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बड़ी खबर: छत्तीसगढ़ में 32 लाख राशन कार्ड निरस्त, ये काम करने पर ही राशन मिलेगा

रायपुर छत्तीसगढ़ में अब 32 लाख राशन कार्ड धारकों को राशन नहीं मिलेगा. राज्य सरकार ने इन हितग्राहियों का राशन कार्ड निरस्त कर दिया है. खाद्य विभाग के सचिव रीना बाबा साहेब कंगाले ने कहा, पिछले एक सालों से ये लोग राशन लेने नहीं आ रहे हैं न ही इन लोगों ने केवाईसी हुई है. KYC होने पर फिर से राशन दिया जाएगा. उन्होंने कहा, प्रदेश में लगभग 95 लाख राशन कार्डधारी परिवार हैं. 2 करोड़ 73 लाख राशन हितग्राही हैं, जिसमें से 32 लाख लोगों का राशन कार्ड सस्पेंड किया गया है. नवंबर से नहीं मिलेगा राशन छत्तीसगढ़ में लंबे समय से राशन कार्ड धारकों को E-KYC कराने के लिए कहा जा रहा है. खाद्य विभाग ने फर्जी हितग्राहियों को हटाने के लिए E-KYC कराना अनिवार्य कर दिया है. इसके बावजूद अब तक प्रदेश के 32 लाख हितग्राहियों ने E-KYC नहीं कराया है. ऐसे में माना जा रहा है कि इनमें से ज्यादातर राशन कार्ड फर्जी हो सकते हैं. ऐसे फर्जी हितग्राहियों पर नकेल कसने के लिए 31 अक्टूबर से पहले जो लोग E-KYC नहीं कराएंगे उन्हें नवंबर से मुफ्त राशन का लाभ नहीं मिलेगा. बेहद आसान है E-KYC की प्रक्रिया बता दें कि E-KYC कराना कोई मुश्किल प्रक्रिया नहीं है. अगर एक राशन कार्ड में चार सदस्य हैं और उन्हें अपने कार्ड का E-KYC कराना है तो सभी सदस्यों को अपना आधार कार्ड लेकर अपने क्षेत्र की राशन दुकान में जाना होगा. वहां आधार कार्ड की प्रारंभिक जांच के साथ उनके बायोमेट्रिक की जांच की जाएगी. जैसे ही बायोमेट्रिक के दौरान मिलान हो जाएगा, वैसे ही E-KYC की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी. जनता से राशन छीना जा रहा, ये पूरी तरह षड्यंत्र : कांग्रेस छत्तीसगढ़ में 32 लाख राशन कार्ड निरस्त किए जाने के मामले में कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा, नवंबर से करीब 32 लाख परिवारों को राशन नहीं मिलेगा. सरकार का कहना है कि इन परिवारों ने केवाईसी नहीं करवाई है. यह जिम्मेदारी सरकार, खाद्य विभाग या राशन दुकान संचालक किसकी है? सरकार बदलने के बाद खाद्य मंत्री और मुख्यमंत्री ने अपने फोटो राशन कार्ड में लगवाए थे. उस वक्त सभी से आधार कार्ड मांगा गया था, यानी केवाईसी पहले ही हो चुकी थी. अब दोबारा केवाईसी के नाम पर जनता से राशन छीना जा रहा है, जो पूरी तरह षड्यंत्र है.

दुर्ग में राशन कार्ड पर बड़ी कार्रवाई: संदिग्ध 53 हजार से ज्यादा नाम होंगे निरस्त

