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ब्रह्माकुमारी प्रतिनिधि मण्डल ने मुख्यमंत्री साय से की मुलाकात, वैश्विक शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए दिया निमंत्रण

मुख्यमंत्री साय को वैश्विक शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए दिया निमंत्रण रायपुर,  मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय से राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री  निवास कार्यालय में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के प्रतिनिधि मण्डल ने सौजन्य भेंट की। इस अवसर पर रायपुर की संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने मुख्यमंत्री  साय को आगामी 10 से 13 अक्टूबर तक माउण्ट आबू में आयोजित होने वाले वैश्विक शिखर महासम्मेलन में सम्मिलित होने हेतु आमंत्रित किया। मुख्यमंत्री  साय ने प्रतिनिधि मण्डल को इस आयोजन के लिए शुभकामनाएँ दीं तथा आमंत्रण के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि ब्रह्माकुमारी संस्थान द्वारा शांति, आध्यात्मिकता और मानवता के कल्याण के लिए किए जा रहे कार्य अनुकरणीय हैं। भेंट के दौरान सविता दीदी ने प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी के आगामी रायपुर प्रवास के दौरान नवा रायपुर, सेक्टर-20 स्थित शान्ति शिखर के नये भवन "एकेडमी फार ए पीसफुल वर्ल्ड- शान्ति शिखर" के लोकार्पण कार्यक्रम की जानकारी भी मुख्यमंत्री को दी। प्रतिनिधि मण्डल में ब्रह्माकुमारी सविता दीदी के साथ बीके रश्मि दीदी, बीके महेश डोडवानी और बीके हीरेन्द्र नायक भी उपस्थित रहे।  

मुख्यमंत्री ने प्रवासी राजस्थानी दिवस के लिए किया प्रवासी राजस्थानियों को आमंत्रित

जयपुर, मुख्यमंत्री  भजनलाल शर्मा ने कहा कि प्रवासी राजस्थानी जहां भी जाते हैं वहां अपनी संस्कृति, विचार और राजस्थानी मिट्टी की खुशबू बिखेरते हैं। दुनियाभर में प्रवासी राजस्थानी अपने काम के साथ सामाजिक सरोकार के कार्यों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने प्रदेश में निवेश अनुकूल वातावरण तैयार करने के लिए अनेक अभूतपूर्व निर्णय लिए हैं। उन्होंने प्रवासी राजस्थानियों से अपील करते हुए कहा कि राज्य में उपलब्ध असीमित अवसरों में निवेश कर वे प्रदेश के विकास में साझेदार बनें जिससे एक नए तथा विकसित राजस्थान का निर्माण हो। श्री शर्मा शुक्रवार को हैदराबाद में प्रवासी राजस्थानी मीट को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पिछले साल दिसंबर में राज्य सरकार द्वारा राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट के दौरान प्रतिवर्ष 10 दिसंबर को प्रवासी राजस्थानी दिवस मनाने की घोषणा की गई थी। इसी क्रम में इस साल 10 दिसंबर को जयपुर में प्रथम प्रवासी राजस्थानी दिवस का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने सभी प्रवासी राजस्थानियों को इस भव्य आयोजन में शामिल होने के लिए आमंत्रण दिया।  शर्मा ने कहा कि प्रवासी राजस्थानी दिवस की श्रृंखला की शुरूआत आज हैदराबाद से की गई है। आगे भी देश के विभिन्न हिस्सों में इस तरह की मीट आयोजित की जाएगी जिससे देश और दुनिया में मौजूद प्रवासी राजस्थानी समुदाय के साथ संबंधों को मजबूती मिले। प्रवासी राजस्थानियों के लिए बनेगा विशेष विभाग- मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रवासी राजस्थानी दिवस के दौरान शिक्षा, पर्यटन, उद्योग, स्वास्थ्य और जल संचयन जैसे क्षेत्रों के लिए विभिन्न सत्रों का भी आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार हर साल प्रवासी राजस्थानी सम्मान देगी और विभिन्न अवसरों पर भी सराहनीय कार्य करने वाले प्रवासियों को सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रवासी राजस्थानियों के व्यावसायिक और सामाजिक प्रयासों में सहयोग के लिए एक विशेष विभाग का गठन किया जाएगा। प्रवासी राजस्थानियों के लिए हर जिले में बना सिंगल प्वॉइंट कॉन्टेक्ट- श्री शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार ने राजस्थान फाउंडेशन को सुदृढ़ किया है। इसके तहत पिछले एक साल में 14 नए चैप्टर खोले गए हैं तथा पूर्व के 12 चैप्टर्स में भी अध्यक्षों को मनोनीत कर सभी 26 चैप्टर्स को क्रियाशील किया गया है। उन्होंने कहा कि आज दुनिया के न्यूयॉर्क, लंदन, रियाद जैसे कई बड़े शहरों में राजस्थान फाउंडेशन के