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ब्रिक्स के वित्त मंत्रियों संग निर्मला सीतारमण की बैठक, द्विपक्षीय मामलों पर हुई विस्तार से चर्चा

रियो डी जेनेरियो वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ब्रिक्स समकक्षों के साथ बैठकें की और इस दौरान द्विपक्षीय सहयोग के मुद्दों पर चर्चा हुई। यह जानकारी आधिकारिक सरकारी बयान में गई। ब्रिक्स वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक गवर्नरों की बैठक के दौरान रूसी वित्त मंत्री एंटोन सिलुआनोव के साथ अपनी बैठक में वित्त मंत्री सीतारमण ने भारत-रूस की दीर्घकालिक साझेदारी पर चर्चा की। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर वित्त मंत्रालय की पोस्ट के अनुसार, वित्त मंत्री सीतारमण ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा दिए गए समर्थन के लिए आभार भी व्यक्त किया। मंत्रालय ने बताया, “केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि भारत और रूस के बीच आपसी विश्वास और समझ का स्तर सराहनीय है और हमारी विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी मजबूत और दृढ़ बनी हुई है।” उन्होंने 2024 में ब्रिक्स की सफल अध्यक्षता के लिए रूस को बधाई दी और कहा कि भारत साझा हितों के क्षेत्रों में दक्षिण-दक्षिण सहयोग बनाने के लिए ब्रिक्स मंच का लाभ उठाना जारी रखेगा। उन्होंने हाल ही में ब्रिक्स में शुरू की गई विभिन्न पहलों के तौर-तरीकों पर भी चर्चा की। दोनों पक्षों ने वित्तीय क्षेत्र में सहयोग सहित द्विपक्षीय सहयोग के मुद्दों पर और न्यू डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी) से संबंधित मामलों पर भी चर्चा की। वित्त मंत्री सीतारमण ने ब्राजील के वित्त मंत्री फर्नांडो हद्दाद से मुलाकात की और दक्षिण-दक्षिण सहयोग, वैश्विक दक्षिण की आवाज को बढ़ावा देने, सीओपी30 और जलवायु वित्त मुद्दों और संयुक्त राष्ट्र, जी20, ब्रिक्स, डब्ल्यूटीओ और आईबीएसए जैसे क्षेत्रीय और वैश्विक मंचों में भागीदारी सहित आपसी हितों के मुद्दों पर बातचीत की। ब्रिक्स की अध्यक्षता के दौरान ब्राजील द्वारा किए गए गहन कार्य की सराहना करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि भारत ब्राजील द्वारा निर्धारित एजेंडे और प्राथमिकताओं का समर्थन करता है और उम्मीद करता है कि जनवरी 2026 में जब भारत अध्यक्षता संभालेगा तो इस सहयोग को आगे बढ़ाया जाएगा। वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि भारत और ब्राजील, रणनीतिक साझेदार के रूप में कई क्षेत्रों में गर्मजोशी और सौहार्दपूर्ण संबंध साझा करते हैं और रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए कई क्षेत्रों में मिलकर काम कर रहे हैं। चीन के वित्त मंत्री लैन फोआन के साथ अपनी बैठक में वित्त मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि भारत और चीन समावेशी वैश्विक विकास और नवाचार को आगे बढ़ाने के लिए अद्वितीय स्थिति में हैं, क्योंकि दोनों देश दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाएं हैं। मंत्रालय के अनुसार, वित्त मंत्री ने कहा कि भारत और चीन साझा समृद्ध मानव पूंजी, गहरे सभ्यतागत संबंध और बढ़ते आर्थिक प्रभाव के कारण कई क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत कर सकते हैं। वित्त मंत्री ने सुझाव दिया कि दोनों देशों के बीच गहन जुड़ाव विकासशील अर्थव्यवस्थाओं की आवाज को बढ़ाने और वैश्विक नैरेटिव को आकार देने में मदद कर सकता है।  