दुर्ग प्रदेश में फर्जी और अपात्र राशन कार्ड धारकों पर खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने बड़ी कार्यवाही शुरू कर दी है। विभाग ने 46 लाख से अधिक संदिग्ध राशन कार्डों का सत्यापन अभियान चलाया है, जिसमें चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। कई कार्डधारक ऐसे मिले जिनकी मृत्यु हो चुकी है, तो कई प्रदेश छोड़कर बाहर जा चुके हैं। ऐसे मामलों में अब तक 53,234 सदस्यों के नाम राशन कार्ड से निरस्त किए जाने की तैयारी है। इनमें अकेले रायपुर जिले के 9,233 सदस्य शामिल हैं। पहले चरण में 1.93 लाख सदस्य हटाए जा चुके इससे पहले भी विभाग ने राज्यभर में 1 लाख 93 हजार 67 सदस्यों के नाम राशन कार्ड से हटाए थे। इनमें रायपुर जिले के 19,574 सदस्य शामिल थे। भौतिक सत्यापन में यह पाया गया कि इनमें अधिकांश सदस्य मृत हो चुके या अन्य राज्यों में बस चुके हैं। दरअसल, केंद्र सरकार ने सभी राशन कार्डधारकों को ई-केवाईसी कराने के निर्देश दिए थे। समय पर ई-केवाईसी न कराने वाले 46 लाख से अधिक लोगों को संदिग्ध सूची में डाल दिया गया था। इसके बावजूद कई संदिग्ध कार्डधारकों के नाम पर हर महीने खाद्यान्न उठाव जारी था। अब आय, टैक्स और जमीन के आधार पर होगी छंटनी विभाग अब अगला कदम उठाने की तैयारी में है। जिन परिवारों की वार्षिक आय 6 लाख रुपए से अधिक है, जो आयकर (इनकम टैक्स) जमा करते हैं, या जिनके पास 5 एकड़ से अधिक कृषि भूमि है, उनके नाम राशन कार्ड से हटाने की कार्यवाही शुरू की जाएगी। खाद्य नियंत्रक भूपेंद्र मिश्रा ने बताया कि रायपुर जिले में पहले ही 19 हजार से अधिक सदस्यों के नाम निरस्त किए जा चुके हैं। शेष 9 हजार से अधिक सदस्यों के नाम हटाए जाने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। इसके बाद नियमानुसार अन्य अपात्रों की छंटनी जारी रहेगी। इतने-इतने नाम होंगे निरस्त (जिला अनुसार सूची) जिला    निरस्त होने वाले सदस्य रायपुर    9,233 बस्तर    4,879 बीजापुर    7 दंतेवाड़ा    2 कांकेर    1,923 कोंडागांव    735 नारायणपुर    180 सुकमा    58 बिलासपुर    3,000 गौरेला-पेंड्रा-मारवाही    1,005 जांजगीर    281 कोरबा    33 मुंगेली    114 रायगढ़    49 बालोद    879 बेमेतरा    1,248 दुर्ग    6,319 कवर्धा    1,773 राजनांदगांव    247 बलौदाबाजार    2,248 धमतरी    346 गरियाबंद    862 महासमुंद    2,722 बलरामपुर    3,044 जशपुर    6,007 कोरिया    2 सरगुजा    7,178 खैरागढ़    18 मोहला-मानपुर    995 सारंगढ़-बिलाईगढ़    717 मनेंद्रगढ़-चिरमिरी    1,240 अपात्रों पर विभाग की सख्ती जारी विभाग का कहना है कि सरकार का लक्ष्य वास्तविक गरीब और पात्र परिवारों तक सस्ते राशन की सुविधा पहुंचाना है। ऐसे में जिन लोगों के नाम अपात्र श्रेणी में पाए जा रहे हैं, उनके कार्ड निरस्त कर खाद्यान्न वितरण प्रणाली को पारदर्शी बनाया जा रहा है।  

सरकार की नई गाइडलाइन: राशन कार्ड धारक जल्द निपटाएं यह प्रक्रिया, नहीं तो होगी दिक्कत

