samacharsecretary.com

छत्तीसगढ़ में महिला ने 3 बच्चों को दिया जन्म, 2 अलग-अलग अस्पतालो में हुआ प्रसव

अंबिकापुर  बलरामपुर जिले के रामानुजगंज क्षेत्र के एक छोटे से गांव देवीगंज की रहने वाली सूरजमणी ने हाल ही में एक जटिल परिस्थिति में तीन शिशु को जन्म दिया। इस प्रसव को चिकित्सकीय दृष्टिकोण से रेयर केस माना जा रहा है। महिला ने 3 बच्चों को जन्म दिया, उससे खास बात यह है कि प्रसूता ने 3 बच्चों को दो अलग-अलग अस्पतालों में जन्म दिया है। बता दें, इस महिला ने एक शिशु को बलरामपुर जिला अस्पताल में जन्म दिया और दो अन्य शिशुओं को अंबिकापुर के नए बस स्टैंड स्थित संजीवनी अस्पताल में जन्म दिया है। तीनों बच्चे स्वस्थ हैं और प्रसूता भी स्वस्थ है। तीनों बच्चों को पाकर पूरा परिवार गदगद है। यह परिवार पूर्व महापौर डॉक्टर अजय तिर्की के गृह ग्राम के हैं। जटिल परिस्थितियों में लाया गया अंबिकापुर डॉक्टर अजय तिर्की ने बताया कि प्रसव की जिम्मेदारी संजीवनी अस्पताल की डॉ भावना गार्डिया की टीम ने संभाली थी। नर्सिंग स्टाफ की तत्परता और अनुभव ने इस चुनौतीपूर्ण केस को सफल बनाया। इससे पहले सुरजमणी का पहला प्रसव बलरामपुर में हुआ था, लेकिन स्थिति काफी जटिल थी। लेकिन परिस्थिति की जटिलता को देखते हुए प्रसूता को जल्दी से अंबिकापुर लाया गया। डॉक्टरों के अनुसार, ग्रामीण परिवेश, सीमित संसाधनों और चिकित्सा सुविधाओं की कमी के बावजूद बलरामपुर के डाक्टरों की सूझबूझ के कारण एक बच्चा वहीं जन्म लिया, किंतु गंभीर स्थिति को देखते हुए अंबिकापुर रेफर किया गया। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए यहां के चिकित्सकों ने प्रसूता के साथ बच्चों की भी जान बचाई है। जच्चा-बच्चा दोनों सुरक्षित अब मां और बच्चा दोनों सुरक्षित हैं। तीनों बच्चे व प्रसूता को लेकर परिवार वापस लौट गया है। स्थानीय लोगों ने डाक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों की प्रशंसा की है। इसे इस क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवाओं के लिए एक मिसाल बताया है। प्रसूता की डिलीवरी करवाने वाली डॉक्टर भावना गार्डिया ने बताया कि यह एक बड़ा चुनौती भरा काम था। ऐसा केस कम ही आता है कि एक शिशु 80 किलोमीटर दूर अस्पताल में जन्में और दो शिशु दूसरे अस्पताल में जन्में, लेकिन समय रहते उचित निर्णय और टीम की मेहनत से सब कुछ ठीक हुआ।

खैरागढ़ में मजदूरों से भरी तेज रफ्तार पिकअप वाहन हादसे का शिकार, , 21 घायल, 3 गंभीर

