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सुरक्षा के साथ सौगात: दंतेवाड़ा पुलिस ने धनतेरस पर नागरिकों को लौटाए 107 मोबाइल

जगदलपुर धनतेरस के अवसर पर दंतेवाड़ा पुलिस ने लोगों को सौगात देते हुए उनके गुम मोबाइल लौटाए. लगभग 22,00,000 रुपए मूल्य के 107 मोबाइल को पड़ोसी राज्य ओडिशा के अलावा पड़ोसी जिले जगदलपुर, सुकमा, बीजापुर और कोंडागांव से बरामद किया गया था. पुलिस अधीक्षक आईपीएस गौरव राय, एएसपी आईपीएस राम कुमार वर्मन, एएसपी आईपीएस उदित पुष्कर एवं सायबर सेल नोडल अधिकारी डीएसपी ठाकुर गौरव सिंह के मार्गदर्शन में जिले में गुम मोबाइल तलाश अभियान चलाया गया था. गुम मोबाइल को CEIR पोर्टल के माध्यम से तलाश कर ‘‘इया आपलो सामान निया’’ कार्यक्रम के माध्यम से उनके वास्तविक मालिकों को सौंपा गया. दन्तेवाड़ा पुलिस ने आम नागरिकों की सुगमता के लिए सायबर हेल्पलाइन नम्बर 9479151665 जारी किया है. इसके साथ भारत सरकार द्वारा जारी 1930 हेल्पलाइन नम्बर और cybercrime@gov.in में भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं. सायबर हेल्पलाइन दन्तेवाड़ा के नाम से व्हाटसप अकाउंट भी बनाया गया है, जिसमें आम नागरिक अपने शिकायत व्हाटसप के माध्यम से दर्ज करा सकते हैं. सायबर अपराध होने की स्थिति में 24X7 सायबर हेल्पलाइन दन्तेवाड़ा 9479151665 एवं क्यूआर कोड को स्केन कर घर बैठे सम्पर्क कर अपने साथ हुए किसी भी तरह के सायबर अपराध की शिकायत दर्ज करने हेतु सम्पर्क कर सकते हैं, ताकि उनकी शिकायत सीधे सायबर पोर्टल में दर्ज कर दी जाए. प्रार्थी को व्हाटसप के माध्यम से ही एकनालेजमेंट नम्बर प्रदाय कर दिया जाएगा. इसके साथ दन्तेवाड़ा जिले के आमजन को सायबर अपराध व इसके रोकथाम के लिए जागरूक करने ‘‘सायबर संगवारी दन्तेवाड़ा’’ नामक व्हाटस्अप चैनल बनाया गया है, जिसमें प्रत्येक दिन सायबर अपराध एवं उसके रोकथाम संबंधी जानकारी प्रेषित की जाएगी, यही नहीं अननोन काल, संदिग्ध व्हाटसप काल, मेसेज, लिंक या आपके बैंक अकाउंट या सोशल मीडिया अकाउंट पर किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि होने पर साइबर हेल्पलाईन दन्तेवाड़ा 9479151665 से सम्पर्क कर शिकायत कर सकते हैं.

धनतेरस पर सोना खरीदना हुआ आसान: बिना लाइन में लगे 15 मिनट में मंगवाएं गोल्ड कॉइन घर पर

