samacharsecretary.com

हथियारों की खरीद पर सरकार आक्रामक, आधा डिफेंस बजट उड़ा, कई डील्स पेंडिंग में

नई दिल्ली भारतीय सेना को स्वदेशी और आधुनिक बनाने के लिए तेजी से निवेश किया जा रहा है. वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में रक्षा खरीद (कैपिटल एक्सपेंडिचर) के लिए 1,80,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे. मात्र कुछ महीनों के भीतर ही रक्षा मंत्रालय ने इस पूरे आवंटन का 50 प्रतिशत से अधिक खर्च कर दिया है. रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि वर्तमान वित्तीय वर्ष (FY) 2025-26 में मंत्रालय ने सितंबर 2025 के अंत तक कैपिटल एक्सपेंडिचर का 50% से अधिक उपयोग कर लिया है. कुल आवंटन 1,80,000 करोड़ रुपये में से 92,211.44 करोड़ रुपये (51.23%) खर्च किए जा चुके हैं. पिछले वित्तीय वर्ष में रक्षा मंत्रालय ने 1,59,768.40 करोड़ रुपये का 100% कैपिटल एक्सपेंडिचर खर्च किया था. लगातार की जा रही है खरीद रक्षा मंत्रालय के अनुसार, कैपिटल एक्सपेंडिचर का 50% से अधिक उपयोग करने से महत्वपूर्ण प्लेटफॉर्म जैसे एयरक्राफ्ट, शिप, पनडुब्बी, हथियार प्रणाली आदि की समय पर डिलीवरी सुनिश्चित होगी, जो आने वाले वर्षों में सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण के लिए अत्यंत आवश्यक है. अधिकतर खर्च एयरक्राफ्ट और एयरो इंजन पर किया गया है. इसके बाद लैंड सिस्टम्स, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर उपकरण, हथियार और प्रोजेक्टाइल पर खर्च हुआ है. कैपिटल एक्सपेंडिचर रक्षा क्षेत्र के लिए आवश्यक है, क्योंकि इसके तहत नए हथियारों की खरीद, अनुसंधान एवं विकास, और सीमा क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे का विकास किया जाता है. स्वदेशीकरण पर फोकस अपने देश में बने हथियारों से देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में स्वदेशीकरण की मुहिम तेज़ी से आगे बढ़ रही है. वित्तीय वर्ष 2020-21 से ही रक्षा मंत्रालय घरेलू उद्योगों से खरीद के लिए धन आवंटित कर रहा है, जिससे ये उद्योग लगातार मजबूत हो रहे हैं. वित्तीय वर्ष 2025-26 में घरेलू उद्योगों के लिए 1,11,544.83 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. अब तक घरेलू खरीद के लिए आवंटित राशि का 45% तक का महत्वपूर्ण खर्च दर्ज किया गया है. यह आवंटन रक्षा प्रौद्योगिकी और निर्माण में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के साथ-साथ MSMEs, स्टार्ट-अप्स आदि को इस क्षेत्र में आकर्षित करने के उद्देश्य से किया गया है. सशस्त्र बलों की सेवाओं के लिए पूंजीगत आवंटन में पिछले कई वर्षों से लगातार वृद्धि देखी जा रही है. पिछले पांच वर्षों में इसमें लगभग 60% की बढ़ोतरी हुई है.

पहला ड्रोन अभ्यास तैनात — सेना की करवाई से मिले संकेत, तनाव प्रबंधित करने की तैयारी

