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बी डी कॉलेज के विद्यार्थियों ने किया बापू टावर का शैक्षणिक भ्रमण

पटना प्राचार्या प्रो. रत्ना अमृत के निर्देशानुसार राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचारों एवं दर्शन से अवगत कराने हेतु महाविद्यालय के इतिहास, प्राचीन इतिहास और दर्शनशास्त्र विभाग के छात्र छात्राओं को बापू टावर संग्रहालय का शैक्षणिक भ्रमण कराया गया । महात्मा गांधी की विरासत को संरक्षित करने और बढ़ावा देने में बापू टावर संग्रहालय आगंतुकों के अनुभव में गहराई और प्रामाणिकता जोड़ती है ।यह शैक्षणिक भ्रमण निश्चित रूप से विद्यार्थियों की शोधपरक दृष्टि को बढ़ावा देगी । बापू टावर बच्चों , छात्रों , शोधकर्ताओं और गांधी के सिद्धांतों में रुचि रखने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन है । महाविद्यालय के छात्र छात्राओं ने महाविद्यालय की नई प्राचार्या प्रो रत्ना अमृत के प्रति आभार प्रकट करते हुए अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि यह भ्रमण उन्हें आजीवन याद रहेगा । ऐतिहासिक घटनाओं , गांधी के विचारों और बिहार के साथ उनके गहन संबंध की अपनी व्यापक प्रदर्शनी के साथ टावर का यह भ्रमण निस्संदेह एक ज्ञानवर्धक अप्रतिम अनुभव प्रदान करनेवाला साबित हुआ क्योंकि यह पारंपरिक स्मारकों से परे है । भ्रमण के लिए साथ जाने वाले शिक्षकों में डॉ दिव्या कुमार, डॉ मनिता कुमारी यादव , डॉ दिवाकर कुमार पांडेय , नीतू तिवारी, डॉ स्वर्णा कुमार, आलोक कुमार आदि शामिल थे ।

