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संघर्ष के बीच गाज़ा में 8 नागरिकों की हत्या, हमास पर गंभीर आरोप

गाजा गाजा शांति प्रस्ताव मिस्र की धरती पर पारित हो गया है। इसमें अमेरिका, तुर्की और मिस्र और कतर शामिल थे। इसके अलावा अन्य कई देशों ने सहमति जताई और इजरायल भी राजी है। सीजफायर का ऐलान हो चुका है और हमास ने हथियार छोड़न पर सहमति जताई है। फिर भी जमीन पर ऐसा होता नहीं दिख रहा है। हमास का एक नया वीडियो सामने आया है, जो सोमवार की शाम का बताया जा रहा है। इसमें दिखता है कि हमास के हथियारबंद कमांडर 8 लोगों को घुटनों पर बिठाकर गोली मार देते हैं। इन लोगों के हाथ बंधे होते हैं और उनकी आंखों पर भी पट्टी बांध दी जाती है। इसके बाद उन्हें घुटनों पर बैठने के लिए मजबूर किया जाता है। फिर उनके सिरों में गोलियां मार दी जाती हैं। गोलियों की इन तड़तड़ाहट के बीच भीड़ की ओर से अल्लाह हू अकबर के नारे लगते सुने जा रहे हैं। इस वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है, जिसे शेयर करना भी मुश्किल है। कहा जा रहा है कि इन लोगों पर हमास के लड़ाकों ने आरोप लगाया कि वे हमास से मिले हुए हैं। यह कार्रवाई हमास ने गाजा पर अपना कब्जा मजबूत करने के लिए की है। यदि ऐसा है तो यह शर्त का खुला उल्लंघन है और इजरायल के लिए भी चुनौती बढ़ाने वाला है। इजरायल ने पहले कहा था कि सीजफायर की यह शर्त होगी कि हमास हथियार छोड़ दे या फिर गाजा से निकल जाए। फिलहाल वह दोनों में से किसी भी स्थिति पर काम करता नहीं दिख रहा है। वायरल फुटेज में दिखता है कि मारे गए लोगों को सड़क पर घुटनों के बल बिठाया जाता है। इसके बाद उनकी जमकर पिटाई की जाती है और फिर सभी के सिर पर गोलियां मारकर कत्ल कर दिया जाता है। यह बेहद ही खूंखार तरीका इस्लामिक स्टेट से मिलता जुलता है। वह भी इसी तरह से कत्ल को अंजाम दिया करता था। वीडियो में दिखता है कि हमास के कमांडरों ने हरे रंग का स्कार्फ पहना हुआ है, जो हमास से जुड़ा हुआ है। इस दौरान भीड़ अल्लाह हू अकबर के नारे लगाती रहती है। हमास ने एक बयान में कहा है कि मारे गए लोग अपराधी थे और इजरायल के साथ मिले थे। हालांकि इसके बारे में उनकी ओर से कोई सबूत नहीं दिया गया है।  