नई दिल्ली भविष्य की चुनौतियों को देखते हुए भारतीय सेना खुद को ड्रोन युद्ध के लिए तैयार कर रही है। अंबाला के पास नारायणगढ़ फील्ड फायरिंग रेंज में सेना का वायु समन्वय युद्धाभ्यास चल रहा है। यह अभ्यास पांच दिन चलने वाला है। पश्चिमी और दक्षिणी कमांड इसमें हिस्सा ले रहे हैं। इसमें कई तरह के ड्रोन के संचालन और ड्रोन हमले से बचने पर फोकस है। वेस्टर्न कमांड के लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कुमार कटियार के मुताबिक, सेना अब ड्रोन का काफी इस्तेमाल कर रही है। खास तौर पर ऊंचाई वाले इलाकों में सप्लाई के लिए इनका इस्तेमाल किया जाता है। ड्रोन ऑपरेशन को लेकर ऑपरेशन सिंदूर से काफी सबक मिला है। ऐसे में ड्रोन के निर्माण और सेना को उसकी ट्रेनिंग पर फोकस किया जा रहा है। उन्होंने कहा अगर फिर से किसी दु्श्मन के साथ भिड़ंत होती है तो उसे और बड़ी सजा दी जाएगी। इस युद्धाभ्यास में जिन ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है वे स्थानीय स्तर पर ही बनाए गए हैं। इनकी रेंज पांच किलोमीटर तक है और ये 5 किलो वजन ले जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि आर्मी के पास ज्यादा रेंज और ज्यादा पेलोड ले जाने वाले ड्रोन भी मौजूद हैं। कटियार ने कहा कि आने वाले समय में लॉजिस्टिक जरूरतों को पूरा करने के लिए हजारों ऐसे ड्रोन की जरूरत पड़ेगी। वहीं इन ड्रोन से हमला करने के लिए जिन हथियारों का इस्तेमाल होगा, उन्हें देश में ही तैयार किया जाएगा। बता दें कि ना सिर्फ युद्ध के समय में बल्कि प्राकृतिक आपदाओं के समय भी सेना ड्रोन का इस्तेमाल करतीहै। बाढ़ के दौरान भी उत्तर और पश्चिमी कमांड ने राहत सामग्री पहुंचाने में ड्रोन का खूब इस्तेमाल किया गया। इस युद्धाभ्यास में दोनों कमांड को अलग-अलग नाम दिया गया है। एक का नाम सूर्यादेश और दूसरे का चंद्रादेश है। दोनों अलग-अलग देशों के तौर पर एक दूसरे के साथ युद्धाभ्यास कर रहे हैं। इन ड्रोन से बम बरसाए जा रहे हैं और उनसे बचने में भी तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। अधिकारियों ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद हमें समझ में आ गया है कि कैसे दुश्मन के ड्रोन से निपटा जा सकता है और कैसे दुश्मन को ड्रोन से पस्त किया जा सकता है। इस अभ्यास में शामिल अधिकारियों ने कहा कि सेना के अलावा अब ड्रोन का इस्तेमाल खेती में भी किया जा रहा है। इसके लिए सरकार ने 'ड्रोन दीदी' स्कीम भी चलाई है जिसके तहत महिलाओं को ड्रोन की ट्रेनिंग दी जाती है।

जम्मू-कश्मीर: उधमपुर में मुठभेड़ जारी, चार जैश आतंकी घेरे में, एक जवान शहीद

उधमपुर जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में शुक्रवार देर रात से ही सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ जारी है. बताया जाता है कि दूदू बसंतगढ़ की पहाड़ियों पर जैश के 3 से 4 आतंकवादियों को संयुक्त बलों ने घेर लिया. जिसके बाद से लगातार गोलीबारी जारी है. इस गोलीबारी में एक जवान घायल हो गया था. जिसके बाद जवान को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. लेकिन बचाया नहीं जा सका. शुक्रवार रात 8 बजे से ही जारी है मुठभेड़ अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के उधमपुर ज़िले में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच हुई मुठभेड़ में सेना का एक जवान शहीद हो गया. विशिष्ट सूचना के आधार पर, सेना, विशेष अभियान समूह (एसओजी) और पुलिस ने सोजधार के ऊंचाई वाले इलाके से लगे दूदू पुलिस थाना क्षेत्र में एक अभियान चलाया, जिसके परिणामस्वरूप मुठभेड़ हुई. जम्मू के पुलिस महानिरीक्षक ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "मुठभेड़ जारी है. एसओजी, पुलिस और भारतीय सेना की संयुक्त टीमें मौके पर मौजूद हैं. इससे पहले, व्हाइट नाइट कोर ने एक्स पर कहा था कि "किश्तवाड़ के सामान्य इलाके में एक खुफिया-आधारित अभियान में, व्हाइट नाइट कोर के सैनिकों ने रात लगभग 8 बजे आतंकवादियों से संपर्क स्थापित किया". एक साल में इस इलाके में हुई हैं कई मुठभेड़ पिछले एक साल में इस इलाके में कई मुठभेड़ें हुई हैं. बीते 26 जून को दूदू-बसंतगढ़ के जंगल में हुई मुठभेड़ में आतंकवादी हैदर को मार गिराया था. हैदर पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद (JeM) का एक शीर्ष कमांडर था, जो पिछले चार वर्षों से इस क्षेत्र में सक्रिय था. इससे पहले 25 अप्रैल को बसंतगढ़ क्षेत्र में छिपे हुए आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में सेना का एक जवान शहीद हो गया था.   

जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़, एक ढेर, तीन जवान घायल

कुलगाम जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले के गुड्डार इलाके में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई है. जानकारी के अनुसार, सर्च ऑपरेशन के दौरान सुरक्षाबलों पर छिपे आतंकियों ने फायरिंग कर दी, जिसके बाद गोलीबारी तेज हो गई. पहले जानकारी सामने आई थी कि इलाके में 3 से 4 आतंकियों के छिपे होने की आशंका है, लेकिन अब बताया जा रहा है कि मुठभेड़ के दौरान एक आतंकी को मार गिराया गया है. फिलहाल सुरक्षाबलों ने क्षेत्र को घेर लिया है और ऑपरेशन जारी है. आतंकियों की तलाश के दौरान बताया जा रहा है कि सुरक्षाबलों के तीन जवान गोलीबारी के दौरान घायल हो गए हैं, जिसमें एक सेना के अधिकारी हैं. घायल होने के बाद उन्हें इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया है. कुलगाम एनकाउंटर के दौरान अब तक ऑपरेशन में एक आतंकी मारा गया है. वह सेब के बागान से भागने की कोशिश कर रहा था, तभी सुरक्षाबलों ने उसे ढेर कर दिया. कहा जा रहा है कि गुड्डार इलाके में घिरे आतंकी लश्कर-ए-तैयबा के हैं. सर्च ऑपरेशन के दौरान आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर फायरिंग की. उनकी तलाश की जा रही है. भारतीय सेना ने बताया कि जम्मू-कश्मीर पुलिस से मिली विशेष खुफिया सूचना के आधार पर संयुक्त सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया। वहीं, सीआरपीएफ ने कहा कि सतर्क जवानों ने संदिग्ध गतिविधि देखी और चुनौती देने पर आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी। इसके बाद हुई मुठभेड़ में एक आतंकी ढेर हो गया, जबकि एक जूनियर कमीशंड ऑफिसर घायल हो गए। इंटरनेशनल बॉर्डर से पाकिस्तानी नागरिक गिरफ्तार आतंकियों के साथ मुठभेड़ के बीच, जम्मू के आरएस पुरा सेक्टर में बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) ने अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास एक पाकिस्तानी नागरिक को हिरासत में लिया है. जानकारी के मुताबिक, बीएसएफ जवानों ने कल देर शाम सीमा स्तंभ के पास संदिग्ध हलचल देखी थी. तुरंत सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया और इस दौरान एक पाकिस्तानी नागरिक को पकड़ लिया गया. सुरक्षा बलों ने उसे मौके पर ही हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है. फिलहाल उसकी पहचान और सीमा पार से आने के मकसद की जांच की जा रही है. बीएसएफ अधिकारियों का कहना है कि शुरुआती पूछताछ के बाद ही उसके इरादों और पृष्ठभूमि के बारे में जानकारी सामने आ सकेगी. सीमा पर सुरक्षा को देखते हुए इलाके में गश्त और सर्चिंग और तेज कर दी गई है.

