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मुख्यमंत्री डॉ. यादव मऊगंज को देंगे 241.33 करोड़ के विकास कार्यों की सौगात

मऊगंज में संयुक्त जिला कार्यालय भवन का करेंगे भूमिपूजन देवतालाब में होगा मुख्य कार्यक्रम, हितग्राही होंगे लाभान्वित भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 7 सितम्बर को मऊगंज को 241.33 करोड़ रूपये के विकास कार्यों की सौगात देंगे। इसमें प्रमुख रूप से मऊगंज के संयुक्त जिला कार्यालय भवन का शिलान्यास शामिल है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव 37 करोड़ 50 लाख रूपये के 16 विकास कार्यों का लोकार्पण और 203 करोड़ 83 लाख रूपये के 6 विकास कार्यों का भूमिपूजन करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव मऊगंज प्रवास के दौरान बहुती प्रपात का अवलोकन करेंगे और देवतालाब में स्थित शिव मंदिर में पूजा-अर्चना भी करेंगे। देवतालाब स्टेडियम में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विभिन्न हितग्राही मूलक योजनाओं में हितलाभ वितरण भी करेंगे। उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल, पशुपालन एवं डेयरी राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री लखन पटेल, सांसद श्री जनार्दन मिश्र और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं विधायक श्री गिरीश गौतम भी संबोधित करेंगे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा- जिलों में उर्वरक वितरण में अव्यवस्था के लिए कलेक्टर होगें उत्तरदायी

जिला प्रशासन, उर्वरक उपलब्धता और वितरण के संबंध में किसान संगठनों से निरंतर सम्पर्क और संवाद बनाए रखें उर्वरक वितरण व्यवस्था की हो सघन मॉनीटरिंग और अनुचित गतिविधियों पर करें कठोर कार्यवाही अतिवृष्टि और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बचाव और राहत के लिए हो तत्काल कार्यवाही जनहानि और पशुहानि की स्थिति में 24 घंटे में राहत उपलब्ध कराई जाए राज्य शासन हर स्थिति में किसानों के साथ भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि जिलों में उर्वरक वितरण के संबंध में जिला प्रशासन आवश्यक व्यवस्था बनाए। उपलब्ध उर्वरक की उचित वितरण व्यवस्था सुनिश्चित करते हुए किसान संगठनों के प्रतिनिधियों से निरंतर संवाद और संपर्क में रहे। उर्वरक वितरण की व्यवस्था में किसान संगठन के प्रतिनिधियों को भी जोड़ा जाए। जिलों में यदि उर्वरक वितरण को लेकर अव्यवस्था होती है तो उसके लिए जिला कलेक्टर उत्तरदायी होंगे। राज्य सरकार हर स्थिति में किसानों के साथ है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश के अतिवृष्टि और बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों और जिलों में उर्वरक वितरण की स्थिति की बुधवार को मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन से समीक्षा की। बैठक में मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन, पुलिस महानिदेशक श्री कैलाश मकवाना सहित अधिकारी उपस्थित थे। सभी जिले के कलेक्टर एवं संबंधित अधिकारी वर्चुअली जुड़े। किसानों को जिले में उपलब्ध उर्वरक की वास्तविक स्थिति से निरंतर करावाये अवगत मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जिलों में उर्वरक उपलब्धता की सघन समीक्षा की जाए। साथ ही जिले में उपलब्ध उर्वरक के स्टॉक की जानकारी जनप्रतिनिधियों से भी साझा करें, इससे किसानों को जिले में उर्वरक उपलब्धता की वास्तविक स्थिति से अवगत कराने में मदद मिलेगी। जिला प्रशासन डबल लॉक, पैक्स और निजी विक्रय केंद्रों का आकस्मिक सत्यापन और उनकी मॉनिटरिंग अनिवार्य रूप से करें। अतिरिक्त विक्रय केन्द्र की आवश्यकता होने पर उनका संचालन तत्काल आरंभ किया जाए। कृषि, सहकारी बैंक, विपणन संघ के अधिकारी निरंतर सम्पर्क में रहें। उर्वरक से संबंधित अवैध गतिविधियों के लिए हुईं 53 एफ.आई.आर और 88 लायसेंस किए निरस्त बैठक में खरीफ 2025 के लिए यूरिया, डी.ए.पी, एन.पी.के, एस.एस.पी, एम.ओ.पी तथा डी.ए.पी + एन.पी.के की उपलब्धता, ट्रांजिट की स्थिति की जानकारी प्रस्तुत की गई। साथ ही नेनो एवं जैविक उर्वरक वितरण कार्यक्रम के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए। बताया गया कि उर्वरक की कालाबाजारी, अवैध भंडारण, अवैध परिवहन और नकली उर्वरक आदि से संबंधित प्रकरणों पर कार्यवाही करते हुए 53 एफ.आई.आर दर्ज की गई और 88 लायसेंस निरस्ती, 102 लायसेंस निलंबन सहित 406 विक्रय प्रतिबंधित की कार्यवाही की गई। उर्वरक की बेहतर वितरण व्यवस्था में हुए नवाचारों का करें अनुसरण मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उर्वरक वितरण व्यवस्था के संबंध में धार, दमोह, जबलपुर और रीवा जिले के कलेक्टरों से चर्चा की। दमोह कलेक्टर ने बताया कि किसान संगठनों के प्रतिनिधियों से सतत् सम्पर्क और संवाद सुनिश्चित करते हुए वितरण व्यवस्था में उनका सहयोग लिया जा रहा है। साथ ही टोकन वितरण और उर्वरक वितरण को अलग-अलग किया गया है। टोकन तहसील कार्यालय से बांटे जा रहे हैं और वितरण विक्रय केन्द्रों से किया जा रहा है। जबलपुर कलेक्टर ने बताया कि किसानों के लिए टोकन वितरण की व्यवस्था फोन कॉल द्वारा सुनिश्चित की जा रही है। उर्वरक वितरण केन्द्रों पर डिस्पले बोर्ड लगाए गए हैं। बोर्ड न पर टोकन नंबर प्रदर्शित कर उर्वरक वितरण किया जा रहा है। डिस्पले बोर्ड पर जिले में उपलब्ध उर्वरकों की मात्रा भी प्रदर्शित की जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अन्य जिलों को भी इस प्रकार के नवाचार अपनाने के निर्देश दिए। बाढ़ और अतिवृष्टि की स्थिति में सजग और सक्रिय रहे पुलिस प्रशासन मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में जिन-जिन क्षेत्रों में भी अतिवृष्टि और बाढ़ से फसलों को क्षति हुई है, वहां राहत के लिए तत्काल कार्रवाई आरंभ की जाए। साथ ही जनहानि और पशु हानि की स्थिति में 24 घंटे में राहत उपलबध कराई जाए। बाढ़ के दौरान अस्थाई कैम्प व्यवस्था, राशन वितरण, भोजन वितरण आदि की त्वरित व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक सामग्री सभी संभावित स्थानों पर उपलब्ध हो। आगामी दिनों में भी भारी वर्षा की संभावना है। सभी जिलों में पुलिस प्रशासन सक्रिय और सजग रहते हुए पुल-पुलिया में बैरिकेटिंग और बाढ़ की स्थि‍ति में पुल क्रास न करने की चेतावनी की व्यवस्था जैसी सभी आवश्यक सावधानियां सुनिश्चित करें। प्रदेश में दर्ज की गई औसत से 21 प्रतिशत अधिक वर्षा बैठक में बताया गया कि प्रदेश में 1 जून से 2 सितम्बर तक 971.5 एमएम अर्थात् 38.24 इंच वर्षा दर्ज की गई है, जो औसत से 21 प्रतिशत अधिक है। प्रदेश के 21 जिलों में भिण्ड, छतरपुर, श्योपुर, ग्वालियर, नीमच, मुरैना, शिवपुरी, अशोकनगर, अलीराजपुर, सिंगरौली, राजगढ़, मण्डला, सीधी, टीकमगढ़, गुना, नरसिंहपुर, दतिया, रतलाम, उमरिया, रायसेन और सिवनी में सामान्य से अधिक वर्षा दर्ज की गई। सर्वाधिक वर्षा गुना, मण्डला, श्योपुर, रायसेन और अशोकनगर में दर्ज हुई। प्रदेश के प्रमुख बांधों में जलभराव की स्थित की जानकारी भी प्रस्तुत की गई।  

