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परीक्षण सफल तो जबलपुर में जल्द शुरू होगी सरकारी बस सेवा, होगा बड़ा विस्तार

भोपाल प्रदेश में लोक परिवहन सेवा अगले वर्ष मार्च-अप्रैल तक सबसे पहले इंदौर, इसके बाद उज्जैन और फिर जबलपुर से प्रारंभ होगी। छह माह के भीतर रीवा, सागर ग्वालियर, भोपाल आदि शहरों से सेवा प्रारंभ करने की तैयारी है। शुरू में 50 से 100 किमी दूर तक के लिए बसें चलाई जाएंगी। इसके बाद सुविधा का परीक्षण कर इसमें विस्तार किया जाएगा। कुछ जगह रूट सर्वे का काम पूरा हो गया है और कई जगह चल रहा है। नगरीय निकायों के नियंत्रण में पहले से चल रही बसों को भी संभागीय स्तर पर क्षेत्रीय सहायक कंपनियां बनाकर उसके नियंत्रण में लाया जाएगा। भोपाल शहर में भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड (बीसीएलएल) बसों का संचालन कर रही है। इसी तरह से इंदौर व अन्य शहरों में बसें निजी ऑपरेटरों की हैं, पर नियंत्रण स्थानीय प्रशासन का होता है। लोक परिवहन सेवा के प्रबंधन के लिए राज्य स्तर पर एक होल्डिंग कंपनी बनाई जा रही है। इसके नीचे सात संभागीय मुख्यालयों के स्तर पर सहायक कंपनियां बनाई जाएंगी। उज्जैन में रूट सर्व का काम पूरा बस संचालन के लिए उज्जैन में रूट सर्वे का काम लगभग पूरा हो गया है। इंदौर और जबलपुर में श्रेणीवार संचालित बसों की संख्या का अनुमान और रूट सर्वे भी लगभग अंतिम चरण में है। परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि अभी निजी बस ऑपरेटरों से अनुबंध कर बसें चलाई जाएंगी। आगे चलकर इलेक्ट्रिक बसें चलाने की प्राथमिकता रहेगी। मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने भी इसके निर्देश दिए हैं। सीएम ने इसी महीने की मीटिंग बता दें कि मुख्यमंत्री ने इसी माह लोक परिवहन सेवा की तैयारियों को लेकर बैठक की थी। उन्होंने मार्च के पहले बसें चलाने के लिए कहा है, पर समय सीमा एक-दो माह और आगे जा सकती है। इसमें निगरानी, प्रबंधन और यात्रियों की सुविधा के लिए आईटी प्लेटफॉर्म का अधिकाधिक उपयोग किया जाएगा। बड़े शहरों के बाद सरकार की प्राथमिकता उन स्थानों के बीच बसें चलाने की हैं, जहां यात्रियों की संख्या ज्यादा है।

