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कांग्रेस में स्थिरता का संकेत, राहुल गांधी बोले- 6 महीने तक नहीं होंगे बदलाव

भोपाल  लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने मध्य प्रदेश के नवनिर्वाचित कांग्रेस जिलाध्यक्षों को किसी का रिमोट न बनने को कहा, साथ ही गुटबाजी और अपनी-अपनी चलाने वाले बड़े नेताओं को समन्वय की नसीहत भी दी है। संगठन सृजन अभियान के अंतर्गत शहर और ग्रामीण मिलाकर बने मध्य प्रदेश के कुल 71 जिलाध्यक्षों के प्रशिक्षण में रविवार को राहुल ने यह भी कहा कि छह महीने तक जिलाध्यक्षों के कामों का मूल्यांकन किया जाएगा, तब तक किसी को भी नहीं बदला जाएगा। उल्लेखनीय है कि जिलाध्यक्षों के चयन को लेकर कई जिलों में किए जा रहे विरोध के बीच राहुल गांधी का यह कहना महत्वपूर्ण है। उन्होंने पार्टी नेताओं और जिलाध्यक्षों से कहा कि गुटबाजी नहीं समन्वय से काम करें। जिलाध्यक्ष सत्ता परिवर्तन नहीं, व्यवस्था परिवर्तन में जुटें। वे देखें कि लोगों को उनके संवैधानिक अधिकार मिल पा रहे हैं या नहीं। किसी वर्ग का हक तो नहीं मारा जा रहा है। उन्होंने जिलाध्यक्षों से कहा, किसी का रिमोट मत बनना। आपको संगठन ने बैठाया है, किसी नेता ने नहीं। नई दिल्ली में हुए इस एक दिनी प्रशिक्षण कार्यक्रम को उन्होंने एक घंटे संबोधित किया। प्रशिक्षण 10 घंटे चला। प्रशिक्षण शिविर में पार्टी की सोशल मीडिया विभाग की प्रमुख सुप्रिया सीनेत ने स्थानीय मु्द्दों को पोस्ट करने के लिए कहा। पहले तीन नेता टिकट बांट देते थे, अब ऐसा नहीं होगा राहुल गांधी ने कहा कि पहले दो-तीन बड़े नेता विधानसभा और लोकसभा के टिकट बांट देते थे। अब ऐसा नहीं होगा। टिकट में जिलाध्यक्षों की अनुशंसा महत्वपूर्ण रहेगी। उनके पास किसी की अनुशंसा के पीछे तर्क और तथ्य रहेंगे। जिलाध्यक्ष कांग्रेस की नींव बनेंगे। उनके नीचे जो संगठन बूथ स्तर तक बनेगा में उसमें युवा, महिला और सभी वर्गों को स्थान दिया जाएगा। हमें विचारधारा के आधार पर सत्ता में आना है। जिलाध्यक्ष का चेहरा अनुशासन वाला हो : खरगे कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा जिला अध्यक्ष व उनके नीचे की टीम अनुशासित रहे। कई बार बड़े नेताओं को कठोर और नीतिगत निर्णय लेने पड़ते हैं, जो हमे अच्छे नहीं लगते पर पार्टी के लिए आवश्यक होते हैं। गुटबाजी से दूर रहे हैं। जिलाध्यक्षों का चयन संगठन सृजन के अंतर्गत पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के आधार पर हुआ है। एआईसीसी मुख्यालय के बाहर इंदौर ग्रामीण अध्यक्ष वानखेड़े के विरोध में प्रदर्शन राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे जब दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय में जिला अध्यक्षों को अनुशासन का पाठ पढ़ा रहे थे तो बाहर अनुशासन टूट रहा था। 100 से अधिक कार्यकर्ता इंदौर ग्रामीण के अध्यक्ष विपिन वानखेड़े को हटाने के लिए प्रदर्शन कर रहे थे। उनका कहना था कि बाहरी नेता को यह जिम्मेदारी गई है।

राहुल गांधी की सुरक्षा को और सख्त करने की मांग, कांग्रेस नेता ने केंद्रीय गृह मंत्री को लिखा पत्र

