samacharsecretary.com

मोदी बोले- अस्थिर हालात में भारत और चीन का साथ आना बड़ी बात

नई दिल्ली  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने बहुप्रतीक्षित चीन दौरे से पहले भारत और चीन के संबंधों पर बातचीत की है। प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को जापानी अखबार द योमिउरी शिंबुन को दिए एक इंटरव्यू में कहा है कि उनकी यह यात्रा चीन के साथ स्थिर द्विपक्षीय संबंधों का प्रतीक है। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा है कि इंडो पैसिफिक रीजन में शांति बनाए रखने और वैश्विक अस्थिरता के बीच चीन के साथ स्थिर और मजबूत संबंध बेहद जरूरी हैं। प्रधानमंत्री ने चीन की यात्रा और चीन के साथ संबंधों पर पूछे गए एक लिखित सवाल के जवाब में कहा, "राष्ट्रपति शी जिनपिंग के निमंत्रण पर मैं शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए यहां से तियानजिन जाऊंगा। पिछले साल कजान में राष्ट्रपति शी के साथ मेरी मुलाकात के बाद से हमारे द्विपक्षीय संबंधों में स्थिर और सकारात्मक प्रगति हुई है।" पीएम मोदी ने आगे कहा कि विश्व के दो सबसे बड़े देशों के बीच इस साझेदारी से पूरे क्षेत्र की समृद्धि पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा, “दुनिया के दो सबसे बड़े राष्ट्रों के रूप में भारत और चीन के बीच स्थिर और सौहार्दपूर्ण द्विपक्षीय संबंध क्षेत्रीय और वैश्विक शांति और समृद्धि पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।” प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा, “वैश्विक अर्थव्यवस्था में वर्तमान अस्थिरता को देखते हुए, दो प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के रूप में भारत और चीन वैश्विक आर्थिक व्यवस्था में स्थिरता लाने के लिए मिलकर काम कर सकते हैं। भारत आपसी सम्मान, हित और संवेदनशीलता के आधार पर रणनीतिक और दीर्घकालिक दृष्टिकोण से द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने और चुनौतियों का समाधान करने के लिए बातचीत को बढ़ाने के लिए तैयार है।” गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को दिल्ली से जापान की दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर रवाना हुए। जापान दौरे के बाद प्रधानमंत्री तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन के लिए चीन जाएंगे। इस दौरान पीएम मोदी चीनी प्रधानमंत्री शी जिनपिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठकों में भी हिस्सा लेंगे।  

‘पधारो म्हारे देश’ की धुन पर जापान में पीएम मोदी का अभिनंदन, देखें वीडियो

टोक्यो  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जापान की दो दिवसीय यात्रा पर शुक्रवार को तोक्यो पहुंचे हैं। एयरपोर्ट पर उनका भव्य स्वागत किया गया। राजस्थानी वेशभूषा में मौजूद जापान की महिलाओं ने हाथ जोड़कर उनका अभिवादन किया। उन्होंने 'पधारो मारे देश' बोलकर वेलकम करने के बाद राजस्थानी गीत भी सुनाया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह जापान यात्रा अमेरिका से टैरिफ वॉर के बीच बेहद अहम मानी जा रही है। विदेश मंत्रालय ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जापान के तोक्यो पहुंच गए हैं। प्रधानमंत्री भारत-जापान साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा के साथ शाम को व्यापक चर्चा करेंगे।’अपने प्रस्थान वक्तव्य में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उनकी जापान यात्रा दोनों देशों के बीच सभ्यतागत संबंधों और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने का एक अवसर प्रदान करेगी। शिगेरू इशिबा से मिलेंगे PM मोदी पीएम मोदी 29-30 अगस्त को जापान यात्रा के दौरान जापान के प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा के साथ वार्षिक शिखर वार्ता करेंगे। पीएम मोदी की जापान और चीन की यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्यापार और शुल्क नीतियों के कारण भारत-अमेरिका संबंधों में तनाव पैदा हो गया है। चार दिवसीय यात्रा पर रवाना होने से पहले पीएम मोदी ने कहा, "मुझे विश्वास है कि जापान और चीन की मेरी यात्राएं हमारे राष्ट्रीय हितों और प्राथमिकताओं को आगे बढ़ाएंगी तथा क्षेत्रीय और वैश्विक शांति, सुरक्षा और सतत विकास को आगे बढ़ाने में सार्थक सहयोग के निर्माण में योगदान देंगी।" पीएम मोदी ने जापान यात्रा पर कहा, ‘‘हम अपनी विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी के अगले चरण को आकार देने पर ध्यान केंद्रित करेंगे। दोनों देशों के बीच साझेदारी ने पिछले 11 वर्षों में लगातार और महत्वपूर्ण प्रगति की है।’’ दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा भारत', बोले पीएम मोदी प्रधानमंत्री मोदी ने टोक्यो में इंडिया-जापान इकोनॉमिक फोरम में कहा, 'आज भारत में राजनीतिक स्थिरता है, आर्थिक स्थिरता है, नीतियों में पारदर्शिता है और फैसलों में पूर्वानुमान की क्षमता है. आज भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई बड़ी अर्थव्यवस्था है और बहुत जल्द भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है.' 'भारत में पूंजी सिर्फ बढ़ती ही नहीं, बल्कि कई गुना हो जाती है', बोले पीएम मोदी टोक्यो में पीएम मोदी ने कहा कि भारत निवेश के लिए सबसे प्रॉमिसिंग डेस्टिनेशन है. 80 प्रतिशत कंपनियां भारत में विस्तार करना चाहती हैं और 75 प्रतिशत पहले से मुनाफे में हैं. इसका मतलब है कि भारत में पूंजी सिर्फ बढ़ती ही नहीं है बल्कि कई गुना हो जाती है. 'हर क्षेत्र में भारत-जापान की पार्टनरशिप भरोसे का प्रतीक', इकोनॉमिक फोरम में बोले पीएम मोदी टोक्यो में भारत-जापान इकोनॉमिक फोरम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'भारत की विकास यात्रा में जापान हमेशा एक अहम पार्टनर रहा है. मेट्रो से मैन्युफैक्चरिंग तक, सेमीकंडक्टर से स्टार्टअप तक हमारी पार्टनरशिप आपसी विश्वास का प्रतीक बनी है और जापानी कंपनियों ने भारत में 40 अरब डॉलर से अधिक का निवेश किया है.' टोक्यो में भारतीय समुदाय से मिले PM मोदी, शेयर की तस्वीरें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि टोक्यो में भारतीय समुदाय की गर्मजोशी और स्नेह से वह बेहद अभिभूत हुए. उन्होंने सराहना की कि कैसे भारतीय लोग जापान में रहते हुए समाज में अहम योगदान दे रहे हैं और साथ ही अपनी सांस्कृतिक जड़ों को संजोए हुए हैं. पीएम मोदी ने आगे बताया कि कुछ ही घंटों में वह जापान के बिजनेस लीडर्स के साथ मुलाकात करेंगे, जहां भारत-जापान के व्यापार और निवेश संबंधों को और मजबूत बनाने पर चर्चा होगी. जानें क्यों अहम है PM मोदी का जापान दौरा जापान पीएम मोदी के दौरे के दौरान भारत में अगले दस साल के लिए 10 ट्रिलियन येन (लगभग दोगुना) निजी निवेश की घोषणा कर सकता है. यह 2022 में तय किए गए 5 ट्रिलियन येन के लक्ष्य से कहीं बड़ा कदम होगा. जापान, मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत का बड़ा समर्थक है और मारुति सुजुकी अब भारत से इलेक्ट्रिक वाहनों का निर्यात भी शुरू कर रही है. अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन जैसी बड़ी परियोजना दोनों देशों की साझेदारी का उदाहरण है. इसके अलावा, भारत और जापान सेमीकंडक्टर, दुर्लभ खनिज और स्वच्छ ऊर्जा आपूर्ति को लेकर एक नया आर्थिक सुरक्षा ढांचा तैयार करने पर सहमत हो सकते हैं, जिससे भारत की चीन पर निर्भरता कम होगी. गायत्री मंत्र, राजस्थानी पोशाक… जापान के लोगों ने कुछ इस तरह किया पीएम मोदी का वेलकम भारतीय प्रवासी समुदाय ने प्रधानमंत्री मोदी का जापान पहुंचने पर गर्मजोशी से स्वागत किया. जापानी समुदाय के लोगों ने पीएम मोदी का स्वागत गायत्री मंत्र और अन्य मंत्रों का पाठ करके किया. राजस्थानी पोशाक पहने जापानी लोगों ने प्रधानमंत्री के स्वागत में राजस्थानी लोकगीत गाए. टोक्यो के हानेडा एयरपोर्ट पर पीएम मोदी का स्वागत पीएम मोदी ने एक्स पर टोक्यो के हानेडा एयरपोर्ट की तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा कि भारत और जापान अपने विकासात्मक सहयोग को लगातार मजबूत कर रहे हैं और इस यात्रा के दौरान वह प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा समेत अन्य नेताओं से मुलाकात करने को उत्सुक हैं. मोदी ने उम्मीद जताई कि यह दौरा दोनों देशों के बीच मौजूदा साझेदारी को और गहरा करेगा और सहयोग के नए अवसर खोलेगा. मोदी 29-30 अगस्त को जापान यात्रा के दौरान जापान के प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा के साथ वार्षिक शिखर वार्ता करेंगे। प्रधानमंत्री ने जापान यात्रा पर कहा, ‘हम अपनी विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी के अगले चरण को आकार देने पर ध्यान केंद्रित करेंगे। दोनों देशों के बीच साझेदारी ने पिछले 11 वर्षों में लगातार और महत्वपूर्ण प्रगति की है।’ उन्होंने कहा, ‘हम अपने सहयोग को नयी उड़ान देने, आर्थिक व निवेश संबंधों के दायरे एवं महत्वाकांक्षाओं का विस्तार करने, कृत्रिम मेधा (एआई) व सेमीकंडक्टर सहित नयी और उभरती प्रौद्योगिकियों में सहयोग को आगे बढ़ाने का प्रयास करेंगे।’ जापान से मोदी 31 अगस्त से दो दिवसीय यात्रा पर चीन के शहर तियानजिन जाएंगे। रविवार को प्रधानमंत्री चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ वार्ता करेंगे, जिसमें पूर्वी लद्दाख सीमा विवाद के बाद द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य बनाने के लिए आगे के कदमों पर ध्यान केंद्रित करने की संभावना है। पीएम मोदी एससीओ सम्मेलन से इतर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी … Read more