चलती बस में आग से मचा हड़कंप, जयपुर में हादसे के वक्त यात्रियों ने दिखाई सूझबूझ

जयपुर  जयपुर में आज बड़ा हादसा हो गया. यहां सड़क पर दौड़ती रोडवेज बस में अचानक आग लग गई. उस समय बस में करीब 30 लोग सवार थे. आग लगते ही बस में हड़कंप मच गया. यात्रियों ने बस से कूदकर अपनी जान बचाई. हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय थाना पुलिस मौके पर पहुंची और फायर बिग्रेड को बुलाया. लेकिन फायर ब्रिगेड की टीम के पहुंचने से पहले ही आधी बस जलकर राख हो चुकी थी. गनीमत रही कि आग के कारण कोई जनहानि नहीं हुई. बस में सवार यात्रियों का सामान जलकर खाक हो गया. जानकारी के अनुसार रोडवेज बस में आग लगने की यह घटना चैनपुरा इलाके की रेलवे क्रॉसिंग पर हुई. रोडवेज की यह बस जयपुर से निवाई जा रही थी. बस यात्रियों से पूरी भरी हुई थी. उसमें करीब 30 यात्री सवार थे. रेलवे फाटक के पास अचानक बस से धुंआ उठा और फिर आग की लपटें निकलने लग गई. यह देखकर चालक ने तत्काल बस को रोक दिया. लेकिन तब तक आग बस के आगे के हिस्से को अपनी चपेट में ले चुकी थी. यात्रियों ने आनन-फानन में खिड़कियों से कूदना शुरू कर दिया आग लगते ही बस में सवार यात्रियों में चीख पुकार मच गई. यात्रियों ने आनन-फानन में खिड़कियों से कूदना शुरू कर दिया. बस में आग लगी देखकर वहां स्थानीय लोगों में भी हड़कंप मच गया. उन्होंने अपने स्तर पर पानी और मिट्टी डालकर आग बुझाने की कोशिश की लेकिन सफल नहीं हो पाए. बाद में तत्काल पुलिस और फायर ब्रिगेड को सूचना दी गई. इस पर पुलिस मौके पर पहुंची. आग लगने के कारणों का अभी तक खुलासा नहीं हो पाया है हालांकि फायर ब्रिगेड भी तत्काल ही वहां पहुंच गई थी. लेकिन आग की लपटें इतनी तेज थी कि फायर ब्रिग्रेड के आने से पहले ही आधी बस जलकर खाक हो चुकी थी. बाद में फायर ब्रिगेड ने आग पर काबू पाया. आग के कारण अधिकांश यात्रियों का सामान जल गया. आग किस वजह से लगी अभी तक इसका खुलासा नहीं हो पाया है. पुलिस और रोडवेज प्रशासन इसकी जांच में जुटा हुआ है. फिर प्रभावित यात्रियों को दूसरी बसों से रवाना किया गया.