नई दिल्ली  उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की समुचित सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है। उन्होंने इस पत्र को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर भी साझा किया है। राय ने गुरुवार को लिखे गये पत्र में कहा है “जन प्रतिनिधियों को अपने राजनीतिक और सामाजिक दायित्वों के निर्वहन के लिए जनता और समर्थकों से निरंतर संवाद करना पड़ता है। हालांकि, किसी भी गणमान्य राजनेता का जीवन अत्यंत महत्वपूर्ण होता है और उनकी सुरक्षा के लिए सर्वोत्तम व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिये।'' उन्होंने आगे लिखा, ''लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी की व्यक्तिगत सुरक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है। राहुल गांधी कांग्रेस और भारतीय राजनीति के सबसे लोकप्रिय नेताओं में से एक हैं। वर्तमान में वह बिहार में जन अधिकार यात्रा का नेतृत्व कर रहे हैं, जिसमें उनके विचारों को सुनने और देखने के लिए लाखों लोग एकत्र हो रहे हैं। ऐसी परिस्थितियों में राहुल गांधी की उच्चतम स्तर की सुरक्षा सुनिश्चित करना अनिवार्य है।” उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि राहुल गांधी के परिजन अतीत में आतंकी हिंसा का शिकार हुए हैं, जिसमें सुरक्षा चूक एक प्रमुख कारक रही थी। राय ने आशा व्यक्त की कि गृह मंत्री राहुल गांधी की सुरक्षा के लिए उनकी इस चिंता को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए आवश्यक निर्देश जारी करेंगे।  

तीसरे दिन गया में तनाव, मंदिर में राहुल गांधी का इंतजार बेकार

गया  बिहार के गया में 'वोटर अधिकार यात्रा' के तीसरे दिन हंगामा हो गया. बताया जाता है कि यहां वजीरगंज के पुनावा हनुमान मंदिर पर लोग राहुल गांधी इंतजार करते रह गए, लेकिन वह नहीं पहुंचे. राहुल गांधी को पूजा अर्चना के बाद इसी मंदिर से यात्रा की शुरुआत करनी थी. लेकिन राहुल और तेजस्वी का काफिला सीधे आगे निकल गया. मंदिर में पूजा अर्चना नहीं करने से नाराज हुए स्थानीय लोग राहुल गांधी के मंदिर में पूजा नहीं करने से स्थानीय लोग नाराज हो गए. पूजा के लिए तैयार की गई थाली रखी रह गई. वहीं, राहुल गांधी का काफिला जब मंदिर के पास से गुजर गया और नहीं रुका तो स्थानीय युवा बीजेपी जिंदाबाद के नारे लगाने लगे. सिर्फ वोट के लिए आते हैं नेता राहुल गांधी द्वारा मंदिर में पूजा-अर्चना नहीं किए जाने से वजीरगंज के युवाओं में गुस्सा है. युवाओं ने आज तक से बातचीत में कहा कि  नेता यहां केवल वोट लेने के लिए आते हैं. हमारे लिए यह प्राचीन मंदिर बहुत महत्व रखता है.  आपको बता दें कि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की तरफ से वोटर अधिकार यात्रा की शुरुआत की गई है. यह यात्रा रविवार को सासाराम से शुरू हुई और फिर सोमवार को गया जी पहुंचने से पहले औरंगाबाद तक गई. SIR पर राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर बोला हमला यात्रा के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को मुख्य चुनाव आयुक्त और दोनों चुनाव आयुक्तों को चेतावनी दी कि जब गठबंधन सरकार बनेगी तो "वोट चोरी" पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. गांधी ने यह भी कहा कि पूरा देश चुनाव आयोग से हलफनामा मांगेगा और अगर समय मिला तो उनकी पार्टी हर विधानसभा और लोकसभा क्षेत्र में "वोट चोरी" का पर्दाफाश करेगी. राहुल गांधी यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि जिस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विशेष पैकेज की बात करते हैं, उसी तरह चुनाव आयोग भी बिहार के लिए एक "नया विशेष पैकेज" लेकर आया है. जिसका नाम SIR (विशेष गहन पुनरीक्षण) है, जो "वोट चोरी का एक नया रूप" है.