अगर भारत ने माना PM मोदी का संदेश, तो हिल जाएंगी 30 अमेरिकी कंपनियां

नई दिल्ली अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर एकतरफा 50 फीसदी टैरिफ थोप दिया है. भारत ने इसे अनुचित करार दिया है. अमेरिका के इस कदम का अब भारत में विरोध हो रहा है. क्योंकि अमेरिका का सबसे बड़ा कारोबारी दुश्मन चीन है, जिसपर अमेरिका ने अधिकतम 34% टैरिफ लगाया है, जबकि भारत पर जबरन 50% टैरिफ लगा दिया गया है, जो कि सरासर गलत है.  इस बीच अब स्वदेशी अपनाने पर जोर दिया जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी देशवासियों से अपील की है कि विदेशी ब्रांड के मुकाबले देसी प्रोडक्ट्स खरीदें, जिससे भारत पूर्ण रूप से आत्मनिर्भर बनेगा. अगर देश की 140 करोड़ जनता ने चाह लिया तो कुछ भी संभव है, केवल एक आदमी के स्वदेशी अपनाने से अमेरिका जैसी ताकत को कोई असर नहीं होगा. लेकिन अगर हर किसी ने आज से अमेरिकी प्रोडक्ट्स का बहिष्कार शुरू कर दिया, तो कुछ ही दिन में डोनाल्ड ट्रंप भी रास्ते पर आ जाएंगे. क्योंकि इससे भारत में मौजूद अमेरिका कंपनियों पर आर्थिक चोट पहुंचेगी और इसका नुकसान अमेरिका को उठाना पड़ेगा. लेकिन ये सब तब संभव होगा, जब हर भारतीय स्वदेशी अपनाएगा.   हर भारतीय को करना होगा फैसला लेकिन अब सवाल उठता है कि भारतीय उपभोक्ता और उद्योग जगत कैसे अमेरिका का विरोध करें? क्योंकि केवल भावनात्मक प्रतिक्रिया देने के बजाय रणनीतिक कदम उठाना जरूरी है. दरअसल, आज की तारीख में सैकड़ों अमेरिकी कंपनियां भारत में मौजूद हैं. हर घर में अमेरिका प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल हो रहा है, रसोई से लेकर बर्गर-पिज्जा, चिप्स, मैगी, कपड़े, जूते, घड़ी और शराब की बड़ी से बड़ी कंपनियां भारतीय बाजार में मौजूद हैं. आप जब इन कंपनियों को इग्नोर करेंगे, तो आर्थिक चोट अमेरिका को पहुंचेगी.  इसके लिए सबसे पहले हर भारतीय अमेरिकी ब्रांड्स के बजाय भारतीय प्रोडक्ट्स खरीदे. देश के डिस्ट्रिब्यूटर्स और रिटेलर्स अमेरिकी प्रोडक्ट्स की बिक्री कम करके दूसरी कंपनियों को प्राथमिकता दें. साथ ही अमेरिकी आयात पर निर्भरता को घटाना होगा, इसके लिए स्वदेशी और दूसरे देशों के सस्ते प्रोडक्ट्स को अपनाएं. भारत काउंटर टैरिफ के तौर पर अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर ज्यादा टैरिफ लगाने जैसे कदम उठा सकता है. अगर भारत ने लिया बदला… मौजूदा समय में देखें तो हर सेक्टर में अमेरिकी कंपनियों की मौजूदगी है, अगर भारत ने बदला लेना शुरू किया तो अमेरिका को तगड़ा झटका लगेगा. आज हम आपको 30 अमेरिकी कंपनियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनका भारत में बड़ा कारोबार है. अगर भारत ने इन कंपनियों को आर्थिक चोट पहुंचाई तो सीधा दर्द अमेरिकी इकोनॉमी को होगा.  अमेरिका की 30 प्रमुख कंपनियों की लिस्ट (अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स इंडिया की रिपोर्ट)-  1. Amazon India: ये अमेरिकी कंपनी ई-कॉमर्स सेंगमेट में सबसे बड़ी प्लेयर है, यह कंपनी भारत में 97% पिनकोड तक पहुंचती है. यानी करीब-करीब हर घर तक अमेजन की पहुंच है, लेकिन इस कंपनी को जो मुनाफा होता है, वो अमेरिका तक पहुंचता है. अगर आपने इस कंपनी का विरोध किया तो सीधा असर अमेरिका को होगा.  2. Apple Inc: आज की तारीख में भारत iphone के लिए बड़ा बाजार है. लेकिन आईफोन को बनाने वाली कंपनी अमेरिकी है. यह कंपनी भारत में बड़े पैमाने पर आईफोन का प्रोडक्शन और बिक्री करती है. अगर इस कंपनी को भारत में दिक्कत हुई तो उसका असर अमेरिका तक दिखेगा. ये कंपनियां भारत में बड़ा कारोबार करके अमेरिकी इकोनॉमी में भी योगदान दे रही हैं.  3. Google (Alphabet Inc.): ये अमेरिकी कंपनी सर्च इंजन, विज्ञापन, एंड्रॉइड और क्लाउड सेवाएं देती हैं, हर कोई गूगल के बारे में जानता है और इसका उपयोग करता है. भारत में गूगल का बड़ा डेटा सेंटर है. कंपनी का भारत बड़ा कारोबार है, लेकिन ट्रंप को लगता है कि अमेरिकी कंपनियों को भारत में कारोबार करने से रोकी जाती हैं.  4. Microsoft: सॉफ्टवेयर, क्लाउड (Azure) और आईटी सर्विस में इस कंपनी का भारत में कारोबार फैला हुआ है. हर कंप्यूटर और लैपटॉप में Microsoft का साफ्टवेयर होता है. ये जो कंपनियां भारत में कमाई करती हैं, उसका कुछ हिस्सा अमेरिका भी ट्रांसफर होता है. यानी अगर भारत में इन कंपनियों के लिए मुश्किलें हुईं तो अमेरिका को भी आर्थिक तौर पर नुकसान होगा.  5. X and Meta: आप दिनभर जिस सोशल मीडिया फेसबुक और ट्विटर यानी X पर समय बिताते हैं, वो भी अमेरिकी कंपनियों के द्वारा ही संचालित की जाती हैं.   Fast-Moving Consumer Goods (FMCG) सेगमेंट में अमेरिका की कई प्रमुख कंपनियां भारत में सक्रिय हैं, जो उपभोक्ता उत्पादों जैसे खाद्य, पेय, व्यक्तिगत देखभाल, और घरेलू उत्पादों में कारोबार करती हैं. बाजार पर प्रभाव की बात करें, तो देश में जंक फूड बाजार $30 बिलियन का है, जिसमें अमेरिकी कंपनियां जैसे PepsiCo, Coca-Cola, और McDonald’s प्रमुख खिलाड़ी हैं.  6. Coca-Cola India: कोका कोला भारत में पेय पदार्थों की अग्रणी कंपनी है, जो कार्बोनेटेड ड्रिंक्स (कोक, थम्स अप, स्प्राइट), जूस (माज़ा), और बोतलबंद पानी (किनले) जैसे प्रोडक्ट्स बेचती हैं. कंपनी 1960 के दशक से भारत में मौजूद है.  7. PepsiCo India: पेप्सी, 7अप, मिरिंडा, कुरकुरे, और लेज जैसे लोकप्रिय ब्रांड्स PepsiCo भी अमेरिकी कंपनी है. भारत में पेय और स्नैक्स के क्षेत्र में अग्रणी है, जो . कंपनी 1989 से भारत में सक्रिय है और ग्रामीण क्षेत्रों में जल संरक्षण जैसे सामाजिक पहलों में निवेश करती है.  8. Procter & Gamble Hygiene and Health Care Ltd (P&G India): व्हिस्पर (सैनिटरी पैड), टाइड (डिटर्जेंट) और विक्स जो आप इस्तेमाल करते हैं, वो अमेरिकी कंपनी P&G बनाती है, यह कंपनी 1964 से भारत में सक्रिय है.  9. Colgate-Palmolive (India) Ltd: कोलगेट घर-घर में मशहूर है, लेकिन कंपनी अमेरिकी है, कोलगेट के टूथपेस्ट और टूथब्रश खूब बिकती हैं और हर घर में आम है.  10. Johnson & Johnson Pvt. Ltd: Johnson & Johnson के प्रोडक्टस् भारत में साबून, पाउडर और सैंपू मौजूद हैं. जॉनसन बेबी प्रोडक्ट्स की खूब डिमांड है, इस कंपनी की साल 1886 से ही भारत में मौजूदगी है.  11. Nestlé India Limited: मैगी, नेस्कैफे, किटकैट, मिल्कमेड बनाने और बेचने वाली कंपनी Nestlé अमेरिकी है. मैगी नूडल्स और किटकैट चॉकलेट्स बेहद लोकप्रिय हैं. 1959 से भारत में सक्रिय, कंपनी ने हाल ही में बिना रिफाइंड शुगर वाले सेरेलैक जैसे नए उत्पाद भी लॉन्च किए हैं. 12. Kimberly-Clark Lever Pvt Ltd: आप जो बच्चों के लिए … Read more