एमपी में शुरू होगी आधुनिक बस सेवा, परिवहन विभाग ने की बड़े पैमाने पर तैयारी

भोपाल  मध्य प्रदेश में लगभग 20 साल पहले बंद हुई लोक परिवहन सेवा अब पीपीपी मॉडल पर शुरू होने जा रही है। यह संभव हो रहा है ।  मध्यप्रदेश में सुविधा शुरू करने के लिए कई प्रदेशों की बस सेवा (Government Bus Service) का अध्ययन किया गया है। अब पर्यटन विभाग (Transport Department) ऐसा आदर्श मॉडल तैयार कर रहा है जो देश में अपने तरीके का इकलौता होगा। घर बैठे प्री-टिकट, सीट रिजर्वेशन, रियल टाइम बस लोकेशन जैसी सुविधा मिलेगी। सुरक्षा के लिए वीएलडीटी से हर 5-10 सेकंड में बस की जानकारी कंट्रोल रूम पर पहुंचेगी। परिवहन मंत्री ने गिनाई सुविधाएं परिवहन मंत्री (Transport Minister) उदयप्रताप सिंह ने बताया, आधुनिक और सर्व सुविधायुक्त बस टर्मिनल, बस स्टैंड का निर्माण होगा। इंट्रीग्रेटेड ट्रांसपोर्ट मैनेजमेंट सिस्टम (ITMS) आधारित मॉडल में यात्री और बस ऑपरेटर्स के लाभ व सरकार की संतुष्टि तीनों पक्षों को प्राथमिकता पर रखा है। ज्ञात रहे कि बस सेवा की शुरुआत इंदौर संभाग से की जानी है। यह मार्च-अप्रेल 2026 से संभव है। 50% पंचायत वंचित, गांवों में पहुंच बढ़ेगी परिवहन विभाग के सचिव मनीष सिंह ने बताया, वर्तमान में ऐसे क्षेत्र भी हैं जहां के लिए परमिट जारी हुए हैं लेकिन, बसें नहीं चलतीं। इसके विपरीत रूट वाइलेंस की स्थिति भी मिलती है। ऐसी बातों को देखते हुए बसों के रूट तय किए जा रहे हैं। अभी लगभग 50 प्रतिशत पंचायतों तक यात्री बसों (public transport service) की पहुंच है। नई व्यवस्था में यह पहुंच बढ़कर 75 प्रतिशत तक हो जाएगी। सीधा लाभ ग्रामीण क्षेत्र के यात्रियों को मिलेगा। रोडवेज की बसें बंद होने के सालों बाद प्रदेश की डॉ मोहन यादव के नेतृत्व वाली सरकार के द्वारा मुख्यमंत्री सुगम परिवहन सेवा के तहत बसों का संचालन गांव तक शुरू करने का फैसला लिया गया है। इसके लिए सरकार के द्वारा अलग से मध्य प्रदेश यात्री परिवहन एवं अधो संरचना लिमिटेड के नाम से एक कंपनी का गठन भी किया जा चुका है। इस कंपनी के द्वारा बस सेवा को शुरू करने के लिए आगे की कार्रवाई की जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने इस दिशा में अब तक हुए कामकाज की कल भोपाल में समीक्षा की। इस समीक्षा बैठक में डॉ यादव ने कहा कि इस बस सेवा को इंदौर से जल्द शुरू किया जाए। इस बस सेवा में यात्रियों की सुविधाओं और किफायती किराए का ध्यान रखा जाए। इस बैठक में बताया गया कि इंदौर से ही यह बस सेवा शुरू की जाएगी। पूरे प्रदेश में इंदौर ही बसों की आवाजाही का सबसे बड़ा केंद्र है। यह निश्चित किया गया है कि इस बस सेवा के तहत जो बसें संचालित की जाएगी उन बसों में आगे के कांच पर उन शहरों और गांव के नाम लिखे जाएंगे जहां पर की यह बस जाएगीं। इस बैठक में प्रदेश के परिवहन सचिव मनीष सिंह ने बताया कि उज्जैन जिले में सार्वजनिक बस के संचालन का विस्तृत सर्वे पूरा कर लिया गया है। जबलपुर और इंदौर में रूट सर्वे तथा श्रेणी वार संचालित बसों की संख्या का अनुमान और आवश्यक सर्वे भी लगभग पूरा किया जा चुका है। इस सर्वे में 6 बिंदुओं पर प्राथमिकता के साथ ध्यान दिया जा रहा है। इसमें संस्थागत व्यवस्था एवं स्टाफ, नियम एवं करो में संशोधन रूट सर्वे एवं स्कीम की अधिसूचना, आईटी प्लेटफार्म तथा एजेंसी का चयन और परिवहन संरचना की योजना ऑपरेटर से चर्चा कैपेसिटी बिल्डिंग पर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत सरकार के द्वारा निजी क्षेत्र की भागीदारी से पूरे रूट पर बस स्टैंड, बस स्टॉप का निर्माण किया जाएगा। बसों की पार्किंग के लिए दीपक बनाए जाएंगे। पूरी अधो संरचना का विकास किया जाना है। यह पूरा कार्य निजी क्षेत्र की भागीदारी के साथ किया जाएगा। इसमें जो बेसन का संचालन होगा वह भी निजी क्षेत्र की भागीदारी का ही होगा।

इंदौर और उज्जैन में जल्द शुरू होगी सस्ती सुगम परिवहन सेवा, मार्च से यात्रियों के लिए सुविधा