ब्रिक्स शिखर बैठक के लिए ब्राजील पहुंचे पीएम मोदी, स्वागत में दिखी खास तैयारी

रियो डी जेनेरियो ब्राजील में 6-7 जुलाई को ब्रिक्स सम्मेलन हो रहा है। 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के लिए पीएम नरेंद्र मोदी भी रियो डी जेनेरियो पहुंच गए हैं। यहां पर ब्राजील के राष्ट्रपति लुईस इनासियो लूला दा सिल्वा ने पीएम मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया। बता दें कि ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी वैश्विक शासन में सुधार, शांति और सुरक्षा, बहुपक्षवाद को मजबूत करने, एआई के उपयोग, जलवायु कार्रवाई, वैश्विक स्वास्थ्य और आर्थिक और वित्तीय मामलों सहित प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे।   पीएम मोदी पहुंचे ब्राजील प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय 8 दिनों की पांच देशों की आधिकारिक दौरे पर हैं। पीएम शनिवार को अर्जेंटीना की ऐतिहासिक यात्रा पूरी करने के बाद पांच देशों की अपनी यात्रा के चौथे चरण में आज दिन में ब्राजील पहुंचे। बता दें कि पीएम मोदी की ब्राजील की चौथी यात्रा है और दो दिवसीय शिखर सम्मेलन के बाद उनका ब्रासीलिया का राजकीय दौरा करने का कार्यक्रम है। माना जा रहा है कि पीएम मोदी इस शिखर सम्मेलन के दौरान कई द्विपक्षीय बैठकें भी कर सकते हैं। हालांकि, इसको लेकर अभी कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है। चीन के राष्ट्रपति नहीं लेंगे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा ब्राजील में हो रहे इस शिखर सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति और चीन के राष्ट्रपति हिस्सा नहीं लेंगे। चीनी राष्ट्रपति बनने के बाद ये पहला मौका है, जब शी चिनफिंग इस शिखर सम्मेलन में हिस्सा नहीं ले रहे हैं। उनके स्थान पर चीन के पीएम ली क्यांग सम्मेलन में भाग लेंगे। बता दें कि ब्रिक्स में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं। मिस्त्र, इथोपिया, ईरान, सऊदी अरब और यूएई को शामिल करके इस समूह का विस्तार किया गया है।

यात्रियों की परेशानी देख शिवराज का अनुरोध, ट्रेन में जनरल डिब्बे बढ़ाने की मांग

भोपाल केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ट्रेन में बैठकर भोपाल से गंजबासौदा जा रहे थे। रविवार को उन्होंने पंजाब मेल एक्सप्रेस के जनरल बोगी में यात्रा करने की कोशिश की, लेकिन उस बोगी में जगह नहीं मिली। उन्होंने जनरल बोगी के यात्रियों से बात की और उनकी परेशानियां जानी। शिवराज सिंह चौहान ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हर जनप्रतिनिधि को आम होना चाहिए। उन्होंने खुद को आम आदमी बताया और कहा कि जनता के बीच जाकर ही उनकी तकलीफों का पता चलता है। उन्होंने जनरल बोगी को बढ़ाने की बात भी कही। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जनरल बोगी में यात्रियों से बात करके उनकी मुश्किलों का पता चला। इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। वीडियो में शिवराज यात्रियों से बातचीत करते हुए दिख रहे हैं। शिवराज ने कहा कि जनता के हर प्रतिनिधि को जनरल ही होना चाहिए। हम खास नहीं हैं हम आम हैं। जनरल बोगी में बैठने के लिए नहीं थी जगह शिवराज ने कहा कि हम खास नहीं, आम हैं। उनका मानना है कि आम लोगों के बीच जाकर ही उनकी कठिनाइयों और तकलीफों का अहसास होता है। उन्होंने जनरल बोगी में जगह की कमी के बारे में बात करते हुए कहा कि मैं जनरल कोच में बैठना चाहता था, लेकिन वहां जगह ही नहीं थी। खचाखच भरा हुआ था। कुछ लोग खड़े भी हैं। इससे उस तकलीफ का भी अहसास होता है। शिवराज ने जनरल डिब्बों को बढ़ाने की बात कही केंद्रीय मंत्री ने इस समस्या को देखते हुए ट्रेनों में जनरल डिब्बों की संख्या बढ़ाने की बात कही। उन्होंने कहा, "इसको देखकर मुझे लगता है कि ट्रेन में जनरल डिब्बों की और जरूरत है।" शिवराज का मानना है कि आम जनता के बीच जाकर ही उनकी समस्याओं का पता चलता है। इसलिए, उन्होंने ट्रेन में सफर कर रहे लोगों से मिलने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि मुझे लगा कि मैं सभी भाई-बहनों के बीच जाऊं, जो ट्रेन से सफर कर रहे हैं। यह उनको समझने का और समझ कर उनकी सेवा करने का एक प्रयास है। 1 जुलाई से बढ़ गया है ट्रेनों का किराया दूसरी तरफ रेलवे ने 1 जुलाई से ट्रेनों के किराए में बढ़ोतरी कर दी है। यह बढ़ोतरी मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों में की गई है। मीडिया के अनुसार रेलवे ने नान एसी क्लास का किराया 1 पैसा प्रति किलोमीटर बढ़ाया है। वहीं, सभी एसी क्लास का किराया 2 पैसे प्रति किलोमीटर बढ़ाया गया है। रेल मंत्रालय के अधिकारियों ने पहले ही किराया बढ़ाने के संकेत दे दिए थे। 24 जून को किराया संशोधन का प्रस्ताव रखा गया था। इसके बाद ट्रेनों और श्रेणियों के अनुसार किराया तालिका जारी की गई।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने वनाधिकार और पेसा एक्ट के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए पहली बैठक में दिए निर्देश

