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नीतीश कुमार ने मुजफ्फरपुर हादसे पर शोक जताया, मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना की प्रकट

मुजफ्फरपुर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को मुजफ्फरपुर जिले के मीनापुर थाना क्षेत्र में भीषण सड़क दुर्घटना में चार लोगों की मौत पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है। सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि यह दुर्घटना काफी दु:खद है। उन्होंने इस दुर्घटना में घायल लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है। मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की चिर शान्ति तथा उनके परिजनों को दु:ख की इस घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है।

JDU में चुनावी तैयारियों का संकेत, नीतीश कुमार ने की वरिष्ठ नेताओं से चर्चा

पटना बिहार चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है। सभी राजनीतिक दल चुनाव की तैयारियों में जुटे हैं। इस बीच जनता दल (यूनाइटेड) के बड़े नेताओं की एक अहम बैठक पटना में हो रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जदयू नेताओं की यह बैठक बुलाई है। जदयू के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय कुमार झा भी इस बैठक में शामिल हैं। एनडीए में अभी सीटों के बंटवारे का ऐलान नहीं हुआ है। सीट बंटवारे के ऐलान से पहले जदयू नेताओं की यह बैठक काफी अहम मानी जा रही है। चुनाव आयोग ने बिहार में दो चरणों 6 नवंबर और 11 नवंबर को मतदान कराने की बात कही है। वोटों की गिनती 14 नवंबर को होगी। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जनता दल (यूनाइटेड) के शीर्ष नेताओं के साथ सीट बंटवारे के फॉर्मूले को लेकर चर्चा कर सकते हैं। जेडीयू की इस बैठक में संजय झा भी शामिल हैं। यह भी कहा जा रहा है कि इस बैठक में संगठनात्मक ढांचे और चुनाव प्रचार की रणनीति को लेकर भी नेताओं के बीच बातचीत होगी। एनडीए में शामिल घटक दलों के बीच सीट बंटवारे का फॉर्मूला क्या होगा? अभी इसपर कुछ भी स्पष्ट नहीं है लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि जेडीयू इस बार 100 से 105 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। बीजेपी भी इतनी ही सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार सकती है। बता दें कि साल 2020 के विधानसभा चुनाव में जदयू ने 115 तथा भारतीय जनता पार्टी ने 110 सीटों पर चुनाव लड़ा था। उम्मीदवारों के चयन पर भी चर्चा संभव जदयू की इस बैठक में पार्टी नेता बिहार चुनाव में पार्टी प्रत्याशियों के नाम पर भी गहन विचार-विमर्श कर सकते हैं। चर्चा है कि इस बैठक में उम्मीदवारों के नाम पर मुहर लग सकती है। आपको बता दें कि हाल ही में जनसुराज पार्टी ने बिहार चुनाव के लिए अपने कुछ पार्टी प्रत्याशियों ने नामों का ऐलान किया था। जनसुराज की तरफ से कहा गया है कि 9 अक्टूबर को पार्टी उम्मीदवारों की लिस्ट जारी करेगी। प्रशांत किशोर ने खुद कहा है कि इस लिस्ट में उनका भी नाम होगा। हालांकि, वो किस विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे अभी सामने नहीं आया है। यह भी बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा में बाद NDA में सीट शेयरिंग को लेकर जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने हाल ही में दावा किया था कि सब कुछ फाइनल हो गया है, जल्द ही घोषणा की जाएगी।

