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बारिश ने बदला मौसम, नोएडा में सुहानी राहत

नोएडा  नोएडा और ग्रेटर नोएडा में मंगलवार की सुबह से ही झमाझम बारिश का दौर शुरू हो गया, जिससे मौसम सुहावना हो गया है। बीते कई दिनों से उमस भरी गर्मी से परेशान लोगों को आखिरकार राहत मिली है। सुबह से ही बादलों की आवाजाही बनी हुई थी और देखते ही देखते कई इलाकों में तेज बारिश शुरू हो गई। अचानक मौसम में आए इस बदलाव से जहां तापमान में गिरावट दर्ज की गई है, बारिश के कारण नोएडा के सेक्टर-18, सेक्टर-62, ग्रेटर नोएडा वेस्ट, परी चौक और दादरी रोड जैसे इलाकों में सड़कों पर पानी भरने की खबरें भी सामने आ रही हैं। हालांकि, हल्की ट्रैफिक दिक्कतों के बावजूद लोग मौसम का खूब आनंद ले रहे हैं। पार्कों और खुले मैदानों में बच्चे बारिश का लुत्फ उठाते नजर आए। वहीं दफ्तर जाने वाले कई लोगों को थोड़ी असुविधा का सामना करना पड़ा, क्योंकि अचानक हुई बारिश में कई लोग इसमें फंस गए। मौसम विभाग ने पहले ही इस हफ्ते एनसीआर और आसपास के इलाकों में बारिश की संभावना जताई थी। विभाग के अनुसार, अगले दो-तीन दिनों तक मौसम में उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा और बीच-बीच में हल्की से तेज बारिश जारी रह सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस बारिश से जहां किसानों को फायदा मिलेगा, वहीं लगातार बनी हुई उमस से भी निजात मिलेगी। लोगों का कहना है कि बीते कई दिनों से गर्मी और नमी के चलते हालत खराब हो गई थी। घरों के अंदर भी पंखे और कूलर बेअसर साबित हो रहे थे। लेकिन मंगलवार को हुई झमाझम बारिश ने पूरे माहौल को बदल दिया। मौसम ठंडा हो गया और हवा में ताजगी का अहसास होने लगा। मौसम विभाग के मुताबिक आने वाले दिनों में भी मौसम ऐसा ही बना रहेगा।  

मध्य प्रदेश के पूर्वी हिस्से में बारिश का अलर्ट, पश्चिमी जिलों में रहेगा मौसम साफ

भोपाल  मध्यप्रदेश के पूर्वी हिस्से यानी, जबलपुर, रीवा और सागर संभाग के 10 जिलों में सोमवार को भारी बारिश का अलर्ट है। ट्रफ की एक्टिविटी होने से यहां तेज बारिश हो सकती है। वहीं, भोपाल, इंदौर और उज्जैन में मौसम साफ रहेगा। यहां तेज धूप खिली रहेगी। मौसम विभाग के अनुसार, अगले 24 घंटे के दौरान पन्ना, सतना, रीवा, मऊगंज, सीधी, मैहर, कटनी, जबलपुर, सिवनी और बालाघाट में तेज बारिश होगी। 12 अगस्त को भी पूर्वी हिस्से में तेज बारिश की चेतावनी दी गई है। इधर, उज्जैन क्षेत्र में लंबे समय से बारिश नहीं होने के कारण अब ग्रामीण टोटके और परंपराओं का सहारा ले रहे हैं। उज्जैन के पास स्थित उन्हेल गांव में अच्छी बारिश की कामना के लिए गांव के पटेल लखन पटेल को गधे पर उल्टा बैठाकर श्मशान में पांच बार घुमाया गया।

24 घंटे में 4.5 इंच बारिश का अनुमान, जबलपुर सहित 20 जिलों में रेड अलर्ट, मड़ीखेड़ा डैम से छोड़ा जा रहा पानी

