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आज होगी इंडिया गठबंधन की अहम बैठक, सीट शेयरिंग पर हो सकता है फ़ैसला

पटना इंडिया गठबंधन में सीट शेटरिंग फॉर्मूला को लेक पिछले कुछ दिनों से जारी मंथन अब अंतिम चरण में हैं। रविवार को इंडिया गठबंधन के समन्वय समिति के अध्यक्ष तेजस्वी यादव के नेतृत्व में पोलो रोड में अहम बैठक हुई। इसमें इंडिया गठबंधन के घटक दलों के सभी प्रमुख नेता शामिल हुए। आज फिर से इंडिया गठबंधन के सभी घटक दल पोलो रोड में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के आवास पर बैठक करेंगे। इसके बाद सात अक्टूबर यानी कल तेजस्वी यादव संयुक्त प्रेस कॉफ्रेंस कर सीट शेयरिंग की घोषणा कर देंगे। अब इंडिया गठबंधन इस बार आठ दलों के साथ चुनावी मैदान में उतरेगा। इनमें कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई),  मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम), भाकपा माले, विकासशील इंसान पार्टी, झारखंड मुक्ति मोर्चा और राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी शामिल हैं। सूत्र बता रहे हैं कि आगामी विधानसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन में राजद के खाते में करीब 130, कांग्रेस को 55 सीट, वामदल को 35, वीआईपी को 20 सीटें मिल सकती है। हालांकि कुछ सीटों को लेकर अब भी खींचतान जारी है। संभावना है कि आज की बैठक में इस पर सभी दलों की सहमति बन जाए। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पार्टी झामुमो और पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस की पार्टी रालोजपा राजद कोटे से पांच सीओं पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है। सूत्र बता रहे हैं कि इंडिया गठबंधन की बैठक में 2020 के विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव में पार्टियों में वोट प्रतिशत और सीटों के रिकॉर्ड को देखते हुए इस बार सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय हुआ है। ओवैसी को नहीं मिला अब तक जवाब इधर, AIMIM पार्टी के सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी को इंडिया गठबंधन अपने साथ रखेगा या नहीं? इस पर कोई बात अब तक नहीं हुई है। संभावना है कि आज की बैठक में इस मुद्दे पर बात हो। हालांकि, ओवैसी ने राजद से गठबंधन को लेकर कहा कि हमने उनके सामने प्रस्ताव रखा था और बीजेपी से लड़ने के लिए सिर्फ 6 सीटें मांगी थीं, लेकिन अब तक उनकी ओर से कोई जवाब नहीं मिला है।  

राजनीतिक घड़ी: बिहार में सीटों का बंटवारा तय होने की तारीख सामने आई

पटना बिहार विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे एनडीए और इंडिया गठबंधन दोनों ही खेमों में सहयोगी दलों की बेचैनी बढ़ती जा रही है। सहयोगी लगातार सीट बंटवारे पर दबाव बना रहे हैं, लेकिन सूत्रों के मुताबिक औपचारिक बातचीत चुनाव आयोग द्वारा तारीखों की घोषणा के बाद ही शुरू होगी। आपको बता दें कि फिलहाल तारीखों का ऐलान नहीं हुआ। नवरात्रि की समाप्ति के बाद चुनाव आयोग की तरफ से कभी भी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसका ऐलान किया जा सकता है। एनडीए के छोटे सहयोगी दल पहले से ही सार्वजनिक रूप से अपनी मांगें उठा रहे हैं। एलजेपी (रामविलास) नेता अरुण भारती सोशल मीडिया पर सम्मानजनक हिस्सेदारी की माग कर रहे हैं और भाजपा व जदयू पर दबाव डाल रहे हैं। वहीं, हम (से.) प्रमुख जीतन राम मांझी ने भी अपनी अपेक्षाओं को खुले मंच से सामने रखा है। हाल ही में केंद्रीय मंत्री व एलजेपी (रामिवालास) नेता चिराग पासवान और आरएलपी प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा की दिल्ली में मुलाकात हुई, जिसमें दोनों नेताओं ने मगध–शाहाबाद क्षेत्र में पर्याप्त सीटें मिलने की इच्छा जताई। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बिहार के दौरे पर थे। उन्होंने बैक टू बैक कई बैठकें कीं और रैलियों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने साफ शब्दों में कहा है कि दुर्गा पूजा के बाद एनडीए के सहयोगियों के बीच सीटों का बंटवारा कर लिया जाएगा। इंडिया गठबंधन में भी खींचतान इंडिया गठबंधन के भीतर कांग्रेस ने आरजेडी से जल्द सीटों पर समझौते को अंतिम रूप देने की मांग की है। सीपीआई (एमएल) ने 2020 में 19 सीटों पर चुनाव लड़ी और 12 सीटों पर जीत दर्ज की थी। 2024 लोकसभा चुनाव में सीट शेयरिंग में दो सीटें हासिल हुई। इस बार बड़ा हिस्सा चाहती है। वहीं, वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने तो यहां तक कह दिया है कि यदि गठबंधन सत्ता में आता है तो उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए। आरजेडी का क्या है रुख बिहार में महागठबंधन का अगुआ आरजेडी के सूत्रों के मुताबिक सहयोगी दलों के बीच औपचारिक बैठक और सीटों का बंटवारा चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद ही होगा।