जहां से वोट चोरी का दावा, वहीं कांग्रेस की जीत पर केंद्रीय मंत्री ने उठाए सवाल

नई दिल्ली  राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर वोट चोरी का गंभीर आरोप लगाया है। इसको लेकर केंद्र सरकार उन पर हमलावर है। इसी कड़ी में केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने राहुल गांधी पर तंज किया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राहुल गांधी कहते हैं कि वोट चोरी हुए हैं। लेकिन विडंबना यह है कि राहुल गांधी ने जिन जगहों पर वोट बढ़ने की कही है कांग्रेस वहीं पर ज्यादा सीटें जीती है। उन्होंने आरोप लगाया कि लोकसभा में नेता विपक्ष चुनाव आयोग को लेकर गलत सूचना फैला रहे हैं और संवैधानिक संस्थाओं को निशाना बना रहे हैं। राहुल गांधी के दावों पर सवाल गौरतलब है कि एक दिन पहले ही राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि कर्नाटक के महादेवपुरा में बड़ी संख्या में वोटों में हेर-फेर हुई है। राहुल गांधी के मुताबिक यह सबकुछ भाजपा को जिताने के लिए किया गया। भूपेंद्र यादव ने राहुल गांधी के दावों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी का दावा है कि महाराष्ट्र में 1 करोड़ वोटर बढ़े। वहीं, चुनाव आयोग के मुताबिक केवल 40 लाख वोटर बढ़े। यह राहुल गांधी के दावे से 60 फीसदी कम है। ऐसी होती है नेता विपक्ष की भाषा? भूपेंद्र यादव ने आगे कुछ और बातों की तरफ इशारा किया। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में कांग्रेस अधिकतर उन्हीं सीटों पर जीती है, जहां पर वोट बढ़ने की बात कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पिछले कई दिनों से राहुल गांधी एटम बम छोड़ने की बात कर रहे हैं। वह चुनाव आयोग कर्मचारियों के खिलाफ अशालीन भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं। वह कह रहे हैं कि अगर हम सत्ता में आए तो चुनाव आयोग कर्मचारियों को सजा मिलेगी। क्या नेता विपक्ष सरकारी कर्मचारियों के लिए ऐसी भाषा इस्तेमाल कर सकते हैं? क्या था राहुल गांधी का आरोप गौरतलब है कि गुरुवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाए थे। राहुल गांधी ने 2024 के लोकसभा चुनाव के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि कर्नाटक के एक विधानसभा क्षेत्र में पांच तरह की हेराफेरी के जरिए एक लाख से अधिक वोट चुराए गए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ‘वोट चोरी’ हमारे लोकतंत्र पर एक ‘एटम बम’ की तरह है। गांधी ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उनकी पार्टी ने 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए बेंगलुरु मध्य लोकसभा सीट के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र के मतदाता आंकड़ों का विश्लेषण किया है।  

राहुल गांधी का चुनाव आयोग पर सीधा निशाना, 2024 में धांधली का लगाया आरोप, EC को बताया मरा हुआ