युवा नौकरी पाने वाले नहीं, रोजगार प्रदान करने वाले बनें : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय में आरंभ होंगे रोजगारपरक पाठ्यक्रम और विद्यार्थियों को मिलेगी बस सुविधा : मुख्यमंत्री डॉ. यादव युवा नौकरी पाने वाले नहीं, रोजगार प्रदान करने वाले बनें मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय में आईटी रिसोर्स सेंटर, एग्रीकल्चर इंस्टीट्यूट और कन्या छात्रावास का किया भूमिपूजन पीएम-उषा परियोजना अंतर्गत होगा निर्माण भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में शिक्षा के बदलते दौर में सभी विश्वविद्यालयों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के लिए तैयार किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारत के बेहतर भविष्य की संभावनाओं के लिए दुनिया में मिसाल कायम कर रहे हैं। वे दिन गए जब भारत किसी बड़े देश के पीछे चलकर पहचान बनाता था। हमें गर्व है कि आज भारत किसी पर निर्भर नहीं है। भारत के बदलते समय का विश्वविद्यालय के छात्र पूरा उपयोग करें। हमारे युवा बेहतर तकनीक का उपयोग करते हुए देश को आगे ले जाने का सपना देखें और उसे पूरा करने के लिए परिश्रम करें। राज्य सरकार विश्वविद्यालयों के छात्रों के साथ है। हमारे युवा नौकरी पाने वाले नहीं, रोजगार देने वाले बनें। सरकार हर संभव सहायता और प्रशिक्षण उपलब्ध करा रही है। प्रदेश के विश्वविद्यालयों में कृषि संकाय की पढ़ाई शुरू की गई है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय में सभी नए रोजगारपरक पाठ्यक्रम आरंभ करने और विद्यार्थियों को आवागमन के लिए नि:शुल्क बस सुविधा उपलब्ध कराने की घोषणा की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव बुधवार को बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय परिसर में 55 करोड़ रूपए की लागत से बनने वाले आईटी रिसोर्स सेंटर, स्टूडियो, कन्वेंशन हॉल और इंक्यूबेशन सेंटर तथा एग्रीकल्चर इंस्टीट्यूट व कन्या छात्रावास का भूमिपूजन कर कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पीएम उषा परियोजना के भूमिपूजन और दीक्षारंभ कार्यक्रम में गणपति बप्पा मोरया के जयघोष एवं सरस्वती माता को नमन करते हुए अपना संबोधन आरंभ किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भोपाल के सभी क्षेत्रों को विकास कार्यों की सौगात मिल रही है। भोपाल में मेट्रो की शुरुआत होने वाली है। इसके साथ भोपाल के पास मेट्रो और अत्याधुनिक रेल कोच निर्माण के लिए बीईएमएल की इकाई का भूमि-पूजन हो चुका है। भारतीय रेल के हाईस्पीड कोच भी इस कारखाने में बनाए जाएंगे। भोपाल को पर्यटन के क्षेत्र में भी एक बड़ी सौगात मिलने वाली है। अब बड़ी झील में कश्मीर की तर्ज पर शिकारे चलाए जाएंगे। भोपाल से इंदौर, जबलपुर और रीवा के लिए नए ग्रीन फील्ड हाइवे तैयार किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में पीएम मित्रा का निर्माण हो रहा है। हमारे किसानों द्वारा उत्पादित कपास की मांग दुनिया में है। प्रदेश के युवाओं को रोजगार के अवसर मिलें। प्रदेश में रेडीमेड गारमेंट के नए उद्योग शुरू हों, इसके लिए दिल्ली में निवेशकों और उद्योग घरानों को आज चर्चा के लिए आमंत्रित किया जा रहा है। भविष्य में मध्यप्रदेश के युवा फैशन डिजाइनिंग और रेडीमेड गारमेंट इंडस्ट्री में अग्रणी बनें, इसके लिए राज्य सरकार निश्चित कार्ययोजना बना रही है। उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मध्यप्रदेश में बदलाव का बीड़ा उठाया है। पूर्व में उच्च शिक्षा मंत्री रहते हुए उन्होंने जिस विजन से कार्य किया, उसके सुखद परिणाम अब सामने आने लगे हैं। राज्य सरकार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए संकल्पित हैं। प्रदेश में गरीब और पिछड़े छात्रों के लिए सर्व सुविधायुक्त सांदीपनि विद्यालय और पीएम एक्सीलेंस कॉलेज बनाए जा रहे हैं। भविष्य में शिक्षा क्षेत्र को नई ऊंचाइयां प्रदान करने के लिए प्रदेश सरकार ने दो बड़े निर्णय किए हैं। इसके अंतर्गत अब डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा देना और प्रदेश के चिन्हित विश्वविद्यालयों में देश की विभिन्न भाषाओं को क्रेडिट के माध्यम से पाठ्यक्रम में शामिल कर पढ़ाया जाना शामिल है। प्रदेश में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में होने जा रही यह अभिनव पहल पूरे देश को संदेश देने का कार्य करेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस दोनों नवाचारों के लिए हमें निरंतर प्रेरित एवं प्रोत्साहित किया। हृदय प्रदेश, मध्यप्रदेश मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में सभी क्षेत्रों में नवाचार करते हुए देश के अन्य राज्यों के लिए आदर्श राज्य के रूप में उभर रहा है। पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती कृष्णा गौर ने भोपाल में संचालित विकास गतिविधियों और जनकल्याणकारी कार्यक्रमों के लिए मुख्यमंत्री डॉ. यादव का आभार माना। कुलगुरु प्रो. एसके जैन ने बताया कि बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय को 100 करोड़ रुपए के विकास कार्यों की सौगात मिल रही है। इस अवसर पर वर्ष 2025-26 के नए विद्यार्थियों का दीक्षांत समारोह भी हो रहा है। कार्यक्रम में नगर निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा अनुपम राजन, कुलगुरु प्रो. एस.के जैन सहित विश्वविद्यालय के प्राध्यापक एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थीं। उल्लेखनीय है कि पीएम-उषा (प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान) का उद्देश्य उच्च शिक्षा की उत्कृष्टता में सुधार लाना है। इस योजना में राज्य के उच्च शिक्षा संस्थानों को चरणबद्ध तरीके से वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। इसमें प्रदेश के 38 विश्वविद्यालयों/महाविद्यालयों के लिए 565 करोड़ रूपए की स्वीकृति प्राप्त हुई है। बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय के लिए 100 करोड़ रूपए स्वीकृत किए गए हैं, जिसमें से निर्माण कार्य के लिए स्वीकृत 55 करोड़ रूपए की लागत के कार्य होंगे।  