नई दिल्ली आज धनतेरस का त्योहार है और आज जमकर सोना-चांदी से लेकर बर्तन, इलेक्ट्रॉनिक्स सामान और अन्य चीजों की खरीदारी की जाएगी. बाजारों और गहनों के दुकानों में आज भारी भीड़ देखने को मिलेगी. ऐसे में अगर आप भी धनतेरस के लिए बाजार के भीड़-भाड़ से बचकर खरीदारी करना चाहते हैं, तो फिर टेंशन मत लीजिए. क्योंकि, 15 मिनट में आपके घर सोने का सिक्का पहुंच जाएगा, और सिर्फ सिक्का ही नहीं बल्कि कई सारे सामान आपके घर फटाफट पहुंच जाएंगे. दरअसल, धनतेरस के शुभ अवसर पर क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स अब सोने-चांदी का सिक्का भी ग्राहकों को उपलब्ध करा रही है. जिससे आपको बाजार की भीड़ में जाकर शॉपिंग भी नहीं करनी होगी और आपका समय भी बच जाएगा. आइए जानते हैं कौन-कौन से क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स से आप घर बैठे सोने का सिक्का ऑर्डर कर सकते हैं. Swiggy Instamart गोल्ड कॉइन से लेकर ज्वेलरी की भी कर सकते हैं शॉपिंग Swiggy Instamart ने शुद्ध धातु प्रदाता MMTC-PAMP और कई भरोसेमंद ज्वेलरी ब्रांड्स (kalyan, Voylla, Mia, Malabar, Gullak, Giva, PNG) के साथ पार्टनरशिप की है. जिससे आप 999 शुद्धता के साथ 24K गोल्ड और सिल्वर कॉइन्स घर बैठे ऑर्डर कर सकते हैं. साथ ही आप जेवलरी की शॉपिंग भी कर सकते हैं. इसके अलावा कुछ-कुछ इलेक्ट्रॉनिक्स प्रॉडक्ट्स, पूजा के लिए सामान, बर्तन, लाइट्स, मिठाई जैसे सामान भी आप ऑर्डर कर सकते हैं और ये सब कुछ 12 से 15 मिनट के अंदर आपके घर पहुंच जाएगा. Blinkit में मिल रहा लक्ष्मी-गणेश का सोने का सिक्का Blinkit ने भी MMTC-PAMP के साथ पार्टनरशिप की है. जिससे आप लक्ष्मी-गणेश गोल्ड/सिल्वर कॉइन, चांदी के लक्ष्मी चरण ऑर्डर कर सकते हैं. इसके अलावा Giva और Unniyarcha ब्रांडस के ज्वेलरी की शॉपिंग भी कर सकते हैं. वहीं, अगर आपको बर्तन या किचन के लिए कुछ इलेक्ट्रॉनिक्स प्रॉडक्ट्स की शॉपिंग करनी है तो आप बर्तन भी Blinkit से ऑर्डर कर सकते हैं. Flipkart Minutes 12 मिनट में दे रहा डिलीवरी Flipkart Minutes से भी सोना-चांदी के सिक्के ऑर्डर कर सकते हैं. Flipkart Minutes पर आपको Gullak और Mia ब्रांड के कॉइन्स मिलेंगे. इसके अलावा आप इस प्लेटफॉर्म से बर्तन, डेकोरेशन आइटम्स, पूजा के सामान और तो और स्मार्टवॉच, हेडफोन, ईयरबड्स भी आसानी से ऑर्डर कर सकते हैं. साथ ही फ्लिपकार्ट पर कई ऐसे इलेक्ट्रॉनिक्स प्रॉडक्ट्स भी उपलब्ध है, जिस पर फ्लिपकार्ट मिनट्स की सुविधा मिल रही है. हालांकि, Flipkart Minutes की सुविधा अभी हर लोकेशन पर मौजूद नहीं है, तो ऐसे में पहले चेक कर लें. Zepto और BigBasket पर भी मिल रहा गोल्ड कॉइन Zepto और BigBasket में भी गोल्ड और सिल्वर कॉइन उपलब्ध हैं. ऐसे में आप इन प्लेटफॉर्म्स से भी गोल्ड और सिल्वर कॉइन ऑर्डर कर सकते हैं. वहीं, इन प्लेटफॉर्म्स पर ग्रॉसरी और छोटे-मोटे इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम्स पर अच्छा-खासा डिस्काउंट भी मिल रहा है. जिससे आप बाजार की भीड़-भाड़ से दूर घर बैठे ही सारी शॉपिंग आसानी से कर सकते हैं. हालांकि, Zepto और BigBasket की सुविधा किसी-किसी लोकेशन पर मौजूद नहीं है, तो ऐसे में पहले चेक कर लें.