इंदौर  मध्य प्रदेश में सुगम परिवहन सेवा प्रारंभ करने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने डेडलाइन तय कर दी है। अब हर हाल में मार्च के पहले बसों का संचालन प्रारंभ किया जाएगा। सबसे पहले इंदौर और इसके बाद उज्जैन से सेवा प्रारंभ की जाएगी। मुख्यमंत्री ने मंगलवार को मंत्रालय में परिवहन विभाग के कामकाज की समीक्षा की। यहां अधिकारियों ने बताया कि अब यातायात नियम तोड़ने पर चालानी कार्रवाई का अधिकार प्रधान आरक्षक को भी दिया जाएगा। इस संबंध में शीघ्र ही अधिसूचना जारी होने वाली है। बता दें कि वर्ष 2006 में मप्र राज्य सड़क परिवहन निगम बंद होने के बाद से सार्वजनिक परिवहन की सुविधा नहीं है। परिवहन सचिव मनीष सिंह ने बताया कि उज्जैन जिले में सार्वजनिक बस संचालन का विस्तृत सर्वे पूरा कर लिया गया है। जबलपुर और इंदौर में रूट सर्वे और श्रेणीवार संचालित बसों की संख्या का अनुमान और सर्वे भी लगभग पूरा हो गया है। वाहनों की स्पीड पर नियंत्रण जरूरी मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए अंतरविभागीय बैठक नियमित रूप से हो। सड़कों पर सुरक्षा से जुड़ी कमियां पाए जाने पर उन्हें तत्काल दूर किया जाए। बस स्टाप पर नागरिकों को साफ-सफाई के साथ आवश्यक सुविधाएं मिलें। परिवहन विभाग की राजस्व संग्रह निगरानी प्रणाली को और मजबूत करें। वाहनों की गति सीमा पर नियंत्रण बेहद जरूरी है। इसके साथ गाड़ी चलाने वाले व्यक्ति के पास आवश्यक कागजों की वैधता की जांच भी नियमित हो। परिवहन विभाग में बेहतर प्रबंधन के लिए अधिकारी-कर्मचारियों के प्रशिक्षण पर भी जोर दिया। सुगम परिवहन सेवा में हो कम से कम किराया मुख्यमंत्री ने कहा कि सुगम परिवहन सेवा में यात्रियों की सुविधाओं और कम से कम किराये पर विशेष ध्यान दिया जाए। इसमें इलेक्ट्रिक बसों के उपयोग को प्रोत्साहित करें। परिवहन सेवा के लिए बने नियमों का सख्ती से पालन हो। बसों में शहरों एवं गांवों के नाम सामने के कांच पर अनिवार्य रूप से प्रदर्शित किए जाएं। इसके साथ ही बस स्टाप पर भी गांव और नगरों के नाम लिखे हों। यात्री बसों का बीमा अनिवार्य हो। सभी कार्य नियमों के अंतर्गत हों, पारदर्शिता रहे। दिव्यांग यात्रियों का विशेष ध्यान रखा जाए। बसें फिट हों, स्टाफ का व्यवहार अच्छा हो। अप-डाउनर्स को भी आवश्यक सुविधाएं दी जाएं। इस वर्ष 16 लाख 60 हजार नए वाहन आए, जिनमें 15 प्रतिशत ईव्ही बैठक में बताया गया कि इस वर्ष 16 लाख 60 हजार वाहनों का पंजीयन किया गया है। इसमें 2 लाख 58 हजार यानी 15 प्रतिशत इलेक्ट्रिकल वाहन हैं। प्रदेश में आन रोड वाहनों की संख्या एक करोड़ 80 लाख के करीब है। परिवहन से प्राप्त होने वाली राजस्व में पिछले वर्ष के मुकाबले लगभग छह प्रतिशत की वृद्धि हुई है। बैठक में राजस्व वृद्धि के किए जाने वाले उपायों पर भी चर्चा की गई।

