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OBC को 27% आरक्षण पर सीएम मोहन यादव का बड़ा बयान, जल्द लेगी सरकार ऐतिहासिक फैसला

भोपाल मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा है कि राज्य सरकार OBC के लिए 27% आरक्षण लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है। पहले यह घोषणा बिना सर्वे और तैयारी के की गई थी, इसलिए इसमें देरी हुई। अब अधिकारियों को कहा गया है कि वे तथ्यों और डेटा के आधार पर विधानसभा के लिए एक बिल बनाएं। मुख्यमंत्री यादव ने यह बात समन्वय भवन में मीडिया से बात करते हुए कही। EWS के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण उन्होंने यह भी कहा कि सरकार EWS के लिए 10% आरक्षण लागू कर रही है। साथ ही, कोर्ट के कारण जिन छात्रों को नियुक्ति नहीं मिल पाई, उन्हें अब नियुक्ति मिलेगी। सरकार ने अधिकारियों और कर्मचारियों के प्रमोशन के मामले भी सुलझा लिए हैं। PM मोदी की पहल के बाद जाति-आधारित जनगणना भी शुरू हो गई है। मूंग की MSP को लेकर शिवराज सिंह को भी लिखा है पत्र मुख्यमंत्री यादव ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर मूंग का कम से कम 40% उत्पादन MSP पर खरीदने का लक्ष्य रखने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि ग्रीष्मकालीन मूंग का MSP 8,682 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। इस साल मूंग की खेती का रकबा भी बढ़ा है। राज्य का सबसे विकसित क्षेत्र बनेगा चंबल ग्वालियर-चंबल क्षेत्र के बारे में मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि यह जल्द ही राज्य का सबसे विकसित क्षेत्र बनेगा। उन्होंने किसानों से अपनी जमीन न बेचने की अपील की, क्योंकि यहां तेजी से औद्योगिक विकास और रोजगार के अवसर आने वाले हैं। उन्होंने ग्वालियर में 265.56 करोड़ रुपये के विकास कार्यों का उद्घाटन और शिलान्यास किया। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि जौरासी गांव में 8 करोड़ रुपये की लागत से डॉ. अंबेडकर धाम बनाया जा रहा है।

मंदिरों के बाहर लगे ड्रेस कोड वाले पोस्टर, मिनी स्कर्ट और क्रॉप टॉप पहनने पर आपत्ति

जबलपुर जिले में एक पोस्टर चर्चा का विषय बना हुआ है। यह पोस्टर मंदिरों के बाहर लगाया गया जिस पर लिखा है कि मंदिर परिसर में भारतीय संस्कृति के अनुरूप ही कपड़े पहन कर अंदर प्रवेश करें। बताया जा रहा है कि यह पोस्टर हिन्दूवादी संगठन ने शहर के कई मंदिरों के बाहर लगाया है। पोस्टर में कहा गया है कि मिनी स्कर्ट,जींस-टॉप तथा वेस्टर्न कपडे पहनकर आने पर बाहर से दर्शन करें। दरअसल, जबलपुर शहर में महाकाल संघ अंतर्राष्ट्रीय बजरंग दल ने मंदिरों के बाहर पोस्टर लगाया है और उसमें लिखा है, "निवेदन है कि मंदिर परिसर में भारतीय संस्कृति के अनुरूप ही वस्त्र पहनकर प्रवेश करें। छोटे वस्त्र, हाफ पैंट, बरमुंडा, मिनी स्कर्ट, नाईट-शूट, कटी फटी जींस और क्राप टॉप आदि वेस्टर्न कपड़े पहनकर आने पर मंदिर के बाहर से ही दर्शन करें। बालिकाएं और महिलाएं मंदिर परिसर में सिर ढक कर प्रवेश करें। पोस्टर पर आगे लिखा है कि इसे अन्यथा न लें और भारतीय संस्कृति आपको ही बचानी है। पोस्टर में निवेदक के रूप में महाकाल संघ अंतर्राष्ट्रीय बजरंग दल लिखा हुआ है। शहर भर के 40 मंदिरों में लगेंगे पोस्टर इस पोस्टर को लेकर अंतरराष्ट्रीय बजरंग दल के जिला मीडिया प्रभारी अंकित मिश्रा ने बताया कि ऐसे पोस्टर शहर के लगभग 30 से 40 मंदिरों में लगाए गए हैं। इन पोस्टरों को शहर के अन्य मंदिर में भी लगाया जायेगा। महिलाएं ही धर्म के कार्य में सबसे आगे आती हैं। भारतीय संस्कृति को बचाना उनके हाथों में है। मेरा उनसे निवेदन है कि भारतीय संस्कृति के अनुरूप कपड़े पहनकर मंदिर परिसर में प्रवेश करें। पोस्टर को लेकर वकील ने क्या कहा? वहीं दूसरी ओर पोस्टर के संबंध में अधिवक्ता अंजना कुरलिया का कहना है कि महिला को कैसे कपड़े पहनना है, यह उनका विवेकाधिकार है। महिलाओं के लिए कई प्रकार के कपड़े हैं। प्राचीन भारतीय संस्कृति में बिना सिलाई वाले कपड़े नहीं थे। सिलाई वाले कपड़े ईरान से आये हैं, जिसे पहना जा रहा है। जींस-टीशर्ट सहित वेस्टर्न कपड़े पहनकर आने वाली महिला व युवती मंदिर आकर ऐसे पोस्टर देखेगी तो उन्हें आघात होगा।