धनतेरस विशेष: जब मां लक्ष्मी ने चुना एक साधारण किसान का घर

हर साल कार्तिक मास की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस का पर्व मनाया जाता है। इस दिन समुद्र मंथन के समय प्रकट हुए भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है, जो अपने हाथ में अमृत से भरा कलश लेकर प्रकट हुए थे। साथ ही, इस दिन मां लक्ष्मी का पूजन भी विधिपूर्वक किया जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान धन्वंतरि और देवी लक्ष्मी की पूजा करने से घर में धन, सुख और समृद्धि बनी रहती है। धनतेरस से जुड़ी एक पौराणिक कथा के अनुसार, इस दिन मां लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करने आती हैं। यदि घर स्वच्छ और दीपों से प्रकाशित हो, तो देवी लक्ष्मी प्रसन्न होकर उसमें वास करती हैं और घर में धन-संपत्ति की वृद्धि होती है। इसी कारण लोग इस दिन घर की साफ-सफाई करते हैं और दीप जलाकर मां लक्ष्मी का स्वागत करते हैं। धनतेरस की कथा प्राचीन काल की बात है। एक बार भगवान विष्णु ने पृथ्वी लोक पर भ्रमण करने की इच्छा प्रकट की। जब वे चलने लगे, तो मां लक्ष्मी ने भी निवेदन किया, "प्रभु! मैं भी आपके साथ पृथ्वी पर जाना चाहती हूं।" भगवान विष्णु मुस्कराए और बोले, "देवी, यदि तुम मेरे साथ चलना चाहती हो तो एक शर्त है, तुम्हें मेरी आज्ञा का पालन करना होगा।" माता लक्ष्मी ने सहर्ष यह शर्त स्वीकार कर ली। दोनों पृथ्वी लोक की ओर प्रस्थान कर गए। कुछ समय पश्चात भगवान विष्णु को दक्षिण दिशा की ओर जाने की इच्छा हुई। उन्होंने माता लक्ष्मी से कहा, "देवी, आप यहीं ठहरें। मैं थोड़ी देर में लौटता हूं।" परंतु माता लक्ष्मी, सौंदर्य और आकर्षण की देवी, वहां न रुकीं और चुपचाप प्रभु के पीछे-पीछे चल दीं। रास्ते में उन्हें एक सुंदर सरसों का खेत दिखाई दिया। खेत की हरियाली और पीले-पीले फूलों ने माता का मन मोह लिया। वे वहां रुकीं, सरसों के फूलों से श्रृंगार किया और पास में लगे गन्ने का रस पीया। यह दृश्य जब भगवान विष्णु ने देखा, तो वे क्रोधित हो उठे। उन्होंने माता लक्ष्मी से कहा, "तुमने मेरी आज्ञा का उल्लंघन किया है। इसलिए तुम्हें दंड मिलेगा। अब तुम्हें बारह वर्षों तक इस किसान के घर निवास करना होगा।" भगवान का वचन सत्य हुआ। मां लक्ष्मी को बारह वर्षों तक उसी किसान के घर रहना पड़ा। परंतु जहां लक्ष्मी का वास हो, वहां दरिद्रता कैसे टिक सकती है? देखते ही देखते वह गरीब किसान धन-धान्य से भर गया। उसका घर संपन्नता से चमक उठा। बारह वर्ष पूरे होने पर भगवान विष्णु माता लक्ष्मी को वापस ले जाने आए। लेकिन किसान मां लक्ष्मी को छोड़ने को तैयार नहीं था। तब माता लक्ष्मी ने उसे प्रेमपूर्वक समझाया, "पुत्र! मैं वर्ष में एक दिन तुम्हारे घर जरूर आऊंगी। यदि तुम कार्तिक मास की त्रयोदशी के दिन अपने घर को स्वच्छ रखोगे, दीपक जलाओगे, और श्रद्धा से मेरा पूजन करोगे, तो मैं सदा तुम पर अपनी कृपा बनाए रखूंगी।" किसान ने माता की बात मानी और विधिपूर्वक पूजन किया। तभी से यह परंपरा चली आ रही है कि धनतेरस के दिन घर की सफाई की जाती है, दीप जलाए जाते हैं और माता लक्ष्मी का पूजन कर संपत्ति, सुख और समृद्धि की कामना की जाती है।

सुनारों की खुशियों का मौका! धनतेरस पर सोने की बिक्री में तेजी

नई दिल्ली कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट) और इसके ज्वेलरी विंग ऑल इंडिया ज्वैलर्स एंड गोल्डस्मिथ फेडरेशन (एआईजेजीएफ ) द्वारा धनतेरस के अवसर पर लगभग 50 हजार करोड़ रुपए से अधिक के सोने-चांदी के व्यापार का अनुमान लगाया गया है। कैट एवं AIJGF द्वारा देशभर के सर्राफा बाजारों में किए गए धनतेरस सर्वेक्षण के अनुसार, इस वर्ष धनतेरस पर सोने और चांदी के सिक्कों की बिक्री में जबरदस्त उछाल देखने को मिल रहा है, जबकि स्वर्ण आभूषणों की बिक्री में कुछ गिरावट का अनुमान है। कैट के राष्ट्रीय महामंत्री एवं चांदनी चौक से सांसद प्रवीन खंडेलवाल और AIJGF के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज अरोड़ा ने बताया कि सोना और चांदी के रिकॉर्ड ऊंचे दामों के चलते मध्यम और उच्च वर्ग के ग्राहक निवेश के रूप में अब ठोस सिक्कों अधिक प्राथमिकता दे रहे हैं। वहीं, ज्वैलरी की मांग में कमी दर्ज की जा रही है। विवाह सीजन के खरीदार भी अब भारी आभूषणों की जगह हल्के गहनों को प्राथमिकता दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष दीपावली के दौरान सोने का भाव लगभग 80,000 प्रति 10 ग्राम था, जो इस वर्ष बढ़कर 1,30,000 प्रति 10 ग्राम को पार कर गया है यानी करीब 60 प्रतिशत की वृद्धि। इसी प्रकार चांदी की कीमतें 2024 में 98,000 प्रति किलोग्राम थीं, जो अब 1,80,000 प्रति किलोग्राम के पार पहुंच गई हैं, यानी लगभग 55 प्रतिशत की बढ़ोतरी।  खंडेलवाल ने कहा कि धनतेरस से दीपावली तक के त्योहारी सीजन में सबसे अधिक मांग बुलियन और सिक्कों की रहने की संभावना है। अरोड़ा ने बताया कि देशभर में करीब 5 लाख छोटे-बड़े ज्वैलर्स सक्रिय हैं। यदि प्रत्येक ज्वैलर औसतन 50 ग्राम सोना बेचता है, तो कुल मिलाकर लगभग 25 टन सोने की बिक्री होगी, जिसकी मौजूदा भाव से अनुमानित कीमत 32,500 करोड़ होगी। इसी प्रकार, प्रत्येक ज्वैलर द्वारा औसतन 2 किलो चांदी बेचने पर लगभग 1,000 टन चांदी की बिक्री होगी, जिसकी मौजूदा कीमत 18,000 करोड़ के आसपास अनुमानित है। इस प्रकार, देशभर के सर्राफा बाजारों में कुल मिलाकर लगभग 50,000 करोड़ से अधिक के व्यापार का अनुमान है।  खंडेलवाल और अरोड़ा ने कहा कि बदलते बाजार रुझानों को देखते हुए ज्वैलर्स अब फैंसी ज्वैलरी और चांदी के सिक्कों जैसे नए विकल्पों पर विशेष ध्यान दे रहे हैं ताकि ग्राहकों की बदलती मांग के अनुरूप व्यापार को गति दी जा सके।