सिवान नगर निगम के ईओ के ठिकानों पर ईओयू की छापेमारी

सिवान नगर निगम के ईओ के ठिकानों पर ईओयू की छापेमारी – ईओयू ने डीए मामले में अनुभूति श्रीवास्तव के तीन ठिकानों पर की छापेमारी – वास्तविक आय से 78.91 प्रतिशत अधिक अवैध आय के मिले प्रमाण – ईओयू के डीआईजी ने पुलिस मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में दी जानकारी पटना आय से अधिक संपत्ति (डीए) मामले में सिवान नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी (ईओ) अनुभूति श्रीवास्तव के ठिकानों पर ईओयू ने छापेमारी की। आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की अलग-अलग टीमों ने ईओ के उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के गोमतीनगर के एडेल्को ग्रीन्स स्थित पैतृक आवास, पटना के रूपसपुर थाना के तिलकनगर स्थित अर्पणा मेंशन के फ्लैट नंबर 406-बी एवं 407-बी तथा सिवान नगर कार्यपालक पदाधिकारी कार्यालय समेत अन्य ठिकानों पर सघन छापेमारी की। इस दौरान बड़ी संख्या में निवेश संबंधित दस्तावेजों के अलावा ज्वेलरी, कैश, बैंक खाते समेत अन्य कई महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद हुए हैं। इनकी जांच चल रही है। जांच पूरी होने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि कितने की अवैश संपत्ति बरामद की गई है। यह जानकारी ईओयू के डीआईजी (आर्थिक अपराध) मानवजीत सिंह ढिल्लो ने बुधवार को पुलिस मुख्यालय सभागार में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान दी।       डीआईजी ने कहा कि अब तक की जांच में उनके खिलाफ 71 लाख 1 हजार 908 रुपये की अवैध संपत्ति का पता चला है, जो उनके वैद्य आय से 78.91 प्रतिशत अधिक है। जांच में यह बात सामने आई है कि अनुभूति श्रीवास्तव ने सीवान जिला में पदस्थापना के दौरान अपने पद का दुरुपयोग कर अवैध आय अर्जित की है। इस मामले को लेकर ईओयू में एफआईआर भी दर्ज की गई है। अनुभूति श्रीवास्तव के खिलाफ 31 अगस्त 2021 को भ्रष्टाचार निरोध अधिनियम की धारा 13(1)(बी) के अंतर्गत मामला दर्ज कर कार्रवाई की गई थी। आय से अधिक संपत्ति मामले में उस समय भी इनके खिलाफ हुई कार्रवाई में 230 प्रतिशत अवैध आय का मामला सामने आया था। उस समय जांच में यह पाया गया था कि नवंबर 2013 से सितंबर 2021 के बीच आय के वैध स्रोतों से 1 करोड़ 99 लाख 77 हजार रुपये से अधिक की संपत्ति बरामद की गई थी। इस मामले में उनके खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र समर्पित किया गया है। यह मामला अभी न्यायालय में विचाराधीन है। निलंबन मुक्त होने के बाद उनकी तैनाती रक्सौल, सहरसा के बाद सीवान में हुई।  मधुबनी का कुख्यात तस्कर हुआ गिरफ्तार डीआईजी ने बताया कि मादक पदार्थों एवं द्रव्यों की तस्करी के मामले में मधुबनी के बिस्फी थाना क्षेत्र का रहने वाला कुख्यात तस्कर प्रभाकर चौधरी को गिरफ्तार कर लिया गया। उसे एनसीबी कोलकाता के सहयोग से गिरफ्तार कर जयपुर स्थित केंद्रीय कारा भेजा गया है। प्रभाकर के खिलाफ केंद्रीय वित्त मंत्रालय के स्तर से वारंट जारी किया गया था। वह पूर्वोत्तर राज्यों के अलावा पश्चिम बंगाल और बिहार में अवैध मादक पदार्थों की तस्करी में बेहद सक्रिय था। उसके खिलाफ कई मामले दर्ज हैं। पेपर लीक कांडः तीन महीने में डेढ़ करोड़ रुपये से अधिक का लेनदेन आया सामने सिपाही पेपर लीक गिरोह का मुख्य आरोपी राजकिशोर साह को गिरफ्तार कर लिया गया है। केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) के पेपर लीक से संबंधित मामले की जांच ईओयू के स्तर से की जा रही है। राजकिशोर अरवल जिला के करपी थाना के बख्तारी गांव का रहने वाला है। उसके बैंक खातों की जांच में पाया गया कि तीन महीने में डेढ़ करोड़ रुपये से अधिक का लेनदेन सामने आय़ा है। इसमें बड़ा हिस्सा संजीव मुखिया गिरोह को ट्रांसफर हुआ है। इस मामले में दो कोचिंग संचालकों मुकेश सर और चंदन सर का नाम प्रमुखता से सामने आई है। इन दोनों का सत्यापन हो गया है। जल्द इनकी गिरफ्तारी होगी। कुछ अन्य कोचिंग संचालकों के नाम भी सामने आए हैं। सिम बॉक्स मामले में देवघर से हुई गिरफ्तारी ईओयू की साइबर टीम ने सिम बॉक्स मामले में देवघर के पारो थाना क्षेत्र से मुकेश को गिरफ्तार किया गया है। इससे पहले इस मामले में वैशाली से सुल्तान को भी गिरफ्तार किया गया था। उसके साथ मुकेश के काफी चैट और पैसे की लेनदेन से जुड़े साक्ष्य बरामद किए गए हैं। इससे संबंधित काफी साक्ष्य बरामद मिलने के बाद उसकी गिरफ्तारी की गई है। सिम बॉक्स मामले में 21 जुलाई को सबसे पहले सुपौल से हर्षित कुमार को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद वैशाली और इससे जुड़ा देवघर का कनेक्शन सामने आने के बाद गिरफ्तारी की गई है। यह जानकारी डीआईजी (साइबर) संजय कुमार सिंह ने प्रेस वार्ता के दौरान दी। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पेट्रोलिंग यूनिट 432 शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिनमें 115 वेबसाइटों को प्रतिबंधित कर दिया गया है। शेष मामलों की जांच जारी है। साइबर से जुड़े मामलों का निपटारा भी बड़ी संख्या में किया जा रहा है।

इस महीने बिहार वालों को मिलने वाली है ‘विज्ञान का तीर्थ’ की सौगात!

