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तीन युवकों की दर्दनाक मौत: उज्जैन में कार और डंपर की भयानक टक्कर

उज्जैन  आगर रोड पर घट्टिया के ग्राम जैथल के पास कार और डंपर की आपस में आमने-सामने भिड़ंत हो गई। भिड़ंत इतनी खतरनाक थी कि कार का अगला हिस्सा चकनाचूर हो गया। घटना में कार में सवार चार में तीन युवकों की मौत हो गई। एक की हालत गंभीर है। युवक बड़नगर और उज्जैन के रहने वाले हैं और नलखेड़ा में बगलामुखी माता मंदिर के दर्शन कर वापस लौट रहे थे। बड़नगर के इंगोरिया निवासी आदित्य पंड्या उम्र 22 वर्ष, अभय पंडित उम्र 20 वर्ष, उज्जैन के राजेश रावल उम्र 50 वर्ष व शैलेन्द्र आचार्य उम्र 20 वर्ष नलखेड़ा में दर्शन कर पुन: उज्जैन लौट रहे थे। जैथल के पास रात को 12.30 बजे गलत दिशा से आ रहे डंपर से कार की टक्कर हो गई। डंपर अलिसा फूड कंपनी का बताया जा रहा है। टक्कर में आदित्य पंड्या, अभय पंडित, राजेश रावल की मौत हो गई। शैलेंद्र आचार्य को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया। डंपर चालक फरार हो गया। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और घायल को अस्पताल पहुंचाया। कार में मृत युवकों को ग्रामीणों से मदद से बाहर निकाला गया। सूचना मिलने पर विधायक सतीश मालवीय मौके पर पहुंचे।

छतरपुर हादसा: मंत्री के काफिले से टकराया ई-रिक्शा, बुजुर्ग समेत छह लोग घायल

 छतरपुर   छतरपुर जिले के लवकुशनगर थाना क्षेत्र में गुरुवार शाम एक दर्दनाक हादसा हो गया। राज्यमंत्री दिलीप अहिरवार के काफिले में शामिल एक वाहन ने बसंतपुर तिराहे के पास एक ई-रिक्शा को जोरदार टक्कर मार दी। हादसे में 70 वर्षीय बुजुर्ग साहब सिंह के दोनों पैर कट गए, जबकि छह अन्य लोग घायल हुए हैं। जानकारी के मुताबिक, बुदौरा गांव निवासी साहब सिंह दिवाली की खरीदारी कर लवकुशनगर से लौट रहे थे। ई-रिक्शा में कुल सात सवारियां थीं। जैसे ही वाहन गौरीहार मार्ग के पास पहुंचा, मंत्री के काफिले में शामिल एक गाड़ी ने पीछे से टक्कर मार दी। ई-रिक्शा पलट गया और उसमें सवार लोग सड़क पर जा गिरे। हादसे में साहब सिंह के दोनों पैर कट गए। घायलों को पुलिस वाहन से तुरंत लवकुशनगर अस्पताल लाया गया। प्राथमिक उपचार के बाद साहब सिंह को जिला अस्पताल छतरपुर, और फिर गंभीर हालत के चलते ग्वालियर रेफर किया गया। परिजनों ने बताया कि राज्यमंत्री दिलीप अहिरवार उस समय बरहा गांव में दशहरा मिलन समारोह से लौट रहे थे। काफिले के पीछे चल रहे एक वाहन ने ई-रिक्शा को टक्कर मारी। लवकुशनगर एसडीओपी नवीन दुबे ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि एक वाहन ने ई-रिक्शा को टक्कर मारी थी। एक व्यक्ति के पैर टूटने की जानकारी मिली है। वाहन की पहचान कर कार्रवाई की जा रही है। हादसे के बाद इलाके में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर ट्रैफिक व्यवस्था संभाली और जांच शुरू कर दी है।