भारतीय सेना में रीवा की बेटी आयुषी वर्मा का चयन, लेफ्टिनेंट पद पर मिली सफलता

रीवा  मध्य प्रदेश के रीवा की रहने वाली छात्रा आयुषी वर्मा ने जिले का नाम रोशन कर दिया है। यूपीएससी सीडीएस की परीक्षा में उन्होंने देशभर में 24वीं रैंक हासिल की है। छात्रा का सिलेक्शन भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट पद पर हुआ है। यूपीएससी सीडीएस का रिटेन एग्जाम देने बाद उनके 5 इंटरव्यू हुए जिसमें उन्होंने सफलता हासिल की। आयुषी वर्मा ने स्कूल की पढ़ाई के दौरान ही सेना में जाने का मन बना लिया था। पोस्टर देखकर किया सेना में जाने का फैसला आयुषी वर्मा ने कहा कि जब मैं स्कूल जाती थी उसे समय रीवा की रहने वाली अवनी चतुर्वेदी का सिलेक्शन भारतीय वायुसेना में हुआ था। उनके सिलेक्शन के बाद पूरे शहर में बड़े-बड़े होर्डिंग्स लगाए गए थे। इस होर्डिंग्स और पोस्टर को देखकर ही मैंने सोचा था कि मैं भी सेना में जाऊंगी। आयुषी वर्मा ने बताया कि वह ट्रेनिंग के बाद भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट पद संभालेंगी। रीवा में अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद वह इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के लिए इंदौर गईं। इंदौर से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने सीडीएस का एग्जाम दिया और उसमें सफलता हासिल कर भारतीय सेना में शामिल हुई हैं। आयुषी ने बताया कि उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान ही सीडीएस की तैयारी शुरु कर दी थी। वह अपना ज्यादातर वक्त किताबों के साथ ही गुजारती थीं। कैसा है फैमिली बैकग्राउंड आयुषी वर्मा के पिता रमेश वर्मा एक विद्यालय में सपोर्ट टीचर हैं। उन्होंने कहा कि आयुषी बचपन से ही पढ़ने लिखने में काफी तेज थी। पढ़ाई के अलावा वह जूडो-कराटे की भी अच्छी खिलाड़ी है। उसने अपना एक लक्ष्य निर्धारित किया और जमकर पढ़ाई की और मेहनत का परिणाम है कि वह सीडीएस जैसी परीक्षा उत्तीर्ण कर सेना में लेफ्टिनेंट बन गई है। आयुषी की मां का नाम ममता वर्मा है और वह गृहणी हैं। मां ममता वर्मा ने कहा कि मेरा बेटा भी सेना में जाना चाहता था। उसने भी सीडीएस की परीक्षा पास कर ली थी लेकिन कुछ मेडिकल कारणों के वजह से नहीं जा पाया। आज बेटी ने उन सपनों को साकार कर दिया है।

सुरक्षा बलों की कार्रवाई: बांदीपोरा में एनकाउंटर, 2 आतंकी मारे गए

बांदीपोरा  जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा जिले के गुरेज सेक्टर में सुरक्षाबलों ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास घुसपैठ की एक बड़ी कोशिश को नाकाम कर दिया है। सेना ने गुरुवार को बताया कि इस दौरान दो आतंकवादियों को मार गिराया गया है। सेना के श्रीनगर स्थित चिनार कॉर्प्स ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा दी गई खुफिया जानकारी के आधार पर भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने गुरेज सेक्टर में एक संयुक्त अभियान शुरू किया था।" सेना ने बताया कि घुसपैठ की कोशिश को भांपते हुए सतर्क जवानों ने घुसपैठियों को ललकारा। इसके जवाब में आतंकवादियों ने अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। सेना ने आगे कहा, "जवानों ने जवाबी कार्रवाई करते हुए प्रभावी ढंग से गोलीबारी की और दो आतंकवादियों को मार गिराया।" अधिकारी ने बताया कि इलाके में अभी भी तलाशी अभियान जारी है।

चेतक-चीता हेलिकॉप्टर की जगह नई हल्की मशीनें, इंडियन आर्मी और एयरफोर्स को बड़ा तोहफा