इस माह के अंत तक खुलेगी डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम साइंस सिटी  इस महीने बिहार वालों को मिलने वाली है ‘विज्ञान का तीर्थ’ की सौगात!    बिहार को मिलेगा ‘विज्ञान का तीर्थ’! इस महीने होगा उद्घाटन… जानिए कैसा होगा  500 सीटों का ऑडिटोरियम, सेल्फी प्वॉइंट और 269 विज्ञान प्रदर्श वाली होगी सांइस सिटी पटना  बिहार और खास कर पटना के लोगों को जल्‍द ही एक जबरदस्‍त सौगात मिलने वाली है। महान वैज्ञानिक और भारत रत्न डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की स्मृति में बन रही साइंस सिटी इसी माह के अंत तक जनता के लिए समर्पित होगी। भवन निर्माण विभाग ने इसकी तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। लगभग 20.5 एकड़ में फैली यह भव्य साइंस सिटी मोईन-उल-हक स्टेडियम के पास तैयार की गई है। साइंस सिटी का निर्माण बिहार की विज्ञान और शिक्षा यात्रा को एक नई ऊंचाई देगा।  होंगी ये पांच गैलरियां  बी ए साइंटिस्ट्स गैलरी बेसिक साइंस गैलरी सस्टेनेबल प्लैनेट गैलरी स्पेस एंड एस्ट्रोनॉमी गैलरी बॉडी एंड माइंड गैलरी 26 थीम पर आधारित होगी गैलरी यहां बनाए जा रही पांच गैलरियों को 26 थीम से सजाया जाएगा। जिस पर 269 विज्ञान प्रदर्श लगाए जाएंगे। पहले चरण में बी ए साइंटिस्ट्स गैलरी और बेसिक साइंस गैलरी में 47 प्रदर्श स्थापित किए जा रहे हैं। जो विज्ञान में रुचि रखने वाले छात्रों के लिए अद्भुत होगा। साइंस सिटी सिर्फ विज्ञान प्रदर्श तक सीमित नहीं होगी, बल्कि यह युवाओं और बच्चों के लिए ज्ञान और मनोरंजन का बेहतरीन संगम बनेगी। साइंस सिटी में ये भी ​​होगा खास 500 सीटों की क्षमता वाला आधुनिक ऑडिटोरियम 150 छात्रों व 3 शिक्षकों के लिए डोरमेटरी 4डी थियेटर, बहुउद्देशीय हॉल और प्री-फंक्शनल हॉल कैफेटेरिया, पार्किंग, पेयजल और शौचालय एट्रियम बनेगा आकर्षण साइंस सिटी का एट्रियम एरिया खास तौर पर आकर्षक का केंद्र होगा। यहां सेल्फी पॉइंट, डिजिटल पैनल और म्यूरल्स लगाए जा रहे हैं। यानी यहां सिर्फ विज्ञान ही नहीं, बल्कि खूबसूरत माहौल का भी अनुभव मिलेगा। विद्यार्थियों और युवाओं के लिए बड़ा तोहफ़ा भवन निर्माण विभाग के सचिव कुमार रवि के मुताबिक साइंस सिटी का सिविल वर्क पूरा हो चुका है और प्रदर्शों की इंस्टॉलेशन तेजी से हो रही है। उन्होंने कहा कि यह परियोजना समय पर और गुणवत्ता के साथ पूरी की जा रही है। यह साइंस सिटी न सिर्फ विद्यार्थियों बल्कि हर आयु वर्ग के लोगों के लिए विज्ञान और नवाचार का अनूठा केंद्र बनने जा रही है।

