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गीता भवन निर्माण को बढ़ावा, नगरीय निकायों में जमीन सिर्फ 1 रुपये में उपलब्ध कराएगी सरकार

भोपाल  कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद अब नगरीय प्रशासन ने प्रदेशके नगरीय निकायों में गीता भवन बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। पहले चरण में उन निकायों में इनका निर्माण होगा जहां जमीन उपलब्ध है। विभाग ने सभी निकायों से जमीन की जानकारी मांगी है। जिनके पास जमीन उपलब्ध नहीं है उन्हें सरकार एक रुपए में जमीन देगी। इनका निर्माण पीपीपी मोड पर होगा। इन्हें सामाजिक, सांस्कृतिक और शैक्षणिक केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके लिए यहां बड़े हॉल के साथ लायब्रेरी भी होगी। इससे वहां छात्र भी बैठकर अध्ययन कर सकेंगे। यहां ई-लायब्रेरी की भी व्यवस्था की जाएगी। फैक्ट फाइल     413 निकायों में बनाए जाएंगे गीता भवन     सामाजिक-सांस्कृतिक केंद्र के साथ ही युवाओं की शिक्षण गतिविधियों के लिए लायब्रेरी भी होंगी पांच साल में सारे भवन बनाने का लक्ष्य मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव(CM Mohan Yadav) ने सभी नगरीय निकायों में गीता भवन बनवाने की घोषणा की थी। इसके बाद इन पर काम शुरू हुआ है। नगरीय विकास विभाग ने सभी 413 निकायों में पांच साल में गीता भवन बनाने का लक्ष्य तय किया है। इसके लिए जिन निकायों में जमीन उपलब्ध है वहां निर्माण के लिए जल्द एजेंसी तय करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी ताकि निर्माण कार्य जल्दी शुरू हो सके। आबादी से तय होगा भवन का आकार योजना के अनुसार 5 लाख से ज्यादा जनसंख्या वाले नगर निगमों में 1500 बैठक क्षमता के भवन बनाए जाएंगे। 5 लाख तक की जनसंख्या वाले नगर निगमों में 1 हजार की बैठक क्षमता वाला गीता भवन तैयार किया जाएगा। कुछ छोटी नगर पालिकाओं में 500 की बैठक क्षमता के गीता भवन भी तैयार किए जाएंगे। इन्हें भविष्य की जरूरतों के अनुसार भी तैयार किया जाएगा तो आबादी बढ़ने पर भी यह उपयोगी रहें। कमर्शियल स्पेस भी होगा गीता भवन का जो निजी डेवलपर विकास करेगा उसे उसके बदले कुछ कमर्शियल स्पेस उपलब्ध कराया जाएगा। नगरीय निकाय की भी कुछ दुकानें होंगी। इनके किराए से मेंटेनेंस का प्रबंध होगा। यहां साहित्य सामग्री बिक्री केन्द्र भी रहेगा। गीता भवन में कैफेटेरिया-स्वल्पाहार गृह की सुविधा भी होगी। यहां लायब्रेरी में पढ़ने वालों के लिए एसी, पंखे और ठंडे पानी की व्यवस्था रहेगी। ऑडीटोरियम में प्रवचन, सामाजिक, सांस्कृतिक आयोजन हो सकेंगे।

स्वदेशी वस्तुओं की खरीदी करेंगे मुख्यमंत्री डॉ. यादव

जीएसटी की दरों में कटौती के बारे में व्यापारियों को देंगे जानकारी भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सोमवार (22 सितंबर को) भोपाल के ऐतिहासिक 'चौक बाजार में' नेक्स्ट जेनरेशन जीएसटी के प्रचार अभियान में शामिल होंगे। कार्यक्रम का शुभारंभ दोपहर 2:30 बजे भवानी मंदिर, सोमवारा चौक पर होगा, जहां मुख्यमंत्री डॉ. यादव के जीएसटी प्रचार अभियान का स्वागत किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव शारदीय नवरात्र की घट स्थापना अवसर पर यहां कर्फ़्यू वाली माता मंदिर में दर्शन-पूजन कर शुभाशीष प्राप्त करेंगे। इसके बाद मुख्यमंत्री डॉ. यादव चौक बाजार में ही पुलिस चौकी से दीपाली साड़ी प्रतिष्ठान तक पैदल भ्रमण करेंगे। इस दौरान मुख्यमंत्री बाजार में खरीददारी करने आये ग्राहकों और व्यापारियों से जीएसटी के बारे में चर्चा करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव व्यापारियों को जीएसटी रेजोल्यूशन की प्रतियां वितरित करेंगे और व्यापारियों को समझाइश देकर जीएसटी को लेकर उनकी जिज्ञासाओं का समाधान भी करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव प्रचार अभियान के दौरान स्वदेशी हैंडलूम्स और खादी कपड़े से बने परिधानों की खरीददारी करेंगे। साथ ही विभिन्न भुगतान माध्यमों के बारे में जानकारी देकर आमजन को डिजिटल पेमेंट प्रणाली अपनाने का संदेश भी देंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव अपरान्ह 3 बजे श्री मोतीलाल मन्नूलाल धर्मशाला पहुंचेंगे, जहां वे व्यापारिक, वाणिज्यिक एवं सामाजिक संगठनों के करीब 300 प्रतिनिधियों से रूबरू होकर संवाद करेंगे। संवाद के दौरान केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी की दरों में कटौती किए जाने से क्रेता-विक्रेता को होने वाले लाभों की जानकारी दी जायेगी।  

