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कांग्रेस MLA का बड़ा बयानः क्या मुसलमानों को नमाज के लिए भी लेना पड़ेगा परमिशन?

कर्नाटक  कर्नाटक कांग्रेस विधायक के. एन. राजन्ना ने शनिवार को सरकार के उस नए आदेश पर सवाल उठाए, जिसमें सरकारी संस्थानों और सार्वजनिक स्थलों पर बिना अनुमति आरएसएस की गतिविधियों पर रोक लगाई गई है। राजन्ना ने कहा कि देखना होगा यह आदेश व्यवहार में कितना लागू हो सकता है। उन्होंने कहा, “हमें देखना होगा कि यह आदेश वास्तव में कितना लागू किया जा सकता है।” पूर्व मंत्री राजन्ना को कुछ महीने पहले मंत्रिमंडल से हटाया गया था। उन्होंने कहा कि सिर्फ वही नियम बनाए जाने चाहिए जो लागू किए जा सकें, वरना वे सिर्फ किताबों तक ही सीमित रह जाते हैं। राजन्ना ने यह भी कहा कि सरकार का आदेश मंत्री प्रियंक खड़गे के पत्र पर आधारित है, जिसमें उन्होंने सिर्फ इतना कहा था कि आरएसएस को सार्वजनिक स्थानों पर कार्यक्रम करने से पहले अनुमति लेनी चाहिए, लेकिन कहीं भी पूर्ण प्रतिबंध की बात नहीं की गई थी। उन्होंने आगे सवाल उठाया, “अब हमारे पास ईदगाह है। वे (मुस्लिम समुदाय) सड़क पर ही नमाज अदा करते हैं। क्या वे अनुमति लेते हैं? या अगर उन्हें अनुमति लेने के लिए कहा जाएगा तो क्या वे मानेंगे?” गौरतलब है कि कर्नाटक मंत्रिमंडल ने गुरुवार को निर्णय लिया था कि आरएसएस की गतिविधियों, जिनमें मार्च और सरकारी संपत्तियों या सार्वजनिक सड़कों पर आयोजित कार्यक्रम शामिल हैं, के लिए नए नियम बनाए जाएंगे, ताकि ऐसी गतिविधियों को नियंत्रित किया जा सके।  

ईडी का जोरदार ऐक्शन: ऑनलाइन सट्टेबाजी के आरोप में कांग्रेस विधायक के घर से 40 किलो सोना जब्त

बेंगलुरु ईडी ने ऑनलाइन सट्टेबाजी से जुड़े रैकेट की चल रही जांच के मामले में छापेमारी कर कर्नाटक कांग्रेस के विधायक के दो लॉकरों से 40 किलोग्राम सोना जब्त किया है। इसकी कीमत 50 करोड़ रुपये से अधिक आंकी जा रही है। ईडी अधिकारियों के मुताबिक तलाशी अभियान बेंगलुरु क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा पीएमएलए 2002 के तहत किया गया। इस बरामदगी के साथ इस मामले में कुल जब्त राशि 150 करोड़ रुपये से अधिक हो गयी है, जिसमें पहले से जब्त लगभग 21 किलोग्राम सोने की छड़ें, नकदी, आभूषण, लक्जरी वाहन और फ्रीज किए गए बैंक खाते शामिल हैं। चित्रदुर्ग विधानसभा क्षेत्र से विधायक केसी वीरेंद्र को इस साल के अगस्त में गिरफ्तार कर लिया गया था और तब से वह न्यायिक हिरासत में है। ईडी को जांच में किंग 567 और राजा 567 जैसे कई ऑनलाइन प्लेटफार्मों के माध्यम से संचालित 2,000 करोड़ रुपये के सट्टेबाजी नेटवर्क का पता चला है। अपने बयान में ईडी ने कहा कि वीरेंद्र ने अपने दोस्तों और परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर कई अवैध सट्टेबाजी वेबसाइट चलाये और मासूम लोगों को ठगा। इन प्लेटफॉर्मों से एकत्रित धनराशि को फोनपैसा समेत कई गेटवे से भेजा गया और पूरे भारत में बिचौलियों से मिले हजारों 'म्यूल' खातों के जरिये स्थानांतरित किया गया। जांच में यह भी पता चला कि सट्टेबाजी से प्राप्त आय का इस्तेमाल विदेशों में लग्जरी यात्रा, वीजा और आतिथ्य सेवाओं के वित्तपोषण के लिए किया गया था। एजेंसी ने कहा कि मार्केटिंग, सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन, बल्क एसएमएस कैंपेन और प्लेटफॉर्म होस्टिंग के लिए भुगतान भी सट्टेबाजी नेटवर्क से जुड़े खातों के माध्यम से किये गये थे। ईडी ने कहा, 'साक्ष्य बताते हैं कि अवैध ऑनलाइन गतिविधियों से प्राप्त धन को उनके स्रोत को छिपाने के लिए कई मध्यस्थ खातों के माध्यम से स्थानांतरित किया गया था।' प्रवर्तन निदेशालय वीरेंद्र और उसके सहयोगियों से जुड़े अपराध से कमाये धन के स्रोत का पता लगाने और अतिरिक्त संपत्तियों की पहचान करने का काम कर रही है