गहनों को पीछे छोड़ रहे सोने-चांदी के सिक्के, धनतेरस पर बदल रहा है खरीदारों का ट्रेंड

नई दिल्‍ली. दिवाली के त्योहार पर इस वर्ष दिल्ली सहित देशभर के बाजारों में बड़ी धूमधाम है और ग्राहकों का तांता बाजारों का रूख कर रहा है. लंबे समय के बाद व्यापारियों और ग्राहकों के चेहरे पर खुशी की चमक लौटी है.  धनतेरस का बड़ा त्योहार है और इस दिन सोने-चांदी, बर्तन, रसोई के सामान आदि को खरीदना शुभ माना जाता है. कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट) और इसके ज्वेलरी विंग ऑल इंडिया ज्वैलर्स एंड गोल्डस्मिथ फेडरेशन (एआईजेजीएफ )की ओर से धनतेरस के अवसर पर लगभग 50 हज़ार करोड़ रुपये से अधिक के सोने-चांदी के व्यापार का अनुमान लगाया गया है. कैट और एआईजेजीएफ की ओर से देशभर के सर्राफा बाजारों में धनतेरस को लेरक किए गए सर्वेक्षण में पता चला है कि इस साल सोने–चांदी के सिक्कों की बिक्री में जबरदस्त उछाल दिख रहा है, जबकि स्वर्ण आभूषणों की बिक्री में कुछ गिरावट का अनुमान है. कैट के राष्ट्रीय महामंत्री और चांदनी चौक से सांसद प्रवीन खंडेलवाल व एआईजेजीएफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज अरोरा ने बताया कि सोने-चांदी के रिकॉर्ड ऊंचे दाम के चलते मध्यम और उच्च वर्ग के ग्राहक निवेश के रूप में अब ठोस सिक्कों को अधिक प्राथमिकता दे रहे हैं. वहीं, ज्वैलरी की मांग में कमी दर्ज की जा रही है. विवाह सीजन के खरीदार भी अब भारी आभूषणों की जगह हल्के गहनों को प्राथमिकता दे रहे हैं. कीमतों से कितना पड़ा असर उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष दीपावली के दौरान सोने का भाव लगभग 80,000 रुपये प्रति 10 ग्राम था, जो इस वर्ष बढ़कर 1,30,000 रुपये प्रति 10 ग्राम को पार कर गया है. यानी इसकी कीमतों में करीब 60% की वृद्धि हुई है. इसी प्रकार चांदी की कीमतें साल 2024 में 98,000 रुपये प्रति किलोग्राम थीं, जो अब 1,80,000 रुपये प्रति किलोग्राम के पार पहुंच गई हैं, यानी लगभग 70% की बढ़ोतरी दिख है. इन बढ़ी कीमतों के चलते निवेशक बड़ी संख्या में सर्राफा बाजार की ओर आकर्षित हुए हैं. कितना सोना और चांदी बिकेगा खंडेलवाल के अनुसार, धनतेरस से दीपावली तक त्योहारी सीजन में सबसे अधिक मांग बुलियन और सिक्कों की रहने की संभावना है. अरोरा के अनुसार, देशभर में करीब 5 लाख छोटे-बड़े ज्वैलर्स सक्रिय हैं. यदि प्रत्येक ज्वैलर औसतन 50 ग्राम सोना बेचता है, तो कुल मिलाकर लगभग 25 टन सोने की बिक्री होगी, जिसकी मौजूदा भाव से अनुमानित कीमत 32,500 करोड़ रुपये है. इसी प्रकार, प्रत्येक ज्वैलर अगर औसतन 2 किलो चांदी बेचता है तो लगभग 1,000 टन चांदी की बिक्री होगी, जिसकी मौजूदा कीमत 18,000 करोड़ रुपये के आसपास है. इस प्रकार, देशभर के सर्राफा बाजारों में कुल मिलाकर लगभग 50,000 करोड़ से अधिक के व्यापार का अनुमान है. गहनों के बजाय सिक्‍कों पर जोर खंडेलवाल और अरोड़ा ने बताया कि बदलते बाजार रुझानों को देखते हुए ज्वैलर्स अब फैंसी ज्वैलरी और चांदी के सिक्कों जैसे नए विकल्पों पर विशेष ध्यान दे रहे हैं, ताकि ग्राहकों की बदलती मांग के अनुरूप व्यापार को गति दी जा सकती है. ग्राहक भी सोने-चांदी के गहनो के बजाय सिक्‍कों पर अधिक जोर दे रहे हैं. उनका मानना है कि सिक्‍कों की शुद्धता भी ज्‍यादा होती है और इस पर मेकिंग चार्ज आदि का भी कोई झंझट नहीं रहता है.  