डॉ. यादव ने जताई सरकार की प्रतिबद्धता: जनता के लिए विकास और सुरक्षा सर्वोपरि

भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने वरिष्ठ नेताओं और मंत्रियों की उपस्थिति में सेवा पखवाड़ा के संबंध में हुई बैठक में कहा कि  राज्य सरकार विकास, जनकल्याण और सुराज के लिए प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस 17 सितंबर से प्रदेश में सेवा पखवाड़ा का आयोजन किया जा रहा है। प्रदेश में अब सेवा पखवाड़ा की गतिविधियो ंको सत्ता और संगठन मिलकर तेज गति देंगे। इसको लेकर शनिवार को मुख्यमंत्री निवास में बैठक हुई।  बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि राज्य सरकार विकास, जनकल्याण और सुराज के लिए प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में 17 सितंबर से सेवा पखवाड़ा आरंभ किया गया है। साथ ही आमजन को जीएसटी  रिफॉर्म्स के लाभ दिलाने तथा आत्मनिर्भर भारत संकल्प अभियान के अंतर्गत जन-जन को स्वदेशी अभियान में शामिल करने के उद्देश्य से भी गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। अभियान में आमजन की सक्रिय भागीदारी से सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास और सबका प्रयास तथा वोकल फॉर लोकल की भावना के अनुरूप गतिविधियां जारी हैं।  मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रत्येक वार्ड और ग्राम स्तर तक गतिविधियों का प्रभावी व्यवस्थित और समयबद्ध क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि 'स्वच्छता ही सेवा अभियान', 'एक बगिया मां के नाम' और 'एक पेड़ मां के नाम' के अंतर्गत पौधरोपण, नमो पार्क तथा नमो उपवन विकसित करने, विद्यालय स्तर पर खेल प्रतियोगिताओं के आयोजन, जनसामान्य को स्थानीय उत्पादों और हस्तशिल्प सामग्री खरीदने के लिए प्रोत्साहित करने जैसी गतिविधियां जनभागीदारी से संचालित की जा रही हैं। विद्यालयों और महाविद्यालयों में 'विकसित भारत' थीम पर निबंध, वाद-विवाद और चित्रकला प्रतियोगिताएं तथा संगोष्ठियां भी हो रही हैं। बैठक में उप मुख्यमंत्री  जगदीश देवड़ा, उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री  प्रहलाद सिंह पटेल, लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह, प्रदेश अध्यक्ष एवं विधायक हेमंत खण्डेलवाल सहित शिवप्रकाश और हितानंद शर्मा उपस्थित थे।  

क्या बिहार में गेमचेंजर साबित होंगे MP के CM मोहन यादव? जानिए BJP का सियासी दांव

भोपाल  बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच सियासी जंग जारी है. इसी कड़ी में बीजेपी ने नई रणनीति अपनाते हुए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को बिहार में उतारा है. जानकारों का मानना है कि इस कदम का मुख्य लक्ष्य यादव वोट बैंक पर सीधी पकड़ बनाना, लालू यादव की विरासत को चुनौती देना और एनडीए की पकड़ मजबूत करना है.  14 सितंबर को मोहन यादव पटना पहुंचे और यादव महासभा के बड़े आयोजन में शामिल हुए, जहां कई बड़े नेता भी मौजूद रहे. यह कदम BJP के “एमवाई समीकरण” (मुस्लिम-यादव) को तोड़ने और यादव समुदाय को साधने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है. यादव समाज को साधने की कोशिश! डॉ. मोहन यादव के पटना दौरे के दौरान BJP ने यादव समाज को जोड़ने के लिए बड़े पैमाने पर कार्यक्रम किया. इस आयोजन में ओबीसी आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष हंसराज अहीर, बिहार विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव, छत्तीसगढ़ के मंत्री गजेंद्र यादव, पूर्व केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव और विधायक संजीव चौरेसिया जैसे नेताओं ने मंच साझा किया. एनडीटीवी के रिपोर्ट के अनुसार, इस सांस्कृतिक कार्यक्रम में भगवान कृष्ण पर केंद्रित प्रस्तुतियां हुईं, जिससे राजनीतिक संदेश भी दिया गया. बिहार की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत पर जोर अपने संबोधन में मोहन यादव ने बिहार की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत को बीजेपी के चुनावी एजेंडे से जोड़ा. उन्होंने सम्राट अशोक, पाटलिपुत्र, अवंतिका (उज्जैन) और भोजपुर भाषा के साझा रिश्ते का जिक्र कर बिहार- मध्यप्रदेश की कड़ी बताई. उन्होंने कहा कि बिहार भगवान कृष्ण से जुड़ा राज्य है और यहां भगवान कृष्ण के पुत्र ने सूर्य मंदिर बनवाया था. साथ ही उन्होंने बुद्ध, जैन धर्म के तीर्थंकरों और चाणक्य-नालंदा-तक्षशिला की परंपरा का हवाला दिया. यह बयान स्पष्ट रूप से यादव समुदाय और बिहार की धार्मिक-सांस्कृतिक चेतना से जुड़ाव दिखाने के लिए था. एमवाई वोट बैंक पर बीजेपी की नजर! भाजपा का यह कदम सीधे तौर पर यादव वोट बैंक को साधने के लिए है, जो अब तक लालू यादव के आरजेडी के प्रभाव में माना जाता रहा है. डॉ. मोहन यादव ने राम मंदिर के मुद्दे, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व क्षमता और खुद को “साधारण कार्यकर्ता” बताकर यादव परिवार की वंशवादी राजनीति पर हमला किया. इससे पहले भी उन्होंने निसादराज सम्मेलन कर मछुआरा समुदाय को जोड़ने की कोशिश की थी, जो बिहार की करीब 45 सीटों पर असर डालता है.