सरकार वनवासियों के साथ है, यह भावना जन जन तक जानी चाहिए दुग्ध उत्पादन के जरिए जनजातीय भाई-बहनों की बढ़ाएं नकद आय पेसा मोबालाईजर की निुयक्ति के अधिकार अब ग्राम सभाओं को देगी सरकार भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि स्नेह का बंधन एकतरफा नहीं होना चाहिए। राज्य सरकार हर पल वनवासियों के साथ खड़ी है, यह बात पूरी शिद्दत से उन तक पहुंचनी चाहिए। सभी वनवासियों को सरकार की योजनाओं से जोड़ें और उनके जीवन में विकास का प्रकाश लाने की दिशा में काम करें। वनवासियों के कल्याण के लिए हरसंभव प्रबंध किए जाएं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जनजातीय वर्ग के अध्ययनरत एवं रोजगार कर रहे बच्चों का सामाजिक सम्मेलन बुलाएं। इस सम्मेलन के जरिए सरकार इन बच्चों को उन तक पहुंचने वाले लाभ का फीड-बैक भी लेगी और जिन्हें जरूरत है, उन तक सरकार की योजनाएं तथा सुविधाएं भी पहुंचाई जाएंगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव रविवार को समत्व भवन (मुख्यमंत्री निवास) में प्रदेश में वन अधिकार अधिनियम और पेसा एक्ट के क्रियान्वयन के लिए गठित की गई राज्य-स्तरीय टास्क फोर्स की शीर्ष समिति तथा इसी विषय के लिए गठित कार्यकारी समिति की बैठक को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जनजातीय कार्य एवं वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को वनाधिकार के व्यक्तिगत और सामुदायिक दावों का तेजी से निराकरण कर 31 दिसंबर 2025 तक पेंडेसी जीरो करने के निर्देश दिए।मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में पेसा एक्ट यानि पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) अधिनियम, 1996 लागू है। इसमें पेसा मोबालाईजर्स के जरिए जनजातियों को उनके अधिकारों के बारे में जानकारी देकर योजनाओं से लाभान्वित भी कराया जाता है। इन सभी पेसा मोबालाईजर्स की अपने काम पर उपस्थिति और उच्च कोटि का कार्य प्रदर्शन फील्ड में दिखाई भी देना चाहिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पेसा मोबालाईजर्स को नियुक्त करने और संतोषजनक प्रदर्शन न करने पर इन्हें हटाने के अधिकार सरकार अब ग्राम सभाओं को देने जा रही है।इस निर्णय से एकरूपता आएगी और ग्राम सभाएं पेसा मोबालाईजर्स से अपने मुताबिक काम भी ले सकेंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार वनवासियों की बेहतरी के लिए संकल्पित है। उनके सभी हितों की रक्षा की जाएगी। उन्होंने कहा कि वन विभाग का मैदानी अमला यह सुनिश्चित करे कि वन भूमि पर अब कोई भी नये अतिक्रमण कदापि न होने पाएं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वनाधिकार अधिनियम के सुचारू क्रियान्वयन के लिए महाराष्ट्र सरकार के 'जलयुक्त शिविर' अभियान की तरह समन्वय पर आधारित मॉडल मध्यप्रदेश में भी अपनाया जाए। उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों द्वारा इस अधिनियम के अमल के लिए की जा रही कार्यवाही के सभी पहलुओं का अध्ययन कर लें और जो सबसे उपयुक्त है उसी मॉडल पर आगे बढ़ें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश के सभी विधानसभा क्षेत्रों के विकास के लिए विधायकों द्वारा विजन डॉक्यूमेंट बनाया गया है। वनाधिकार अधिनियम और पेसा कानून के अमल के लिए समुचित प्रावधान भी इसी विजन डॉक्यूमेंट में शामिल कर लिए जाएं। उन्होंने कहा कि सरकार क्रमबद्ध रूप से विशेष रूप से पिछड़े जनजातीय समूहों और अन्य जनजातीय बहुल गांव, मजरों-टोलों तक सड़कों का