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बिहार विधानसभा चुनाव : चुनावी रण में उतरे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री

विकास को बाधित करने के लिए राजद-कांग्रेस ने शुरू की 'बुरके' की शरारतः योगी बिहार विधानसभा चुनाव चुनावी रण में उतरे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री दानापुर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार रामकृपाल यादव की नामांकन रैली में हुए शामिल सीएम ने फुलवारी शरीफ से एनडीए प्रत्याशी श्याम रजक को भी जिताने की अपील की योगी ने दानापुर से किया आह्वान- लोकतंत्र की धरती पर खिलना चाहिए लोकतंत्र का कमल बोले- 1990 से 2005 तक बिहार के जंगलराज व परिवारवाद से हर कोई वाकिफ बिहार में अपराध को बपौती बनाकर अपहरण का उद्योग चलाने का कोई दुस्साहस नहीं कर सकताः योगी राजद व कांग्रेस के भ्रष्टाचार व आपराधिक उद्योग को भी नियंत्रित करेगी एनडीए सरकारः आदित्यनाथ लोकतंत्र का गला घोंटने वाले कांग्रेस की झोली में गिरवी है राजदः सीएम अपहरण उद्योग में लिप्त राजद के पार्टनर यूपी में पहले छाती ठोककर अराजकता फैलाते थे, आज उनकी दुर्गति हो गईः योगी पटना उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार से बिहार विधानसभा के चुनावी रण में उतरे। वे दानापुर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी रामकृपाल यादव की नामांकन रैली में शामिल हुए। सीएम ने फुलवारी शरीफ से एनडीए प्रत्याशी श्याम रजक को भी जिताने की अपील की। सीएम योगी यहां विपक्षी दल राजद व कांग्रेस पर खूब बरसे। उन्होंने कहा कि बिहार में विकास की दौड़ को बाधित करने के लिए राजद, कांग्रेस व इंडी गठबंधन के सहयोगी दलों ने विकास बनाम बुरके की शरारत शुरू की है। जब बिहार विकास की चर्चा कर रहा है तो कांग्रेस, राजद ने बुरके की नई बहस को बढ़ाने का प्रयास किया है। सीएम ने कहा कि इन्हें फर्जी पोलिंग का अधिकार नहीं मिलना चाहिए। राजद व कांग्रेस फर्जी पोलिंग करवाने की चेष्टा कर रहे हैं, लेकिन विदेशी घुसपैठियों को यहां आकर बिहार के नागरिकों, गरीबों व दलितों के अधिकार पर डकैती की छूट नहीं मिलनी चाहिए। यह लोग ईवीएम नहीं, बल्कि पहले के जैसे जबर्दस्ती मतदान और मतपत्रों की छिनैती करना चाहते हैं। राजद व कांग्रेस बिहार को उसी कालखंड में ले जाने का प्रयास कर रही है। 1990 से 2005 तक बिहार के जंगलराज व परिवारवाद से हर कोई वाकिफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 1990 से 2005 तक फैले बिहार के जंगलराज और परिवारवाद को हर कोई जानता है। राजद व कांग्रेस को घेरते हुए सीएम योगी ने कहा कि इन लोगों ने बिहार की आध्यात्मिक ज्ञानभूमि को परिवारवाद और अपराध की भूमि बना दिया था। विकास के नाम पर फैलाई गई अराजकता किसी से छिपी नहीं है। उस समय पेशेवर माफिया, गुंडों को सत्ता का संरक्षण प्रदान कर बिहार के विकास को बाधित कर दिया गया था। जिस बिहार ने कभी भारत का नेतृत्व किया, 2000 वर्ष पहले भारत को स्वर्ण युग दिया। इन लोगों के कारण उस बिहार से लोग पलायन कर रहे थे। राजद-कांग्रेस के भ्रष्टाचार व आपराधिक उद्योग को भी नियंत्रित करेगी एनडीए सरकार सीएम ने कहा कि एनडीए सरकार राजद व कांग्रेस के