रतलाम SP को चेतावनी देते हुए CM बोले- ‘अगर नहीं बन पा रहा तो छोड़ दो’

रतलाम अतिवृष्टि से खराब हुई फसलों को देखने व किसानों से संवाद के लिए 12 सितंबर को रतलाम के सैलाना क्षेत्र में आए सीएम डॉ. मोहन यादव एसपी अमित कुमार पर नाराज हो गए। खेत में किसानों से चर्चा के दौरान सामने आई मीडियाकर्मियों व ग्रामीणों की भीड़ पर सीएम ने एसपी को फटकार लगा दी। दरअसल सीएम करिया रोड पर किसानों से बात करने के लिए उतरे और खेत में गए। यहां मीडिया व ग्रामीणों की भीड़ आने पर सीएम ने सभी को पीछे हटने को कहा और कुछ देर तक सभी को पीछे करने के बाद जब किसानों से चर्चा शुरू की तो फिर से भीड़ जमा हो गई। इस पर सीएम डॉ. यादव ने पूछा कि एसपी कहां है।   एसपी अमित कुमार के आने पर नाराज होकर सीएम बोले कि सब मैं ही कर लूं क्या, छोड़ो फिर सब। इसके बाद एसपी को व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए। साथ चल रहे जावरा विधायक डॉ. राजेंद्र पांडेय किसानों को समझाइश देते रहे कि आपके लिए ही आएं हैं। इधर, रतलाम कलेक्ट्रेट में बैठे किसान, बोले- बगैर सर्वे मुआवजा दो अतिवृष्टि और पीले मौजेक रोग से फसलों के नुकसान की भरपाई की मांग को लेकर किसानों ने शुक्रवार को कलेक्ट्रेट पर जोरदार प्रदर्शन किया। करनी सेना परिवार प्रमुख जीवन सिंह शेरपुर के नेतृत्व में बड़ी संख्या में किसान कृषि उपज मंडी से रैली निकालकर कलेक्ट्रेट पहुंचे और मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम आर्ची हरित को ज्ञापन सौंपा। जीवन सिंह शेरपुर ने चेतावनी दी कि यदि किसानों की मांगें नहीं मानी गई तो प्रदेशव्यापी आंदोलन किया जाएगा। प्रदर्शन के दौरान बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। किसानों ने आरोप लगाया कि क्षेत्र में पटवारी सही आकलन नहीं कर रहे और केवल 70 प्रतिशत नुकसान का सर्वे किया जा रहा है, जबकि फसलें पूरी तरह बर्बाद हो चुकी हैं। सर्वे में समय बर्बाद न कर सीधे खातों में मुआवजा राशि जमा की जाए। किसान नेता संजयराम पाटीदार ने बताया कि ग्रामीणों को नकली दवाईयां बेची गई। जिससे कई किसानों को नुकसान हुआ, लेकिन संबंधित पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। शेरपुर ने भी अधिकारियों पर दुकानदारों से सांठगाठ का आरोप लगाया।

CM मोहन यादव का तोहफा: 7832 टॉपर्स को स्कूटी सहित पुरस्कार, बच्चों में खुशी की लहर