भोपाल  मध्य प्रदेश में एक बार फिर स्ट्रांग सिस्टम एक्टिव होने की वजह से तेज बारिश का दौर शुरू हो गया है। आज जबलपुर समेत 20 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट है।मौसम विभाग के अनुसार, गुरुवार को विदिशा, सीहोर, सागर, रायसेन, नर्मदापुरम, बैतूल, छतरपुर, दमोह, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, पन्ना, कटनी, जबलपुर, सिवनी, बालाघाट, मंडला, डिंडौरी, अनूपपुर और उमरिया में भारी बारिश का दौर बना रहेगा। अगले 24 घंटे में इन जिलों में साढ़े 4 इंच तक पानी गिर सकता है। इससे पहले बुधवार को नर्मदापुरम के इटारसी में बाढ़ जैसे हालात रहे। भोपाल, इंदौर समेत 20 से ज्यादा जिलों में बारिश हुई। अगले चार दिन तक भारी बारिश का अलर्ट मौसम विभाग कि सीनियर वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि मध्यप्रदेश में फिलहाल मानसून ट्रफ और दो साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम एक्टिव हैं। इस वजह से प्रदेश में बारिश का दौर शुरू हुआ है। अगले चार दिन तक कहीं भारी तो कहीं अति भारी बारिश का अलर्ट है। छिंदवाड़ा में 9 घंटे में 2.1 इंच बारिश बुधवार को छिंदवाड़ा में 9 घंटे में 2.1 इंच पानी गिर गया। वहीं, गुना में 1.8 इंच, नर्मदापुरम-ग्वालियर में 1.5 इंच, शाजापुर में 1.2 इंच और शिवपुरी में पौन इंच बारिश दर्ज की गई। भोपाल, दतिया, इंदौर, शिवपुरी, उज्जैन, जबलपुर, छतरपुर के नौगांव, टीकमगढ़, बालाघाट के मलाजखंड, श्योपुर, भिंड, राजगढ़, आगर-मालवा समेत कई जिलों में बारिश का दौर चला। सीजन में अब तक औसतन 21.1 इंच बारिश हुई मध्यप्रदेश में इस सीजन में औसत 21.1 इंच बारिश हो चुकी है जबकि अब तक 14.1 इंच बारिश होनी थी। इस हिसाब से 7.3 इंच बारिश ज्यादा हो चुकी है, जो 53% अधिक है। 3 जिले- निवाड़ी, टीकमगढ़ और श्योपुर में तो कोटा पूरा हो चुका है। इन जिलों में सामान्य से 25% तक ज्यादा पानी गिर चुका है। ग्वालियर समेत 5 जिले भी बेहतर स्थिति में हैं। यहां 80 से 95% तक बारिश हो चुकी है। दूसरी ओर, इंदौर और उज्जैन संभाग सबसे पीछे है। इंदौर, उज्जैन, शाजापुर, बुरहानपुर और आगर-मालवा में 10 इंच से भी कम पानी गिरा है।  मौसम विभाग ने आज जबलपुर समेत 20 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। विभाग के अनुसार, विदिशा, सीहोर, सागर, रायसेन, नर्मदापुरम, बैतूल, छतरपुर, दमोह, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, पन्ना, कटनी, जबलपुर, सिवनी, बालाघाट, मंडला, डिंडौरी, अनूपपुर और उमरिया में भारी बारिश का दौर बना रहेगा। अगले 24 घंटे में इन जिलों में साढ़े 4 इंच तक पानी गिर सकता है। सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि प्रदेश में अभी मानसून ट्रफ और साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम एक्टिव हैं। अगले चार दिन तक कहीं अति भारी तो कहीं भारी बारिश हो सकती है। पचमढ़ी में 3.4 इंच बारिश पिछले 24 घंटे के दौरान पचमढ़ी में 3.4 इंच पानी गिर गया। छिंदवाड़ा