरत विद्यार्थियों के लिए मेस संचालन की सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की गई है। विभाग के छात्रावास की संख्या 108, विद्यार्थियों की संख्या 9050 है। इसके लिए 14 करोड़ अनावर्ती तथा 17 करोड़ आवर्ती व्यय कुल 31 करोड़ रूपये की स्वीकृति प्रदान की गई। नवीन कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए कुल 1266 नवीन पदों की स्वीकृति मंत्रि-परिषद द्वारा नवीन कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए … Read more

रायसेन रोड स्थिति पटेल नगर कालोनी के कॉलोनाईजर के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज होगा

राज्यमंत्री श्रीमती गौर ने पटेल नगर कॉलोनाईजर के विरूद्ध एफआईआर कराने के निर्देश सर्वोदय गृह निर्माण समिति के आवंटियों की समस्या का करें निराकरण :राज्यमंत्री श्रीमती गौर रायसेन रोड स्थिति पटेल नगर कालोनी के कॉलोनाईजर के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज होगा भोपाल  रायसेन रोड स्थिति पटेल नगर कालोनी के कॉलोनाईजर के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज होगा। प्रकरण दर्ज कराने के लिए पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती कृष्णा गौर ने नगर निगम के अधिकारियों को निर्देश दिए। राज्यमंत्री श्रीमती गौर मंगलवार को मंत्रालय में गोविंदपुरा क्षेत्र की सर्वोदय गृह निर्माण सहकारी संस्था, अग्रोहा गृह निर्माण समिति, कुंजन गृह निर्माण समिति, पटेल नगर कॉलोनी और रहवासियों की समस्याओं के निराकरण के लिए संबंधित अधिकारियों से चर्चा कर रहीं थी। राज्यमंत्री श्रीमती गौर ने पटेल नगर कॉलोनी में स्कूल, खेल मैदान, पार्क आदि के लिए छोड़े गए भू-खंडों को नगर निगम के लिए सौपने के स्थान पर कॉलोनाईजर ने इस कॉलोनी के प्राईमरी स्कूल के एक भू-खंड को निजी तौर पर विक्रय कर दिया। नगर निगम के स्वामित्व के इन भू-खंड को विक्रय करने का अधिकार कॉलोनाईजर को नहीं है। कॉलोनाईजर द्वारा किया गया यह कृत्य आपराधिक है। इसको ध्यान में रखते हुए राज्यमंत्री गौर ने नगर निगम के अधिकारियों को कॉलोनाईजर के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कॉलोनाईजर द्वारा विक्रय किए गए भू-खंड की रजिस्ट्री को शून्य कराने की प्रक्रिया भी शुरू करें। इसके साथ ही कॉलोनाईजर अन्य ओपन एरिया को विक्रय नहीं कर सके इसकी व्यवस्था भी सुनिश्चित करें। बैठक में बताया गया कि पटेल नगर कॉलोनी 1960 के दशक में विकसित की गई थी। इसमें 700 से अधिक प्लाट हैं। राज्यमंत्री श्रीमती गौर ने सर्वोदय गृह निर्माण सहकारी संस्था खजूरी भोपाल में आवंटियों और सहकारी संस्था के पदाधिकारियों के बीच कॉलोनी के विकास कार्यो को लेकर आ रही समस्या के निराकरण के लिए और समिति में पिछले वर्षों में हुई कार्यवाही से आवंटियों को उनका वास्तविक हक दिलाने के लिए संयुक्त आयुक्त, सहकारिता भोपाल को कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने उप आयुक्त सहकारिता से कहा कि वह आवंटियों और सहकारी संस्था के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर समस्या का निराकरण कराना सुनिश्चित करें। बैठक में अग्रोहा गृह निर्माण समिति नर्मदापुरम रोड की सीवेज और सड़क निर्माण के लिए रहवासियों के साथ समन्वय कर अधिकारियों को कार्य करने के लिए कहा। इसी प्रकार कुंजन गृह निर्माण संस्था नर्मदापुरम रोड में फेस-1 और फेस-2 में सीवेज और रोड के विकास के लिए अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। बैठक में संबंधित विभागों के अधिकारी, कॉलोनियों के रहवासी और सहकारी समितियों के पदाधिकारी मौजूद थे।  