खैरागढ़ छत्तीसगढ़ के खैरागढ़ जिले में मजदूरों से भरी तेज रफ्तार पिकअप वाहन हादसे का शिकार हो गई. बुधवार शाम ग्राम बोरई के उदयपुर रोड मोड़ पर पिकअप वाहन अनियंत्रित होकर जा पलटी. घटना के बाद मौके पर चीख-पुकार मच गई. इस हादसे में गाड़ी में सवार 24 मजदूर घायल हो गए. घायलों में 3 की हालत गंभीर बनी हुई है. घटना की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और सभी घायलों को अस्पताल पहुंचाया. फिलहाल सभी का इलाज जारी है. जानकारी के अनुसार, शुरुआती जांच में पता चला है कि पिकअप चालक तेजी से गाड़ी चला रहा था और मोड़ पर ब्रेक नहीं लगाई. इससे तेज रफ्तार पिकअप अनियंत्रित हुई और पलट गई. साथ ही इस हादसे का बड़ा कारण यातायात नियमों का उल्लंघन करना भी है. जिन गाड़ियों का काम सामान ढोने का है, उन्हीं में मजदूरों को भरकर लाया जा रहा था. ऐसे मालवाहक में सवारी कराना कानूनी तौर पर गलत है और जान के लिए खतरा भी है. वहीं घायल मजदूरों ने अस्पताल प्रबंधन पर भी लापरवाही का आरोप लगाया है. घायलों ने अस्पताल पर आरोप लगाते हुए बताया कि डॉक्टर ने रात में एक बार आकर उन्हें देखा. लेकिन इसके बाद अब तक कोई पूछने तक नहीं आया. BMO और जिम्मेदार डॉक्टरों की गैरमौजूदगी ने इलाज में लापरवाही की पोल खोल दी है. ग्रामीणों ने प्रशासन से मोड़ पर स्पीड ब्रेकर लगाने, घायल मजदूरों का अच्छे से इलाज कराने और तेज रफ्तार से गाड़ी चलाने वाले चालक पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की है. हादसा बता गया कि रफ्तार और लापरवाही का खेल कई घरों की खुशियां छीन लेता है, और इसे रोकना जरूरी है.

श्रीमंत झा ने प्रदेश का नाम किया रोशन, नेशनल पैरा आर्म-रेसलिंग चैंपियनशिप में जीता गोल्ड

त्रिशूर छत्तीसगढ़ के होनहार पैरा खिलाड़ी श्रीमंत झा ने एक बार फिर प्रदेश का नाम रोशन किया है। केरल के त्रिशूर में आयोजित नेशनल पैरा आर्म-रेसलिंग चैंपियनशिप में उन्होंने 85 किलोग्राम वजन वर्ग में शानदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक अपने नाम किया। प्रतियोगिता में देशभर के शीर्ष पैरा आर्म-रेसलर खिलाड़ियों ने भाग लिया था। बता दें कि फाइनल मुकाबले में श्रीमंत ने तमिलनाडु के खिलाड़ी को हराकर गोल्ड मेडल जीता। खास बात यह रही कि उन्होंने अपनी यह जीत अहमदाबाद प्लेन क्रैश में जान गंवाने वाले लोगों को समर्पित की, जो उनके संवेदनशील और मानवीय पक्ष को दर्शाता है। उनकी इस उपलब्धि पर छत्तीसगढ़ प्रदेश आम रेसलिंग एसोसिएशन ने हर्ष जताया है। संगठन के प्रेसिडेंट जी. सुरेश बाबा, जनरल सेक्रेटरी श्रीकांत, कृष्णा साहू सहित अन्य पदाधिकारियों ने श्रीमंत को शुभकामनाएं दीं और भविष्य के लिए ढेर सारी सफलताओं की कामना की। इस गौरवपूर्ण उपलब्धि के बाद यह उम्मीद जताई जा रही है कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा उन्हें राजीव गांधी खेल सम्मान से नवाजा जा सकता है। श्रीमंत झा की यह सफलता न केवल छत्तीसगढ़ के लिए गर्व का विषय है, बल्कि प्रदेश के युवाओं के लिए भी एक प्रेरणास्रोत बन गई है। उनके समर्पण और संघर्ष की यह कहानी प्रदेश के अन्य खिलाड़ियों को भी अपनी मेहनत से ऊंचाइयों तक पहुंचने का हौसला देगी।

छत्तीसगढ़ में दुष्कर्म पीड़िताओं के लिए 40 करोड़ रुपए स्वीकृत, वितरण की प्रक्रिया शुरू