चैप्टर सुचारु रूप से चल रहे हैं और इनके जरिए प्रवासी समुदाय राज्य सरकार के साथ राजस्थान की विकास यात्रा के साझेदार बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रवासी राजस्थानियों के परिवारजन के लिए प्रदेश के हर जिले में सिंगल प्वॉइंट कॉन्टेक्ट बनाया गया है तथा उनकी समस्याओं के समाधान के लिए प्रत्येक जिले में अतिरिक्त जिला कलक्टर को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। राजस्थान में निवेश की अपार संभावनाएं- श्री शर्मा ने कहा कि राजस्थान आज विकास की नई ऊंचाइयां छू रहा है। राइजिंग समिट के दौरान 35 लाख करोड़ रुपये के एमओयू किए गए। अब तक लगभग 7 लाख करोड़ रुपये के एमओयू धरातल पर उतर भी चुके हैं। हम राजस्थान को 350 बिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारा राज्य देश में मौजूदा हाईवेज का तीसरा एवं रेलवे का पांचवां सबसे बड़ा नेटवर्क है। राजस्थान में सात प्रमुख हवाई अड्डे हैं और दिल्ली-मुंबई फ्रेट कॉरिडोर का सबसे बड़ा हिस्सा हमारे प्रदेश से गुजरता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में निवेश के अनुकूल माहौल बनाने के लिए 20 से ज्यादा नई नीतियां बनाई गई हैं। साथ ही, कई नए औद्योगिक क्षेत्र स्थापित किए जा रहे हैं। पचपदरा के रिफाइनरी भी इसी वर्ष शुरू होने जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा 1 हजार 232 निवेशकों को भूमि उपलब्ध करवाई गई है तथा 17 गीगावाट की अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए 34 हजार हेक्टेयर भूमि आवंटित की गई है जो निवेश को धरातल पर उतारने के लिए हमारी प्रतिबद्धता को दिखाता है।       ऊर्जा-पर्यटन सहित विभिन्न क्षेत्रों में राज्य सरकार ले रही अभूतपूर्व निर्णय- मुख्यमंत्री ने कहा कि कल 25 सितंबर को ही यशस्वी प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी ने राजस्थान के माही-बांसवाड़ा में 2 हजार 800 मेगावाट क्षमता की 42 हजार करोड़ रुपए लागत वाली न्यूक्लियर पावर परियोजना का शिलान्यास किया है। बैटरी स्टोरेज, पंप स्टारेज, रूफटॉप सोलर, पीएम कुसुम के तहत विकेंद्रीकृत सोलर प्रोजेक्ट सहित ऊर्जा के हर क्षेत्र में राज्य ने एक नई पहल की है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। प्रदेश में प्रतिवर्ष करोड़ों देशी-विदेशी पर्यटक आते हैं। राजस्थान का हर कोना, अपनी समृद्ध धरोहर, प्रकृति, संस्कृति और विविधताओं का दर्शन करवाता है। पर्यटन निवेश में तेजी लाने के लिए राज्य सरकार ने भूमि आवंटन हेतु न्यूनतम निवेश को 100 करोड़ रुपये से घटाकर 50 करोड़ रुपये कर दिया है। इस संशोधन से हेरिटेज, वेलनेस और हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र के साथ-साथ घरेलू निवेशकों को भागीदारी का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि हमने रिप्स-2024 में स्टैंडर्ड सर्विसेज पैकेज के तहत इन्सेंटिव के लिए पर्यटन में निवेश की न्यूनतम सीमा 50 करोड़ रुपये से घटाकर 10 करोड़ रुपये कर दी है। श्री शर्मा ने प्रदेश में खनन के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि राजस्थान खनिज नीति तथा राजस्थान एम-सैंड पॉलिसी लॉन्च की है। साथ ही, खनिजों के ब्लॉकों की नीलामी में अभूतपूर्व तेजी आई है। उन्होंने कहा कि जयपुर और जोधपुर में अत्याधुनिक टियर-4 डाटा सेंटर स्थापित किए गए हैं तथा शीघ्र ही नई सेमीकंडक्टर पॉलिसी भी आने वाली है। प्रदेश में ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, इंजीनियरिंग, वस्त्र, चिकित्सा उपकरण, रक्षा उपकरण, खाद्य प्रसंस्करण सहित सभी क्षेत्रों में निवेश के लिए बेहतरीन अवसर हैं। कार्यक्रम में प्रवासी राजस्थानियों द्वारा अपने अनुभव भी साझा किए गए। मुख्यमंत्री ने इस दौरान सामाजिक सेवा में उत्कृष्ट कार्य करने वाले प्रवासी राजस्थानियों को सम्मानित किया तथा राजस्थानी फाउंडेशन चैप्टर मेंबरशिप की भी लॉन्चिंग की। इससे पहले कार्यक्रम में प्रवासी राजस्थानियों पर एक लघु फिल्म प्रदर्शित की गई। इस अवसर पर उद्योग राज्यमंत्री के के बिश्नोई, श्रम विभाग के शासन सचिव  पी. रमेश, राजस्थान फाउंडेशन की आयुक्त श्रीमती मनीषा अरोड़ा, प्रवासी समुदाय से ऑल इंडिया मारवाड़ी युवा मंच के नेशनल प्रेसिडेंट  सुरेश एम जैन, हैदराबाद चैप्टर प्रेसिडेंट  पवन बंसल, सीआईआई तेलंगाना के पूर्व चेयरमैन  साई डी प्रसाद सहित बड़ी … Read more