नईदिल्ली  इंडियन आर्मी और एयरफोर्स अपने पुराने चेतक और चीता हेलिकॉप्टरों को हटाकर करीब 200 नए हल्के हेलिकॉप्टर खरीदने की तैयारी कर रही है। इसके लिए रक्षा मंत्रालय ने रिक्वेस्ट फॉर इन्फॉर्मेशन (RFI) जारी किया है। इन नए हेलिकॉप्टरों को रिकॉनेसेन्स और सर्विलांस हेलिकॉप्टर (RSH) के तौर पर बांटा गया है। इनमें से 120 हेलिकॉप्टर भारतीय सेना और 80 हेलिकॉप्टर वायुसेना को दिए जाएंगे। ये हेलिकॉप्टर दिन और रात दोनों समय में काम कर सकेंगे। रक्षा मंत्रालय का उद्देश्य तकनीकी जरूरतें तय करना, खरीद प्रक्रिया पर निर्णय लेना और संभावित आपूर्तिकर्ताओं की पहचान करना है। इसमें भारतीय कंपनियों को भी शामिल किया जाएगा जो विदेशी कंपनियों (OEMs) के साथ साझेदारी करके हेलिकॉप्टर बना सकें। इनका उपयोग कई अन्य कामों के लिए किया जाएगा, जैसे…     दुश्मन की निगरानी और जानकारी जुटाना     कम संख्या में सैनिकों को मिशन पर ले जाना     जरूरत पड़ने पर जल्दी प्रतिक्रिया देने वाली टीमों को ले जाना     जमीन पर लड़ाई में मदद देना     घायल सैनिकों को निकालना और राहत-बचाव कार्य     जरूरत पड़ने पर नागरिक प्रशासन की मदद करना डिफेंस मिनिस्ट्री और भी हेलिकॉप्टर खरीदेगा डिफेंस मिनिस्ट्री ने अन्य प्लेटफॉर्म के साथ और भी यूटिलिटी हेलिकॉप्टर खरीदने की योजना बनाई है। संसद में पेश रक्षा मामलों की स्थायी समिति की रिपोर्ट के अनुसार, निम्न-स्तरीय रडार, हल्के लड़ाकू विमान (LCA), मल्टी-रोल हेलिकॉप्टर, और मिड-एयर रिफ्यूलिंग एयरक्राफ्ट भी खरीदे जाएंगे। इसके अलावा, मंत्रिमंडल की सुरक्षा समिति ने हाल ही में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) से 156 हल्के लड़ाकू हेलिकॉप्टर खरीदने की मंजूरी दी है, जिसकी कीमत 45,000 करोड़ रुपये से ज्यादा बताई जा रही है। ये हेलिकॉप्टर भी सेना और वायुसेना में बांटे जाएंगे और चीन-पाकिस्तान सीमा पर तैनात होंगे। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, यह कदम ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में भी एक बड़ा प्रयास है। भारतीय वायुसेना देश में ही लड़ाकू विमान, ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, हेलिकॉप्टर, ट्रेनर विमान, मिसाइल, ड्रोन और रडार बनाने पर जोर दे रही है, ताकि रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल की जा सके। भारत ने अमेरिका से हथियार-विमानों की खरीद रोकी, रक्षा मंत्री का अमेरिका दौरा भी रद्द टैरिफ विवाद के बीच भारत ने अमेरिका से नए हथियार और विमान खरीद की योजना रोक दी है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने 3 भारतीय अफसरों के हवाले से यह जानकारी दी है। ट्रम्प के 50% टैरिफ लगाने के बाद इसे भारत की पहली ठोस प्रतिक्रिया माना जा रहा है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय रक्षा मंत्री आने वाले हफ्तों में डिफेंस डील के लिए अमेरिका जाने वाले थे। अब यह दौरा रद्द कर दिया गया है। भारत अमेरिका से P8i निगरानी विमान, स्ट्राइकर कॉम्बैट व्हीकल्स और जैवलिन एंटी टैंक मिसाइल खरीदने वाला था। टैरिफ के चलते यह सौदा भी रोक दिया गया है।

रक्षाबंधन का दर्दनाक रंग, शहीद भाई की कलाई पर बहनों ने बांधी राखी और दी अंतिम श्रद्धांजलि