उज्जैन में आस्था का सैलाब: दो वर्षों में 12 करोड़ श्रद्धालु और 1 अरब से अधिक का चढ़ावा

उज्जैन महाकाल लोक बनने के बाद उज्जैन में श्रद्धालुओं की संख्या में बड़ी संख्या में वृद्धि हुई है। बीते दो साल में 12.32 करोड़ श्रद्धालु उज्जैन पहुंचे। इससे महाकाल मंदिर में मिलने वाला दान बीते दो वर्ष में एक अरब रुपये को पार कर गया। महाकाल मंदिर में किसी समय 15-20 करोड़ रुपये सालाना दान आता था।   दान राशि में अचानक वृद्धि महाकाल लोक बनने के बाद दान राशि में अचानक वृद्धि हो गई। वर्ष 2023-24 में दान 59.91 करोड़ रुपये रहा। वर्ष 2024-25 में यह आंकड़ा 51.22 करोड़ रुपये रहा। यानि दोनों वर्ष का मिलाकर यह आंकड़ा एक अरब को पार कर गया। यह राशि सिर्फ भेंट पेटियों में डाले गए दान की है। गत वर्ष का आंकड़ा 7.32 करोड़ रहा मंदिर में अन्य कमाई भी मिला दो तो आंकड़ा कहीं अधिक है। इसके साथ ही उज्जैन में पहुंचने वाले पर्यटकों की संख्या भी बीते दो वर्ष में मिलाकर 12.32 करोड़ रही। गत वर्ष का आंकड़ा 7.32 करोड़ रहा। आने वाले श्रावण मास में श्रद्धालुओं की संख्या में बेतहाशा वृद्धि का अनुमान है।