बरनाला  पंजाब सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के अंतर्गत जरूरतमंद परिवारों को राशन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से चल रही ई-के.वाई.सी. प्रक्रिया में जिला बरनाला ने सराहनीय प्रगति दर्ज की है। डिप्टी कमिश्नर बरनाला टी. बैनिथ ने जानकारी दी कि जिले में अब तक 89.30 प्रतिशत लाभार्थियों की ई-के.वाई.सी. सफलतापूर्वक पूरी की जा चुकी है। डी.सी. ने बताया कि जिले में कुल 71,427 परिवारों के 2,74,095 लाभार्थी राशन योजना के अंतर्गत शामिल हैं। इनमें से अब तक 2,44,773 सदस्यों की ई-के.वाई.सी. पूरी हो चुकी है, जबकि शेष 29,322 लाभार्थियों की ई-के.वाई.सी. की प्रक्रिया जारी है। डिप्टी कमिश्नर ने आगे कहा कि ई-के.वाई.सी. के साथ-साथ लाभार्थियों का सर्वे भी किया जा रहा है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि वास्तविक और पात्र लोगों को ही सरकारी योजना का लाभ मिल सके। उन्होंने स्पष्ट किया कि शहरी क्षेत्रों में खाद्य आपूर्ति नियंत्रक कार्यालय के अधिकारी और ग्रामीण क्षेत्रों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ई-के.वाई.सी. और सर्वे कार्य में सक्रिय रूप से जुटे हुए हैं। डी.सी. टी. बैनिथ ने लोगों से अपील की कि वे प्रशासन का सहयोग करते हुए शीघ्र अपनी ई-के.वाई.सी. पूरी करवाएं। उन्होंने कहा कि सरकार की यह योजना गरीब और वंचित वर्ग तक आसानी से राशन पहुंचाने के लिए बनाई गई है, इसलिए इसमें देरी करने से लाभार्थी खुद ही नुकसान उठा सकते हैं। इस दौरान जिला खाद्य आपूर्ति नियंत्रक रूपप्रीत संधू ने जानकारी दी कि जो लाभार्थी अब तक ई-के.वाई.सी. नहीं करवा पाए हैं, वे 30 सितम्बर 2025 तक इसे अनिवार्य रूप से पूरा कर लें। उन्होंने बताया कि लाभार्थी अपने क्षेत्र की आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता या सीधे जिला खाद्य आपूर्ति नियंत्रक कार्यालय से सम्पर्क कर ई-के.वाई.सी. करवा सकते हैं। संधू ने यह भी कहा कि यह कार्य बहुत सरल है और इसके लिए लाभार्थी को आधार कार्ड, राशन कार्ड और आवश्यक पहचान दस्तावेज उपलब्ध करवाने होते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि जो परिवार समय पर यह प्रक्रिया पूरी नहीं करेंगे, उनके राशन वितरण में बाधा आ सकती है।

क्या आपका भी कटेगा राशन कार्ड से नाम? केंद्र ने भेजी 1.17 करोड़ लोगों की सूची, अब तक 19.17 करोड़ कार्ड जारी

भोपाल  केंद्र सरकार ने पहली बार उन राशन कार्डधारकों की पहचान की है जो मुफ्त खाद्यान्न योजना का लाभ पाने के पात्र नहीं हैं। इन लाभार्थियों में आयकर दाता, चार-पहिया वाहन मालिक और कंपनियों के निदेशक शामिल हैं। खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने राशन कार्डधारकों के विवरण को आयकर विभाग, सड़क परिवहन मंत्रालय और कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय जैसी सरकारी एजेंसियों के डाटाबेस से मिलान कर यह सूची तैयार की है। जांच में पाया गया कि 94.71 लाख राशन कार्डधारक करदाता हैं, 17.51 लाख चार-पहिया वाहन मालिक हैं और 5.31 लाख कंपनी निदेशक हैं। कुल मिलाकर लगभग 1.17 करोड़ कार्डधारक अपात्र की श्रेणी में आते हैं। अब केंद्र ने राज्यों से कहा है कि वे जमीनी स्तर पर सत्यापन कर 30 सितंबर तक इन अपात्र कार्डधारकों को सूची से बाहर करें। आपको बता दें कि इसकी लिस्ट स्थानीय स्तर पर प्रखंड मुख्यालयों को मुहैया करा दिए गए हैं। पीडीएस का लाभ उठाने वाले लोग वहां से लिस्ट लेकर अपनी स्थिति चेक कर सकते हैं। खाद्य विभाग के एक अधिकारी ने  बताया, “केंद्र ने राज्यों की मदद के लिए यह डेटा साझा किया है ताकि अपात्र लाभार्थियों को हटाकर प्रतीक्षा सूची में शामिल वास्तविक जरूरतमंदों को लाभ पहुंचाया जा सके। राशन कार्डों की समीक्षा और अपात्र/डुप्लीकेट कार्ड हटाने तथा योग्य लाभार्थियों को शामिल करने की जिम्मेदारी राज्यों की है।” आपको बता दें कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत अब तक 19.17 करोड़ राशन कार्ड जारी किए जा चुके हैं। कुल 76.10 करोड़ लाभार्थी देशभर में इस योजना के तहत आते हैं। नियमों के अनुसार, सरकारी कर्मचारी, सालाना 1 लाख रुपये या उससे अधिक आय वाले परिवार, चार-पहिया वाहन मालिक और करदाता मुफ्त राशन के लिए पात्र नहीं हैं। 8 जुलाई 2025 को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भेजे पत्र में खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने कहा कि यह कवायद सही लोगों तक राशन पहुंचाने के लिए की जा रही है। उन्होंने लिखा कि मंत्रालय ने CBDT, CBIC, MCA, MoRTH और PM-किसान जैसी कई एजेंसियों के डाटाबेस से जानकारी मिलाकर अपात्र लाभार्थियों की पहचान की है। चोपड़ा ने कहा, “डेटाबेस की शुद्धता से वास्तविक वंचित परिवारों को लाभ मिलेगा और सार्वजनिक वितरण प्रणाली की पारदर्शिता सुनिश्चित होगी। यह कार्य 30 सितंबर 2025 तक पूरा कर लिया जाए।” जुलाई में केंद्र ने राज्यसभा को बताया था कि 2021-23 के बीच 1.34 करोड़ “फर्जी/अपात्र” राशन कार्ड रद्द किए जा चुके हैं। वर्तमान में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के तहत राशन कार्ड धारकों को अनाज पूरी तरह मुफ्त कर दिया है।