त्योहारी बुकिंग बनी मुश्किल: IRCTC सर्वर क्रैश से यात्रियों की परेशानी बढ़ी

नई दिल्ली इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन की वेबसाइट शुक्रवार को फिर तकनीकी खामियों की वजह से ठप हो गई। ऑनलाइन टिकट बुक करने की कोशिश कर रहे यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। सूत्रों के मुताबिक, समस्या सर्वर से जुड़ी है और इसे ठीक करने के लिए टीम काम कर रही है। वेबसाइट के साथ-साथ मोबाइल ऐप भी फिलहाल काम नहीं कर रहा था।इस मामले आईआरसीटीसी के अधिकारियों का कहना है कि, तकनीकी खराबी के चलते वेबसाइट में दिक्कत आ गई थी। जिसे 11:15 पर ठीक कर लिया गया है। दरअसल, हर रोज सुबह 10 बजे आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर एसी श्रेणी की तत्काल टिकट बुकिंग शुरू होती है, जबकि नॉन-एसी टिकटों की बुकिंग 11 बजे से खुलती है। शुक्रवार को धनतेरस (शनिवार) के सफर के लिए तत्काल टिकट बुकिंग का समय था, लेकिन वेबसाइट के डाउन होने से यात्रियों की उम्मीदों पर पानी फिर गया। जिन लोगों ने त्योहार पर घर जाने के लिए टिकट बुक करने की योजना बनाई थी, उन्हें बड़ी निराशा हाथ लगी। भारतीय रेलवे की टिकट बुकिंग के लिए एकमात्र आधिकारिक प्लेटफॉर्म आरसीटीसी की वेबसाइट है।रोजाना इस वेबसाइट के जरिए लगभग 12.5 लाख टिकटें बुक की जाती हैं। रेलवे की कुल टिकट बुकिंग में से करीब 84 प्रतिशत बुकिंग आईआरसीटीसी की वेबसाइट और मोबाइल ऐप के माध्यम से होती है। गुरुवार को आईआरसीटीसी का शेयर सुबह 11 बजे तक बीएसई पर 0.28 प्रतिशत की गिरावट के साथ 717.05 रुपये के स्तर पर ट्रेड हो रहा है। हालांकि, पिछले 1 सप्ताह में कंपनी के शेयर में 0.34 फीसदी की तेजी देखने को मिली है। वही, पिछले 2 सप्ताह में इसमें 1.44 फीसदी का उछाल आया है। पिछले 6 महीने में कंपनी का शेयर -6.74 फीसदी गिरा है। वही, पिछले 1 साल में कंपनी के शेयर में -17.69 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। कंपनी का मार्केट कैप करीब 57,400.00 करोड़ रुपये है। 1999 में भारतीय रेलवे में शामिल हुआ था आईआरसीटीसी इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन भारत सरकार के रेल मंत्रालय के अंतर्गत एक मिनीरत्न पीएसयू है। IRCTC को 27 सितंबर 1999 को भारतीय रेलवे की एक शाखा के रूप में शामिल किया गया था। इसका उद्देश्य स्टेशनों, ट्रेनों और अन्य स्थानों पर  कैटरिंग और हॉस्पिटैलिटी को मैनेज करना है। इसके साथ ही बजट होटल्स, स्पेशल टूर पैकेज, इंफॉर्मेशन एंड कॉमर्शियल पब्लिसिटी और ग्लोबल रिजर्वेशन सिस्टम के डेवलपमेंट के माध्यम से घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पर्यटन को बढ़ावा देना है।