उज्जैन में विराजमान अष्ट भैरव को पूर्णिमा पर लगेगा छप्पन भोग, होगी दिव्य महाआरती

उज्जैन आषाढ़ी पूर्णिमा पर 10 जुलाई को भगवान कालभैरव को छप्पन पकवानों का भोग लगाया जाएगा। शहर के अन्य भैरव मंदिरों में भी सुबह अभिषेक पूजन, दिन में हवन अनुष्ठान तथा शाम को महाआरती के आयोजन होंगे। कुल परंपरा अनुसार घरों में भी कुलभैरव का पूजन किया जाएगा। आषाढ़ मास की पूर्णिमा गुरु पूर्णिमा महाभैरव की पूजा का भी दिन है। मालवा की लोकपरंपरा अनुसार इस दिन घरों में कुल भैरव का पूजन किया जाता है।   भैरव मंदिर में दर्शनार्थियों का लगेगा तांता धर्मधानी उज्जैन में अष्ट महाभैरव की मान्यता है। इसलिए यह आदि अनादिकाल से भैरव साधना का केंद्र भी रही है। आज भी कालभैरव, विक्रांत भैरव आदि यहां तंत्र के अधिष्ठात्र देवता के रूप में पूजे जाते हैं। भैरव पूर्णिमा पर अष्ट महा भैरव मंदिर में दर्शनार्थियों का तांता लगेगा। कालभैरव मंदिर के पं.ओमप्रकाश चतुर्वेदी ने बताया आषाढ़ी पूर्णिमा पर सुबह कालभैरव का भैरव सहस्त्रनामावली से महा अभिषेक होगा।   इसके बाद विशेष शृंगार किया जाएगा। सुबह शाम मदिरा का विशेष भोग लगेगा। शाम को महाआरती होगी। भक्तों को दिनभर महाप्रसादी का वितरण किया जाएगा। इसी प्रकार सिंहपुरी स्थित आताल पाताल भैरव, भागसीपुरा स्थित आनंद भैरव, छप्पन भैरव, कालिदास उद्यान स्थित दंडपाणि भैरव, चक्रतीर्थ स्थित बम बटुक भैरव मंदिर में भी अभिषेक, पूजन, शृंगार, महाप्रसादी व महाआरती होगी। सांदीपनि महोत्सव के रूप में मनाएं गुरुपूर्णिमा पंचांगकर्ता, ज्योतिर्विद पं.आनंद शंकर व्यास ने मुख्यमंत्री डा.मोहन यादव को पत्र लिखकर गुरुपूर्णिमा को सांदीपनि महोत्सव के रूप में मनाने का अनुरोध किया है। मुख्यमंत्री को संबोधित करते हुए पं.व्यास ने लिखा है कि पांच हजार साल पहले आपके गृह नगर उज्जैन में मुनि सांदीपनि के आश्रम में प्रथम गुरुकुल की स्थापना हुई थी। भगवान बलराम, श्रीकृष्ण मुनि सांदीपनि से शिक्षा ग्रहण करने आए और उसी दिन से गुरु शिष्य परंपरा की शुरुआत हुई। गुरुपूर्णिमा इसी परंपरा का उत्सव रूप है। इसलिए मध्य प्रदेश के स्कूल, कॉलेज में यह उत्सव सांदीपनि महोत्सव के नाम से मनाया जाना चाहिए।

आज मुख्यमंत्री यादव के नेतृत्व में लुधियाना में रोड शो का आयोजन

भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में बेंगलुरु और सूरत के सफल रोड शोज़ के बाद अब मध्यप्रदेश के निवेश संवादों की तीसरी कड़ी के रूप में आज लुधियाना में रोड शो का आयोजन किया जा रहा है। देश के प्रमुख औद्योगिक शहरों में शुमार लुधियाना में यह आयोजन टेक्सटाइल, मैन्युफैक्चरिंग, फूड प्रोसेसिंग और आईटी सहित विभिन्न क्षेत्रों में निवेश साझेदारी के लिहाज़ से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। लुधियाना में यह रोड शो मध्यप्रदेश की औद्योगिक क्षमताओं, नीतिगत स्थिरता और निवेश-अनुकूल वातावरण को देश के अग्रणी उद्योग समूहों के समक्ष प्रस्तुत करने का प्रभावी मंच बनेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव पूरे दिन विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेंगे और उद्योगजगत की हस्तियों से प्रत्यक्ष संवाद करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ यादव करेंगे इंडस्ट्री विजिट्स मुख्यमंत्री डॉ. यादव लुधियाना स्थित वर्धमान टेक्सटाइल और दीपक फास्टनर जैसे प्रमुख औद्योगिक प्रतिष्ठानों का दौरा करेंगे। ये यात्रा उत्पादन प्रक्रियाओं, तकनीकी दक्षता और प्रबंधन प्रणाली की समझ को गहरा करने के साथ-साथ इन समूहों के साथ संभावित निवेश के बिंदुओं पर चर्चा का अवसर भी प्रदान करेगी।मुख्यमंत्री उद्योगों की कार्य संस्कृति और नवाचार क्षमताओं को जानने के साथ मध्यप्रदेश में व्यवहारिक सहयोग के रास्ते भी तलाशेंगे। वन टू वन मीटिंग्स मुख्यमंत्री डॉ. यादव लुधियाना के प्रमुख उद्यमियों और औद्योगिक समूहों के पदाधिकारियों के साथ व्यक्तिगत बैठकों में भी भाग लेंगे। इन संवादों में उद्योग प्रतिनिधियों से संभावित निवेश प्रस्तावों, साझेदारी के क्षेत्रों और आवश्यक सरकारी सहयोग जैसे विषयों पर विस्तृत चर्चा होगी। इन बैठकों का उद्देश्य व्यावहारिक और परिणाममूलक संवाद के माध्यम से दीर्घकालिक औद्योगिक सहयोग को मजबूत करना है। इंटरएक्टिव सेशन– इन्वेस्टमेंट अपॉर्चुनिटीज इन एमपी मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव एक विशेष सत्र में लुधियाना के उद्योगपतियों को राज्य की नवीन औद्योगिक नीति, निवेश को प्रोत्साहन देने वाली योजनाओं, पीएम मित्र पार्क, टेक्सटाइल ओडीओपी, ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स और लॉजिस्टिक्स-सक्षम क्लस्टर्स की जानकारी देंगे। यह इंटरएक्टिव सेशन संभावित निवेशकों के लिए मध्यप्रदेश के औद्योगिक परिदृश्य की गहराई से समझ का अवसर होगा। दिन के अंतिम चरण में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ट्राइडेंट ग्रुप के मुख्यालय में आयोजित हाई-टी इंटरएक्शन में भाग लेंगे। यह संवाद औपचारिकता से परे जाकर सहयोग, विस्तार और विश्वास की भावना को आगे बढ़ाने का मंच होगा, जिसमें कंपनी के नेतृत्व के साथ संभावित औद्योगिक निवेश और साझेदारी के पहलुओं पर चर्चा होगी।कुल जमा यह रोड शो सिर्फ एक निवेश कार्यक्रम नहीं, बल्कि मध्यप्रदेश की बदलती औद्योगिक सोच, सक्षम नेतृत्व और दीर्घकालिक विकास के लिए राज्य की प्रतिबद्धता की प्रभावशाली प्रस्तुति है। लुधियाना जैसे औद्योगिक केंद्र से संवाद और सहयोग स्थापित कर प्रदेश व्यवहारिक समन्वय और साझे विकास की दिशा में नए कदम रख रहा है।  