नीतीश का विकास धमाका: 331 योजनाओं का शिलान्यास, शाली को 744 करोड़ का लाभ

वैशाली बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज वैशाली जिले में 744 करोड़ 85 लाख रुपये की लागत से 331 विकासात्मक परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे। ये योजनाएं शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, ऊर्जा, सिंचाई और बुनियादी ढांचे से संबंधित हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रगति यात्रा के दौरान जिन योजनाओं की घोषणा की थी, उनका शिलान्यास और उद्घाटन आज किया जाएगा। वैशाली जिले के गोरौल और देसरी प्रखंडों में कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। मुख्यमंत्री हवाई मार्ग से वैशाली जिले पहुंचेंगे। गोरौल प्रखंड के हरसेर गांव में डिग्री कॉलेज के निर्माण समेत कई अन्य विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया जाएगा। वहीं, देसरी प्रखंड स्थित एसपीएस कॉलेज परिसर में जनसंवाद कार्यक्रम आयोजित होगा, जिसमें मुख्यमंत्री योजनाओं के लाभुकों से सीधे संवाद करेंगे। गोरौल और देसरी दोनों कार्यक्रम स्थलों पर क्यूआरटी दल की तैनाती की गई है। सुरक्षा के दृष्टिकोण से बिना पहचान पत्र के किसी को प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। कार्यक्रम के लिए बैरिकेडिंग, हेलीपैड, यातायात व्यवस्था और रोड कनेक्टिविटी की पूरी तैयारियां की गई हैं। देसरी प्रखंड के जफराबाद स्थित एसपीएस कॉलेज मैदान में महिला संवाद कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जिसमें लगभग 15 हजार लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है। मंच पर वीआईपी गेट पूरब दिशा में बनाया गया है। मुख्यमंत्री हेलीकॉप्टर से कार्यक्रम स्थल पर पहुंचेंगे और सड़क मार्ग से कार्यक्रम स्थल तक जाएंगे। आज होने वाले उद्घाटन और शिलान्यास के कार्यक्रम में शामिल परियोजनाओं में हाजीपुर नगर परिषद क्षेत्र में 129 करोड़ रुपये की लागत से स्ट्रांग वॉटर ड्रेनेज सिस्टम का निर्माण, वाया नदी की उराही कार्य के लिए 43 करोड़ 20 लाख रुपये, सदर अस्पताल वैशाली परिसर में 44 करोड़ 50 लाख रुपये की लागत से क्रिटिकल केयर ब्लॉक, ऊर्जा विभाग की चार योजनाओं के लिए 181 करोड़ 78 लाख रुपये, लालगंज-रेपुरा-साराय रोड (12.95 किमी) का चौड़ीकरण 27 करोड़ 14 लाख रुपये में, गोरौल-मथना-सौंधो-मथनामल रोड का चौड़ीकरण 19 करोड़ 51 लाख रुपये में, पनरसिया लोहा पुल से भरत चौक सिक्स लेन गंगा ब्रिज तक 4.2 किमी पहुंच पथ के लिए 14 करोड़ 82 लाख रुपये, भवन, पुस्तकालय, खेल मैदान और सड़क सहित 110 योजनाओं का शिलान्यास 122 करोड़ 14 लाख रुपये में, कृषि बाजार समिति के पुनर्विकास के लिए 40 करोड़ 43 लाख रुपये, बालक औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान IIT, हाजीपुर में 15 करोड़ 10 लाख रुपये, 132/33 केवी ग्रिड उपकेंद्र, हाजीपुर का नवीनीकरण और आधुनिकीकरण 13 करोड़ 90 लाख रुपये, और 220/132 केवी ग्रिड उपकेंद्र, हाजीपुर में 200 एमवीए ट्रांसफार्मर के निर्माण के लिए 15 करोड़ 17 लाख रुपये शामिल हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सीधे जनता के बीच पहुंचकर विकास योजनाओं का लाभ सुनिश्चित करेंगे और वैशाली जिले के दोनों प्रखंडों में प्रशासनिक तैयारियों का जायजा भी लेंगे।

सीएम नीतीश ने दरभंगा में 3976 करोड़ की योजनाओं का किया शिलान्यास, जिले की तस्वीर बदलेगी

दरभंगा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को दरभंगा जिले में 3976 करोड़ की विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी आज एक दिवसीय दौरे पर दरभंगा शहर के कबराघाट स्थित मिथिला संस्कृत स्नातकोत्तर अध्ययन एवं शोध संस्थान पहुंचे जहां कार्यकर्ताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया। इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कुल 3976 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास और उदघाटन किया है। सीएम नीतीश कुमार ने इसके बाद मिथिला संस्कृत स्नातकोत्तर अध्ययन एवं शोध संस्थान परिसर का निरिक्षण किया एवं वहां के पुस्तकालय में रखी बहुमूल्य पाण्डुलिपियों का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने दरभंगा में 3463 करोड़ 20 लाख की लागत से 94 विकास योजनाओं एवं 465 करोड़ 89 लाख की लागत से सिंचाई, भवन एवं विकास संबंधी अन्य 51 योजनाओं का शिलान्यास किया है। उन्होंने 47 करोड़ 74 लाख की लागत से सिंचाई, भवन, विद्युत एवं विकास संबंधी 32 योजनाओं का उद्घाटन भी किया। इस अवसर पर जनता दल यूनाईटेड (जदयू) के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा, समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी, राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी, स्वास्थय मंत्री मंगल पाण्डेय, सांसद गोपाल जी ठाकुर, विधायक विनय चौधरी भी मौजूद थे। उद्घाटन के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हेलीकॉप्टर से मनीगाछी के राघोपुर के लिए रवाना हो गया, जहां वह एक सभा को सम्बोधित करने वाले हैं।