नई दिल्ली राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर एक बार फिर जोरदार जुबानी हमला बोला है. राजधानी दिल्ली में कांग्रेस पार्टी के 'एनुअल लीगल कॉन्क्लेव' को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि देश में चुनाव आयोग का अस्तित्व नहीं रह गया है. उन्होंने कहा कि मैं हाल के इलेक्शन सिस्टम के बारे में बोल रहा हूं. मुझे हमेशा से शक था कि इसमें कुछ गड़बड़ है, 2014 से ही. मुझे गुजरात विधानसभा चुनाव में भी शक था. किसी एक पार्टी की लैंड स्लाइड विक्ट्री का ट्रेंड शक पैदा करता है. लोकसभा में विपक्ष के नेता ने कहा, 'कांग्रेस पार्टी को राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात (लोकसभा चुनावों में) में एक भी सीट नहीं मिलती, ये मेरे लिए आश्चर्य की बात थी. जब भी हम बोलते थे तो लोग कहते थे, सबूत कहां है? फिर, महाराष्ट्र में कुछ हुआ. लोकसभा चुनाव में हम जीत गए और फिर चार महीने बाद, हम न सिर्फ हारे, बल्कि पूरी तरह से खत्म हो गए. तीन मजबूत पार्टियां अचानक गायब हो गईं.' देश में अब चुनाव आयोग है ही नहीं राहुल गांधी ने कहा, 'हमने चुनावी धांधलियों की गंभीरता से जांच शुरू की. हमें महाराष्ट्र में यह पता चला, लोकसभा और विधानसभा चुनावों के बीच एक करोड़ नए मतदाता सामने आते हैं. इनमें से ज्यादातर वोट भाजपा को जाते हैं… अब मैं बिना किसी संदेह के कहता हूं कि हमारे पास सबूत हैं. हमारे पास ऐसे सबूत हैं जो बताते हैं कि चुनाव आयोग है ही नहीं.' कांग्रेस नेता ने कहा कि चुनाव आयोग मतदाता सूची की डिजिटल प्रति उपलब्ध नहीं कराता. इन दस्तावेजों को स्कैन नहीं किया जा सकता. चुनाव आयोग ऐसी प्रतियां क्यों उपलब्ध कराएगा जिन्हें स्कैन नहीं किया जा सकता? उन्होंने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि एक लोकसभा क्षेत्र में हमने मतदाता सूची की जांच की और पाया कि 6.5 लाख मतदाताओं में से 1.5 लाख मतदाता फर्जी थे. लोकसभा चुनावों में हुई थी धांधली राहुल गांधी ने लोकसभा चुनावों में धांधली का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, 'हम इसे साबित करने जा रहे हैं, हमारे पास अब डेटा है. लोकसभा चुनाव में धांधली हो सकती है और धांधली हुई भी थी. भारत में चुनाव आयोग मर चुका है. इसे साबित करने के लिए हमारे पास दस्तावेज हैं. अगर उन्हें 15-20 सीटें कम मिलतीं, तो वह (पीएम मोदी) प्रधानमंत्री नहीं बनते.' रिटायर चुनाव अधिकरियों को भी नहीं छोड़ेंगे: राहुल एक दिन पहले संसद भवन परिसर में मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर वोट चोरी का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि मैं बड़ी गंभीरता के साथ कह रहा हूं कि चुनाव आयोग वोटों की चोरी कर रहा है और वह ऐसा बीजेपी के लिए कर रहा है. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग में बैठकर जो भी लोग ये काम कर रहे हैं, वे देश के खिलाफ काम कर रहें हैं. ऊपर से लेकर नीचे तक कोई भी हो हम उसको छोड़ेंगे नहीं. ये राजद्रोह है. उन्होंने चुनाव आयोग के अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा था, 'आप कहीं भी हो, रिटायर हो या कुछ भी हो, हम आपको ढूंढ निकालेंगे.' वोटर लिस्ट में फर्जीवाड़े का दावा राहुल गांधी ने एक लोकसभा सीट का उदाहरण देते हुए कहा, "हमने एक सीट की वोटर लिस्ट की जांच की। उसमें 6.5 लाख वोटर थे, जिनमें से 1.5 लाख फर्जी निकले।" उनका दावा है कि यह कोई अपवाद नहीं, बल्कि सुनियोजित योजना के तहत किया गया फर्जीवाड़ा है। कांग्रेस नेता ने पार्टी के विधि विभाग द्वारा विज्ञान भवन में आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान यह टिप्पणी की। "अगर 15-20 सीटें कम होतीं, मोदी प्रधानमंत्री नहीं बन पाते" राहुल गांधी ने आगे कहा कि बीजेपी की बहुमत सरकार इसी गड़बड़ी के कारण बनी है। उन्होंने कहा, "अगर बीजेपी को 15-20 सीटें कम मिलतीं, तो नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री नहीं बनते।" राहुल गांधी ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर भी गंभीर सवाल उठाते हुए कहा, "भारत में चुनाव आयोग अब मर चुका है।" उन्होंने आरोप लगाया कि अब यह संस्था स्वतंत्र रूप से काम नहीं कर रही। "शक 2014 से था, अब सबूत मिल गए" राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें 2014 से ही चुनाव प्रणाली पर शक था, और गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान यह शक और गहराया। उन्होंने कहा, “राजस्थान, मध्यप्रदेश और गुजरात जैसे राज्यों में कांग्रेस को एक भी सीट न मिलना, हैरान करने वाला था। जब भी हम बोले, लोग कहते थे सबूत कहां हैं?” महाराष्ट्र बना टर्निंग पॉइंट राहुल गांधी ने दावा किया कि महाराष्ट्र में उन्हें पहली बार ठोस सुराग मिले। उन्होंने कहा, "लोकसभा में हमने जीत हासिल की, लेकिन चार महीने बाद विधानसभा में हमारी बुरी हार हुई। जब हमने जांच की तो पाया कि लोकसभा और विधानसभा के बीच 1 करोड़ नए वोटर जुड़ गए, जिनमें से अधिकतर वोट बीजेपी को गए। अब मेरे पास कोई शक नहीं कि ये चुनाव गड़बड़ी से प्रभावित था।" राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी अब इन तथ्यों और दस्तावेजों के आधार पर पूरे देश के सामने यह सच्चाई उजागर करेगी। उन्होंने कहा कि वे इसे कानूनी और राजनीतिक दोनों स्तरों पर उठाएंगे। हम ऐसी धमकियों पर ध्यान नहीं देते: चुनाव आयोग चुनाव आयोग ने शुक्रवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के मतदाता सूची में फर्जीवाड़ा और चुनावों में धांधली के विस्फोटक आरोपों का तीखा खंडन करते हुए उनके दावों को निराधार और गैरजिम्मेदाराना बताया था. आयोग ने कहा कि जब हम राहुल गांधी को अपनी आपत्ति दर्ज कराने के लिए बुलाते हैं तो वह नहीं आते और अब हमारे कर्मचारियों को धमकाने लगे हैं. कांग्रेस नेता के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए चुनाव आयोग ने कहा, 'हम हर दिन लगाए जा रहे ऐसे निराधार आरोपों को नजरअंदाज करते हैं और हर दिन दी जा रही धमकियों के बावजूद, निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से काम कर रहे हैं. हमने अपने सभी चुनाव अधिकारियों से ऐसे गैरजिम्मेदाराना बयानों पर ध्यान नहीं देने के लिए कहा है.'