भ्रष्टाचार व आपराधिक उद्योग को भी नियंत्रित करेगी। यूपी में माफिया जहन्नुम की यात्रा पर जा चुके हैं। यूपी में अपहरण उद्योग में लिप्त राजद के पार्टनर पहले छाती ठोककर अराजकता फैलाते थे, लेकिन आज उनकी दुर्गति हो रही है। इनकी प्रॉपर्टी जब्त कर गरीबों का आवास बना रहे हैं। सीएम ने पीएम मोदी के नेतृत्व में देश में चल रहीं विकास योजनाओं का जिक्र करते हुए विपक्षी दलों पर कटाक्ष किया कि कांग्रेस-राजद के एजेंडे में गरीब कल्याण नहीं, बल्कि परिवार कल्याण था, जबकि एनडीए ने पूरे भारत व बिहार को परिवार मानकर बिना भेदभाव योजनाओं का लाभ दिया। विकास कार्यों में खर्च होने वाले पैसे को चारा महाघोटाला में खर्च किया गया सीएम योगी ने कहा कि एनडीए ने 20 वर्ष में बिहार को उस कलंक से मुक्त किया है। अब बिहार में विकास को कोई बाधित नहीं कर सकता। कोई अपराध को जन्मसिद्ध अधिकार या बपौती बनाकर अपहरण का उद्योग चलाने का दुस्साहस नहीं कर सकता। केंद्र व प्रदेश सरकार ने मिलकर विकास के जिन कार्यों को आगे बढ़ाया है, उसमें पेशेवर माफिया बाधक नहीं बन पाएंगे क्योंकि एनडीए सरकार यहां प्रभावी भूमिका में कार्य कर रही है। बिहार का नौजवान जब बाहर जाता है तो हर क्षेत्र में अपनी पहचान बनाता है, लेकिन 1990 से 2005 तक कुछ लोगों ने बिहार के नौजवानों की प्रतिभा को कुंद कर दिया था। बिहार लंबे समय तक यह दंश झेलता रहा। यहां अनेक घोटाले हुए। विकास कार्यों में खर्च होने वाले पैसे को चारा महाघोटाला में खर्च किया गया, वहीं एनडीए सरकार ने बिहार से पहचान का संकट समाप्त किया है। बिहार में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर दिखाई दे रहा है। फर्जी पोलिंग चाहते हैं राजद-कांग्रेस सीएम योगी ने कहा कि पारदर्शी व स्वच्छ चुनाव प्रक्रिया के तहत हर मतदाता को अपनी पहचान देनी है। पहचान पत्र दिखाकर ही हर कोई मतदान कर सकता है। एनडीए के सभी दल इसे आगे बढ़ाने की कार्रवाई का समर्थन कर रहे हैं, लेकिन राजद, कांग्रेस व उनके सहयोगी दल कहते हैं कि फर्जी पोलिंग होनी चाहिए। सीएम ने इसे लोकतंत्र के लिए चुनौती बताया और कहा कि इन्हें (राजद-कांग्रेस) बिहार के नागरिकों, नौजवानों, दलितों-वंचितों के अधिकार पर डकैती डालने का अवसर नहीं मिलना चाहिए। जब चुनाव आयोग आगे बढ़ा तो यह लोग दुष्प्रचार का सहारा ले रहे हैं। सीएम ने मतदाताओं से पूछा कि दुनिया में हर जगह अपना चेहरा- पहचान दिखानी पड़ती है, लेकिन यह लोग चाहते हैं कि बिना चेहरा-पहचान पत्र देखे, जिसकी मर्जी आए वह वोट डाल दे। लोकतंत्र का गला घोंटने वाले कांग्रेस की झोली में गिरवी है राजद सीएम ने कहा कि जब कांग्रेस ने लोकतंत्र के गले को घोंटा था, तब यही बिहार उठ खड़ा हुआ था। जयप्रकाश जी ने पटना में हुंकार भरी थी और कहा था कि लोकतंत्र का गला घोंटने का अधिकार किसी को नहीं देंगे। जिस कांग्रेस ने लोकतंत्र का गला घोंटा था, उसी की झोली में राजद ने खुद को गिरवी रख दिया है। यह जेपी के सपनों पर पानी फेर रहे हैं और लूट, भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने के लिए कांग्रेस की झोली में चले गए हैं। बिहार ने दुनिया को लोकतंत्र का पाठ पढ़ाया था, वैशाली का गणतंत्र उसका उदाहरण है। बिहार ने … Read more