में 2.6 इंच, गुना में 2.3 इंच, बालाघाट के मलाजखंड में 2.1 इंच, नर्मदापुरम में 1.8 इंच, ग्वालियर में 1.5 इंच, श्योपुर में 1.1 इंच, मंडला में 1 इंच बारिश हुई। भोपाल, इंदौर, उज्जैन, उमरिया, सिवनी, खजुराहो, जबलपुर, नौगांव, सागर, बैतूल, सीधी, रायसेन, दमोह, शिवपुरी में भी बारिश का दौर रहा। इस बार 7 इंच बारिश ज्यादा मध्यप्रदेश में इस मानसूनी सीजन में औसत 21.1 इंच बारिश हो चुकी है जबकि अब तक 14.1 इंच बारिश होनी थी। इस हिसाब से 7.3 इंच बारिश ज्यादा हो चुकी है, जो 53% अधिक है। 3 जिले- निवाड़ी, टीकमगढ़ और श्योपुर में तो कोटा पूरा हो चुका है। इन जिलों में सामान्य से 25% तक ज्यादा पानी गिर चुका है। ग्वालियर समेत 5 जिले भी बेहतर स्थिति में हैं। यहां 80 से 95% तक बारिश हो चुकी है। दूसरी ओर, इंदौर और उज्जैन संभाग सबसे पीछे है। इंदौर, उज्जैन, शाजापुर, बुरहानपुर और आगर-मालवा में 10 इंच से भी कम पानी गिरा है। 10 साल में बारिश का ट्रेंड, पहले भोपाल के बारे में जानिए भोपाल में जुलाई में खूब बारिश होती है। यहां एक ही महीने में 1031.4 मिमी यानी 41 इंच के करीब बारिश होने का रिकॉर्ड है। यह साल 1986 में हुई थी। 22 जुलाई 1973 को एक ही दिन में 11 इंच बारिश हुई थी, जो अब तक का रिकॉर्ड है। साल 2024 में पूरे जुलाई महीने में 15.70 इंच बारिश हुई थी। भोपाल में जुलाई महीने में एवरेज 15 दिन बारिश होती है यानी हर दूसरे दिन पानी बरसता है। महीने की एवरेज बारिश 367.7 मिमी यानी 14.4 इंच है। बारिश के चलते दिन का तापमान 30 और रात में पारा 25 डिग्री सेल्सियस से कम रहता है। अगले चार दिन ऐसा ही रहेगा मौसम मौसम वैज्ञानिक के मुताबिक, मध्यप्रदेश में मानसून ट्रफ और साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम एक्टिव है। इसलिए बारिश हो रही है। अगले चार दिन तक मौसम ऐसा ही रहेगा। कहीं अति भारी तो कहीं भारी बारिश होने की संभावना है। शुक्रवार को भी 20 से ज्यादा जिलों में भारी बारिश हो सकती है। इन जिलों में गिरा पानी रायसेन, उज्जैन, डिंडौरी , नर्मदापुरम, सिवनी मालवा सहित कई जिलों में बुधवार को अच्छी बारिश हुई। उज्जैन में तेज पानी गिर। भोपाल में बूंदाबांदी का दौर चलता रहा। इटारसी में बाजार और सरकारी रेस्ट हाउस में पानी भर गया। जमानी गांव का बिजली सब स्टेशन डूब गया। सिवनी मालवा तहसील के ग्रामीण इलाकों में खेत और रास्ते डूबे रहे। छिंदवाड़ा में 9 घंटे में 2.1 इंच पानी गिर गया। गुना में 1.8 इंच, नर्मदापुरम-ग्वालियर में 1.5 इंच, शाजापुर में 1.2 इंच और शिवपुरी में पौन इंच बारिश दर्ज की गई। इन जिलों में सबसे ज्यादा बारिश भारत में मानसून (Monsoon) की एंट्री 24 मई को हुई। मानसून ने सबसे पहले केरल पहुंचा। फिर कर्नाटक में दस्तक दी। तमिलनाडु, गोवा, महाराष्ट्र, मिजोरम, मणिपुर, नगालैंड, आंध्र प्रदेश होते हुए 16 जून को मानसून एमपी आया। 20 जून तक मानसून ने सभी जिलों को करव कर लिया। तब से सूबे में झमाझम बारिश हो रही है। अब तक 537 मिमी पानी बरस चुका है। यह सामान्य वर्षा 359 मिमी से 49 फीसदी ज्यादा है। निवाड़ी में सबसे ज्यादा 225 फीसदी पानी बरसा। छतरपुर में 177, मंडला 102, टीकमगढ़ 165, अशोकनगर 116, ग्वालियर 142, मुरैना 131, श्योपुर 191 और शिवपुरी में 141 फीसदी ज्यादा बारिश हुई। 