CM नीतीश ने चौंकाया, सीट शेयरिंग से पहले घोषित किया उम्मीदवार

पटना/बक्सर  बिहार विधानसभा चुनाव की औपचारिक घोषणा भले ही अभी न हुई हो, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बक्सर के राजपुर (सुरक्षित) सीट पर एनडीए उम्मीदवार का नाम घोषित कर सबको चौंका दिया है. पिछले दिनों एक जनसभा में उन्होंने पूर्व मंत्री संतोष कुमार निराला को पार्टी का उम्मीदवार बताते हुए जनता से उनके पक्ष में वोट करने की अपील की. इस कदम से सवाल उठ रहे हैं कि क्या यह नीतीश का मास्टरस्ट्रोक है या फिर उनकी मजबूरी? सीएम ने मंच से की घोषणा खास बात ये है कि नीतीश के इस ऐलान के वक्त बीजेपी कोटे के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी मंच पर मौजूद थे. नीतीश कुमार ने मंच से कहा, “कुछ ही दिन में चुनाव होने वाला है. आप लोग ध्यान दीजिएगा, इन्हें जिताइएगा.” उन्होंने जनता से बिहार को आगे बढ़ाने के लिए एनडीए को भारी संख्या में जिताने की अपील की. इसके साथ ही, उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि “कांग्रेस वाले केवल गड़बड़ करते रहे हैं.” उन्होंने बिहार में पिछले 20 सालों में हुए विकास कार्यों पर भी जोर दिया. बाद में ना बीजेपी और ना ही जेडीयू ने इसे तूल दिया. बता दें कि यह सीट पारंपरिक तौर पर जेडीयू की ही रही है. मुख्यमंत्री ने राजपुर विधानसभा और बक्सर जिले के लिए 325 करोड़ 13 लाख रुपये की 5 विकास परियोजनाओं का शिलान्यास करने पहुंचे थे. इनमें सड़कों का चौड़ीकरण, गंगा तटबंध का सुदृढ़ीकरण और ‘भारत रत्न’ उस्ताद बिस्मिल्ला खां संगीत कॉलेज की स्थापना शामिल है. 2015 में जीतकर बने थे मंत्री संतोष कुमार निराला का इस सीट से पुराना रिश्ता है. वे 2015 में जदयू-राजद गठबंधन से जीतकर परिवहन मंत्री बने थे. हालांकि, 2020 में उन्हें कांग्रेस के प्रत्याशी से हार का सामना करना पड़ा था. इस बार समय से पहले ही उनके नाम का ऐलान करना यह दिखाता है कि जदयू इस सीट पर कोई जोखिम नहीं लेना चाहती. राजपुर सुरक्षित सीट का इतिहास बताता है कि यहां मुकाबला हमेशा कड़ा होता है. मुख्यमंत्री के इस खुले समर्थन से संतोष निराला को भले ही बढ़त मिल जाए, लेकिन विपक्ष का मजबूत गणित इस लड़ाई को और भी रोचक बना सकता है. यह देखना दिलचस्प होगा कि एनडीए में सीट बंटवारे से पहले लिया गया नीतीश का यह फैसला कितना प्रभावी साबित होता है.