चुनावी मोर्चे पर उत्तर प्रदेश के अफसर तैनात, बिहार में संभालेंगे जिम्मेदारी

लखनऊ  बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Chunav) के लिए एनडीए का सीट बंटवारा हो गया है। एक साथ एनडीए दलों के नेता ने ट्वीट करके बताया है कि बीजेपी और जेडीयू 101-101 यानी बराबर सीट लड़ेगी। चिराग पासवान की लोजपा 29, उपेंद्र कुशवाहा की रालोमो 6 और जीतनराम मांझी की हम 6 सीट लड़ेगी। यह पहली बार होगा कि बिहार में जेडीयू और भाजपा विधानसभा में बराबर सीट लड़ेगी। जेडीयू हमेशा बीजेपी से ज्यादा सीट लड़कर और बड़े भाई के दर्जा में रही है। दिल्ली में बीजेपी कैंडिडेट के चयन के लिए पार्टी दफ्तर में केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक हुई है। आज देर रात या कल सुबह भाजपा अपने उम्मीदवारों की सूची जारी करना शुरू कर देगी। महागठबंधन में सीट बंटवारा फंसा हुआ है। लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव दिल्ली में हैं क्योंकि सोमवार को लैंड फॉर जॉब केस में सुनवाई के दौरान उनकी पेशी है। तेजस्वी की राहुल गांधी से मुलाकात की अभी कोई खबर नहीं है। वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी भी दिल्ली के लिए निकल गए हैं और कहा है कि महागठबंधन बीमार है, दिल्ली में इसका इलाज होगा तो स्वस्थ हो जाएगा। पटना में आरजेडी नेता भाई वीरेंद्र ने कहा है कि महागठबंधन में सीट बंटवारे का ऐलान कल हो जाएगा। बाकी दलों में प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी की दूसरी लिस्ट कल आएगी। पशुपति पारस की पार्टी ने कहा है कि वो परसों तक फैसला करेगी। बताया जा रहा है कि महागठबंधन से 4 सीट का ऑफर मिला था जो पारस को मंजूर नहीं है। अब वो असदुद्दीन ओवैसी और चंद्रशेखर आजाद के साथ गठबंधन की सोच रहे हैं।

चुनावी प्रशासन सख्त: बिहार में पीठासीन पदाधिकारियों की जांच के लिए मेडिकल टीम गठित

पटना निर्वाचन आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए नियुक्त माइक्रो ऑब्जर्वर, पीठासीन पदाधिकारी और मतदान पदाधिकारियों की स्वास्थ्य जांच के लिए मेडिकल टीम का गठन किया है। यह टीम 17 और 18 अक्टूबर को संबंधित पदाधिकारी और कर्मचारियों की ओर से रखे जाने वाले साक्ष्य और प्रमाण पत्रों के आधार पर उनकी जांच करेगी। आयोग ने शुक्रवार को जानकारी दी कि जो माइक्रो ऑब्जर्वर, पीठासीन पदाधिकारी और मतदान पदाधिकारी गंभीर बीमारी, रोग या दिव्यांगता के कारण निर्वाचन कार्य करने में असमर्थ हैं, उन्हें सूचित किया गया है कि उनके स्वास्थ्य संबंधी विषय को लेकर चिकित्सा जांच दल का गठन किया गया है। निर्वाचन आयोग ने इस संबंध में संबंधित पदाधिकारियों से अनुरोध किया है कि वे निर्धारित तारीखों को सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक मेडिकल टीम के सामने उपस्थित हो सकते हैं। पटना के गांधी मैदान स्थित श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में इन पदाधिकारियों की जांच की जाएगी। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि नियत तारीख के बाद किसी भी गंभीर बीमारी, रोग या विकलांगता के आधार पर चुनाव कार्य से मुक्त करने के लिए कोई आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा। इससे पहले, बिहार विधानसभा चुनाव और उपचुनावों के मद्देनजर चुनाव आयोग ने 9 और 10 अक्टूबर को सभी रिटर्निंग ऑफिसर (आरओ) और असिस्टेंट रिटर्निंग ऑफिसर (एआरओ) के लिए ऑनलाइन ट्रेनिंग सेशन का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में 243 आरओ और 1418 एआरओ ने वर्चुअल माध्यम से भाग लिया। इस ट्रेनिंग सेशन में नामांकन प्रक्रिया, योग्यता-अयोग्यता, मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट (एमसीसी), नामांकन वापसी, प्रतीक आवंटन, मतदान के दिन की व्यवस्थाएं और मतगणना समेत चुनाव संचालन के सभी चरणों को कवर किया गया। राष्ट्रीय स्तर के मास्टर ट्रेनर्स ने आरओ और एआरओ के शंकाओं का समाधान किया, ताकि चुनाव प्रक्रिया सुचारू रूप से संपन्न हो सके। चुनाव आयोग, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 की धारा 21 सहपठित धारा 24 के अनुसार प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र के लिए रिटर्निंग अधिकारियों (आरओ) को नामित या मनोनीत करता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि चुनाव कानून और उसके तहत बनाए गए नियमों के अनुसार आयोजित किए जाएं। निर्धारित अवधि के दौरान आरओ और एआरओ आयोग के नियंत्रण, अधीक्षण और अनुशासन के अधीन होंगे। आयोग मतदान से पहले सभी मतदान केंद्रों पर पीठासीन अधिकारियों के लिए एप्लीकेशन का ट्रायल रन भी आयोजित करेगा। ये सत्र संबंधित मुख्य निर्वाचन अधिकारियों की ओर से अपने-अपने राज्यों और केंद्र शासित राज्य क्षेत्रों में आयोजित किए जा रहे प्रशिक्षण सत्रों के अतिरिक्त होंगे।

सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस की CEC बैठक कल, बिहार चुनाव को लेकर तैयारी तेज

पटना कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों के चयन के मकसद से बुधवार को बैठक करेगी। पार्टी सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। पार्टी यह बैठक उस वक्त करने जा रही है जब उसके सहयोगी राष्ट्रीय जनता दल और वाम दलों के साथ सीट बंटवारे पर बातचीत अंतिम दौर में है। निर्वाचन आयोग द्वारा सोमवार को बिहार में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया गया। राज्य विधानसभा चुनाव के लिए आगामी छह नवंबर और 11 नवंबर को दो चरणों में मतदान होगा तथा मतगणना 14 नवंबर होगी।

गया में जन सुराज नेता पर जानलेवा हमला, चुनावी माहौल हुआ तनावपूर्ण

गयाजी बिहार विधानसभा 2025 चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद से चुनावी हिंसा की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। इसी क्रम में गयाजी के जन सुराज नेता और नगर निगम पार्षद  गजेंद्र सिंह पर बाइक सवार अपराधियों ने गोलीबारी की घटना को अंजाम दिया। घटना में अपराधियों ने स्कॉर्पियो वाहन पर गोली चलाई, जिसमें एक गोली वाहन को लगी और दो गोलियां चूक गईं। हालांकि, नेता बाल-बाल बच गए। जानकारी के अनुसार,  गजेंद्र सिंह सोमवार की देर रात गयाजी शहर के चंदौती थाना क्षेत्र से अपने वाहन से लौट रहे थे। वे उस दौरान एक परिचित से मिलने गए थे। इसके बाद वह अपने आवास एपी कॉलनी लौट रहे थे। चंदौती रोड में, एलआईसी कार्यालय के पास, बाइक सवार अपराधियों ने अचानक गोलीबारी शुरू कर दी। गोलीबारी के दौरान  गजेंद्र सिंह ने वाहन को तेज रफ्तार में भगाया और रामपुर थाना पहुंचे। वहां उन्होंने पुलिस को पूरी घटना की जानकारी दी। रामपुर थाना की पुलिस ने FIR दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। थानाध्यक्ष दिनेश बहादुर सिंह ने बताया कि वारदात ऐसी जगह पर हुई है, जहां कोई CCTV कैमरा नहीं लगा हुआ था। पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है और जल्द ही अपराधियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाएगी। गजेंद्र सिंह वर्तमान में गयाजी नगर निगम के वार्ड पार्षद हैं। वे गयाजी टाउन विधानसभा क्षेत्र से जनसुराज पार्टी के संभावित प्रत्याशी भी माने जा रहे हैं। उन्होंने वारदात में शामिल अपराधियों की शीघ्र गिरफ्तारी की मांग उठाई है।