फर्जी शिकायत कर ब्लैकमेल करने वालों की खैर नहीं, सीएम हेल्पलाइन में बनेगी निगरानी फाइल

भोपाल  सीएम हेल्पलाइन में शिकायत करने वाले लोगों में फेक शिकायतर्ताओं की बढ़ रही तादाद को देखते हुए भोपाल कलेक्टर ने ऐसे झूठे और भ्रामक शिकायतकर्ताओं पर लगाम कसने के लिए एक्शन लिया है. एक पत्र जारी कर कलेक्टर ने सीएम हेल्पलाइन पर आने वाले सभी फेक कॉलर्स के बारे में जानकारी मांगी है. भोपाल कलेक्टर ने सीएम हेल्पलाइन पर आदतन झूठी शिकायत करने वाले और ब्लैकमेलिंग करने वाले लोगों पर लगाम कसने के लिए प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर से ऐसे फेक कॉलर्स के बारे में जानकारी मांगी है और उनकी पहचान करके उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. अधिकारी अपनी टिप्पणी के साथ भेजेंगे जानकारी इसके लिए शासन ने एक फार्मेट भी जारी किया है, जिसमें शिकायतकर्ता का नाम, मोबाइल नंबर, अब तक की गई कुल शिकायतों की संख्या और उसके बारे में अधिकारियों की टिप्पणी दर्ज की जाएगी। यह जानकारी लेवल अधिकारियों की लॉगिन आईडी के जरिए पोर्टल पर दर्ज की जाएगी। गौरतलब है कि सीएम हेल्पलाइन की समीक्षा बैठकों में बार-बार यह तथ्य सामने आया है कि कुछ लोग फर्जी शिकायतें कर अफसरों-कर्मचारियों को परेशान करते हैं। मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव पहले ही ऐसे मामलों में एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दे चुके हैं। अब पहली बार सरकार ने बाकायदा आदेश जारी कर कलेक्टरों से रिपोर्ट तलब की है। सीएम हेल्पलाइन पर लगातार आ रहे हैं फेक कॉल रिपोर्ट के मुताबिक सीएम हेल्पलाइन पर लगातार फेक कॉल आ रहे हैं, जिससे जरूरतमंद की उचित समय में मदद मिलना मुश्किल हो जाता है, जबकि आदतन झूठी शिकायत दर्ज कराने और ब्लैकमेल करने बेवजह कॉल कर सरकारी साधनों का दुरुपयोग कर रहे हैं, जिससे परेशान होकर कलेक्टर ने यह आदेश जारी किया है. वहीं मुख्यमंत्री हेल्पलाइन कार्यालय से साफ कहा गया है कि अब ऐसे फर्जी और ब्लैकमेलिंग करने वाले शिकायतकर्ताओं पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. सभी जिलों के कलेक्टरों को कहा गया है कि वे अपने इलाके में ऐसे लोगों की पहचान करें, जो झूठी शिकायतें दर्ज करवा रहे हैं. हर जिले से ऐसे शिकायतकर्ताओं की लिस्ट तैयार कर सरकार को भेजनी होगी. ताकि उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सके. सरकार का कहना है कि ये कदम शिकायत प्रणाली को पारदर्शी और भरोसेमंद बनाने के लिए जरूरी है.  झूठे व ब्लैकमेलर शिकायकर्ता पर होगी कार्रवाई  सीएम हेल्पलाइन कार्यालय ने सभी जिला कलेक्टर को जारी एक पत्र में कहा कि वो सीएम हेल्पलाइन पर आदतन झूठी शिकायत करने वाले और ब्लैकमेलिंग करने वालों की लिस्ट तैयार करें और जानकारी मुहैया कराएं. माना जा रहा है कि कलेक्टर ने उक्त पत्र फर्जी और ब्लैकमेलिंग वाली शिकायतों से परेशान होकर जारी किया है. फर्जी कॉलर्स के मोबाइल की मांगी गई जानकारी  जिलाधिकारियों से कहा गया है कि वो सीएम हेल्पलाइन पोर्टल पर दर्ज झूठी एवं आदतन शिकायतकर्ताओं की जानकारी नियमित रूप से उपलब्ध कराएं.निर्देश दिया गया है कि पोर्टल पर पंजीकृत झूठी/आदतन शिकायतकर्ताओं की सूची तैयार की जाए, जिसमें  नाम,मोबाइल नंबर,कुल शिकायतों की संख्या व संबंधित टिप्पणियाँ शामिल हों. शिकायतों की संख्या बढ़ी बीते कुछ महीनों से हेल्पलाइन में शिकायतों की संख्या तो बढ़ी है, लेकिन इनमें कई मामले फर्जी भी निकल रहे हैं. कुछ लोग अपनी निजी मांगों को पूरा करवाने के लिए अफसरों को धमकाते हैं. इससे न सिर्फ प्रशासनिक कामकाज में रुकावट आ रही है बल्कि असली शिकायतों पर ध्यान देना भी मुश्किल हो गया है. अब सरकार ने तय किया है कि ऐसी शिकायतों को गंभीरता से लिया जाएगा और दोषियों को किसी भी कीमत पर छोड़ा नहीं जाएगा. इससे सिस्टम मजबूत होगा सरकार के नए निर्देशों के मुताबिक, कलेक्टरों को हर शिकायत की गहराई से जांच करनी होगी और यह भी देखना होगा कि शिकायत कितनी सही है. साथ ही हेल्पलाइन पर आने वाली हर शिकायत की गुणवत्ता पर नजर रखनी होगी. उम्मीद है कि इस कदम से जनता को भरोसा मिलेगा कि उनकी बात सही तरीके से सुनी जाएगी और झूठे शिकायतकर्ता अब कानून के शिकंजे में आएंगे. इससे सिस्टम और मजबूत होगा और असली जरूरतमंदों को जल्दी राहत मिल सकेगी.

जब मुख्यमंत्री खुद बने ग्राहक : घरेलू सामान की शॉपिंग कर उठाया जीएसटी दरों में कटौती का लाभ