एमपी के 45 जिलों में आज मूसलाधार बारिश की चेतावनी, जानें अपने शहर का ताजा हाल

भोपाल  मध्यप्रदेश में लगातार हो रही बारिश से जन जीवन प्रभावित हो रहा है।शुक्रवार को सिवनी, छतरपुर, उमरिया, सतना, कटनी समेत कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात रहे। सिवनी में 9 घंटे में ही साढ़े 6 इंच पानी गिर गया। 20 से ज्यादा जिलों में तेज बारिश हुई। मौसम विभाग ने शनिवार को 10 जिलों में अति भारी और 35 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। प्रदेश में पिछले एक सप्ताह से तेज बारिश का दौर जारी है। इस मानसूनी सीजन में अब तक करीब 16 इंच बारिश हो चुकी है। पूर्वी हिस्से में सबसे ज्यादा असर है। खासकर मंडला, सिवनी, बालाघाट, मैहर, डिंडौरी समेत कई जिलों में बाढ़ आ गई है। शुक्रवार को भी ऐसे ही हालात रहे। मंडला में सबसे ज्यादा नुकसान बारिश की वजह से मंडला जिले में सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है। यहां अब तक बाढ़ के कारण 7 लोगों की मौत हो चुकी हैं। 2 लापता हैं। 300 मकान समेत कई सड़कें और पुलियां क्षतिग्रस्त हो गई हैं। 312 लोगों को रेस्क्यू कर 7 राहत कैंप में रखा गया है। शिवपुरी और ग्वालियर की सीमा पर बना हरसी बांध लबालब भर गया। इससे पानी का ओवरफ्लो होना शुरू हो गया है। इससे दोनों जिलों के करीब 20 गांव में पानी भरने का खतरा बढ़ गया है। सिवनी में 9 घंटे में 6.5 इंच बारिश दर्ज शुक्रवार को पूर्वी हिस्से में भारी बारिश का दौर जारी रहा। सिवनी में 9 घंटे में 6.5 इंच बारिश हो गई। छतरपुर के खजुराहो में करीब ढाई इंच, उमरिया-नौगांव में 1.8 इंच, सतना में 1.1 इंच, पचमढ़ी-ग्वालियर में आधा इंच बारिश हो गई। कटनी, शहडोल, सीधी, मैहर, मऊगंज जिले में भी तेज बारिश से घर-दुकानों में पानी भर गया। दतिया, नर्मदापुरम, रतलाम, श्योपुर, दमोह, जबलपुर, रीवा, टीकमगढ़, सीहोर समेत कई जिलों में बारिश का दौर चलता रहा। मध्यप्रदेश में बारिश अब आफत बनकर बरस रही है। चित्रकूट में लगातार दो दिनों से हो रही बारिश से मंदाकिनी नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ा है। इसके चलते रामघाट, भरतघाट सहित सभी प्रमुख घाट जलमग्न हो गए हैं। घरों-दुकानों में भी पानी घुस रहा है। उमरिया में संजय गांधी ताप विद्युत केंद्र के जोहिला डैम के दो गेट खोलकर पानी छोड़ा जा रहा है। एक गेट एक मीटर और दूसरा आधा मीटर तक खोला गया है। वहीं, मंडला में बाढ़ से अब तक 7 लोगों की मौत हो चुकी है। शुक्रवार को सिवनी, छतरपुर, उमरिया, सतना, कटनी समेत कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात रहे। सिवनी में 9 घंटे में ही साढ़े 6 इंच पानी गिर गया। 