MP में पब्लिक ट्रांसपोर्ट को नया जीवन! इन शहरों में सबसे पहले चलेंगी सरकारी बसें

भोपाल  मध्य प्रदेश में सरकारी बस सेवा शुरू करने के लिए सरकार ने कदम बढ़ा दिए। प्रदेश के अंदर और दूसरे राज्यों तक सरकारी बसों को दौड़ाने के लिए सरकार ने कंपनियों के गठन का अहम चरण पूरा कर लिया। मप्र यात्री परिवहन एवं अधोसंरचना लिमिटेड नाम से राज्य स्तरीय होल्डिंग कंपनी बनाई है। इसकी 7 सहायक कंपनियों का भी पुनर्गठन किया। ये वे कंपनियां हैं, जो अभी भोपाल, इंदौर, उज्जैन (Ujjain), जबलपुर, सागर, रीवा और ग्वालियर में सिटी बस कंपनी के तौर पर काम कर रही है। इनके शेयर होल्डिंग में बदलाव किया गया है। सबसे पहले इंदौर और उज्जैन संभाग में शुरू होगी सरकारी लोक परिवहन सेवा सरकारी लोक परिवहन सेवा सबसे पहले इंदौर (Indore)-उज्जैन संभाग में शुरू होगी। यहां रूट के निर्धारण व ट्रैफिक दबाव संबंधी सर्वे लगभग अंतिम दौर (Survey Complete) में है। वहीं, जबलपुर-सागर संभाग में भी सर्वे शुरू हो गया है। अगले चरण में भोपाल, नर्मदापुरम, रीवा, शहडोल, ग्वालियर, चंबल संभाग में मार्ग निर्धारण सर्वे होंगे। बता दें, अप्रेल में सीएम ने मुख्यमंत्री सुगम परिवहन सेवा योजना को मंजूरी दी थी। सीएम अध्यक्ष, परिवहन मंत्री और सीएस उपाध्यक्ष प्रदेशस्तरीय होल्डिंग कंपनी के अध्यक्ष मुख्यमंत्री, उपाध्यक्ष परिवहन मंत्री और मुख्य सचिव होेंगे। कंपनियों में आइएएस स्तर के अफसर सीईओ होंगे। ये कंपनियां परिवहन विभाग के अधीन होंगी। हर जिले में दफ्तर होंगे। मॉडर्न बस स्टैंड, क्विक रिस्पांस पोर्टल, कैशलैस किराया सिस्टम होगा।

सड़क किनारे खड़ी बस से टकराई चार्टर्ड बस, पलटने से मचा हड़कंप; 25 लोग घायल

सीहोर  रविवार सुबह करीब 10:15 बजे भोपाल-इंदौर हाईवे पर सीहोर जिले के आष्टा क्षेत्र में अरनिया गाजी जोड़ के पास भीषण सड़क हादसा हो गया। इंदौर से भोपाल जा रही चौहान ट्रेवल्स की बस पैसेंजर्स को उतार रही थी, तभी पीछे से तेज रफ्तार चार्टर्ड बस (MP09 AM 6115) ने टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जोरदार थी कि चार्टर्ड बस पलट गई और उसमें सवार यात्री घायल हो गए। पुलिस जांच में शुरुआती कारण ब्रेक फेल होना सामने आया है। चार्टर्ड बस नाथद्वारा से भोपाल की ओर आ रही थी। इसी दौरान अरनिया गाजी जोड़ पर ब्रेक फेल होने से आगे खड़ी बस से जा टकराई। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि चार्टर्ड बस के ड्राइवर ने नियंत्रण खो दिया और रफ्तार में आकर बस सीधी दूसरी बस से टकरा गई। दो दर्जन घायल, एक की हालत गंभीर इस हादसे में दो दर्जन यात्री घायल हुए हैं। आष्टा एसडीओपी आकाश अमलकर व एएसपी सुनीता रावत सहित पुलिस बल मौके पर पहुंचा और घायलों को एंबुलेंस की मदद से सरकारी व निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया। एक व्यक्ति को पैर में गंभीर चोटें आई हैं, बाकी को हल्की चोटें हैं। हाईवे पर लंबा जाम, यातायात प्रभावित हादसे के बाद आसपास के ग्रामीण व राहगीर मौके पर पहुंचे और घायलों को बाहर निकालने में पुलिस की मदद की। मानवता का नजारा दिखा जब कई लोग खुद अपने वाहन से घायलों को अस्पताल ले जाने लगे। सड़क पर चीख-पुकार के बीच मानवीय संवेदनाएं जाग उठीं। बस पलटने और टक्कर के बाद भोपाल-इंदौर हाईवे के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई। पुलिस ने क्रेन की मदद से बस को हटवाया और यातायात सामान्य करने का प्रयास किया। लगभग एक घंटे तक हाईवे पर आवाजाही ठप रही। एसडीओपी आष्टा आकाश अमलकर के अनुसार, टक्कर के बाद चार्टर्ड बस पलट गई। स्थानीय नागरिकों की मदद से पुलिस ने घायलों को एम्बुलेंस से आष्टा के सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती कराया। एक व्यक्ति के पैर में गंभीर चोट आई है, जबकि 6-7 अन्य यात्रियों को मामूली चोटें आई हैं। हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई। हाईवे पर लगा जमा घटना की सूचना मिलते ही आष्टा और जावर पुलिस मौके पर पहुंची। हादसे के बाद हाईवे पर यातायात प्रभावित हुआ और दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। पुलिस क्रेन की मदद से दुर्घटनाग्रस्त बसों को हटाने में जुटी है। एडिशनल एसपी सुनीता रावत के निर्देशन में मामले की जांच की जा रही है। पुलिस जांच में जुटी, हादसे के कारणों की पुष्टि जारी फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। बसों के ड्राइवरों से पूछताछ की जा रही है। प्रशासन की ओर से कहा गया है कि दोषी पर कड़ी कार्रवाई होगी। हादसे की विस्तृत जांच की जा रही है।