मुख्यमंत्री डॉ. यादव से भारत सरकार के अधिकारियों ने की भेंट

प्रदेश के दौरे पर दिल्ली से आया अवर सचिवों का दल भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से मंगलवार को मंत्रालय में प्रधानमंत्री कार्यालय के अवर सचिव श्री विनोद बिहारी सिंह के नेतृत्व में अधिकारियों के 38 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने सौजन्य भेंट की। प्रतिनिधि मंडल में भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में कार्यरत अवर सचिव शामिल थे। यह सभी अवर सचिव इस मिड कैरियर कोर्स के उपरान्त उप सचिव के पद पर पदोन्नत होंगे और अलग-अलग मंत्रालयों में उनकी पदस्थापना की जाएगी। प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों ने तीन दिवसीय मध्यप्रदेश यात्रा में विश्व धरोहर स्मारक सांची (जिला रायसेन) और हिल स्टेशन पचमढ़ी (जिला नर्मदापुरम) का भ्रमण भी किया। भारत सरकार के अधिकारियों ने बताया कि वे मध्यप्रदेश की प्राकृतिक सुंदरता और ऐतिहासिक विरासत से प्रभावित हुए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि देश के हृदय प्रदेश में सभी का स्वागत है। मध्यप्रदेश अनेक नवाचारों को अपनाते हुए विभिन्न क्षेत्रों में विकास के पैमानों पर कार्य कर रहा है। नागरिकों को स्वास्थ्य क्षेत्र में विभिन्न सुविधाएं दी जा रही हैं। आयुष्मान कार्डधारी और अन्य नागरिकों को आपातकाल में जीवन रक्षा के लिए एयर एम्बुलेंस सुविधा भी उपलब्ध करवाई जा रही है। इसी तरह मेडिकल कॉलेजों की स्थापना का कार्य निरंतर हो रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भारत सरकार के अधिकारियों को जानकारी दी कि पीपीपी मॉडल के आधार पर जिला अस्पतालों का मेडिकल कॉलेज के रूप में उन्नयन कर आवश्यक सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। इस मॉडल की विशेषताओं का उल्लेख करते हुए बताया कि मेडिकल कॉलेज के लिए मात्र एक रुपए में 25 एकड़ भूमि के आवंटन, चिकित्सक एवं पैरामेडिकल स्टाफ उपलब्ध करवाने और मेडिकल कॉलेज का प्रबंधन, प्राप्त शुल्क राशि से किए जाने की व्यवस्था की गई है। इस पहल का नागरिकों को व्यापक स्तर पर लाभ प्राप्त होगा। मध्यप्रदेश के स्मारकों और मंदिरों की संरचना पर केंद्रित हैं नई दिल्ली के महत्वपूर्ण भवन मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रतिनिधिमंडल को बताया कि जहां राष्ट्रपति भवन का सेंट्रल डोम(मुख्य गुम्बद) सांची के स्तूप से प्रेरित है। वहीं पुरानी संसद भवन का आकल्पन मुरैना जिले के मितावली- पड़ावली स्थित 64 योगिनी मंदिर की तरह किया गया था। नए संसद भवन की डिजाइन भी प्रदेश के विदिशा स्थित विजयपुर मंदिर की संरचना से मिलती जुलती है। इस तरह राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में महत्वपूर्ण भवनों के निर्माण में मध्यप्रदेश के स्मारकों और मंदिरों के अनुरूप आकल्पन प्रदेश के लिए गर्व की बात है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री कार्यालय में अपर मुख्य सचिव श्री नीरज मंडलोई ने कहा कि भारत सरकार के यह सभी अधिकारी जनकल्याण की दृष्टि से विभिन्न मंत्रालयों में महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं।  

धार का पीएम मित्रा पार्क बनेगा भारत का सबसे बड़ा टेक्सटाइल हब : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