20 से ज्यादा जिलों में तेज बारिश हुई। मौसम विभाग ने शनिवार को 10 जिलों में अति भारी और 35 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। प्रदेश में पिछले एक सप्ताह से तेज बारिश का दौर जारी है। इस मानसूनी सीजन में अब तक करीब 16 इंच बारिश हो चुकी है। पूर्वी हिस्से में सबसे ज्यादा असर है। खासकर मंडला, सिवनी, बालाघाट, मैहर, डिंडौरी समेत कई जिलों में बाढ़ आ गई है। शुक्रवार को भी ऐसे ही हालात रहे। आज इन जिलों में तेज बारिश का अलर्ट मौसम विभाग ने शनिवार के लिए 10 जिलों में अति भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इनमें छतरपुर, दमोह, सागर, कटनी, जबलपुर, रायसेन, नरसिंहपुर, सिवनी, छिंदवाड़ा और नर्मदापुरम जिले शामिल हैं। यहां 24 घंटे में 8 इंच तक पानी गिर सकता है। भोपाल, ग्वालियर, उज्जैन, नीमच, मंदसौर, रतलाम, आगर-मालवा, राजगढ़, देवास, शाजापुर, विदिशा, सीहोर, हरदा, बैतूल, पांढुर्णा, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, निवाड़ी, टीकमगढ़, पन्ना, सतना, रीवा, मऊगंज, मैहर, उमरिया, शहडोल, अनूपपुर, डिंडौरी, मंडला और बालाघाट में भारी बारिश होने की चेतावनी दी गई है। मध्य प्रदेश से गुजर रही 3 टर्फ मौसम विभाग की सीनियर वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि प्रदेश में 3 टर्फ का असर है। इनमें एक मानसून टर्फ है। इस वजह से अति भारी और भारी बारिश का दौर बना हुआ है। अगले चार से पांच दिन तक ऐसा ही मौसम रहेगा। 48 घंटों के लिए इन जिलों में बारिश का अलर्ट     शनिवार के लिए : छतरपुर, दमोह, सागर, कटनी, जबलपुर, रायसेन, नरसिंहपुर, सिवनी, छिंदवाड़ा नर्मदापुरम अति भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट । भोपाल, ग्वालियर, उज्जैन, नीमच, मंदसौर, रतलाम, आगर-मालवा, राजगढ़, देवास, शाजापुर, विदिशा, सीहोर, हरदा, बैतूल, पांढुर्णा, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, निवाड़ी, टीकमगढ़, पन्ना, सतना, रीवा, मऊगंज, मैहर, उमरिया, शहडोल, अनूपपुर, डिंडौरी, मंडला बालाघाट में भारी बारिश का येलो अलर्ट।     रविवार के लिए: इंदौर, उज्जैन, रतलाम, धार, खरगोन, खंडवा, हरदा, देवास में अति भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट ।भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, नीमच, मंदसौर, झाबुआ, अलीराजपुर, बड़वानी, बुरहानपुर, आगर-मालवा, राजगढ़, शाजापुर, विदिशा, सीहोर, रायसेन, नर्मदापुरम, बैतूल, सागर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, श्योपुर, मुरैना, दतिया, दमोह, सिवनी, बालाघाट में मध्यम से भारी बारिश का येलो अलर्ट। मध्य प्रदेश मौसम विभाग का ताजा पूर्वानुमान     वर्तमान में मानसून द्रोणिका बीकानेर, देवमाली, हमीरपुर, डाल्टनगंज, जमशेदपुर, दीघा से होकर बंगाल की खाड़ी तक जा रही है। उत्तरी छग और उसके आसपास हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात बना हुआ है। दक्षिण-पश्चिम उत्तर प्रदेश से लेकर बंगाल की खाड़ी तक एक द्रोणिका बनी हुई है, जो उत्तरी छग, उत्तरी ओडिशा से होकर जा रही है।     