21 वर्षीय युवती कालेज की छात्रा से दोस्त ने किया दुष्कर्म, दूसरा कर रहा था ब्लैकमेल

भोपाल बैरसिया थाना पुलिस के कॉलेज की एक छात्रा की शिकायत पर उसके दोस्त के खिलाफ दुष्कर्म का केस दर्ज किया है। प्रेम संबंधों का पता चलने पर एक युवक छात्रा को ब्लैकमेल भी कर रहा था। पुलिस ने दोनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। Bhopal के बैरसिया थाना प्रभारी वीरेंद्र सेन ने बताया कि क्षेत्र के गांव में रहने वाली 21 वर्षीय युवती कालेज की छात्रा है।   सितंबर 2024 में दुष्कर्म, फिर ज्यादती छात्रा ने थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। दर्ज शिकायत में छात्रा ने बताया कि गांव के मनोज रैकवार से उसका परिचय हुआ था। उनके बीच फोन पर भी बातचीत होने लगी। शादी करने का भरोसा देते हुए मनोज ने सितंबर 2024 में उसके साथ दुष्कर्म कर दिया था। बाद में भी वह उसके साथ ज्यादती करने लगा। वीडियो वायरल करने की धमकी शादी करने का दबाव बनाने पर मनोज शादी करने की बात से मुकर गया। उधर, छात्रा के मनोज के साथ प्रेम संबंध का पता चलने पर संजय जाटव नाम का युवक भी उसे ब्लैकमेल करने लगा। वह दोस्ती नहीं करने पर उसका वीडियो वायरल करने की धमकी देने लगा था। पुलिस ने आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है।