राजस्थान के जैसलमेर में दिल दहला देने वाला हादसा, कार में फंसे 4 दोस्त जिंदा जले

जैसलमेर  राजस्थान के जैसलमेर में बस में 21 लोगों के जिंदा जल जाने के बाद अब बालोतरा में भी दर्दनाक हादसा हुआ है। यहां एक ट्रेलर से टक्कर के बाद कार में आग लग गई और इसमें सवार चार दोस्त जिंदा जल गए। दुर्घटना मेगा हाईवे पर सिंधरी पुलिस थानाक्षेत्र के सादा गांव के पास रात करीब 1.30 बजे हुई। कार का ड्राइवर भी दुर्घटना में बुरी तरह जख्मी है। पुलिस के मुताबिक, डाबर गुड़ामालानी (बाड़मेर) के पांच युवक सिणधरी में काम करने गए थे। रात करीब 12 बजे के बाद वे घर लौट रहे थे। उनके घर से 30 किलोमीटर दूर कार सामने से आ रही ट्रेलर से टकरा गई। बलोतरा के डीएसपी नीरज शर्मा ने मोहन सिंह (35), शंभु सिंह (20), पंचाराम (22) और प्रकाश (28) की मौत की पुष्टि की। आग में जलने से मौके पर ही इनकी मौत हो गई। कार चालक दिलीप सिंह गंभीर रूप से जख्मी है। हादसे के बाद हाईवे पर भारी जाम लग गया। करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद पुलिस ने जाम खुलवाया। पुलिस अधिकारियों ने कहा, 'चारों युवक पूरी तरह जल गए थे। शवों की पहचान डीएनए टेस्टिंग के जरिए करनी होगी। इसके बाद परिवारों को सौंपा जाएगा।' चारों शवों को अस्पताल में रखवाया गया है और मामले की जांच शुरू की गई है। इससे पहले जैसलमेर के पास मंगलवार को एक एसी बस में आग लगने से 21 लोगों की मौत हो गई तो एक दर्जन से अधिक लोग झुलस गए।

बेंजीन टैंकर में आग लगी, जयपुर-अजमेर हाईवे पर हादसा टला; चालक और SHO की सूझबूझ ने बचाई जानें

जयपुर जयपुर में मंगलवार रात जयपुर-अजमेर हाईवे पर उस वक्त अफरातफरी मच गई जब बेंजीन से भरे एक टैंकर में अचानक आग लग गई। रात करीब 9 बजे टैंकर के पिछले पहियों में लगी आग कुछ ही मिनटों में लपटों में बदल गई, जिससे पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया।   चालक की सूझबूझ से बची बड़ी त्रासदी टैंकर चालक ने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए असाधारण सूझबूझ का परिचय दिया। उसने बिना घबराए टैंकर को सड़क किनारे सुरक्षित स्थान पर रोका और तुरंत नीचे उतर गया। यदि चालक थोड़ी सी भी देर कर देता, तो बेंजीन भरे टैंकर में विस्फोट की संभावना थी। उसकी त्वरित कार्रवाई ने दर्जनों जानें बचा लीं और एक बड़ी आपदा को टाल दिया।   SHO की त्वरित कार्रवाई और दमकल की मुस्तैदी घटना की सूचना मिलते ही दूदू थाना प्रभारी (SHO) मुकेश कुमार खरड़िया अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने तुरंत हालात का जायजा लिया और दमकल विभाग को सूचना दी। कुछ ही देर में दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और टीमों ने आग पर नियंत्रण पाने का प्रयास शुरू किया। SHO खरड़िया की सतर्कता और दमकलकर्मियों की तेजी से की गई कार्रवाई के कारण आग टैंकर के टैंक तक नहीं पहुंच सकी। टैंकर के चार पहिए जलकर राख, टैंक सुरक्षित लपटों में घिरे टैंकर के चारों पहिए पूरी तरह जलकर नष्ट हो गए। हालांकि राहत की बात यह रही कि आग टैंकर के मुख्य टैंक तक नहीं पहुंची। यदि बेंजीन में आग लग जाती, तो आसपास के इलाके में बड़ा विस्फोट और व्यापक क्षति संभव थी।   मौके पर जुटी भीड़, SHO और चालक की सराहना घटना के दौरान राहगीरों की भीड़ जमा हो गई। कई लोगों ने इस भयावह दृश्य के वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर साझा किए। जब आग पर काबू पा लिया गया, तो मौके पर मौजूद लोगों ने राहत की सांस ली और चालक के साथ-साथ SHO मुकेश कुमार खरड़िया की तत्परता और साहस की प्रशंसा की।