भोपाल  मध्य प्रदेश के स्कूली बच्चों के लिए 11 सितंबर का दिन बेहद खास रहा. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 7832 बच्चों को स्कूटी गिफ्ट में दी. इसके साथ ही सीएम डॉ. यादव ने सेनिटेशन-हाइजीन योजना के तहत 20 लाख से ज्यादा बच्चियों को 61.12 करोड़ से ज्यादा और कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय योजना के तहत 20 हजार से ज्यादा बच्चियों को 7 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की. इतना ही नहीं उन्होंने एक बच्ची की स्कूटी पर पीछे बैठकर स्कूटी राइड का आनंद भी उठाया. इसके बाद प्रदेश के मुखिया ने बच्चों को गाड़ी सावधानी से चलाने, लाइसेंस बनवाने और नंबर प्लेट लगवाने की सलाह भी दी. दूसरी ओर, स्कूटी पाकर बच्चों के चेहरे खिल गए.उन्होंने इस गिफ्ट के लिए सीएम डॉ. मोहन यादव को धन्यवाद दिया. इस मौके पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में बच्चों के लिए बेहतर भविष्य के अवसर बन रहे हैं. प्रदेश के विद्यार्थियों को स्कूटी, लैपटॉप, साइकिल, कॉपी-किताबें सहित अनेक सौगातें मिल रही हैं. आज स्कूल शिक्षा विभाग के माध्यम से 12वीं बोर्ड परीक्षा में स्कूल के टॉपर रहे 7832 बच्चों को स्कूटी दी गई है. वर्तमान में विश्व में भारत का समय चल रहा है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी स्वदेशी और आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए संकल्पित हैं. भारतीयों ने हर मुश्किल परिस्थिति में अपनी क्षमता के माध्यम से दुनिया में पहचान बनाई है. बदलते दौर में भारत सरकार नई तकनीक को प्रोत्साहित कर रही है. दुनिया भारत की ओर आशा भरी निगाहों से देख रही है. दुनिया का बड़े से बड़ा मंच प्रधानमंत्री मोदी की गैर-मौजूदगी से सूना महसूस करता है. पड़ोसी देश पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री भी कहते हैं कि काश, मोदी हमारे देश के भी प्रधानमंत्री होते. आज भारत अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में प्रगति कर रहा है. प्रधानमंत्री मोदी हर स्थिति में वैज्ञानिकों के साथ हैं. मध्यप्रदेश में हो रहे बड़े काम सीएम डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में कभी सरकारी स्कूलों की स्थिति बहुत दयनीय थी. इनमें बच्चों के लिए बुनियादी सुविधाओं का अभाव रहता था. अब शहर-शहर में सांदीपनि विद्यालय की स्थापना हो रही है. कांग्रेस की सरकार ने बच्चों को कभी पेन तक नहीं दिया. कांग्रेस के लोग शर्म करें कि इजरायल और जापान हमारे साथ आजाद हुए. लेकिन, आज दोनों देश कहां पहुंच गए? शिक्षा के क्षेत्र में भी बड़े पैमाने पर कार्य हुआ. राज्य सरकार मध्यप्रदेश में सिंचाई क्षेत्र को विस्तार देने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. सिंचाई का क्षेत्र 52 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है. विश्व का पहला नदी जोड़ो अभियान केन बेतवा लिंक परियोजना बुंदेलखंड की धरती पर शुरू हुई है. इसकी आधारशिला प्रधानमंत्री मोदी ने रखी थी. नौकरी करने वाले नहीं, देने वाले बनें मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने वर्ष 1923 में आईसीएस की परीक्षा में शीर्ष स्थान प्राप्त किया था. लेकिन, उन्होंने नौकरी नहीं की. वे अंग्रेजों को मुंहतोड़ जवाब देकर देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़े. आज भारत में लोकतंत्र की खूबसूरती ये है कि कोई भी व्यक्ति देश और राज्य का सर्वोच्च पद प्राप्त कर सकता है. मैं भी प्रधानमंत्री मोदी की तरह गरीब परिवार और मुश्किल वक्त से निकला हूं. सरकार बच्चों को इस स्कूटी पर बैठ कर आगे बढ़ते देखना चाहती है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पिछले 15 साल में 1300 करोड़ राशि से 5 लाख से अधिक विद्यार्थियों को लैपटॉप दिए. लगभग 3000 करोड़ राशि से 1 करोड़ से अधिक साइकिलें वितरित की गईं. वहीं, 250 करोड़ राशि से 23 हजार से अधिक विद्यार्थियों को स्कूटी दी जा चुकी है.   सीएम ने कहा कि बदलते दौर में प्रदेश के युवा नौकरी करने वाले नहीं, नौकरी देने वाले बनें, इसके लिए राज्य सरकार औद्योगीकरण का अभियान चला रही है. प्रधानमंत्री मोदी 17 सितंबर को धार आ रहे हैं. जहां वे बदनावर में देश के पहले पीएम मित्र पार्क का शिलान्यास करेंगे. इससे पूर्व प्रधानमंत्री मोदी फरवरी 2025 में भोपाल आए थे. उस वक्त जीआईएस में प्रदेश को 30 लाख 77 हजार करोड़ रुपए का बड़ा निवेश मिला था. बच्चों के लिए जश्न का दिन स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा कि आज स्कूल शिक्षा विभाग के बच्चों के लिए जश्न का दिन है. मुख्यमंत्री डॉ. यादव सदैव बच्चों का उत्साहवर्धन करते हैं. राज्यस्तरीय स्कूटी वितरण कार्यक्रम में प्रदेश के सभी जिलों के छात्र और अधिकारी जुड़े हुए हैं. युवाओं के रोजगार के लिए मुख्यमंत्री निरंतर प्रयासरत हैं. प्रदेश में उद्योगों को विस्तार देने के लिए हर संभव कोशिश जारी है. खेल-सहकारिता मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार बहुत तेज गति से कार्य कर रही है. गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और बेहतर स्वास्थ्य से ही अच्छे समाज का निर्माण किया जा सकता है. हाइजीन और स्टेशनरी के लिए भी मिली राशि कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने समग्र शिक्षा की सेनिटेशन-हाइजीन योजना अंतर्गत कक्षा 7वीं-12वीं की 20 लाख 37 हजार 439 बच्चियों को 61.12 करोड़ रुपये डीबीटी के माध्यम से दिए. इस योजना के तहत सरकारी स्कूलों की कक्षा सातवीं से 12वीं तक की बच्चियों को स्वास्थ्य स्वच्छता के लिए 300 रुपये की राशि हर साल दी जाती है. इसके अलावा सीएम डॉ. मोहन ने 20 हजार 100 बच्चियों के बैंक खातों में 7 करोड रुपये की राशि भी ट्रांसफर की. बता दें, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय टाइप (IV) योजना अंतर्गत हॉस्टल में रह रहीं बच्चियों को टी.एल.एम और स्टायपंड के लिए हर बच्ची को 3400 रुपये हर साल दिए जाते हैं.