मध्यप्रदेश का नया विज़न – फार्म टू फैशन 3 सितम्बर को दिल्ली में पीएम मित्रा पार्क में निवेश पर "इंटरैक्टिव सेशन ऑन इन्वेस्टमेंट अपॉर्च्युनिटीस्" भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश अब देश का सबसे बड़ा पीएम मित्रा (मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल रीजन एंड अपैरल) पार्क स्थापित करने जा रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की 5F रणनीति – "फार्म टू फाइबर टू फैक्ट्री टू फैशन टू फॉरेन'' को मूर्त रूप देने वाला यह पार्क न केवल प्रदेश बल्कि पूरे भारत के टेक्सटाइल सेक्टर की औद्योगिक तस्वीर बदलने वाला साबित होगा। इसी सिलसिले में 3 सितम्बर 2025 को नई दिल्ली के होटल आईटीसी मौर्य में “इंटरएक्टिव सेशन ऑन इन्वेस्टमेंट अपॉर्च्युनिटीज इन पीएम मित्रा पार्क” का आयोजन होगा। इसमें केंद्रीय वस्त्र मंत्री गिरीराज सिंह मुख्य वक्तव्य देंगे और भारत के वस्त्र उद्योग की वैश्विक भूमिका पर प्रकाश डालेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव विशेष संबोधन देंगे और उद्योगपतियों के साथ वन-टू-वन मीटिंग कर निवेश प्रस्तावों पर चर्चा करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि “पीएम मित्रा पार्क मध्यप्रदेश को ‘फार्म टू फैशन’ की पूरी वैल्यू चेन में अग्रणी बनाएगा। यह पार्क न केवल रोजगार और निवेश का केंद्र बनेगा, बल्कि ‘Made in MP – Wear Across the World’ के विज़न को भी साकार करेगा।” बड़ा निवेश अवसर धार जिले में प्रस्तावित यह पार्क 2,158 एकड़ विकसित औद्योगिक भूमि पर बसाया जा रहा है। राज्य और केंद्र सरकार की आकर्षक प्रोत्साहन नीतियों का लाभ निवेशकों को मिलेगा। भूमि प्रीमियम मात्र 1 रुपये प्रति वर्ग मीटर, डेवलपमेंट चार्ज 120 रुपये प्रति वर्ग फुट, बिजली 4.5 रुपये प्रति यूनिट और पानी 25 रुपये प्रति किलोलीटर की दरों पर उपलब्ध कराया जाएगा। अधोसंरचना और कनेक्टिविटी पार्क को वर्ल्ड क्लास इंडस्ट्रियल हब के रूप में तैयार किया जा रहा है। इसमें 2,063 करोड़ रुपये की लागत से कॉमन इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जा रहा है, जिसमें 60 और 45 मीटर चौड़ी सड़कें, सीवरेज और ड्रेनेज नेटवर्क, अंडरग्राउंड केबल, लॉजिस्टिक्स बे, पार्किंग, CETP, सोलर प्लांट, प्लग-एंड-प्ले यूनिट्स और सेंट्रलाइज्ड स्टीम बॉयलर शामिल हैं। पूरी यूटिलिटीज को CCTV, IoT और SCADA से मॉनिटर किया जाएगा। साथ ही 60 मीटर चौड़ा 6-लेन अप्रोच रोड, 220 केवी बिजली लाइन, और 20 एमएलडी जलापूर्ति का निर्माण तेजी से चल रहा है। पार्क राष्ट्रीय राजमार्ग (NH 47) से केवल 40 किमी, इंदौर हवाई अड्डे से 110 किमी और निकटतम रेलवे स्टेशन से 16 किमी की दूरी पर स्थित है। यह डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (रतलाम – 55 किमी) और ड्राई पोर्ट (पिथमपुर/तिही – 90 किमी) से भी जुड़ा रहेगा। सामाजिक और अनुसंधान सुविधाएँ पार्क में केवल औद्योगिक ही नहीं, बल्कि सामाजिक व सहयोगी अधोसंरचना भी विकसित की जा रही है। इसमें आवासीय टावर, कामकाजी महिलाओं के लिए आवास, अस्पताल, चाइल्ड केयर, रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर और टेस्टिंग लैब्स शामिल होंगे। इससे यह पार्क इंडस्ट्री-फ्रेंडली ही नहीं बल्कि वर्कर-फ्रेंडली भी बनेगा। वैश्विक निवेशकों का भरोसा कई अंतरराष्ट्रीय ब्रांड जैसे HanesBrands, PVH Corp, Puma और Mothercare पहले ही मध्यप्रदेश की संभावनाओं में रुचि जता चुके हैं। बायर सोर्सिंग लीडर्स (BSL) के साथ एमओयू से डिजाइन, लॉजिस्टिक्स और स्किल डेवेलपमेंट का एकीकृत नेटवर्क भी तैयार होगा। राष्ट्रीय दृष्टि से महत्व विशेषज्ञ मानते हैं कि भारत में कई राज्य टेक्सटाइल पार्क विकसित कर रहे हैं, लेकिन मध्यप्रदेश का पीएम मित्रा पार्क अपने आकार, नीतिगत सहयोग और वैश्विक स्तर की अधोसंरचना के कारण सबसे बड़ा और सबसे प्रभावशाली होगा। यह राज्य के औद्योगिकीकरण की नई पहचान बनेगा और भारत की निर्यात क्षमता को भी नई ऊँचाइयों तक ले जाएगा।  