हर गांव में उगेगा औषधीय पौधा! आनंदी बेन पटेल ने दी किसानों को नई दिशा

गोरखपुर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मंगलवार को किसानों से 'एक गांव-एक औषधीय पौधा' अभियान की शुरुआत करने की अपील की। एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय के लोकार्पण समारोह में अपने संबोधन में राज्यपाल पटेल ने किसानों से अपील की कि वे 'एक गांव-एक औषधीय पौधा' अभियान की शुरुआत करें। उन्होंने कहा कि आयुष विश्वविद्यालय के रूप में पूर्वांचल में आयुर्वेद का एक बड़ा केंद्र शुरू हो रहा है और इसके माध्यम से औषधीय खेती को भी बढ़ावा मिलेगा। विश्वविद्यालय के लोकार्पण समारोह की मुख्य अतिथि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का अभिवादन करते हुए राज्यपाल ने कहा कि आयुष विश्वविद्यालय के आस-पास के गांवों के किसान औषधीय पौधों की खेती कर अधिक धनराशि कमा सकते हैं। इससे बिना हानि वाली दवाएं बनेंगी और जनता का आशीर्वाद भी प्राप्त होगा। राज्यपाल ने सुझाव दिया कि एक गांव में एक तरह के औषधीय पौधे लगाए जाएं तो दूसरे गांव में दूसरे तरह के पौधे लगाए जाने चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि चिकित्सा की सारी पद्धतियों के होते हुए भी यह विचार करना आवश्यक है कि क्या हम (सेवाभाव से) हर जगह पहुंच पाए हैं। उन्होंने अपील की कि आंगनबाड़ी केंद्रों के जरिये होम्योपैथ और आयुर्वेद की हानिरहित दवाएं लोगों तक पहुंचाई जाए। इसमें चिकित्सकों, समाजसेवियों और जनप्रतिनिधियों को भी बड़ी भूमिका निभानी होगी। राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जन आरोग्यता के लिए सदैव चिंता करते हैं। आयुष विश्वविद्यालय के लोकार्पण समारोह को आयुष राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर मिश्र दयालु ने भी संबोधित किया। स्वागत संबोधन आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो के. रामचंद्र रेड्डी ने किया। इस अवसर पर प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, जलशक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह, मत्स्य मंत्री संजय निषाद, गोरखपुर के सांसद रविकिशन शुक्ल सहित कई जनप्रतिनिधि, गणमान्य लोग और बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।  

अमेठी में पिकअप वाहन के नहर में गिरने से 18 श्रद्धालु घायल

अमेठी उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले में एक गांव के पास पिकअप वाहन के नहर में गिरने से 12 महिलाओं समेत 18 श्रद्धालु घायल हो गए। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी। पुलिस के अनुसार, मोहनगंज थानाक्षेत्र के बारकोट गांव से 18 श्रद्धालु एक पिकअप वाहन में सवार होकर अहोरवन भवानी दर्शन के लिए जा रहे थे कि तभी पन्हौना गांव के पास एक मोड़ पर पिकअप वाहन अनियंत्रित होकर नहर में गिर गया। पुलिस ने बताया कि वाहन में सवार 18 श्रद्धालु घायल हो गए, जिनमें 12 महिलाएं भी शामिल हैं। शिवरतनगंज थाना प्रभारी विवेक सिंह ने बताया, "श्रद्धालुओं को मामूली चोटें आई हैं और वे खतरे से बाहर हैं।" उन्होंने बताया कि घायलों को प्राथमिक उपचार के लिए शिवरतनगंज के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) ले जाया गया, जहां उनका इलाज जारी है।   

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा- सीएम योगी बिना थके, बिना रुके कार्य कर रहे हैं, डॉक्टर व नर्स को भी ऐसा ही बनना होगा