इकलौते हिंदू बंधक बिपिन जोशी की हमास की कैद में मौत, लौटाया गया पार्थिव शरीर

तेल अवीव हमास की ओर से बंधक बनाए गए नेपाली हिंदू छात्र बिपिन जोशी का शव इजरायल को लौटा दिया गया है। 7 अक्टूबर, 2023 को दक्षिणी इजरायल पर किए गए हमले के दौरान उसका अपहरण कर लिया गया था। अटैक के वक्त जोशी ने अपनी बहादुरी से कई सहपाठियों की जान बचाई थी। सोमवार को गाजा में संघर्ष विराम समझौते के बाद उसकी मृत्यु की पुष्टि ऐसे समय हुई, जब 20 जीवित बंधकों की रिहाई पर उत्सव का माहौल था। बंधक बनाए जाने के कुछ दिनों बाद इजरायली सेना की ओर से वीडियो फुटेज जारी किया गया, जिसमें जोशी को गाजा के शिफा अस्पताल में घसीटते हुए दिखाया गया था। यह उनकी आखिरी ज्ञात जीवित झलक थी। हमास के लड़ाकों ने जब हमला किया, तब 22 वर्षीय बिपिन जोशी नेपाल से गाजा सीमा के पास किबुत्ज अलुमिम गए थे। यहां वह खेती-किसानी को लेकर ट्रेनिंग कार्यक्रम के लिए आए थे। जोशी गाजा में जीवित माने जाने वाले एकमात्र गैर-इजरायली और हिंदू बंधक थे। नेपाल के इजरायल में राजदूत धन प्रसाद पंडित ने रिपब्लिका को उनकी मौत की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि सोमवार देर रात हमास ने जोशी के शव को इजरयइली अधिकारियों को सौंप दिया। पंडित ने कहा, 'बिपिन जोशी का शव हमास ने इजरायली अधिकारियों को सौंपा है और इसे तेल अवीव ले जाया जा रहा है।' जिंदा ग्रेनेड को पकड़कर फेंका था बाहर इजरायली सैन्य प्रवक्ता एफी डेफ्रिन ने कहा कि हमास ने बिपिन जोशी सहित 4 बंधकों के शव लौटाए हैं। उनके शव को नेपाल भेजने से पहले डीएनए टेस्ट किया जाएगा। उम्मीद है कि उनका अंतिम संस्कार नेपाली दूतावास के सहयोग से इजरायल में किया जाएगा। जोशी की इजरायल यात्रा सितंबर 2023 में शुरू हुई, जब वह 16 अन्य छात्रों के साथ किबुत्ज अलुमिम गए थे। यह पहल नेपाली छात्रों को इजरायली कृषि तरीकों के बारे ट्रेनिंग देने के लिए की गई थी। 7 अक्टूबर की सुबह हमास आतंकवादियों ने अचानक हमला कर दिया। छात्रों ने बम बंकर में शरण ली। जब बंकर के अंदर ग्रेनेड फेंके गए तो जोशी ने एक जिंदा ग्रेनेड को पकड़कर बाहर फेंक दिया, जिससे कई लोगों की जान बच गई। हालांकि, हमले में वह घायल हो गए और बाद में हमास के बंदूकधारियों ने उन्हें पकड़ लिया।

24 महीने बाद घर लौटे इजरायली बंधक, हमास ने छोड़े 7 लोग; रिहाई के बाद क्या बदलेगा हालात का रुख?