JMM का बिहार में बड़ा दांव, 12 सीटों का दावा और तेजस्वी यादव से संभावित बैठक आज

रांची बिहार विधानसभा चुनाव में हिस्सेदारी को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा के सुदिव्य कुमार सोनू और विनोद पांडे आज पटना में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव से मुलाकात करेंगे। पार्टी अध्यक्ष और सीएम हेमंत सोरेन ने दोनों को बातचीत करने के लिए इसकी कमान सौंपी है।   पार्टी सूत्रों के मुताबिक झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने भी अपनी रणनीति स्पष्ट कर दी है। पार्टी राज्य की सीमावर्ती 12 विधानसभा सीटों पर दावेदारी के साथ महागठबंधन में सम्मानजनक भागीदारी की तैयारी में जुट गई है। झामुमो की नजर बिहार के तारापुर, कटोरिया, मनिहारी, झाझा, बांका, ठाकुरगंज, रुपौली, रामपुर, बनमनखी, जमालपुर, पीरपैंती और चकाई सीटों पर है। इन जिलों की सीमा झारखंड से लगती है और यहां झामुमो का वोटबैंक मजबूत माना जाता है। पार्टी का दावा है कि इन इलाकों में संगठन की जमीनी पकड़ अच्छी है और अतीत में उसके विधायक भी यहां से चुने जा चुके हैं। उल्लेखनीय है कि सितंबर महीने में झामुमो अध्यक्ष और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पटना में हुई ‘वोटर अधिकार रैली' के दौरान राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से मुलाकात की थी, लेकिन तब सीट शेयरिंग पर कोई चर्चा नहीं हो सकी थी। इस बार बैठक को लेकर झामुमो काफी गंभीर है और पार्टी नेताओं को मजबूत तुकरं के साथ सीट शेयरिंग की बातचीत की जिम्मेदारी दी गई है। ज्ञातव्य है कि पिछले साल हुए झारखंड विधानसभा चुनाव के दौरान झामुमो ने महागठबंधन धर्म निभाते हुए राजद को 7 सीटें दी थीं, जिनमें से पार्टी ने 4 सीटों पर सफलता पाई थी। झामुमो अब इसी तर्ज पर बिहार में 12 सीटों की मांग कर रहा है। पार्टी का तर्क है कि गठबंधन धर्म में उसे भी वही सम्मान और हिस्सेदारी मिलनी चाहिए, जैसा उसने झारखंड में सहयोगी दलों को दिया था।  

CEC ज्ञानेश कुमार का ऐलान: बिहार के सभी बूथों पर होगी वेबकास्टिंग, वोटर संख्या 1200 तक सीमित

पटना  बिहार चुनाव की तैयारियों की समीक्षा को लेकर चुनाव आयोग की टीम दो दिन के पटना दौरे है। रविवार को सीईसी ज्ञानेश कुमार की अध्यक्षता में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी गई। उन्होने बताया कि किसी भी बूथ पर 1200 से ज्यादा वोटर नहीं होंगे। 100 फीसदी वेब कास्टिंग होगी। ज्ञानेश कुमार ने कहा कि बिहार में 243 विधानसभा क्षेत्र है। विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर 2025 को खत्म हो रहा है। उसके पहले चुनाव संपन्न होंगे। चुनाव आयोग की टीम दो दिनों से बिहार में है। इसके पहले भी हमारे वरिष्ठ अधिकारी बिहार का दौरा कर चुके हैं। चुनाव आयोग ने दो दिवसीय दौरे के दौरान पहले दिन राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। उसके बाद, सभी जिलों डीएम, एसपी, डीआईजी व आईजी के साथ बैठक की। वहीं, दूसरे दिन तीन सत्र में ,प्रवर्तन एजेंसियों के नोडल अधिकारियों, बिहार के मुख्य सचिव, डीजीपी और विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की। सीईसी ने बताया कि पहली बार बूथ लेवल एजेंट्स (बीएलए) की ट्रेनिंग दिल्ली में हुई है। बूथ लेवल ऑफिसर के लिए भी फोटो आईडी कार्ड उपलब्ध कराया जाएगा। इसके अलावा पोलिंग बूथ के कमरे के बाहर मोबाइल जमाकर वोट डालने की सुविधा होगी। सभी 90 हजार पोलिंग बूथ पर ये सुविधा होगी। मतदाताओं को दी जाने वाली वोटर स्लिप बूथ की संख्या बड़े अक्षरों में होगी, जिससे बूथ ढूंढना आसान होगा। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव के पूर्व कराए गए एसआई आर के तहत अपात्र मतदाताओं के नाम कटे हैं, उन्होंने आग्रह किया कि अभी भी वक्त है, यदि वे योग्य हैं, तो नामांकन की समाप्ति के 10 दिनों पहले तक वे फॉर्म- 6 या फॉर्म- 7 भरकर जमा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि जो नई पहल की गई है, उनमें कुछ चुनाव कंडक्ट के समय और कुछ चुनाव के दौरान लागू की जाएगी। उन्होंने आधार कार्ड को लेकर नियमो आए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का ज़िक्र किया और कहा कि इसे गणना फॉर्म के साथ स्वीकार किया गया था और आगे भी स्वीकार किया जाएगा। हालांकि सुप्रीम कोर्ट और आधार कानून के साथ जनप्रतिनिधित्व कानून का हवाला दिया और कहा कि आधार केवल पहचान है, नागरिकता का प्रमाण नहीं। उन्होंने राजनीतिक दलों से हर बूथ पर चुनाव एजेंट बहाल करने और मतदान से पूर्व और मतदान की समाप्ति तक फॉर्म 17 सी लेकर जाने तक उनकी मौजूदगी सुनिश्चित कराएं। चुनाव आयोग 17 नए प्रयोग बिहार चुनाव में करने जा रही है। आगे यह पूरे देश में लागू होगा। ईवीएम पर प्रत्याशियों की रंगीन फोटो होगी। वोटर आईडी कार्ड में वोटर आईडी नंबर बड़ा होगा। EVM की काउंटिंग में कोई भी गलती होगी तो सभी VVPAT की गिनती होगी। इसके अलावा बैलेट वोट की भी गिनती अनिवार्य होगी। ज्ञानेश कुमार ने कहा कि हाल ही में बिहार में मतदाता सूची शुद्धिकरण का काम चलाया गया और हमारे सामने मौजूद बूथ लेवल अधिकारियों ने न सिर्फ अपने बूथों पर मतदाता सूची शुद्धिकरण का काम किया, बल्कि बिहार के 90,217 बूथ लेवल अधिकारियों ने ऐसा काम किया जो पूरे देश में सराहनीय है। जैसे बिहार के वैशाली ने दुनिया को लोकतंत्र की राह दिखाई। आप सब मिलकर मतदाता सूची शुद्धिकरण के काम में देश के लिए प्रेरणा स्रोत बनेंगे।  