बिलासपुर प्रदेश में दुष्कर्म की घटनाओं से प्रभावित महिलाओं को मुआवजा न मिलने को लेकर दायर जनहित याचिका पर छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने  अंतिम सुनवाई की है । हाई कोर्ट ने मामले का निराकरण कर दिया है। कोर्ट ने दुष्कर्म पीड़िताओं को मुआवजा वितरण के लिए प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट को सूचित किया गया कि राज्य शासन ने 40 करोड़ रुपये की राशि जारी कर दी है, जो अब जिलों के जरिए पीड़िताओं को प्रदान की जाएगी। केंद्र सरकार ने वर्ष 2018 में दुष्कर्म पीड़ित महिलाओं के लिए एक विशेष मुआवजा योजना लागू की थी, जिसका उद्देश्य उनके पुनर्वास और सहायता सुनिश्चित करना था। योजना के तहत प्रदेश में अब तक लगभग 6,000 आवेदन प्राप्त हुए थे, लेकिन बड़ी संख्या में पीड़ितों को अब तक मुआवजा नहीं मिल पाया था। शासन की ओर से इस योजना को राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण की जिम्मेदारी बताते हुए शुरुआत में अपेक्षित ध्यान नहीं दिया गया। केवल उन्हीं पीड़ितों को मुआवजा मिल सका जिन्होंने अदालत का दरवाजा खटखटाया। 36 मामलों के आधार पर दायर हुई थी जनहित याचिका समाजसेवी सत्यभामा अवस्थी ने अधिवक्ता देवेश कुमार के माध्यम से हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर मांग की थी कि 2018 की इस योजना का पूर्ण और प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए। याचिका में यह भी बताया गया कि प्रदेश में ऐसे 36 मामले सामने आए हैं, जिनमें पीड़िताओं को मुआवजा नहीं मिल पाया। जिस पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने उसका निराकरण किया। गृह सचिव ने बताया, प्रक्रिया हुई शुरू बुधवार को चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति की डिवीजन बेंच में इस मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान राज्य शासन की ओर से गृह सचिव ने एक शपथपत्र दाखिल किया। जिसमें कोर्ट को अवगत कराया कि राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (सालसा) के निर्देश पर पीड़ित महिलाओं के मुआवजे के लिए 40 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई थी। इस राशि को अब सभी जिलों में वितरित करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। राज्य शासन ने बताया कि यह राशि संबंधित जिलों के जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों को भेज दी गई है। वे आवेदनकर्ताओं को मुआवजा प्रदान करने की प्रक्रिया में लगे हैं। याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि वर्ष 2018 से अब तक कुल 5,500 आवेदन सालसा को प्राप्त हुए हैं, जिनमें से अधिकांश पर अब कार्रवाई की जा रही है।

सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि फीस में किसी भी प्रकार की वृद्धि नहीं की जाएगी: स्टेट फार्मेसी काउंस‍िल

रायपुर छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउंसिल के द्वारा 8 मई 2025 को आयोजित आम सभा में नए पंजीयन एवं नवीनीकरण सहित अन्य फीस को बढ़ाने का निर्णय लिया गया था। इस निर्णय को 1 जून 2025 से लागू कर दिया गया था। फीस वृद्धि के बाद राज्य के विभिन्न फार्मासिस्ट संगठन तथा दवा व्यापारी संगठनों ने फीस वृद्धि पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया था। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने भी युवाओं और व्यापारी वर्ग के हितों का ध्यान रखते हुए फीस वृद्धि को लेकर काउंसिल के सदस्यों को सुझाव दिया था। यह जानकारी आज गुरुवार काे जनसंपर्क विभाग ने विज्ञप्ति जारी कर दी है। बढ़ी हुई फीस पर पुनर्विचार के लिए बुधवार 2 जुलाई 2025 को काउंसिल का विशेष सम्मेलन नवीन विश्राम गृह रायपुर में आयोजित किया गया। इस विशेष बैठक में उपस्थित सभी सदस्यों ने उक्त बढ़ी हुई फीस पर विभिन्न बिन्दुओं पर पुनर्विचार किया और अंत में सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि फीस में किसी भी प्रकार की वृद्धि नहीं की जाएगी। यह भी निर्णय लिया गया कि केवल कोविड महामारी काल में घटाए गए पंजीयन नवीनीकरण शुल्क को 300 रूपये के स्थान पर पुनः 500 रूपये किया जाए। इस तरह पूर्व में लागू फीस ही याथावत रहेगी। इसके साथ ही 1 जून 2025 से जिनसे भी बढ़ी फीस को लिया गया है उन फार्मासिस्टों को अतिरिक्त फीस को वापस किये जाने का निर्णय लिया गया है।  