OBC मुद्दे पर राहुल गांधी का आत्मस्वीकृति बयान: गलती मानी, सुधार का वादा किया

नई दिल्ली लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा है कि वह ओबीसी हितों की उतनी रक्षा नहीं कर पाए, जितनी उन्हें करनी चाहिए थी। राजधानी दिल्ली में आयोजित 'भागीदारी न्याय महासम्मेलन' में संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा, जातिगत जनगणना ना करवा पाना मेरी गलती है। मैं अब इसे सुधारना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासित सभी राज्यों में जातिगत जनगणना करवाई जाएगी। राहुल गांधी ने कहा, मेरा उद्देश्य देश की उत्पादक शक्ति को सम्मान दिलाना है। ओबीसी, दलित, आदिवासी देश की उत्पादक शक्ति हैं, लेकिन उन्हें अपने श्रम का फल नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि आरएसएस और बीजेपी ने जानबूझकर ओबीसी का इतिहास मिटाने की कोशिश की है। इससे पहले तेलंगाना में भी प्रदेश नेतृत्व की बैठक में राहुल गांधी ने कहा था कि दलितों, आदिवासियों और मिलाओं के मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी ट्रैक पर थी लेकिन बीते 10-15 सालों में ओबीसी वर्ग को लेकर हमारी प्रतिक्रिया वैसी नहीं रही , जैसी रहनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि हमने जिस जगह को खाली छोड़ दिया, बीजेपी ने वहीं कब्जा कर लिया। राहुल गांधी ने कहा, मैं जब पीछे देखता हूं तो मुझे लगता है कि एक चीज में कमी रह गई। वह गलती थी जो ओबीसी वर्ग था उसका जिस प्रकार से प्रोटेक्शन करना था, वह मैं नहीं कर पाया। उन्होंने कहा कि आप आदिवासियों के इलाके में जाते हैं तो जंगल, जल, जमीन सब सामने दिखाई देता है। लेकिन ओबीसी की दिक्कतें छिपी हुई हैं। मेरा पछतावा यही है कि अगर मुझे आपके इतिहास के बारे में थोड़ा सा भी ज्यादा मालूम होता तो मैं तभी इसका समाधान करता। मैं स्टेज से कह रहा हूं कि ये मेरी गलती है। यह कांग्रेस पार्टी की नहीं बल्कि मेरी गलती है। मैं इसे ठीक करने जा रहा हूं। अच्छा यह है कि अगर उस समय मैंने जातीय जनगणना करवा दी होती तो अब जैसी जनगणना करवानी है, वैसी नहीं हो पाती। मैंने एक गलती की, ओबीसी को नहीं समझ सका: राहुल गांधी लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने स्वीकार किया कि ओबीसी समुदाय की समस्याओं को वो समय रहते नहीं समझ पाए, और ये उनकी सबसे बड़ी राजनीतिक भूलों में से एक रही. उन्होंने कहा, 'अगर मैंने ओबीसी की पीड़ा UPA शासन के दौरान समझ ली होती, तो उसी वक्त जातीय जनगणना करा दी होती.  उन्होंने कहा कि उन्हें दलितों, आदिवासियों और महिलाओं के मुद्दों को समझने में समय लगा, लेकिन ओबीसी की स्थिति को उन्होंने देर से पहचाना. मैंने MGNREGA, खाद्य सुरक्षा कानून, वन अधिकार कानून जैसे मुद्दों पर ठीक काम किया, लेकिन ओबीसी को लेकर मैं चूक गया. अब OBC की लड़ाई मेरी प्राथमिकता राहुल गांधी ने साफ कहा कि अब वे इस मोर्चे पर पीछे नहीं हटेंगे, और जातीय जनगणना से लेकर आरक्षण विस्तार तक, वो OBC के अधिकारों की लड़ाई को निर्णायक मोड़ तक ले जाएंगे. उन्होंने कहा, 'PGV (प्रियंका गांधी वाड्रा) से पूछिए, अगर राहुल गांधी कुछ ठान ले, तो क्या वो पीछे हटते हैं?' तेलंगाना