नई दिल्ली अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर एकतरफा 50 फीसदी टैरिफ थोप दिया है. भारत ने इसे अनुचित करार दिया है. अमेरिका के इस कदम का अब भारत में विरोध हो रहा है. क्योंकि अमेरिका का सबसे बड़ा कारोबारी दुश्मन चीन है, जिसपर अमेरिका ने अधिकतम 34% टैरिफ लगाया है, जबकि भारत पर जबरन 50% टैरिफ लगा दिया गया है, जो कि सरासर गलत है. इस बीच अब स्वदेशी अपनाने पर जोर दिया जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी देशवासियों से अपील की है कि विदेशी ब्रांड के मुकाबले देसी प्रोडक्ट्स खरीदें, जिससे भारत पूर्ण रूप से आत्मनिर्भर बनेगा. अगर देश की 140 करोड़ जनता ने चाह लिया तो कुछ भी संभव है, केवल एक आदमी के स्वदेशी अपनाने से अमेरिका जैसी ताकत को कोई असर नहीं होगा. लेकिन अगर हर किसी ने आज से अमेरिकी प्रोडक्ट्स का बहिष्कार शुरू कर दिया, तो कुछ ही दिन में डोनाल्ड ट्रंप भी रास्ते पर आ जाएंगे. क्योंकि इससे भारत में मौजूद अमेरिका कंपनियों पर आर्थिक चोट पहुंचेगी और इसका नुकसान अमेरिका को उठाना पड़ेगा. लेकिन ये सब तब संभव होगा, जब हर भारतीय स्वदेशी अपनाएगा. हर भारतीय को करना होगा फैसला लेकिन अब सवाल उठता है कि भारतीय उपभोक्ता और उद्योग जगत कैसे अमेरिका का विरोध करें? क्योंकि केवल भावनात्मक प्रतिक्रिया देने के बजाय रणनीतिक कदम उठाना जरूरी है. दरअसल, आज की तारीख में सैकड़ों अमेरिकी कंपनियां भारत में मौजूद हैं. हर घर में अमेरिका प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल हो रहा है, रसोई से लेकर बर्गर-पिज्जा, चिप्स, मैगी, कपड़े, जूते, घड़ी और शराब की बड़ी से बड़ी कंपनियां भारतीय बाजार में मौजूद हैं. आप जब इन कंपनियों को इग्नोर करेंगे, तो आर्थिक चोट अमेरिका को पहुंचेगी. इसके लिए सबसे पहले हर भारतीय अमेरिकी ब्रांड्स के बजाय भारतीय प्रोडक्ट्स खरीदे. देश के डिस्ट्रिब्यूटर्स और रिटेलर्स अमेरिकी प्रोडक्ट्स की बिक्री कम करके दूसरी कंपनियों को प्राथमिकता दें. साथ ही अमेरिकी आयात पर निर्भरता को घटाना होगा, इसके लिए स्वदेशी और दूसरे देशों के सस्ते प्रोडक्ट्स को अपनाएं. भारत काउंटर टैरिफ के तौर पर अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर ज्यादा टैरिफ लगाने जैसे कदम उठा सकता है. अगर भारत ने लिया बदला… मौजूदा समय में देखें तो हर सेक्टर में अमेरिकी कंपनियों की मौजूदगी है, अगर भारत ने बदला लेना शुरू किया तो अमेरिका को तगड़ा झटका लगेगा. आज हम आपको 30 अमेरिकी कंपनियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनका भारत में बड़ा कारोबार है. अगर भारत ने इन कंपनियों को आर्थिक चोट पहुंचाई तो सीधा दर्द अमेरिकी इकोनॉमी को होगा. अमेरिका की 30 प्रमुख कंपनियों की लिस्ट (अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स इंडिया की रिपोर्ट)- 1. Amazon India: ये अमेरिकी कंपनी ई-कॉमर्स सेंगमेट में सबसे बड़ी प्लेयर है, यह कंपनी भारत में 97% पिनकोड तक पहुंचती है. यानी करीब-करीब हर घर तक अमेजन की पहुंच है, लेकिन इस कंपनी को जो मुनाफा होता है, वो अमेरिका तक पहुंचता है. अगर आपने इस कंपनी का विरोध किया तो सीधा असर अमेरिका को होगा. 