भीषण सड़क हादसे से दहला जैसलमेर, बस में आग, दर्जनभर लोगों की जान जाने का खतरा

जैसलमेर  राजस्थान के जैसलमेर में सवारियों से भरी बस में मंगलवार (14 अक्टूबर) को आग लग गई. इस हादसे में 10 से 12 लोगों की मौत की आशंका जताई जा रही है. जैसलमेर से जोधपुर जा रही इस बस में 50 से ज्यादा सवारियां बैठी हुईं थी. जानकारी के मुताबिक बस में सवार 15 यात्री गंभीर रूप से झुलसे गए थे इनमें से 10 से 12 यात्रियों की मौत की आशंका जताई जा रही है. इनमें तीन बच्चे और चार महिलाएं हैं. इस प्राइवेट बस में 57 यात्री सवार थे. घटना मंगलवार दोपहर 3:40 पर लगी. हालांकि आग लगने की वजह अभी तक साफ नहीं हो सकी है. जैसलमेर से निकलने के बाद कुछ ही दूरी पर इसके पिछले हिस्से में अचानक आग लग गई. कुछ ही पलों में पूरी बस धूं-धूं कर जलने लगी. जानकारी के मुताबिक आगे की तरफ बैठे हुए यात्री किसी तरह कूद गए, लेकिन पीछे के हिस्से में बैठे यात्री झुलस गए बस में आग लगने से अफरा तफरी मच गई. झुलसे हुए लोगों को जिला अस्पताल भेजा जा रहा है. आग लगने से बड़ा नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है. हादसा जैसलमेर के थईयात गांव के पास हुआ। आग की लपटें और धुआं काफी ऊंचाई तक उठता रहा। बस रोजाना की तरह दोपहर करीब 3 बजे जैसलमेर से जोधपुर के लिए रवाना हुई थी। करीब 20 किलोमीटर दूर रास्ते में थईयात गांव के पास अचानक बस के पिछले हिस्से में धुआं उठने लगा। देखते ही देखते आग ने पूरी गाड़ी को अपनी चपेट में ले लिया। हादसे की सूचना मिलते ही आसपास के ग्रामीण और राहगीर मौके पर पहुंचे। राहत कार्य शुरू किया। लोगों ने दमकल विभाग और पुलिस को सूचना दी। झुलसे यात्रियों को तीन एंबुलेंस से जैसलमेर के जवाहिर हॉस्पिटल लेकर गए। राहत और बचाव कार्य जारी फिलहाल जिला प्रशासन जैसलमेर की ओर से इस दर्दनाक घटना पर दुख व्यक्त किया गया है। जिला प्रशासन ने कहा कि जैसलमेर से जोधपुर जा रही एक निजी बस में आज अचानक आग लग जाने की दुखद घटना सामने आई है। जिला प्रशासन घटना की जानकारी मिलते ही सक्रिय हो गया है तथा राहत एवं बचाव कार्य तत्परता से किए जा रहे हैं। प्रशासन की टीमें मौके पर मौजूद हैं और यात्रियों की सहायता में जुटी हुई हैं। हेल्पलाइन नंबर जारी जिला कलक्टर प्रताप सिंह ने इस घटना पर गहरी संवेदना व्यक्त की है और संबंधित अधिकारियों को तत्काल राहत एवं चिकित्सा व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। घायलों का श्री जवाहिर चिकित्सालय में डॉक्टरों के द्वारा तत्परता से उपचार किया जा रहा है। जिला प्रशासन ने कहा, जनता से अपील की जाती है कि इस घटना से संबंधित वे किसी भी प्रकार की जानकारी अथवा सहायता हेतु हेल्पलाइन नंबरों 9414801400, 8003101400, 02992-252201 और 02992-255055 पर संपर्क करें। जिला प्रशासन स्थिति पर निरंतर नजर बनाए हुए है एवं आवश्यक सभी कदम उठाए जा रहे हैं।  

भोपाल की सड़कें बनीं जानलेवा, ट्रैफिक पुलिस ने बताए 16 हादसे वाले पॉइंट, 5 स्थान बेहद संवेदनशील

