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जीएसटी बचत उत्सव: ट्रैक्टर खरीदी में किसानों को मिली बड़ी राहत : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज जीएसटी बचत उत्सव के बीच औचक निरीक्षण पर देवपुरी स्थित ट्रैक्टर शोरूम पहुंचे। साय ने यहां किसानों से आत्मीय संवाद कर जीएसटी कटौती पर उनकी प्रतिक्रिया और खरीदी में हुई बचत की जानकारी ली। मुख्यमंत्री श्री साय ने शोरूम में ट्रैक्टर और हार्वेस्टर खरीदने आए किसानों को चाबी सौंपकर शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री साय ने अभनपुर के बिरोदा निवासी रवि कुमार साहू को उनके नए हार्वेस्टर की चाबी सौंपी। इस अवसर पर खुशी व्यक्त करते हुए रवि साहू ने कहा, "मैने सपने में भी नहीं सोच था कि मैं नया हार्वेस्टर खरीदूंगा। मैं सेकेंड हैंड हार्वेस्टर खरीदने के बारे में सोच रहा था। जीएसटी उत्सव में नए हार्वेस्टर खरीद पर मुझे पूरे 2 लाख रुपए की बचत हुई है। किसानों की चिंता का समाधान हमारे संवेदनशील प्रधानमंत्री मोदी जी और किसानहितैषी मुख्यमंत्री विष्णु देव साय जी ही कर सकते हैं। मुख्यमंत्री जी ने स्वयं मुझे मेरे नए हार्वेस्टर की चाबी सौंपी और मुझसे बेहद आत्मीयता से संवाद किया। मैंने उन्हें बताया कि मेरे पास दो एकड़ खेत है और अब हार्वेस्टर आने से मैं गांव में साझेदारी से और अधिक खेती कर पाऊंगा।” श्री रवि ने जीएसटी में कटौती के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का आभार जताया। मुख्यमंत्री  साय ने अभनपुर कोलर से आए वरिष्ठ किसान ज्ञानिक राम साहू को उनके नए ट्रैक्टर की चाबी सौंपी। मुख्यमंत्री से संवाद करते हुए साहू ने बताया कि जीएसटी में कटौती के बाद नए ट्रैक्टर की खरीदी पर उन्हें पूरे 60 हजार रुपए की बचत हुई है। उन्होंने कहा कि इस बचत से उनका परिवार त्योहार को और अच्छे से मना सकेगा। ट्रैक्टर शो रूम के प्रोप्राइटर अशोक अग्रवाल ने मुख्यमंत्री से संवाद में बताया कि जीएसटी में कटौती के कारण बिक्री में इज़ाफ़ा हो रहा है और ग्राहकों का उत्साह बढ़ा है। उन्होंने कहा, “पहले जो ट्रैक्टर 10.25 लाख रुपए का आता था, वह अब 9.75 लाख रुपए में उपलब्ध है, जिससे किसानों को 50 हजार रुपए की बचत हो रही है। इसी तरह 7.62 लाख का ट्रैक्टर अब 7.21 लाख और 6.51 लाख का ट्रैक्टर अब 6.11 लाख रुपए में मिल रहा है। कीमतों में कटौती और फेस्टिवल डिस्काउंट से किसानों की बड़ी बचत हो रही है। जीएसटी दर घटने के बाद हार्वेस्टर भी सस्ते हो गए हैं।” जीएसटी कटौती से बाइक खरीदी में 7 हजार की बचत इसके बाद मुख्यमंत्री साय देवपुरी के बजाज बाइक शोरूम पहुंचे और यहां मौजूद ग्राहकों से जीएसटी कटौती पर आत्मीय चर्चा की। उन्होंने बाइक खरीदने आए संतोषी नगर निवासी श्री एम.डी. गुलाब को उनकी नई बाइक की चाबी सौंपी।  श्री गुलाब ने बताया कि जीएसटी में कटौती के बाद बाइक खरीदने पर उन्हें 7 हजार रुपए की बचत हुई है। उन्होंने कहा, “मैंने बजाज प्लेटिना 110 सीसी बाइक खरीदी है, जिसकी पहले कीमत 89,000 रुपए थी, जो अब मुझे 82,000 रुपए में मिली।” मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में लागू जीएसटी 2.0 ने आम जनता, किसानों और उपभोक्ताओं को वास्तविक राहत दी है। ट्रैक्टर, हार्वेस्टर और अन्य कृषि यंत्रों की कीमतों में आई कमी से किसानों को सीधा लाभ हो रहा है, जिससे उनकी खेती-किसानी और जीवनयापन और सुगम होगा। उन्होंने कहा कि इस जीएसटी बचत उत्सव से उपभोक्ताओं की जेब पर बोझ कम हुआ है और त्यौहारी सीजन में परिवारों की खुशियाँ बढ़ी हैं।  यह सुधार न केवल आर्थिक गतिविधियों को गति दे रहा है बल्कि ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में उत्साह और समृद्धि का नया वातावरण भी बना रहा है।