CM नीतीश का तोहफा, आंगनबाड़ी सेविकाओं का मानदेय हुआ बढ़ा, अब मिलेगा ₹9,000

पटना  बिहार की नीतीश कुमार सरकार राज्य विधानसभा चुनाव के पहले सौगातों की झड़ी लगा रही है। अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद आगे बढ़कर आंगनबाड़ी सेविका और आंगनबाड़ी सहायिका के मानदेय को बढ़ाने का एलान किया है। सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बताया कि आंगनबाड़ी सेविका का मानदेय 7 हजार से बढ़ाकर 9 हजार किया जा रहा है। इसी तरह, आंगनबाड़ी सहायिका का मानदेय 4 हजार से बढ़ाकर साढ़े 4 हजार किया जा रहा है। उनके निर्देश पर विभाग इसका प्रस्ताव आगे बढ़ाएगा। मंगलवार को कैबिनेट में उस प्रस्ताव पर मुहर लग जाएगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया पर कही ये बात मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को सोशल मीडिया पर कहा कि नवंबर 2005 में सरकार बनने के बाद से ही गर्भवती महिलाओं और बच्चों के पोषण और स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए बड़े पैमाने पर काम किया जा रहा है। इसके लिए समेकित बाल विकास परियोजना के तहत छह तरह की सेवाएं दी जा रही हैं, जो आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से लाभुकों तक पहुंचाई जाती हैं। इसमें आंगनबाड़ी सेविकाएं और सहायिकाएं अहम भूमिका निभाती हैं।     राज्य में बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं के पोषण एवं जीवन स्तर में सुधार करने में आंगनबाड़ी सेविकाओं एवं सहायिकाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है। उनकी इसी भूमिका का सम्मान करते हुये हमलोगों ने उनके मानदेय में वृद्धि करने का निर्णय लिया है। अब आंगनबाड़ी सेविका का मानदेय 7,000 रूपये से… उन्होंने बताया कि इनके योगदान को देखते हुए मानदेय राशि बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। इससे सभी सेविकाओं और सहायिकाओं का उत्साह बढ़ेगा और समेकित बाल विकास सेवाएं और बेहतर तरीके से चल सकेंगी। अब आंगनबाड़ी सेविका को 7,000 रुपये की जगह 9,000 रुपये और आंगनबाड़ी सहायिका को 4,000 रुपये की जगह 4,500 रुपये मानदेय मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह फैसला बच्चों और गर्भवती महिलाओं के पोषण और जीवन स्तर सुधारने में मदद करेगा।  महिला रोजगार योजना की शुरुआत इससे पहले कल यानी रविवार को मुख्यमंत्री ने महिला रोजगार योजना के ऑनलाइन पोर्टल की शुरुआत की। इस योजना के तहत बिहार सरकार हर घर की एक महिला को 10,000 रुपए देगी। चुनाव से पहले सरकार इस पर करीब 27 हजार करोड़ रुपए खर्च करेगी। 2 सितंबर को सरकार ने इसके लिए 20 हजार करोड़ रुपए कैबिनेट से पास कर दिया गया था। इस मौके पर CM ने कहा, 'महिलाओं की मांग पर ही बिहार में शराबबंदी लागू की गई। अब महिलाओं को आर्थिक रूप से सक्षम और स्वावलंबी बनाने के लिए मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना शुरू की गई है। इस योजना का लाभ उठाकर महिलाएं रोजगार तथा उद्यम का भी नेतृत्व कर सकती हैं। विश्व बैंक से कर्ज लेकर स्वयं सहायता समूहों की संख्या बढ़ाने का काम शुरू किया गया है। इसका परिणाम है कि अब स्वयं सहायता समूहों की संख्या11 लाख से अधिक हो गई है, जिनसे 1 करोड़ 40 लाख जीविका दीदी जुड़ी हैं।' अब जानिए महिलाओं को लेकर नीतीश कुमार