धनतेरस: खरीदारी के साथ करें ये 5 उपाय, बढ़ेगी मां लक्ष्मी की शुभता

कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस मनाया जाता है और इसी दिन से दिवाली का त्योहार शुरू हो जाता है। इस शुभ दिन मां लक्ष्मी, कुबेर और यमराज की पूजा की जाती है। धनतेरस पर नई वस्तुएं खरीदने के साथ ही कुछ विशेष उपाय करने से धन-धान्य की वृद्धि, सुख-समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का आगमन होता है। आइए जानते हैं धनतेरस पर किए जाने वाले 5 अचूक उपाय, जो मां लक्ष्मी की कृपा दिला सकते हैं। कुबेर और लक्ष्मी पूजन धनतेरस पर सूर्यास्त के बाद 13 दीपक जलाना अत्यंत शुभ माना जाता है। इसके बाद कुबेर देव और तिजोरी की विधि-विधान से पूजा करें। पूजा में धूप, दीप, चंदन, नैवेद्य, फूल और फल अर्पित करें। फिर श्रद्धापूर्वक मंत्र जपें: ‘यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धन-धान्य अधिपतये धन-धान्य समृद्धि मे देहि दापय दापय स्वाहा।’ यह मंत्र धन की वृद्धि और आर्थिक स्थिरता लाता है। तिजोरी में चांदी का सिक्का या लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति रखना भी शुभ है। लौंग का जोड़ा अर्पित करें धनतेरस से दिवाली तक मां लक्ष्मी की पूजा के दौरान रोज एक जोड़ा लौंग अर्पित करना चाहिए। यह छोटा सा उपाय आर्थिक तंगी को दूर करता है। मान्यता है कि लौंग की सुगंध मां लक्ष्मी को आकर्षित करती है, जिससे घर में धन-धान्य की कमी नहीं रहती। लौंग को पूजा के बाद तिजोरी में रखने से धन का प्रवाह बना रहता है। तिजोरी में मां लक्ष्मी की तस्वीर धनतेरस पर तिजोरी या गल्ले में मां लक्ष्मी की ऐसी तस्वीर लगाएं, जिसमें वे कमल पर विराजमान होकर धन की वर्षा कर रही हों। यह तस्वीर समृद्धि और स्थायी सुख का प्रतीक मानी जाती है। तस्वीर के पास एक घी का दीपक जलाएं और लाल फूल अर्पित करें। इस उपाय से घर में धन की बरकत होती है और आर्थिक समस्याएं कम होती हैं। मुख्य द्वार पर शुभ प्रतीक घर का मुख्य द्वार सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश द्वार होता है। धनतेरस पर हल्दी और चावल को पीसकर पेस्ट बनाएं और इससे मुख्य द्वार पर ‘ॐ’ का चिन्ह बनाएं। यह मां लक्ष्मी के स्वागत का प्रतीक है। इसके साथ, द्वार पर रंगोली बनाना और तोरण लगाना भी शुभ माना जाता है। यह उपाय घर में शांति, समृद्धि और सकारात्मकता लाता है। शंख से शुद्धिकरण धनतेरस पर कार्यों में बाधाओं या धन की कमी को दूर करने के लिए दक्षिणावर्ती शंख में स्वच्छ जल भरकर घर के चारों ओर छिड़कें। पूजा से पहले और बाद में यह प्रक्रिया करें। साथ ही, चीनी, बताशा, खीर और चावल का दान करें। यह नकारात्मक ऊर्जा को हटाता है और मां लक्ष्मी के आगमन का मार्ग प्रशस्त करता है। शंख की ध्वनि घर को शुद्ध करती है। धनतेरस केवल खरीदारी का दिन नहीं, बल्कि आध्यात्मिक और आर्थिक समृद्धि का अवसर है। कुबेर-लक्ष्मी पूजन, लौंग अर्पण, लक्ष्मी तस्वीर, शुभ प्रतीक और शंख शुद्धिकरण – नकारात्मकता को दूर कर सकारात्मक ऊर्जा लाते हैं। इन उपायों को श्रद्धा और विधि-विधान से करने पर मां लक्ष्मी की कृपा बरसती है और घर में धन-धान्य, सुख-शांति का वास होता है।