निर्माण कर रही है। ग्राम पंचायत विकास कार्ययोजना में पेसा कोष की राशि खर्च करने का अधिकार भी संबंधित पेसा ग्राम सभा को दिया जा रहा है। बैठक में समिति के सदस्य एवं पूर्व विधायक श्री भगत सिंह नेताम ने बताया कि वनाधिकार अधिनियम के प्रभावी अमल के लिए बालाघाट जिले में पुलिस विभाग द्वारा सभी पुलिस चौकियों में एकल सुविधा केन्द्र स्थापित कर इसके जरिए कैम्प लगाकर जनजातियों को लाभान्वित किया जा रहा है। अब तक 450 वनाधिकार दावे भरवाए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस नवाचार की प्रशंसा करते हुए कहा कि प्रदेश के सभी 88 जनजातीय विकासखंडों वाले जिलों के कलेक्टर को बालाघाट मॉडल भेजकर इसी अनुरूप कार्यवाही करने के लिए कहा जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वन क्षेत्र के सभी गांवों के विकास के लिए प्रस्ताव दिए जाएं। उन्होंने कहा कि यह कार्य एक्शन प्लान बनाकर किया जाए। उन्होंने कहा कि 31 दिसम्बर 2025 तक सभी गांवों के दावे प्राप्त कर लें और इसी दौरान इनका निराकरण भी कर लें। वन अधिकारियों की ट्रेनिंग का काम 15 अगस्त तक पूरा कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि यदि कोई तकनीकी परेशानी आ रही है तो इसके लिए वन और जनजातीय कार्य विभाग मिलकर एक नया पोर्टल भी विकसित कर लें। वनांचल विकास केन्द्र को करें और अधिक सक्रिय मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जनजातियों के पारम्परिक ज्ञान को उनके विकास के लिए बनाई जा रही नीति निर्माण में भी शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि ग्राम सभाओं को और भी सशक्त बनाने, सामुदायिक वन संसाधनों के समुचित प्रबंधन, जैव विविधता के संरक्षण और वन एवं वनोपज संसाधनों के न्यायसंगत वितरण के लिए वन/वनांचल विकास केन्द्रों को और अधिक भी सक्रिय कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि ये केंद्र वन अनुसंधान, प्रशिक्षण, मार्केट लिंकेज और कार्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व-सीएसआर/कैम्पा जैसे वित्त स्रोतों के समन्वय में महत्त्वपूर्ण भूमिका भी अदा करें। सामुदायिक आजीविका पर करें फोकस मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आजीविका सबसे पहली जरूरत होती है। सामुदायिक आजीविका के साधनों पर फोकस कर जनजातियों की नकद आय के साधन बढ़ाने की दिशा में उन्हें दुग्ध उत्पादन के लिए प्रोत्साहित किया जाए। उन्हें शासन की योजना के तहत अधिक से अधिक दुधारू पशु (मुख्यत: गाय, भैंस) उपलब्ध कराए जाएं। इससे वे आर्थिक रूप से मजबूत और आत्मनिर्भर बन सकेंगे। उन्होंने कहा कि जनजातियों को कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग की रोजगारमूलक योजनाओं से भी जोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि चूंकि वनवासी वनोपजों पर विशेष रूप से आश्रित रहते हैं। इसलिए लघु वनोपजों के संग्रहण, प्रसंस्करण और विपणन गतिविधियों में जनजातीय समुदायों को लाभ का बड़ा हिस्सा मिलना चाहिए,इससे उनका जीवन स्तर सुधरेगा। औषधीय पौधों की खेती पर विशेष जोर दिया जाए ताकि जनजातीय वर्ग के उत्पाद सीधे बाजार से जुड़ सकें। उन्होंने कहा कि जनजातीय वर्गों की स्थायी आजीविका विकास के लिए मूल्य संवर्धन केंद्र भी विकसित किए जाएं, जिससे जनजातियां रोजगार की तलाश में बाहर न जाएं और युवाओं को स्थानीय स्तर पर ही रोजगार मिल जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जनजातियों द्वारा उत्पादित श्रीअन्न … Read more