अटल प्रतिमा से लेकर आईटीआई तक – चंबल अंचल के सर्वांगीण विकास का रोडमैप तैयार

मुख्यमंत्री ने अंबाह में 21 फीट ऊँची अटल प्रतिमा का किया अनावरण अंबाह-दिमनी विधानसभा क्षेत्र को दी विकास कार्यों की सौगातें दिमनी विधानसभा क्षेत्र में आईटीआई खोलने की घोषणा भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि भारत रत्न स्व. श्री अटल बिहारी वाजपेयी की 21 फीट ऊँची भव्य प्रतिमा का अनावरण सौभाग्य का क्षण है। “अटल स्मृति संघ, अंबाह की पुण्य भूमि पर आज एक स्वर्णिम अध्याय की शुरुआत हुई है।” मुख्यमंत्री डॉ. यादव रविवार को मुरैना जिले के अंबाह में 31 लाख रुपये की लागत से निर्मित प्रतिमा के अनावरण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अटल जी की यह प्रतिमा जयश्वर महादेव पार्क में स्थापित की गई है, जहाँ 25 लाख की लागत से जिम और 40 लाख की लागत से लाइटिंग एवं प्लेटफॉर्म का निर्माण कराया गया है। यह प्रतिमा लगभग 200 करोड़ मूल्य की शासकीय भूमि पर स्थापित की गई है। उन्होंने कहा कि अटल जी के नेतृत्व में गांव-गांव तक सड़कों का जाल बिछाया गया। वर्ष 1956 से 2003 तक प्रदेश में केवल 5 मेडिकल कॉलेज थे, जबकि पिछले डेढ़ वर्षों में प्रदेश में 5 नए मेडिकल कॉलेज खोले गए हैं।    शिक्षा के क्षेत्र में सांदीपनि विद्यालयों की स्थापना विकासखंड स्तर पर की जा रही है। इसके अतिरिक्त आईटीआई संस्थान भी खोले जा रहे हैं, जिससे छात्र-छात्राएं पढ़-लिखकर अपने ही जिले में रोजगार प्राप्त कर सकें। इसी क्रम में 500 करोड़ की लागत से ग्राम पिपरसेवा में उद्योग स्थापना हेतु भूमिपूजन किया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में सिंचाई के क्षेत्र में भी बड़ी उपलब्धि हासिल की गई है। अब तक सिंचित रकबा 44 लाख हेक्टेयर तक बढ़ाया जा चुका है और पिछले सवा साल में 7.5 लाख हेक्टेयर भूमि अतिरिक्त सिंचित की गई है। सरकार का संकल्प है कि वर्ष 2028 तक प्रदेश में 100 लाख हेक्टेयर भूमि सिंचित की जाए। उन्होंने कहा कि मुरैना बदलते समय के साथ नवीन स्वरूप में दिखाई देगा। विधानसभा अध्यक्ष श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य एवं रोजगार के क्षेत्र में राज्य सरकार पूर्णतः प्रतिबद्ध है। सरकार का लक्ष्य है कि युवाओं को पढ़ाई के बाद अपने ही क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध हो। इसी उद्देश्य से रजौधा में सांदीपनि विद्यालय का लोकार्पण, कॉलेज का भूमिपूजन और पिपरसेवा में उद्योग स्थापना जैसे ऐतिहासिक कार्य किए गए हैं। उन्होंने कहा कि अंबाह एवं गोठ क्षेत्र में भी सांदीपनि विद्यालय शीघ्र ही पूर्ण होंगे। बच्चों को श्रेष्ठ शिक्षा मिले, इसके लिए वे पूरी लगन से अध्ययन करें। विकास कार्यों की सौगात और घोषणाएं मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अंबाह के विकास हेतु 96 लाख की लागत से विभिन्न विकास कार्यों की सौगात दी। उन्होंने 1 करोड़ 30 लाख की लागत से फायर ब्रिगेड की स्थापना, 33 करोड़ की लागत से भारत सरकार द्वारा निर्मित नाले के कार्य को तीव्र गति देने तथा एसबीएम योजना के अंतर्गत नगर पालिका क्षेत्र में दूषित जल को नदियों में जाने से रोकने के लिए योजनाबद्ध कार्य योजना बनाने की घोषणा की। 143 करोड़ की लागत से 30.20 किमी लंबी दिमनी नहर मार्ग पर सड़क निर्माण, 52 करोड़ की लागत से 15.50 किमी लंबी बड़ागांव से सिहोनिया तक की सड़क (जिससे 20 गांव लाभान्वित होंगे) तथा एनएच 52 नहर पर 30 किमी लंबी सड़क (पाय का पुरा से किर्रायच तक) निर्माण की भी घोषणा की। मुख्यमंत्री ने दिमनी में एक नवीन आईटीआई संस्थान खोलने, सी.आर.एफ. मद से जींगनी-सुरजनपुर नहर से मानपुर चौराहा तक और मिरधान से बाराहेट तक सड़क निर्माण की घोषणा भी की। इस अवसर पर नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री राकेश शुक्ला , सांसद श्री शिवमंगल सिंह तोमर, महापौर श्रीमती शारदा सोलंकी, सबलगढ़ विधायक श्रीमती सरला रावत, अंबाह विधायक श्री देवेंद्र सखवार, पूर्व मंत्री श्री मुंशीलाल, पूर्व विधायक श्री सूबेदार सिंह रजौधा, जनपद अध्यक्ष सुश्री मधुरिमा तोमर, नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती अंजली जिनेश जैन, समाजसेवी श्री कमलेश कुशवाह सहित नागरिक एवं बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित रहे।    

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा- औद्योगिक और ऊर्जा क्रांति का आधार बनेगी नई हाइड्रोजन निर्माण इकाई