ट्रंप के दबाव के बावजूद PM मोदी ने ठोकी मुट्ठी, आत्मनिर्भर भारत की ताकत दिखाई

नई दिल्ली अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से भारतीय उत्पादों पर लगाए गए 50 प्रतिशत के भारी टैरिफ के बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय हित को सर्वोपरि बताते हुए चट्टान की तरह दृढ़ रुख अपनाया है. 27 अगस्त से प्रभावी इन टैरिफ में 25 प्रतिशत पहले से लागू था, जबकि अतिरिक्त 25 प्रतिशत रूस से तेल आयात के लिए दंड के रूप में लगाया गया है. भारत ने इसे ‘अनुचित, अनुचित और अनुचित’ बताते हुए इसकी कड़ी निंदा की है. विशेषज्ञों के अनुसार 2024-25 में भारत का अमेरिका को निर्यात 86.5 अरब डॉलर था जो जीडीपी का मात्र दो प्रतिशत है लेकिन टेक्सटाइल, रत्न-आभूषण, चमड़ा और सीफूड जैसे श्रम आधारित क्षेत्रों पर इसका गहरा असर पड़ेगा. बावजूद इसके पीएम मोदी की सरकार इसे अवसर में बदलने की रणनीति पर काम कर रही है, जहां स्वदेशी और आत्मनिर्भरता को दीर्घकालिक समाधान के रूप में देखा जा रहा है. मोदी ने हाल ही में एक कार्यक्रम में कहा था- कठिनाइयों के समय राष्ट्रीय हित को प्राथमिकता दें. दुनिया में आर्थिक स्वार्थ बढ़ रहा है. हर कोई अपने एजेंडे में व्यस्त है. उन्होंने किसानों और कृषि क्षेत्र की रक्षा के लिए कोई भी कीमत चुकाने की भी बात कही. देश के जीडीपी में किसानों और कृषि क्षेत्र का योगदान 18 प्रतिशत है. विदेश मंत्रालय का रुख विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि भारत की ऊर्जा खरीद बाजार की उपलब्धता और वैश्विक स्थिति से निर्देशित है जो 1.4 अरब भारतीयों की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करती है. 2024-25 में भारत का रूस से तेल आयात 8.8 करोड़ मीट्रिक टन रहा, जो कुल आयात का 36 प्रतिशत है. टैरिफ से भारत का अमेरिकी निर्यात 40-55 प्रतिशत गिर सकता है, जिससे जीडीपी वृद्धि छह प्रतिशत से नीचे आ सकती है. लेकिन सरकार का मानना है कि मजबूत मैक्रो फंडामेंटल्स और 7-8 प्रतिशत की विकास दर के साथ भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर बढ़ता रहेगा. क्या पीएम मोदी है नाराज? इस बीच, एक जर्मन अखबार फ्रैंकफर्टर ऑलगेमाइन जितुंग (FAZ) की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ट्रंप ने हाल के हफ्तों में मोदी को चार बार फोन किया, लेकिन प्रधानमंत्री ने कॉल नहीं उठाया. रिपोर्ट के अनुसार यह मोदी की नाराजगी और सावधानी को दर्शाता है. ट्रंप ने भारत को मृत अर्थव्यवस्था कहा था, जो मोदी को अपमानजनक लगा. FAZ ने कहा कि ट्रंप की सामान्य रणनीति- शिकायत, धमकी और दबाव रही है. लेकिन पीएम मोदी के सामने यह इस बार विफल हो रही है. अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल की दिल्ली यात्रा भी रद्द हो गई है. रिपोर्ट में विशेषज्ञ मार्क फ्रेजियर ने कहा कि अमेरिका का इंडो-पैसिफिक गठबंधन ढह रहा है. इस गठबंधन में भारत अहम भूमिका निभाता था. भारत अब चीन के साथ संबंध सुधार रहा है. पीएम मोदी चीन के तियानजिन में होने जा रहे SCO शिखर सम्मेलन में शामिल होने जा रहे हैं. उनकी यह चीन यात्रा सात साल बाद हो रही है. वहां वे चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अन्य नेताओं से मिलेंगे. यह ट्रिपल एक्सिस अमेरिका को चेकमेट करने की क्षमता रखता है. संघ का मिला साथ इधर, RSS प्रमुख मोहन भागवत ने भी मोदी के स्वदेशी और आत्मनिर्भर भारत के विचार का समर्थन किया है. बुधवार को RSS के शताब्दी समारोह के दौरान भागवत ने कहा- आत्मनिर्भरता सभी समस्याओं का समाधान है. अंतरराष्ट्रीय व्यापार दबाव में नहीं, बल्कि स्वेच्छा से होना चाहिए. उन्होंने लोगों से स्वदेशी उत्पाद खरीदने और दबाव में झुकने से बचने का आह्वान किया. भागवत का यह बयान डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ के ठीक बाद आया, जो मोदी और RSS के एकमत होने का संकेत देता है. RSS ने हमेशा से स्वदेशी को बढ़ावा दिया है और अब यह रणनीति अमेरिकी दबाव के खिलाफ हथियार बन रही है.भारत अमेरिका के साथ संवाद के द्वार खुले रखे हुए है, लेकिन रिश्तों को डायवर्सिफाई करने पर जोर दे रहा है. यूके के साथ सफल ट्रेड डील के बाद पीएम मोदी की टीम यूरोपीय संघ के साथ समझौते पर काम कर रही है. भारत ने इलेक्ट्रिक वेहिकल निर्यात 100 देशों में शुरू किया है, जो उसकी प्रतिस्पर्धात्मकता दर्शाता है. सरकार निर्यातकों के लिए ब्याज सब्सिडी और ऋण गारंटी जैसे राहत पैकेज पर विचार कर रही है. अमेरिकी नीति के लिए सेल्फ गोल विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम अमेरिकी नीति के लिए सेल्फ गोल है, क्योंकि भारत, चीन के खिलाफ महत्वपूर्ण साझेदार है. लेकिन ट्रंप प्रशासन रूस पर दबाव बनाने के लिए भारत को निशाना बना रहा है. डोनाल्ड ट्रंप की दोहरी नीति पर भारत ने पर्दाफाश किया है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि चीन रूसी तेल का सबसे बड़ा खरीदार है, यूरोपीय संघ रूस से एलएनजी खरीदता है, फिर भी उन्हें सजा नहीं मिली. जयशंकर ने खुलासा किया कि अमेरिका ने खुद भारत को रूसी तेल खरीदने को कहा था ताकि वैश्विक तेज बाजार को स्थिर रखा जा सके. यह विवाद अमेरिका-भारत संबंधों को नुकसान पहुंचा रहा है. द्विपक्षीय व्यापार 131.8 अरब डॉलर था, लेकिन 50 प्रतिशत टैरिफ से लाखों नौकरियां खतरे में हैं. भारत ने रूसी तेल आयात बंद करने से इनकार कर दिया है, क्योंकि इससे ईंधन कीमतें 9-12 अरब प्रति डॉलर तक बढ़ सकती हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि यदि भारत रूस से तेल खरीदना बंद करता है, तो वैश्विक कच्चे तेल की कीमतें 200 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकती हैं.  