गोरखपुर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने मंगलवार को गोरखपुर में उत्तर प्रदेश के पहले आयुष विश्वविद्यालय का लोकार्पण किया। यह आयुष विश्वविद्यालय भटहट क्षेत्र के पिपरी में 52 एकड़ क्षेत्रफल में बना है। इस विश्वविद्यालय के निर्माण में 267.50 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। राष्ट्रपति सोमवार से उत्तर प्रदेश के दो दिवसीय दौरे पर हैं। आयुष विश्वविद्यालय के लोकार्पण के अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि तपस्या साधना की धरती गोरखपुर राष्ट्रप्रेम की भी भूमि है। गोरखपुर धरती से जुड़ी महानविभूतियों को नमन करते हुए राष्ट्रपति ने गीता प्रेस का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि मंदिर में पूजा-अर्चना करने के मौके पर कल गीता प्रेस की ओडिया भाषा में मुझे शिव पुराण और भगवद्गीता पुस्तक भेंट की गयी। गीता प्रेस का योगदान बहुत अच्छा है। उन्होंने कहा कि महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय का लोकार्पण करके हमें प्रसन्नता हो रही है। मुझे खुशी हो रही है कि यहां उच्चस्तरीय सुविधाओं की व्यवस्था की गयी है। यहां आयुष पद्धतियों में स्नातक से लेकर उच्च स्तर का शिक्षण किया जाएगा। आयुष पद्धतियों से जुड़ी शिक्षा, पारम्परिक पद्धतियों के शोध कार्य पर विशेष जोर दिया जाएगा। इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को धन्यवाद देना चाहती हूं। उन्होंने अथक और निद्राजीत का उल्लेख करते हुए कहा कि योगी बिना थके, बिना रुके कार्य कर रहे हैं। डाक्टर और नर्स को भी अथक और निद्राजीत बनना होगा। आप सब जीवनदायिनी हैं। आपको आत्मावलोकन करना चाहिए कि क्या हम बेहतर कर पा रहे हैं। भारत योगी और ऋषियों की भूमि है। राष्ट्रपति ने कहा कि जल, थल, आकाश, वायु और अग्नि से मिलकर बना यह शरीर है। हमारे पास आज सारी सुविधाएं हैं। क्या यह सारी सुविधाओं का हमे उपयोग करना ठीक है। हम आभारी हैं प्रधानमंत्री मोदी के, उन्होंने योग का बढ़ावा दिया। आज भारत का डंका पूरे विश्व में बज रहा है। हम कहते हैं कि स्वास्थ्य ही संपदा है। भारत को विश्व गुरु बनने के लिए हमें आज से ही प्रयास करना होगा। राष्ट्रपति ने आहार, विहार पर भी अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि हमे स्वथ रहना है तो इलाज के साथ इसे भी अपनाना होगा। आयुर्वेद दवाओं की एक्सपायरी नहीं है। देश-विदेश की उपयोगी चिकित्सा पद्धतियों को 2014 के बाद देश और 2017 के बाद उप्र ने आयुष विभाग स्थापित कर अपनाया है। आयुष पद्धतियों की लोकप्रियता बढ़ रही है। महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विवि इसमें बहुत ही उपयोगी साबित होगा। राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि आयुष विवि खुलने से इलाज बेहतर होगा। साथ ही किसानों को भी फायदा होने वाला है। आयुर्वेद की दवाएं बनाने के लिए कई विशेष प्लांट चाहिए। वह खेत में ही होगा। इन दवाओं में केमिकल नहीं उपयोग किया जाएगा। हमारे पास एलोपैथी, आयुर्वेद और होम्योपैथी भी है। हमें अपनी पद्धति का प्रचार करना होगा। हमारे डाक्टरों, जनप्रतिनिधियों, समाजसेवियों की कमी की वजह से प्रचार नहीं हुआ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज का यह दिन अत्यंत गौरवशाली क्षण है। राष्ट्रपति के कर कमलों से आयुष विवि का लोकार्पण हो रहा है। हम सब जानते हैं कि 2014 के पहले हमारी पारम्परिक चिकित्सा को स्थान मिलना चाहिए, वह नहीं मिल पाया था। केन्द्र में मोदी सरकार आने के बाद से योग, नेचुरोपैथी, आयुर्वेद, युनानी जैसी अन्य परम्परागत पद्धतियों को नई पहचान मिल रही है। अब इस विवि में पढ़ाई के लिए प्रवेश शुरू हो जाएगा।इस माैके पर उप्र के मंत्री सूर्य प्रताप शाही, स्वतंत्र देव सिंह, संजय निषाद, दयाशंकर मिश्र दयालु, सांसद रविकिशन शुक्ल समेत कई जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।  

धार को 2,100 करोड़ रुपये की पीएम मित्र टेक्सटाइल पार्क सौगात, PM मोदी करेंगे शुभारंभ