CM मोहन यादव ने लिया बड़ा फैसला: मंत्री-विधायकों के काम का करेंगे सटीक मूल्यांकन

भोपाल. मध्य प्रदेश के मंत्री-विधायकों ने दिसंबर 2023 में सरकार बनने के बाद 20 महीने में क्या काम किए, इसका हिसाब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव लेंगे। वह मंत्रियों के साथ वन-टू-वन बैठक करेंगे और विभागवार उनके कामकाज की समीक्षा करेंगे। इसी के आधार पर मंत्रियों के प्रदर्शन का आकलन किया जाएगा। मंत्रिमंडल के अगले विस्तार में इसी के आधार पर मंत्रियों का भविष्य भी तय होगा। डॉ. मोहन यादव द्वारा अक्टूबर में मंत्रियों के साथ बैठकों का दौर शुरू करने की तैयारी है। विधायकों का काम देखेंगे सीएम इसमें मंत्रियों को विभागवार कामकाज की जानकारी प्रस्तुत करने के लिए भी कहा गया है। इसी तरह मुख्यमंत्री विधायकों का कामकाज भी देखेंगे। विधायकों को चार साल का रोडमैप बनाने के लिए कहा गया था। उन्होंने अपनी विधायक निधि का जनकल्याण में कितना उपयोग किया, इसकी रिपोर्ट भी तैयार की गई है। यह भी मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी। सीएम ने पहले भी तैयार कराई थी रिपोर्ट तैयार बता दें, डा. मोहन यादव ने पहले भी मंत्रियों के कार्य प्रदर्शन की एक रिपोर्ट तैयार कराई थी, जो केंद्रीय नेतृत्व को भेजी गई। हाल ही में भोपाल में भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष को भी यही रिपोर्ट दिखाई गई थी। गांव में रात्रि विश्राम और चौपाल की जानकारी भी ली जाएगी मुख्यमंत्री मंत्रियों से यह भी पूछेंगे कि उन्होंने कितने गांवों में रात्रि विश्राम किया और चौपाल लगाई। प्रभार के जिलों में प्रति माह दौरा कर रहे हैं या नहीं। यह भी देखा जाएगा कि मंत्रियों का अपने प्रभार के जिलों में अधिकारियों के साथ तालमेल कैसा है। पार्टी के दृष्टिकोण से यह भी देखा जाएगा कि संगठन के कामकाज में उनकी सहभागिता कैसी है। केंद्र से मिले अभियानों को सफल बनाने में कितने मंत्रियों का प्रदर्शन अच्छा रहा। इसके अलावा मंत्रियों से आमजन व पार्टी कार्यकर्ता की संतुष्टि के बारे में भी जानकारी लेकर इस पर चर्चा की जाएगी। मंत्रिमंडल विस्तार के भी संकेत डा. मोहन यादव जिस तरह से मंत्रियों के कामकाज पर नजर बनाए हुए हैं, उससे मंत्रिमंडल विस्तार के संकेत मिल रहे हैं। मंत्रिमंडल विस्तार होता है तो क्षेत्रीय संतुलन साधने के हिसाब कुछ पूर्व मंत्रियों को फिर मौका दिया जा सकता है। बता दें, रामनिवास रावत के चुनाव हारने और इस्तीफे के बाद मुख्यमंत्री सहित 31 मंत्री हैं। नियमानुसार 35 मंत्री हो सकते हैं।

बाढ़ प्रभावित किसानों के लिए राहत की बड़ी खबर: CM यादव ने तुरंत भेजे 20 करोड़ रुपए