स्ट्रीट वेंडर्स को राहत, पीएम स्वनिधि योजना 31 मार्च 2030 तक बढ़ी

नई दिल्ली  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) योजना के पुनर्गठन और विस्तार को 31 मार्च, 2030 तक मंजूरी दे दी। इस योजना के लिए कुल 7,332 करोड़ रुपए का प्रावधान है। कैबिनेट की एक रिलीज में कहा गया है कि इस पुनर्गठित योजना का लक्ष्य 50 लाख नए लाभार्थियों सहित 1.15 करोड़ लाभार्थियों को लाभ पहुंचाना है। आवास एवं शहरी मंत्रालय और वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) पर संयुक्त रूप से इस योजना के कार्यान्वयन की जिम्मेदारी रहेगी। इसमें डीएफएस की भूमिका, बैंकों/वित्तीय संस्थानों और उनके जमीनी स्तर के अधिकारियों के माध्यम से ऋण/क्रेडिट कार्ड तक पहुंच को सुविधाजनक बनाने की रहेगी। बयान में कहा गया है कि पुनर्गठित योजना की प्रमुख विशेषताओं में पहली और दूसरी किस्तों में बढ़ी हुई ऋण राशि, दूसरा ऋण चुकाने वाले लाभार्थियों के लिए यूपीआई-लिंक्ड रुपे क्रेडिट कार्ड का प्रावधान और खुदरा व थोक लेनदेन के लिए डिजिटल कैशबैक प्रोत्साहन शामिल हैं। इस योजना का दायरा चरणबद्ध तरीके से जनगणना कस्बों व अर्ध-शहरी क्षेत्रों आदि बढ़ाया जा रहा है। इस बढ़ी हुई ऋण संरचना में पहली किस्त के ऋण को 10,000 रुपए से बढ़ाकर 15,000 रुपए और दूसरी किस्त के ऋण को 20,000 रुपए से बढ़ाकर 25,000 रुपए तक कर दिया गया है, जबकि तीसरी किस्त 50,000 रुपए पर अपरिवर्तित रहेगी। यूपीआई-लिंक्ड रुपे क्रेडिट कार्ड की शुरुआत से रेहड़ी-पटरी वालों को किसी भी आकस्मिक व्यावसायिक और व्यक्तिगत आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तत्काल ऋण उपलब्ध होगा। इसके अलावा, डिजिटल अपनाने को बढ़ावा देने के लिए, रेहड़ी-पटरी वाले खुदरा और थोक लेनदेन पर 1,600 रुपए तक के कैशबैक प्रोत्साहन का लाभ उठा सकते हैं। यह योजना उद्यमिता, वित्तीय साक्षरता, डिजिटल स्किल और कनवर्जेंस के माध्यम से मार्केटिंग पर ध्यान केंद्रित करते हुए रेहड़ी-पटरी वालों की क्षमता निर्माण पर भी केंद्रित है। एफएसएसएआई के साथ साझेदारी में, रेहड़ी-पटरी वालों के लिए मानक स्वच्छता और खाद्य सुरक्षा प्रशिक्षण आयोजित किया जाएगा। रेहड़ी-पटरी वालों और उनके परिवारों के समग्र कल्याण और विकास को सुनिश्चित करने के लिए, मासिक लोक कल्याण मेलों के माध्यम से 'स्वनिधि से समृद्धि' घटक को मजबूत किया जाएगा। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत लाभ लाभार्थियों और उनके परिवारों तक पूर्ण रूप से पहुंचे। सरकार ने कोरोना महामारी के दौरान कठिनाइयों का सामना करने वाले रेहड़ी-पटरी वालों का समर्थन करने के लिए 1 जून, 2020 को पीएम स्वनिधि योजना शुरू की थी। हालांकि, इस योजना की शुरुआत से ही, यह रेहड़ी-पटरी वालों के लिए वित्तीय सहायता से कहीं अधिक साबित हुई है। प्रसिद्ध प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना ने पहले ही महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल कर ली हैं। 30 जुलाई, 2025 तक, 68 लाख से अधिक रेहड़ी-पटरी वालों को 13,797 करोड़ रुपए के 96 लाख से अधिक ऋण वितरित किए जा चुके हैं। लगभग 47 लाख डिजिटल रूप से सक्रिय लाभार्थियों ने 6.09 लाख करोड़ रुपए के 557 करोड़ से अधिक डिजिटल लेनदेन किए हैं, जिससे उन्हें कुल 241 करोड़ रुपए का कैशबैक प्राप्त हुआ है। 'स्वनिधि से समृद्धि' पहल के तहत, 3,564 शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) के 46 लाख लाभार्थियों का प्रोफाइल तैयार किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप 1.38 करोड़ से अधिक योजनाओं को मंजूरी दी गई है। बयान में कहा गया है कि इस योजना के विस्तार में व्यवसाय विस्तार और सस्टेनेबल ग्रोथ के अवसरों को समर्थन देने के लिए वित्त का एक विश्वसनीय स्रोत प्रदान कर रेहड़ी-पटरी वालों के समग्र विकास की परिकल्पना की गई है। इससे न केवल रेहड़ी-पटरी वालों को सशक्त बनाया जाएगा, बल्कि समावेशी आर्थिक विकास, रेहड़ी-पटरी वालों और उनके परिवारों के सामाजिक-आर्थिक उत्थान को भी बढ़ावा मिलेगा, उनकी आजीविका में वृद्धि होगी और अंततः शहरी क्षेत्रों को एक जीवंत, आत्मनिर्भर इकोसिस्टम में बदला जा सकेगा।

भारत-जापान के बीच खास दोस्ताना रिश्ता, पीएम मोदी ने बताया ‘मेड फॉर ईच अदर’