उपराष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष की तलाश जारी, रणनीति और गठजोड़ में उलझा समीकरण

नई दिल्ली चुनाव आयोग ने जैसे ही उपराष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए तारीखों की घोषणा की है, वैसे ही विपक्षी INDIA अलायंस की चिंता बढ़ गई है। विपक्षी खेमे के लिए इस पद पर उम्मीदवार के लिए चेहरे की तलाश भी कठिन चुनौती बन गई है क्योंकि विपक्षी दलों को पता है कि संसद के दोनों सदनों में संख्या बल के आधार पर उनकी स्थिति बहुत कमजोर है। बावजूद इसके विपक्ष उपराष्ट्रपति चुनाव में एक मजबूत और वैचारिक चेहरे को उम्मीदवार के रूप में उतारने की कोशिश कर सकता है, ताकि वह देश को राजनीतिक संदेश दे सके कि वह सत्तारूढ़ भाजपा और उसके उम्मीदवार से दो-दो हाथ करने को तैयार है और उसकी विचारधारा से मुकाबला करने के लिए एकजुट खड़ा है। चूंकि संसद के दोनों सदनों के सदस्य ही उपराष्ट्रपति का चुनाव करते हैं और वहां विपक्षी सांसदों की संख्या कम है। इसलिए इंडिया अलायंस उपराष्ट्रपति चुनाव का इस्तेमाल पिछड़े और अल्पसंख्यकों, किसानों, बुद्धिजीवियों और नागरिक समाज सहित हाशिए पर पड़े वर्गों को लामबंद करने और उनके बीच स्पष्ट संदेश देने की कोशिश करेगा। इसीलिए विपक्ष एक ऐसे वैचारिक चेहरे को साझा उम्मीदवार के तौर पर तलाश कर रहा है, जो उसके इस राजनीतिक संदेश को फैला सके। 7 अगस्त को राहुल गांधी ने बुलाई बैठक बता दें कि इंडिया अलायंस की गुरुवार (7 अगस्त) को एक अहम बैठक होने वाली है, जिसमें बिहार विधानसभा चुनाव और राज्य की मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण का मुद्दा उठने की संभावना है। सूत्रों के अनुसार, बैठक में उपराष्ट्रपति चुनाव के संभावित उम्मीदवार पर भी चर्चा होने की संभावना है। राहुल दे सकते हैं प्रजेंटेशन TOI की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस बैठक में नेता विपक्ष राहुल गांधी मतदाता सूचियों पर कांग्रेस की तरफ से की गई एक रिसर्च पर प्रजेंटेशन दे सकते हैं। दो दिन पहले ही उन्होंने उस रिसर्च के बारे में कहा था कि उनके हाथ एटम बम लगा है। राहुल ने कहा है कि इससे बिना किसी संदेह के यह साबित होता है कि भाजपा की मदद के लिए मतादाता सूची के साथ छेड़छाड़ की जा रही है। दरअसल, जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद उपराष्ट्रपति पद का चुनाव होना है। पिछले महीने जस्टिस शेखर यादव और जस्टिस यशवंत वर्मा को हटाने के लिए महाभियोग प्रस्ताव पर नोटिस को स्वीकार करने के अपने फैसले पर सरकार के साथ कथित टकराव के बाद धनखड़ ने 21 जुलाई को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके इस्तीफे के बाद उपराष्ट्रपति का चुनाव समय से पहले हो गया है।