धनतेरस पर क्या खरीदें? ज्योतिषी ने बताई शुभ और अशुभ वस्तुओं की पूरी लिस्ट

अक्टूबर का महीना चल रहा है और अक्टूबर के इसी महीने में दिवाली का त्यौहार भी है जिसकी तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. बाजार पूरी तरह से गुलजार हैं, एक अलग ही रौनक देखने को मिल रही है. सारे व्यापारी तैयारी करके बैठे हुए हैं कि इस बार दिवाली के त्यौहार में अच्छा खासा व्यापार किया जाएगा. धनतेरस में लोग तरह-तरह के सामान की खरीदी करते हैं लेकिन इस बार कुछ लोग कंफ्यूजन में भी हैं कि इस बार के धनतेरस में वो लोहे से जुड़ी सामग्री खरीदें या न खरीदें क्योंकि धनतेरस इस बार शनिवार को पड़ रही है. ऐसी मान्यता है कि शनिवार को लोहा नहीं खरीदा जाता. ज्योतिषाचार्य दूर कर रहे हैं कंफ्यूजन. धनतेरस में बड़ा कन्फ्यूजन धनतेरस की तैयारी इन दिनों जोर-शोर से चल रही है, बाजार पूरी तरह से गुलजार हैं. व्यापारी भी धनतेरस को लेकर तैयारी कर चुके हैं लेकिन इस बार धनतेरस को लेकर लोगों में कंफ्यूजन भी है. क्योंकि इस बार की धनतेरस 18 अक्टूबर को पड़ रही है और 18 अक्टूबर को शनिवार का दिन भी पड़ रहा है, जिसके चलते लोग कंफ्यूज हैं कि शनिवार को लोहे से जुड़ी सामग्री वो खरीद सकते हैं या नहीं खरीद सकते हैं. ज्योतिषाचार्य से जानिए क्या लोहा खरीदना सही है? ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि इस बार उनके पास कई ऐसे लोग आ रहे हैं जो यह पूछ रहे हैं कि शनिवार के दिन धनतेरस है और ऐसे में लोहे से जुड़ी सामग्री की खरीदी वो कैसे करें. वे बताते हैं कि "जिस तरह से दशहरा के दिन पंचक रहता है लेकिन उस दिन दसों दिशाएं खुली रहती हैं सभी शुभ काम होते हैं, इसी तरह धनतेरस के दिन भी भले ही शनिवार पड़ रहा है, लेकिन शनि का कोई दोष नहीं लगेगा, उस दिन हर सामग्री पर लक्ष्मी जी का निवास होता है, फिर चाहे लोहा हो, सोना हो, चांदी हो, तांबा हो, पीतल हो.   'लोहा खरीदने पर नहीं लगेगा शनि का दोष' ऐसे में अगर धनतेरस के दिन आप लोहे से जुड़ी सामग्री खरीद रहे हैं, तो बिल्कुल चिंतित ना हों, शनि का कोई दोष नहीं लगेगा बल्कि मां लक्ष्मी का आपके घर में आगमन होगा. घर में बरक्कत होगी और जिस उद्देश्य के साथ आप धनतेरस में खरीदी कर रहे हैं, आपके उस उद्देश्य की पूर्ति होगी.

धनतेरस 2025: गुरु ग्रह के गोचर से इन राशियों को होगा विशेष लाभ

इस साल धनतेरस के दिन यानी 18 अक्टूबर 2025 को एक खास ज्योतिषीय घटना घटने जा रही है। इस दिन देवगुरु बृहस्पति अपनी राशि बदलकर मिथुन से कर्क राशि में प्रवेश करेंगे। ज्योतिष में बृहस्पति को बेहद शुभ और प्रभावशाली ग्रह माना गया है। इसे ज्ञान, शिक्षा, संतान, भाग्य, संपत्ति और समृद्धि का कारक कहा जाता है। जब गुरु अपनी उच्च राशि कर्क में प्रवेश करते हैं, तो इसका प्रभाव कई राशियों के जीवन में बड़ा सकारात्मक बदलाव लाता है। यह गोचर धनतेरस के दिन होने से इसका प्रभाव और भी शुभ माना जा रहा है। इस समय ज्ञान, धर्म, दान और आस्था से जुड़ी गतिविधियाँ शुभ फल देंगी। आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, और कुछ लोगों को नई शुरुआत या प्रमोशन का अवसर मिलेगा। साथ ही, परिवार और रिश्तों में सामंजस्य भी बढ़ेगा। ज्योतिष गणनाओं के अनुसार, कर्क राशि में गुरु का गोचर विशेष रूप से इन राशियों के लिए बेहद लाभकारी रहेगा- वृषभ राशि: गुरु के गोचर से कम्युनिकेशन स्किल्स और आत्मविश्वास बढ़ेगा। कोई पुराना प्रयास सफल होगा। भाई-बहनों के साथ रिश्ते बेहतर होंगे और छोटी यात्राओं से लाभ के योग बन रहे हैं। जो लोग मीडिया, लेखन या शिक्षा से जुड़े हैं, उनके लिए समय शानदार रहेगा। सिंह राशि: गुरु का यह गोचर सिंह राशि वालों के धन और आत्मविश्वास दोनों में वृद्धि करेगा। निवेश से लाभ मिलेगा, और रुके हुए पैसे वापस मिल सकते हैं। करियर में भी नई जिम्मेदारियाँ और सम्मान बढ़ेगा। परिवार में खुशियां और धार्मिक वातावरण रहेगा। वृश्चिक राशि: आपकी राशि के भाग्य भाव में गुरु का गोचर होगा, जिससे भाग्य वृद्धि के योग बनेंगे। विदेश यात्रा, उच्च शिक्षा या अध्यात्म से जुड़ी दिशा में प्रगति होगी। जो लोग सरकारी क्षेत्र में प्रयासरत हैं, उन्हें सफलता मिल सकती है। घर-परिवार में भी सौहार्द बना रहेगा। मीन राशि: आपके लिए यह गोचर बेहद शुभ है, क्योंकि गुरु आपके स्वामी ग्रह हैं। कर्क राशि में उनका प्रवेश रचनात्मकता, संतान सुख, और प्रेम जीवन को मजबूत करेगा। कलाकारों, शिक्षकों और स्टूडेंट्स के लिए यह समय सुनहरा रहेगा। धन लाभ और मान-सम्मान में भी वृद्धि होगी।