चंबल के बीहड़ अब बन रहे विकास और प्रगति की नई पहचान मुरैना उभर रहा है औद्योगिक हब के रूप में मुख्यमंत्री ने उद्योगपतियों से किया संवाद और वितरित किए आशय-पत्र ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में अप्रैल 2024 से अब तक 220 औद्योगिक इकाइयों को भूमि हुई आवंटित, 21 हजार से अधिक युवाओं को मिलेगा रोजगार भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मुरैना के पिपरसेवा में हो रहा हाईड्रोजन निर्माण इकाई का भूमिपूजन नई औद्योगिक क्रांति, नई ऊर्जा क्रांति और नए मध्यप्रदेश की नींव है। मुरैना की ऐतिहासिक धरती पर स्थापित हो रही यह इकाई ग्वालियर-चंबल क्षेत्र की नई विकास यात्रा का प्रतीक बनेगी। चंबल की भूमि उपजाऊ और कमाऊ होने के साथ ही टिकाऊ भी है। मुरैना जो कभी बीहड़ों के कारण जाना जाता था, आज विकास और प्रगति की नई पहचान बना रहा है। मुरैना अब सिर्फ कृषि प्रधान जिला नहीं रहा बल्कि औद्योगिक हब के रूप में भी उभर रहा है। मुरैना की गजक ग्लोबली ट्रेंड हो रही है। देश की संसद के पुराने भवन का डिजाइन भी मुरैना के मितावली मंदिर से लिया गया था। मुख्यमंत्री डॉ. यादव रविवार को मुरैना जिले के पिपरसेवा में जीएचटू सोलर लिमिटेड की हाईड्रोजन निर्माण इकाई के भूमि-पूजन अवसर पर उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष श्री नरेन्द्र सिंह तोमर भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया और उद्योगपतियों से संवाद कर आशय-पत्र भी वितरित किए। देश को ग्रीन हाइड्रोजन और बैटरी एनर्जी स्टोरेज जैसी अत्याधुनिक तकनीक से जोड़ेगी यह इकाई मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी किसानों, गरीबों और लघु उद्यमियों के लिए स्वदेशी की लड़ाई लड़ रहे हैं। राज्य सरकार और प्रदेशवासी पूरी प्रतिबद्धता से उनके साथ हैं। मुरैना में आरंभ हो रही हाईड्रोजन इकाई में कोरिया और ब्रिटेन की अग्रणी कम्पनियां तकनीकी सहयोग कर रही हैं। निकट भविष्य में इससे ग्रीन हाईड्रोजन का उत्पादन किया जाएगा। परियोजना से लगभग 500 युवाओं को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा, साथ ही रोजगार के कई अप्रत्यक्ष अवसर भी सृजित होंगे। सात एकड़ भूमि पर बनने वाली यह परियोजना पूरे देश को ग्रीन हाइड्रोजन और बैटरी एनर्जी स्टोरेज जैसी अत्याधुनिक तकनीक से जोड़ेगी। प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में भारत 21वीं सदी की वैश्विक विकास यात्रा का इंजन बना मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत पूरी दुनिया में एक नए आत्मविश्वास और क्षमता के साथ उभर रहा है। जी20 की सफल अध्यक्षता हो, इंडिया-मीडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमी कॉरिडोर जैसी ऐतिहासिक पहल हो या यूनाईटेड किंगडम के साथ हुआ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट, हर जगह भारत केवल सहभागी नहीं बल्कि मार्गदर्शक राष्ट्र के रूप में खड़ा है। वर्तमान में भारत विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और हम प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में तेजी से तीसरे स्थान की ओर अग्रसर हैं। मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, डिजिटल इंडिया, आत्मनिर्भर भारत जैसे अभियानों ने भारत को 21वीं सदी की वैश्विक विकास यात्रा का इंजन बना दिया। ग्वालियर-चंबल क्षेत्र इतिहास और संस्कृति के साथ निवेश-नवाचार और ग्रीन एनर्जी का भी केन्द्र मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ग्वालियर-चंबल क्षेत्र इतिहास और संस्कृति के प्रतीक होने के साथ निवेश, नवाचार और ग्रीन एनर्जी का भी केन्द्र हैं। यहां उद्योग, पर्यटन, संस्कृति और तकनीक सभी का संगम है। हाल ही में ग्वालियर में हुई रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव में 3 हजार 500 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इस क्षेत्र में अप्रैल 2024 से अब तक 220 इकाइयों को भूमि आवंटित हुई है। जिनमें 12 हजार 500 करोड़ रूपए का निवेश किया जाएगा, जिससे 21 हजार से अधिक युवाओं को रोजगार मिलेगा। सीतापुर में फुटवियर एंड एक्सेसरीज क्लस्टर का विकास कार्य तेजी से प्रगति पर है, जिसमें लगभग 300 करोड़ रूपए का निवेश और 1200 से अधिक लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है। मालनपुर में एलेक्ज़र इंडस्ट्रीज ने 1500 करोड़ रूपए का निवेश किया है। गौतम सोलर प्रायवेट लिमिटेड 4 हजार करोड़ रूपए के निवेश से सोलर सेल निर्माण इकाई स्थापित कर रही है। राज्य सरकार ने ग्वालियर-चंबल में औद्योगिक क्षेत्रों और पार्कों की श्रृंखला विकसित की है। राज्य सरकार कृषि आधारित उद्योगों को प्रोत्साहित करने है प्रतिबद्ध मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहाकि राज्य सरकार किसानों को उनके उत्पादों का उचित मूल्य दिलाने और कृषि आधारित उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध है। शीघ्र ही प्रदेश के किसानों के लिए बड़ा आयोजन होने वाला है। दुग्ध उत्पादन बढ़ाने और दुग्ध उत्पादों की राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर ब्रांडिंग और मार्केटिंग केलिए भी प्रयास किए जा रहे हैं। प्रदेश औद्योगिक क्षेत्र में गढ़ रहा है नए कीर्तिमान : विधानसभा अध्यक्ष श्री तोमर विधानसभा अध्यक्ष श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि मुरैना के विकास के लिए आज ऐतिहासिक दिन है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में प्रदेश औद्योगिक क्षेत्र में नए कीर्तिमान गढ़ रहा है। ग्वालियर में रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव में 3500 करोड़ रुपए का निवेश प्राप्त हुआ है। चंबल क्षेत्र में लेदर पार्क की स्थापना हुई है, जिसके लिए उद्योग समूहों द्वारा रूचि प्रकट की जा रही है। कार्यक्रम में नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री राकेश शुक्ला, सांसद श्री शिवमंगल सिंह तोमर, ग्रीन हाईड्रोजन फैक्ट्री के सूत्रधार श्री अनुराग जैन सहित अनेक उद्यमी, जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में नागरिक मौजूद रहे। शनिचरा मंदिर के नवनिर्मित तोरण द्वार का किया उद्घाटन मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मुरैना स्थित असीम आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र शनिचरा मंदिर पहुंचकर मंदिर के नवनिर्मित तोरण द्वार का फीता काटकर उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने न्याय के देवता शनि महाराज की मंत्रोच्चारण एवं विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर अभिषेक किया और प्रदेश की उत्तरोत्तर तरक्की एवं प्रदेशवासियों की सुख समृद्धि की कामना की।

बाबा महाकाल की कृपा से सिंहस्थ-2028 पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ेगा : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