राजनांदगांव के 18 ग्रामों को 1 करोड़ से अधिक के विकास कार्यों का उपहार, विस अध्यक्ष डॉ रमन सिंह ने मुख्यमंत्री साय और गृह मंत्री विजय शर्मा को जताया आभार

राजनांदगांव जिले में मुख्यमंत्री समग्र ग्रामीण विकास योजना 2025-26 के तहत 2 करोड़ 13 लाख से अधिक की स्वीकृति, ग्रामों में शेड, सीसी रोड, नाली व सामुदायिक भवन का होगा निर्माण राजनांदगांव, राजनांदगांव विधायक एवं विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह के अथक प्रयासों से मुख्यमंत्री समग्र ग्रामीण विकास योजना वर्ष 2025–26 के अंतर्गत राजनांदगांव जिले के विभिन्न ग्रामों में लगभग 2 करोड़ 13 लाख रुपए की लागत से कुल 60 विकास कार्यों की स्वीकृति मिली है। इसमें राजनांदगांव विधानसभा क्षेत्र के 18 ग्रामों के लिए 1 करोड़ से अधिक की राशि स्वीकृत की गई है। इनमे निम्नलिखित विकास कार्य प्रस्तावित हैं: ग्राम मुड़पार में 10 लाख, रानीतराई एवं भोथीपार खुर्द में 3 लाख की लागत से शेड निर्माण। ग्राम बरगा, इंदामारा, फरहद में 6.5 लाख की लागत से सामुदायिक भवन निर्माण। ग्राम पार्रीखुर्द एवं जंगलेसर में 7.80 लाख की लागत से और ग्राम सुकुलदैहान, बम्हनी, भानपुरी व रीवागहन में 5.20 लाख की लागत से सीसी रोड निर्माण। ग्राम जंगलेसर, रीवागहन व रवेली में 5.20 लाख की लागत से निर्मला घाट निर्माण के साथ ग्राम धनगांव व बरगा में 5.91 लाख, ग्राम बॉकल में 3.94 लाख की लागत से नाली निर्माण का कार्य किया जायेगा। राजनांदगांव विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीणों ने इन 18 विकास कार्यों की स्वीकृति पर हर्ष व्यक्त करते हुए विधानसभा अध्यक्ष व क्षेत्रीय विधायक डॉ. रमन सिंह का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि डॉ. रमन ने हमेशा गांवों की ज़रूरतों को प्राथमिकता दी है। इन विकास कार्यों से गांवों में आधारभूत ढांचे को मजबूती मिलेगी और जीवनस्तर ऊँचा होगा। यह हमारे क्षेत्र के समग्र विकास की दिशा में एक बड़ा कदम है। विधानसभा अध्यक्ष एवं राजनांदगांव विधायक डॉ. रमन सिंह जी ने “मुख्यमंत्री समग्र ग्रामीण विकास योजना” के अंतर्गत स्वीकृत इन विकास कार्यों के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय जी एवं ग्रामीण विकास मंत्री  विजय शर्मा जी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा, “यह स्वीकृति भाजपा सरकार की ग्रामोन्मुख नीतियों और समावेशी विकास के प्रति प्रतिबद्धता का प्रमाण है। मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय जी एवं गृह मंत्री विजय शर्मा जी के कुशल नेतृत्व में छत्तीसगढ़ के गांवों को एक नई दिशा और ऊर्जा मिल रही है। यह योजनाएँ संरचनात्मक विकास नहीं, ग्रामीणों के जीवन में आशा और विश्वास का संचार हैं।”

