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फ्री में ₹1,000 का FASTag रिचार्ज पाने का मौका, बस करना होगा ये छोटा सा काम

जालंधर  NHAI ने स्वच्छ भारत अभियान को मजबूत करने के लिए एक नई योजना शुरू की है। इसके तहत अगर किसी यात्री को राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित किसी टोल प्लाज़ा या NHAI द्वारा संचालित शौचालय में गंदगी दिखाई देती है, तो वह इसकी रिपोर्ट कर 1,000 रुपये का FASTag रिचार्ज प्राप्त कर सकते है। यह योजना पूरे देश के राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क पर लागू है और इसे 31 अक्टूबर, 2025 तक जारी रखा जाएगा। यात्रियों को गंदे शौचालय की जियो-टैग्ड, टाइम-स्टैम्प्ड और स्पष्ट तस्वीर 'मार्ग यात्री' मोबाइल ऐप के माध्यम से अपलोड करनी होगी। साथ ही अपना नाम, मोबाइल नंबर, वाहन पंजीकरण और स्थान भी दर्ज करना आवश्यक है। रिपोर्ट की वेरिफिकेशन AI और मैन्युअल रूप से की जाएगी। वहीं इसके सही पाए जाने पर, वाहन के FASTag में 1,000 रुपये का रिचार्ज किया जाएगा। इस योजना के लिए कुछ नियम भी बनाए गए हैं। बता दें कि प्रत्येक वाहन केवल एक बार ही इनाम के लिए पात्र होगा और किसी शौचालय के लिए प्रति दिन केवल एक ही इनाम मिलेगा। यह सुविधा केवल NHAI संचालित शौचालयों पर लागू है; ढाबे, पेट्रोल पंप या अन्य निजी शौचालय शामिल नहीं हैं। अपलोड की गई तस्वीरें स्पष्ट होनी चाहिए और डुप्लिकेट तस्वीरें स्वीकार नहीं की जाएंगी। NHAI का उद्देश्य यात्रियों को स्वच्छ शौचालय उपलब्ध कराना और उन्हें जिम्मेदार नागरिक के रूप में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करना है।  

टोल पेमेंट हुआ आसान : FASTag में नई छूट, UPI से करें पेमेंट

नई दिल्ली केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने दीवाली से पहले आम लोगों को बड़ी राहत दी है। गाड़ी में फास्टैग न होने की दशा में मालिकों को दोगुनी कीमत चुकानी होती थी। लेकिन अब इस नियम में बदलाव होने जा रहा है। नए नियम के तहत अब फास्टैग न होने पर दोगुना नहीं, बल्कि 1.25 गुना टोल शुल्क देना होगा। बड़ी बात यह है कि वाहनों में फास्टैग न होने पर भुगतान अब यूपीआई से भी किया जा सकेगा। सरकार का कहना है कि फास्टैग ने टोल प्लाजा पर लंबी कतारों को कम किया है। 2022 के सरकारी आंकड़ों के अनुसार, टोल प्लाजा पर औसत वेटिंग समय अब ​​केवल 47 सेकंड है। देश में लगभग 98% राजमार्ग यूजर्स फास्टैग का उपयोग करते हैं। यह प्रणाली न केवल समय बचाती है, बल्कि टोल कलेक्शन को भी पारदर्शी बनाती है। हालांकि, कुछ लोग अभी भी फास्टैग का इस्तेमाल नहीं करते हैं। वे नकद भुगतान को प्राथमिकता देते हैं। इससे टोल वसूली में अनियमितता का खतरा बढ़ जाता है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने जून 2024 में सैटेलाइट आधारित टोल कलेक्शन प्रणाली के शुभारंभ के दौरान कहा था कि नकद भुगतान से सालाना लगभग 10,000 करोड़ रुपये का नुकसान होगा। फैसले से टोल वसूली में आएगी पारदर्शिता नए नियम से नकद भुगतान में कमी आएगी। यूपीआई के इस्तेमाल में बढ़ोतरी से टोल वसूली और पारदर्शी होगी। इससे डिजिटल भुगतान को बढ़ावा मिलेगा। इस कदम से उन लोगों को भी राहत मिलेगी जो किसी कारण से फास्टैग नहीं ले पाते थे। मंत्रालय का मानना ​​है कि इससे टोल प्लाजा पर आवाजाही और तेज होगी।