यात्रियों की परेशानी देख शिवराज का अनुरोध, ट्रेन में जनरल डिब्बे बढ़ाने की मांग

भोपाल केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ट्रेन में बैठकर भोपाल से गंजबासौदा जा रहे थे। रविवार को उन्होंने पंजाब मेल एक्सप्रेस के जनरल बोगी में यात्रा करने की कोशिश की, लेकिन उस बोगी में जगह नहीं मिली। उन्होंने जनरल बोगी के यात्रियों से बात की और उनकी परेशानियां जानी। शिवराज सिंह चौहान ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हर जनप्रतिनिधि को आम होना चाहिए। उन्होंने खुद को आम आदमी बताया और कहा कि जनता के बीच जाकर ही उनकी तकलीफों का पता चलता है। उन्होंने जनरल बोगी को बढ़ाने की बात भी कही। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जनरल बोगी में यात्रियों से बात करके उनकी मुश्किलों का पता चला। इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। वीडियो में शिवराज यात्रियों से बातचीत करते हुए दिख रहे हैं। शिवराज ने कहा कि जनता के हर प्रतिनिधि को जनरल ही होना चाहिए। हम खास नहीं हैं हम आम हैं। जनरल बोगी में बैठने के लिए नहीं थी जगह शिवराज ने कहा कि हम खास नहीं, आम हैं। उनका मानना है कि आम लोगों के बीच जाकर ही उनकी कठिनाइयों और तकलीफों का अहसास होता है। उन्होंने जनरल बोगी में जगह की कमी के बारे में बात करते हुए कहा कि मैं जनरल कोच में बैठना चाहता था, लेकिन वहां जगह ही नहीं थी। खचाखच भरा हुआ था। कुछ लोग खड़े भी हैं। इससे उस तकलीफ का भी अहसास होता है। शिवराज ने जनरल डिब्बों को बढ़ाने की बात कही केंद्रीय मंत्री ने इस समस्या को देखते हुए ट्रेनों में जनरल डिब्बों की संख्या बढ़ाने की बात कही। उन्होंने कहा, "इसको देखकर मुझे लगता है कि ट्रेन में जनरल डिब्बों की और जरूरत है।" शिवराज का मानना है कि आम जनता के बीच जाकर ही उनकी समस्याओं का पता चलता है। इसलिए, उन्होंने ट्रेन में सफर कर रहे लोगों से मिलने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि मुझे लगा कि मैं सभी भाई-बहनों के बीच जाऊं, जो ट्रेन से सफर कर रहे हैं। यह उनको समझने का और समझ कर उनकी सेवा करने का एक प्रयास है। 1 जुलाई से बढ़ गया है ट्रेनों का किराया दूसरी तरफ रेलवे ने 1 जुलाई से ट्रेनों के किराए में बढ़ोतरी कर दी है। यह बढ़ोतरी मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों में की गई है। मीडिया के अनुसार रेलवे ने नान एसी क्लास का किराया 1 पैसा प्रति किलोमीटर बढ़ाया है। वहीं, सभी एसी क्लास का किराया 2 पैसे प्रति किलोमीटर बढ़ाया गया है। रेल मंत्रालय के अधिकारियों ने पहले ही किराया बढ़ाने के संकेत दे दिए थे। 24 जून को किराया संशोधन का प्रस्ताव रखा गया था। इसके बाद ट्रेनों और श्रेणियों के अनुसार किराया तालिका जारी की गई।

राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिये ऑनलाइन आवेदन एवं नामांकन की प्रक्रिया शुरू

13 जुलाई तक किये जा सकेंगे नामांकन एवं आवेदन भोपाल  प्रदेश में केन्द्र सरकार के स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग मंत्रालय नई दिल्ली के राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिये आवेदन और नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इस संबंध में लोक शिक्षण संचालनालय ने समस्त जिला कलेक्टर्स एवं जिला शिक्षा अधिकारी को दिशा-निर्देश जारी किये हैं। आवेदन एवं नामांकन वेब पोर्टल http://nationalawardstoteachers.education.gov.in पर 13 जुलाई तक स्वीकार किये जायेंगे। प्रदेश में जिन शिक्षकों द्वारा 13 जुलाई तक नामांकन कर दिया जायेगा उनके अभिलेख, ऑडियो, वीडियो 15 जुलाई तक पोर्टल पर अपलोड किये जा सकेंगे। जिला स्तरीय चयन समिति शिक्षक द्वारा किये गये नामांकन की प्रथम स्तर पर स्कूटनी के लिये जिला शिक्षा अधिकारी की अध्यक्षता में समिति गठित होगी। समिति में राज्य शासन का प्रतिनिधित्व जिले के डाइट प्राचार्य और कलेक्टर द्वारा नामांकित प्रतिष्ठित शिक्षाविद् सदस्य के रूप में करेंगे। राज्य स्तरीय चयन समिति राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार एवं सम्मान के लिये राज्य स्तर पर भी समिति होगी। सचिव स्कूल शिक्षा विभाग अध्यक्ष होंगे। समिति के अन्य सदस्यों में केन्द्र सरकार के नामांकित प्रतिनिधि, संचालक राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के साथ आयुक्त लोक शिक्षण सदस्य सचिव के रूप में शामिल होंगे। राज्य चयन समिति द्वारा विशेष श्रेणी सहित अधिकतम 6 अनुशंसाएं केन्द्र सरकार के ऑनलाइन पोर्टल पर अग्रेषित की जा सकेंगी। समय सारणी राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार की ऑनलाइन प्रक्रिया के निष्पादन की समय सारणी निर्धारित की गई है। राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के ऑनलाइन आवेदन एवं नामांकन 13 जुलाई 2025 तक स्वीकार किये जायेंगे। शिक्षक द्वारा अंतिम रूप से नामांकन पूर्ण करने की अंतिम तिथि 15 जुलाई तय की गई है। जिला स्तरीय चयन समिति द्वारा राज्य चयन समिति के लिये ऑनलाइन पोर्टल पर 3 अनुशंसाओं को 16 जुलाई से 25 जुलाई तक भेजा जा सकेगा। राज्य चयन समिति द्वारा नेशनल ज्यूरी को शॅार्ट-लिस्टेड 6 अनुशंसाएं केन्द्र सरकार को ऑनलाइन 26 जुलाई से 4 अगस्त तक भेजी जा सकेंगी। पुरस्कार के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय एवं केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय के बेव पोर्टल से प्राप्त किये जा सकते हैं।  