मायावती ने तेज की बिहार चुनावी तैयारियां, बसपा कार्यकर्ताओं को मिली बड़ी जिम्मेदारी

लखनऊ बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने तैयारियां तेज कर दी हैं। रविवार को बसपा सुप्रीमो मायावती ने बिहार इकाई के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान मायावती ने स्पष्ट किया कि बसपा बिहार में अकेले चुनाव लड़ेगी और पूरे कार्यक्रम का दिशा निर्देशन वह खुद करेंगी। बसपा सुप्रीमो मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "बिहार विधानसभा के लिए जल्द अगले कुछ महीनों में ही होने वाले चुनाव में बसपा उम्मीदवारों के चयन समेत पार्टी के हर स्तर की तैयारियों को लेकर वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ पिछले दो दिनों की बैठक में गहन चर्चा और समीक्षा की गई। इस दौरान अकेले अपने बल पर चुनाव लड़ने के फैसले के मद्देनजर आने वाले दिनों में पार्टी के अलग-अलग कार्यक्रमों की रूपरेखा को भी अंतिम रूप दिया गया।" मायावती ने बैठक में पार्टी पदाधिकारियों को कमियों को दूर करके पूरी मुस्तैदी और तन-मन-धन से आगे बढ़ने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी बताया कि अगले महीने से बिहार में बसपा की यात्रा और जनसभाएं शुरू हो जाएंगी। इस संबंध में भी मायावती ने पार्टी पदाधिकारियों को विशेष जिम्मेदारियां सौंपी हैं। बसपा सुप्रीमो ने स्पष्ट कहा है कि सभी कार्यक्रम उनके दिशा-निर्देशन में होंगे। इसकी विशेष जिम्मेदारी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक आकाश आनंद और केंद्रीय कोआर्डिनेटर व राज्यसभा सांसद रामजी गौतम के साथ-साथ बिहा इकाई को सौंपी गई है। अपने पोस्ट में मायावती ने लिखा, "बिहार एक बड़ा राज्य है और इसलिए वहां की जरूरतों को देखते हुए सभी विधानसभा सीटों को तीन जोन में बांटा गया है। इसी हिसाब से पार्टी के वरिष्ठ लोगों को अलग-अलग से उनकी जिम्मेदारी सौंपने का फैसला भी बैठक में लिया गया।" बसपा की बैठक में राज्य इकाई ने चुनावी तैयारियों और रणनीति के बाद मायावती को भी बेहतर परिणाम लाने की भरोसा दिया है। इससे पहले मायावती ने ओडिशा और तेलंगाना राज्य में भी संगठन की तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक की। बसपा सुप्रीमो ने पोस्ट में लिखा, "उन्होंने उत्तर प्रदेश पैटर्न पर ओडिशा और तेलंगाना में जिला-बूथ कमेटी बनाने के अलावा पार्टी का जनाधार बढ़ाने के टारगेट को लेकर समीक्षा बैठक की।"