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निकाय चुनाव से पहले शरद पवार ने मुंबई में की रणनीति बैठक, फैसले ने सबका ध्यान खींचा

मुंबई  ​आगामी स्थानीय निकाय चुनावों और स्नातक एवं शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों के चुनावों की पृष्ठभूमि में आज मुंबई में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) शरद पवार गुट की एक अहम बैठक हुई. बैठक में राकांपा शरद पवार गुट के अध्यक्ष शरद पवार भी शामिल हुए. यह बैठक छत्रपति संभाजीनगर और पुणे स्नातक एवं शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों के चुनावों की रणनीति पर मंथन हुआ. इसके साथ-साथ इस बैठक में शरद पवार ने यह साफ कर दिया है कि आने वाले चुनावों में पार्टी का पूरा फोकस ज्यादा से ज्यादा युवाओं को उम्मीदवार बनाने पर रहेगा. बैठक का मुख्य उद्देश्य स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं के साथ-साथ पदवीधर (Graduates) और शिक्षक मतदार संघों के चुनावों को ध्यान में रखते हुए संगठनात्मक मजबूती और आगामी रणनीति तय करना था. मीटिंग में पार्टी के पदवीधर और शिक्षक सेल के पदाधिकारियों से सुझाव लेकर चुनावी तैयारियों की समीक्षा की गई. 50 फीसदी से ज्यादा युवा लड़ेंगे चुनाव इस बीच, इस बैठक में एक बड़ा फैसला लिया गया है. आगामी स्थानीय निकाय चुनावों में, कुल सीटों में से 50 प्रतिशत सीटों पर उन युवाओं को चुनाव लड़ने का मौका दिया जाएगा जिनकी कोई राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं है. शरद पवार ने इस बैठक में अपने पदाधिकारियों को ज्यादा से ज्यादा युवाओं को कैसे मौका दिया जा सकता, इस गौर करने का निर्देश दिया. बैठक में यह भी बताया गया है कि आगामी स्थानीय निकाय चुनावों में गठबंधन कैसे बनाया जाए, इस पर चर्चा के लिए कल महाविकास अघाड़ी नेताओं की एक अहम बैठक होगी.​ अजित पवार गुट के विधायक के बयान पर भी दी प्रतिक्रिया शरद पवार ने इस बैठक में इस बात पर भी प्रतिक्रिया दी है कि एनसीपी अजित पवार गुट के विधायक संग्राम जगताप के विवादित बयान से माहौल गरमा गया है. उन्होंने कहा कि एक समय में एक विधायक हमारे साथ थे, लेकिन अब उनकी हर बात मीडिया में आ रही है, इसलिए हम सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ना नहीं चाहते, बनाए रखना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार में बैठे कुछ नेता इस समय विवादित बोल रहे हैं, लेकिन अपनी पार्टी के नेता से उन्होंने प्रेम की भाषा प्रयोग करने की हिदायत भी दी है. मीटिंग में शामिल रहे ये नेता इस बैठक में पार्टी की राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष और सांसद सुप्रिया सुले, प्रदेश अध्यक्ष और विधायक शशिकांत शिंदे, विधायक और विधानमंडल में पार्टी के नेता जयंत पाटिल, पूर्व मंत्री राजेश टोपे,बालासाहेब पाटिल, पुणे, सातारा, कोल्हापुर, सांगली, सोलापुर, छत्रपति संभाजी नगर, जालना, हिंगोली, परभणी, नांदेड़, बीड, धाराशिव और लातूर जिलों के सांसद और विधायक मौजूद थे.  

भाजपा विधायक के विवादित शब्दों पर शरद पवार का ऐक्शन, फडणवीस से मांगी सफाई

मुंबई भाजपा विधायक गोपीचंद पडलकर की ओर से एनसीपी-एसपी के नेता जयंत पाटिल पर विवादित बयान ने हलचल मचा दी है। पडलकर के बयान पर दिग्गज नेता शरद पवार तक ने आपत्ति जताई है। यही नहीं उन्होंने सीएम देवेंद्र फडणवीस को ही सीधे शुक्रवार सुबह फोन लगाया और कहा कि वह इस मामले को देखें। शरद पवार ने कहा कि आपके विधायक का बयान महाराष्ट्र की राजनीतिक संस्कृति के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि आज तक महाराष्ट्र में किसी ने इतने निचले स्तर तक जाकर टिप्पणी नहीं की है। दरअसल गोपीचंद पडलकर और जयंत पाटिल के बीच सालों से अदावत रही है। लेकिन गुरुवार को पडलकर ने ऐसा बयान दे दिया है, जिसकी हर कोई आलोचना कर रहा है। दरअसल सांगली जिले में स्थित अपनी विधानसभा में गोपीचंद ने जयंत पाटिल पर खुद को फंसाने की कोशिश का आरोप लगाया था। पडलकर ने कहा था कि एक ठेकेदार की हत्या के मामले में मुझे जयंत पाटिल ने फंसाने की कोशिश की। पडलकर ने कहा कि मुझे हैरानी होती है कि कैसे इतना मूर्ख आदमी महाराष्ट्र का नेता हो सकता है। कैसे उन्होंने एनसीपी का महाराष्ट्र में नेतृत्व किया होगा। पडलकर ने कहा कि जयंत पाटिल मूर्ख हैं। हर एक सप्ताह में जयंत पाटिल साबित करते हैं कि वे कितने मूर्ख हैं। उन्होंने कहा था कि मेरा और ठेकेदार का कोई संबंध नहीं था। लेकिन जयंत पटेल का काम सिर्फ़ गोपीचंद पडलकर को बदनाम करना है। लेकिन मैं अब यहां क्यों हूं ? मैं ऐसी बहुत सी चीज़ें लेकर आया हूँ। इन लोगों के राज में मैं दो महीने जेल में रहा हूं। इसके आगे पडलकर कहते हैं कि जयंत पाटिल आखिर किसके बेटे हैं। उन्होंने कहा कि वह राजारामबापू पाटिल के बेटे हैं, यह लगता नहीं। कुछ तो गड़बड़ है। इसके आगे वह कहते हैं कि ये गोपीचंद पडलकर जयंत पाटिल जैसे भिखारी का बेटा नहीं है। उनके इसी बयान पर हल्ला मचा तो शरद पवार ने सीधे सीएम फडणवीस को फोन लगा दिया है। उन्होंने कहा कि वह अपने विधायक को समझाएं और मामले को देखते हुए कोई ऐक्शन भी लें। दरअसल जयंत पाटिल के पिता राजाराम पाटिल का महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा नाम रहा है। इसके अलावा सूबे में सहकारिता से जुड़े कामों में भी उनके योगदान की सराहना की जाती रही है।