भोपाल मध्यप्रदेश की सरकार हर संकट में किसानों के साथ खड़ी है। इस स्पष्ट संदेश के साथ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 6 सितंबर को अतिवृष्टि-बाढ़ से क्षतिग्रस्त फसलों के लिए राहत राशि का वितरण किया। उन्होंने एक क्लिक के माध्यम से किसानों को 20 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए। मध्यप्रदेश सरकार साल 2025-26 तक 188 करोड़ 52 लाख रुपये आपदा प्रभावित लोगों को ट्रांसफर कर चुकी है। प्रदेश सरकार का कहना है कि इन दिनों मौसम असंतुलित हो गया है। इसलिए सरकार किसानों की हर संभव मदद के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश सरकार का मानना है कि किसानों की मुस्कान ही राज्य की ताकत है। गौरतलब है कि सीएम डॉ. मोहन यादव ने मुख्यमंत्री निवास के समत्व भवन से कई जिलों के किसानों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर बात की। उन्होंने किसानों से उनका हालचाल जाना और सरकार का संकल्प दोहराया। उन्होंने कहा कि किसानों के जीवन में मौसम की मार से परेशानी आई है। इस परेशानी का सरकार ने समाधान कर दिया है। खेतों में किसान और सीमा पर जवान दोनों आंधी-तूफान और कष्टों के बीच अपनी मौजूदगी से, मेहनत से, जान की बाजी लगाकर देश के लोगों की सेवा करते हैं। प्रदेश में कहीं-कहीं बहुत ज्यादा बारिश हुई और कहीं-कहीं कम बारिश भी हुई। इस असंतुलन की कीमत हमें थोड़ी-थोड़ी चुकानी पड़ रही है। सरकार हर परेशानी में किसान के साथ है। हमारी सरकार बाढ़ के दौरान भी जनता के बीच गई। सरकार किसानों के हर संकट में साथ खड़े रहने के लिए प्रतिबद्ध है। किसानों को सरकार पर पूरा भरोसा सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि आज 11 जिलों के 12 हजार हेक्टेयर से ज्यादा बड़े क्षेत्र में 17500 भाई-बहनों को सिंगल क्लिक के माध्यम से 20 करोड़ रुपये की राशि दे रहे हैं। किसान हमारी सरकार पर पूरा भरोसा करता है। किसानों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पूरा भरोसा है। उनके नेतृत्व में हमारी सरकार लगातार जनकल्याण के काम कर रही है। इससे पहले हमने 30 करोड़ की राहत राशि ट्रांसफर की थी। 2025-26 में अभी तक 188 करोड़ 52 लाख रुपये की सहायता राशि वितरित की जा चुकी है। मिलकर आपदा से मुकाबला करेंगे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मैं हर किसान को आश्वासन देना चाहता हूं कि संकट की घड़ी में हमारी सरकार सदैव आपके साथ खड़ी है। किसानों की मुस्कान ही मध्यप्रदेश की ताकत है। किसान अपनी मेहनत से एक फिर जीवन के मैदान में उतरेंगे। हमें आशा है कि अगली फसल इस नुकसान की भरपाई कर देगी। हम सब मिलकर इस आपदा से मुकाबला करेंगे। किसान कभी हार नहीं मानता, वह जीवटता के साथ आने वाले कल की तैयारी करता है। आइए हम सब मिलकर एक बार फिर कामना करें कि एक बार फिर धरती माता हमारे अन्न के भंडार भरेगी।

CM मोहन यादव ने शिक्षक दिवस पर दिया गुरुओं को स्पेशल सरप्राइज, जानें क्या था गिफ्ट

भोपाल  ‘भारतीय परंपरा में अनंत काल से ध्यान का आधार गुरु का स्वरूप, पूजा का आधार गुरु के चरण, मंत्र का आधार गुरु के वचन और मोक्ष का आधार गुरु की कृपा है. प्रचीन काल में गुरु ही भविष्य के लिए शासक तैयार करते थे. जिस प्रकार महर्षि विश्वामित्र जी भगवान श्री राम और लक्षमण को अपने साथ ले गए और उन्हें शस्त्र और शास्त्रों का ज्ञान देकर राक्षसों का नाश कराया. इसी प्रकार कंस का वध करने के बाद भगवान श्रीकृष्ण उज्जैन में महर्षि सांदीपनि आश्रम पहुंचे और अनेक लीलाएं कीं.’ यह बात मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 5 सितंबर को शिक्षक दिवस पर भोपाल में कही. सीएम डॉ. यादव आरसीव्हीपी नरोन्हा प्रशासन अकादमी में आयोजित राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह 2025 को संबोधित कर रहे थे. इस मौके पर राज्यपाल मंगुभाई पटेल भी मौजूद थे. कार्यक्रम में सीएम डॉ. यादव ने सरकारी स्कूलों के कक्षा 1 से 8 तक के 55 लाख विद्यार्थियों के खातों में स्कूल यूनिफॉर्म के लिए 330 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए. इस मौके पर सीएम डॉ. यादव ने शिक्षकों को चौथे वेतनमान की सौगात भी दी. कार्यक्रम में प्रदेश के शिक्षकों का सम्मान भी किया गया. शिक्षकों के सम्मान का महान दिन मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि एआई के युग में आप मशीनें तो अच्छी से अच्छी बना सकते हैं, लेकिन संस्कार केवल गुरु ही दे सकते हैं. हजारों सालों से भारतीय संस्कृति ने संस्कारों के माध्यम से समाज को दिशा प्रदान की है, शिक्षा के क्षेत्र में तक्षशिला और नालंदा की भूमिका को कौन भूल सकता है. भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने अपने जन्मदिवस को शिक्षक दिवस और उनके सम्मान के रूप में मनाने की बात कही थी, तब से देश में 5 सितंबर को शिक्षकों का सम्मान किया जाता है. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि आदि शंकराचार्य का जीवन भी मध्यप्रदेश आकर ही बदला था. ओंकारेश्वर की धरती ने उन्हें शंकराचार्य बनाया. बच्चों को बड़ी भूमिका के लिए करें तैयार कार्यक्रम में राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि सोशल मीडिया के दौर में पारिवारिक माहौल भी बदल रहा है. ऐसे में बच्चों को अनुशासित रखना आवश्यक है. शिक्षक स्कूल में और अभिभावक घर में अनुशासन का ध्यान रखें. इससे बच्चों के मन में बड़ों के प्रति आदर का भाव आएगा. समाज में शिक्षकों का सम्मान होना चाहिए. पिछले दिनों राजधानी में शिक्षकों की एक गोष्ठी हुई. इसमें बच्चों में आत्महत्या की घटनाएं बढ़ने जैसे गंभीर विषय पर विचार-विमर्श हुआ. पति-पत्नी बच्चों के सामने झगड़ा न करें. हमारे शिक्षक और अभिभावकों की जिम्मेदारी है कि बच्चों को ऐसा माहौल दें, जिससे वे भावनात्मक रूप से मजबूत हों. जीवन में छोटी-मोटी कठिनाइयां आने पर हार न मानें और 2047 के विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें. स्कूली बच्चों-शिक्षकों के खिले चेहरे गौरतलब है कि मध्यप्रदेश सरकार ने आज 55 लाख बच्चों को स्कूल यूनिफॉर्म के लिए 330 करोड़ रुपये दिए. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश में सांदीपनि विद्यालय खोले जा रहे हैं. हमारे सरकारी स्कूलों का परिणाम निजी स्कूलों से बेहतर रहा है. यह परिणाम 15 साल में सबसे अच्छा रहा है. शिक्षकों को चौथे वेतनमान की सौगात मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षकों को चौथे वेतनमान की सौगात देते हुए कहा कि सरकार शैक्षणिक संवर्ग के सहायक शिक्षक, उच्च शिक्षक, नवीन शैक्षणिक संवर्ग के प्राथमिक शिक्षक, माध्यमिक शिक्षकों को चतुर्थ कार्यमान वेतनमान दिया जाएगा. इससे प्रदेश के 1 लाख 50 हजार शिक्षक लाभान्वित होंगे. इसके लिए कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाएगा और 2025-26 से शिक्षकों को चौथे वेतनमान की सौगात मिलेगी. इससे सरकार पर 117 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार आएगा.  