2. Apple Inc: आज की तारीख में भारत iphone के लिए बड़ा बाजार है. लेकिन आईफोन को बनाने वाली कंपनी अमेरिकी है. यह कंपनी भारत में बड़े पैमाने पर आईफोन का प्रोडक्शन और बिक्री करती है. अगर इस कंपनी को भारत में दिक्कत हुई तो उसका असर अमेरिका तक दिखेगा. ये कंपनियां भारत में बड़ा कारोबार करके अमेरिकी इकोनॉमी में भी योगदान दे रही हैं. 3. Google (Alphabet Inc.): ये अमेरिकी कंपनी सर्च इंजन, विज्ञापन, एंड्रॉइड और क्लाउड सेवाएं देती हैं, हर कोई गूगल के बारे में जानता है और इसका उपयोग करता है. भारत में गूगल का बड़ा डेटा सेंटर है. कंपनी का भारत बड़ा कारोबार है, लेकिन ट्रंप को लगता है कि अमेरिकी कंपनियों को भारत में कारोबार करने से रोकी जाती हैं. 4. Microsoft: सॉफ्टवेयर, क्लाउड (Azure) और आईटी सर्विस में इस कंपनी का भारत में कारोबार फैला हुआ है. हर कंप्यूटर और लैपटॉप में Microsoft का साफ्टवेयर होता है. ये जो कंपनियां भारत में कमाई करती हैं, उसका कुछ हिस्सा अमेरिका भी ट्रांसफर होता है. यानी अगर भारत में इन कंपनियों के लिए मुश्किलें हुईं तो अमेरिका को भी आर्थिक तौर पर नुकसान होगा. 5. X and Meta: आप दिनभर जिस सोशल मीडिया फेसबुक और ट्विटर यानी X पर समय बिताते हैं, वो भी अमेरिकी कंपनियों के द्वारा ही संचालित की जाती हैं. Fast-Moving Consumer Goods (FMCG) सेगमेंट में अमेरिका की कई प्रमुख कंपनियां भारत में सक्रिय हैं, जो उपभोक्ता उत्पादों जैसे खाद्य, पेय, व्यक्तिगत देखभाल, और घरेलू उत्पादों में कारोबार करती हैं. बाजार पर प्रभाव की बात करें, तो देश में जंक फूड बाजार $30 बिलियन का है, जिसमें अमेरिकी कंपनियां जैसे PepsiCo, Coca-Cola, और McDonald’s प्रमुख खिलाड़ी हैं. 6. Coca-Cola India: कोका कोला भारत में पेय पदार्थों की अग्रणी कंपनी है, जो कार्बोनेटेड ड्रिंक्स (कोक, थम्स अप, स्प्राइट), जूस (माज़ा), और बोतलबंद पानी (किनले) जैसे प्रोडक्ट्स बेचती हैं. कंपनी 1960 के दशक से भारत में मौजूद है. 7. PepsiCo India: पेप्सी, 7अप, मिरिंडा, कुरकुरे, और लेज जैसे लोकप्रिय ब्रांड्स PepsiCo भी अमेरिकी कंपनी है. भारत में पेय और स्नैक्स के क्षेत्र में अग्रणी है, जो . कंपनी 1989 से भारत में सक्रिय है और ग्रामीण क्षेत्रों में जल संरक्षण जैसे सामाजिक पहलों में निवेश करती है. 8. Procter & Gamble Hygiene and Health Care Ltd (P&G India): व्हिस्पर (सैनिटरी पैड), टाइड (डिटर्जेंट) और विक्स जो आप इस्तेमाल करते हैं, वो अमेरिकी कंपनी P&G बनाती है, यह कंपनी 1964 से भारत में सक्रिय है. 9. Colgate-Palmolive (India) Ltd: कोलगेट घर-घर में मशहूर है, लेकिन कंपनी अमेरिकी है, कोलगेट के टूथपेस्ट और टूथब्रश खूब बिकती हैं और हर घर में आम है. 10. Johnson & Johnson Pvt. Ltd: Johnson & Johnson के प्रोडक्टस् भारत में साबून, पाउडर और सैंपू मौजूद हैं. जॉनसन बेबी प्रोडक्ट्स की खूब डिमांड है, इस कंपनी की साल 1886 से ही भारत में मौजूदगी है. 11. Nestlé India Limited: मैगी, नेस्कैफे, किटकैट, मिल्कमेड बनाने और बेचने वाली कंपनी Nestlé अमेरिकी है. मैगी नूडल्स और किटकैट चॉकलेट्स बेहद लोकप्रिय हैं. 1959 से भारत में सक्रिय, कंपनी ने हाल ही में बिना रिफाइंड शुगर वाले सेरेलैक जैसे नए उत्पाद भी लॉन्च किए हैं. 12. Kimberly-Clark Lever Pvt Ltd: आप जो बच्चों के लिए … Read more