शाजापुर शाजापुर जिले के ग्राम रानी बडोद निवासी सीआईएसएफ के जवान मोहित सेन का मणिपुर में ड्यूटी के दौरान निधन हो गया। रक्षाबंधन पर शनिवार को जब उनका पार्थिव शरीर गांव पहुंचा तो बहनें और परिवार के लोग बिलख पड़े। यह दुखद नजारा देखकर वहां मौजूद ग्रामीणों की आंखें भी नम हो गईं। इस दौरन अंतिम यात्रा में हाथों में तिरंगा थामकर बड़ी संख्या में युवा और ग्रामीण शामिल हुए। हादसे में गई थी जान जानकारी के अनुसार, मोहित सेन (22) मणिपुर में सीआरपीएफ की 120 बटालियन में तैनात थे। गुरुवार रात को ड्यूटी के दौरान हादसे में उनका निधन हो गया था, जिसकी जानकारी शुक्रवार सुबह उनके भाई अंकित सेन को दी गई। मोहित के पिता आनंदीलाल सेन और भाई अंकित हेयर सैलून चलाते हैं। दो साल उनकी मणिपुर में पोस्टिंग हुई थी।  शाजापुर जिले के रानी बडोद गांव के मोहित सेन (22) का निधन मणिपुर में हो गया। वह सीआरपीएफ की 120 बटालियन में तैनात थे। बताया जा रहा है कि ड्यूटी के दौरान हादसे के शिकार हो गए थे और गुरुवार देर रात उनकी मौत हो गई। परिजनों के अनुसार, उनकी पोस्टिंग दो साल पहले मणिपुर में हुई थी। रक्षाबंधन के दिन शनिवार को उनका पार्थिव शरीर भोपाल से अकोदिया होते हुए गांव पहुंचा। मोहित की पार्थिव शरीर देखते ही बहनें, परिवार और ग्रामीण शोक में डूब गए। अंतिम यात्रा में उमड़ी भीड़ मोहित के पिता आनंदीलाल और भाई अंकित हेयर सैलून चलाते हैं। उन्होंने बताया कि शुक्रवार सुबह निधन की खबर मिली। शनिवार सुबह 7:30 बजे पार्थिव शरीर अकोदिया थाने पहुंचा, फिर गांव तक अंतिम यात्रा निकली। इस दौरान अंतिम यात्रा में तिरंगा थामे युवाओं सहित भारी भीड़ उमड़ी। राखी बांधकर दी अंतिम विदाई रक्षाबंधन पर बहनें मोनिका, राधिका और सोनिका ने राखी बांधकर मोहित को अंतिम विदाई दी। इस दौरान बहनों की आंखें नम थी। आंखों से गिर रहे आंसू को देख वहां मौजूद लोग भी रोने लगे। हर कई विधाता को ही कोस रहा था। वहीं, अंतिम दर्शन के लिए क्षेत्र से आए अन्य लोगों की आंखें भी नम थीं। आकेदिया थाने से शुरू हुई अंतिम यात्रा शनिवार सुबह 7:30 बजे मोहित का पार्थिव शरीर भोपाल से अकोदिया थाने पहुंचा, जहां से अंतिम यात्रा की शुरुआत हुई। इस दौरान बस स्टैंड पर जनप्रतिनिधियों और नगरवासियों ने पुष्प वर्षा कर मोहित को नमन किया। बड़ी संख्या में लोग बाइक पर तिरंगा लेकर शामिल हुए। डीजे पर देशभक्ति गीतों के बीच यात्रा शहीद के निवास स्थान पहुंची, जहां माता-पिता और परिजन रो-रोकर बेहाल थे। इसके बाद अंतिम यात्रा मुक्ति धाम पहुंची, जहां पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस अंतिम यात्रा में सैकड़ों लोग शामिल हुए। बहनों ने भाई की कलाई पर बांधी राखी इधर, रक्षाबंधन के दिन मोहित का पार्थिव शरीर उनके घर पहुंचते ही चीख-पुकार मच गई। उनकी चचेरी बहनों मोनिका, राधिका और सोनिका ने राखी बांधकर अपने दिवंगत भाई को अंतिम विदाई दी। अंतिम दर्शन के लिए क्षेत्रभर से बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। यात्रा के दौरान हर किसी की आंखें नम हो गईं। अंतिम यात्रा में हुए शामिल 120 बटालियन के जवानों ने सलामी देकर मोहित सेन को अंतिम विदाई दी। इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायक घनश्याम चंद्रवंशी, जिला पंचायत अध्यक्ष हेमराज सिसोदिया, पूर्व सैनिक और बड़ी संख्या में नागरिक मौजूद रहे। श्रद्धांजलि सभा में विधायक ने घोषणा की कि स्थानीय हाई स्कूल का नाम मोहित सेन के नाम पर रखा जाएगा और उनकी स्मृति में एक स्मारक भी बनाया जाएगा।  