मुख्यमंत्री ने आवास एवं पर्यावरण विभाग की ली समीक्षा बैठक

रायपुर,   मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय नवा रायपुर स्थित मंत्रालय महानदी भवन में आवास एवं पर्यावरण विभाग के विभागीय काम-काज की समीक्षा बैठक ली। इस दौरान मुख्यमंत्री ने नवा रायपुर विकास प्राधिकरण के अतंर्गत संचालित कार्यो की जानकारी लेते हुए अधिकरियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बैठक में वित्त एवं आवास पर्यावरण मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री राहुल भगत, सचिव आवास एवं पर्यावरण श्री अंकित आंनद, एन आर डी ए के सी.ई.ओ श्री चंदन कुमार, छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के आयुक्त श्री अवनीश शरण, रायपुर विकास प्राधिकरण के सी.ई.ओ. श्री आकाश छिकारा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि नवा रायपुर का सुव्यवस्थित विकास सरकार की पहली प्राथमिकता है। नवा रायपुर क्षेत्र में भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए सुनियोजित विकास किया जायेगा। नवा रायपुर देश की सबसे आधुनिक व खुबसूरत राजधानी है। देश के आई.आई.एम., ट्रिपल आई.टी., नेशनल लॉ विश्वविद्यालय जैसे शीर्ष शिक्षण संस्थान यहां स्थापित किए गए हैं। भविष्य में नवा रायपुर में बसाहट और बढ़ेगी इसलिए यह आवश्यक है कि आगमाी जरूरतों के हिसाब से यहां नागरिक सुविधाओं का भी विस्तार किया जाए। मुख्यमंत्री ने नवा रायपुर क्षेत्र में रेल कनेक्टिविटी के विस्तार के संबंध में चर्चा कर अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। भारत सरकार द्वारा परमालकसा – खरसिया नई रेलवे लाईन का निर्माण बलौदाबाजार जिले से होकर किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने इस रेल लाईन को नवा रायपुर से जोड़ने की मंशा जाहिर करते हुए कहा कि इससे नवा रायपुर में रेल सुविधाओं का विस्तार होगा और आम नागरिको को इसका लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री श्री साय ने भारत माला परियोजना के अंतर्गत विशाखापट्टनम को जोड़ने वाले एक्सप्रेस-वे का निर्माण विकास के साथ आयात और निर्यात को प्रोत्साहित करने हेतु नवा रायपुर अटल नगर में एक लॉजिस्टीक हब की निर्माण आवश्यकता पर बल दिया। अधिकाारियों ने बाताया कि छत्तीसगढ़ से गुजरने वाले एक्सप्रेस-वे का निर्माण लगभग 95 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। इसके बनने से रायपुर से विशाखापट्टनम की दूरी 100 कि.मी. कम हो जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश कि नई औद्योगिक नीति से बड़ी संख्या में निवेशक आकर्षित हो रहे है। इससे यहां के युवाओं को रोजगार मिलेगा। मुख्यमंत्री ने नवा रायपुर क्षेत्र में ऑक्सीजोन निर्माण के अंतर्गत पीपल, बरगद, करंज, नीम, अशोक, अमलतास, गुलमोहर आदि पौधों के रोपण एवं ग्रोथ कि जानकारी ली। बैठक मे अधिकरियों ने बताया कि नवा रायपुर क्षेत्र में भविष्य में राज्य सरकार के विभिन्न आयोग-बोर्ड-निगम आदि के लिए आयोग बिडिंग कॉम्पलेक्स तैयार करने की योजना है। इसके अलावा काम-काजी महिलाओं के लिए वर्किंग वुमन हॉस्टल, 100 बिस्तर अस्पताल, नवा रायपुर में एक और नवीन थाना की स्थापना का प्रस्ताव है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नवा रायपुर क्षेत्र में नवीन भवनों के निर्माण के लिए आबंटित भू-खण्डों का समूचित उपयोग किया जाए। मुख्यमंत्री ने आवास एवं पर्यावरण विभाग के अंतर्गत शामिल – छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण बोर्ड, छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल, नगर तथा ग्राम निवेश, छत्तीसगढ़ भू-सम्पदा नियामक प्राधिकरण (रेरा), रायपुर विकास प्राधिकरण के काम-काज की समीक्षा की और अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।

मानसून में पहली बार बरगी बांध के नौ गेट खोले गए, जबलपुर में जल प्रबंधन शुरू

जबलपुर लगातार हो रही बारिश से नदी, ताालाब भी छलकने के लिए मचलने लगे हैं। रानी अवंति बाई लोधी सागर परियोजना बरगी बांध का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। लिहाजा जलस्तर नियंत्रित रखने के लिए नौ गेट खोल दिए गए। मानसून सीजन में पहली बार बांध के 21 में से 9 स्पिल-वे गेट औसतन 1.33 मीटर की ऊंचाई तक खोले गए है। इनमें से 52 हजार 195 क्यूसेक (घनफुट पानी प्रति सेकंड) पानी छोड़ा जा रहा है।   गेट नंबर 10, 11 और 12 खोले गए कार्यपालन यंत्री बरगी बांध राजेश सिंह गौंड के अनुसार खोले गए नौ गेट में से गेट नंबर 10, 11 और 12 को दो-दो मीटर, गेट नम्बर नौ और 13को डेढ़-डेढ़ मीटर, गेट नंबर आठ और 14 को एक-एक मीटर तथा गेट नंबर सात और 15 को आधा-आधा मीटर की ऊंचाई तक खोला गया है। उन्होंने बताया कि बांध में आवक को देखते हुए कभी भी इससे पानी निकासी की मात्रा घटाई या बढ़ाई जा सकती है। 417 मीटर से ज्यादा भरा कार्यपालन यंत्री बरगी बांध के मुताबिक रविवार को दोपहर ग्यारह बजे बांध का जल स्तर 417.40 मीटर रिकार्ड किया गया था और इस समय इसमें लगभग 98 हजार 741 क्युसेक पानी प्रवेश कर रहा था। बरगी बांध का पूर्ण जल भराव स्तर 422.76 मीटर है और ऑपरेशनल मैन्युल के अनुसार 31 जुलाई तक इसका जलस्तर 417.50 मीटर रखा जाना प्रस्तावित है। पांच फीट तक बढ़ेगा नर्मदा का जलस्तर फिलहाल बांध के निचले क्षेत्र के निवासियों से नर्मदा तट से सुरक्षित दूरी बनाए रखने तथा डूब क्षेत्र में प्रवेश न करने की अपील करते हुए बताया कि बांध से पानी छोड़ने से नर्मदा नदी का जलस्तर चार से पांच फुट तक बढ़ सकता है। अगले तीन घंटे में बरगी बांध का पानी गौरीघाट, तिलवारा घाट तक पहुंच सकता है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव की उपस्थिति में स्व. श्री मुखर्जी की 125वीं जयंती मनाई गई

भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रविवार को अरेरा कॉलोनी श्रेत्र में स्थित डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण और पुष्पांजलि अर्पित कर विनम्र श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव की उपस्थिति में स्व. श्री मुखर्जी की 125वीं जयंती मनाई गई। ज्ञात हो कि स्व. श्री मुखर्जी का जन्म 6 जुलाई 1901 को हुआ था। माल्यार्पण एवं श्रद्धांजलि कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने स्व. डॉ. मुखर्जी के राष्ट्रहित में किए गए योगदानों को याद किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनसंघ के संस्थापक स्व श्री मुखर्जी सच्चे राष्ट्रभक्त थे। वे प्रबल राष्ट्रवाद के प्रखर प्रणेता और सदैव राष्ट्रहित चिंतन में जीने वाले मुखर विचारक थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी केवल एक राजनीतिज्ञ नहीं, बल्कि एक दूरदृष्टि वाले राष्ट्रनायक थे। उनका जीवन राष्ट्र प्रेम, आत्मबलिदान और सेवा भावना की प्रेरणा देता है। उन्होंने भारतीय जनमानस की आवाज को बड़ी मुखरता से तत्कालीन सरकार के सामने रखा। स्व. डॉ. मुखर्जी ने ‘एक देश में दो विधान, दो प्रधान और दो निशान नहीं चलेंगे’ का नारा देकर राष्ट्रीय एकता की आधारशिला को शिद्दत से मजबूत किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि स्व. डॉ. मुखर्जी देश की सांस्कृतिक और सामाजिक एकता के पक्षधर थे। उन्होंने देश को एकता के सूत्र में पिरोने के लिए नई दिशा, नये विचार दिये। उनके विचारों और मूल्यों को आत्मसात करने की जरूरत है। भारत राष्ट्र को और अधिक शक्तिशाली, समरस एवं आत्मनिर्भर बनाने के लिए आज श्री मुखर्जी के विचार और भी प्रासंगिक हैं। उन्होंने कहा कि भारत राष्ट्र सदैव डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का ऋणी रहेगा। कार्यक्रम को सांसद भोपाल श्री आलोक शर्मा ने भी संबोधित कर अपनी बात रखी। इस अवसर पर खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री विश्वास कैलाश सारंग, खजुराहो सांसद श्री विष्णु दत्त शर्मा, विधायक श्री रामेश्वर शर्मा, श्री भगवान दास सबनानी, पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री सुरेश पचौरी, महापौर श्रीमती मालती राय, नगर निगम अध्यक्ष श्री किशन सूर्यवंशी, पूर्व सांसद श्री आलोक संजर, समाजसेवी श्री रविन्द्र यति, श्री राहुल कोठारी सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण एवं नागरिकगण उपस्थित थे।  

मुख्यमंत्री साय ने अपने निवास कार्यालय में डॉ. मुखर्जी के छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर दी श्रद्धांजलि

रायपुर, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने महान शिक्षाविद्, ओजस्वी राष्ट्रवादी और भारतीय जनमानस में राष्ट्रीय चेतना का संचार करने वाले डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री साय ने अपने निवास कार्यालय में डॉ. मुखर्जी के छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उनके अमूल्य योगदान का स्मरण किया और उनके योगदान पर अपने विचार व्यक्त किये। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जीवन देशभक्ति, निःस्वार्थ सेवा और अखंड भारत के प्रति अदम्य प्रतिबद्धता का प्रतीक है। वे दूरदर्शी राजनीतिज्ञ, प्रखर विचारक और शिक्षा, सामाजिक न्याय तथा राष्ट्रीय एकता के प्रबल समर्थक थे। उनके सिद्धांत और कार्य आज भी हम सभी को राष्ट्रसेवा की प्रेरणा देते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की एकता और संप्रभुता के लिए डॉ. मुखर्जी का संघर्ष भारतीय इतिहास में स्वर्णिम अध्याय के रूप में अंकित है। उनका बलिदान आने वाली पीढ़ियों को सशक्त भारत के निर्माण का संकल्प लेने की प्रेरणा देता रहेगा। उन्होंने कहा कि डॉ. मुखर्जी का स्वप्न एक आत्मनिर्भर, सशक्त और गौरवशाली भारत का था, जिसे साकार करने के लिए हमें उनके आदर्शों का सतत अनुसरण करना होगा। साय ने कहा कि डॉ. मुखर्जी ने वैचारिक स्पष्टता और सैद्धांतिक राजनीति की नींव रखकर भारतीय लोकतंत्र को नई दिशा दी। उनके विचार आज भी प्रासंगिक हैं और राष्ट्र के विकास में मार्गदर्शक की भूमिका निभा रहे हैं। डॉ. मुखर्जी के विचारों और मूल्यों को अपने आचरण में उतारना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। मुख्यमंत्री ने सभी नागरिकों से आह्वान किया कि हम उनके आदर्शों से प्रेरणा लेकर एक समृद्ध, स्वाभिमानी और समर्थ भारत के निर्माण के लिए संयुक्त प्रयास करें। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सचिव पी दयानंद भी उपस्थित थे।