तेल अवीव अपने घर, धरती और लोगों के दूर, दुश्मनों के साये में रहना क्या होता है, ये हम और आप सिर्फ सोच ही सकते हैं. इस खौफ को महसूस करके 24 महीनों बाद इजरायल के उन बंधकों की वापसी का सिलसिला शुरू हो गया है, जिनका इंतजार हर पल उनके परिवार ने किया. उनका ये इंतजार आखिरकार रंग लाया और अब तक उन बंधकों की घर वापसी का सिलसिला शुरू हो गया है, जो दो साल के इस घातक युद्ध के बाद भी हमास की कैद में जिंदा बच गए. गाज़ा में इजरायली बंधकों की रिहाई आधिकारिक तौर पर शुरू हो गई है, जिसमें करीब 20 लोगों को आजाद किया जाना है. हमास ने पहले 7 बंधकों को छोड़ दिया है, जिनमें – एतान मोर, गली और जिव बर्मन, मतान अंगरेस्ट, ओमरी मिरान, गाइ गिलबोआ-दलाल, और अलोन ओहेल शामिल हैं. बंधकों को बंदूकों के साये में लेकर हमास के लड़ाके आए और उत्तर गाजा से अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस के हवाले किया है. दूसरा समूह जिसमें 13 बंधक हैं, उनके भी जल्द ही रिहा होने की उम्मीद है. संघर्ष विराम का पहला चरण इजरायल ने पुष्टि की है कि यह रिहाई हमास और इजरायल के बीच अमेरिकी समर्थन वाले युद्धविराम समझौते में एक महत्वपूर्ण कदम है. समझौते के पहले चरण के तहत बंधकों की रिहाई की जानी थी, जिस पर काम शुरू हो चुका है. हमास जहां इजरायल के बचे हुए बंधकों को जिंदा या मृत हालत में वापस करेगा. माना जा रहा है कि हमास की कैद में मौजूद सिर्फ 20 इजरायली बंधक ही जीवित हैं, जिनमें से 7 को उसने अभी वापस भेजा है. इसके बदले इजरायल फिलिस्तीन के 1966 फिलिस्तीनी कैदियों को छोड़ने वाला है. इसके लिए तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. इजरायल और हमास ने बंधकों को छोड़ने की प्रक्रिया को शुरू कर दिया है. इसका मकसद इजरायल और हमास के बीच चल रहे युद्ध को खत्म करना और शांति को मजबूत बनाना है. इजरायली सरकार की प्रवक्ता शोश बेड्रोसियन ने बताया कि सोमवार सुबह तीन अलग-अलग समूहों में 20 जिंदा बंधकों को आजाद किया जाएगा. साथ ही 28 मरे हुए बंधकों के शव भी वापस मिलेंगे. बदले में इजरायल 250 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करेगा. हमास की कैद से छूटने वाले लोगों में जिव बर्मन, मातन अंगरेस्ट, एलन हेल, ओमरी मिरान, एटान मोर शामिल हैं। फिलहाल यह जानकारी नहीं मिली है कि रिहा हुए लोगों की क्या स्थिति है। उनकी तबीयत कैसी है या फिर अस्पताल में एडमिट कराने की जरूरत है या नहीं। इन लोगों की हमास की कैद से रिहाई को तेल अवीव पर लोगों ने बड़ी स्क्रीन्स पर देखा और जश्न मनाते नजर आए। इन लोगों को हमास ने रेड क्रॉस सोसायटी को सौंपा। इनके बदले में इजरायल भी सैकड़ों फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करने वाला है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि उनके दखल से यह सीजफायर डील हुई है। बता दें कि अब तक वह 8 जंगों को रुकवाने का क्रेडिट ले चुके हैं। अहम बात यह है कि डोनाल्ड ट्रंप खुद इजरायल पहुंच चुके हैं। इस दौरान वह कई नेताओं के साथ गाजा शांति प्रस्ताव पर बात करेंगे। इसके अलावा भुखमरी के शिकार गाजा के लिए मानवीय मदद बढ़ाने का भी प्रस्ताव है, जहां लाखों लोग फिलहाल बेघर हैं और खाने-पीने की चीजों की भी किल्लत है। फिलहाल सवाल यह भी है कि बंधकों की रिहाई और सीजफायर लागू होने के बाद हमास का भविष्य क्या होगा। क्यों बेंजामिन नेतन्याहू के लिए भी जरूरी यह सीजफायर दरअसल इजरायल की यह मांग रही है कि हमास को गाजा से बाहर किया जाए, तभी सीजफायर रह पाएगा। दरअसल यह सीजफायर बेंजामिन नेतन्याहू के लिए भी जरूरी है क्योंकि बंधकों की रिहाई को लेकर वे भी घिरे रहे हैं। बंधकों के परिजन सवाल उठाते रहे हैं कि अपने राजनीतिक फायदे की वजह से हमास के साथ किसी समझौते से नेतन्याहू बच रहे हैं। अब सीजफायर पर तो सहमति बन गई है, लेकिन नेतन्याहू चाहेंगे कि यह इजरायल की शर्तों पर ही लागू रहे। यह युद्ध 7 अक्टूबर 2023 में शुरू हुआ था जब हमास ने इजरायल पर बड़ा हमला किया था. तब से दोनों तरफ बहुत नुकसान हुआ है. यह शांति समझौता अमेरिका, मिस्र, कतर और तुर्की की मदद से हुआ है.  – डोनाल्ड ट्रंप इजरायल की संसद में गए और वहां उन्होंने गेस्टबुक में अपना संदेश लिखा. उन्होंने इस दिन को 'महान और खूबसूरत' बताया क्योंकि उनकी शांति योजना सफल हो रही है और बंधक रिहा हो रहे हैं. – ओफर जेल वेस्ट बैंक में एक बड़ी इजरायली जेल है जहां फिलिस्तीनी कैदी रखे जाते हैं. आज गाजा शांति समझौते के तहत इजरायल लगभग 2000 फिलिस्तीनी कैदियों को छोड़ रहा है, बदले में हमास ने 20 इजरायली बंधकों को रिहा किया है. इन कैदियों को लेकर बसें अब जेल से बाहर निकल रही हैं. इनमें से 250 कैदियों को वेस्ट बैंक, जेरूसलम और दूसरे देशों में भेजा जाएगा, जबकि 1,716 कैदियों को गाजा के नासिर अस्पताल में छोड़ा जाएगा. – हमास के पास जो 13 बंधक और बचे थे, उन्हें अब रेड क्रॉस को दे दिया गया है. ये रेड क्रॉस एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था है जो युद्ध में फंसे लोगों की मदद करती है. अब रेड क्रॉस इन 13 लोगों को सुरक्षित तरीके से इजरायली सेना को सौंप देगी. पहले 7 बंधकों को सुबह छोड़ा गया था, और अब बाकी के 13 भी छोड़ दिए गए हैं. इस तरह कुल 20 जिंदा बंधक आज रिहा हो गए. 24 महीने का इंतजार … आपको बता दें कि इजरायल के नोवा म्यूजिक फेस्टिवल पर 7 अक्तूबर, 2023 की सुबह हमास के लड़ाकों ने एक भीषण हमला किया था, जो इजरायल के इतिहास पर एक काला धब्बा बन गया. इस दौरान हजारों यहूदियों के नरसंहार के अलावा हमास अपने साथ 251 लोगों को किडनैप करके भी ले गया था. इसके बदले इजरायल ने गाजा पट्टी पर बम बरसाने शुरू कर दिए थे. शुरू में शांति के जो प्रयास हुए, उसमें इजरायली बंधकों को हमास ने छोड़ा भी था लेकिन उसकी कैद में करीब 50-60 बंधक बाकी रह गए थे. इनमें से बहुत से बंधकों को हमास ने मौत के घाट उतार … Read more