पालक, विद्यार्थी और शिक्षक शिक्षा व्यवस्था में आए सुधार से प्रसन्न

रायपुर : युक्तियुक्तकरण से संबलपुर स्कूल में शिक्षकों की बहाली, पढ़ाई को मिली रफ्तार राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने में अहम भूमिका निभा रही  पालक, विद्यार्थी और शिक्षक शिक्षा व्यवस्था में आए सुधार से प्रसन्न रायपुर प्रदेशभर में शालाओं में शिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने में अहम भूमिका निभा रही है। इसी क्रम में बालोद जिले के डौंडीलोहारा विकासखंड स्थित पीएमशासकीय प्राथमिक शाला संबलपुर में शिक्षकों की वर्षों पुरानी कमी अब दूर हो गई है। शिक्षकों की पदस्थापना से अब विद्यालय में अध्ययन-अध्यापन की व्यवस्था न केवल व्यवस्थित हुई है, बल्कि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा भी प्राप्त हो रही है। युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के अंतर्गत यहां दो नए शिक्षकों की नियुक्ति की गई है, जिससे विद्यालय में अब कुल पांच शिक्षक कार्यरत हैं। विद्यालय में शिक्षकों की इस बहुप्रतीक्षित नियुक्ति को लेकर शाला विकास समिति, पालकगण और ग्रामीणों ने प्रसन्नता जाहिर की है। साहित्यकार एवं शिक्षाविद बिरेन्द्र निरोटी तथा शाला विकास समिति के अध्यक्ष गंगाराम निषाद ने राज्य शासन की इस पहल की सराहना करते हुए बताया कि विद्यालय में 150 से अधिक विद्यार्थी पंजीकृत हैं, किंतु पूर्व में केवल तीन शिक्षक कार्यरत थे। अब दो अतिरिक्त शिक्षकों की पदस्थापना से कक्षाएं नियमित और विषयवार संचालित हो रही हैं। विकासखंड शिक्षा अधिकारी हिमांशु मिश्रा ने जानकारी दी कि युक्तियुक्तकरण के तहत विद्यालय में श्रीमती बसंती टिकेश्वर और राबिन नागवंशी की नियुक्ति की गई है। वर्तमान में विद्यालय में प्रधानपाठक श्रीमती वीणा ठाकुर, अनिल दिल्लीवार और श्रीमती सुनीता सहित कुल पाँच शिक्षक शिक्षण कार्य कर रहे हैं। विद्यालय में शिक्षकों की संख्या बढ़ने से विद्यार्थियों में पढ़ाई को लेकर उत्साह बढ़ा है। पालकों ने बताया कि अब बच्चे घर आकर स्कूल की गतिविधियों के बारे में खुशी से चर्चा करते हैं। शासन की इस पहल से न केवल शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार हुआ है, बल्कि स्कूल छोड़ने की प्रवृत्ति (ड्रॉपआउट) पर भी अंकुश लगने की उम्मीद है। ग्रामीणों ने इस सकारात्मक पहल के लिए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और शिक्षा विभाग के प्रति आभार जताया है और विश्वास व्यक्त किया है कि ऐसी योजनाएं शिक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूत बनाएंगी।

दो शिक्षकों की पदस्थापना से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार, बच्चों व पालकों में दिखा उत्साह