पशुओं की ब्लडलाइन चेंज करने की कवायद में जुटा पटना जू

पशुओं की ब्लडलाइन चेंज करने की कवायद में जुटा पटना जू  93 प्रजाति के 1100 जानवर हैं पटना जू में  पेयरिंग और ब्लडलाइन चेंज से सुधरेगी व्यवस्था  पटना संजय गांधी जैविक उद्यान में अब ब्लडलाइन चेंज करने की कवायद शुरू की गई है। नए पशुओं को लाने की जगह जो जानवर पहले से यहां मौजूद हैं उनकी पेयरिंग और ब्लडलाइन चेंज करने की कोशिश की जा रही है। ब्लडलाइन चेंज करने के पीछे का उद्देश्य इनब्रिडिंग को रोकना और आने वाले बीमारियों से बचाना है। इन पशुओं की बेहतर स्वास्थ्य के लिए यह एक महत्वपूर्ण कवायद है।  यह पहल पशुओं की सेहत, प्रजनन क्षमता और संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए की जा रही है। अधिकारियों का मानना है कि समय – समय पर ब्लडलाइन बदलना बहुत जरूरी है क्योंकि एक ही नस्ल या रक्तरेखा के पशुओं में लगातार प्रजनन से उनकी सेहत कमजोर होती है, बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है और प्रजनन क्षमता घट जाती है। जू प्रशासन ने बताया कि एक ही नस्ल के बीच लगातार मेटिंग करने से इनब्रिडिंग की समस्या आ रही थी। इसी को ध्यान में रखते हुए रक्तरेखा बदलने के लिए देश के विभिन्न चिड़ियाघरों से जानवरों के आदान प्रदान की बात की जा रही है।  ब्लडलाइन चेंज करने के लाभ  ब्लडलाइन चेंज करने से वन्यजीवों में बीमारियों का खतरा कम होता है, उनका स्वास्थ्य भी ठीक होता है। साथ ही उनकी प्रजनन क्षमता भी बढ़ती है और पशुओं में विविधता आती है। जीवों के संरक्षण के लिए यह प्रक्रिया बहुत जरूरी मानी जाती है। जू के निदेशक हेमंत पाटील ने बताया कि इसके लिए विभिन्न चिड़ियाघरों से बात हो रही है, वर्तमान में इस प्रक्रिया के लिए कोलकाता जू से जिराफ मंगाने के बात चल रही है। गैंडों के प्रजनन के बारे में बताते हुए भी उन्होंने बताया कि हमारे यहां विश्व में सर्वाधिक गैंडे हैं और उनकी भी संख्या बढ़ाने के लिए कोशिश की जा रही है। अभी हाल ही में दो स्टार कछुओं का भी जन्म हुआ है।

BPSC ASO Exam 2025: 10 सितंबर को प्रीलिम्स, देखें पूरा शेड्यूल

पटना बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) ने सहायक अनुभाग अधिकारी के पद हेतु प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा 2025 की तारीख घोषित कर दी है। आयोग के अनुसार, यह परीक्षा राज्य के 11 जिलों में स्थित विभिन्न परीक्षा केन्द्रों पर आयोजित की जाएगी। परीक्षा केंद्रों की विस्तृत सूची उम्मीदवारों को उनके एडमिट कार्ड में उपलब्ध कराई जाएगी। 10 सितंबर को होगी प्रारंभिक परीक्षा बीपीएससी सहायक अनुभाग पदाधिकारी (ASO) प्रारंभिक परीक्षा 2025 का आयोजन 10 सितंबर 2025 (बुधवार) को किया जाएगा। यह परीक्षा सामान्य ज्ञान (वस्तुनिष्ठ प्रकार) विषय पर आधारित होगी, जो दोपहर 12:00 बजे से अपराह्न 2:15 बजे तक चलेगी। यानी कुल परीक्षा अवधि 2 घंटे 15 मिनट की होगी। जल्द जारी होंगे एडमिट कार्ड परीक्षा के लिए एडमिट कार्ड जल्द ही बिहार लोक सेवा आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर जारी किए जाएंगे। अभ्यर्थियों को सलाह दी जाती है कि वे परीक्षा केंद्र पर परीक्षा समय से कम से कम एक घंटा पहले पहुंचें, ताकि समय पर आवश्यक जांच प्रक्रिया पूरी की जा सके। उम्मीदवारों के लिए यह अनिवार्य है कि वे परीक्षा में शामिल होते समय अपने साथ एक वैध फोटो पहचान पत्र (जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड आदि) अवश्य लाएं। इसके साथ ही, परीक्षा केंद्र में किसी भी प्रकार की इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जैसे मोबाइल फोन, स्मार्ट वॉच, कैलकुलेटर आदि ले जाने की कड़ाई से मनाही है। कुल 41 रिक्त पदों के लिए भर्ती इस भर्ती अभियान का उद्देश्य बिहार लोक सेवा आयोग में सहायक अनुभाग पदाधिकारी के कुल 41 रिक्त पदों को भरना है। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया 29 मई से 23 जून 2025 तक आयोग की आधिकारिक वेबसाइट bpsc.bihar.gov.in पर आयोजित की गई थी। इतना मिलेगा वेतन चयन प्रक्रिया के अंतर्गत सफल उम्मीदवारों को वेतन स्तर-7 के अंतर्गत रखा जाएगा, जिसमें उन्हें प्रतिमाह ₹44,900 से ₹1,42,400 तक का वेतन प्रदान किया जाएगा। बीपीएससी एएसओ एडमिट कार्ड 2025: डाउनलोड करने के चरण     सबसे पहले बिहार लोक सेवा आयोग की आधिकारिक वेबसाइट bpsc.bihar.gov.in पर जाएं।     होमपेज पर दिए गए "ASO Admit Card 2025" लिंक पर क्लिक करें।     अब अपनी लॉगिन डिटेल्स (यूजरनेम और पासवर्ड) दर्ज करें और सबमिट करें।     स्क्रीन पर आपका एडमिट कार्ड दिखाई देगा, उसे ध्यानपूर्वक जांचें और डाउनलोड करें।     भविष्य में उपयोग के लिए उसका प्रिंटआउट निकालकर सुरक्षित रखें।