शांति के बीच टूटे सन्नाटा, गाजा में भारी झड़प, 27 नागरिक और 8 आतंकी मरे

गाजा  इजरायल और हमास के बीच शांति हो गई है. इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू को उम्मीद है कि सोमवार को उनके कैदियों की वापसी होने लगेगी. लेकिन इस सबके बीच गाजा से एक चिंता वाली खबर आई है. गाजा में एक बार फिर भीषण हिंसा भड़क उठी है लेकिन इस बार दुश्मन इजराइल नहीं, बल्कि हमास के अपने ही लोग हैं. शनिवार देर रात से रविवार सुबह तक चली हमास सुरक्षा बलों और दुघमुश (Dughmush) कबीले के लड़ाकों के बीच हुई मुठभेड़ में कम से कम 27 लोग मारे गए, जिनमें 19 कबीले के सदस्य और 8 हमास फाइटर शामिल हैं. यह गाजा में इज़राइल के बड़े हमलों के खत्म होने के बाद से अब तक का सबसे भीषण आंतरिक संघर्ष है. BBC की रिपोर्ट के मुताबिक प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि, गाजा सिटी के तेल अल-हावा इलाके में जॉर्डनियन अस्पताल के पास भारी गोलीबारी हुई. मास्क पहने हमास गनमैनों ने दुघमुश कबीले के लड़ाकों पर हमला किया. कहा जा रहा है कि यह झड़प तब शुरू हुई जब हमास के 300 से ज्यादा फाइटर एक बिल्डिंग में घुसे जहां दुघमुश कबीले के लोग छिपे थे. स्थानीय लोगों ने बताया कि ‘इस बार लोग इजरायली हमले से नहीं, बल्कि अपने ही लोगों से भाग रहे थे.’ कई परिवारों को फिर से विस्थापन झेलना पड़ा, जो पहले से युद्ध की मार झेल चुके हैं. क्यों हुई लड़ाई? रिपोर्ट के अनुसार, झगड़े की शुरुआत तब हुई जब दुघमुश कबीले के लड़ाकों ने हमास के दो एलीट फाइटर्स को गोली मार दी, जिनमें से एक हमास के वरिष्ठ सैन्य खुफिया प्रमुख इमाद आकेल का बेटा था. गुस्से में हमास ने ‘सुरक्षा ऑपरेशन’ चलाते हुए इलाके को घेर लिया. हमास के आंतरिक मंत्रालय ने कहा कि यह ‘गैरकानूनी मिलिशिया की कार्रवाई’ थी, जिसे ‘कठोरता से दबाया जाएगा.’ दूसरी ओर, दुघमुश कबीले ने आरोप लगाया कि हमास उनकी बिल्डिंग पर कब्जा करना चाहता था, जो पहले जॉर्डन अस्पताल रही थी और जहां कबीले के लोग शरण लिए हुए थे. रिपोर्ट के मुताबिक दुघमुश कबीले के 19 और हमास के 8 लड़ाके मारे गए. गाजा के सबसे प्रमुख कबीलों में से एक, दुघमुश परिवार का हमास के साथ लंबे समय से तनावपूर्ण संबंध रहा है. पहले भी हमास के साथ इसके टकराव हुए हैं. दोनों पक्ष झड़प के लिए एक दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. दुघमुश का कहना है कि उनके लोगों ने जहां शरण ले रखी थी हमास उस जगह को कब्जा करने के लिए पहुंचा और अपना बेस बना लिया, जिससे बवाल बढ़ा. हमास ने 7,000 लड़ाकों को बुलाया गाजा से मिली रिपोर्टों के अनुसार, हमास ने हाल ही में 7,000 सुरक्षा कर्मियों को दोबारा बुलाया है ताकि इज़राइल की वापसी के बाद छोड़े गए इलाकों पर फिर से नियंत्रण पाया जा सके. इनमें कई पूर्व सैन्य कमांडर शामिल हैं जिन्हें गवर्नर नियुक्त किया गया है. स्थानीय सूत्रों का कहना है कि हमास ‘गाज़ा को अपराधियों और इज़राइल समर्थक तत्वों से मुक्त’ करने की तैयारी में है.  

शांति वार्ता के बावजूद तनाव बना रहा — इजरायल का वचन: हमास को निरस्त्रीकरण करेंगे

इजरायल इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार को साफ शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि हमास को या तो आसान तरीके से या कठिन तरीके से निशस्त्र किया जाएगा। यह बयान ऐसे समय आया है जब फिलस्तीनी संगठन हमास ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की गाजा शांति योजना के कुछ हिस्सों को स्वीकार कर लिया है, जिसमें सभी बंधकों की रिहाई भी शामिल है। नेतन्याहू ने कहा कि गाजा से इजरायल की पूर्ण सैन्य वापसी नहीं होगी और यह क्षेत्र अब भी इजरायली नियंत्रण में रहेगा। उन्होंने कहा, “इजरायली सेना गाजा में जिन इलाकों पर नियंत्रण रखती है, उन्हें बनाए रखेगी। योजना के दूसरे चरण में हमास को या तो कूटनीतिक रूप से या हमारी सैन्य कार्रवाई के जरिए निशस्त्र किया जाएगा। या तो आसान रास्ते से या कठिन रास्ते से, निपटा दिया जाएगा।'' नेतन्याहू ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि आने वाले कुछ दिनों में गाजा से सभी इजरायली बंधकों की रिहाई की घोषणा की जा सकेगी। उन्होंने कहा, “हम एक बहुत बड़ी उपलब्धि के कगार पर हैं। यह अभी अंतिम नहीं है, लेकिन हम दिन-रात काम कर रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि सुक्कोत पर्व के दौरान मैं सभी बंधकों की वापसी की घोषणा कर सकूंगा।” उन्होंने यह भी बताया कि इजरायली सेना (IDF) अभी भी गाजा पट्टी के गहरे हिस्सों में तैनात है और वहां नियंत्रण बनाए हुए है। हमास ने ट्रंप की योजना के हिस्से किए स्वीकार शुक्रवार रात हमास ने ट्रंप की गाजा शांति योजना के कुछ हिस्सों को मंजूरी दी, जिनमें युद्ध समाप्ति, इजरायल की चरणबद्ध वापसी, इजरायली बंधकों और फिलस्तीनी कैदियों की रिहाई, गाजा में राहत और पुनर्निर्माण कार्य और फिलस्तीनियों को क्षेत्र से निष्कासन के विरोध का वचन शामिल है। ट्रंप ने इससे पहले हमास को अंतिम चेतावनी दी थी कि वह रविवार शाम 6 बजे (अमेरिकी समयानुसार) तक प्रस्ताव स्वीकार करे, वरना नरक टूट पड़ेगा। ट्रंप ने हमास को जल्द से जल्द शांति समझौते पर सहमत होने की सलाह दी, साथ ही इजरायल को भी गाजा पर बमबारी रोकने की चेतावनी दी थी। हालांकि, चेतावनी के कुछ ही घंटे बाद इजरायल ने गाजा पर हवाई हमले किए, जिनमें छह लोगों की मौत हो गई। रॉयटर्स के मुताबिक, एक हमले में गाजा सिटी में चार और खान यूनिस में दो लोगों की जान गई। रविवार को ट्रंप ने दावा किया कि इजरायल प्रारंभिक वापसी रेखा पर सहमत हो गया है और जैसे ही हमास इसकी पुष्टि करेगा, तुरंत युद्धविराम लागू हो जाएगा। उन्होंने कहा, “हमने जो रेखा तय की है, उस पर इजरायल सहमत हो गया है। जब हमास पुष्टि करेगा, युद्धविराम तुरंत लागू होगा, बंधक और कैदी वापसी शुरू होगा और यह 3,000 साल पुराने संघर्ष के अंत की दिशा में बड़ा कदम होगा।” मिस्र में सोमवार से वार्ता शुरू इजरायल और हमास की प्रतिनिधि टीमें सोमवार से मिस्र में होने वाली वार्ता में हिस्सा लेंगी जहां युद्धविराम और गाजा के भविष्य पर आगे की रूपरेखा तय होने की उम्मीद है।  