अहमदाबाद  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को गुजरात में मारुति सुजुकी ई-विटारा इलेक्ट्रिक एसयूवी और हाइब्रिड बैटरी यूनिट का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने भारत और जापान के मजबूत संबंधों का जिक्र करते हुए कहा कि दोनों देशों के रिश्ते 'मेड फॉर ईच अदर' वाले हैं। भारत-जापान के बीच 'पीपल टू पीपल' कनेक्ट बढ़ा है। स्किल और ह्यूमन रिसोर्स से जुड़ी एक-दूसरे की जरूरतों को भी हम पूरा कर पा रहे हैं। आने वाले वर्षों में सभी प्रमुख क्षेत्रों में निरंतर प्रगति की आवश्यकता पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि आज के प्रयास 2047 तक एक विकसित भारत की नींव मजबूत करेंगे। उन्होंने यह विश्वास व्यक्त करते हुए समापन किया कि जापान इस लक्ष्य को प्राप्त करने में एक विश्वसनीय भागीदार बना रहेगा। प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि वह अगले हफ्ते जापान जाएंगे। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत और जापान के बीच संबंध सिर्फ कूटनीतिक संबंधों से कहीं आगे तक फैले हैं, यह संस्कृति और आपसी विश्वास पर आधारित है। दोनों देश एक-दूसरे के विकास में अपनी प्रगति देखते हैं। मारुति सुजुकी के साथ शुरू हुआ सफर अब बुलेट ट्रेन की गति तक पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि भारत-जापान साझेदारी की औद्योगिक क्षमता को साकार करने की प्रमुख पहल गुजरात में शुरू हुई थी। अतीत को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 20 साल पहले जब वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन शुरू हुआ था, तब जापान एक प्रमुख साझेदार था। उद्योग से जुड़े नियम और कानून जापानी भाषा में छपवाए गए, ताकि उन्हें समझना आसान हो। उन्होंने गोल्फ के प्रति जापानियों के लगाव की सराहना की और बताया कि उनके हितों को ध्यान में रखते हुए 7-8 नए गोल्फ कोर्स विकसित किए गए हैं। पीएम मोदी ने आगे बताया कि भारत के कॉलेज और विश्वविद्यालय अब जापानी भाषा की शिक्षा को प्राथमिकता दे रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, "भारत के निरंतर प्रयास भारत और जापान के लोगों के बीच आपसी संपर्क को मजबूत कर रहे हैं। दोनों देश अब कौशल विकास और मानव संसाधन के क्षेत्र में एक-दूसरे की जरूरतों को पूरा करने में सक्षम हैं।" उन्होंने मारुति सुजुकी जैसी कंपनियों से ऐसी पहलों में सक्रिय रूप से भाग लेने और युवा आदान-प्रदान कार्यक्रमों को बढ़ावा देने का आग्रह किया। ओसामु सुजुकी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत सरकार को उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित करने का गौरव प्राप्त हुआ था। उन्हें मारुति सुजुकी इंडिया के लिए ओसामु सुजुकी के विजन के व्यापक विस्तार को देखकर प्रसन्नता हो रही है। उन्होंने बताया कि सुजुकी जापान भारत में निर्माण कर रही है और यहां उत्पादित वाहनों का निर्यात जापान को किया जा रहा है। यह न सिर्फ भारत-जापान संबंधों की मजबूती को दर्शाता है, बल्कि वैश्विक कंपनियों के भारत में बढ़ते विश्वास को भी दर्शाता है। मारुति सुजुकी जैसी कंपनियां प्रभावी रूप से 'मेक इन इंडिया' की ब्रांड एंबेसडर बन गई हैं। यह उल्लेख करते हुए कि मारुति सुजुकी लगातार 4 वर्षों से भारत की सबसे बड़ी कार निर्यातक रही है, प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि आज से इलेक्ट्रिक वाहनों का निर्यात भी उसी पैमाने पर शुरू होगा। उन्होंने कहा कि दुनिया भर के दर्जनों देशों में चलने वाले इलेक्ट्रिक वाहनों पर गर्व से 'मेड इन इंडिया' का लेबल लगा होगा। पीएम मोदी ने जोर देकर कहा, "भारत के पास डेमोक्रेसी की मजबूती और डेमोग्राफी का लाभ है। भारत में कुशल कार्यबल का एक विशाल भंडार भी है, जो प्रत्येक भागीदार के लिए जीत की स्थिति पैदा करता है।" भारत की सफलता की कहानी के बीज 12-13 साल पहले बोए गए थे। यह याद करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 2012 में उनके मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान हंसलपुर में मारुति सुजुकी को जमीन आवंटित की गई थी। उन्होंने जोर देकर कहा कि उस समय भी, आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया का विजन था। उन्होंने कहा कि वे शुरुआती प्रयास अब देश के वर्तमान संकल्पों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से अपील करते हुए कहा कि आत्मनिर्भर भारत के अभियान को सभी मिलकर आगे बढ़ाएं और वोकल फॉर लोकल बनें। उन्होंने कहा कि स्वदेशी चीजें ही जीवन मंत्र बननी चाहिए। गर्व से स्वदेशी चीजों की तरफ चल पड़ो। उन्होंने कहा, "मेरी स्वदेशी की व्याख्या बहुत साधारण है। पैसा किसका लगता है, उससे मुझे कोई लेना-देना नहीं है। चाहे वह डॉलर हो, पाउंड हो या करेंसी काली हो या गोरी, इससे लेना-देना नहीं है, लेकिन जो प्रोडक्शन है, उसमें पसीना मेरे देशवासियों का होगा। जो प्रोडक्शन होगा, उसमें महक मेरे देश की मिट्टी की होगी। इस भाव के साथ मेरे साथ चलें और 2047 में ऐसा हिंदुस्तान बनाएं कि आने वाली पीढ़ियां आपके त्याग का गर्व करेंगी। आपके योगदान का गर्व करेंगी।" प्रधानमंत्री ने सबसे आखिरी में कहा, "आत्मनिर्भर भारत के मंत्र और स्वदेशी के मार्ग के लिए आज देशवासियों को न्योता देता हूं कि आइए, सभी चल पड़ें और 2047 तक विकसित भारत बनाकर रहेंगे। दुनिया की भलाई में भारत का योगदान बढ़ाते रहेंगे।"