उज्जैन में तीर्थाटन को दिया जायेगा बढ़ावा मुख्यमंत्री डॉ. यादव उज्जैन में मिट्टी गणेश प्रतिमा वितरण कार्यक्रम में हुए शामिल भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि बाबा महाकाल की कृपा से इस बार उज्जैन में सिंहस्थ-2028 पिछले सभी रिर्काड तोड़ेगा। उज्जैन में तीर्थाटन को बढ़ावा दिया जायेगा और उज्जैन के विकास में किसी प्रकार कि कमी नहीं आने दी जायेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव बुधवार को उज्जैन में लोकमान्य तिलक गणेश उत्सव महाआयोजन समिति द्वारा आयोजित मिट्टी की गणेश प्रतिमा वितरण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेशवासियों को गणेश चतुर्थी की हार्दिक मंगलकामना दी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कार्यक्रम के प्रारंभ में भगवान श्रीगणेश का पूजन-अर्चन किया। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में श्रीगणेश को प्रथम पूज्य देवता माना गया है। रिद्ध‍ि सिद्धि दाता शुभ कार्य को सफल बनाते हैं, इसलिए हर मंगल कार्य के आरंभ में श्रीगणेश की वंदना अनिवार्य समझी गई है। हमारी प्रकृति का यही संदेश है कि घर-घर में मिट्टी के श्रीगणेश हो। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में स्वदेशी के वातावरण के साथ मिट्टी के गणेश के वितरण का उत्सव मनाया जा रहा है। यह हमारे लिए आनन्द का उत्सव है। भगवान की कृपा से देश के विकास के साथ प्रदेश का विकास हो रहा है, यह हमारे लिए गौरव की बात है। उज्जैन शहर का निरंतर सौन्दर्यीकरण कार्य किया जा रहा है। साथ ही सड़क निर्माण, चौड़ीकरण आदि कार्यों के साथ शीघ्र ही शहर में फ्लाईओवर का निर्माण किया जायेगा। पीथमपुर-इंदौर-उज्जैन त‍क मेट्रो ट्रेन भी चलेगी। गोपाल मंदिर चौक का शीघ्र विस्तारीकरण किया जायेगा। विधायक श्री अनिल जैन कालूहेड़ा ने स्वागत भाषण और कार्यक्रम की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मूर्ति वितरण कार्यक्रम में लगभग 300 मिट्टी से बनी मुर्त‍ियों का वितरण शहर की विभिन्न समितियों और संगठनों को किया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का विधायक श्री जैन, महापौर श्री मुकेश ट्टवाल, सभापति श्रीमती कलावती यादव, श्री संजय अग्रवाल आदि ने आत्मीय स्वागत किया और उन्हें श्रीगणेश की प्रतिमा भेंट की। कार्यक्रम में श्री विवेक जोशी, श्री रूप पमनानी, श्री रमेशचंद्र शर्मा, श्री सत्यनारायण खोईवाल, श्री विशाल राजोरिया, श्री शिवेंद्र तिवारी, श्री ओम जैन सहित बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे। संचालन श्री जगदीश पांचाल ने किया।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा- वर्तमान युग में विद्युत (ऊर्जा) का महत्व वायु और जल के समान है

पिछले 11 वर्षों में 30% बढ़ी सौर ऊर्जा विद्युत उत्पादन के लिए सभी उपलब्ध संसाधनों का हो रहा है उपयोग मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने नव नियुक्त विद्युत कार्मिकों को प्रदान किए नियुक्ति-पत्र मुख्यमंत्री डॉ. यादव का किया अभिनन्दन मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने किया राज्य स्तरीय कार्यक्रम को संबोधित भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि वर्तमान युग में विद्युत (ऊर्जा) का महत्व वायु और जल के समान है। गर्व का विषय है कि हम उद्योगों और किसानों सहित सभी प्रदेशवासियों की बिजली की मांग के साथ देश की बिजली की जरूरत को भी पूरा कर रहे हैं। देश की राजधानी दिल्ली की मेट्रो ट्रेन मध्यप्रदेश की बिजली से चल रही है। अब इस तरह की योजना बनाई जा रही है कि वर्ष 2047 तक बिजली की कोई कमी नहीं होगी, प्रदेश ऊर्जा क्षेत्र में सरप्लस रहेगा। प्रदेश में विद्युत उत्पादन के लिए सभी उपलब्ध संसाधनों का उपयोग किया जा रहा है। देश में क्लीन एनर्जी के लिए गतिविधियों का विस्तार हो रहा है। प्रदेश में पिछले 11 वर्षों में सौर ऊर्जा 30 प्रतिशत बढ़ी है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव 6 विद्युत कंपनियों के नवनियुक्त 1060 कार्मिकों को नियुक्त-पत्र वितरण और अभिनंदन समारोह को रवीन्द्र भवन में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव को औषधीय पौधा भेंट कर स्वागत किया गया। बिजली कंपनियों में 51 हजार से अधिक नए पद भरे जाएंगे मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि बिजली कंपनियों के द्वारा एक हजार से अधिक युवाओं को नियुक्ति पत्र बांटे जा रहे हैं। प्रदेश की बिजली कंपनियों में 51 हजार से अधिक नए पद भरे जाएंगे। इससे बिजली कम्पनियों की स्थिति सुदृढ़ होगी। किसान भाइयों को लगभग 20 हजार 267 करोड़ रुपए की सब्सिडी इस वर्ष दी जा रही है। प्रदेश के एक करोड़ से अधिक परिवारों को बिजली विभाग ने 6445 करोड़ रुपए की सब्सिडी प्रदान की है। प्रदेश में बिजली तैयार करने के लिए हर उपलब्ध संसाधन का उपयोग किया जा रहा है। पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना को भी प्रोत्साहन दिया जा रहा है। सांची को प्रदेश की पहली सोलर सिटी बनाया गया है। राज्य के 32 लाख किसानों को सोलर पंप प्रदान किए जा रहे हैं। प्रदेश में उत्पादित क्लीन एनर्जी से बिजली, उद्योग का रूप ले रही है। प्रदेश के अन्य विभागों द्वारा अपनी स्वयं की बिजली बनाने की पहल लोक स्वास्थ्य विभाग ने आरंभ की है। इससे ऊर्जा विभाग की जिम्मेदारी बढ़ेगी तथा प्रबंधन के लिए दक्ष मानव संसाधन की आवश्यकता होगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश को सभी क्षेत्रों में देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में शामिल कराने के लिए संकल्पित है। बिजली कंपनियों की उपलब्धियों पर केंद्रित प्रदर्शनी का किया शुभारंभ मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस अवसर पर प्रदेश की विभिन्न बिजली कंपनियों की उपलब्धियों पर केंद्रित प्रदर्शनी का शुभारंभ कर अवलोकन किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विद्युत कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों से भेंट भी की। कार्यक्रम में मध्यप्रदेश में ऊर्जा क्षेत्र पर केंद्रित एक लघु फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने नव नियुक्त विद्य़त कार्मिकों को नियुक्ति-पत्र प्रदान किए। ऊर्जा विभाग के अंतर्गत सभी बिजली कंपनियों के लिये 51 हजार से अधिक नियमित पद स्वीकृत करने पर ऊर्जा मंत्री ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव का पगड़ी पहना कर तथा अंग वस्त्रम और प्रशस्ति-पत्र भेंट कर अभिनंदन किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के सम्मान में प्रशस्ति-पत्र का वाचन भी किया गया। इस अवसर पर नव नियुक्त कर्मिकों के अभिभावक भी उपस्थित थे। बिजली कंपनियों को मिला जीवनदान ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि बिजली कंपनियों में बड़ी संख्या में नियुक्ति देकर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बिजली कंपनियों को जीवनदान प्रदान किया है। उन्होंने कहा कि पहली बार इतनी बड़ी संख्या में नियमित पद स्वीकृत किये गये हैं। इसीलिये आज मुख्यमंत्री डॉ. यादव का अभिनंदन किया गया है। उन्होंने कहा कि ऊर्जा विभाग लगातार बिजली उपभोक्ताओं और किसानों के हित में कार्य कर रहा है। किसानों को अब कड़कड़ाती ठंडी रातों में सिंचाई नहीं करनी पड़ेगी। अब इन्हें सिंचाई के लिये दिन में बिजली उपलब्ध कराई जायेगी। उन्होंने अधोसंरचना सुधार के लिये राशि की जरूरत पर भी बल दिया। प्रदेश ऊर्जा क्षेत्र में नवाचारों के साथ तेजी से आगे बढ़ रहा है अपर मुख्य सचिव ऊर्जा श्री नीरज मंडलोई ने कहा कि 1000 से अधिक युवा आज ऊर्जा विभाग से नियुक्ति-पत्र लेकर जाएंगे। उनका और उनके अभिभावकों का हार्दिक अभिनंदन है। प्रदेश की 6 ऊर्जा कंपनियों में 51 हजार 700 नए स्थाई पद स्वीकृत किए गए हैं। यह प्रयास प्रदेश को भारत में ऊर्जा क्षेत्र में नए मानकों के साथ स्थापित करेगा। ऊर्जा विभाग ने हमेशा प्रदेश और देश की ऊर्जा मांग को पूरा किया है। प्रदेश का ऊर्जा विभाग सौर ऊर्जा और पारंपरिक ऊर्जा क्षेत्र में नवाचारों के साथ तेजी से आगे बढ़ रहा है। हमारी कोशिश है कि प्रदेश में आने वाले नए उद्योगपतियों को हर संभव सहयोग उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने ऊर्जा विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों और कर्मचारी संगठनों का उनके सहयोग के लिये आभार माना। कार्यक्रम में महापौर श्रीमती मालती राय, विधायक सर्वश्री रामेश्वर शर्मा और विष्णु खत्री, एमडी पॉवर मैनेजमेंट कंपनी श्री अविनाश लवानिया सहित अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।  