आजादी के 75 साल बाद सुदूर गांव को मिली बस सेवा, गढ़चिरौली में ऐतिहासिक पहल

 गढ़चिरौली  कभी नक्सलियों का गढ़ रहे महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले के एक सुदूर गांव में आजादी के बाद अब पहली बार सरकारी बस सेवा शुरू हुई है। पुलिस ने यह जानकारी दी। बुधवार को जब पहली बस मरकनार गांव पहुंची तो स्थानीय लोगों ने राष्ट्रध्वज लहराकर उसका स्वागत किया। पुलिस ने बयान जारी कर बताया कि इस सेवा से मरकनार और आसपास के गांवों के छात्रों समेत लगभग 1,200 निवासियों को लाभ होगा। पुलिस की ओर से दावा किया गया है कि गढ़चिरौली पुलिस के प्रयासों के बाद आजादी के बाद पहली बार सुदूर मरकनार गांव से अहेरी तक बस सेवा शुरू की गई है। आदिवासी आबादी और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के लिए जाना जाने वाला गढ़चिरौली जिला खराब कनेक्टिविटी की समस्या से जूझ रहा था। मरकनार गांव गढ़चिरौली जिले के भामरागढ़ उपखंड में अबूझमाड़ की तलहटी में स्थित है, जो नक्सलियों का गढ़ था। बुधवार को ग्रामीणों ने पहली बार अपने इलाके में बस सेवा देखी। गढ़चिरौली के पुलिस अधीक्षक नीलोत्पल की पहल पर शुरू की गई राज्य परिवहन सेवा का स्वागत करने के लिए ग्रामीण तिरंगा लेकर एकत्रित हुए। इस सेवा से मरकनार, मुरुंभुशी, फुलनार, कोपरशी, पोयारकोठी और गुंडुरवाही जैसे गांवों के 1,200 से ज्यादा निवासियों, खासकर मरीजों, छात्रों और अन्य यात्रियों को लाभ होगा। गढ़चिरौली पुलिस ने दूरदराज के इलाकों में परिवहन को आसान बनाने के लिए कई बुनियादी ढांचा परियोजनाएं शुरू की हैं। कहा गया है कि एक जनवरी 2025 को गट्टा-गरदेवड़ा-वांगेतुरी मार्ग पर और 27 अप्रैल को कटेझर से गढ़चिरौली के लिए बस सेवा शुरू की गई। पिछले पांच वर्षों में, गढ़चिरौली पुलिस के संरक्षण में जिले में 420.95 किलोमीटर लंबी 20 सड़कें और 60 पुल बनाए गए हैं। बता दें कि होम मिनिस्टर अमित शाह ने 31 मार्च, 2026 तक नक्सलवाद को पूरी तरह से खत्म करने का टारगेट रखा है।