सीएम बोले- पत्रकारों की मेहनत से जनता जानती है अपने प्रतिनिधियों की आवाज, डॉ सुधांशु त्रिवेदी ने सिखाई संसदीय रिपोर्ट

रायपुर आप लोग आज के दौर में नारद जी की तरह हैं। ये बात छत्तीसगढ़ के विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने कही। मौका था विधानसभा में संसदीय रिपोर्टिंग पर आयोजित वर्कशॉप का। मुख्यमंत्री साय ने बताया कि हाल ही में विधायकों के लिए भी कार्यशालाओं का आयोजन किया गया था, जिसका लाभ हमारे सदस्यों को मिला है। उन्होंने कहा कि विधानसभा में अनेक नवनिर्वाचित विधायक भी हैं, जिनकी यह जिम्मेदारी है कि वे अपने क्षेत्र की समस्याओं को सदन में उठाएं। CM ने कहा- इसी तरह पत्रकारों की भी अहम भूमिका है, जो विधानसभा की गतिविधियों को जनता तक पहुंचाते हैं। उन्होंने कहा कि आप सभी पत्रकार बंधु बड़ी मेहनत से विधानसभा की कार्यवाही को कवर करते हैं, जिससे आमजन यह जान पाते हैं कि विधायकों द्वारा उनके मुद्दों को गंभीरता से उठाया जा रहा है। मुख्यमंत्री साय ने छत्तीसगढ़ विधानसभा द्वारा उत्कृष्ट पत्रकारों को सम्मानित करने की परंपरा को भी सराहा और कहा कि इससे पत्रकारों का मनोबल बढ़ता है और संसदीय रिपोर्टिंग को प्रोत्साहन मिलता है। उन्होंने विश्वास जताया कि यह कार्यशाला पत्रकारों के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगी और इसके माध्यम से विधानसभा की गतिविधियां और अधिक प्रभावी रूप से जनता तक पहुंचेंगी। कार्यक्रम में खासतौर पर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी पहुंचे थे। उन्होंने कहा- कार्यशाला के प्रथम सत्र में डॉ. संजय द्विवेदी, पूर्व निदेशक, भारतीय जन संचार संस्थान एवं प्रोफेसर माखन लाल चतुर्वेदी, राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्व विद्यालय, भोपाल ने सभा में तारांकित, अतारांकित प्रश्न, व्यवस्था और औचित्य के प्रश्न, बजट की कव्हरेज, शून्यकाल, कटौती प्रस्ताव, अध्यक्ष की व्यवस्था, कार्यवाही का विलोपन इत्यादि विषय पर व्याख्यान प्रस्तुत किया । पत्रकारों का काम पहले से ज्यादा चुनौतीपूर्ण: डॉ. सुधांशु त्रिवेदी समापन सत्र में राज्यसभा सांसद डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने व्यवहारिक पहलुओं पर केंद्रित करते हुए कहा, आज सदन की कार्यवाही का सीधा प्रसारण होने के कारण पत्रकारों का काम अत्यंत जटिल हो गया है। चूंकि जनता को सदन की कार्यवाही के सीधे प्रसारण से सूचना और जानकारी तो मिल जाती है, लेकिन आम जनता उस चर्चा और घटनाक्रम का विश्लेषण भी चाहती है। उस चर्चा का इतिहास और पृष्ठभूमि भी चाहती है। उन्होंने कहा कि संसद का कानून मानना हर विधान मंडल की बाध्यता है। लेकिन कुछ राज्यों की विधानसभा अपनी कार्यवाही स्वयं के तरीके से करती हैं। ऐसी स्थिति में संसदीय पत्रकारों के लिए रिपोर्टिंग का काम थोड़ा जटिल हो जाता है। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने अपने संबोधन में संसदीय पत्रकारिता की महत्ता बताते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की 25 वर्षों की स्वर्णिम यात्रा में पत्रकारों का योगदान अतुलनीय रहा है। उन्होंने कहा कि संसदीय पत्रकारिता अत्यंत संवेदनशील दायित्व है, जो सदन की गोपनीयता, अनुशासन और गरिमा को बनाए रखते हुए जनता तक सटीक और निष्पक्ष जानकारी पहुंचाने का कार्य करती है। निष्पक्ष पत्रकारिता लोकतंत्र की असली ताकत: डॉ. रमन सिंह डॉ. सिंह ने कहा कि पत्रकार जब पक्ष–विपक्ष से परे रहकर निष्पक्ष रूप से विधानसभा की कार्यवाही का अवलोकन करते हैं और उसे प्रस्तुत करते हैं, तब लोकतंत्र मजबूत होता है। उन्होंने कहा कि संसदीय प्रणाली की गहरी समझ से ही पत्रकार बेहतर ढंग से जनता को विधानसभा की गतिविधियों से अवगत करा सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि संसदीय पत्रकारिता में विशेष रूप से विधानसभा की प्रक्रिया से जुड़े समाचारों को सरल भाषा में प्रस्तुत करना आवश्यक है, ताकि आमजन तक वे प्रभावी ढंग से पहुंच सकें। पत्रकार हैं लोकतंत्र के सच्चे संवाहक: डॉ. चरणदास महंत कार्यशाला में नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने पत्रकारों की भूमिका को नारद मुनि की परंपरा से जोड़ते हुए कहा कि पत्रकार समयबद्धता और सजगता के साथ लोकतंत्र के संवाहक होते हैं। डॉ. महंत ने कहा कि इस कार्यशाला के माध्यम से सभी को कुछ नया सीखने का अवसर मिलेगा और संसदीय पत्रकारिता को समझने का दायरा और व्यापक होगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह आयोजन उपयोगी सिद्ध होगा और पत्रकारों के कार्य को नई दिशा देगा। उन्होंने अपनी लंबी संसदीय यात्रा का स्मरण करते हुए कहा कि इस दौरान पत्रकारों के साथ बिताए गए समय और अनुभव अत्यंत मूल्यवान रहे हैं। उन्होंने पत्रकारों की सजगता, सटीकता और संवेदनशीलता की सराहना की, जो वर्षों से संसदीय गतिविधियों को जनता तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। कार्यक्रम में संसदीय कार्य मंत्री केदार कश्यप, विधानसभा के सचिव दिनेश शर्मा, आईआईएमसी के पूर्व महानिदेशक संजय द्विवेदी सहित बड़ी संख्या में पत्रकार मौजूद थे।  