नरेंद्र मोदी: जीएसटी सुधारों के सूत्रधार और आधुनिक भारत के चाणक्य

जीएसटी सुधार- वर्तमान भारत के चाणक्य नरेंद्र मोदी  वस्तु एवं सेवा कर,जीएसटी,भारत के भूतो न भविष्यति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा 1 जुलाई 2017 से लागू किया गया। स्वतंत्र भारत के आर्थिक इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण सुधार है। वर्ष 2000 में भी तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने जीएसटी का प्रस्ताव प्रस्तुत किया था। तब कांग्रेस ने विरोध किया।10 साल तक कांग्रेस की मनमोहन सरकार भी राज्यों को कर हानि, राजस्व हानि के विरुद्ध गारंटी नहीं दे सकी।राज्यों को एकीकृत कर प्रणाली हेतु आश्वस्त करने में विफल रही। मोदी सरकार में तत्कालीन वित्त मंत्री स्वर्गीय अरुण जेटली ने सभी राज्यों को आर्थिक गारंटी दी।फलस्वरूप राज्य सहमत हुए और 1 जुलाई 2017 से संपूर्ण देश में एक समान वस्तु एवं सेवा कर लागू हुआ।एक देश एक कर व्यवस्था आरम्भ हुई।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लाल किले से 15 अगस्त 2025 को भारत की जनता को संबोधित करते हुए जीएसटी में नई पीढ़ी के सुधारों एवं 22 सितंबर 2025 से नवरात्रि के पुण्यकाल से देश में लागू करने की घोषणा की गई थी।इस संकल्पना में मोदी सरकार का अगली पीढ़ी का सुधार एवं नागरिक देवो भव: के मंत्र का पालन स्पष्ट रूप से झलकता है।जीएसटी टैक्स स्लैब में 12 और 28 प्रतिशत के स्लैब को हटा दिया गया है। प्रमुख रूप से भारत की जनता जनार्दन की दैनिक आवश्यकता की लगभग 99 प्रतिशत वस्तुओं एवं सेवाओं पर कर, शून्य या 5 प्रतिशत या 18 प्रतिशत कर दिया गया है।सोना,चाँदी आदि मूल्यवान धातुओं पर पूर्व की भाँति 3 प्रतिशत जीएसटी रहेगा।विलासिता एवं सिन आइटम पर 40 प्रतिशत जीएसटी रहेगा।अनेक खाद्य पदार्थ,जीवन बीमा, मेडिकल स्वास्थ्य बीमा, स्वास्थ्य सेवा पर जीएसटी शून्य होने से अत्यधिक लाभ होगा।औषधियों पर टैक्स 12 से कम कर 5 प्रतिशत कर दिया है।कृषि उपकरणों पर 18 प्रतिशत से कम कर 5 प्रतिशत करने से किसानों को भी लाभ होगा।निर्माण सामग्री जैसे सीमेंट पर टैक्स 28 से कम होकर 18 प्रतिशत हो गया है ।आवास भी सस्ते होंगे ।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एस्पिरेशनल इंडिया का उल्लेख जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण कार बाजार में देखने को मिल रहा है। मारुति सुजुकी ने कार बुकिंग का पिछले 35 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। हुंडई  के शोरूम में भी 5 वर्षों का रिकॉर्ड टूटा है। जीएसटी दरों में कटौती के पहले दिन मारुति ने 25,000 कारों की डिलीवरी की। मारुति के सीनियर एग्जीक्यूटिव ऑफिसर ने कहा है कि यह वास्तव में एक ऐतिहासिक क्षण है, पिछले 35 वर्षों में ऐसा पहली बार देखा गया है कि पहले ही दिन 80,000 पूछताछ दर्ज हुईं और 25,000 से अधिक कारें डिलीवर कर दी गई। उन्होंने बताया कि डिलीवरी शीघ्र ही 30,000 तक पहुंच जाएगी। कंपनी को पहले ही दिन 75,000 से 85,000 बुकिंग  प्राप्त हुईं हैं।