झारखंड में 50 हजार राशन कार्ड रद्द, प्रशासन ने बताई ये वजह

जमशेदपुर  झारखंड के पूर्वी सिंहभूम में अधिकारियों ने 50,000 से अधिक ऐसे राशन कार्ड धारकों के नाम हटा दिए हैं, जिन्होंने पिछले छह महीने या उससे अधिक समय से अपने कार्ड का इस्तेमाल नहीं किया है। एक आधिकारिक बयान के अनुसार सत्यापन अभियान के दौरान कुल 1,64,237 निष्क्रिय राशन कार्ड धारकों में से 50,323 के नाम हटा दिए गए हैं। बयान में कहा गया कि 576 कार्ड धारक लाभ पाने के योग्य पाए गए, जबकि 1,13,338 अन्य के नामों की जांच की जा रही है। उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी के निर्देश पर, सत्यापन के बाद अपात्र राशन कार्ड धारकों के नाम सूची से हटाने के लिए व्यापक अभियान जारी है। बयान में कहा गया कि जिले के शहरी और ग्रामीण इलाकों से 20,067 नाम हटाए गए, क्योंकि उनके आधार कार्ड नंबर संदिग्ध पाए गए। ऐसे 2,500 से अधिक राशन कार्ड धारकों की जांच की जा रही है। बयान में कहा गया कि अधिकारियों ने 18 वर्ष से कम या 100 वर्ष से अधिक आयु के 2,274 एकल-सदस्यीय कार्ड धारकों के नाम हटा दिए हैं, जबकि 13,332 अन्य का सत्यापन किया जा रहा है। आंकड़ों के अनुसार, सबसे अधिक निष्क्रिय कार्ड धारक जमशेदपुर के शहरी क्षेत्र (68,565) और जमशेदपुर एवं गोलमुरी क्षेत्र में पाए गए, जहां यह आंकड़ा 46,703 है। उपायुक्त ने बताया कि सत्यापन अभियान का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि केवल पात्र लोगों को ही राशन मिले। सत्यार्थी ने प्रखंड स्तर के अधिकारियों को लंबित मामलों का शीघ्र निपटारा करने के निर्देश दिए।  