शहडोल में आफत की बारिश, जिला अस्पताल और रेलवे स्टेशन तक डूबे पानी में

शहडोल रात से शुरू हुई बारिश रविवार की सुबह अभी तक जारी है। स्थिति यह है की नदी नाले उफान पर है और शहर के रेलवे स्टेशन, जिला अस्पताल, सड़कों और घरों में पानी भर गया है। गलियों में पानी का बहाव तेजी से चल रहा है। जो मकान निचले इलाके में है वहां पानी भर गया है और लोग घरों से पानी निकालने में जुटे हुए हैं। हालत यह है कि जनजीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो गया है । शहडोल कलेक्टर ने नाकाबंदी करवा दी है नदी जहां से गुजरती है वहां के पुल और रपटों पर आना-जाना रोक दिया गया है। इस तरह से ग्रामीण क्षेत्र का शहर से पूरी तरह से संपर्क टूट चुका है। भारी बारिश ने स्थिति को बहुत ही दुष्कर बना दिया है। हालत यह है कि एक ही स्पीड में कई घंटे से बरसात हो रही है लोग अपने घरों में हैं। जिन घरों में पानी भरा हुआ है वहां के लोग पूरा परिवार पानी निकालने में जुटा हुआ है। बारिश को लेकर कोई इंतजाम नहीं किए गए शहडोल जिला मुख्यालय के अधिकांश निचले इलाकों में पानी का सैलाब देखा जा रहा है ।लोग नहीं समझ पा रहे हैं कि क्या किया जाए। शहडोल शहर में बरसात के पहले नगर पालिका को ड्रेनेज सिस्टम ठीक करना था और बरसात के पानी की निकासी का व्यवस्था करनी थी, लेकिन इस तरह के कोई इंतजाम नहीं किए गए। यही कारण है कि अब पानी का यह सैलाब लोगों के घरों में घुस रहा है। कई इलाकों में घरों में घुस गया पानी आज रविवार का दिन है और छुट्टी का दिन है लोग अपने घरों में है लेकिन उनका समय घरों में घुसे पानी को निकालने में बीत रहा है। जिला अस्पताल के कई वार्डों में पानी भर गया है। पांडव नगर के शासकीय आवासों में भी पानी का भराव देखा जा रहा है। शहर के मुख्य मार्ग जलमग्न हो गए हैं और आवागमन पूरी तरह से ठप हो गया है। पिछले कई सालों में इस तरह की बरसात जुलाई के महीने में देखी जा रही है। बारिश से शहडोल शहर के आलीशान कॉलोनियों में भी घुटने तक पानी भरा, स्वास्तिक ग्रीन वैली, एमआर सिटी, राज रेजिडेंसी में लोगों के घरों में घुसा बारिश का पानी,पार्किंग में खड़ी कार और दुपहिया वाहन डूबे।