पिछले वर्ष की तुलना में इस बार का बाजार असाधारण रूप से मजबूत है और जीएसटी सुधार का प्रभाव भी अभूतपूर्व रूप से हुआ है।  नए सुधारों को लागू करवाने में,सभी राज्यों को सहमत करने में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन का योगदान भी अतुलनीय है।पूर्व में वर्ष 2025-26 के बजट में मोदी सरकार ने आयकर की सीमा को 12 लाख कर दिया है।इससे भी जनता को धनलाभ हो रहा है।दोनों एतिहासिक कर सुधारों से जनता जनार्दन को प्रति वर्ष 2.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक का लाभ होगा।अर्थ व्यवस्था में खपत बढ़ेगी।अर्थव्यवस्था में प्रतिवर्ष 20 लाख करोड़ रुपये से अधिक की खपत बढ़ेगी।जनता जनार्दन की क्रय शक्ति बढ़ेगी।भारत भी अर्थव्यवस्था के पथ पर तीव्र गति से कुलांचे भरेगा,दौड़ेगा।वर्तमान में भारत 4 ट्रिलियन डॉलर की अर्थ व्यवस्था है।विश्व में चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है।द्रुत गति से निकट भविष्य में पाँच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य अर्जित कर लेगा।विश्व की तीसरी सर्वाधिक अर्थव्यवस्था वाला देश बन जाएगा।  वर्ष 2014 में मनमोहन सरकार ने अगले 30 वर्षों में 2045 तक 5 ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्य को अर्जित करने का अनुमान संसद में बजट सत्र के समय बताया था।मोदी सरकार इस लक्ष्य को लगभग 20 साल पहले ही अर्जित करने जा रही है।  भारतीय स्वतंत्रता के शताब्दी वर्ष 2047 तक भारत की अर्थव्यवस्था लगभग 35 ट्रिलियन डॉलर होने का अनुमान अनेक आर्थिक रेटिंग एजेन्सी लगा रहीं हैं।सैकड़ों आर्थिक सुधारों को लागू करने से, मोदी सरकार ने अर्थ तंत्र को अविश्वसनीय, अद्वितीय, अकल्पनीय गति प्रदान कर सशक्त और समृद्ध बनाया है। भाजपा की अनेक राज्यों की सरकार भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प को कंधे से कंधा मिला कर पूर्ण कर रहे हैं। मध्य प्रदेश के पुरूषार्थी मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव,भाजपा के संगठन निष्ठ,तपस्वी प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खण्डेलवाल,अनुशासन प्रिय प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा,उपमुख्यमंत्री, मंत्री, सांसद, विधायक और नेता, जनता जनार्दन से संवाद कर रहे हैं। व्यापारियों से संवाद कर रहे हैं। व्यापारियों को स्वदेशी वस्तुओं के विक्रय एवं जनता को स्वदेशी वस्तुओं का ही उपयोग करने का आग्रह कर रहे हैं। जिससे भारत हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो। भारत का निर्माण क्षेत्र भी तीव्र गति से समुन्नत हो ,वृद्धि करे।  महानतम अर्थशास्त्री चाणक्य के मंत्र-तस्मान्नित्योत्थितो राजा,कुर्यादर्थानुशासनम् ।अर्थस्य मूलमुत्थानम, अनर्थस्य विपर्ययः । इस मंत्र का पालन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय अर्थव्यवस्था को समुन्नत कर रहे हैं, समृद्ध बना रहे हैं।जनता जनार्दन को आर्थिक लाभ प्रदान कर रहे हैं।अतः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आधुनिक भारत के चाणक्य हैं, कौटिल्य हैं, विष्णु गुप्त हैं। इति श्री। लेखक- सत्येंद्र जैन  

22 सितंबर से लागू हो रही नई जीएसटी दरों को लेकर सीएम योगी ने की प्रेस वार्ता