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने वनाधिकार और पेसा एक्ट के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए पहली बैठक में दिए निर्देश

सरकार वनवासियों के साथ है, यह भावना जन जन तक जानी चाहिए दुग्ध उत्पादन के जरिए जनजातीय भाई-बहनों की बढ़ाएं नकद आय पेसा मोबालाईजर की निुयक्ति के अधिकार अब ग्राम सभाओं को देगी सरकार भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि स्नेह का बंधन एकतरफा नहीं होना चाहिए। राज्य सरकार हर पल वनवासियों के साथ खड़ी है, यह बात पूरी शिद्दत से उन तक पहुंचनी चाहिए। सभी वनवासियों को सरकार की योजनाओं से जोड़ें और उनके जीवन में विकास का प्रकाश लाने की दिशा में काम करें। वनवासियों के कल्याण के लिए हरसंभव प्रबंध किए जाएं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जनजातीय वर्ग के अध्ययनरत एवं रोजगार कर रहे बच्चों का सामाजिक सम्मेलन बुलाएं। इस सम्मेलन के जरिए सरकार इन बच्चों को उन तक पहुंचने वाले लाभ का फीड-बैक भी लेगी और जिन्हें जरूरत है, उन तक सरकार की योजनाएं तथा सुविधाएं भी पहुंचाई जाएंगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव रविवार को समत्व भवन (मुख्यमंत्री निवास) में प्रदेश में वन अधिकार अधिनियम और पेसा एक्ट के क्रियान्वयन के लिए गठित की गई राज्य-स्तरीय टास्क फोर्स की शीर्ष समिति तथा इसी विषय के लिए गठित कार्यकारी समिति की बैठक को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जनजातीय कार्य एवं वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को वनाधिकार के व्यक्तिगत और सामुदायिक दावों का तेजी से निराकरण कर 31 दिसंबर 2025 तक पेंडेसी जीरो करने के निर्देश दिए।मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में पेसा एक्ट यानि पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) अधिनियम, 1996 लागू है। इसमें पेसा मोबालाईजर्स के जरिए जनजातियों को उनके अधिकारों के बारे में जानकारी देकर योजनाओं से लाभान्वित भी कराया जाता है। इन सभी पेसा मोबालाईजर्स की अपने काम पर उपस्थिति और उच्च कोटि का कार्य प्रदर्शन फील्ड में दिखाई भी देना चाहिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पेसा मोबालाईजर्स को नियुक्त करने और संतोषजनक प्रदर्शन न करने पर इन्हें हटाने के अधिकार सरकार अब ग्राम सभाओं को देने जा रही है।इस निर्णय से एकरूपता आएगी और ग्राम सभाएं पेसा मोबालाईजर्स से अपने मुताबिक काम भी ले सकेंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार वनवासियों की बेहतरी के लिए संकल्पित है। उनके सभी हितों की रक्षा की जाएगी। उन्होंने कहा कि वन विभाग का मैदानी अमला यह सुनिश्चित करे कि वन भूमि पर अब कोई भी नये अतिक्रमण कदापि न होने पाएं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वनाधिकार अधिनियम के सुचारू क्रियान्वयन के लिए महाराष्ट्र सरकार के 'जलयुक्त शिविर' अभियान की तरह समन्वय पर आधारित मॉडल मध्यप्रदेश में भी अपनाया जाए। उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों द्वारा इस अधिनियम के अमल के लिए की जा रही कार्यवाही के सभी पहलुओं का अध्ययन कर लें और जो सबसे उपयुक्त है उसी मॉडल पर आगे बढ़ें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश के सभी विधानसभा क्षेत्रों के विकास के लिए विधायकों द्वारा विजन डॉक्यूमेंट बनाया गया है। वनाधिकार अधिनियम और पेसा कानून के अमल के लिए समुचित प्रावधान भी इसी विजन डॉक्यूमेंट में शामिल कर लिए जाएं। उन्होंने कहा कि सरकार क्रमबद्ध रूप से विशेष