रायपुर : मुख्यमंत्री अचानक पहुंचे मार्ट,ग्राहकों से की मुलाकात,ग्राहक बोले जीएसटी रिफॉर्म्स, बचत क्रांति जब मुख्यमंत्री खुद बने ग्राहक : घरेलू सामान की शॉपिंग कर उठाया जीएसटी दरों में कटौती का लाभ जीएसटी बचत उत्सव को लेकर जनभावनाओं से रूबरू होने "के मार्ट" पहुंचे मुख्यमंत्री मंथली बजट में आई कमी, कम कीमत में लिया ज्यादा सामान, जीएसटी कटौती नहीं यह "बचत क्रांति" है, मोदी जी ही ले सकते हैं ऐसा साहसिक निर्णय – लोगों ने मुख्यमंत्री को दी ऐसी प्रतिक्रिया जीएसटी दरों में हुए ऐतिहासिक सुधार से बाजारों में बढ़ी रौनक जीएसटी दरों में कमी से रोज़मर्रा के सामान हुए सस्ते प्राइस टैग में सूचित की जा रही है जीएसटी दरों में कमी के बाद नई कीमत रायपुर राजधानी रायपुर के सरोना स्थित शुभम "के मार्ट" में रोजमर्रा की ज़रूरत का सामान खरीद रहे लोग उस समय सुखद आश्चर्य से भर उठे, जब उन्होंने देखा कि जीएसटी बचत का लाभ उन्हें मिल रहा है या नहीं उसे देखने स्वयं प्रदेश के मुखिया आए है। दरअसल, आज जीएसटी बचत उत्सव को लेकर जनभावनाओं से रूबरू होने मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय "शुभम के मार्ट" पहुंचे। उन्होंने खुद ग्राहक बनकर 1,645 रुपये के घरेलू सामान की शॉपिंग की एवं यूपीआई से भुगतान भी किया।इस दौरान उन्होंने खरीदारी कर रहे लोगों से बातचीत की और जीएसटी दरों में कटौती से घरेलू सामानों के मूल्य में आए फर्क के बारे में जानकारी ली। मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय ने मार्ट पहुंचकर ज़रूरत के सामान खरीदे और जीएसटी दरों में कमी का लाभ लिया। इस दौरान मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय ने आत्मीयता से लोगों का हालचाल जाना। उन्होंने खरीदारी कर रही गृहिणियों से घरेलू बजट पर आए असर की जानकारी ली, युवाओं और वरिष्ठ नागरिकों से उनकी दिनचर्या के बारे में पूछताछ की। इस बीच उन्होंने रोजमर्रा का सामना खरीदते हुए अन्य ग्राहकों से आत्मीयतापूर्वक वार्तालाप किया। मुख्यमंत्री का यह आत्मीय व्यवहार देखकर मौजूद लोग गदगद हो उठे और कहा कि प्रदेश का मुखिया आज हमारे बीच एक आम आदमी की तरह शामिल है। इस दौरान उन्होंने खरीददारों से चर्चा करते हुए जीएसटी सुधारों पर लोगों के विचार सुने। लोगों ने बताया कि दवाइयों और राशन की कीमत घटने से उन्हें बड़ी राहत मिली है। मुख्यमंत्री मुस्कुराते हुए बोले—"यही तो असली मकसद है कि सुधार की गूंज आम जनता तक पहुंचे।" इसके बाद उन्होंने खुद भी सामान खरीदा और नई कीमतें देखकर कहा—"यह सुधार केवल कागज पर नहीं, बल्कि हर परिवार की ज़िंदगी में दिखाई देने वाला परिवर्तन है।" मुख्यमंत्री  साय ने  सभी को स्वदेशी की मुहिम का साथ देने का आग्रह भी किया, जिस पर लोगों ने कहा आप आगे बढ़े ,हम आपके साथ है। जीएसटी कटौती नहीं, यह "बचत क्रांति" है मुख्यमंत्री से चर्चा करते हुए खरीदारी कर रहे रिटायर्ड एयरफोर्स अधिकारी  टी. पी. सिंह ने कहा कि आने वाले समय में जब इस दौर का इतिहास लिखा जाएगा, तब प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हुए जीएसटी सुधार को ऐतिहासिक बजट क्रांति के रूप में दर्ज किया जाएगा। उन्होंने कहा—"पहले हम जितने पैसों में 30 दिन का राशन लेते थे, अब उन्हीं पैसों से 40 दिन से अधिक का राशन ले पा रहे हैं। हमारे प्रधानमंत्री ही इतना बड़ा साहसिक निर्णय ले सकते थे, कोई और ऐसा नहीं कर पाता।" स्टेशनरी में 12 प्रतिशत था टैक्स, अब हो गया जीरो राजधानी रायपुर के अवंती विहार निवासी  लद्दाराम नैनवानी ने बताया कि जीएसटी सुधार का सकारात्मक प्रभाव शिक्षा से भी जुड़ा है। शुभम "के मार्ट" में मुख्यमंत्री को नोटबुक दिखाते हुए उन्होंने कहा—"पहले इस पर 12 प्रतिशत टैक्स लगता था, लेकिन अब प्रधानमंत्री मोदी जी ने इसे शून्य कर दिया है। इस ऐतिहासिक कदम से कॉपियाँ और आवश्यक स्टेशनरी सस्ती हो गई हैं। ऐसा निर्णय हमारे प्रधानमंत्री ही कर सकते हैं।" उन्होंने आगे बताया—"पहले मैं बच्चों के लिए सालाना लगभग 2,000 रुपये की स्टेशनरी लेता था और अब इसमें लगभग 240 रुपये की बचत हो रही है।" चार जरूरी समान खरीदने आए, जीएसटी छूट से खरीदा 4 गुना अधिक सामान मार्ट में खरीदारी करने पहुंचे  मुरलीधर ने मुख्यमंत्री से बातचीत में बताया—"मैं आज केवल 4 ज़रूरी सामान खरीदने आया था, लेकिन जीएसटी दरों में कमी देखकर 4 गुना अधिक सामान खरीद लिया। जीएसटी में व्यापक सुधार से रोजमर्रा की सामग्रियाँ सस्ती हुई हैं और हमें सीधा लाभ मिल रहा है।" देवांगन दंपति ने बताया मंथली बजट में 10 प्रतिशत की कमी शुभम "के मार्ट" में खरीदारी करने पहुंचे चंगोराभाटा निवासी दंपति  जितेंद्र और मती पद्मा देवांगन ने कहा—"हमारे मासिक बजट में 10 प्रतिशत की कमी आई है।" गृहिणी मती पद्मा ने नए प्राइस टैग देखकर कहा—"पहले यही डिटर्जेंट और मसाले मैं ज्यादा कीमत में खरीदती थी। अब दरों में कटौती के बाद कम दाम देखकर सचमुच खुशी हो रही है। त्योहारी खरीदारी में काफी बचत हो रही है।" बजट से ज्यादा खरीदारी का मिला मौका मती सविता मौर्य और अनीता साकार नवरात्रि में आयोजित होने वाले कन्या भोज के लिए श्रृंगार सामग्री खरीदने आईं थीं। उन्होंने कहा—"श्रृंगार सामग्री के दाम पहले से कम हो गए हैं। जीएसटी दरों में कटौती ने हमें निर्धारित बजट से अधिक खरीदारी करने का अवसर दिया है। पहली बार लगता है कि त्योहारी सेल केवल विज्ञापन नहीं, बल्कि असल में राहत है।" उल्लखेनीय है कि जीएसटी दरों में हुए ऐतिहासिक सुधारों के बाद बाजारों में रौनक बढ़ी है और लोग लगातार खरीदारी कर रहे हैं। प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में त्योहारी सीजन में लोगों को जीएसटी दरों में कटौती का बड़ा उपहार मिला है और इससे रोजमर्रा के उपयोग की वस्तुएँ सस्ती हुई हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव करेंगे राज्य स्तरीय स्वदेशी जागरण सप्ताह का शुभारंभ

भोपाल. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मध्यप्रदेश जन-अभियान परिषद एवं स्वदेशी जागरण मंच के संयुक्त तत्वावधान में राज्य स्तरीय स्वदेशी जागरण सप्ताह का रवीन्द्र भवन भोपाल में गुरुवार को शुभारंभ करेंगे। मुख्यमंत्री की उपस्थिति में मुख्यमंत्री निवास से प्रात: 9 बजे से रवीन्द्र भवन तक रैली निकाली जायेगी। रैली में मध्यप्रदेश जन-अभियान परिषद एवं स्वदेशी जागरण मंच के 300 प्रतिभागी सहभागिता करेंगे। महा-अभियान प्रदेश के 313 विकासखण्डों में 25 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक चलेगा। स्वदेशी जागरण सप्ताह में स्वदेशी वस्तुओं का प्रचार-प्रसार करने और बढ़ावा देने के उद्देश्य से पूरे प्रदेश में स्वदेशी जागरण सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, मध्यप्रदेश जन-अभियान परिषद के उपाध्यक्ष मोहन नागर, स्वर्णिम भारत वर्ष फाउण्डेशन एवं अखिल भारतीय सह प्रमुख स्वदेशी मेला के सीईओ साकेत सिंह राठौर, स्वाबलंबी भारत अभियान के अखिल भारतीय सह-समन्वयक जितेन्द्र गुप्त, सरस्वती विद्या प्रतिष्ठान मध्यप्रदेश के प्रादेशिक अध्यक्ष मोहन गुप्ता और स्कूल-कॉलेज के छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहेंगे।  