राशन कार्ड बनवाना हुआ आसान, UMANG ऐप से घर बैठे करें अप्लाई

नई दिल्ली.  भारत सरकार द्वारा लॉन्च किया गया एक मल्टी-सर्विस मोबाइल ऐप है, जहां एक ही प्लेटफॉर्म पर आप कई सरकारी सेवाओं का लाभ ले सकते हैं – जैसे EPFO, जन्म प्रमाण पत्र, और अब राशन कार्ड का आवेदन भी। एंड्रॉयड यूजर इसे Google Play Store और iPhone यूजर Apple App Store से आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं। राशन कार्ड क्यों है जरूरी? राशन कार्ड (Ration Card) न सिर्फ पहचान पत्र का काम करता है, बल्कि यह कई सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए जरूरी दस्तावेज है। इसके जरिए आपका परिवार सरकारी राशन प्रणाली से अनाज प्राप्त कर सकता है, और आपकी पारिवारिक जानकारी सरकार के रिकॉर्ड में दर्ज हो जाती है। मोबाइल से ऐसे करें राशन कार्ड के लिए ऑनलाइन आवेदन UMANG ऐप डाउनलोड करें – अपने मोबाइल में ऐप (Ration Card) स्टोर पर जाकर “UMANG” सर्च करें और ऐप इंस्टॉल करें।     मोबाइल नंबर से रजिस्ट्रेशन करें – ऐप खोलने के बाद मोबाइल नंबर डालकर OTP वेरिफाई करें।     होम पेज से “Services” पर जाएं – सबसे नीचे बाईं ओर मौजूद इस विकल्प को चुनें।     “Utility Services” सेक्शन में जाएं – स्क्रॉल करें और राशन कार्ड से जुड़े विकल्पों को ढूंढें।     “Apply Ration Card” पर क्लिक करें – अब अपना राज्य चुनें।     व्यक्तिगत जानकारी भरें – जैसे नाम, जन्मतिथि, पिता का नाम, पता आदि।     दस्तावेज अपलोड करें – आधार कार्ड, एड्रेस प्रूफ आदि अपलोड करें।     सबमिट पर क्लिक करें – सारी जानकारी भरने और डॉक्युमेंट अपलोड करने के बाद फॉर्म सबमिट करें। ध्यान रखें – अभी सिर्फ कुछ राज्यों के लिए उपलब्ध फिलहाल यह सेवा (Ration Card) चुनिंदा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में ही उपलब्ध है। इनमें चंडीगढ़, लद्दाख, सक्कर, दादरा और नगर हवेली शामिल हैं। हालाँकि, सरकार जल्द ही अन्य राज्यों में भी यह सुविधा शुरू करने वाली है।