भोपाल राजधानी में सड़क सुरक्षा की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। इस साल 1 जनवरी से 31 अगस्त के बीच, शहर में सड़क हादसों में 21 लोगों की जान गई और 75 घायल हुए। यह आंकड़ा सिर्फ मिसरोद पुलिस स्टेशन इलाके का है, जो शहर के सबसे खतरनाक ब्लैकस्पॉट 'ग्यारह मील' के पास स्थित है। तीसरे नंबर पर कोलार पुलिस स्टेशन का इलाका आंकड़ों के मुताबिक, मिसरोद पुलिस स्टेशन इलाके में 114 सड़क हादसों में 21 लोगों की मौत हुई और 75 लोग घायल हुए। इसके बाद कोह-ए-फिजा का नंबर आता है, जहां 132 हादसों में 16 लोगों की जान गई और 102 घायल हुए। तीसरे नंबर पर कोलार पुलिस स्टेशन इलाका है, जहां 100 हादसों में 15 लोगों की मौत हुई और 93 घायल हुए। कहां हुईं सबसे ज्यादा मौत पूरे शहर की बात करें तो, जोन-4 में सबसे ज्यादा मौतें हुईं। इस जोन में 479 हादसों में 60 लोगों की जान गई और 372 लोग घायल हुए। जोन-4 में कोलार, चुनाभट्टी, निशातपुरा, छोला, गांधी नगर, खुजरी और बैरागढ़ पुलिस स्टेशन इलाके आते हैं। जोन-2 में 667 हादसों में 47 मौतें और 480 घायल हुए। जोन-1 में 461 हादसों में 24 मौतें और 379 घायल हुए। वहीं, जोन-3 में 319 हादसों में 26 मौतें और 242 घायल हुए। मिसरोद सबसे खतरनाक स्पॉट मिसरोद इलाका भोपाल-होशंगाबाद हाईवे पर पड़ता है और यहां ट्रैफिक बहुत ज्यादा रहता है। इसी वजह से यहां लगातार हादसे हो रहे हैं। ट्रैफिक अधिकारी बताते हैं कि तेज रफ्तार, लापरवाही से गाड़ी चलाना और सड़क नियमों का पालन न करना हादसों के मुख्य कारण हैं। अतिरिक्त डीसीपी (ट्रैफिक) बसंत कौल ने बताया कि मिसरोद में होशंगाबाद रोड और जोन-4 में इंदौर रोड पर हादसे ज्यादा होते हैं। रात में ज्यादा हादसे रात में भारी वाहन तेज रफ्तार से शहर की सड़कों पर आते हैं, जिससे खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा, देर रात पार्टी करने वाले युवा भी तेज रफ्तार से गाड़ी चलाते हैं और हेलमेट व सीटबेल्ट का इस्तेमाल नहीं करते, जिससे रात में होने वाले हादसों का खतरा बढ़ जाता है। कौल ने यह भी कहा कि पुलिस, लोक निर्माण विभाग और भोपाल नगर निगम के बीच बेहतर तालमेल की जरूरत है, खासकर जोन-4 के हादसों के आंकड़ों का विश्लेषण करने और उन पर कार्रवाई करने के लिए। ट्रैफिक पुलिस ने ढूंढे 16 ब्लैक स्पॉट भोपाल ट्रैफिक पुलिस ने पहले ही शहर में 16 'ब्लैक स्पॉट्स' (ज्यादा हादसे वाली जगहें) की पहचान की थी। यह पहचान पिछले तीन सालों (2022-2024) के हादसों के आंकड़ों के आधार पर की गई थी। हालांकि, इन जगहों पर इंजीनियरिंग की खामियों को दूर करने के लिए बार-बार सिफारिशें की गईं, लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। अधिकारियों का कहना है कि कुछ जगहों पर सिर्फ अस्थायी समाधान किए गए, जबकि असली समस्या जस की तस बनी हुई है।  