धार  मध्यप्रदेश के धार जिले में विकसित किए जा रहे प्रधानमंत्री मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल रीजन एंड अपैरल (पीएम मित्रा) पार्क का शुभारंभ अगस्त में होगा। इसका शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथ से कराने की तैयारी चल रही है। इस पार्क के शुरू होने के पहले ही 10 हजार करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव आ चुके हैं।   फिलहाल यहां पर तेजी से विकास कार्य किए जा रहे हैं। यह टेक्सटाइल पार्क प्लग एंड प्ले सुविधा, सोलर प्लांट, सेंट्रलाइज्ड स्टीम बॉयलर के साथ स्थापित किया जा रहा है। जो यहां पर उद्योग शुरू करने वाले निवेशकों के लिए काफी सुविधाजनक होगा। 2100 एकड़ क्षेत्र में बन रहा पार्क औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग के प्रमुख सचिव राघवेन्द्र सिंह के अनुसार अगले दो माह में पीएम मित्रा पार्क का शुभारंभ कराने की तैयारी चल रही है। गुजरात के सूरत में हुए इंटरैक्टिव सेशन में भी उन्होंने इसकी जानकारी दी और निवेशकों को आमंत्रित किया है। अप्रेल माह में ही केन्द्र सरकार ने धार के इस पार्क के लिए 2100 करोड़ रुपए की विकास योजना को मंजूरी दी है। इसके बाद यहां पर तेजी से विकास कार्य किए जा रहे हैं। अगले साल के अंत तक यहां उत्पादन शुरू होने की संभावना है। यह देश भर में केन्द्र सरकार द्वारा स्वीकृत किए गए सात टेक्सटाइल पार्कों में से एक है। यह पार्क धार के भैंसोला गांव में लगभग 2100 एकड़ क्षेत्र में बन रहा है। आवास की सुविधा टेक्सटाइल मंत्रालय द्वारा स्वीकृत विकास योजना में यहां पर प्लग एंड प्ले यूनिट्स का विकास किया जाएगा। कंपनियों को सभी जरूरी सुविधाएं तैयार मिलेंगी, वे आकर तुरंत काम शुरू कर सकते हैं। यहां काम करने वालों के लिए औद्योगिक पार्क परिसर में ही रहने की व्यवस्था की जाएगी। 20 एमएलडी का जीरो लिक्विड डिस्चार्ज प्लांट लगाया जाएगा। इससे लिक्विड वेस्ट नहीं निकलेगा। गंदे पानी को उपचारित कर वहीं उपयोग किया जाएगा। सोलर पावर प्लांट भी बनाया जाएगा।

1 अगस्त से छत्तीसगढ़ में 30 प्रतिशत तक बढ़ सकते हैं जमीनों के भाव

रायपुर प्रदेश में अचल संपत्ति और जमीन की सरकारी कीमतों यानी कलेक्टर गाइडलाइन दरों में एक अगस्त से बढ़ोतरी तय मानी जा रही है। राज्य सरकार बाजार मूल्य और गाइडलाइन दरों में मौजूद अंतर को न्यूनतम करने की दिशा में सक्रिय हो गई है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि गाइडलाइन दर 30 फीसदी तक बढ़ सकती है। इसके लिए 30 जून से सात जुलाई तक प्रदेशभर में प्रचलित बाजार दरों का भौतिक सर्वेक्षण किया जा रहा है। सर्वे पूरा होने के बाद एक अगस्त से नई दरें लागू की जा सकती हैं। बनाई गई है विशेष टीम साल 2025-26 के लिए अचल संपत्ति की गाइडलाइन दरों के पुनरीक्षण की प्रक्रिया आरंभ हो चुकी है। इसके तहत पांचों संभागों (रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, बस्तर और सरगुजा) के लिए विशेष टीमें बनाई गई हैं। इन टीमों में उप महानिरीक्षक पंजीयन मदन कोर्पे, उषा साहू तथा संबंधित जिला पंजीयक और वरिष्ठ उप पंजीयक शामिल हैं। जमीनी हकीकत को परखेंगी टीमें राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि गाइडलाइन दरों को यथासंभव बाजार मूल्य के निकट लाने के लिए आंकड़ों का विश्लेषण दस्तावेजों और क्षेत्रीय निरीक्षण के आधार पर किया जाएगा। पटवारियों और तहसीलदारों के माध्यम से हर इलाके की रिहायशी कॉलोनियों, व्यावसायिक परिसरों और अन्य अचल संपत्तियों की जानकारी जुटाई गई है। नए मापदंड से तय होंगी दरें प्रस्तावित गाइडलाइन दरों के निर्धारण में स्पष्ट मापदंड अपनाए जा रहे हैं। रोड से लगी हुई संपत्तियों की दरें केवल रोड के आधार पर निर्धारित होंगी, रोड से अंदर की दरें तय नहीं की जाएंगी ताकि भ्रम की स्थिति न बने। वहीं 40 फीट से अधिक चौड़ाई वाली सड़कें 'मुख्य मार्ग' मानी जाएंगी। कम चौड़ाई की सड़कें, यदि वे दो इलाकों को जोड़ती हैं, तो उन्हें भी मुख्य मार्ग की श्रेणी में रखा जाएगा। सात साल बाद बदलाव की तैयारी गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में साल 2017 के बाद से गाइडलाइन दरों में कोई संशोधन नहीं हुआ है, जबकि नियमानुसार यह प्रक्रिया हर साल की जानी चाहिए। इस बार राज्य सरकार ने गाइडलाइन पुनरीक्षण के लिए सभी जिलों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। बाजार मूल्य की वास्तविकता को पकड़ने के लिए बैंकिंग संस्थाओं से भी संबंधित क्षेत्रों की संपत्ति दरों की जानकारी ली जा रही है।    