ईओयू ने डीए मामले में अनुभूति श्रीवास्तव के तीन ठिकानों पर की छापेमारी

– वास्तविक आय से 78.91 प्रतिशत अधिक अवैध आय के मिले प्रमाण – ईओयू के डीआईजी ने पुलिस मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में दी जानकारी पटना, आय से अधिक संपत्ति (डीए) मामले में सिवान नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी (ईओ) अनुभूति श्रीवास्तव के ठिकानों पर ईओयू ने छापेमारी की। आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की अलग-अलग टीमों ने ईओ के उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के गोमतीनगर के एडेल्को ग्रीन्स स्थित पैतृक आवास, पटना के रूपसपुर थाना के तिलकनगर स्थित अर्पणा मेंशन के फ्लैट नंबर 406-बी एवं 407-बी तथा सिवान नगर कार्यपालक पदाधिकारी कार्यालय समेत अन्य ठिकानों पर सघन छापेमारी की। इस दौरान बड़ी संख्या में निवेश संबंधित दस्तावेजों के अलावा ज्वेलरी, कैश, बैंक खाते समेत अन्य कई महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद हुए हैं। इनकी जांच चल रही है। जांच पूरी होने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि कितने की अवैश संपत्ति बरामद की गई है। यह जानकारी ईओयू के डीआईजी (आर्थिक अपराध) मानवजीत सिंह ढिल्लो ने बुधवार को पुलिस मुख्यालय सभागार में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान दी।        डीआईजी ने कहा कि अब तक की जांच में उनके खिलाफ 71 लाख 1 हजार 908 रुपये की अवैध संपत्ति का पता चला है, जो उनके वैद्य आय से 78.91 प्रतिशत अधिक है। जांच में यह बात सामने आई है कि अनुभूति श्रीवास्तव ने सीवान जिला में पदस्थापना के दौरान अपने पद का दुरुपयोग कर अवैध आय अर्जित की है। इस मामले को लेकर ईओयू में एफआईआर भी दर्ज की गई है। अनुभूति श्रीवास्तव के खिलाफ 31 अगस्त 2021 को भ्रष्टाचार निरोध अधिनियम की धारा 13(1)(बी) के अंतर्गत मामला दर्ज कर कार्रवाई की गई थी। आय से अधिक संपत्ति मामले में उस समय भी इनके खिलाफ हुई कार्रवाई में 230 प्रतिशत अवैध आय का मामला सामने आया था। उस समय जांच में यह पाया गया था कि नवंबर 2013 से सितंबर 2021 के बीच आय के वैध स्रोतों से 1 करोड़ 99 लाख 77 हजार रुपये से अधिक की संपत्ति बरामद की गई थी। इस मामले में उनके खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र समर्पित किया गया है। यह मामला अभी न्यायालय में विचाराधीन है। निलंबन मुक्त होने के बाद उनकी तैनाती रक्सौल, सहरसा के बाद सीवान में हुई। मधुबनी का कुख्यात तस्कर हुआ गिरफ्तार डीआईजी ने बताया कि मादक पदार्थों एवं द्रव्यों की तस्करी के मामले में मधुबनी के बिस्फी थाना क्षेत्र का रहने वाला कुख्यात तस्कर प्रभाकर चौधरी को गिरफ्तार कर लिया गया। उसे एनसीबी कोलकाता के सहयोग से गिरफ्तार कर जयपुर स्थित केंद्रीय कारा भेजा गया है। प्रभाकर के खिलाफ केंद्रीय वित्त मंत्रालय के स्तर से वारंट जारी किया गया था। वह पूर्वोत्तर राज्यों के अलावा पश्चिम बंगाल और बिहार में अवैध मादक पदार्थों की तस्करी में बेहद सक्रिय था। उसके खिलाफ कई मामले दर्ज हैं। पेपर लीक कांडः तीन महीने में डेढ़ करोड़ रुपये से अधिक का लेनदेन आया सामने सिपाही पेपर लीक गिरोह का मुख्य आरोपी राजकिशोर साह को गिरफ्तार कर लिया गया है। केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) के पेपर लीक से संबंधित मामले की जांच ईओयू के स्तर से की जा रही है। राजकिशोर अरवल जिला के करपी थाना के बख्तारी गांव का रहने वाला है। उसके बैंक खातों की जांच में पाया गया कि तीन महीने में डेढ़ करोड़ रुपये से अधिक का लेनदेन सामने आय़ा है। इसमें बड़ा हिस्सा संजीव मुखिया गिरोह को ट्रांसफर हुआ है। इस मामले में दो कोचिंग संचालकों मुकेश सर और चंदन सर का नाम प्रमुखता से सामने आई है। इन दोनों का सत्यापन हो गया है। जल्द इनकी गिरफ्तारी होगी। कुछ अन्य कोचिंग संचालकों के नाम भी सामने आए हैं। सिम बॉक्स मामले में देवघर से हुई गिरफ्तारी ईओयू की साइबर टीम ने सिम बॉक्स मामले में देवघर के पारो थाना क्षेत्र से मुकेश को गिरफ्तार किया गया है। इससे पहले इस मामले में वैशाली से सुल्तान को भी गिरफ्तार किया गया था। उसके साथ मुकेश के काफी चैट और पैसे की लेनदेन से जुड़े साक्ष्य बरामद किए गए हैं। इससे संबंधित काफी साक्ष्य बरामद मिलने के बाद उसकी गिरफ्तारी की गई है। सिम बॉक्स मामले में 21 जुलाई को सबसे पहले सुपौल से हर्षित कुमार को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद वैशाली और इससे जुड़ा देवघर का कनेक्शन सामने आने के बाद गिरफ्तारी की गई है। यह जानकारी डीआईजी (साइबर) संजय कुमार सिंह ने प्रेस वार्ता के दौरान दी। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पेट्रोलिंग यूनिट 432 शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिनमें 115 वेबसाइटों को प्रतिबंधित कर दिया गया है। शेष मामलों की जांच जारी है। साइबर से जुड़े मामलों का निपटारा भी बड़ी संख्या में किया जा रहा है।

इस महीने बिहार वालों को मिलने वाली है ‘विज्ञान का तीर्थ’ की सौगात!