कुलगाम में खूनी भिड़ंत: 2 वीर जवान शहीद, एक दहशतगर्द ढेर

 श्रीनगर जम्मू-कश्मीर के कुलगाम के अखाल इलाके में आतंकियों के साथ मुठभेड़ का आज नौवां दिन है. बीती रात भर इलाके में जोरदार धमाकों और गोलीबारी की आवाजें गूंजती रहीं. इस दौरान सेना के दो जवान शहीद हो गए, जबकि पिछली रात की गोलीबारी में दो अन्य जवान घायल हुए हैं.  अब तक 10 जवान घायल अब तक मुठभेड़ में एक आतंकी का शव बरामद हुआ है, जबकि कुल मिलाकर दो जवान शहीद और दस जवान घायल हो चुके हैं. सूत्रों के मुताबिक, घने जंगल और प्राकृतिक गुफा जैसे ठिकानों का फायदा उठाकर कम से कम तीन या उससे ज्यादा आतंकी अब भी छिपे हुए हैं. यह मुठभेड़ पिछले कई दशकों में सबसे लंबा चला रहा आतंक विरोधी अभियान बन गया है. 1 अगस्त को सुरक्षाबलों ने शुरू किया था ऑपरेशन भारतीय सुरक्षाबलों ने 1 अगस्त को जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में आतंकियों की तलाश में 'ऑपरेशन अखल' शुरू किया था. यह कार्रवाई इलाके में आतंकियों के छिपे होने की खुफिया जानकारी मिलने के बाद शुरू हुई थी. माना जा रहा है कि यहां 2 से 3 आतंकी छिपे हो सकते हैं. भारतीय सेना की चिनार कॉर्प्स के अनुसार, सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम ने दक्षिण कश्मीर के जंगल क्षेत्र में आतंकियों की मौजूदगी के इनपुट के आधार पर घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया.

आतंक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई: कुलगाम मुठभेड़ में एक दहशतगर्द मारा गया, ऑपरेशन जारी

 श्रीनगर जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले के अखल क्षेत्र में  शुरू हुआ सर्च ऑपरेशन अभी-भी जारी है. ऑपरेशन के दौरान आतंकियों से हुई मुठभेड़ में सेना ने एक आतंकी को ढेर कर दिया है. सेना को आशंका है कि अभी इलाके में दो से तीन आतंकी छिपे हो सकते हैं. इस बारे में भारतीय सेना की चिनार कॉर्प्स ने जानकारी दी है. चिनार कॉर्प्स ने जानकारी देते हुए बताया कि भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की संयुक्त टीम ने आतंकियों की मौजूदगी का खुफिया इनपुट के आधार पर दक्षिण कश्मीर के जंगल क्षेत्र में घेराबंदी और सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया. इसी दौरान आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी, जिसका जवाबी कार्रवाई में सुरक्षाबलों ने मुंहतोड़ जवाब दिया और मुठभेड़ में एक आतंकी को ढेर कर दिया. सेना का कहना है कि इस इलाके में अभी दो से तीन आतंकियों के फंसे होने की आशंका है, जिनमें लश्कर-ए-तैयबा (LET) के आतंकवादी शामिल हो सकते हैं. सुरक्षाबलों ने इलाके की घेराबंदी को और मजबूत कर लिया है और अतिरिक्त बलों को मौके पर भेजा गया है, क्योंकि आतंकियों की ओर से रातभर से रुक-रुक कर और तीव्र गोलीबारी की जा रही है. अभी ऑपरेशन जारी है.