जीएसटी रिफॉर्म देशवासियों के लिए मोदी जी का दीवाली गिफ्ट : मुख्यमंत्री 22 सितंबर से लागू हो रही नई जीएसटी दरों को लेकर सीएम योगी ने की प्रेस वार्ता  जीएसटी रिफॉर्म्स के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का जताया आभार  मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री के निर्णय को महंगाई से राहत और व्यापार को गति देने वाला बताया  सीएम बोले- जीएसटी रिफॉर्म्स रोजगार सृजन की दिशा में ऐतिहासिक कदम साबित होगा उपभोक्ताओं, किसानों, कारोबारियों और आम परिवारों तक सभी को मिलेगी राहतः मुख्यमंत्री  स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री ने की टैक्स रिफॉर्म की घोषणा और 20 दिनों में आ गए उसके परिणामः सीएम  2017 से पहले थे कई जटिल कर, जीएसटी ने इन्हें समाहित कर वन नेशन, वन टैक्स की व्यवस्था दीः योगी आदित्यनाथ  देश का सबसे बड़ा उपभोक्ता बाजार होने के नाते उत्तर प्रदेश को जीएसटी सुधारों का मिलेगा सबसे ज्यादा लाभः मुख्यमंत्री लखनऊ  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को प्रेस वार्ता करते हुए हालिया जीएसटी रिफॉर्म्स को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देशवासियों के लिए एक बड़ा दीवाली गिफ्ट करार दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी का यह निर्णय देशवासियों को महंगाई से राहत और व्यापार को गति देने वाला है। यह केवल टैक्स सुधार नहीं बल्कि हर नागरिक के जीवन को सरल बनाने वाला दीपावली का उपहार है। उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं, किसानों, कारोबारियों और आम परिवारों तक सभी को राहत देने वाले इन सुधारों का लाभ 22 सितम्बर से, यानी शारदीय नवरात्रि के प्रथम दिन से मिलने लगेगा। मुख्यमंत्री ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के प्रति आभार व्यक्त किया। घोषणा के 20 दिनों के अंदर सामने आए परिणाम  मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री जी ने जिस टैक्स रिफॉर्म की घोषणा की थी, उसके परिणाम महज 20 दिनों में सामने आ गए। जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में 3 सितम्बर को लिए गए फैसले अब लागू हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह केवल एक टैक्स सुधार नहीं, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाई देने वाला व्यापक अभियान है। जीएसटी में अब तक का सबसे बड़ा रिफॉर्म मुख्यमंत्री ने कहा कि जुलाई 2017 में जीएसटी लागू होने से पहले देश में अलग-अलग कर लागू थे जिनमें वैट, सेल टैक्स, सेवा कर, उत्पाद शुल्क, एंट्री टैक्स और मनोरंजन कर जैसे जटिल कर उपभोक्ताओं और कारोबारियों पर भारी पड़ते थे। जीएसटी ने इन्हें समाहित कर देश को वन नेशन, वन टैक्स की व्यवस्था दी। अब जीएसटी में सबसे बड़ा सुधार किया गया है। पहले चार स्लैब—5%, 12%, 18% और 28% लागू थे। लेकिन अब सिर्फ दो स्लैब—5% और 18%—को रखा गया है। 12% और 28% की दरें समाप्त कर दी गई हैं। कुछ विलासिता की वस्तुओं पर 40% टैक्स यथावत रहेगा। इससे आम उपभोक्ता को सीधी राहत मिलेगी। रसोई से लेकर कृषि, मकान निर्माण से लेकर बड़े हाईवे और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स, उद्योग और व्यापार—हर क्षेत्र को लाभ मिलेगा। घरेलू उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मुख्यमंत्री ने कहा कि एक सामान्य गृहस्थ परिवार को अब घरेलू खर्चों में सीधी राहत मिलेगी। दूध, दही, पनीर, शैम्पू, टूथपेस्ट, साबुन, साइकिल और बच्चों से जुड़े सामान पर केवल 5% या 0% टैक्स लगेगा। इससे न सिर्फ रोज़मर्रा के खर्च कम होंगे बल्कि उपभोक्ता की क्रय क्षमता भी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि जब व्यक्ति ज्यादा खरीद सकेगा तो खपत बढ़ेगी और बाजार में मांग बढ़ने से उत्पादन में तेजी आएगी। किसानों और ग्रामीण भारत को फायदा मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुधार किसानों और ग्रामीण भारत की अर्थव्यवस्था के लिए भी ऐतिहासिक है। ट्रैक्टर, टायर, कीटनाशक और सिंचाई उपकरणों पर टैक्स घटाकर 5% कर दिया गया है। इससे खेती की लागत घटेगी और उत्पादन क्षमता में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि यह कदम न केवल किसानों को राहत देगा बल्कि ग्रामीण भारत की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करेगा। बीमा और इलाज होगा सस्ता मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर भी महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। व्यक्तिगत जीवन और स्वास्थ्य बीमा पर लगने वाला जीएसटी पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है। इसके अलावा दवाइयों, ऑक्सीजन और जांच किट पर भी टैक्स घटाया गया है। इससे इलाज सस्ता होगा और हर सामान्य नागरिक को राहत मिलेगी। सरकार ने वाहनों की खरीद-फरोख्त पर भी राहत दी है। पहले कार और बाइक पर 28% जीएसटी लगता था, अब इसे घटाकर 18% कर दिया गया है। यानी सीधे 10% की कटौती। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस निर्णय से न केवल आम नागरिक की गाड़ी खरीदने की क्षमता बढ़ेगी, बल्कि ऑटोमोबाइल सेक्टर को भी बढ़ावा मिलेगा। उत्पादन बढ़ेगा, नए रोजगार उत्पन्न होंगे और अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी। शिक्षा क्षेत्र को भी फायदा मुख्यमंत्री ने बताया क नोटबुक, पेंसिल और अन्य शिक्षण सामग्री पर टैक्स पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है। यह फैसला छात्रों और अभिभावकों के लिए बड़ी राहत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने जहां एक ओर आम उपभोक्ताओं और विद्यार्थियों को छूट दी है, वहीं तंबाकू और पान मसाला जैसे उत्पादों पर टैक्स दर बढ़ाकर 40% कर दी गई है। टैक्स प्रणाली हुई और पारदर्शी मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यापार में आसानी (ईज ऑफ डूइंग बिजनेस) के लिए टैक्स रजिस्ट्रेशन ऑटो-अप्रूव कर दिया गया है। टैक्स रिफंड की प्रक्रिया भी तेज की गई है। साथ ही रिस्क-आधारित कंप्लायंस और श्रम सुधार भी लागू किए गए हैं। उन्होंने बताया कि जीएसटी से पहले देश का टैक्स संग्रह केवल 7 लाख करोड़ रुपये था, जो अब बढ़कर 22.8 लाख करोड़ रुपये हो गया है। टैक्स पेयर्स की संख्या भी 65 लाख से बढ़कर 1.51 करोड़ हो गई है। टैक्स सुधार से मजबूत हुई अर्थव्यवस्था मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले एक दशक में टैक्स संग्रह की ऐतिहासिक वृद्धि से देश के हाईवे, रेलवे, एयरपोर्ट और रक्षा उत्पादन में क्रांतिकारी परिवर्तन हुए हैं। 2014 के पहले देश में केवल 74 एयरपोर्ट थे, अब 160 हैं। मेट्रो नेटवर्क 248 किमी से बढ़कर 1,013 किमी हो गया। वंदे भारत ट्रेनों की संख्या 144 तक पहुंची है। रक्षा उत्पादन 46,000 करोड़ से बढ़कर 1,27,000 करोड़ रुपये हो गया। रक्षा निर्यात 686 करोड़ से बढ़कर 23,600 करोड़ रुपये तक पहुंचा। गरीब कल्याणकारी योजनाओं तक सीधा लाभ मुख्यमंत्री ने कहा कि टैक्स सुधारों का लाभ गरीब कल्याणकारी योजनाओं में भी … Read more

अरविंद सैनी का बयान: प्रधानमंत्री मोदी ने GST सुधारों से बदल दी देश की टैक्स व्यवस्था

हरियाणा देश की मोदी सरकार ने जी.एस.टी दरों में कमी करके जहां देश के विभिन्न वर्गों को राहत देते हुए विपक्ष को मुद्दाविहीन कर दिया है तो वहीं महंगाई को कम करने की दशा में एक बड़ी पहल की है । अहम बात ये है कि भारत पर टैरिफ लगाने को लेकर पिछले कुछ दिनों से जितना अमेरिका मुखर था, उतनी ही मुखरता से भारत के अंदर विपक्षी दल भी इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश में लगे थे। विपक्षी नेताओं ने अमेरिकी टैरिफ के गुब्बारे में महंगाई और बेरोज़गारी की नकारात्मक हवा भर इसे और बड़ा बनाने की कोशिश की, लेकिन नरेंद्र मोदी सरकार ने नए जी.एस.टी रिफार्म्स से न केवल अमेरिकी टैरिफ के गुब्बारे को फोड़ा, बल्कि विपक्ष द्वारा बनाए जा रहे मंहगाई और बेरोज़गारी बढ़ने के नैरेटिव को भी धराशाई कर दिया। सच तो यह है कि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश ने आज़ादी के बाद का सबसे बड़ा आर्थिक सुधार देखा है। जी.एस.टी और अब नेक्स्ट जेन जी.एस.टी सुधारों ने आम उपभोक्ताओं को राहत, व्यापारियों को सरलता और देश की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाई दी है। यह सुधार व्यवस्था में सरलीकरण लाएगा जो व्यापार करने के माहौल को बेहतर और अधिक प्रभावी बनाएगा।  हालांकि विपक्ष (खासकर कांग्रेस) मोदी सरकार के इस एतिहासिक नए जीएसटी रिफार्म्स को पचा नहीं पा रहा है और बिहार चुनाव को इससे जोड़कर दिखाना चाह रहा है। इसी चाह में कांग्रेस बीड़ी और बिहार की तुलना भी कर चुकी है। ये बात और है कि जब कांग्रेस का यह दांव उलटा पड़ गया तो केरल कांग्रेस ने ट्वीट कर इस पर माफ़ी भी मांगी है। खैर ये कांग्रेस और विपक्षी दलों की मानसिकता बन गई है। विपक्षी नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोध में इतने अंधे हो चुके हैं कि अब उन्हें पता ही नहीं चलता कि मोदी सरकार का विरोध करते-करते कब देश का विरोध करने लग जाते हैं। ट्रंप के सुर में सुर मिलाते हुए राहुल गांधी का भारत को डेड अर्थव्यवस्था कहना इसका ताजा उदाहरण है। अमेरिकी टैरिफ लागू होने के दौरान भी भारत की बढ़ती जी.डी.पी भारत को डेड इकोनोमी कहने वालों के मुंह पर तमाचा है। इसी तरह नए जीएसटी रिफार्म्स जहां आम जनता को राहत और बचत देते दिख रहे हैं, वहीं विपक्षी पार्टियों को इसके बाद वोटों में चपत लगती दिख रही है।  जीएसटी में नेक्स्ट जेन रिफॉर्म्स का तोहफा 22 सितंबर, नवरात्रि के पहले दिन से मिलने जा रहा है। जीएसटी में यह सुधार माँग बढ़ाएगा, निवेश लाएगा और करोड़ों युवाओं को रोज़गार देगा। मोदी सरकार के इस दावे पर देश विश्वास करता दिख रहा है कि उद्योग जगत जीएसटी दरों में कमी का पूरा लाभ उपभोक्ताओं तक पहुँचाएंगा।    