5 साल में करोड़ों की दौलत: अफसर के पास मिला 1 करोड़ कैश, 1 करोड़ के गहने

गुवाहटी  यह कहानी किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं. असम सिविल सेवा (ACS) की एक युवा अधिकारी, जिन्हें कभी प्रशासनिक जगत का उभरता सितारा माना जा रहा था, अब जेल की सलाखों के पीछे हैं. मुख्यमंत्री की विशेष सतर्कता शाखा (Special Vigilance Cell) की छापेमारी में करोड़ों की काली कमाई उजागर हुई है.  करोड़ों की बरामदगी, सभी हुए हैरान कामरूप जिले के गोरैमरी में तैनात सर्किल ऑफिसर नूपुर बोरा को गिरफ्तार किया गया. अधिकारियों की टीम ने उनके ठिकानों पर दबिश दी तो नतीजे देखकर सभी दंग रह गए. गुवाहाटी स्थित घर से 92 लाख रुपये नकद और लगभग 1 करोड़ रुपये के गहने बरामद हुए. बरपेटा में किराए पर लिए मकान से भी 10 लाख रुपये नकद मिले. यानी पांच साल की सेवा में इस अधिकारी ने जो अकूत संपत्ति इकट्ठा की, उसने सरकार से लेकर आम जनता तक सबको चौंका दिया. एक उभरते चेहरे से गिरफ्तारी तक का सफर गोलाघाट जिले की रहने वाली नुपुर बोराह ने 2019 में सिविल सेवा में प्रवेश किया था. उस समय उन्हें मेहनती और उम्मीद जगाने वाली अफसर के तौर पर देखा जाता था. परिवार और समाज के लिए वह गर्व का कारण थीं. लेकिन प्रशासनिक ज़िंदगी का यह सफर अचानक ही भ्रष्टाचार और अवैध सौदों की कहानी बन गया. पिछले छह महीनों से उन पर गुप्त निगरानी रखी जा रही थी. आरोप था कि वह ज़मीन से जुड़े सौदों में गड़बड़ी कर रही हैं और कथित तौर पर मोटी रकम ले रही हैं. आखिरकार आरोपों पर कार्रवाई हुई और उनकी गिरफ़्तारी के साथ ही पूरा मामला सुर्खियों में आ गया. करीबी सहयोगी पर भी शिकंजा सतर्कता विभाग ने सिर्फ बोराह पर ही कार्रवाई नहीं की. टीम ने उनके करीबी माने जाने वाले बरपेटा राजस्व सर्किल ऑफिस के कर्मचारी लाट मंडल सुरजीत डेका के घर पर भी छापा मारा. जांचकर्ताओं का शक है कि बोराह और डेका ने मिलकर बरपेटा में कई ज़मीनें खरीदी हैं. अब इन संपत्तियों की जांच की जा रही है. मुख्यमंत्री का सख्त संदेश असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस कार्रवाई की पुष्टि करते हुए साफ कहा कि नुपुर बोराह ने बरपेटा में सर्किल ऑफिसर रहते हुए हिंदुओं की ज़मीन संदिग्ध व्यक्तियों को ट्रांसफर की. इसके बदले उन्होंने मोटी रकम ली. यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. राजस्व विभाग में, खासकर अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में फैले भ्रष्टाचार पर सख्त कार्रवाई जारी रहेगी. आलीशान जीवनशैली पर सवाल इस पूरे मामले में सबसे ज्यादा चर्चा का विषय रहा नुपुर बोराह की आलीशान जीवनशैली. उनकी आधिकारिक हैसियत एक सर्किल ऑफिसर की थी, लेकिन छापेमारी में जो संपत्ति और सोना-जवाहरात मिले, उन्होंने सबको सोचने पर मजबूर कर दिया. सवाल उठ रहे हैं कि सिर्फ पांच साल की नौकरी में इतनी संपत्ति कहां से आई? लोगों ने किए खूब कमेंट सोशल मीडिया पर इस खबर ने तूफान मचा दिया है. कुछ लोगों ने लिखा कि आम नागरिक मामूली काम के लिए राजस्व दफ्तरों के चक्कर काटते हैं और वहीं अफसर करोड़ों की कमाई कर रहे हैं. एक अन्य यूज़र ने कहा कि यही वजह है कि ज़मीन से जुड़े मामले आम जनता के लिए कभी आसान नहीं होते. भ्रष्टाचार की जड़ यही है. अब आगे क्या? फिलहाल नुपुर बोराह जेल में हैं और सतर्कता विभाग उनकी संपत्ति और लेन-देन की गहन जांच कर रहा है. उनके बैंक अकाउंट, संपत्तियों और ज़मीन सौदों की जानकारी खंगाली जा रही है. साथ ही उनके सहयोगियों की भी पूछताछ चल रही है.  

