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PF नियमों पर ओवैसी की तीखी आलोचना, EPFO ने दिया जवाब

नई दिल्ली EPFO के नए नियमों पर असदुद्दीन ओवैसी भड़क गए और कई तरह के सवाल उठाने लगे। ओवैसी ने अपने ट्वीट में लिखा, "बेरोज़गारी में सरकार का “बचत उत्सव”: पहले बेरोज़गारी के 1-2 महीने में आप पूरा पीएफ निकाल सकते थे। अब सरकार की “दया” से अपने ही पैसे निकालने के लिए 1–3 साल तक इंतज़ार करना होगा। PF का 25% जबरदस्ती 1 साल तक लॉक। मतलब बेरोज़गारी में आपको एक साल का इंतज़ार करना होगा और तब भी आप अपना पैसा पूरा नहीं निकाल सकते।" ओवैसी ने अपने ट्वीट में आगे लिखा, "EPFO वैसे भी आपके पैसों का मालिक बना हुआ है: ₹54,658 करोड़ पीएफ “अनक्लेम्ड” पड़ा है। 25–35% पीएफ निकासी आवेदन रिजेक्ट हो जाते हैं।" ओवैसी के इस ट्वीट पर EPFO ने जवाब भी दिया। EPFO ने बताया कि, नौकरी छूटने पर EPF निकालने के लिए 2 महीने की जगह 12 महीने क्यो किया गया? EPFO ने अपने पोस्ट में लिखा, "नौकरी छूटने के तुरंत बाद लाभार्थी 75% अमाउंट तुरंत निकाल सकता हैं। ⁠12 महीने तक बेरोजगार रहने पे बाकी 25% राशि भी निकाल सकता हैं। 2 महीने में पूर्ण राशि निकालने से 3 महीने के बाद दूसरी नौकरी लग जाने से सर्विस continuous नहीं मानी जाती हैं और वे पेंशन पात्र नहीं होते। क्योंकि पेंशन के लिए 10 वर्ष continuous नौकरी जरूरी है। इन Reforms से EPFO के लाभार्थी को पेंशन हेतु पात्र बनाने में सुविधा होगी।"  

AIMIM का बड़ा दांव, बिहार में ASP और मौर्य की पार्टी के साथ मिलकर लड़ेगी चुनाव

पटना  बिहार विधानसभा चुनाव से पहले असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने नया गठबंधन बना लिया है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने बुधवार को किशनगंज में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी घोषणा की. उन्होंने बताया कि मजलिस ने आजाद समाज पार्टी और स्वामी प्रसाद मौर्य की अपनी जनता पार्टी के साथ गठबंधन किया है, ताकि 'सांप्रदायिक ताकतों को रोका जा सके'. अख्तरुल ईमान ने कहा कि AIMIM बिहार में 35 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी. वहीं, आजाद समाज पार्टी 25 सीटों पर और स्वामी प्रसाद मौर्य की अपनी जनता पार्टी 4 सीटों पर मैदान में उतरेगी. ईमान ने दावा किया कि तीनों पार्टियां मजबूती से चुनावी मैदान में उतरेंगी और जनता के बीच एक नया विकल्प पेश करेंगी. उन्होंने कहा, हमारी असली लड़ाई सत्ता हासिल करने की नहीं, बल्कि देश में इंसाफ कायम करने की है. ईमान ने यह भी बताया कि उम्मीदवारों के नाम लगभग तय हो चुके हैं और उनका ऐलान देर शाम तक कर दिया जाएगा. इस ऐलान के साथ ही बिहार की सियासत में एक नया मोर्चा बन गया है. ओवैसी की पार्टी पहले से ही सीमांचल इलाकों में अपनी पकड़ मजबूत करने में जुटी है. किशनगंज, कटिहार और अररिया जैसे जिलों में AIMIM का असर पहले भी देखा जा चुका है. ओवैसी ने किया आरजेडी पर हमला गठबंधन के ऐलान से पहले असदुद्दीन ओवैसी ने आरजेडी की लीडरशिप पर हमला बोला था. उन्होंने कहा था कि आरजेडी की मौजूदा नेतृत्व नादान है और उसमें दूरदर्शिता की कमी है. ओवैसी ने कहा, आरजेडी समझ रही है कि अपनी ताकत पर सबकुछ कर लेगी, लेकिन ऐसा नहीं होगा. मजलिस हमेशा हवाओं को सूंघकर आने वाले सैलाब का अंदाजा लगा लेती है. ओवैसी ने चेतावनी देते हुए कहा, हम देख रहे हैं कि तूफान आने वाला है, लेकिन ये लोग पानी से भीगने के बाद कहेंगे कि सैलाब आ गया. बहुत देर हो जाएगी. अगर बराबरी की बात करेंगे तभी बीजेपी और मोदी को रोका जा सकता है. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने पहले भी विपक्षी एकता की बात की थी, लेकिन इन लोगों ने हमारी बात को नहीं माना. ओवैसी ने यह भी कहा कि जब चुनाव परिणाम आएंगे, तब सबको एहसास होगा कि AIMIM ने सही मायने में कोशिश की थी.