रायपुर : युक्तियुक्तकरण से बदली तस्वीर : पतरापारा महलोई प्राथमिक शाला में पढ़ाई को मिली रफ्तार राज्य शासन द्वारा प्रारंभ की गई युक्तियुक्तकरण नीति का प्रभाव अब गांव-गांव में नजर आने लगा दो शिक्षकों की पदस्थापना से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार, बच्चों व पालकों में दिखा उत्साह रायपुर राज्य शासन द्वारा प्रारंभ की गई युक्तियुक्तकरण नीति का प्रभाव अब गांव-गांव में नजर आने लगा है। रायगढ़ जिले के तमनार विकासखंड अंतर्गत ग्राम पतरापारा महलोई स्थित शासकीय प्राथमिक शाला में शिक्षकों की नई पदस्थापना से शैक्षणिक वातावरण में उल्लेखनीय सुधार देखने को मिला है। पहले यह स्कूल एकल शिक्षक के भरोसे संचालित हो रहा था, लेकिन अब दो शिक्षकों की स्थायी नियुक्ति के बाद पढ़ाई में नई ऊर्जा और दिशा आई है। विद्यालय में वर्तमान में कक्षा 1 से 5 तक कुल 78 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। पूर्व में एक ही शिक्षक के भरोसे सभी कक्षाओं का संचालन किया जा रहा था, जिससे न केवल शिक्षण की गुणवत्ता प्रभावित हो रही थी, बल्कि विद्यार्थियों को विषय आधारित शिक्षा भी सीमित रूप से मिल पा रही थी। अब दो शिक्षकों की उपस्थिति से समयबद्ध, व्यवस्थित और गुणवत्तापूर्ण शिक्षण सुनिश्चित हुआ है। विद्यालय के परिवेश में आए इस सकारात्मक बदलाव से पालकों में भी उत्साह का माहौल है। अपने बच्चे को स्कूल छोड़ने आई श्रीमती प्रमिला परजा ने कहा कि अब उनके बच्चे घर लौटकर स्कूल की पढ़ाई और गतिविधियों के बारे में खुशी से बताते हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व में उन्हें इस बात की चिंता रहती थी कि एक शिक्षक इतने सारे बच्चों को कैसे सम्हालेंगे, लेकिन अब दो शिक्षकों की नियुक्ति से बच्चों को ध्यानपूर्वक पढ़ाया जा रहा है और वे पढ़ाई में भी अधिक रुचि लेने लगे हैं। राज्य शासन की इस पहल से न केवल बच्चों को बेहतर शैक्षणिक वातावरण मिला है, बल्कि ड्रॉपआउट दर में भी गिरावट की उम्मीद जताई जा रही है। शिक्षकों की पर्याप्त उपलब्धता से बच्चों की पढ़ाई अब नियमित और व्यवस्थित रूप से हो रही है, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता में सीधा सुधार देखा जा रहा है। युक्तियुक्तकरण योजना के तहत की गई यह पहल ग्रामीण शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम सिद्ध हो रही है। इससे बच्चों को न केवल उनके गांव में ही बेहतर शिक्षा मिल रही है, बल्कि उनके उज्ज्वल भविष्य की नींव भी मजबूत हो रही है।  