गुरुग्राम स्वच्छता में अव्वल, मुख्यमंत्री ने जनता की सक्रिय भागीदारी पर जोर दिया

चंडीगढ़  हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि गुरुग्राम को स्वच्छता रैंकिंग में नंबर वन बनाया जाएगा और यह लक्ष्य प्रशासनिक प्रबंधन के साथ-साथ जनभागीदारी से ही संभव होगा। ‘मेरा गुरुग्राम-स्वच्छ गुरुग्राम’ थीम के अंतर्गत नागरिकों को स्वच्छ और शुद्ध वातावरण बनाने की दिशा में आगे बढ़ने का आह्वान किया गया। बृहस्पतिवार सुबह मुख्यमंत्री ने सोहना चौक और सेक्टर-52 में हरियाणा सिटी स्वच्छता अभियान के तहत आयोजित मेगा स्वच्छता अभियान में स्वयं भाग लेकर जनता को स्वच्छता का संदेश दिया। इस अवसर पर गुरुग्राम से विधायक मुकेश शर्मा, सोहना विधायक तेजपाल तंवर, गुरुग्राम की मेयर राजरानी, जीएमडीए के सीईओ श्यामल मिश्रा, मंडलायुक्त आरसी बिधान, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार राजीव जेटली सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने स्वयं झाड़ू लगाकर क्षेत्र की सफाई की और स्वच्छता मित्रों के साथ मिलकर लोगों को प्रेरित किया कि वे स्वच्छता को जीवनशैली का हिस्सा बनाएं।   स्वच्छता जीवन का हिस्सा बनाकर सुखद वातावरण बनाएं:  मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छता स्वस्थ जीवन की नींव है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को इसे अपनी दिनचर्या का स्थायी हिस्सा बनाना होगा। उन्होंने आश्वस्त किया कि हरियाणा सरकार ‘मेरा गुरुग्राम-स्वच्छ गुरुग्राम’ के विजन को साकार करने के लिए हर संभव सहयोग देगी। उन्होंने कहा कि मानसून समाप्त होते ही गुरुग्राम जिले में विकास कार्यों की गति तेज की जाएगी ताकि लोगों को प्रत्यक्ष लाभ मिल सके। 11 सप्ताह तक चलने वाले विशेष अभियान के अंतर्गत शहरी क्षेत्रों के सौंदर्यीकरण और उन्नयन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। शहरों की स्वच्छता रैंकिंग तय की जाएगी और गुरुग्राम इसमें अग्रणी स्थान प्राप्त करेगा। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में स्वच्छता बनी जन आंदोलन मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 अक्तूबर, 2014 को शुरू किया था। आज यह उनके दूरदर्शी नेतृत्व में पूरे देश में जन आंदोलन का रूप ले चुका है। स्वच्छता केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में 17 सितम्बर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस से सेवा पखवाड़ा मनाया जाएगा, जो 2 अक्तूबर तक चलेगा। इसके दौरान स्वच्छता अभियान, वृक्षारोपण, स्वास्थ्य शिविर और खेल जागरूकता कार्यक्रम जैसे आयोजन किए जाएंगे ताकि समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाया जा सके। मुख्यमंत्री ने विभिन्न धार्मिक व सामाजिक संगठनों, रेज़िडेंट वेलफेयर एसोसिएशनों और व्यापारी संगठनों का भी धन्यवाद किया जिन्होंने ‘मेरा गुरुग्राम -स्वच्छ गुरुग्राम’ अभियान में सक्रिय भागीदारी निभाई। गुरुग्राम को सुंदर और स्वच्छ बनाने का अभियान निरंतर चलेगा:  विधायक मुकेश शर्मा विधायक मुकेश शर्मा ने कहा कि गुरुग्राम को स्वच्छ और सुंदर बनाने का यह अभियान केवल एक दिन या सप्ताह तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसे निरंतर जन आंदोलन के रूप में आगे बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह प्रयास किसी भी स्थिति में रुकने नहीं दिया जाएगा और आने वाले दिनों में और अधिक जोश, ऊर्जा और ठोस रणनीति के साथ आगे बढ़ेगा। उन्होंने नागरिकों से सक्रिय भागीदारी का आग्रह किया और कहा कि केवल सरकारी प्रयासों से यह लक्ष्य हासिल नहीं किया जा सकता, बल्कि हर नागरिक को योगदान देना होगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि स्वच्छता केवल सफाई अभियान नहीं है, बल्कि यह हमारी सोच और जीवनशैली का अभिन्न हिस्सा बनना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने ग्राम राजौधा में किया सांदीपनि विद्यालय के नवीन भवन का लोकार्पण