महिला का चलती बस में हुआ प्रसव, पति ने खिड़की से बाहर फेंका नवजात; मौत

मुंबई  महाराष्ट्र के परभणी से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। मंगलवार को परभणी में एक 19 की महिला ने बच्ची को चलती  स्लीपर कोच बस में जन्म दिया। लेकिन उसने और उसके पति ने नवजात को खिड़की से बाहर फेंक दिया, जिससे बच्चे की मौत हो गई। हालांकि अभी इस बारे में शक है कि दोनों दंपत्ति हैं, पुलिस मामले की जांच कर रही है। बस से फेंकी गई कपड़े में लिपटी कोई चीज यहां एक 19 साल की महिला ने चलती स्लीपर कोच बस में एक बच्चे को जन्म दिया. लेकिन उसने और उसका पति होने का दावा करने वाले एक व्यक्ति ने नवजात को एकाएक खिड़की से बाहर फेंक दिया, जिससे बच्चे की मौत हो गई. एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना सुबह करीब 6.30 बजे पाथरी-सेलु रोड पर हुई. एक सतर्क नागरिक द्वारा पुलिस को जानकारी दी गई कि बस से कपड़े में लिपटी कोई चीज बाहर फेंकी गई है. बस ड्राइवर से कहा- उल्टी फेंकी है पुलिस ने बताया, 'रितिका ढेरे नाम की एक महिला, संत प्रयाग ट्रैवल्स की स्लीपर कोच बस में अल्ताफ शेख (जो उसका पति होने का दावा करता था) के साथ पुणे से परभणी जा रही थी. यात्रा के दौरान, गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा होने लगी और उसने एक लड़के को जन्म दिया. लेकिन, दंपति ने बच्चे को कपड़े में लपेटकर बस से बाहर फेंक दिया.' स्लीपर बस के ड्राइवर – जिसमें ऊपर और नीचे की बर्थ वाले डिब्बे हैं – ने देखा कि खिड़की से कुछ बाहर फेंका गया है. जब उसने इसके बारे में पूछताछ की, तो शेख ने बताया कि बस यात्रा के कारण उसकी पत्नी को उल्टी हो रही थी, इसलिए उसने उल्टी फेंकी है. उन्होंने बताया कि 'इस बीच, जब सड़क पर एक जागरूक नागरिक ने बस की खिड़की से बाहर फेंकी गई चीज देखी, तो वह यह देखकर चौंक गया कि वह एक बच्चा था. उसने तुरंत पुलिस की 112 हेल्पलाइन पर कॉल करके इसकी सूचना दी.' सड़क पर फेंके जाने से बच्चे की मौत गश्त पर तैनात स्थानीय पुलिस की एक टीम ने लग्जरी बस का पीछा किया. अधिकारी ने बताया कि वाहन का निरीक्षण करने और प्रारंभिक जांच करने के बाद, उन्होंने महिला और शेख को हिरासत में ले लिया. उन्होंने बताया कि दंपति ने बताया कि उन्होंने नवजात को इसलिए फेंक दिया क्योंकि वे बच्चे का पालन-पोषण नहीं कर पाते. उन्होंने आगे बताया कि सड़क पर फेंके जाने के बाद बच्चे की मौत हो गई. पुलिस के अनुसार, ढेरे और शेख दोनों परभणी के रहने वाले थे और पिछले डेढ़ साल से पुणे में रह रहे थे. अधिकारी ने बताया कि उन्होंने पति-पत्नी होने का दावा किया, लेकिन इस दावे के समर्थन में कोई दस्तावेज पेश नहीं कर पाए. उन्होंने कहा, 'उन्हें हिरासत में लेने के बाद, पुलिस महिला को इलाज के लिए अस्पताल ले गई.' उन्होंने बताया कि परभणी के पाथरी थाने में दंपत्ति के खिलाफ बीएनएस (शव को गुप्त रूप से ठिकाने लगाकर जन्म छिपाने) की धारा 94 (3), (5) के तहत मामला दर्ज किया गया है. उन्होंने बताया कि आरोपियों को नोटिस जारी कर दिया गया है और मामले की आगे की जांच जारी है.