उत्तर-पूर्वी अरब सागर से उत्तरी छत्तीसगढ़ पर बने चक्रवात तक एक द्रोणिका बनी हुई है, जो दक्षिणी गुजरात, उत्तरी मध्य महाराष्ट्र, दक्षिणी एमपी से होकर गुजर रही है।एक पश्चिमी विक्षोभ पाकिस्तान के आसपास सक्रिय है। इन अलग-अलग सक्रिय इन मौसम प्रणालियों के प्रभाव से मध्यम से भारी बारिश का सिलसिला बना हुआ है।  

छत्तीसगढ़ में मूसलधार का दौर, रायपुर-दुर्ग और 33 जिलों में भीगने की तैयारी 10 जिलों में बारिश का अलर्ट…

रायपुर  प्रदेश में लगातार हो रही बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। मौसम विभाग ने 10 जुलाई को मध्य छत्तीसगढ़ के कुछ क्षेत्रों में भारी बारिश की चेतावनी दी है। रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर संभाग के कई इलाकों में पिछले 24 घंटे के भीतर तेज बारिश दर्ज की गई है। बता दें कि पिछले 24 घंटे में दुर्ग में सर्वाधिक 130 मिमी बारिश हुई है, जिसका नतिजा है कि शिवनाथ नदी उफान पर और आसपास के इलाके में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। वहीं बालोद में 120 मिमी, अहिवारा में 100 मिमी और राजधानी में 60 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। वहीं प्रदेश में सर्वाधिक अधिकतम तापमान 31.8 डिग्री पेंड्रा रोड में दर्ज किया गया। न्यूनतम तापमान 20.0 डिग्री दुर्ग और राजनांदगांव में रहा। CG में हफ्तेभर से लगातार बारिश हो रही है। इस बीच मौसम विभाग ने 9 जिलों बलरामपुर, बालोद, बलौदाबाजार, धमतरी, दुर्ग, कोरिया, महासमुंद, रायपुर और सूरजपुर में अचानक बाढ़ आने का खतरा जताते हुए अगले 24 घंटे के लिए अलर्ट जारी किया है। इसके अलावा आज सेंट्रल छत्तीसगढ़ के दुर्ग, राजनांदगांव, बालोद, कांकेर, महासमुंद, गरियाबंद सहित 10 जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट है। रायपुर-बेमेतरा, कबीरधाम सहित 13 जिलों में यलो अलर्ट जारी किया गया है। इस बीच मौसम विभाग ने अगले 3 घंटे के लिए कोरिया, सूरजपुर, बलरामपुर सहित 21 जिलों में भारी बारिश का यलो अलर्ट जारी गया है। रायपुर-बलौदा बाजार, रायगढ़, जशपुर समेत 12 जिलों में ऑरेंज अलर्ट है। अन्य जिलों में मौसम सामान्य रहने की उम्मीद है। इसके बाद कल यानी 11 जुलाई से बारिश की तीव्रता में कमी आ सकती है। बुधवार को दुर्ग, रायपुर और बिलासपुर संभाग के जिलों में भारी बारिश हुई है। कवर्धा जिले के भौराटोला में बिजली गिरने से नाबालिग की मौत हो गई। आने वाले दिनों में कम हो सकती है बारिश मौसम विभाग के अनुसार, 11 जुलाई से बारिश की तीव्रता में कमी आ सकती है। आगामी दो दिनों तक राज्य में हल्की से मध्यम बारिश और एक-दो स्थानों पर भारी बारिश का सिलसिला बना रहेगा। प्रदेश में लगातार हो रही