की बड़ी घोषणाएं और उसके मायने 1. जीविका दीदियों के लोन का ब्याज घटाया, कर्मचारियों की सैलरी दोगुनी हुई 21 जून 2025 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जीविका दीदियों और कर्मचारियों से जुड़े दो बड़े फैसले किए। पहला- स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी जीविका दीदियों को 3 लाख से ज्यादा के बैंक लोन पर 3 फीसदी की कटौती कर दी। उन्हें अब सिर्फ 7 प्रतिशत ब्याज देना होगा। पहले 3 लाख रुपए से ज्यादा के बैंक ऋण पर 10% ब्याज देना पड़ता था। दूसरा- जीविका कर्मचारियों की सैलरी डबल जीविका स्वयं सहायता समूह के सभी 1 लाख 40 हजार कर्मचारियों की सैलरी को दोगुना कर दिया गया। इससे ऐसे में ब्लॉक कर्मचारियों को 50 हजार और गांव के कर्मचारियों को 25 हजार रुपए तक की सैलरी मिलेगी। इसके मायने क्या हैं- CM नीतीश कुमार के मुताबिक, 2006 में शुरू हुई जीविका परियोजना से लगभग 1 करोड़ 40 लाख जीविका दीदियां आत्मनिर्भर बन चुकी हैं। लोन के ब्याज में कटौती से उन्हें सीधा फायदा होगा। जीविका से अमूमन गरीब तबके की महिलाएं जुड़ी हैं। सरकार के फैसले से उन पर बड़ा असर पड़ेगा। 2. महिलाओं के रिजर्वेशन में डोमिसाइल नीति लागू 8 जुलाई को नीतीश कैबिनेट ने सरकारी नौकरियों में महिलाओं को मिलने वाले 35 फीसदी क्षैतिज आरक्षण में डोमिसाइल नीति को लागू कर दिया। यानी अब दूसरे राज्य की महिला अभ्यर्थियों को आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा। उन्हें सामान्य श्रेणी में ही आवेदन करना होगा। सूत्रों के मुताबिक, चुनाव की आचार संहिता लगने से पहले सरकार 1 लाख टीचरों, 6500 लाइब्रेरियन, सिपाही, इंजीनियर आदि की बहाली निकालने वाली है। इन बहालियों में डोमिसाइल लागू रहेगा। इसके मायने क्या हैं- चुनाव से पहले पढ़ी-लिखी महिलाओं को अपने पाले में करने के लिए सरकार ने बड़ा दांव खेला है। बिहार में होने वाली सरकारी नौकरी की बहाली में डोमिसाइल को लागू करने की मांग पुरजोर तरीके से उठ रही थी। ऐसे में नीतीश सरकार ने पूरी बहाली में इसे लागू ना कर महिलाओं की कैटेगरी में लागू किया है। 3. आशा-ममता कार्यकर्ताओं का वेतन बढ़ा 30 जुलाई को सरकार ने आशा और ममता कार्यकर्ताओं के पैसे में बढ़ोतरी का ऐलान किया। अब ‘आशा’ को 1 हजार की बजाय 3 हजार मासिक और ‘ममता’ को प्रति प्रसव 300 की जगह 600 रुपए मिलेंगे। इससे 95 हजार ‘आशा’ और 4600 ‘ममता’ कार्यकर्ताओं को फायदा होगा। और 29 हजार आशा कार्यकर्ताओं की बहाली चल रही है। इसके मायने क्या हैं- आशा और ममता कार्यकर्ताओं की पहुंच घर तक होती है। इनकी संख्या भी ठीक-ठाक है। पैसा बढ़ने से इनका मनोबल बढ़ेगा और सरकार की बातों को घर-घर तक पहुंचा सकती है। 4. सामाजिक सुरक्षा पेंशन बढ़ी सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि 400 रुपए प्रति महीन से बढ़ाकर 1100 प्रति माह होगी। लाभार्थियों को जुलाई से पेंशन बढ़ी हुई दर पर मिलेगी। खाते में यह राशि महीने की 10 तारीख को जाएगी। इससे विधवा महिलाओं, बुजुर्गों और दिव्यांगों को फायदा होगा। इनकी संख्या करीब एक करोड़ 9 लाख है। इसके मायने क्या हैं- 2020 विधानसभा चुनाव में बुजुर्गों के अंदर NDA के प्रति गुस्सा दिखा था। CSDS-लोकनीति के पोस्ट पोल सर्वे में बताया गया कि 60 साल से अधिक उम्र के लोगों ने NDA को 5 फीसदी … Read more