बेटे की लाश लाने तक के पैसे नहीं थे, झांसी में दिल तोड़ देने वाली घटना

झांसी उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में एक दिल को झकझोर देने वाली घटना सामने आई है. यहां मुंबई से गांव लौट रहे सिद्धार्थनगर जिले के रामोपुर पाठक गांव के रहने वाले अनिल अहिरवार की ट्रेन से गिरकर मौत हो गई. हादसा झांसी के पूंछ थाना क्षेत्र के खिल्ली गांव के पास कानपुर-झांसी रेलवे लाइन पर हुआ. पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर मोर्चरी में रखवाया, लेकिन शिनाख्त न होने के कारण चार दिनों तक शव वहीं पड़ा रहा. जब मृतक की पहचान हुई तो परिवार के सामने और भी बड़ी मुश्किल खड़ी हो गई. मृतक के पिता अनिल के पास झांसी तक आने के पैसे तक नहीं थे. गांव में बेटे की मौत की खबर सुनते ही पूरा परिवार बेसुध हो गया. मुंबई में काम करता था युवक पिता ने बताया कि उनका बेटा परिवार का इकलौता सहारा था. उसके छोटे-छोटे तीन बच्चे 15 साल की मुस्कान, 9 साल का सनी और 5 साल का छोटू है. इसके अलावा बूढ़े मां-बाप और पत्नी की जिम्मेदारी भी सुनील पर ही थी. तीन महीने पहले वह रोजगार के लिए मुंबई गया था और वहीं एक कंपनी में काम करता था लेकिन तबीयत खराब होने पर वह गांव लौट रहा था. इसी दौरान झांसी में यह दर्दनाक हादसा हो गया. पिता के पास नहीं थे शव लाने के पैसे मृतक के पड़ोसी आनंद कुमार दुबे ने बताया कि परिवार की स्थिति बेहद खराब है. पिता अनिल गांव में रोते हुए घूम रहे थे और कह रहे थे कि बेटे का शव लाने के लिए पैसे भी नहीं हैं. ऐसे में गांव के लोगों ने चंदा कर 23 हजार रुपये एकत्र किए. इन्हीं पैसों से पिता अनिल और परिजन झांसी पहुंचे और बेटे का शव लेकर गांव लौट सके. पूंछ थाना प्रभारी जेपी पाल ने बताया कि शव की शिनाख्त के बाद पोस्टमार्टम करा दिया गया है. इसके बाद शव को परिजनों को सौंप दिया गया. इस घटना ने न सिर्फ परिवार बल्कि पूरे गांव को गहरे शोक में डाल दिया है. गरीबी और लाचारी की इस हकीकत ने सबको भावुक कर दिया.

बालको प्लांट हादसा: पुराना ESP संयंत्र ढहने से उठी सुरक्षा की बड़ी चिंता

कोरबा कोरबा जिले के बालको एल्यूमिनियम प्लांट में बड़ा हादसा होते-होते टल गया। यहां करीब 20 साल पुराना इलेक्ट्रोस्टैटिक प्रेसिपिटेटर (ESP) संयंत्र अचानक गिर गया। गनीमत रही कि घटना के समय वहां कोई मौजूद नहीं था, जिससे जनहानि नहीं हुई। हादसे के बाद प्लांट परिसर में अफरा-तफरी मच गई। जानकारी के मुताबिक यह संयंत्र 2004-05 में सेपको कंपनी द्वारा बनाया गया था। कर्मचारियों का आरोप है कि उद्योगपतियों के दबाव में श्रम विभाग केवल खानापूर्ति कर रहा है और सुरक्षा मानकों की अनदेखी की जा रही है। गौरतलब है कि बालको प्लांट में इससे पहले भी 2009 में निर्माणाधीन चिमनी गिरने का बड़ा हादसा हुआ था, जिसमें 45 मजदूरों की मौत हुई थी। उस हादसे में भी सेपको कंपनी जिम्मेदार ठहराई गई थी और मामला अब भी अदालत में लंबित है। फिलहाल इस ताज़ा घटना पर विभागीय स्तर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। लेकिन हादसे ने एक बार फिर से प्लांट की सुरक्षा व्यवस्था और श्रम विभाग की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