बारिश से खारुन नदी का जलस्तर बढ़ गया है। प्रशासन ने जारी किया अलर्ट बारिश को देखते हुए प्रशासन ने निचले इलाकों, नदी-नालों के पास रहने वालों को सतर्क रहने की अपील की है। बिजली गिरने की संभावना को लेकर भी चेतावनी दी गई है। स्कूलों को भी सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। बना हुआ है यह सिस्टम मौसम विभाग के मुताबिक गंगीय पश्चिम बंगाल और झारखंड के ऊपर बना निम्न दबाव का क्षेत्र छत्तीसगढ़ की ओर तेजी से बढ़ रहा है। यह सिस्टम 7.6 किलोमीटर की ऊंचाई तक विस्तारित ऊपरी हवा के चक्रीय चक्रवात से जुड़ा हुआ है। इसी के प्रभाव से राज्य के अधिकांश जिलों में बारिश की गतिविधियां तेज हो गई हैं। इसके अलावा मानसून द्रोणिका अमृतसर, चंडीगढ़, निजामाबाद, शाहजहांपुर, कानपुर, डाल्टनगंज होते हुए गंगीय पश्चिम बंगाल से बंगाल की खाड़ी तक फैली है। एक अन्य द्रोणिका उत्तर-पूर्व अरब सागर से होते हुए दक्षिण गुजरात, महाराष्ट्र, विदर्भ, छत्तीसगढ़ और ओडिशा को पार करते हुए बंगाल की ओर बढ़ रही है। रायपुर में बादल छाए, रुक-रुक कर होगी बारिश गुरुवार को रायपुर सहित अधिकांश जिलों में बादल छाए रहेंगे और रुक-रुक कर बारिश होती रहेगी। गरज-चमक के साथ कहीं-कहीं तेज बौछारें पड़ने की भी संभावना है। राजधानी में अधिकतम तापमान 25 डिग्री और न्यूनतम 23 डिग्री रहने का अनुमान है। शिवनाथ नदी में बाढ़ का खतरा राजनांदगांव में लगातार बारिश के बाद शिवनाथ नदी का जलस्तर बढ़ता जा रहा है। जिससे 4 जलाशयों से कुल 36 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। मोंगरा बैराज से 20 हजार क्यूसेक, घुमरिया नाला बैराज से 10,800 क्यूसेक, सूखा नाला बैराज से 5,200 क्यूसेक और खातू टोला बैराज से 600 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। बता दें कि राजनांदगांव जिले में अब तक 250 मिमी पानी बरसा है जो औसत से 10 मिमी अधिक है। इसमें से 156 मिमी बारिश पिछले चार दिनों में ही हुई है। शिवनाथ नदी में फंसे 32 मजदूरों का रेस्क्यू इससे पहले बुधवार को दुर्ग के थनौद गांव में शिवनाथ नदी में आई बाढ़ में फंसे 32 मजदूरों को सुरक्षित निकाला गया। इनमें बच्चे, महिलाएं और पुरुष शामिल हैं। सभी भारत माला परियोजना में काम करने आए थे। तभी नदी का जलस्तर बढ़ गया। बता दें कि लगातार बारिश से प्रदेश में कई नदी-नाले उफान पर हैं।   रायगढ़ जिले में सबसे ज्यादा बारिश इसके अलावा कवर्धा जिले में ही एक ही परिवार की दो महिलाओं की आकाशीय बिजली गिरने से मौत हो गई। बताया जा रहा है कि दोनों महिलाएं चरोटा भाजी (साग) तोड़ने गई थीं। इसी दौरान अचानक मौसम खराब हो गया और गरज-चमक के साथ बिजली गिर पड़ी। यह घटना घटना 8 जुलाई की शाम लगभग 6:00 बजे की है। छत्तीसगढ़ में 1 जून से अब तक 336.3 मि.मी. औसत बारिश दर्ज की गई है। रायगढ़ जिले में सबसे ज्यादा 473.5 मि.मी. वर्षा रिकॉर्ड की गई है। बेमेतरा जिले में सबसे कम 153.0 मिमी बारिश हुई है।