चार प्‍वाइंट में समझिए सीएम नीतीश ने जेपी आंदोलनकारियों की पेंशन दोगुनी कर कैसे बनाई मजबूत छवि

लोकतंत्र रक्षक’ की छवि मजबूत करने में जुटे नीतीश, जानिए क्या है पूरी स्ट्रैटजी चार प्‍वाइंट में समझिए सीएम नीतीश ने जेपी आंदोलनकारियों की पेंशन दोगुनी कर कैसे बनाई मजबूत छवि चुनाव से पहले नीतीश का बड़ा दांव! जेपी सेनानियों की पेंशन दोगुनी, विपक्ष पर दबाव पटना आपातकाल को 50 साल पूरे होने के मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ा राजनीतिक दांव चला है। उन्होंने जयप्रकाश नारायण आंदोलन से जुड़े सेनानियों की पेंशन राशि को दोगुना कर दी है। अब एक माह से छह माह तक जेल में रहे आंदोलनकारियों को 15 हजार और छह माह से अधिक समय तक जेल में रहे सेनानियों को 30 हजार रुपये मासिक पेंशन दी जाएगी।  सामाजिक असर भी डालेगा ये फैसला  इस फैसले पर कैबिनेट की ओर से मंजूर कर लिया गया है। साथ ही इसे 1 अगस्त से लागू कर भी दिया गया। इतना ही नहीं, यदि किसी सेनानी का निधन हो जाता है तो उनकी पत्नी/पति या आश्रित को भी यह पेंशन मिलती रहेगी। यानी यह योजना केवल आंदोलनकारियों तक सीमित नहीं बल्कि उनके परिवार तक असर डालेगी। समझिए राजनीतिक मायने गौर करने वाली बात ये है कि बिहार में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। दो महीने के भीतर आचार संहिता भी लग जाएगी। ऐसे में सीएम नीतीश कुमार लगातार ऐसे फैसले ले रहे हैं, जो उन्‍हें सीधे राजनीतिक लाभ पहुंचाने वाला हो। जो ऐसे में यह फैसला भी सीधे-सीधे राजनीतिक लाभ पहुंचाने वाला माना जा रहा है। 1 जेपी सेनानियों का सीधा वोट बैंक  बिहार में करीब साढ़े तीन हजार की संख्या में जेपी आंदोलनकारी हैं। इसके अलावा उनके परिवार वाले आज भी मौजूद हैं। उनके सम्मान और पेंशन राशि को दोगुना करना नीतीश को इस वर्ग का अटूट समर्थन दिला सकता है। 2 ‘लोकतंत्र रक्षक’ छवि का मजबूत होना  नीतीश कुमार खुद जेपी आंदोलन की उपज हैं। ऐसे में यह कदम उन्हें लोकतंत्र के सच्चे रक्षक और जेपी की विरासत को आगे बढ़ाने वाले नेता के रूप में प्रोजेक्ट करता है। यह उनकी साख को पुराने वोटरों और नए युवाओं दोनों में मजबूत करता है। 3 भाजपा और कांग्रेस पर दबाव आपातकाल की याद दिलाकर नीतीश कुमार अप्रत्यक्ष रूप से कांग्रेस को घेरने की कोशिश करते नजर आ रहे हैं। वहीं, भले ही प्रदेश में बीजेपी ओर जेडीयू के गठबंधन वाली सरकार है। मगर, भाजपा के सामने यह चुनौती होगी कि वह नीतीश की इस ‘जेपी कार्ड’ को कैसे काटे! ये अलग बात है कि भाजपा भी जेपी आंदोलन को अपनी राजनीतिक पृष्ठभूमि मानती रही है। लेकिन महत्‍वपूर्ण बात ये है कि जेपी आंदोलन से जुड़े क्रांतिकारियों का पेंशन दोगुना कर नीतीश कुमार ने आंदोलन का क्रेडिट और अपनी जन नायक नेता के रूप में तो जरूर मजबूत की है। 4 वरिष्ठ नागरिकों और पारिवारिक वोटरों पर असर  चूंकि इस पेंशन योजना का लाभ आश्रितों को भी मिलेगा, इसका असर हजारों परिवारों तक होगा। जो सिर्फ एक वर्ग नहीं, बल्कि उनके पूरे सामाजिक-परिवारिक दायरे में नीतीश के लिए सकारात्मक माहौल भी बनाएगा। चुनावी मास्टरस्ट्रोक! नई ऊंचाई पर काबिज हुए नीतीश विशेषज्ञ मानते हैं कि विधानसभा चुनाव से ठीक पहले ऐसा फैसला लेना महज एक ‘वेलफेयर स्टेप’ नहीं है, बल्कि यह एक सोचा-समझा राजनीतिक कदम है। यह न सिर्फ जेपी सेनानियों बल्कि पूरे राज्य में "लोकतंत्र के रक्षक" की भावना को जगाने वाले कदम के रूप में देखा जा रहा है। इससे नीतीश कुमार विपक्ष के मुकाबले एक नैतिक ऊंचाई पर खड़े दिखेंगे। जेपी सेनानियों की पेंशन दोगुनी कर नीतीश कुमार ने जहां लोकतंत्र के सिपाहियों का मान बढ़ाया है, वहीं इस कदम से चुनावी समीकरण भी उनके पक्ष में जाते नजर आ रहे हैं।