रूप से पिछड़े जनजातीय समूहों और अन्य जनजातीय बहुल गांव, मजरों-टोलों तक सड़कों का निर्माण कर रही है। ग्राम पंचायत विकास कार्ययोजना में पेसा कोष की राशि खर्च करने का अधिकार भी संबंधित पेसा ग्राम सभा को दिया जा रहा है। बैठक में समिति के सदस्य एवं पूर्व विधायक श्री भगत सिंह नेताम ने बताया कि वनाधिकार अधिनियम के प्रभावी अमल के लिए बालाघाट जिले में पुलिस विभाग द्वारा सभी पुलिस चौकियों में एकल सुविधा केन्द्र स्थापित कर इसके जरिए कैम्प लगाकर जनजातियों को लाभान्वित किया जा रहा है। अब तक 450 वनाधिकार दावे भरवाए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस नवाचार की प्रशंसा करते हुए कहा कि प्रदेश के सभी 88 जनजातीय विकासखंडों वाले जिलों के कलेक्टर को बालाघाट मॉडल भेजकर इसी अनुरूप कार्यवाही करने के लिए कहा जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वन क्षेत्र के सभी गांवों के विकास के लिए प्रस्ताव दिए जाएं। उन्होंने कहा कि यह कार्य एक्शन प्लान बनाकर किया जाए। उन्होंने कहा कि 31 दिसम्बर 2025 तक सभी गांवों के दावे प्राप्त कर लें और इसी दौरान इनका निराकरण भी कर लें। वन अधिकारियों की ट्रेनिंग का काम 15 अगस्त तक पूरा कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि यदि कोई तकनीकी परेशानी आ रही है तो इसके लिए वन और जनजातीय कार्य विभाग मिलकर एक नया पोर्टल भी विकसित कर लें। वनांचल विकास केन्द्र को करें और अधिक सक्रिय मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जनजातियों के पारम्परिक ज्ञान को उनके विकास के लिए बनाई जा रही नीति निर्माण में भी शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि ग्राम सभाओं को और भी सशक्त बनाने, सामुदायिक वन संसाधनों के समुचित प्रबंधन, जैव विविधता के संरक्षण और वन एवं वनोपज संसाधनों के न्यायसंगत वितरण के लिए वन/वनांचल विकास केन्द्रों को और अधिक भी सक्रिय कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि ये केंद्र वन अनुसंधान, प्रशिक्षण, मार्केट लिंकेज और कार्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व-सीएसआर/कैम्पा जैसे वित्त स्रोतों के समन्वय में महत्त्वपूर्ण भूमिका भी अदा करें। सामुदायिक आजीविका पर करें फोकस मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आजीविका सबसे पहली जरूरत होती है। सामुदायिक आजीविका के साधनों पर फोकस कर जनजातियों की नकद आय के साधन बढ़ाने की दिशा में उन्हें दुग्ध उत्पादन के लिए प्रोत्साहित किया जाए। उन्हें शासन की योजना के तहत अधिक से अधिक दुधारू पशु (मुख्यत: गाय, भैंस) उपलब्ध कराए जाएं। इससे वे आर्थिक रूप से मजबूत और आत्मनिर्भर बन सकेंगे। उन्होंने कहा कि जनजातियों को कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग की रोजगारमूलक योजनाओं से भी जोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि चूंकि वनवासी वनोपजों पर विशेष रूप से आश्रित रहते हैं। इसलिए लघु वनोपजों के संग्रहण, प्रसंस्करण और विपणन गतिविधियों में जनजातीय समुदायों को लाभ का बड़ा हिस्सा मिलना चाहिए,इससे उनका जीवन स्तर सुधरेगा। औषधीय पौधों की खेती पर विशेष जोर दिया जाए ताकि जनजातीय वर्ग के उत्पाद सीधे बाजार से जुड़ सकें। उन्होंने कहा कि जनजातीय वर्गों की स्थायी आजीविका विकास के लिए मूल्य संवर्धन केंद्र भी विकसित किए जाएं, जिससे जनजातियां रोजगार की तलाश में बाहर न जाएं और युवाओं को स्थानीय स्तर पर ही रोजगार मिल जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जनजातियों द्वारा उत्पादित श्रीअन्न … Read more