चार्जिंग अधोसंरचना के लिये केन्द्र सरकार से मिलेगी 100 प्रतिशत राशि

प्रदेश के शहरी मार्गों पर 582 इलेक्ट्रिक बस चलाने की योजना ई-बस सेवा योजना के अंतर्गत 6 शहरों  में 582 इलेक्ट्रिक बसों के संचालन के लिये प्रस्ताव तैयार  चार्जिंग अधोसंरचना के लिये केन्द्र सरकार से मिलेगी 100 प्रतिशत राशि भोपाल  प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों के संचालन को बढ़ावा देने के लिये मध्यप्रदेश इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी 2025 तैयार की गई है। इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करने के लिये राज्य सरकार द्वारा परिवहन कर में छूट और अनुदान दिये जाने की भी व्यवस्था की गई है। प्रदेश के बड़े शहरों में सार्वजनिक परिवहन सेवा के अंतर्गत इलेक्ट्रिक बस सेवा को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। वर्तमान में इंदौर में शहरी मार्गों पर 80 इलेक्ट्रिक बसों को संचालन किया जा रहा है। फेम योजना के अंतर्गत 40 और अमृत योजना 1.0 में 40 बसें संचालित हो रही हैं। 582 इलेक्ट्रिक बसों के चलाने का प्रस्ताव ई-बस सेवा योजना के अंतर्गत 6 शहरों  में 582 इलेक्ट्रिक बसों के संचालन के लिये प्रस्ताव तैयार कर भेजा गया था, जिसे केन्द्रीय शहरी मंत्रालय नई दिल्ली से स्वीकृति मिल गयी है। इंदौर में 150, भोपाल में 100, ग्वालियर में 100, जबलपुर में 100, सागर में 32 एवं उज्जैन में 100 इलेक्ट्रिक बसों को चलाने का प्रस्ताव है। प्रदेश के 6 शहरों में बस संचालन के लिये नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा निविदा जारी कर बस संचालकों का चयन किया जा चुका है। पीएम ई-बस सेवा के अंतर्गत बस डिपो अधोसंरचना निर्माण के लिये भी प्रस्ताव तैयार किया गया है, इसमें 60 प्रतिशत राशि केन्द्र सरकार द्वारा और शेष 40 प्रतिशत राशि राज्य सरकार द्वारा प्रदाय की जायेगी। इलेक्ट्रिक बसों के चार्जिंग अधोसंरचना निर्माण के लिये केन्द्र सरकार द्वारा 100 प्रतिशत राशि प्रदान की जायेगी। नगरीय निकायों द्वारा बस डिपो एवं चार्जिंग स्टेशन निर्माण के लिये प्राक्कलन तैयार कर राज्य स्तरीय संचालन समिति से अनुमोदन प्राप्त कर लिया गया है। अनुमोदन के बाद प्रस्ताव केन्द्रीय शहरी कार्य मंत्रालय को भेजा गया है। भोपाल एवं जबलपुर शहर द्वारा बस डिपो अधोसंरचना निर्माण के लिये निविदा जारी की जा चुकी है। प्रदेश के शहरों में लाइट इलेक्ट्रिक व्हीकल के संचालन को बढ़ावा देने के लिये भोपाल, इंदौर एवं जबलपुर शहर में 34 चार्जिंग स्टेशन पर 190 चार्जिंग पाइंट लगाये गये हैं।