केंद्र सरकार के फंड पर निशाना, पीएम मोदी ने ममता बनर्जी पर साधा वार

नई दिल्ली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पश्चिम बंगाल के दौरे पर गए हैं और इस दौरान उन्होंने जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने राज्य की टीएमसी (तृणमूल कांग्रेस) सरकार पर जमकर निशाना साधा। जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि बंगाल में विकास कार्यों के सामने एक बहुत बड़ी चुनौती है। चुनौती ये है कि बंगाल के लिए जो पैसा हम सीधे राज्य सरकार को भेजते हैं, उसमें से ज़्यादातर हिस्सा लूट लिया जाता है। वो पैसा TMC कैडर पर खर्च होता है, यही वजह है कि गरीब कल्याण की कई योजनाओं में बंगाल देश के दूसरे राज्यों से पीछे है। 'BJP ने हर प्रकार की मदद की' उन्होंने कहा, "बीते 11 वर्षों में केंद्र की BJP सरकार ने पश्चिम बंगाल के विकास के लिए लगातार हर प्रकार की मदद दी है। बंगाल में नेशनल हाईवे के निर्माण के लिए जितना पैसा कांग्रेस की UPA सरकार ने अपने 10 साल में दिया था। उससे 3 गुना से ज्यादा पैसा हमारी भारत सरकार ने बंगाल को दिया है।" पीएम मोदी ने कहा कि रेलवे के लिए भी बंगाल का बजट पहले की तुलना में तीन गुना बढ़ाया गया है। पश्चिम बंगाल आबादी के लिहाज से देश के सबसे बड़े राज्यों में से एक है। इसलिए जब तक पश्चिम बंगाल का सामर्थ्य नहीं बढ़ेगा, तब तक विकसित भारत की यात्रा सफल नहीं हो पाएगी। क्योंकि BJP मानती है कि जब बंगाल का उदय होगा, तभी विकसित भारत बनेगा। पीएम मोदी ने दुर्गा पूजा पर की बात उन्होंने कहा, "मैं ऐसे समय में कोलकाता आया हूं जब दुर्गा पूजा की तैयारियां शुरू हो गई है। कोलकाता नए रंग में नई रौनक के साथ सज रहा है। आस्था और आनंद के पर्व के साथ जब विकास का पर्व भी जुड़ जाता है तो खुशी दोगुनी हो जाती है। यहां से कुछ ही दूरी पर मुझे कोलकाता मेट्रो और हाइवे से जुड़े बड़े प्रोजेक्ट्स के शिलान्यास और लोकार्पण का अवसर मिला है।" पीएम ने कहा कि बीते 11 साल में यहां भारत सरकार द्वारा अनेक बड़े हाइवे प्रोजेक्ट पूरे किए गए हैं, बहुत सारे प्रोजेक्ट्स पर काम जारी है। जब 6 लेन का कोना एक्सप्रेस वे बनकर तैयार हो जाएगा, तो इससे पोर्ट की कनेक्टिविटी भी बेहतर होगी।ये कनेक्टिविटी कोलकाता और पश्चिम बंगाल के बेहतर भविष्य की नींव को मजबूत करेगी। 'सरकार ने जनता की मांग पूरी की' उन्होंने कहा, "भारत सरकार पश्चिम बंगाल के विकास के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। आज पश्चिम बंगाल देश के उन राज्यों में शामिल हो चुका है, जहां रेलवे का शत-प्रतिशत बिजलीकरण हो चुका है। लंबे समय से पुरुलिया से हावड़ा के बीच मेमू ट्रेन की मांग हो रही थी, भारत सरकार ने जनता की ये मांग भी पूरी कर दी है।"  

बिहार और बंगाल के लिए PM मोदी की बड़ी घोषणाएँ, पुल और मेट्रो परियोजनाएँ शामिल

औंटा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 22 अगस्त को बिहार और पश्चिम बंगाल का दौरा करेंगे. वह सुबह गया में लगभग 13,000 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे. इस दौरान प्रधानमंत्री दो नई ट्रेनों को हरी झंडी दिखाकर जनता को संबोधित करेंगे. इसके बाद, मोदी गंगा नदी पर बने औंटा–सिमरिया पुल परियोजना का उद्घाटन करेंगे. लगभग 1,870 करोड़ रुपये की लागत से बने इस 6 लेन पुल की लंबाई 1.86 किलोमीटर है, जबकि एप्रोच रोड सहित कुल लंबाई 8.15 किलोमीटर है. यह पुल मोकामा और बेगूसराय को जोड़ेगा और उत्तर व दक्षिण बिहार के बीच आवागमन को तेज़ और सुगम बनाएगा. कई जिलों के बीच दूरी 100 किलोमीटर तक घट जाएगी और सफर का समय लगभग डेढ़ घंटे तक कम होगा. 34 मीटर चौड़ा यह एशिया का सबसे चौड़ा पुल है, जिसे 18 मज़बूत पिलरों पर बनाया गया है. गेमचेंजर साबित होगा पुल पुल के दोनों छोर पर आधुनिक रोटरी और हरियाली से युक्त पार्क विकसित किए गए हैं. निर्माण के दौरान Push Box Method, Gabbion Wall और PVD जैसी आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है, जिससे पुल की मजबूती और लोडिंग कैपेसिटी बढ़ाई जा सके. यह पुल न केवल बिहार बल्कि पूर्वोत्तर राज्यों के उद्योग और व्यापार के लिए भी गेमचेंजर साबित होगा. प्रधानमंत्री द्वारा 2015 में घोषित विशेष पैकेज के तहत यह पुल तैयार किया गया है. 2017 में मोदी ने इसकी आधारशिला रखी थी और अब इसका उद्घाटन होने जा रहा है. प्रधानमंत्री बिहार में बक्सर थर्मल पावर प्लांट (6,880 करोड़ रुपये), मुजफ्फरपुर कैंसर अस्पताल, मुंगेर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (520 करोड़ रुपये) और 1,260 करोड़ रुपये की शहरी परियोजनाओं का भी उद्घाटन करेंगे. इसके साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत हज़ारों लाभार्थियों को घर सौंपे जाएंगे. कोलकाता में करोड़ों की परियोनाओं का उद्घाटन शाम को प्रधानमंत्री कोलकाता पहुंचेंगे और लगभग 5,200 करोड़ रुपये की मेट्रो और अन्य विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे. वे खुद मेट्रो की सवारी भी करेंगे. नई मेट्रो सेवाएं कोलकाता में यात्रा समय घटाएंगी और मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी को मज़बूती देंगी. साथ ही, वे 1,200 करोड़ रुपये की लागत वाले 7.2 किमी लंबे कोना एक्सप्रेसवे की आधारशिला भी रखेंगे. यह हावड़ा और कोलकाता के बीच कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगा.

कांग्रेस के कई युवा नेता प्रतिभाशाली, पीएम मोदी ने एनडीए नेताओं पर भी किया कमेंट

नई दिल्ली  पीएम मोदी ने चाय मीटिंग में एनडीए नेताओं के सामने कांग्रेस के कई युवा नेताओं की तारीफ की और कहा कि विपक्ष खासकर कांग्रेस में कई युवा नेता काफी टैलेंटेड हैं, लेकिन ‘परिवार की असुरक्षा’ की वजह से उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया जाता। इंडिया टुडे के सूत्रों के अनुसार, पीएम मोदी ने यह भी कहा कि इस तरह के युवा नेताओं की मौजूदगी राहुल गांधी गांधी को असुरक्षित और घबराहट महसूस करवा रही होगी। इस बैठक में विपक्ष का कोई भी सांसद शामिल नहीं हुआ और सिर्फ एनडीए के ही सदस्य मौजूद थे। पीएम मोदी ने आज खत्म हुए संसद के मॉनसून सत्र को भी अच्छा बताया और कहा कि इसमें कई महत्वपूर्ण बिल पास हुए। खासतौर पर उन्होंने ऑनलाइन गेम्स बिल के पास होने की तारीफ की। उन्होंने कहा कि इसके पास होने से दूरगामी असर पड़ेगा और यह सीधे जनता को प्रभावित करेगा। रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि पीएम मोदी ने प्रमुख बिलों पर चर्चा से दूर रहने के लिए विपक्ष की आलोचना भी की। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष सिर्फ व्यवधान पैदा करने में ही लगा रहा। बता दें कि 20 अगस्त को संसद में प्रमोशन एंड रेग्युलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग बिल, 2025 पास हो गया, जिसमें ऑनलाइन मनी गेमिंग कंपनियों और उनके प्रमोटर्स के खिलाफ कड़े प्रावधान किए गए हैं। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बताया कि मॉनसून सत्र में 14 विधेयक पुर:स्थापित किए गए तथा कुल 12 विधेयक पारित किए गए। बिरला ने लोकसभा की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने से पहले गुरुवार को अपने वक्तव्य में कहा कि इस सत्र में 14 सरकारी विधेयक पुर:स्थापित किए गए तथा कुल 12 विधेयक पारित हुए। गत 28 और 29 जुलाई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर विशेष चर्चा हुई, जिसका समापन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उत्तर के साथ हुआ। 18 अगस्त को भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की उपलब्धियों पर विशेष चर्चा आरंभ की गई। उन्होंने कहा कि इस सत्र में कार्यसूची में 419 तारांकित प्रश्न शामिल किए गए थे, किंतु लगातार नियोजित व्यवधान के कारण केवल 55 प्रश्न ही मौखिक उत्तर हेतु लिए जा सके। उन्होंने कहा, ''हम सभी ने सत्र के प्रारंभ में तय किया था कि हम इस सत्र में 120 घंटे चर्चा और संवाद करेंगे। कार्य मंत्रणा समिति में भी इस पर सहमति थी लेकिन लगातार गतिरोध और नियोजित व्यवधान के कारण हम मुश्किल से 37 घंटे ही इस सत्र में काम कर पाए।''  