युक्ति युक्तकरण से सुदूरवर्ती गाँव सांचरबहार के शिक्षकविहीन स्कूल को मिला शिक्षक

रायपुर  इस  गाँव में शिक्षा की मशाल जल चुकी है…स्कूल खोलकर यहाँ के विद्यार्थियों को शिक्षा से न सिर्फ जोड़ा जा चुका है..अब वर्षों से शिक्षकविहीन इस विद्यालय में नियमित शिक्षक की नियुक्ति से विद्यार्थियों के साथ गाँव के लोगों में खुशियों का वातावरण है। शिक्षकविहीन की श्रेणी में आने वाले इस विद्यालय में राज्य शासन के फैसलों के बाद अतिशेष शिक्षको के युक्ति युक्तकरण की अपनाई गई प्रक्रिया ने यहाँ ज्ञान की नई रोशनी और उम्मीदों का दीया जला दिया है।        कोरबा ब्लॉक के सुदूरवर्ती ग्राम सांचरबहार ग्राम पंचायत नकिया का आश्रित ग्राम है। इस विद्यालय में वर्षों से नियमित शिक्षक पदस्थ नहीं था। स्कूल खुलने के साथ ही गाँव के लोगों की आस थी कि उनके बच्चे भी सही ढंग से पढ़ाई कर पाएंगे, दुर्भाग्यवश उनकी आस अधूरी ही थी, क्योंकि नियमित शिक्षक नहीं होने का खामियाजा विद्यार्थियों को भुगतना पड़ता था। अब जब विद्यालय में नियमित शिक्षक की नियुक्ति हुई है, तो गांव में उत्सव जैसा माहौल है।      गाँव में रहने वाली वृद्धा मैसो बाई खुश है कि स्कूल को नियमित शिक्षक मिल गया है अब उनका नाती-नतिनी ठीक से पढ़ाई कर पाएंगे। उन्होंने बताया कि रिया और आशीष विद्यालय जाते हैं। गाँव की महिला राजकुमारी बाई ने बताया कि उनका बेटा प्रमेन्द्र स्कूल जाता है। पहले आसपास के विद्यालयों से किसी शिक्षक को स्कूल भेजकर काम चलाया जाता था। अब नियमित शिक्षक आ जाने से हम सभी खुश है कि हमारे गाँव के स्कूल और बच्चों की नई पहचान बनेगी और उनकी पढ़ाई भी आसान होगी।       शासन की युक्ति युक्तकरण से इस विद्यालय में नियुक्त सहायक शिक्षक शेखरजीत टंडन ने बताया कि विद्यालय शहर से बहुत दूर है और अभी नई नियुक्ति के साथ ही लेमरू में ठहरने की व्यवस्था कर वहाँ से नियमित विद्यालय आते हैं। उन्होंने बताया कि बारिश में आवागमन थोड़ा चुनौती है, आने वाले समय में रास्ता पक्का हो जाने के साथ ही समस्या दूर हो जाएगी। उन्होंने बताया कि युक्ति युक्तकरण के काउंसिलिंग प्रक्रिया में उन्होंने इस विद्यालय का चयन किया है। विद्यालय में अभी 11 बच्चे दर्ज है और उन्हें खुशी है कि सुदूरवर्ती गाँव सांचरबहार के विद्यार्थियों का भविष्य गढ़ने का उन्हें अवसर मिला। उन्होंने बताया कि इससे पहले दूरस्थ क्षेत्र श्यांग के स्कूल में भी पदस्थ रहकर अध्यापन कर चुके हैं, अब सांचरबहार के शासकीय प्राथमिक शाला में नियुक्त है।

कलेक्टर ने की रीवा-सीधी-सिंगरौली रेल लाईन की समीक्षा

कलेक्टर ने की रीवा-सीधी-सिंगरौली रेल लाईन की समीक्षा    रेलवे तथा राजस्व अधिकारी समन्वय के साथ कार्य करें – कलेक्टर सीधी   कलेक्टर स्वरोचिष सोमवंशी ने रीवा-सीधी-सिंगरौली रेल लाईन के प्रगति की विस्तृत समीक्षा की। कलेक्टर ने कहा कि रेलवे तथा राजस्व अधिकारी आपसी समन्वय के साथ कार्य करें। रेलवे विभाग के अधिकारी कार्यों के प्राथमिकता क्रम को निर्धारित करते हुए राजस्व अधिकारियों के सतत संपर्क में रह कर कार्य मे प्रगति लाएं।   सीधी सिंगरौली नई रेल लाइन परियोजना की समीक्षा के दौरान कलेक्टर ने राजस्व अधिकारियों को भू-अर्जन के काम को समय सीमा के भीतर पूरा करने के लिए निर्देशित किया। कलेक्टर ने लंबित रकबों के भू-अर्जन के धारा 11, 19, 21 की कार्यवाही निर्धारित समयावधि में पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं। जो भुगतान लंबित है उनकी कमियों को दूर करते हुए अगले एक सप्ताह में भुगतान की कार्यवाही पूर्ण करायें। कलेक्टर ने सभी संबंधित अधिकारियों से समन्वय बनाकर काम करने के लिए निर्देशित किया, ताकि कार्य समय सीमा में पूर्ण हो।   बैठक में उपखण्ड अधिकारी गोपद बनास नीलेश शर्मा, चुरहट शैलेष द्विवेदी, सिहावल प्रिया पाठक, उप मुख्य अभियंता निर्माण रीवा घमंडी लाल मीणा, उप मुख्य अभियंता सीधी अवलीश मीणा, सहायक कार्यकारी अभियंता निर्माण सीधी अविनाश कुमार, वरिष्ठ खंड अभियंता निर्माण सीधी गिरधर मीणा, कुलदीप शर्मा उपस्थित रहे।