500 सीटों का ऑडिटोरियम, सेल्फी प्वॉइंट और 269 विज्ञान प्रदर्श वाली होगी सांइस सिटी पटना,  बिहार और खास कर पटना के लोगों को जल्‍द ही एक जबरदस्‍त सौगात मिलने वाली है। महान वैज्ञानिक और भारत रत्न डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की स्मृति में बन रही साइंस सिटी इसी माह के अंत तक जनता के लिए समर्पित होगी। भवन निर्माण विभाग ने इसकी तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। लगभग 20.5 एकड़ में फैली यह भव्य साइंस सिटी मोईन-उल-हक स्टेडियम के पास तैयार की गई है। साइंस सिटी का निर्माण बिहार की विज्ञान और शिक्षा यात्रा को एक नई ऊंचाई देगा। होंगी ये पांच गैलरियां बी ए साइंटिस्ट्स गैलरी बेसिक साइंस गैलरी सस्टेनेबल प्लैनेट गैलरी स्पेस एंड एस्ट्रोनॉमी गैलरी बॉडी एंड माइंड गैलरी 26 थीम पर आधारित होगी गैलरी यहां बनाए जा रही पांच गैलरियों को 26 थीम से सजाया जाएगा। जिस पर 269 विज्ञान प्रदर्श लगाए जाएंगे। पहले चरण में बी ए साइंटिस्ट्स गैलरी और बेसिक साइंस गैलरी में 47 प्रदर्श स्थापित किए जा रहे हैं। जो विज्ञान में रुचि रखने वाले छात्रों के लिए अद्भुत होगा। साइंस सिटी सिर्फ विज्ञान प्रदर्श तक सीमित नहीं होगी, बल्कि यह युवाओं और बच्चों के लिए ज्ञान और मनोरंजन का बेहतरीन संगम बनेगी। साइंस सिटी में ये भी ​​होगा खास 500 सीटों की क्षमता वाला आधुनिक ऑडिटोरियम 150 छात्रों व 3 शिक्षकों के लिए डोरमेटरी 4डी थियेटर, बहुउद्देशीय हॉल और प्री-फंक्शनल हॉल कैफेटेरिया, पार्किंग, पेयजल और शौचालय एट्रियम बनेगा आकर्षण साइंस सिटी का एट्रियम एरिया खास तौर पर आकर्षक का केंद्र होगा। यहां सेल्फी पॉइंट, डिजिटल पैनल और म्यूरल्स लगाए जा रहे हैं। यानी यहां सिर्फ विज्ञान ही नहीं, बल्कि खूबसूरत माहौल का भी अनुभव मिलेगा। विद्यार्थियों और युवाओं के लिए बड़ा तोहफ़ा भवन निर्माण विभाग के सचिव कुमार रवि के मुताबिक साइंस सिटी का सिविल वर्क पूरा हो चुका है और प्रदर्शों की इंस्टॉलेशन तेजी से हो रही है। उन्होंने कहा कि यह परियोजना समय पर और गुणवत्ता के साथ पूरी की जा रही है। यह साइंस सिटी न सिर्फ विद्यार्थियों बल्कि हर आयु वर्ग के लोगों के लिए विज्ञान और नवाचार का अनूठा केंद्र बनने जा रही है।

सुदेश महतो की सुरक्षा पर सवाल, आजसू प्रतिनिधिमंडल ने जांच की रखी मांग, मुख्य सचिव और DGP को सौंपा ज्ञापन

