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फ्रॉड केस में शिल्पा-राज को झटका, बॉम्बे HC ने कहा – पहले 60 करोड़ दो, फिर विदेश जाओ

मुंबई  बॉम्बे हाईकोर्ट ने अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी और उनके पति राज कुंद्रा को लॉस एंजिल्स और अन्य विदेशी देशों की यात्रा करने के लिए पहले 60 करोड़ रुपये जमा करने का निर्देश दिया है. यह आदेश तब आया है जब दंपति ने 60 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी से संबंधित एक एफआईआर पर उनके खिलाफ जारी एलओसी को रद्द करने के लिए हाईकोर्ट का रुख किया था. वहीं, इस मामले में शिल्पा शेट्टी और उनके पति राज कुंद्रा से लगातार पूछताछ जारी है. मंगलवार को एक्ट्रेस से आर्थिक अपराध शाखा ने चार घंटे तक पूछताछ की थी. बता दें, ये पूछताछ एक्ट्रेस के घर पर की गई थी. दरअसल, शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा के खिलाफ बिनजनेसमैन दीपक कोठारी ने हाल ही में एक धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया था. शिल्पा शेट्टी के घर सोमवार को ही आर्थिक अपराध शाखा की टीम पहुंची थी और उनसे 5 घंटे तक इस मामले में पूछताछ हुई थी। अधिकारियों ने इस दौरान कुछ दस्तावेज भी चेक किए थे। शिल्पा शेट्टी की ओर से कहा गया था कि वह जांच एजेंसी को सहयोग करने के लिए तैयार हैं और हर बात के जवाब दिए हैं। यह मामला उनकी कंपनी पुरानी ऐड कंपनी बेस्ट डील टीवी प्राइवेट लिमिटेड से जुड़ा है। उनका कहना है कि मैंने एजेंसी को सभी दस्तावेज दिए हैं और कहा है कि वे जो भी कहेंगे, उसमें सहयोग के लिए मैं तैयार हूं। यह पहला मामला नहीं है, जब शिल्पा शेट्टी और उनके पति को कानूनी विवाद झेलना पड़ा है। इससे पहले 2021 में राज कुंद्रा को पोर्नोग्राफी के एक केस में अरेस्ट किया गया था। इसके अलावा उनके खिलाफ बिटकॉइन घोटाले के आरोपों में भी जांच चल रही है। खबर है कि अब इस नए मामले में भी राज कुंद्रा से पूछताछ हो सकती है। उनके विदेश जाने पर भी रोक है क्योंकि एजेंसी ने उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कर रखा है। इसी को लेकर शिल्पा शेट्टी जब अदालत पहुंचीं तो उन्हें 60 करोड़ रुपये जमा कराने के बाद ही जाने के लिए कहा गया है। फिलहाल इस मामले की जांच जारी है और संभावना है कि अगले कुछ दिनों में उनके पति से भी पूछताछ हो सकती है। कोठारी का दावा है कि शिल्पा शेट्टी ने कंपनी का विस्तार करने के लिए 75 करोड़ का लोन लिया था, लेकिन ब्याज दरों को देखते हुए इसे निजी निवेश के तौर पर दिखाने के लिए कहा. उन्होंने कोठारी को विश्वास दिलाया कि वे हर महीने ब्याज की रकम भरेंगी, लेकिन शिल्पा ने वो पैसे बिजनेस में न लगाकर निजी तौर पर खर्च किए और फिर बाद में कंपनी के डायरेक्टर पद से इस्तीफा दे दिया. उसके बाद, दीपक कोठारी ने कई बार एक्ट्रेस से पैसे वापस देने की मांग की लेकिन कोई जवाब नहीं आया है और उन्होंने दंपत्ति के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कराया. वहीं, इन सबके बीच शिल्पा ने अपने इंस्टा पर एक पोस्ट पर शेयर किया है, जो इस वक्त सोशल मीडिया पर वायरल भी हो रहा है. इस पोस्ट में उन्होंने फेमस मार्शल आर्टिस्ट ब्रूस ली का ‘कोट शेयर किया है. शिल्पा शेट्टी ने पोस्ट में लिखा है, ‘अगर आप हर बात पर भावनात्मक प्रतिक्रिया देते हैं, तो आप लगातार कष्ट झेलते रहेंगे. सच्ची शक्ति चुपचाप बैठकर तर्क के साथ चीज़ों को देखना है, यही सच्ची शक्ति संयम है. अगर शब्द आपको नियंत्रित करते हैं, तो इसका मतलब है कि बाकी सभी आपको नियंत्रित कर सकते हैं… सांस लें और चीज़ों को गुजरने दें.’  

दिल्ली और बॉम्बे हाईकोर्ट को बम की धमकी, ई-मेल के बाद सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर

नई दिल्ली/मुंबई  दिल्ली और बॉम्बे हाईकोर्ट में शुक्रवार दोपहर के दौरान मिली बम-धमकी की सूचना से हड़कंप मच गया. पुलिस सूत्रों के मुताबिक  एक धमकी भरा ई-मेल प्राप्त हुआ जिसमें दिल्ली हाईको कोर्ट परिसर में तीन बम रखे होने और दोपहर 2 बजे तक हाईकोर्ट खाली कराने का आदेश दिया गया था. इस धमकी के तुरंत बाद बॉम्बे हाईकोर्ट में भी बम की धमकी का मेल आया जिसके बाद तुरंत ही कोर्ट परिसर को खाली कराया गया और जजों तथा वकीलों को बाहर निकाला गया. पुलिस ने फौरन सुरक्षा-प्रोटोकॉल लागू करते हुए सभी जजों को कक्षों से बाहर निकाला और वकीलों, स्टाफ तथा लोगों को कोर्ट परिसर खाली करने का निर्देश दिया गया. मौके पर बम निरोधक दस्ते (Bomb Squad), स्पेशल सेल और दिल्ली पुलिस की कई यूनिट तैनात कर दी गईं और परिसर की बारी-बारी तलाशी चल रही है. पुलिस ने आसपास के इलाकों को भी सील कर सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं. दिल्ली हाईकोर्ट के बार एसोसिएशन के सचिव विक्रम सिंह पंवार ने आजतक से बातचीत करते हुए कहा, 'सुरक्षा तंत्र स्थिति का आंकलन कर रहा है. ईमेल को गंभीरता से लिया जा रहा है. फिलहाल घबराने की कोई ज़रूरत नहीं है.' मेल की मुख्य बातें दिल्ली हाईकोर्ट को लेकर भेजे गए धमकी वाले मेल में दावा किया गया है कि हाईकोर्ट परिसर में 3 बम रखे गए हैं और सभी को दोपहर 2 बजे तक वहां से हटा लिया जाना चाहिए. मेल में एक असामाजिक/आक्रामक राजनीतिक संदेश भी था जिसमें कुछ नेताओं को निशाना बनाने जैसी कड़वी बातें लिखी गईं; कुछ विशिष्ट नामों का भी जिक्र था. अधिकारियों का कहना है कि मेल की भाषा और संदर्भ इस घटना को “इंसाइड जॉब” जैसा बताने की कोशिश करते हैं. सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि मेल में तमिलनाडु की राजनीतिक पार्टी डीएमके (DMK) का भी जिक्र है. मेल में कहा गया है, "हम प्रस्ताव करते हैं कि डॉ. एझिलान नागनाथन को डीएमके की कमान संभालनी चाहिए." इसके साथ ही, मेल में यह भी धमकी दी गई है कि उदयनिधि स्टालिन के बेटे इनबानिधि उदयनिधि को तेजाब से जलाया जाएगा. मेल में कहा गया है, 'एजेंसियों को इस बात की भनक तक नहीं लगेगी कि यह कोई अंदरूनी साजिश है.उदाहरण के तौर पर, आपके दिल्ली हाईकोर्ट में आज का धमाका पिछले झांसों के संदेह को दूर कर देगा. दोपहर की इस्लामी नमाज़ के तुरंत बाद जज चैंबर में धमाका होगा.' जांच में जुटी पुलिस पुलिस ने मेल को गंभीर मानते हुए उसकी फोरेंसिक जांच शुरू कर दी है. मेल किस आईपी एड्रेस/सर्वर से भेजा गया, क्या मेल-हेडर में छेड़छाड़ हुई है, और मेल भेजने वाले की पहचान कैसे की जाए, इन पहलुओं पर काम चल रहा है. साथ ही मेल में जिन नामों का जिक्र था, उन पर भी सुरक्षा बढ़ाई जा रही है और सम्बंधित चैनलों को सूचित कर प्रतिक्रिया मांगी गई है.

हाई कोर्ट की कड़ी टिप्पणी: मराठा आंदोलन में तोड़ी गईं सभी शर्तें, सरकार पर उठे सवाल

मुंबई मराठा आरक्षण आंदोलन पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी की है। हाई कोर्ट ने कहा है कि मनोज जरांगे के नेतृत्व वाला विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण नहीं है। इसमें सभी शर्तों का उल्लंघन किया गया है। कोर्ट ने आगे कहा कि पूरा शहर थम गया है और दक्षिण मुंबई के महत्वपूर्ण स्थान प्रदर्शनकारियों से घिरे हुए हैं। उच्च न्यायालय ने मुंबई में सामान्य स्थिति बहाल करने को कहा। इसके अलावा महाराष्ट्र सरकार से भी सवाल पूछे गए हैं। अदालत ने पूछा कि हालात से निपटने की क्या योजना है। आगे कहा कि कानून का पालन सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जाएं। जरांगे और समर्थकों को मंगलवार तक समय उच्च न्यायालय ने जरांगे और उनके समर्थकों को स्थिति सुधारने और मंगलवार तक मुंबई की सभी सड़कें खाली करने का मौका दिया। इससे पहले जरांगे ने कहा था कि अगर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मराठों की मांग नहीं सुनी तो पांच करोड़ से ज्यादा लोग मुंबई आएंगे। मनोज जरांगे ने मराठा आरक्षण प्रदर्शनकारियों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि मुंबई में आम आदमी को उनके कारण असुविधा का सामना न करना पड़े। गौरतलब है कि मनोज जरांगे पाटिल मराठा आरक्षण आंदोलन को लेकर आमरण अनशन कर रहे हैं। रविवार को उन्होंने कहा कि भले ही गोलियां चल जाएं, लेकिन वह अपना प्रदर्शन खत्म नहीं करेंगे। मनसे ने क्या मांग की इस बीच महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के नेता बाला नंदगांवकर ने सोमवार को सुझाव दिया कि राज्य सरकार को कार्यकर्ता मनोज जरांगे के नेतृत्व में आरक्षण आंदोलन के लिए मुंबई आए मराठा समुदाय के लोगों के लिए वानखेड़े स्टेडियम जैसा स्थल उपलब्ध कराना चाहिए। नंदगांवकर ने पत्रकारों से कहा कि मराठा प्रदर्शनकारी शहर में घूम रहे हैं, इसलिए लोगों को लगता है कि इससे असुविधा हो रही है। चूंकि आज़ाद मैदान की जगह छोटी है, इसलिए सरकार से मेरा अनुरोध है कि प्रदर्शनकारियों को वानखेड़े स्टेडियम जैसा स्थान दिया जाए, ताकि वे एक जगह बैठकर अपना आंदोलन जारी रख सकें।