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा- ग्वालियर के पर्यटन क्षेत्र में निवेश को मिलेगा नया आयाम

पर्यटन के क्षेत्र में निवेश की संभावनाओं से निवेशकों को करायेंगे अवगत भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ग्वालियर में 29 एवं 30 अगस्त को होने वाली रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव में निवेशकों से रू-ब-रू होकर प्रदेश में पर्यटन क्षेत्र में निवेश की संभावनाओं से अवगत करा कर सीधा संवाद भी करेंगे। प्रदेश में पर्यटकों की संख्या में वृद्धि और ग्वालियर–चंबल एवं सागर संभाग में पर्यटन निवेश को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से ग्वालियर में रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव होगा। ग्वालियर के राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय में होने वाले इस रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव में केंद्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और विधानसभा अध्यक्ष श्री नरेन्द्र सिंह तोमर की विशेष उपस्थिति होगी। पर्यटन, संस्कृति और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री धर्मेंद्र सिंह लोधी ने बताया कि मध्यप्रदेश में पर्यटकों की संख्या में वृद्धि के साथ पर्यटन व्यवसायियों, टूर ऑपरेटर्स और होटल इंडस्ट्री के बीच सहयोग और साझेदारी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ग्वालियर में रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव आयोजित किया जा रहा है। इससे ग्वालियर के पर्यटन श्रेत्र में निवेश को नया आयाम मिलेगा। “टाइमलेस ग्वालियर: इकोज़ ऑफ़ कल्चर, स्पिरिट ऑफ़ लेगेसी” थीम पर केन्द्रित यह कॉन्क्लेव पर्यटन निवेश, सांस्कृतिक धरोहर, अनुभवात्मक पर्यटन और क्षेत्रीय विकास को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। प्रमुख सचिव पर्यटन और संस्कृति एवं प्रबंध संचालक टूरिज्म बोर्ड श्री शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि कॉन्क्लेव में होटल, रिसोर्ट, वेलनेस और ईको-टूरिज्म क्षेत्र के निवेशकों को लेटर ऑफ अवॉर्ड (LoA) प्रदान किए जाएंगे। साथ ही एमओयू एवं अनुबंध भी होंगे। इन परियोजनाओं से स्थानीय समुदाय को पर्यटन आधारित रोजगार प्राप्त होगा और क्षेत्रीय पर्यटन को स्थायित्व के साथ बल मिलेगा। क्षेत्र के विकास को गति देने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिये जाएंगे। कॉन्क्लेव में विशेष पर्यटन प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी, जिसमें मध्यप्रदेश के विविध पर्यटन स्थलों, पर्यटन इकाइयों, हॉस्पिटैलिटी ब्रांड्स, होम-स्टे, रिसॉर्ट्स, हैंडलूम/हैंडिक्राफ्ट, साहसिक गतिविधियाँ और सांस्कृतिक धरोहरों को समर्पित स्टॉल शामिल किये जायेंगे। प्रमुख सचिव श्री शुक्ला ने बताया कि रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव में दो महत्वपूर्ण सत्र होंगे। पहला “टूरिज़्म ऐज़ अ कल्चरल ब्रिज – ब्रांडिंग ग्वालियर एंड हार्टलैंड ऑफ़ एमपी” विषय पैनल डिस्कशन होगा, जिसमें ग्वालियर की सांस्कृतिक धरोहर, शास्त्रीय संगीत और स्थापत्य कला को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर स्थापित करने की रणनीतियों पर विचार होगा। दूसरा पैनल डिस्कशन “ग्वालियर एंड चंबल राइजिंग – इनबाउंड अपील थ्रू हेरिटेज, लग्ज़री एंड एक्सपीरियंस” विषय पर केंद्रित होगा, जिसमें विरासत, लग्ज़री स्टे, डेस्टिनेशन वेडिंग और अनुभवात्मक पर्यटन जैसे नए आयामों पर संवाद होगा।