पीएम मित्रा पार्क बनेगा टेक्सटाइल सेक्टर का गेमचेंजर, मध्य प्रदेश को मिलेगी वैश्विक पहचान

भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि हम सब बदलते दौर के साथी हैं। उम्मीदों और अवसरों का विराट क्षितिज हमारे सामने है। अपने सुनहरे भविष्य के निर्माण के लिए निवेश का एक स्वर्णिम अवसर आप सबके सामने है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने निवेशकों से आग्रह किया कि वे बेहिचक मध्यप्रदेश में पूंजी लगाएं। निवेश आपका, बिजनेस आपका, प्रॉफिट भी आपका और सरकार की सभी सुविधाएं भी आपके लिए ही हैं। उन्होंने निवेशकों को विश्वास दिलाते हुए कहा कि आप सभी अपने कारोबार में आगे बढ़ें, आपके व्यापार-व्यवसाय की सफलता की गारंटी हमारी सरकार है। मध्यप्रदेश पूंजी निवेश के लिए देश का मॉडल स्टेट बन रहा है। शीघ्र ही धार के पीएम-मित्रा पार्क का भूमि-पूजन होगा। यह पार्क भारत को विश्व की टेक्सटाइल केपिटल बनाने की दिशा में निर्णायक कदम है। हम मिलकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वदेशी अभियान अंतर्गत मेक इन इंडिया और विकसित भारत के संकल्प को साकार करेंगे।   मुख्यमंत्री डॉ. यादव बुधवार को नई दिल्ली के होटल आईटीसी मौर्या में मध्यप्रदेश के धार स्थित पीएम-मित्रा पार्क में इन्वेस्टमेंट अपॉर्च्युनिटीज के इंटरैक्टिव सेशन को संबोधित कर रहे थे। इंटरैक्टिव सेशन में केंद्रीय वस्त्र मंत्री गिरिराज सिंह भी मौजूद रहे। सेशन में देश के टेक्सटाइल सेक्टर के बिजनेस टायकून्स, कॉमर्शियल हाउसेस और इन्वेस्टर्स शामिल हुए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने धार जिले के बदनावर के समीप स्थापित होने वाले पीएम-मित्रा पार्क में निवेश की अपार संभावनाओं पर कपड़ा उद्योग से जुड़े विभिन्न उद्योगपतियों से विचार-विमर्श भी किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पीएम-मित्रा पार्क युवाओं के लिए रोजगार और प्रदेशों के आर्थिक विकास के लिए अहम सिद्ध होगा। धार पीएम-मित्रा पार्क में 15 कंपनियों ने दिखाई रूचि मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि आज दिल्ली में हुए इंटरैक्टिव सेशन में शामिल उद्योगपतियों ने मध्यप्रदेश में टेक्सटाइल सेक्टर में निवेश की रूचि दिखाई है। इससे 15 बड़ी कंपनियों से 12,508 करोड़ रूपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए है। इनमें लगभग 18 हजार से अधिक रोजगार सृजित होने की संभावना है। निवेश करने वाली कंपनियों में ट्राइडेंट ने 4500 करोड़ रूपये, ए.बी. कॉटस्पिन इंडस्ट्री ने 1300 करोड़ रूपये, अरविंद मिल्स ने 1024 करोड़ रूपये, सनातन टेक्सटाइल्स ने 1000 करोड़ रूपये, बीएसएल सदस्यों ने 1000 करोड़ रूपये, बेस्ट कॉर्पोरेशन तिरूपुर ने 832 करोड़ रूपये, शर्माजी यार्न प्रा. लि. ने 800 करोड़ रूपये, आरएसवीएम (एलएनजे भीलवाड़ा) ने 700 करोड़ रूपये, आर. आर. जैन इंडस्ट्रीज ने 550 करोड़ रूपये, फेबयान टेक्सटाइल प्रा. लि. ने 308 करोड़ रूपये, वंश टेक्नोफैब प्रा. लि. ने 237 करोड़ रूपये, मोहिनी एक्टिव लाइफ प्रा. लि. ने 141 करोड़ रूपये, अनीका टेक्सफैब ने 100 करोड़ रूपये, वेदांत कॉटन प्रा. लि और एनटीपी सॉल्यूशन्स प्रा. लि. ने 8-8 करोड़ रूपये के निवेश प्रस्ताव दिए। प्रधानमंत्री की पहल पर मध्यप्रदेश को मिली बड़ी सौगात मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की विशेष पहल पर देश का पहला पीएम-मित्रा पार्क धार जिले में स्थापित किया जा रहा है, जिसका भूमि-पूजन शीघ्र