गाजा पर कब्जे को लेकर नेतन्याहू का सख्त रुख, कहा- बंधक समझौते से फर्क नहीं पड़ता

येरुशेलम इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने दो टूक कहा है कि अगर हमास बंधकों को रिहा करने वाली शर्तों के साथ युद्धविराम समझौते पर सहमत हो जाता है, तब भी उनकी सेना पूरे गाजा पट्टी पर कब्जा करेगी। नेतन्याहू की यह टिप्पणी तब आई है, जब गाजा पर कब्जा करने के लिए इजरायली सुरक्षा बल आगे बढ़ रहे हैं और उनके इस कदम की अंतरराष्ट्रीय जगत में भारी आलोचना हो रही है।  स्काई न्यूज ऑस्ट्रेलिया से बात करते हुए, नेतन्याहू ने जोर देकर कहा कि हमास को खदेड़ने का उनका लक्ष्य अपरिवर्तित है। उन्होंने कहा, "हम ऐसा वैसे भी करेंगे। ऐसा कभी नहीं था कि हम हमास को वहाँ छोड़ देंगे।" नेतन्याहू ने कहा कि हम हर हाल में गाजा पर भी कब्जा करेंगे। ट्रंप के बयान का भी किया जिक्र उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस समर्थन का भी जिक्र किया, जिसमें उन्होंने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि हमास गाजा में नहीं रह सकता है। नेतन्याहू ने कहा, “मुझे लगता है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने सबसे सही कहा है, उनका कहना है कि हमास को गाजा से जाना ही होगा। यह SS (शुट्ज़स्टाफ़ेल) को जर्मनी में ही छोड़ देने जैसा है। आप जानते हैं, जर्मनी के ज़्यादातर हिस्से को तो SS से मुक्त करा लिया गया था लेकिन बर्लिन को एसएस और नाज़ी कोर के साथ छोड़ दिया गया था।” आलोचनाओं को कहा- यहूदी-विरोधी सुनामी बता दें कि 1925 में हिटलर ने शुट्ज़स्टाफ़ेल की स्थापना की थी, जिसे एसएस के नाम से भी जाना जाता है। एसएस को शुरू में हिटलर के निजी अंगरक्षकों के रूप में बनाया गया था, बाद में इसने बड़ा रूप ले लिया था और नाजियों पर कब्जा कर लिया था। नेतन्याहू ने तर्क दिया कि अगर हमास शेष बंधकों को रिहा करने, निरस्त्रीकरण करने और "गाज़ा का विसैन्यीकरण" करने पर सहमत हो जाए, तो युद्ध आज ही समाप्त हो सकता है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय आलोचना को यहूदी-विरोधी सुनामी कहकर खारिज कर दिया। UN महासचिव बोले तुरंत हो युद्धविराम बता दें कि इजरायली रक्षा बलों (IDF) ने घनी आबादी वाले फ़िलिस्तीनी क्षेत्र के उत्तरी भाग में स्थित गाज़ा शहर पर कब्ज़ा करने की अपनी अहम रणनीति के तहत बुधवार को युद्ध का अगला चरण शुरू कर दिया है। नेतन्याहू ने इसे हमास का गढ़ बतलाया है। इसके साथ ही इजरायली सेना के जवान गाजा पट्टी में अंदर घुस गए। दूसरी तरफ संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने नेतन्याहू से तुरंत अपने सैनिकों को गाजा से बुलाने और युद्धविराम का आह्वान किया है। उन्होंने कहा है कि IDF के आक्रमण से गाजा पट्टी में भूख से तड़प रहे लोगों का बड़े पैमाने पर विनाश हो जाएगा। अक्टूबर 2023 से अब तक गाजा में फ़िलिस्तीनियों की आधिकारिक मौत के आंकड़े इस सप्ताह बढ़कर 62,000 को पार कर गए हैं।