सड़क पार कर रही महिला को वाहन ने कुचला, इलाके में गुस्सा

कोरबा कोरबा के पाली थाना क्षेत्र के चैतमा चौकी के पास एक सड़क दुर्घटना हुई है। एक अज्ञात वाहन ने महिला को टक्कर मार दी, जिससे उसकी मौत हो गई। बताया जा रहा है कि घटना कपोट गांव में हुई है। घटना के बाद ग्रामीणों ने चक्काजाम कर दिया और उचित मुआवजे की मांग की। वहीं, तीन घंटे की मशक्कत के बाद चक्का जाम समाप्त किया गया। मृतक महिला की पहचान नवाडीह कपोट निवासी जमुना बाई पोर्ते के रूप में हुई है। परिजनों की माने तो रोज की तरह गुरुवार की सुबह घर से चाय नाश्ता कर गांव से लगे खेत को देखने के लिए जा रही थी इस दौरान तेज रफ्तार वाहन ने अपनी चपेट में ले लिया। गुस्साए लोगों ने सड़क पर जाम लगा दिया। वहीं, चक्का जाम की सूचना पर कटघोरा थाना पाली थाना और चैतमा चौकी पुलिस मौके पर पहुंची और घटनाक्रम की जानकारी लेते हुए लोगों को समझाने का प्रयास किया। जहां तीन घंटे की मशक्कत के बाद चक्का जाम समाप्त किया गया। नायब तहसीलदार मौके पर पहुंचे और लोगों को शांत करा पीड़ित परिवार को सरकार की तरफ से आर्थिक मदद की बात कही।

दिल्ली-जयपुर हाईवे पर थार की तेज़ रफ्तार दुर्घटना, गुरुग्राम में 5 लोगों की मौत

गुरुग्राम गुरुग्राम में शनिवार सुबह दिल्ली-जयपुर हाईवे पर झाड़सा चौक के पास तेज रफ्तार काले रंग की थार गाड़ी डिवाइडर से टकरा गई। इस दर्दनाक हादसे में 3 लड़कियों सहित 5 लोगों की मौत हो गई। वहीं, एक की हालत बेहद गंभीर बताई जा रही है, जिसे इलाज के लिए निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। गुरुग्राम में शनिवार 27 सितंबर 2025 की सुबह एक दर्दनाक सड़क हादसा हो गया। दिल्ली-जयपुर हाईवे पर झाड़सा चौक के पास NH-48 के एग्जिट 9 पर यूपी नंबर वाली- UP81 CS 2319 तेज रफ्तार काले रंग की थार गाड़ी के डिवाइडर से टकरा गई। पुलिस के अनुसार, हादसा सुबह करीब 4:30 बजे हुआ, जब थार कार का ड्राइवर तेज गति के कारण नियंत्रण खो बैठा और गाड़ी डिवाइडर से टकराकर कई बार पलट गई। यह हादसा इतना भीषण था कि कार के परखच्चे उड़ गए। दिल्ली से गुरुग्राम की ओर जा रही थी कार जानकारी के अनुसार, हादसे के वक्त कार दिल्ली से गुरुग्राम की ओर जा रही थी। गाड़ी में कुल छह लोग सवार थे, जिनमें तीन युवक और तीन युवतियां शामिल थीं। हादसे में दो युवतियों और दो युवकों समेत 4 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, एक लड़की ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। वहीं, एक युवक गंभीर रूप से घायल है और निजी अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए अस्पताल भेज दिया और क्षतिग्रस्त वाहन को मुख्य मार्ग से हटाया। हादसे की जांच जारी है। पुलिस मृतकों की पहचान करने की कोशिश में जुटी है। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, गुरुग्राम पुलिस के पीआरओ संदीप कुमार ने बताया कि घायलों और मृतकों के परिवारों को सूचना दे दी गई है। आगे की जांच जारी है। मृतक और घायलों के नाम पते 1. प्रतिष्ठा (मृतक), निवासी उत्तर प्रदेश 2. आदित्य (30 वर्ष, मृतक), निवासी उत्तर प्रदेश 3. गौतम (मृतक), निवासी सोनीपत, हरियाणा 4. लावण्या (26 वर्ष, मृतक), निवासी उत्तर प्रदेश 5. सोनी (मृतक) , निवासी उत्तर प्रदेश 6. कपिल शर्मा (28 वर्ष, घायल), निवासी बुलंदशहर, उत्तर प्रदेश