रांची झारखंड में आजसू पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्य सचिव तथा डीजीपी से मिला और ज्ञापन सौंपकर पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं पार्टी प्रमुख सुदेश महतो की हत्या की साजिश उग्रवादियों द्वारा बार- बार रचे जाने और उनका नाम हिटलिस्ट में रखने की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एन आई ए) से करवाने और उनकी सुरक्षा की नए सिरे से समीक्षा करने की मांग की। मुख्य सचिव अलका तिवारी तथा डीजीपी अनुराग गुप्ता ने आजसू प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि उग्रवादियों की हिटलिस्ट में सुदेश कुमार महतो का नाम बार- बार आने के संबंध में जांच करवाई जाएगी। आजसू पार्टी के शीर्ष नेताओं ने कहा कि इस बात का खुलासा होना चाहिए कि सुदेश महतो लगातार उग्रवादियों के निशाने पर क्यों हैं? प्रतिनिधिमंडल में पूर्व विधायक डॉ लंबोदर महतो, मुख्य प्रवक्ता डॉ देवशरण भगत, केंद्रीय उपाध्यक्ष द्वय प्रवीण प्रभाकर एवं हसन अंसारी शामिल थे। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता डॉ देवशरण भगत ने बताया कि बार बार उग्रवादियों द्वारा सुदेश महतो की हत्या की साजिश की जानकारी सामने आती रहती है, लेकिन इसके कारणों का अभी तक पुलिस द्वारा खुलासा नहीं किया गया है। इस संबंध में पार्टी नेताओं ने राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी से मिलकर स्मारपत्र सौंपा। डॉ भगत ने कहा कि विगत 5 अगस्त को गुमला जिले के कामडारा थाना क्षेत्र में पुलिस मुठभेड़ में मारे गए पीएलएफआई उग्रवादी माटिर्न केरकेट्टा ने भी सुदेश महतो को अपनी हिटलिस्ट में रखा था और हमले की फिराक में था। उसने 2023 में अनगड़ा थाना क्षेत्र में बैठक कर सुदेश महतो की हत्या की योजना बनाई थी, जिसका खुलासा पुलिस ने किया था। उग्रवादियों ने अपने सदस्य देव सिंह मुंडा को योजना के तहत आजसू में शामिल भी करवाया था। हसन अंसारी ने कहा कि इससे पूर्व किसी राजनेता द्वारा सुदेश महतो की हत्या के लिए उग्रवादियों को 5 करोड़ रुपयों की सुपारी देने की बात सामने आ चुकी है। इस बात का खुलासा होना चाहिए कि बार -बार किस कारण से हत्या की साजिश रची जा रही है और इस साजिश के पीछे कौन है? आजसू नेताओं ने कहा कि 2005 में सिल्ली से पोगड़ा जाने के रास्ते में केन बम लगाने की साजिश सामने आई थी। 2013 में पीएलएफआई कमांडर जीदन गुड़यिा द्वारा किसी राजनेता से 5 करोड़ की सुपारी ली गई थी, जिसके बाद 27 एवं 28यू जनवरी 2014 को सिल्ली प्रतिभा महोत्सव में टाइम बम लगाकर हमले का प्रयास किया गया। इसमें विफल होने पर 26 फरवरी 2014 को जोन्हा में एक विवाह समारोह में हमले की योजना बनाई गई, जिसे पुलिस और ग्रामीणों की तत्परता से विफल किया गया। बाद में खुलासा हुआ कि एक उग्रवादी देव सिंह मुंडा को साजिश के तहत आजसू में शामिल भी करवाया गया था। आजसू नेताओं ने बताया कि पीएलएफआई द्वारा 2014 में पार्टी के केंद्रीय महासचिव स्व तिलेश्वर साहु की भी हत्या हजारीबाग जिले के बरही में कर दी गई थी। आजसू नेताओं ने डीजीपी से मांग की कि पूर्व मंत्री एवं पार्टी के प्रधान महासचिव रामचंद्र सहिस की भी सुरक्षा वापस ले ली गई है, जिसे तुरंत वापस किया जाए।  

विज्ञान, प्रावैधिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग

पटना  राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालय भोजपुर में Blockchain Technology विषय पर 5 दिवसीय ट्रेनिंग प्रोग्राम का आयोजन विज्ञान, प्रावैधिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग ,बिहार सरकार के अंतर्गत संचालित गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज भोजपुर ,आरा  में  Blockchain Technology के विषय पर NIELIT Patna के सहयोग से निशुल्क 5 दिवसीय ट्रेनिंग प्रोग्राम 20 Aug- 26 Aug  तक आयोजित की जा रही है । यह कार्यक्रम ट्रेनिंग एवं प्लेसमेंट सेल के द्वारा 4th सेमेस्टर के सीएसई एवं ईसीई के छात्रों के लिए आयोजित की जा रही है । इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्रों के स्किल डेवलपमेंट को बढ़ाना है ताकि प्लेसमेंट के लिए अपने को बेहतर बना सके.