ही होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के 5एफ विजन 'फार्म टू फाइबर, फाइबर टू फैक्ट्री, फैक्ट्री टू फैशन और फैशन टू फॉरेन' को मध्यप्रदेश सरकार ने एक मिशन के रूप में अपनाया है। हमारा उद्देश्य है कि स्वदेशी कपड़े की गुणवत्ता को वर्ल्ड क्लास का बनाकर इन्हें वैश्विक बाजारों तक पहुंचाया जाए। इसके लिए सम्पूर्ण वैल्यू चेन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी हर स्तर पर किसान, बाजार और परंपराओं को गति प्रदान करने के लिए निरंतर काम कर रहे हैं। उनके मार्गदर्शन में टेक्सटाइल सेक्टर को नया विजन और नई दिशा मिल रही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भारत प्राचीनकाल से कपड़ा उद्योग, मसाला व्यापार और स्वर्ण आभूषण के मामले में दुनिया में अग्रणी रहा। तकनीक के अभाव में किसी समय व्यापार के माध्यम से हमारी क्षमता को प्रभावित करने का कुत्सित प्रयास किया गया। केंद्र सरकार कठिन समय में सभी उद्योगपतियों के साथ है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में आयात शुल्क में छूट मिलना उद्योगों को पुनर्स्थापित करने के लिए एक प्रकार की मदद है, सरकार उनके साथ खड़ी है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश कपास उत्पादन में देश में 7वें स्थान पर है। पहले स्थान पर चल रहे गुजरात और मध्यप्रदेश के बीच टेक्सटाइल सेक्टर का पीएम-मित्रा पार्क बनाया जा रहा है, जिसके संचालन के लिए मध्यप्रदेश में कच्चे माल की उपलब्धता से लेकर अन्य सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश सम्राट विक्रमादित्य के न्याय से पोषित धरती है। यहां हमेशा ही बेहतर कानून व्यवस्था की स्थापना रही है। निवेश के लिए आदर्श राज्य मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश देश के केंद्र में स्थित है और निवेशकों के लिए अनेक अनुकूलताएं उपलब्ध कराता है। दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर मध्यप्रदेश से होकर गुजरता है। मध्यप्रदेश में 8 एयरपोर्ट हैं। विस्तृत रेल नेटवर्क हमारे राज्य को देश के सभी बड़े शहरों से जोड़ता है। उन्होंने निवेशकों से कहा कि आप मध्यप्रदेश में जहां भी उद्योग स्थापित करना चाहें, वहां भूमि, बिजली, पानी, एप्रोच रोड, नियर-टू-डोर कनेक्टिविटी, सस्ती श्रम दरें, कुशल श्रम शक्ति सहित अन्य सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश, देश का संभवतः ऐसा पहला राज्य है, जहां कभी औद्योगिक हड़ताल (इन्डस्ट्रियल अनरेस्ट) भी नहीं होतीं। उन्होंने निवेशकों से कहा कि आपके बिजनेस के विकास में सरकार हर घड़ी आपके साथ खड़ी है। आपको यहां समुचित रूप से बिजनेस करने की पूरी छूट, मिलेगी साथ ही गारंटी सहित निवेश प्रोत्साहन के लिए इन्सेंटिव (अनुदान) भी हमारी सरकार देगी। ‘मॉडल स्टेट’ के रूप में उभरता मध्यप्रदेश मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि निवेश को लेकर पूरे देश में आज सिर्फ एक ही नाम गूंज रहा है, वह है मध्यप्रदेश। उन्होंने कहा कि निवेश के मामले में हमारा प्रदेश देश का मॉडल स्टेट बनकर उभरा है। प्राकृतिक सौंदर्य, विभिन्न प्रकार की वनस्पति और जलीय एवं वन्य जीवों की मौजूदगी से समृद्ध मध्यप्रदेश की पावन धरती पर सभी निवेशकों का हृदय से स्वागत है। उन्होंने निवेशकों को भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार उनकी हर अपेक्षा पर खरी उतरेगी और उनके सपनों को साकार करने में सहयोगी बनेगी। इसके लिए हम सभी प्रबंध कर रहे हैं।