हरियाणा भारतीय जनता पार्टी के मीडिया प्रभारी अरविंद सैनी ने कहा कि कांग्रेस सरकारों ने केवल वादे किए, लेकिन सुधार कभी लागू नहीं कर पाई। प्रधानमंत्री मोदी ने राज्यों को भरोसा दिया, घाटा होने पर क्षतिपूर्ति की गारंटी दी और एक राष्ट्र-एक कर का सपना साकार किया। दैनिक रोज़मर्रा की कई वस्तुओं, जीवन बीमा, स्वास्थ्य बीमा, मेडिकल उपकरणों और जीवनरक्षक दवाओं पर जीएसटी शून्य कर दिया गया है। कपड़े, जूते, दवाइयाँ, फ्रिज-टीवी, कृषि उपकरण, घर निर्माण की सामग्री तक सब सस्ते हुए हैं। इस बदलाव से हमारे देश के युवा-युवतियों, महिलाओं, किसानों, कृषि उत्पादन, एमएसएमई क्षेत्र, उपभोक्ताओं, दुकानदारों और उद्योग चलाने वाले उद्यमियों सहित हर वर्ग को बड़ा लाभ मिलेगा। 2014 से पहले कांग्रेस की सरकारों के दौरान उपभोक्ताओं और व्यापारियों पर जितना बोझ था, चाहे वह टैक्स का हो या कागजी झंझटों का, वह 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद लगातार कम होता गया। आज भारत की अर्थव्यवस्था इतनी मजबूत स्थिति में है कि बैंक के ब्याज दरों में कमी आई है, महंगाई दर में भारी गिरावट आई है और विकास दर ऐतिहासिक ऊँचाइयों पर पहुँची है। जब पूरी दुनिया आर्थिक सुस्ती से जूझ रही है, तब भारत 7.8% की दर से दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बनी। जीएसटी सुधारों का यह निर्णय देश को 2047 तक विकसित भारत के संकल्प की ओर ले जाता दिख रहा है। वैसे इन परिस्थितियों में नए जीएसटी रिफार्म्स कर पाना आसान नहीं था, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने घाटा होने पर राज्यों को क्षतिपूर्ति की गारंटी दी और एक राष्ट्र-एक कर का सपना साकार किया।  रोज़मर्रा की वस्तुएँ, कपड़े, जूते, दवाइयाँ, बीमा, टू-व्हीलर से लेकर फ्रिज-टीवी तक सब सस्ते हुए हैं। मेडिकल उपकरणों और जीवनरक्षक दवाओं पर टैक्स शून्य कर दिया गया है। यह सुधार माँग बढ़ाएगा, निवेश लाएगा और करोड़ों युवाओं को रोज़गार देगा। आजादी के बाद पहली बार देश के टैक्स ढांचे में इतना बड़ा परिवर्तन किया गया है। व्यवस्था में सरलीकरण आएगा, जो व्यापार करने के माहौल को बेहतर और अधिक प्रभावी बनाएगा।    15 अगस्त को देश के प्रधानमंत्री ने देश से वादा किया था कि अब भारत रुकेगा नहीं, झुकेगा नहीं, बल्कि आगे बढ़कर बड़े कदम उठाएगा। जो क्षमता देश में अब दिखाई दे रही है, वो क्षमता 2014 से पहले नहीं थी। उस समय देश की अर्थव्यवस्था बेहद कमजोर हालत में थी।  कांग्रेस के 10 वर्षों के शासन में भ्रष्टाचार तो खूब हुआ, लेकिन कोई ठोस और परिवर्तनकारी सुधार नहीं किए गए।  श्रद्धेय अटल जी ने एक राष्ट्र-एक कर की परिकल्पना की थी। उस समय देश में लगभग 30-35 तरह के टैक्स, ड्यूटी और लेवीस लागू थे। अटल जी चाहते थे कि इन सबको समेटकर एक टैक्स बने, लेकिन 2004 में वे दोबारा चुनकर नहीं आए और इसके बाद यूपीए सरकार सिर्फ वादे करती रही। कांग्रेस के वित्त मंत्री बार-बार घोषणा करते रहे कि वे एक टैक्स लाएंगे, लेकिन राज्य सरकारें उन पर विश्वास नहीं करती थीं। तब राज्यों को भरोसा नहीं था कि अगर इस सुधार से उनका राजस्व घटा या घाटा हुआ, तो केंद्र उनकी मदद करेगा।  लेकिन मोदी जी ने प्रधानमंत्री के रूप में राज्यों को विश्वास दिलाया कि जीएसटी लागू होने के बाद यदि किसी राज्य के राजस्व में कमी आती है या उसकी वृद्धि दर 14% से कम रहती है, तो केंद्र सरकार उसे कंपनसेशन के माध्यम से पूरा करेगी, वह भी पूरे 5 साल तक। यही विश्वास और यह गारंटी इस ऐतिहासिक सुधार को सफल बनाने में निर्णायक … Read more