नये महाविद्यालय भवन का भूमिपूजन भी किया महाराजा मानसिंह तोमर के नाम से जाना जाएगा महाविद्यालय भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि राज्य सरकार प्रदेश के सभी अन्नदाताओं (किसानों) को सम्मान और सुविधा देने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि बहुत जल्द 20 लाख से अधिक किसानों को सोलर पावर पंप उपलब्ध कराए जाएंगे, जिससे उन्हें बिजली बिल की समस्या से हमेशा के लिए निजात मिल जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव रविवार को मुरैना जिले के ग्राम राजौधा में आयोजित लोकार्पण एवं भूमिपूजन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव कहा कि प्रदेश के किसानों को केंद्र सरकार और राज्य सरकार की ओर से 6-6 हजार रुपए, इस प्रकार कुल 12 हजार रुपए सम्मान निधि दी जा रही है। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार प्रदेश की सभी लाड़ली बहनों को दीपावली के बाद भाईदूज से हर माह 1500 की राशि दी जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने शिक्षा के क्षेत्र में सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों का जिक्र करते हुए कहा कि प्रदेश के बेटे-बेटियां खूब पढ़ें-लिखें, इसके लिए सरकार सभी इंतजाम कर रही है। बोर्ड परीक्षा में 75 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले विद्यार्थियों को लैपटॉप, होनहार विद्यार्थियों को स्कूटी, साथ ही साइकिल और गणवेश भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश का सर्वांगीण विकास ही हमारा लक्ष्य है। प्रदेश का कोई भी अंचल विकास से वंचित नहीं रहने दिया जायेगा। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने 52 करोड़ 59 लाख्र रुपए से अधिक लागत के विकास कार्यों को लोकार्पण एवं भूमिपूजन किया। इसमें 37.67 करोड़ की लागत से नवनिर्मित सांदीपनि विद्यालय भवन का लोकार्पण और 14.92 करोड़ की लागत के नये शासकीय महाविद्यालय भवन का भूमिपूजन शामिल है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने घोषणा करते हुए कहा कि यह नया महाविद्यालय भवन महाराजा मानसिंह तोमर के नाम से जाना जाएगा। उन्होंने कहा कि जल्द ही इस महाविद्यालय में सभी जरूरी पाठ्यक्रम एवं संकाय प्रारंभ किए जाएंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आज राधाष्टमी है। इस शुभ प्रसंग के अवसर पर भगवान श्रीकृष्ण के गुरु सांदीपनि के नाम से विद्यालय भवन का लोकार्पण सरकार के लिए गौरव का विषय है। उन्होंने बताया कि हाल ही में समीपवर्ती श्योपुर जिले को मेडिकल कॉलेज की सौगात दी गई है और मुरैना भी विकास की नई ऊंचाइयों की ओर अग्रसर है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश बदल रहा है। मुरैना की धरती से श्री नरेंद्र सिंह तोमर जैसे बड़े राजनेता निकले हैं। प्रदेश के कई जिले आगे बढ़ गए, लेकिन चंबल के जिले पिछड़ गए। कांग्रेस की सरकारों ने डाकुओं को बढ़ावा दिया और युवाओं का भविष्य खराब कर दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश को धार्मिक पर्यटन का केंद्र बनाया जा रहा है। शहर-शहर में सांदीपनि विद्यालय खोले जा रहे हैं। ऐसे ही सांदीपनि आश्रम में श्रीकृ्ष्ण ने वेद, शास्त्रों और विद्याओं का ज्ञान प्राप्त किया था। भगवान श्रीकृष्ण ने कंस को मारकर संदेश दिया कि सत्ता अत्याचार के लिए नहीं, बल्कि जनकल्याण का माध्यम होती है। विधानसभा अध्यक्ष श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव की विकास के प्रति ललक, समाज के हर वर्ग के लिए संवेदनशीलता और संकल्प से विकास की गंगा गांव-गांव तक पहुंच रही है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने ही इस गांव में महाविद्यालय खोलने की घोषणा की थी। फिलहाल इस महाविद्यालय का संचालन गांव के स्कूल भवन से हो रहा है। महाविद्यालय में वर्तमान में बीए संकाय में 240 से अधिक बालिकाएं अध्ययनरत हैं। नए भवन में बीएससी और बीकॉम संकाय भी प्रारंभ होंगे, जिससे क्षेत्र की महाविद्यालय में पढ़ने की आकांक्षी 500 से अधिक छात्राओं को सीधा लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह सांदीपनि विद्यालय 27 करोड़ की लागत से बनकर तैयार हुआ है। बड़े से बड़े विद्यालयों में भी सांदीपनि जैसी सुविधाएं नहीं मिलेंगी। पहले किसी गांव में विद्यालय बनता था तो कक्ष कम और विद्यार्थी अधिक होते थे। तब जनप्रतिनिधियों से आग्रह किया जाता था कि एक कक्ष और बन जाए, इसकी घोषणा हो जाए। राज्य सरकार ने सांदीपनि विद्यालयों के माध्यम से किसान और गरीबों के बच्चों को सौगात दी है। राजौधा में महाविद्यालय भवन का भी शिलान्यास हो रहा है। यहां महाविद्यालय की शुरुआत होने से विद्यार्थियों में बेहद हर्ष व्याप्त है। पोरासा में अस्पताल खुलने से नागरिकों को चिकित्सा सुविधाएं भी मिली हैं। सांसद श्री शिवमंगल सिंह तोमर ने मुख्यमंत्री के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि प्रदेश में विकसित विद्यालयों की श्रृंखला से चंबल अंचल के विद्यार्थियों को श्रेष्ठ शिक्षा का अवसर मिल रहा है। यह विद्यालय निश्चित रूप से क्षेत्र और प्रदेश का नाम राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोशन करेगा। उन्होंने कहा कि चंबल की धरती पर महाराज श्री लोचनदास, महाराज श्री रामदास, श्री बालकदास, श्री माखनदासजी और ऋषिजी का जन्म हुआ। सांसद श्री सिंह ने मुरैना जिले को ढेरों सौगातें देने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. यादव का आभार जताया। कार्यक्रम में नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री राकेश शुक्ला, जनप्रतिनिधि, अधिकारी, छात्र-छात्राएँ एवं बड़ी संख्या में ग्रामीणजन मौजूद रहे। ग्राम ओरेठी में आसमानी माता मंदिर में किया पूजन मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मुरैना प्रवास के दौरान तहसील पोरसा के ग्राम ओरेठी स्थित प्रसिद्ध आसमानी माता मंदिर पहुंचकर पूजा-अर्चना की और प्रदेश की सुख-समृद्धि एवं जनकल्याण की कामना की।  

सिंहस्थ : 2028 के लिए घाट निर्माण, शिप्रा शुद्धिकरण, बैराज निर्माण कार्यों की भी हुई समीक्षा