इजरायली पीएम पर ओवैसी का हमला, बोले- नेतन्याहू इंसानियत के नाम पर कलंक

हैदराबाद  हैदराबाद से सांसद और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर शनिवार को जमकर भड़ास निकाली। उन्होंने इजरायली पीएम को दुनिया का सबसे बड़ा गुंडा करार देते हुए कहा कि उन्हें अल्लाह देख लेगा। ओवैसी ने पीएम मोदी द्वारा इजरायल-गाजा शांति समझौते पर किए गए पोस्ट का जिक्र करते हुए नेतन्याहू पर निशाना साधा। ओवैसी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा, ''आज पीएम मोदी ने डोनाल्ड ट्रंप को बधाई दी और नेतन्याहू की लीडरशिप की तारीफ की। नेतन्याहू दुनिया का सबसे बड़ा गुंडा है, जिसने 65 हजार लोगों को मार दिया, 20 हजार बच्चे हैं। 12 लाख लोग बेघर हो गए और पीएम उसकी लीडरशिप की तारीफ कर रहे हैं। आखिर क्यों उसकी तारीफ कर रहे हैं? आप तो भारत के प्रधानमंत्री हैं। हम इस बात की निंदा करते हैं जो पीएम मोदी ने नेतन्याहू की लीडरशिप की तारीफ की। अल्लाह देख लेगा नेतन्याहू को इंशाअल्लाह।'' एआईएमआईएम प्रमुख ने आगे कहा, ''पीएम उसकी तारीफ कर रहे हैं, कहीं न कहीं ऊपर जाकर कोई तार मिलता है। ऐसे आदमी (नेतन्याहू) के खिलाफ इंटरनेशनल कोर्ट ने वॉरेंट जारी किया। हिंदुत्व के लोग बोलेंगे ओवैसी क्या बोल रहा। अरे सुनो, कुलभूषण जो पाकिस्तान की जेल गए, उसे सजा-ए-मौत देना चाहते थे तो भारत इंटरनेशनल कोर्ट गया और उसकी सजा रुकवाई।'' ओवैसी ने पीएम मोदी के जिस पोस्ट का जिक्र किया, उसमें प्रधानमंत्री ने लिखा था कि राष्ट्रपति ट्रंप की गाजा शांति योजना के तहत हुई प्रगति पर बधाई देने के लिए अपने मित्र, प्रधानमंत्री नेतन्याहू को फोन किया। हम बंधकों की रिहाई और गाजा के लोगों को मानवीय सहायता बढ़ाने पर हुए समझौते का स्वागत करते हैं। इस बात पर जोर दिया कि दुनिया में कहीं भी किसी भी रूप या स्वरूप में आतंकवाद अस्वीकार्य है। इसके अलावा, पीएम मोदी ने ट्रंप को लेकर भी एक्स पर पोस्ट किया था। उन्होंने लिखा था, ''मैंने अपने मित्र राष्ट्रपति ट्रंप से बात की और ऐतिहासिक गाजा शांति योजना की सफलता पर उन्हें बधाई दी। साथ ही व्यापार वार्ता में हुई अच्छी प्रगति की भी समीक्षा की। आने वाले हफ्तों में निकट संपर्क में रहने पर सहमति बनी।"  

महुआ में ओवैसी बोले – बिहार की सरकार है जुल्मी और अन्यायपूर्ण

वैशाली एआईएमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने वैशाली जिले के महुआ विधानसभा क्षेत्र में आयोजित जनसभा में बिहार की सियासी पार्टियों पर तीखा हमला किया और राज्य में दलित‑पिछड़ों के साथ होने वाले कथित अन्याय पर चिंता जताई। ओवैसी ने कहा कि बिहार में दलितों और वंचितों से इंसाफ छीना नहीं जा सकता और राज्य में चल रहे “आरएसएस एजेंडा” को विफल किया जाना चाहिए। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या तेजस्वी यादव ओवैसी को रोकना चाहते हैं या बीजेपी को सफल बनाना चाहते हैं—यह निर्णय महुआ विधानसभा क्षेत्र की जनता को खुद लेना होगा। जनसभा में उन्होंने महुआ थाने से जुड़े एक विवादस्पद मामले का भी ज़िक्र किया। ओवैसी ने कहा कि 5 सितंबर को थाने में बंद एक कैदी (पहचान: नाजिर/नासिर साह) को राजापाकर थाने की पुलिस ने कथित रूप से बेवजह उठाकर ले जाया और मारपीट की गई। उनके अनुसार कैदी तीन दिन बाद शव के रूप में वापस आया। ओवैसी ने इस घटना को बिहार में शासकीय दोहरे मानकों का उदाहरण बताते हुए कड़ी प्रतिक्रिया की मांग की। उन्होंने कहा कि यदि मृतक का नाम नाजिर/नासिर साह था तो भी उसे न्याय और सुरक्षा मिलनी चाहिए थी, लेकिन सरकार और प्रशासन की नाकाफी प्रतिक्रिया इस बात का सबूत है कि सिस्टम कमजोर है। ओवैसी ने पूछा कि पुलिस ने कैसे किसी व्यक्ति को तीन दिन तक थाने में रखकर उसका जीवन प्रभावित होने दिया और इसे किसने सही ठहराया। ओवैसी ने मुख्यमंत्री और डीजीपी से इस मामले पर त्वरित कार्रवाई की मांग भी की। उन्होंने कहा कि कम से कम एसडीएम के नेतृत्व में एक स्वतंत्र जांच टीम गठित करके जिम्मेदारों की पहचान कर तत्काल सजा दी जानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि यदि यहाँ न्याय नहीं मिलता तो जनता को अपने वोट के जरिए अपनी आवाज़ उठानी पड़ेगी। सभा में ओवैसी ने जनता से अपील की कि वे पुलिस‑प्रशासन और राजनीतिक नेतृत्व से जवाबदेही मांगें और अपने अधिकारों के लिए संगठित रहें। उन्होंने यह भी जोड़ा कि अगर अधिकारी न्याय नहीं कर सकेंगे तो अल्लाह ही न्याय देगा—फिर भी कानूनी और प्रशासनिक कार्रवाई आवश्यक है।