नवीन सत्र 2025-26 के नवप्रवेशित विद्यार्थियों के लिए ‘दीक्षारम्भ कार्यक्रम’ आयोजित किया गया

उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान (आईईएचई), भोपाल में नवीन सत्र 2025-26 के नवप्रवेशित विद्यार्थियों के लिए हुआ दीक्षारम्भ कार्यक्रम तिलक एवं पुष्प वर्षा के माध्यम से नव प्रवेशितों का हुआ अभिनंदन नवीन सत्र 2025-26 के नवप्रवेशित विद्यार्थियों के लिए 'दीक्षारम्भ कार्यक्रम' आयोजित किया गया भोपाल उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान (आईईएचई) में मंगलवार को नवीन सत्र 2025-26 के नवप्रवेशित विद्यार्थियों के लिए 'दीक्षारम्भ कार्यक्रम' आयोजित किया गया। संस्थान में नवप्रवेशित विद्यार्थियों का स्वागत भारतीय परंपरानुसार तिलक लगाकर एवं पुष्प वर्षा के माध्यम से किया गया। संस्थान के नवीन विद्यार्थियों को संस्थान की उपलब्धियों, परंपराओं एवं सुविधाओं से परिचित करवाने के उद्देश्य से स्नातक व स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों के साथ समस्त संकायों के प्राध्यापक भी इस कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। संस्थान के संचालक डॉ. प्रज्ञेश कुमार अग्रवाल ने सरस्वती वंदना के माध्यम से कार्यक्रम का शुभारंभ किया। तत्पश्चात संस्थान के शिक्षकों ने सिविल सर्विसेज में संस्थान से चयनित विद्यार्थियों, विक्रम अवार्ड से सम्मानित विद्यार्थियों, राष्ट्रपति से सम्मानित एनएसएस इकाई जैसी उल्लेखनीय संस्थागत उपलब्धियों से सभी को अवगत करवाया। साथ ही उन्होंने एकाग्रचित्त होकर संस्थान में अध्ययन करते हुए अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए विद्यार्थियों से आह्वान किया और इस प्रक्रिया में संस्थान के हर संभव सहयोग का आश्वासन भी दिया। संस्थान के समस्त शिक्षकों एवं कर्मचारियों ने नव प्रवेशितों को उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनायें प्रेषित की। कार्यक्रम की संयोजक एवं समाजशास्त्र विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. शैलजा दुबे ने विद्यार्थियों को संस्थान के पुस्तकालय, एनएसएस इकाई, एनसीसी इकाई आदि अन्य मूलभूत शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक सुविधाओं एवं गतिविधियों से परिचित करवाया। तत्पश्चात प्रत्येक विभाग के विभिन्न प्राध्यापकों ने अपने विभाग का संक्षिप्त परिचय प्रस्तुत किया। दीक्षारम्भ कार्यक्रम के माध्यम से संस्थान में प्रवेशित विद्यार्थियों को संस्थान की परंपरा में घुलने-मिलने एवं भविष्य निर्माण की रुपरेखा बनाने का सुनहरा अवसर प्राप्त हुआ।