आने वाले 3 वर्ष में सिंचाई क्षेत्र का विस्तार 100 लाख हेक्टेयर तक करें भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि किसानों की समृद्धि के साथ प्रदेश की अर्थव्यवस्था में सकारात्मक परिवर्तन के लिए सिंचाई क्षेत्र का निरंतर विस्तार आवश्यक है। इसके लिए जल संसाधन विभाग और सभी संबंधित एजेंसियां तेजी से कार्य करें। वर्तमान में शासकीय स्रोतों से प्रदेश में सिंचाई प्रतिशत 52 लाख हेक्टेयर से अधिक हो चुका है। इसे शीघ्र ही दोगुना करने का लक्ष्य ध्यान में रखकर कार्य किया जाए जिससे आने वाले 3 वर्ष में प्रदेश में 100 लाख हेक्टेयर में सिंचाई क्षेत्र का विस्तार हो जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कृषि के साथ ही उद्योग क्षेत्र में पानी देने, पेयजल प्रबंध और ऊर्जा उत्पादन में जल का उपयोग जल संसाधन विभाग के स्रोतों से हो रहा है। सिंचाई के 100 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में लक्ष्य के अनुसार जल संसाधनों के समुचित उपयोग को पूरी प्राथमिकता दी जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गुरूवार को जल संसाधन विभाग की समीक्षा के दौरान विभिन्न परियोजनाओं से बढ़ रहे सिंचाई क्षेत्र की जानकारी भी प्राप्त की। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने किए हैं लाभकारी प्रावधान मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अंतर्राज्यीय नदी जोड़ो परियोजनाओं जैसे केन-बेतवा लिंक राष्ट्रीय परियोजना, संशोधित पार्वती-काली-सिंध चंबल लिंक परियोजना को अति उपयोगी बताते हुए कहा कि इन परियोजनाओं के क्रियान्वयन से प्रदेश के लगभग आधे जिलों की तस्वीर बदल जाएगी। राज्य के अंदर भी नदी जोड़ो परियोजनाओं के क्रियान्वयन की दिशा में कार्य प्रारंभ कर लाभ प्राप्त किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि नदियों को जोड़ने का स्वप्न भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल ने देखा जिसे प्रधानमंत्री श्री मोदी साकार कर हैं। वर्तमान में भारत सरकार द्वारा ऐसी परियोजनाओं के लिए 90% राशि देने का लाभकारी प्रावधान किया गया है। प्रधानमंत्री श्री मोदी की मंशा के अनुसार राज्यों की ऐसी पहल को प्रोत्साहित किया जा रहा है। नदी जोड़ो परियोजनाओं के कार्य जैसे-जैसे क्रियान्वित होंगे, सिंचित क्षेत्र बढ़ेगा, साथ ही खुशहाली भी बढ़ेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जल संसाधन विभाग की ओर से राज्य के अंदर नदी जोड़ो प्रकल्पों की संभावनाओं का सर्वेक्षण और अध्ययन कर प्रतिवेदन तैयार किया जाए। केन्द्र सरकार को ऐसे प्रस्ताव भेजकर स्वीकृति प्राप्त की जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने की सिंहस्थ : 2028 के कार्यों की समीक्षा मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जल संसाधन विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान शिप्रा शुद्धिकरण, नदी एवं जल निकायों के विकास और घाट निर्माण कार्यों की भी समीक्षा की। बैठक के दौरान बताया गया कि वर्तमान में शिप्रा पर लगभग 30 किलोमीटर लंबाई में घाट निर्माण का कार्य हो रहा है, यह सभी कार्य वर्ष 2027 में पूर्ण करने का लक्ष्य है। घाटों के निर्माण से सिंहस्थ के दौरान एक दिन में लगभग 5 करोड़ श्रद्धालु स्नान का पुण्य प्राप्त कर सकेंगे। शिप्रा नदी पर बैराज निर्माण कार्यों की भी समीक्षा की गई। सिंचाई क्षेत्र में हुई है उल्लेखनीय वृद्धि बैठक में बताया गया कि रबी 2023-24 में प्रदेश में सिंचित रकबा 44.56 लाख हेक्टेयर था जो रबी 2025-26 में बढ़कर 52.06 हो गया है। इस तरह बीते डेढ़ वर्ष में प्रदेश के सिंचाई क्षेत्र में 7.50 लाख हेक्टेयर की वृद्धि हुई है। इसमें जल संसाधन विभाग द्वारा 2.39 और नर्मदा घाटी विकास विभाग 5.11 लाख हेक्टेयर सिंचाई क्षेत्र बढ़ाने में सफलता प्राप्त की गई है। बताया गया कि प्रदेश में आगामी पांच वर्ष में 200 करोड़ से अधिक लागत की 38 सिंचाई परियोजनाएं पूरी हो जाएंगी, जिसके फलस्वरूप 17 लाख 33 हजार 791 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई क्षेत्र का विस्तार होगा। इस वर्ष 2 लाख हेक्टेयर से अधिक सिंचाई क्षेत्र बढ़ेगा, जो मोहनपुरा बांयीतट परियोजना जिला राजगढ़, चंदेरी सूक्ष्म सिंचाई परियोजना जिला अशोकनगर, पंचमनगर सिंचाई परियोजना जिला दमोह एवं सागर, त्योंथर बहाव योजना जिला रीवा और घोघरी मध्यम परियोजना जिला बैतूल के माध्यम से संभव होगा। बैठक में जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट, मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव जल संसाधन एवं नर्मदा घाटी विकास डॉ. राजेश राजौरा सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।  

मुख्यमंत्री के निर्णय से युवाओं में खासा उत्साह, आगामी वर्ष से पुलिस में भर्तियां करेगा पुलिस भर्ती बोर्ड

भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था और सिंहस्थ-2028 के दृष्टिगत आगामी 3 वर्षों में पुलिस विभाग में 22500 पदों पर भर्ती की जाएगी। अभी तक पुलिस विभाग में भर्तियां कर्मचारी चयन मंडल द्वारा होती हैं। पुलिस को जल्द से जल्द मानव संसाधन उपलब्ध कराने के लिए अब मध्यप्रदेश पुलिस भर्ती बोर्ड' का गठन किया जाएगा और यही बोर्ड पुलिस की भर्तियां करेगा। इससे पुलिस भर्ती में तेजी, पारदर्शिता और परफेक्शन आएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव की घोषणा से युवाओं में खासा उत्साह है और वे इसके लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दे रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. ने कहा कि वर्ष 2025 के लिए पुलिस में स्वीकृत पदों की भर्ती 'मध्य प्रदेश पुलिस भर्ती बोर्ड' की ओर से 'कर्मचारी चयन मंडल' करेगा। वर्ष 2026 से ये भर्तियां 'पुलिस भर्ती बोर्ड' द्वारा ही की जाएंगी। प्रतिवर्ष पुलिस के रिक्त 7500 पदों पर भर्ती की जाएगी और इस प्रकार आगामी 3 वर्ष में पुलिस विभाग के सभी रिक्त 22,500 पद भर दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि गृह विभाग से जुड़ी सभी सेवाओं के आधुनिकीकरण एवं भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए शीघ्र ही गृह एवं वित्त विभाग की संयुक्त बैठक कर सभी लंबित मामलों का समुचित समाधान कर लिया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पुलिस, जेल और नगर सेवा एवं सुरक्षा तीनों विभागों के शहीदों की विधवाओं और बच्चों के लिए स्नातक स्तर के सभी पाठ्यक्रमों में विभिन्न प्राथमिकता श्रेणियां में एक अतिरिक्त सीट पर आरक्षण दिये जाने की घोषणा भी की है। वीवीआइपी ड्यूटी में तैनात सुरक्षा कर्मचारियों सहित उप पुलिस अधीक्षक और इससे उच्च अधिकारियों को भी पात्रता अनुसार निर्धारित विशेष भत्ता एवं जोखिम भत्ता दिये जाने का निर्णण भी लिया गया है। पुलिस विभाग को दी जा रही इन सहुलियतों से विभाग की कार्यप्रणाली में सक्रियता आयेगी और अधिकारी एवं कर्मचारियों का मनोबल बढ़ेगा, जिससे प्रदेश में कानून-व्यवस्था मजबूत होगी और आमजन को सुरक्षा कवच मिलेगा।