की जातीय गणना सुनामी जैसी राहुल गांधी ने कांग्रेस शासित तेलंगाना सरकार की जातीय जनगणना को 'तूफान' बताया और कहा कि उसके आंकड़े चौंकाने वाले हैं. तेलंगाना के कॉर्पोरेट दफ्तरों में कितने ओबीसी, दलित, आदिवासी हैं – यह एक मिनट में सामने आ जाता है. नरेंद्र मोदी कोई बड़ी समस्या नहीं हैं प्रधानमंत्री पर तीखा हमला करते हुए राहुल गांधी ने कहा, 'नरेंद्र मोदी कोई बड़ी समस्या नहीं हैं. वो तो बस अपने प्रचार का एक शो हैं. उनके पास असली ताकत नहीं है." वो हमारे सिर पर चढ़ गए हैं, असल समस्या RSS है.' RSS OBC का सबसे बड़ा दुश्मन राहुल गांधी ने OBC समुदाय से सीधे कहा कि उनका असली विरोधी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) है. 50% आरक्षण की सीमा टूटेगी उन्होंने दावा किया कि जातीय जनगणना के बाद आरक्षण की 50 प्रतिशत सीमा खुद-ब-खुद टूट जाएगी. उन्होंने उदाहरण दिया कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने पहले ही यह दीवार तोड़ दी है. आइए जानते हैं कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस महासम्मेलन में क्या-क्या कहा? सभा को संबोधित करते हुए कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा, 'यह भागीदारी न्याय सम्मेलन न केवल एक राजनीतिक सभा है, बल्कि यह भारत की पिछड़ी और वंचित जातियों की एक सामूहिक पुकार है. डॉ. अंबेडकर ने कहा था — "न्याय ही राष्ट्र की आत्मा है." आज यह वंचित लोग समाज में हो रही असमानता के खिलाफ आवाज उठाने के लिए पुकार रही है'. उन्होंने कहा कि हमें यह स्वीकार करना होगा कि भारत का सामाजिक ढांचा न्याय पर नहीं, बल्कि बहिष्करण पर आधारित था.  जिन्होंने यह देश बनाया — हमारे उत्पादक वर्ग, जिनमें अधिकांश पिछड़े वर्गों से हैं — उन्हें शिक्षा, भूमि और नेतृत्व से वंचित रखा गया. उनकी मेहनत का सम्मान नहीं, बल्कि सामाजिक जंजीरों में जकड़ दिया गया. यह कोई संयोग नहीं था, बल्कि एक सुनियोजित व्यवस्था थी. बीजेपी-आरएसएस की विचारधारा इस व्यवस्था को खत्म नहीं करना चाहती, बल्कि उसे महिमामंडित करती है.  राहुल गांधी ने कहा कि तेलंगाना में जो जातीय जनगणना हुई उसका असर आपको अब दिखाई देगा। जैसे सुनामी जब आई थी तब 1 हजार किलोमीटर लंबा क्रैक जमीन में आ गया था। किसी ने नहीं देखा लेकिन दो तीन घंटे बाद उसका असर दिखाई दिया। वहीं तेलंगाना में भी हुआ है। राहुल गांधी ने कहा कि तेलंगाना में जो जातीय जनगणना हुई उसका असर आपको अब दिखाई देगा। जैसे सुनामी जब आई थी तब 1 हजार किलोमीटर लंबा क्रैक जमीन में आ गया था। किसी ने नहीं देखा लेकिन दो तीन घंटे बाद उसका असर दिखाई दिया। वहीं तेलंगाना में भी हुआ है। पीएम मोदी पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री जी कहते हैं डेटा, डेटा, डेटा, 3जी, 4जी, 5 जी। 50 साल पहले जिसके पास तेल था उसी के पास ताकत थी। लेकिन आज का तेल डेटा है। डेटा कंपनियों के पास होता है। आप रिलायंस या ऐमजॉन के पास जाएंगेतो वे आपको डेटा दिखा देंगे। अस्पताल में जाएंगे तो डेटा दिखा देंगे। लेकिन जो डेटा तेलंगाना सरकार के पास है उसकी देश में कोई तुलना नहीं है। हम आपको एक मिनट में बता सकते हैं कि तेलंगाना के सारे … Read more

राहुल गांधी के एक साल के कार्यकाल पर सियासी घमासान, BJP नेताओं ने बताया ‘नाकाम नेता’

नई दिल्ली  नेता प्रतिपक्ष के रूप में राहुल गांधी की नियुक्ति को पिछले महीने एक साल पूरे हो गए। कांग्रेस द्वारा बुधवार को इस संबंध में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर किए गए एक पोस्ट के बाद भाजपा नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया में उन्हें इस भूमिका के लिए 'अयोग्य' बताया है। पिछले एक वर्ष में भारतीय राजनीति में कई महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिले हैं, और इस दौरान राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस और विपक्ष की भूमिका पर भाजपा नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। गुजरात के भाजपा प्रवक्ता रोहन गुप्ता ने कहा, "पिछले एक साल में देश का राजनीतिक परिदृश्य काफी बदल गया है। जब लोकसभा चुनाव से पहले 'इंडी' गठबंधन की बैठक हुई थी, तो यह धारणा बनाई गई थी कि भाजपा हार गई है या एनडीए पिछड़ रहा है। लेकिन पिछले एक साल के चुनाव नतीजों ने लोगों के फैसले को स्पष्ट कर दिया है।" उन्होंने कहा, "देश की जनता ने दिखा दिया है कि दोनों पक्षों की राजनीति और विचारधाराओं के बीच क्या फर्क है। उनके सारे नेताओं को लगता है कि तुष्टिकरण की राजनीति से ही डूबती नैया को बचा सकते हैं। इसलिए उनके नेता तुष्टिकरण करने लगे हैं।" पश्चिम बंगाल के भाजपा नेता निशिथ प्रामाणिक ने कहा, "राहुल गांधी ने विपक्ष के नेता के रूप में एक वर्ष पूरा कर लिया है। मुझे लगता है कि जब तक वह यह समझना शुरू करेंगे कि संसद कैसे काम करती है, तब तक उनका पांच साल का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा।" भाजपा सांसद जगन्नाथ सरकार ने कहा, "राहुल गांधी नेता प्रतिपक्ष की भूमिका नहीं निभा सकते, वह गड़बड़ी कर सकते हैं। वह संसद में ठीक ढंग से नहीं बैठ पा रहे हैं।" साल 2024 के आम चुनाव में कांग्रेस 99 सीटों के साथ सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी बनी है। भाजपा की 240 और एनडीए की 293 सीटों के मुकाबले 'इंडिया' ब्लॉक 232 सीटें जीतने में कामयाब रही थी। इससे पहले 2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने सिर्फ 52 सीटें जीती थीं। साल 2014 के चुनाव में पार्टी सिर्फ 44 सीटों पर जीत हासिल कर सकी थी।