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मौसम ने बदला मिज़ाज: हरियाणा में तेज ठंड, जानें अपने इलाके का तापमान

हरियाणा  हरियाणा में मौसम का मिजाज तेजी से बदल रहा है। राज्य के कई हिस्सों में तापमान गिरकर 17 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। फरीदाबाद समेत कई जिलों में रात की ठंड बढ़ गई है। वहीं, बारिश के चलते खेतों में नमी बनी हुई है, जिससे रबी की फसलों की बुआई के लिए यह मौसम अनुकूल साबित हो रहा है। फरीदाबाद में बढ़ा प्रदूषण, एक्यूआई फिर ‘खतरनाक’ दूसरी ओर, फरीदाबाद में दिवाली से पहले ही हवा की गुणवत्ता बिगड़ने लगी है। खासकर बल्लभगढ़ क्षेत्र में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) में अचानक उछाल देखा गया है। शुक्रवार को यहां AQI 258 तक पहुंच गया, जबकि एक दिन पहले यह केवल 162 था। शहर में लगी प्रदूषण मापने वाली कई मशीनें लगातार खराब हो रही हैं, जिससे सटीक डेटा लोगों तक नहीं पहुंच पा रहा है। रविवार को सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक बल्लभगढ़ का AQI वेबसाइट पर उपलब्ध नहीं हो सका। सेक्टर 16-A की मशीन भी काम नहीं कर रही थी। हालांकि सुबह 9 बजे तक बल्लभगढ़ में पीएम 2.5 का स्तर 185 और पीएम 10 का स्तर 150 रिकॉर्ड किया गया। तापमान में गिरावट, ठंडी रातें शुरू हरियाणा में उत्तर-पश्चिमी हवाओं के चलते तापमान में लगातार गिरावट देखी जा रही है। हिसार, महेंद्रगढ़ और फरीदाबाद में रात का न्यूनतम तापमान 17 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। अक्टूबर के पहले नौ दिनों में ही करीब 30 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है, जबकि आमतौर पर इस अवधि में केवल 4 मिमी बारिश होती है। इस बार बारिश सामान्य से 64.9% अधिक हुई है। 2004 के बाद यह पहली बार है जब अक्टूबर में इतनी अधिक वर्षा दर्ज की गई। तब पूरे महीने में 58.4 मिमी बारिश हुई थी। रबी फसलों के लिए अनुकूल मौसम बारिश के बाद तापमान सामान्य से नीचे चला गया है। महेंद्रगढ़ की रात सबसे ठंडी रही, जहां न्यूनतम तापमान 17.1 डिग्री दर्ज किया गया। ठंडी रातों के चलते लोगों ने कूलर और एसी का इस्तेमाल बंद कर दिया है। मौसम विभाग के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ आगे बढ़ने के बाद 14 अक्टूबर तक मौसम शुष्क रहेगा। दिन में हल्की धूप और रात में ठंड का यह मौसम रबी फसलों की बुआई के लिए उपयुक्त है। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि किसानों को इस समय सरसों, चना और गेहूं जैसी रबी फसलों की बुआई कर देनी चाहिए, ताकि फसल की पैदावार बेहतर हो।  

सर्दी ने जताई दस्तक: मध्य प्रदेश के 22 जिलों में मौसम हुआ बहुत ठंडा

भोपाल दक्षिण-पश्चिम मानसून मध्य प्रदेश के सुदूर पूर्व-दक्षिण जिलों से भी वापस लौट रहा है। अधिकांश क्षेत्रों में बादल छंटते ही ठंड ने धावा बोल दिया है। शनिवार को राजगढ़ का न्यूनतम तापमान 13.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। यह मैदानी क्षेत्र में देश का सबसे ठंडा स्थान रहा। यह हिमाचल, मेघालय, सिक्किम के कुछ शहरों से भी ठंडा था। इंदौर में 15 डिग्री और धार में 15.6 डिग्री न्यूनतम तापमान भी सामान्य से काफी कम रहे। प्रदेश के 22 जिलों में न्यूनतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से नीचे रहा है। शनिवार को खजुराहो में सबसे अधिक गर्मी (33.4 डिग्री) रिकार्ड हुई। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक, वर्तमान में कोई प्रभावी मौसम प्रणाली सक्रिय नहीं है। मध्य प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों से मानसून वापस जा चुका है। उत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों में ठंड बढ़ने लगी है। वहां से लगातार आ रही सर्द हवाओं के कारण प्रदेश में हल्की ठंडक महसूस होने लगी है।   मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी वीएस यादव ने बताया कि दो-तीन दिन में मध्य प्रदेश के पूरे रीवा, शहडोल संभाग एवं जबलपुर संभाग के शेष क्षेत्रों से भी मानसून के वापस लौटने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं। वर्तमान में चक्रवाती तूफान शक्ति का अवशेष कम दबाव के क्षेत्र के रूप में पश्चिम-मध्य अरब सागर पर बना हुआ है। एक पश्चिमी विक्षोभ उत्तर-पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उसके आसपास हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात के रूप में बना हुआ है। वातावरण से नमी कम होने के कारण बादल भी छंट गए हैं। आसमान साफ रहने के साथ ही उत्तर भारत की ओर से आ रही सर्द हवाओं के कारण प्रदेश में हल्की ठंडक बढ़ गई है। तीन-चार दिन तक मौसम का मिजाज इसी तरह बना रहने के आसार हैं। इस दौरान रात के तापमान में कुछ और भी गिरावट हो सकती है। यहां समझिए कितना ठंडा था राजगढ़     राजगढ़ – 13.5     सुंदरनगर (हिमाचल) – 13.9     यारकोड (तमिल नाडू) – 14     नाहन (हिमाचल) – 14.3     शिलांग (मेघालय) – 14.5     पेक्योंगे (सिक्किम) – 14.9     इंदौर – 15     धार – 15.6     मंडी (हिमाचल) – 15.6     कानपुर (उत्तर प्रदेश) – 16 (स्रोत – मौसम विज्ञान विभाग, आंकड़े डिग्री सेल्सियस में।)