दुर्गापुर से ममता सरकार पर हमला: पीएम मोदी ने कोलकाता की घटना को बताया कानून व्यवस्था पर सवाल

दुर्गापुर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और ममता बनर्जी सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यह सावन का पवित्र महीना है, और ऐसे पावन समय में मुझे पश्चिम बंगाल के विकास पर्व का हिस्सा बनने का सौभाग्य मिला है। पीएम मोदी ने कहा कि भाजपा ने पश्चिम बंगाल के लिए बड़े सपने देखे हैं। भाजपा एक समृद्ध पश्चिम बंगाल बनाना चाहती है। भाजपा एक विकसित पश्चिम बंगाल का निर्माण करना चाहती है। हमें बंगाल को इस बुरे दौर से बाहर निकालना है, और आज यहां जिन परियोजनाओं की शुरुआत हुई है, वो इसी का प्रतीक हैं। बंगाल बदलाव चाहता है। उन्होंने कहा कि लोग यहां देशभर से रोजगार के लिए आते थे, लेकिन आज स्थिति पूरी तरह उलट गई। आज पश्चिम बंगाल का नौजवान पलायन के लिए मजबूर है। छोटे-छोटे काम के लिए भी उसे दूसरे राज्यों की तरफ जाना पड़ रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं आज आपको ये यकीन दिलाने आया हूं कि बंगाल की बदहाल स्थिति को बदला जा सकता है। भाजपा की सरकार आने के बाद सिर्फ कुछ ही वर्षों में बंगाल देश के शीर्ष औद्योगिक राज्यों में से एक बन सकता है। यह मेरा दृढ़ विश्वास है। उन्होंने कहा कि टीएमसी सरकार बंगाल के विकास के आगे दीवार बनकर खड़ी है। जिस दिन टीएमसी सरकार की ये दीवार गिरेगी, उसी दिन से बंगाल विकास की नई तेजी पकड़ लेगा। टीएमसी की सरकार जाएगी, तभी असली परिवर्तन आएगा। पीएम मोदी ने कहा कि भाजपा की ओर से मैं आपसे आग्रह करता हूं, एक बार भाजपा को अवसर दीजिए। एक ऐसी सरकार चुनिए जो कामदार हो, ईमानदार हो और दमदार हो। पीएम मोदी ने आगे कहा कि पिछले दशकों में इस क्षेत्र में निवेश और रोजगार के लिए स्थिति लगातार प्रतिकूल होती गई है। हिंसा की लगातार घटनाएं, पक्षपातपूर्ण पुलिस व्यवस्था और न्याय व्यवस्था में अविश्वास ने एक ऐसा माहौल बना दिया है, जहां कोई भी निवेश करने को लेकर आश्वस्त महसूस नहीं करता। राज्य सरकार की जीवन और व्यवसायों की सुरक्षा में असमर्थता संभावित निवेशकों की चिंताओं को और गहरा करती है। उन्होंने कहा कि प्राइमरी एजुकेशन हो या हायर एजुकेशन, हर स्तर पर शिक्षा को बर्बाद किया जा रहा है। टीएमसी की सरकार ने बंगाल की एजुकेशन व्यवस्था को अपराध और भ्रष्टाचार के हवाले कर दिया है। हजारों योग्य शिक्षक आज बेरोजगार हैं, इसकी सबसे बड़ी वजह है टीएमसी का भ्रष्टाचार। इससे हजारों परिवारों पर संकट आया है और लाखों बच्चों का भविष्य टीचर की कमी के कारण अंधेरे में है। टीएमसी ने बंगाल के वर्तमान और भविष्य दोनों को संकट में डाल दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि टीएमसी का 'गुंडा टैक्स' बंगाल में निवेश को रोक रहा है। राज्य के संसाधन माफिया के हाथों में चले गए हैं और सरकारी नीतियां जानबूझकर मंत्रियों को खुलेआम भ्रष्टाचार करने के लिए प्रेरित करने के लिए बनाई गई हैं। उन्होंने कहा कि 'मां, माटी, मानुष' की बात करने वाली पार्टी की सरकार में बेटियों के साथ जो अन्याय हो रहा है, वो पीड़ा भी देता है और आक्रोश से भी भर देता है। आज पश्चिम बंगाल में अस्पताल भी बेटियों के लिए सुरक्षित नहीं हैं। जब यहां एक डॉक्टर बेटी के साथ अत्याचार हुआ तो टीएमसी सरकार आरोपियों को बचाने में जुट गई। इस घटना से देश अभी उबरा भी नहीं था कि एक और कॉलेज में एक और बेटी के साथ भयंकर अत्याचार किया गया। इस घटना के आरोपियों का कनेक्शन भी टीएमसी से निकला है। हमें मिलकर बंगाल को इस निर्ममता से मुक्ति दिलानी है। बता दें कि हाल ही में कोलकाता के साउथ लॉ कॉलेज की एक छात्रा के साथ गैंगरेप का मामला सामने आया था। पीएम मोदी ने इसी घटना का जिक्र कर ममता सरकार को घेरा। पीएम मोदी ने कहा कि टीएमसी और लेफ्ट ने सालों तक दिल्ली में कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार चलाई। इस दौरान इनको बांग्ला भाषा की याद तक नहीं आई। ये भाजपा सरकार है, जिसने बांग्ला को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया।