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आपात सेवा की बेरूखी ने ली जान: घायल युवक को समय पर नहीं मिली मदद, परिवार ने सड़क पर शव रखकर जताया गुस्सा

अंबिकापुर छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर जिले में स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यवस्था सामने आई है, जहां सड़क हादसे में घायल पहाड़ी कोरवा समाज के युवक को इलाज के लिए रायपुर ले जाने समय पर एंबुलेंस नहीं मिली, जिसके चलते युवक की मौत हो गई. मृतक के परिजनों ने कहा, मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 20 घंटे बाद भी एंबुलेंस नहीं आई, जिससे समय पर इलाज नहीं मिलने से युवक की मौत हो गई. मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए परिजनों ने मेडिकल कॉलेज अस्पताल पुलिस चौकी के सामने शव रखकर चक्काजाम कर दिया है. उनकी मांग है कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए और मुआवजा दी जाए. कांग्रेस ने मृतक परिवार का समर्थन किया है. जानकारी के मुताबिक, बलरामपुर जिले के ग्राम ककना के मदेश्वरपुर के रहने वाले 34 वर्षीय गुड्डू कोरवा 4 अक्टूबर को बजल साय के साथ ग्राम घटगांव गया हुआ था. घटगांव से वापस लौटते समय उनकी बाइक ग्राम सिधमा के पास मिट्टी मुरुम के ढेर में चढ़ गई और दोनों सड़क पर गिर गए. हादसे में गुड्डू कोरवा के सिर में गंभीर चोटें आईं थी. उन्हें मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे रायपुर रेफर किया, लेकिन एंबुलेंस समय पर नहीं मिल सकी। परिजनों का आरोप – प्रोटोकॉल का हवाला देकर नहीं दी एंबुलेंस परिजनों का आरोप है कि अधिकारी ने राज्यपाल रमेन डेका के प्रोटोकॉल का हवाला देकर उन्हें एंबुलेंस उपलब्ध नहीं कराया। पहाड़ी कोरवा परिवार के परिजनों ने सांसद चिंतामणि महाराज एवं मंत्री राजेश अग्रवाल को भी फोन किया, लेकिन एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं हो सका। 26 घंटे बाद घायल को सोमवार शाम रायपुर के लिए भेजा गया है. तब तक युवक की हालत बहुत ज्यादा बिगड़ गई थी. रात करीब 10.30 बजे मरीज को रायपुर हॉस्पिटल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

डॉ. इरफान अंसारी ने की स्वास्थ्य विभाग में बड़ी नियुक्तियों की पुष्टि

रांची झारखंड मंत्रालय में स्वास्थ्य चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग की ओर से आयोजित नियुक्ति पत्र के वितरण समारोह को स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी ने कहा कि राज्य के लिए 'सबसे बड़ा दिन' बताया। डॉ अंसारी ने कहा कि राज्य गठन के बाद पहली बार इतनी बड़ी संख्या में डॉक्टरों की नियुक्ति हुई है। यह स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूती देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। डॉ अंसारी ने कहा कि 'अब समय है कि डॉक्टरों को सम्मान मिले, उनका मनोबल बढ़े। मैंने पिछले सात महीनों में इस दिशा में एक लंबी लकीर खींची है। डॉक्टरों की प्रतिष्ठा बहाल करना हमारा उद्देश्य है।' डॉ. अंसारी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग में कुल 10,000 कर्मियों की नियुक्ति की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा कि 'हमारा प्रयास है कि हर गांव, हर पंचायत तक डॉक्टर और स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचें। लोग महसूस करें कि झारखंड में भी एक मजबूत स्वास्थ्य व्यवस्था मौजूद है।' डॉ अंसारी ने यह भी जानकारी दी कि आने वाले समय में रिम्स-2 की स्थापना के साथ-साथ छह नए मेडिकल कॉलेज भी खोले जाएंगे। जब तक मेडिकल कॉलेज नहीं बनते, तब तक डॉक्टर तैयार नहीं होंगे। इसलिए शिक्षा और स्वास्थ्य दोनों क्षेत्रों को समान रूप से सशक्त किया जा रहा है। साथ ही, रांची समेत राज्य के सभी सदर अस्पतालों को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में भी गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवा मिल सके। उन्होंने कहा कि 'एक डॉक्टर 10,000 लोगों को स्वास्थ्य सेवा दे सकता है, ऐसे में 170 डॉक्टरों की नियुक्ति लाखों लोगों को राहत पहुंचाने वाली है। वहीं डॉ अंसारी ने कहा कि यह नियुक्ति पत्र वितरण न केवल झारखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था को नई दिशा देगा, बल्कि आम जनता में विश्वास भी जगाएगा कि सरकार उनके स्वास्थ्य को लेकर गंभीर है।  

स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा घर-घर जाकर किया जा रहा है सर्वे

स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा घर-घर जाकर किया जा रहा है सर्वे वायरोलॉजी लैब पुणे से रिपोर्ट आने के बाद ही इन्फेक्शन की हो सकेगी पुष्टि भोपाल  जिला प्रशासन छिंदवाड़ा द्वारा बच्चों में किडनी फेलियर की शिकायतों पर पूरी नजर रखी जा रही है। स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा ए.एन.एम. और आशा कार्यकर्ता के माध्यम से घर-घर जाकर बुखार का सर्वे कराया जा रहा है, जिससे 02 दिन से अधिक बुखार की स्थिति में बच्चों को तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया जा सके और इस तरह ही घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। कलेक्टर  शीलेंद्र सिंह और पुलिस अधीक्षक  अजय पाण्डेय द्वारा भी इस संबंध में परासिया क्षेत्र का दौरा किया गया। साथ ही प्रतिदिन वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से भी अधिकारियों की बैठक लेकर इसकी समीक्षा की जा रही है। कलेक्टर  सिंह ने बताया कि परासिया क्षेत्र में केवल 3 ऐसे प्रकरण सामने आए थे, जिनमें 1 परासिया लोकल, 1 बाघबर्दिया गांव और 1 सेठिया गांव का मामला था। दिल्ली और भोपाल की टीमों ने आकर भी क्षेत्र का भ्रमण कर सैंपल लिए हैं। जिले की स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा भी प्रभावित बच्चों के सैंपल लेकर वायरोलॉजी लैब पुणे भेजे गए हैं। रिपोर्ट आने के बाद ही किसी तरह के वायरल इन्फेक्शन की पुष्टि हो सकेगी। किडनी फेलियर के कई कारण हो सकते हैं। उन्होंने जिलेवासियों से अपील की है कि परासिया क्षेत्र में किसी तरह के वायरल इन्फेक्शन या महामारी के फैलने की अपुष्ट खबरों से घबराएं नहीं।  

अचानक बढ़े दिल के दौरे: एक जिले में एक माह में 18 की जान गई, जांच शुरू

कर्नाटक  कर्नाटक के हासन जिले में दिल का दौरा पड़ने के मामलों में वृद्धि ने चिंता खड़ी कर दी है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने बढ़ते मामलों की जांच के लिए विशेषज्ञों से अध्ययन करवाने का आदेश दिया है। एक्स पर पोस्ट कर मंत्री ने कहा कि हासन जिले में एक महीने के भीतर दिल का दौरा पड़ने के आए 18 मामलों को स्वास्थ्य विभाग ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने कहा, ‘मैंने पहले ही विभाग के अधिकारियों को जयदेव इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोवैस्कुलर साइंसेज एंड रिसर्च के निदेशक के नेतृत्व में दिल का दौरा पड़ने के बढ़ते मामलों की जांच करवाने और एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।’ दिनेश गुंडू राव के अनुसार, राज्य सरकार ने हृदयाघात के मामलों को रोकने के लिए पुनीत राजकुमार हृदय ज्योति योजना शुरू की है। लेकिन, हाल में युवाओं में दिल का दौरा पड़ने के बढ़ते मामलों पर गहराई से शोध करने की जरूरत है। हालांकि, बदलती जीवनशैली, खानपान और गैर-संचारी बीमारियों को दिल की समस्याओं का कारण माना जाता है, लेकिन हासन में सामने आए मामलों ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। इसका समाधान तलाशने के लिए एक्सपर्ट्स की एक टीम को रिसर्च करने और 10 दिन के भीतर एक रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया गया है। हार्ट अटैक का कारण: दिल का दौरा तब होता है जब हृदय की मांसपेशियों तक रक्त प्रवाह रुक जाता है, खासतौर से कोरोनरी धमनियों में रुकावट के कारण। यह रुकावट आमतौर पर कोलेस्ट्रॉल, वसा या प्लाक के जमा होने से होती है, जिसे एथेरोस्क्लेरोसिस कहते हैं। उच्च रक्तचाप, मधुमेह, धूम्रपान और मोटापा इसके जोखिम को बढ़ाते हैं। तनाव, अनियमित जीवनशैली और अनुवांशिक कारक भी अहम भूमिका निभाते हैं। हानिकारक आहार (जैसे अधिक तैलीय या प्रोसेस्ड भोजन) इसकी संभावना को और बढ़ाता है। दिल के दौरे के लक्षण: हार्ट अटैक का प्रमुख लक्षण छाती में तेज दर्द या भारीपन है, जो बांह, जबड़े या पीठ तक फैल सकता है। सांस लेने में तकलीफ, ठंडा पसीना और चक्कर आना आम लक्षण हैं। कुछ लोगों को मतली, उल्टी या पेट में असहजता महसूस हो सकती है। थकान, कमजोरी या अचानक बेचैनी भी संकेत हो सकते हैं। लक्षण पुरुषों और महिलाओं में थोड़े भिन्न हो सकते हैं, जैसे महिलाओं में दर्द कम और थकान अधिक। दिल के दौरे से बचाव: स्वस्थ आहार लें, जिसमें फल, सब्जियां, साबुत अनाज और कम वसा वाले खाद्य पदार्थ शामिल हों। नियमित व्यायाम हृदय को स्वस्थ रखता है। धूम्रपान और अत्यधिक शराब से बचें। नियमित स्वास्थ्य जांच से रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल और मधुमेह को नियंत्रित करें। तनाव कम करने के लिए योग, ध्यान और पूरी नींद लें।