धनतेरस पर ये खरीदारी बनाए आपकी किस्मत चमकदार, सोना-चांदी से भी ज्यादा लाभदायक

धनतेरस एक ऐसा पर्व है जो हमें धन, स्वास्थ्य और खुशियों का संदेश देता है। इस दिन की गई खरीदारी केवल भौतिक समृद्धि नहीं बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक समृद्धि का भी प्रतीक है। इस दिन को मनाने और खरीदारी करने से न केवल आर्थिक लाभ होता है बल्कि परिवार में भी प्रेम और एकता बनी रहती है। धनतेरस पर की गई पूजा और खरीदारी से जीवन में सुख और समृद्धि का संचार होता है, जो हमें और हमारे परिवार को एक नई दिशा में आगे बढ़ाता है। धनतेरस पर खरीदारी करने की परंपरा और मान्यता दोनों हैं। सदियों से ये रीत चली आ रही है की दिवाली का आरंभ धनतेरस की शॉपिंग से होता है। देवी लक्ष्मी की तरह ही भगवान धन्वंतरि भी सागर मंथन से उत्पन्न हुए हैं। धनवंतरि जब प्रकट हुए थे तो उनके हाथ में अमृत से भरा कलश था इसलिए इस अवसर पर बर्तन खरीदने की परम्परा है। धनतेरस के दिन सोने और चांदी के बर्तन, सिक्के और आभूषण खरीदने की परम्परा रही है। सोना सौंदर्य में वृद्धि तो करता ही है, मुश्किल घड़ी में संचित धन के रूप में भी काम आता है। कुछ लोग शगुन के रूप में सोने या चांदी के सिक्के भी खरीदते हैं। यह भी कहा जाता है कि इस दिन धन (वस्तु) खरीदने से उसमें 13 गुणा वृद्धि होती है। लोग इस दिन ही दीवाली की रात पूजा करने के लिए लक्ष्मी व गणेश जी की मूर्ति भी खरीदते हैं। इसे अभिजीत मुहूर्त अथवा सूर्यास्त के बाद खरीद कर घर ले आएं। फाइनेंशियल कंडीशन को स्थिर करने हेतु नए झाड़ू पर सफ़ेद रंग का धागा बांधकर उपयोग में लाएं। पुरानी झाड़ू को आधी रात के बाद घर से बाहर निकालें। लोक मान्यता के अनुसार इस अवसर पर धनिया के बीज खरीद कर भी लोग घर में रखते हैं। ऐसी जनश्रुति है कि इस दिन सूखे धनिया के बीज खरीद कर घर में रखना भी परिवार की धन संपदा में वृद्धि करता है। दीवाली के बाद इन बीजों को लोग अपने बाग-बगीचों या खेतों में बोते हैं। ये बीज उन्नति व धन वृद्धि के प्रतीक होते हैं। बदलते दौर के साथ लोगों की पसंद और जरूरत भी बदली है। कुछ लोग धनतेरस के दिन विलासिता से भरपूर वस्तुएं खरीदते हैं तो कुछ जरूरत की वस्तुएं खरीद कर धनतेरस का पर्व मनाते हैं। वैश्वीकरण के इस दौर में भी लोग अपनी परम्परा को नहीं भूले हैं और अपने सामर्थ्य के अनुसार यह पर्व मनाते हैं। धनतेरस के दिन वाहन खरीदने का फैशन सा बन गया है। लोग इस दिन गाड़ी खरीदना शुभ मानते हैं। कुछ लोग मोबाइल, कम्प्यूटर और बिजली के उपकरण इत्यादि भी धनतेरस पर ही खरीदते हैं। धनतेरस पर हीरा और चांदी खरीदना शुभ होगा। सोना लेने की इच्छा है तो बिस्कुट अथवा बॉड खरीदें।