रेलवे स्टेशन पर स्टंटबाजी! भोपाल में प्लेटफॉर्म पर कार और स्कूटर दौड़ाते दिखे युवक

भोपाल क्या आपने रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर कार और स्कूटर दौड़ते देखें हैं? सामान्य तौर पर आपका जवाब न ही होगा, क्योंकि ऐसे मौके रोज रोज नहीं आते हैं। मगर चौंका देने वाला एक मामला मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से आया है। यहां कुछ लड़के रेलवे प्लेटफॉर्म पर गाड़ी और स्कूटर दौड़ाते दिखाई दिए। ये वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। लोग इसको लगातार शेयर कर रहे हैं और एमपी को अजब-गजब बता रहे हैं, क्योंकि बीते दिनों में ये तीसरा मौका है- जब मध्य प्रदेश सड़क, ओवरब्रिज और रेलवे को लेकर सुर्खियों में है। इस बार सुर्खियों में होने की वजह रेलवे स्टेशन का एक प्लेटफॉर्म है, जहां पर स्कूटर और कार दौड़ती दिखाई दे रही है। प्लेटफॉर्म पर गाड़ी को देख लोगों ने इसका वीडियो बना लिया और उसे सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया, जिसे लोगों ने जमकर शेयर किया। घटना शनिवार सुबह प्लेटफॉर्म नंबर 4 और 6 की बताई जा रही है कि कैसे कुछ लोग सुरक्षा व्यवस्था की धज्जियां उड़ाते हुए रेलवे प्लेटफॉर्म पर गाड़ी दौड़ा रहे हैं। इस तरह की अजीबो-गरीब स्टंटबाजी कब किसी यात्री के लिए जानलेवा साबित हो जाए, इसको सोचे बगैर युवक गाड़ी दौड़ाते दिखाई दिए। इस वीडियो के वायरल होने के बाद मामला रेलवे पुलिस फोर्स के पास पहुंचा। आरपीएफ ने मामले को संज्ञान में लेते हुए जांच शुरू कर दी। फिलहाल पता लगाया जा रहा है कि ये युवक कौन थे, जो सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद प्लेटफॉर्म तक गाड़ी लेकर चले गए। इस मामले पर आरपीएफ भोपाल पोस्ट प्रभारी मनीष शर्मा का बयान सामने आया है। उन्होंने बताया कि हमें दो वीडियो मिले हैं, जिनकी जांच चल रही है। फिलहाल इस मामले में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है। आगे की जांच जारी है। गनीमत ये रही कि इस दौरान कोई ट्रेन नहीं थी, जिसके चलते कोई बड़ा हादसा होने से बच गया। आपको बताते चलें कि मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल इससे पहले भी चर्चा में आई थी, जब यहां 90 डिग्री मोड़ वाला ओवर ब्रिज मीडिया-सोशल मीडिया की सुर्खियों में आया था। इस पर प्रशासन की तरफ से एक्शन लिया गया और सुधार की बात करी गई। इसके बाद बारिश के चलते 15 दिन पहले बनी सड़क के धसने की खबर सामने आई थी। ये घटना ग्वालियर की थी। बताया गया कि इस सड़क को बनाने में करीब 18 करोड़ रुपये लगे थे। और तो और ये सड़क सात बार बनवाई जा चुकी है, लेकिन फिर भी धसक जाती है। इस सड़क पर हुए गड्डे सुरंग जैसे दिखाई दे रहे थे। इसलिए लोगों ने इस रोड़ को सुरंग वाली सड़क कहर ट्रोल करना शुरू कर दिया था।